Wednesday, July 31, 2024

टिहरी-लेह से वायनाड तक... क्यों दरक रहे पहाड़? किन वजहों से होती हैं लैंडस्लाइड

क्लाइमेट चेंज (Climate Change) कोई भ्रम नहीं, बल्कि एक असलियत है... आए दिन एक के बाद एक सामने आ रही कई घटनाएं हमें इस बात का अहसास करा रही हैं कि हमारी हर गतिविधि को प्रकृति रिकॉर्ड कर रही है. उसका असर घूम फिर कर हमारे ही ऊपर असर डाल रहा है. क्लाइमेट चेंज यानी आबोहवा में हो रहा बदलाव पर्यावरण (Ecosystem) को लगातार गर्म कर रहा है. उसका असर गंभीर बेमौसमी बदलावों की शक्ल में सामने आ रहा है. उत्तराखंड के टिहरी और केरल के वायनाड (Wayanad Landslides)में जो हुआ, वो इसी का नतीजा है.  

केरल के वायनाड में तेज बारिश (Heavy Rainfall) की वजह से सोमवार देर रात 4 अलग-अलग जगहों पर लैंडस्लाइड की घटनाएं हुई. देर रात करीब 2 बजे से सुबह 6 बजे के बीच हुए लैंडस्लाइड में मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा में तबाही मची. इन गांवों में घर, पुल, सड़कें और गाड़ियां बह गईं. रिपोर्ट के मुताबिक, लैंडस्लाइड में अब तक 126 लोगों की मौत हो चुकी है. 800 लोग बचाए गए हैं. 100 से ज्यादा लोगों का इलाज चल रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, 98 लोग लापता बताए जा रहे हैं.

Landslides in Wayanad : भूस्खलन से 126 लोगों की मौत, सैंकड़ों फंसे, राहुल जाएंगे कल वायनाड

उत्तराखंड में लैंडस्लाइड में बह गए गांव
तीन दिन पहले उत्तराखंड में वायनाड जैसी ही स्थिति हुई थी. कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से टिहरी में लैंडस्लाइड हो गया. पहाड़ी में लैंडस्लाइड के बाद उसका मलबा तेजी से टिहरी के तोली गांव की तरफ आ गया. इससे कई घर बह गए. भिलंगना ब्लॉक में तो एक गांव पूरा बह गया. शनिवार दोपहर केदारनाथ रूट पर सोनप्रयाग के पास भी लैंडस्लाइड की डरावनी तस्वीर सामने आई. यहां पहाड़ी से अचानक मलबा गिरने लगे थे. लैंडस्लाइड में कोई जान माल का नुकसान नहीं हुआ है. हालांकि, केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को रोक दिया गया है. 

लेह के अंजनी महादेव नाले में अचानक आई बाढ़
हिमाचल प्रदेश में मनाली के पास अंजनी महादेव नाले में शनिवार सुबह बाढ़ आई. लैंडस्लाइड के कारण यहां हालत खराब है. मनाली-लेह रूट कई घंटों तक बंद रहा. यात्री इस दौरान फंसे रहे. लैंडस्लाइड की वजह से 10 से ज्यादा सड़कें बंद हैं. उन्हें खोलने की कोशिश जारी है.

कुदरत का कहर! खौफनाक PHOTOS में देखिए वायनाड में कैसे लैंडस्लाइड ने ली 93 जिंदगियां

कैसे हैं वायनाड के ताजा हालात?
लैंडस्लाइड की घटनाओं के बाद वायनाड में आर्मी, एयरफोर्स, SDRF और NDRF की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं. कन्नूर से आर्मी के 225 जवानों को वायनाड के लिए रवाना किया गया है. एयरफोर्स के 2 हेलिकॉप्टर भी मदद के लिए भेजे गए हैं. इसके साथ ही NDRF की कई टीमों को स्टैंड बाय पर रखा गया है. लैंडस्लाइड के बाद 3 हजार से ज्यादा लोग अपने घरों से बाहर हैं. उनके लिए 45 रिलीफ कैंप बनाए गए हैं. मलबे में लापता लोगों का पता लगाने के लिए खोजी कुत्तों का इस्तेमाल किया जा रहा है. 

मृतकों के परिजनों और घायलों के लिए मुआवजे का ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लैंडस्लाइड की घटनाओं पर दुख जाहिर करते हुए पीएम रिलीफ फंड से मृतकों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये बतौर मुआवजा देने का ऐलान किया है. प्रधानमंत्री ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से बात कर उन्हें पूरी मदद का भरोसा दिया है. 

क्या है पर्यावरण के इस भयानक रूप की वजह?
इंसानी गतिविधियों के कारण पहाड़ी इलाकों में लगातार लैंडस्लाइड की घटनाएं बढ़ रही हैं. कहीं सामान्य से बहुत ज़्यादा गर्मी पड़ रही है. कहीं बहुत ज़्यादा बारिश हो रही हैं. कुछ जगहों पर तो बेमौसमी तूफान कहर बरपा रहा है. बारिश का पैटर्न भी बदलने लगा है. बहुत कम इलाके में ही कुछ देर में बहुत ज़्यादा बारिश हो रही है, जिससे लैंडस्लाइड की घटनाएं सामने आती हैं.

भुरभुरी चट्टानें, भारी बारिश; वायनाड में क्यों आ गया मौत का सैलाब, साइंटिस्ट से समझिए

भारतीदासन यूनिवर्सिटी ने रिसर्च पेपर में किया था आगाह
कई वैज्ञानिकों के रिसर्च पेपर लगातार इसे लेकर आगाह करते रहे हैं. अक्टूबर 2020 में केरल में होने वाली लैंडस्लाइड्स पर भारतीदासन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एसएम रामास्वामी की अध्यक्षता में एक रिसर्च पेपर पब्लिश हुआ. इस रिसर्च पेपर में केरल में पश्चिमी घाट की भौगोलिक बनावट का विस्तार से अध्ययन किया गया.

Geomorphology and Landslide Proneness of Kerala, India A Geospatial study नाम के इस रिसर्च पेपर का निष्कर्ष था कि बाकी दुनिया की तरह केरल में भी लैंडस्लाइड की घटनाओं के बढ़ने के पीछे भारी बारिश और मानव जनित कारण हैं. 

रिसर्च पेपर में क्या कहा गया?
-दक्षिणी पश्चिमी मॉनसून के दौरान केरल की पहाड़ी ढलानें लैंडस्लाइड के लिहाज़ से काफी संवेदनशील हो जाती हैं.
-पहाड़ी ढलानों पर सदियों से लगातार रसायनिक और भौतिक क्रियाओं की वजह से चट्टानों में टूट-फूट हो रही है.
-भारी बारिश के दौरान ये एक लैंडस्लाइड की शक्ल में बदल सकती हैं.
- बारिश का पानी चट्टानों में मौजूद दरारों में घुसता है. तापमान में लगातार बदलाव चट्टानों को दरकाने लगता है.
-इसके ऊपर इन पहाड़ी ढलानों में इंसानी दबाव लगातार बढ़ रहा है. विकास और बसावट से जुड़ी गतिविधियां इन पहाड़ी ढलानों को लैंडस्लाइड के लिहाज़ से और संवेदनशील बना रही हैं.

गांव हुए 'गायब', बह गईं सड़कें... वायनाड में कैसे आया 'मौत का सैलाब', 84 की हुई मौत

केरल में क्यों बढ़ रही लैंडस्लाइड की घटनाएं?
केरल पश्चिमी घाट के दक्षिणी मुहाने पर है. लैंडस्लाइड के लिहाज से केरल ही नहीं पूरा पश्चिमी घाट काफी संवेदनशील है. केरल ही नहीं पूरा पश्चिमी घाट काफी ज़्यादा संवेदनशील रहा है. पश्चिमी घाट यानी वेस्टर्न घाट एक बड़ा इलाका है जो छह राज्यों के 44 जिलों और 142 तालुकों तक पसरा हुआ है. ये कई दुर्लभ वनस्पतियों और जीव-जंतुओं का निवास है. भारत में सबसे ज़्यादा जैव विविधता यानी बायो डायवर्सिटी भी वेस्टर्न घाट में ही पाई जाती है. 13 नेशनल पार्क और कई सेंक्चुअरी इसके तहत आती हैं. यूनेस्को ने इसे दुनिया के सबसे अहम जैव विविधता केंद्रों में से एक माना है और गोदावरी, कृष्णा और कावेरी जैसी बड़ी नदियां यहीं से निकलती हैं. दक्षिण भारत के छह राज्य यहां से निकलने वाली नदियों के पानी पर निर्भर हैं.
 

मार्च 2010 में पर्यावरण और वन मंत्रालय ने जाने माने इकोलोजिस्ट माधव गाडगिल की अध्यक्षता में गाडगिल कमीशन नाम से एक एक्सपर्ट कमेटी बनाई. इस पैनल ने अगस्त 2011 में पश्चिमी घाट की जैव विविधता को बचाए रखने की रणनीति बनाने से जुड़ी रिपोर्ट तैयार की. 

गाडगिल कमेटी की रिपोर्ट में क्या है?
गाडगिल कमेटी ने पूरे पश्चिमी घाट की पहाड़ियों को Ecologically Sensitive Area (ESA) बताया. इसके तहत इस इलाके के 142 तालुकों को तीन Ecologically Sensitive Zones यानी ESZ में बांटा गया. ESZ-1 में वो इलाके रखे गए, जहां हर तरह की विकास की गतिविधियों पर रोक की सिफारिश की गई. इसी के तहत कहा गया कि इस इलाके में पड़ने वाले केरल और कर्नाटक के दो बांधों को भी पर्यावरण से जुड़ी मंज़ूरी न दी जाए.

गाडगिल कमेटी ने ये भी कहा कि पर्यावरण से जुड़े मामलों में फैसले लेने के लिए स्थानीय संस्थाओं जैसे ग्राम सभाओं को ज़्यादा अधिकार दिए जाएं. जिन पर पर्यावरण से होने वाले नुकसान का सीधे असर पड़ता है. गाडगिल कमीशन ने ये भी कहा कि पर्यावरण से जुड़े मामलों में फैसले लेने के लिए पर्यावरण और वन मंत्रालय के तहत Western Ghats Ecology Authority (WGEA) बनाई जाए. 

गाडगिल कमेटी की हुई आलोचना
गाडगिल कमेटी की रिपोर्ट की इस आधार पर आलोचना की गई कि ये पर्यावरण और विकास के बीच पर्यावरण संरक्षण की ओर ज़्यादा झुकी हुई है. जम़ीनी वास्तविकताओं से दूर है. ये भी कहा गया कि उसकी सिफारिशों पर अमल करना व्यावहारिक नहीं होगा. 

ये कमेटी वेस्टर्न घाट में बांध और बड़े पैमाने पर सड़कें बनाने के खिलाफ थे. यही वजह है कि इस रिपोर्ट के खिलाफ वो सभी वर्ग खड़े हो गए, जो किसी न किसी तरह इसकी सिफारिशों से प्रभावित हो सकते थे. उन्होंने इसे विकास विरोधी, जन विरोधी, किसान विरोधी तक बता दिया. 

वायनाड के हादसे के बाद आप खुद सोच सकते हैं कि ये रिपोर्ट जनता के हित में थी या नहीं... खास बात ये है कि तब की सरकार ने इस कमेटी की रिपोर्ट को 8 महीने तक सार्वजनिक ही नहीं किया. यहां तक कि सूचना के अधिकार के तहत भी इसकी जानकारी नहीं दी गई. आखिर में दिल्ली हाइकोर्ट के आदेश के बाद मंत्रालय ने ये रिपोर्ट जारी की है. 

कमेटी ने पश्चिमी घाट के 37% इलाके को ESA बनाने का दिया सुझाव
अप्रैल 2013 में आई कस्तूरीरंगन कमेटी की रिपोर्ट ने पूरे पश्चिमी घाट के बजाय इसके 37% यानी करीब 60 हज़ार वर्ग किलोमीटर इलाके को ही Ecologically Sensitive Area (ESA) बनाने का सुझाव दिया. ऐसे इलाके में खनन, रेत और बजरी निकालने पर पूरी तरह पाबंदी का सुझाव दिया गया. जिन इलाकों में ये काम चल रहा है, उसे अगले 5 साल के भीतर बंद करने का सुझाव दिया गया.

महाराष्ट्र और गोवा में भारी बारिश का रेड अलर्ट, जानिए- देश के बाकी हिस्सों में कैसा रहेगा मौसम

इन इलाकों में नहीं बनाए जा सकते थर्मल पावर प्रोजेक्ट
ये भी कहा गया कि इन इलाकों में थर्मल पावर प्रोजेक्ट नहीं बनाए जा सकते. प्रदूषण करने वाले उद्योगों पर पूरी तरह पाबंदी की सिफारिश की गई. कस्तूरीरंगन कमेटी की रिपोर्ट ने 123 गांवों और प्लांटेशन इलाकों को ESA से बाहर रखने का भी सुझाव दिया. एक तरह से गाडगिल कमेटी की रिपोर्ट की सख्ती को कस्तूरीरंगन कमेटी ने कुछ हद तक हल्का किया. इस वजह से इस रिपोर्ट की आलोचना भी हुई कि उसमें पर्यावरण से जुड़ी चिंताओं को विकास की ज़रूरतों के आगे अनदेखा करने की कोशिश की गई.

महाराष्ट्र के पुणे जिले में 10 साल पहले हुई थी लैंडस्लाइड
ये संयोग ही है कि 10 साल पहले ठीक आज के ही दिन महाराष्ट्र के पुणे जिले में पश्चिमी घाट की पहाड़ियों पर भारी बारिश के बीच एक भीषण लैंडस्लाइड हुआ था. इसमें पूरा गांव ही मिट्टी के नीचे दब गया था. मलिन नाम के उस गांव में 151 लोगों की उस हादसे में मौत हुई थी, कई लोग घायल हो गए थे. गांव के बाकी लोगों की रोज़ी-रोटी भी छिन गई थी. 10 साल बाद भी लोग उस हादसे से उबर नहीं पाए हैं. जिस तरह से अतिवृष्टि की घटनाएं बढ़ रही हैं उससे इस तरह के पहाड़ी इलाके ज़्यादा संवेदनशील हो गए हैं. 

ऐसी लैंडस्लाइड की घटनाओं के पीछे कई कारण हो सकते हैं. जैसे पहाड़ की तीखी ढलानें और चट्टानों का प्रकार... इसके अलावा उस ज़मीन का इस्तेमाल किस तरह से हो रहा है ये भी लैंडस्लाइड की आशंकाओं को तय करता है.
पहाड़ी ढलानों को काटना, पेड़ों की अंधाधुंध कटाई भी इस तरह की लैंडस्लाइड की घटनाओं को बढ़ावा देती है. 

UP के 19 जिलों में बारिश का अलर्ट, बिहार-गुजरात और महाराष्ट्र में भी जमकर बरसेंगे बादल, जानिए 5 दिनों का मौसम



from NDTV India - Latest https://ift.tt/vpu6nd9

Tuesday, July 30, 2024

Bad Newz Box Office Collection Day 9: घिसट घिसटकर 9 दिन में बस इतने करोड़ कमा पाई विक्की कौशल की फिल्म, सच में बनी बैड न्यूज

Bad Newz box office collection day 9: फिल्म डोमेस्टिक बॉक्स ऑफिस पर अच्छा परफॉर्म कर रही है लेकिन इसे इतना अच्छा भी नहीं कहा जा सकता. Sacnilk.com के मुताबिक फिल्म जल्द ही ₹50 करोड़ क्लब में शामिल हो जाएगी. आनंद तिवारी के डायरेक्शन यह फिल्म 19 जुलाई को रिलीज हुई थी. पहले हफ्ते में फिल्म ने ₹42.85 करोड़ कमाए. 8वें दिन इसने ₹2.15 करोड़ का कलेक्शन किया. 9वें दिन (दूसरे शनिवार) को फिल्म ने शुरुआती अनुमान के मुताबिक भारत में ₹3.25 करोड़ की कमाई की. अब तक फिल्म ने ₹48.25 करोड़ कमाए हैं. शनिवार को बैड न्यूज ने हिंदी में कुल 29.90% ऑक्यूपेंसी हासिल की.

Bad News बनी बैड न्यूज !

फिल्म में विक्की कौशल, तृप्ति डिमरी और एमी विर्क लीड रोल में हैं. फिल्म की कहानी तृप्ति डिमरी के किरदार सलोनी बग्गा के इर्द-गिर्द घूमती है जिसे हेटेरोपैटरनल सुपरफेकंडेशन की रेयर कंडिशन हो चुकी है. यह एक ऐसी प्रोसेस है जिसमें एक ही मां से जुड़वा बच्चे पैदा होते हैं लेकिन उनके बायोलॉजिकल पिता अलग-अलग होते हैं.

विक्की और एमी विर्क के किरदार अखिल चड्ढा और गुरबीर सिंह एक-दूसरे से यह साबित करने की होड़ में हैं कि बच्चों के लिए सबसे अच्छा पिता कौन है और सलोनी का दिल जीतने का हकदार कौन है. बैड न्यूज ने पहले ही वर्ल्ड वाइड बॉक्स ऑफिस पर ₹70 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है. इसने दुनिया भर में ₹78.30 करोड़ से ज्यादा की कमाई की है. अमृतपाल सिंह बिंद्रा, अपूर्व मेहता और करण जौहर की प्रोड्यूस की गई इस फिल्म में नेहा धूपिया भी लीड रोल में हैं. फिल्म में अनन्या पांडे और नेहा शर्मा ने कैमियो किया है.



from NDTV India - Latest https://ift.tt/nW6Cz8K

Monday, July 29, 2024

तमिलनाडु के दो और राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या के बाद डीएमके और विपक्ष आमने-सामने

तमिलनाडु (Tamil Nadu) के दो राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या 24 घंटे से भी कम समय में कर दी गई है. उनमें से एक हत्या पड़ोसी पुडुचेरी में हुई. शिवगंगा जिले के बीजेपी कार्यकर्ता सेल्वाकुमार की कल रात में हत्या कर दी गई. पुडुचेरी के कुड्डालोर जिले में एआईएडीएमके (AIADMK) के वार्ड सचिव पद्मनाभन की हत्या कर दी गई. 

सेल्वाकुमार पार्टी के जिला सहकारी विंग के अध्यक्ष थे और एक हत्या के मामले में आरोपी थे. जांचकर्ताओं ने कहा है कि हत्या की वजह व्यक्तिगत दुश्मनी है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया, "सेल्वाकुमार ईंट भट्टे के कारोबार से जुड़ा था... हमने संदिग्ध की पहचान कर ली है. हत्या का कारण निजी दुश्मनी प्रतीत होती है."

पद्मनाभन जब मोटरसाइकिल से लौट रहे थे तब उनको पहले एक कार ने टक्कर मारी और फिर उनकी हत्या कर दी गई. पुडुचेरी से जांचकर्ता कुड्डालोर पहुंच गए हैं. पुलिस सूत्रों को संदेह है कि यह बदला लेने के लिए की गई हत्या है.

तमिलनाडु में इस महीने में किसी राजनीतिक पदाधिकारी की यह तीसरी हत्या है. कुछ सप्ताह पहले मायावती की बहुजन समाज पार्टी के राज्य प्रमुख आर्मस्ट्रांग की छह सदस्यीय गिरोह ने हत्या कर दी थी. जांचकर्ताओं ने इसे बदले की भावना से की गई हत्या बताया है.

आर्मस्ट्रांग पर पिछले साल एक कथित उपद्रवी आर्कोट सुरेश की हत्या की साजिश रचने का संदेह था. एक सप्ताह बाद, मदुरै में एनटीके के एक पदाधिकारी की हत्या कर दी गई. पुलिस ने इसे परिवार के भीतर भूमि विवाद का नतीजा बताया था. 

कन्याकुमारी में आज सुबह एक कांग्रेस पार्षद का पति जैक्सन, जो कि एक ड्राइवर था, की हत्या कर दी गई. पुलिस छह सदस्यों वाले गिरोह की तलाश कर रही है.

यह हत्याएं सत्तारूढ़ डीएमके के लिए बड़ी शर्मिंदगी का विषय है. सरकार ने हाल ही में चेन्नई पुलिस प्रमुख और गृह सचिव का तबादला किया है. नए पुलिस प्रमुख ए अरुण हैं और धीरज कुमार नए गृह सचिव हैं. लेकिन आर्मस्ट्रांग हत्या मामले के एक आरोपी की इस बदलाव के बाद गोली मारकर हत्या कर दी गई. 

विपक्षी एआईएडीएमके सत्तारूढ़ डीएमके पर निशाना साध रही है. एआईएडीएमके के प्रवक्ता कोवई सत्यन ने कहा कि यह हत्याएं राज्य में अराजकता और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की अक्षमता स्पष्ट दिखा रही है."

राज्य के बीजेपी प्रमुख के अन्नामलाई ने एक्स पर पोस्ट में लिखा, "एमके स्टालिन को यह सोचना चाहिए कि क्या उन्हें मुख्यमंत्री बने रहने का नैतिक अधिकार है." 

सत्तारूढ़ डीएमके का कहना है कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति भाजपा शासित राज्यों से कहीं बेहतर है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों का हवाला देते हुए उसने विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगाया है. 

डीएमके के प्रवक्ता डॉ हफीजुल्लाह ने कहा, "दुनिया भर में अपराध-मुक्त स्थिति एक सपने की तरह है. महत्वपूर्ण यह है कि सरकार किस तरह से प्रतिक्रिया करती है और रोकथाम करती है. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन इनसे दृढ़ता और पेशेवर तरीके से निपट रहे हैं."

उन्होंने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ता कई आपराधिक मामलों में शामिल हैं, जिनमें हत्या और ड्रग्स के मामले भी शामिल हैं. अन्नामलाई को आत्मचिंतन करना चाहिए कि उन्हें राज्य बीजेपी अध्यक्ष के पद पर बने रहना चाहिए या नहीं."

यहां तक ​​कि बीजेपी की तमिलिसाई सुंदरराजन ने भी कहा है कि पार्टी ने बिना किसी जांच के अपराधियों को शामिल कर लिया, जबकि उनके पार्टी प्रमुख रहते हुए ऐसा नहीं हुआ.



from NDTV India - Latest https://ift.tt/b3ZsTDI

गर्लफ्रेंड के साथ घूम रहे शख्स को पत्नी ने पकड़ा, बीच चौराहे पर कर दी पिटाई; हालत गंभीर

उत्तर प्रदेश के सीतापुर में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. पत्नी की पिटाई से पति की हालत गंभीर हो गयी है. घायल अवस्था में पति को लखनऊ रेफर किया गया है. जानकारी के अनुसार एक शख्स की पत्नी ने उसे गर्लफ्रेंड के साथ चौराहे पर पकड़ लिया. इससे पत्नी नाराज हो गयी और उसने पति की जमकर पिटाई कर दी. पिटाई से पति गंभीर रूप से घायल हो गया. 

मारपीट देखकर गर्लफ्रेंड मौके से फरार हो गयी. स्थानीय लोगों ने गंभीर रूप से घायल पति को अस्पताल पहुंचाया जहां उसे बेहतर इलाज के लिए लखनऊ रेफर कर दिया गया. घटना को लेकर महिला ने कहा कि उसके पति ने उसे धोखा दिया है अगर वो मर भी जाएगा तो वो उसका मुंह नहीं देखेगी. पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है. पुलिस महिला की तलाश कर रह है.  जानकारी के अनुसार यह घटना कोतवाली थाना क्षेत्र का है. 

ये भी पढ़ें-:

पति ने छीन लिया मोबाइल, तो पत्नी ने लिया ऐसा बदला, सुनकर खड़े हो जाएंगे रोंगटे, खूब की पिटाई फिर दिया इलेक्ट्रिक शॉक



from NDTV India - Latest https://ift.tt/rGuBZN1

Sunday, July 28, 2024

'केजरीवाल को जेल में नहीं दिया जा रहा इंसुलिन', 30 जुलाई को INDIA गठबंधन का प्रदर्शन, AAP नेताओं ने बनाई रणनीति

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अवैध गिरफ्तारी और मोदी सरकार द्वारा जेल में उनके स्वास्थ्य के साथ किए जा रहे खिलवाड़ को लेकर 30 जुलाई को जंतर-मंतर पर इंडिया गठबंधन विशाल विरोध प्रदर्शन का आयोजन करने जा रहा है. इस विरोध-प्रदर्शन की तैयारियों को लेकर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री और राज्यसभा सांसद डॉ. संदीप पाठक और वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने शनिवार को पार्टी मुख्यालय में प्रदेश उपाध्यक्ष दिलीप पांडे, जरनैल सिंह, गुलाब सिंह, जितेंद्र सिंह तोमर, राजेश गुप्ता और कुलदीप कुमार के साथ अहम बैठक की. इसके अलावा संगठन प्रदेश के संगठन मंत्रियों, जिला अध्यक्षों, जिला सचिवों, और पार्टी की सभी विंगों के अध्यक्षों के साथ भी बैठक की गई.

केजरीवाल के स्वास्थ्य के साथ हो रहा है खिलवाड़

राज्यसभा सांसद डॉ. संदीप पाठक ने कहा कि आज हमने पार्टी मुख्यालय में एक के बाद एक कई अहम बैठक कीं. इन बैठकों में हमने 30 जुलाई को जंतर मंतर पर होने वाले इंडिया गठबंधन के विरोध प्रदर्शन की तैयारी और उसकी रणनीति को लेकर प्रदेश के उपाध्यक्षों और अन्य संगठन पदाधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की. भाजपा सरकार ने पहले तो षड्यंत्र करके दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जेल के अंदर बंद कर दिया. इसके बाद अब अरविंद केजरीवाल के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. 

उन्होंने बताया कि अरविंद केजरीवाल लंबे समय से शुगर के मरीज हैं और उनको रोजाना इंसुलिन दी जाती है. आप नेता ने दावा किया कि जेल में केजरीवाल के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. उन्हें समय पर इंसुलिन नहीं दी जा रही है.

डॉ. संदीप पाठक ने कहा कि विशेष अदालत और सुप्रीम कोर्ट के द्वारा जमानत मिलने के बाद भी भाजपा ने अरविंद केजरीवाल को जेल के अंदर बंद कर रखा है. उनके खिलाफ गहरी साजिश रची जा रही है. उनको जेल में रखने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. जेल में बंद अरविंद केजरीवाल का शुगर लेवल लगातार कम होता जा रहा है जोकि उनकी जान के लिए बेहद खतरनाक है. 

बैठक के बाद प्रदेश उपाध्यक्ष और विधायक दिलीप पांडे ने कहा कि आज हमने कई अहम बैठकें की. हमारे राष्ट्रीय संगठन महामंत्री डॉ. संदीप पाठक और हमारे वरिष्ठ नेता संजय सिंह बैठक में शामिल हुए. 30 जुलाई को हम एक विशाल विरोध प्रदर्शन करने जा रहे हैं. सबको पता है कि 36 बार से ज्यादा अरविंद केजरीवाल का शुगर लेवल 50 से नीचे गया है. जिन लोगों के परिवार में कोई शुगर का मरीज है वह अच्छे तरीके से इस पीड़ा को समझ सकते हैं. शुगर लेवल का तेजी से गिरना किसी भी मरीज के लिए बेहद गंभीर समस्या होता है. 



from NDTV India - Latest https://ift.tt/RNnL5hz

Saturday, July 27, 2024

बेंगलुरु हॉस्टल कांड : चीखती रही युवती, चाकू से वार करता रहा शख्स, मौत का खौफनाक मंजर CCTV में कैद

कोरमंगला स्थित एक 'पेइंग गेस्ट' में दो दिन पहले गला रेतकर जिस महिला की हत्या की गई थी उससे जुड़ा एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है जिसमें एक व्यक्ति को उस पर चाकू से हमला करते हुए देखा जा सकता है. पुलिस के मुताबिक महिला की हत्या 23 जुलाई की रात को की गई थी. हमलावर ने कमरे में घुसकर 24 वर्षीय कृति कुमारी को मार डाला था.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया, 'कृति कुमारी बिहार की रहने वाली थी और वह शहर में एक निजी कंपनी में काम करती थी.' हत्यारे को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है. एक सीसीटीवी फुजेट सोशल मीडिया पर वायरल है और इसे कोरमंगला घटना का बताया जा रहा है.

पुलिस द्वारा जारी परेशान करने वाले सीसीटीवी फुटेज में व्यक्ति को कुमारी का दरवाजा खटखटाते हुए दिखाया गया है. हालांकि दरवाज़ा दिखाई नहीं दे रहा था, फिर भी वह अंदर चला गया, वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे शख्स युवती को कमरे से बाहर निकाल कर लगातार चाकू से वार कर रहा है.

सीसीटीवी में कैद मामला

वीडियो में देखा जा सकता है कि एक व्यक्ति पॉलीथीन बैग पकड़े हुए 'पेइंग गेस्ट' में घुसता है. वह दरवाजा खटखटाता है तथा कुछ देर बाद महिला को घसीटकर बाहर निकालता दिखाई देता है. पीड़िता हमले का विरोध करती है, लेकिन हत्यारा उसे पकड़कर गला रेत देता है और वहां से भाग जाता है. शोर-शराबा सुनकर इमारत में मौजूद अन्य महिलाएं मौके पर पहुंचीं लेकिन वे उसे बचा नहीं पातीं.

लड़की की गला रेतकर हत्या

कृति किसी प्राइवेट कंपनी में जॉब करती थी. वह कोरमंगला में वीआर लेआउट गेस्ट हाउस में रहती थी. मंगलवार रात को 11.10 से 11.30 बजे के बीच एक संदिग्ध चाकू लेकर उसके पीजी में घुस गया. उसने तीसरी मंजिल पर एक कमरे के पास कृति पर हमला कर दिया. जिससे लड़की की मौके पर ही मौत हो गई. 



from NDTV India - Latest https://ift.tt/8Yc5rUe

Friday, July 26, 2024

कंधे और पैर में गोली खाने के बाद भी दुश्मन के 4 बंकर किए तबाह, भाई ने बताई कैप्टन मनोज पांडेय की दिलेरी

करगिल जंग के 25 साल हो चुके हैं. हर साल ये दिन विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) के रूप में मनाया जाता है. 1999 के करगिल युद्ध में भारतीय वीर सपूतों ने पाकिस्‍तानी घुसपैठियों को खदेड़कर बाहर निकाल दिया था. इन बहादूर सपूतों में कैप्टन मनोज कुमार पांडेय भी थे. उन्होंने दिलेरी के साथ कई हमले कर दुश्‍मन के एक के बाद एक चार ठिकानों को नेस्तनाबूद किया था. नजीता रहा कि हम करगिल पर विजय का पताका लहरा पाए. 

करगिल युद्ध के 25 साल पूरे होने पर NDTV खास सीरीज 'वतन के रखवाले' चला रहा है. आज की सीरीज में हमने टाइगर हिल के लेमोचिन पॉइंट पर करगिल युद्ध में शहीद हुए कैप्टन मनोज पांडेय (Captain Manoj Pandey)के परिवार से खास बातचीत की है.

गोली लगने के बावजूद दुश्मन के बंकर में घुसे थे कैप्टन मनोज 
कैप्टन मनोज कुमार पांडेय उत्तर प्रदेश के सीतापुर से थे. करगिल युद्ध के दौरान वो 11 गोरखा राइफल की पहली बटालियन (1/11 जीआर) में कैप्टन थे. 11 जून 1999 को उन्होंने बटालिक सेक्टर से दुश्मन सैनिकों को खदेड़ दिया. उनके नेतृत्व में सैनिकों ने जुबार टॉप पर कब्जा किया. कंधे और पैर पर गोली लगने के बावजूद वो दुश्मन के बंकर में घुसे. हैंड-टू-हैंड कॉम्बैट में उन्होंने दो दुश्मनों को मार गिराया. कैप्‍टन मनोज कुमार पांडेय ने साहसपूर्वक कई हमले कर दुश्‍मन के चार ठिकानों पर बम की तरह बरसे. वो पूरी दिलेरी से अगले 22 दिन तक दुश्मनों के छक्के छुड़ाते रहे. चौथे बंकर पर कब्जा करने तक कैप्टन मनोज पांडेय बुरी तरह जख्मी हो चुके थे. 3 जुलाई 1999 को वो 24 साल की उम्र में शहीद हो गए. उन्हें सरकार ने परमवीर चक्र से सम्मानित किया.

MIG-27 में लगी आग तो पार कर गए बॉर्डर,  8 दिन झेला दुश्मनों का टॉर्चर... ग्रुप कैप्टन नचिकेता ने बताई कैसे पाकिस्तान ने टेके घुटने

भाई के लोकेशन को लेकर बहुत फिक्र रहती थी- मनमोहन पांडेय
शहीद कैप्टन मनोज पांडेय के छोटे भाई और उनकी पत्नी से  NDTV ने बात की.  मनमोहन पांडेय अपने भाई शहीद कैप्टन मनोज पांडेय से 6 साल छोटे हैं. जंग के समय वो 18 साल के थे. मनमोहन पांडेय बताते हैं, "जब करगिल में मेरे भाई जंग लड़ रहे थे, उस समय परिवार में काफी उलझन रहती थी. बहुत फिक्र रहती थी कि भाई कहां पर होंगे, कैसे होंगे. उस समय जब हम टीवी पर जंग की खबरें देखते थे, उस समय हमें ये नहीं पता चल पा रहा था कि कौन कहां पर है. हमें यूनिट के जरिए पता चलता था कि 1/11 जीआर बटालिक में है या खालुबार की तरफ मूव कर रहे हैं. इससे परिवार में उन्हें लेकर बड़ी कश्मकश रहती थी."

मनमोहन पांडेय बताते हैं, "जंग के समय टीवी पर न्यूज देखते हुए हमें हर दिन किसी न किसी जवान के शहीद होने की बात पता चलती थी. इससे मन में बहुत डर भी रहता था. डर था कि कहीं भाई के साथ कोई अनहोनी न हो जाए. 2 और 3 जुलाई की रात में जब बटालिक सेक्टर में फायरिंग हुई. 3 जुलाई को ही हमें सेना के कुछ अधिकारियों से पता चला की भाई कैप्टन मनोज पांडेय खालुबार की चोटी में जंग लड़ते हुए वीर गति को प्राप्त हुए हैं. ये बात हम लोगों के लिए बहुत शॉकिंग था."

भइया ने इंजीनियरिंग छोड़ NDA चुना
मनमोहन पांडेय बताते हैं, "हमारे परिवार में भइया से पहले कोई भी आर्मी में नहीं था. मनोज पांडेय परिवार में पहले शख्स थे, जिन्होंने देश सेवा के लिए फौज ज्वॉइन किया था. उनके अंदर एक जुनून था. बचपन से उनका मानना था कि देश के लिए कुछ करना है. उन्होंने भारत मां की सेवा के लिए पहले नंबर पर आर्मी को चुना. उनके पास दो कॉल लेटर साथ में आए थे. इंजीनियरिंग का और NDA का भी. घरवालों ने उनसे कहा था कि वो इंजीनियरिंग में जाएं. लेकिन मेरे भाई ने NDA चुना. उन्होंने बताया था कि NDA में जाना आसान नहीं होता है, इसलिए वो पहले NDA में जाएंगे."

पांडेय के मुताबिक, जब मनोज पांडेय NDA में गए, तो यूपी के 67 बच्चे गए थे. लेकिन सिर्फ उनका ही सिलेक्शन हुआ. उनका लक्ष्य बड़ा था. उन्होंने अपनी डायरी में लिखा था -If death strikes before I prove my blood, I promise, I will kill death. (अगर मेरे खून को साबित करने से पहले मौत आ गई, तो मैं वादा करता हूं, मैं मौत को मार डालूंगा. जंग में उन्होंने वही किया."

चौथे बंकर को तबाह कर प्राप्त हुई वीरगति
मनमोहन पांडेय बताते हैं, "जब दुश्मनों के तीसरे बंकर में मेरे भाई कैप्टन मनोज पांडेय को दो गोलियां लग गई थी. एक कंधे और एक घुटने में लगी थी. उनका बहुत खून बह रहा था. वो मौत के बिल्कुल करीब पहुंच चुके थे. उसके बाद भी वो चौथे बंकर में घुसे. दुश्मनों के चौथे बंकर को तबाह किया. वहां पर भी उन्हें एक गोली लगी थी. वहीं उन्हें वीरगति प्राप्त हुई."

मुक्केबाजी और बॉडी बिल्डिंग का रखते थे शौक
कैप्टन मनोज पांडेय का जन्म यूपी के सीतापुर के रूद्रा गांव में हुआ था. उनके पिता का नाम गोपी चंद पांडेय और मां का नाम मोहिनी पांडेय है. उनकी शुरुआती पढ़ाई लखनऊ के आर्मी स्‍कूल में हुई थी. वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) खड़कवासला में शामिल हुए थे. उनकी नियुक्‍ति 11 गोरखा राइफल्स (1/11 जीआर) की पहली बटालियन में हुई थी. कैप्‍टन मनोज कुमार पांडेय मुक्केबाजी और बॉडी बिल्डिंग का शौक रखते थे. यही वजह रही कि उन्‍हें सबसे प्रस‍िद्ध बटालियन में शामिल किया गया. उनकी वीरता को देखते हुए उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल लखनऊ का नाम बदलकर कैप्टन मनोज कुमार पांडेय यूपी सैनिक स्कूल रख दिया गया है.

करगिल की कहानी, जनरल की जुबानी : पूर्व आर्मी चीफ ने बताया कैसे पाकिस्तानी घुसपैठ का चला पता



from NDTV India - Latest https://ift.tt/aw2RSDQ

Adani Energy Solutions posts net loss of Rs 824 crore in Q1



from Ahmedabad News, Latest Ahmedabad News Headlines & Live Updates - Times of India https://ift.tt/UVpquQs

Thursday, July 25, 2024

रूस के साथ शांति वार्ता और युद्ध विराम करने को तैयार है यूक्रेन : चीन

यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्री कुलेबा ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात के दौरान कहा कि यूक्रेन रूस के साथ संघर्ष समाप्त करने और एक न्यायपूर्ण तथा स्थायी शांति के लिए बातचीत के लिए तैयार है. चीनी अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी गई है.

रूसी मीडिया RT की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने शीर्ष यूक्रेनी राजनयिक की चीन यात्रा के एजेंडे के बारे में जानकारी साझा की. फरवरी 2022 में संघर्ष की शुरुआत के बाद यह वांग के साथ उनकी पहली वार्ता है.

माओ ने बताया कि मॉस्को-कीव संघर्ष एजेंडे में शीर्ष पर था. कुलेबा ने कहा कि यूक्रेन रूस के साथ वार्ता और समझौता करने के लिए तैयार है. माओ ने कहा कि वार्ता तर्कसंगत और ठोस होनी चाहिए जिसका उद्देश्य न्यायपूर्ण और स्थायी शांति हासिल करना हो.

कुलेबा की चीन यात्रा ऐसे समय में हुई है जब यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इस सप्ताह की शुरुआत में वेटिकन के विदेश मंत्री कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन से कहा था कि वह जल्द से जल्द संघर्ष समाप्त करना चाहते हैं. साथ ही उन्होंने रूस के साथ बातचीत के लिए तत्परता का संकेत दिया था. उनका रुख उनके 2022 के रुख के विपरीत था जिसमें मॉस्को में मौजूदा नेतृत्व के साथ सभी वार्ताओं को खारिज कर दिया गया था और फिर उनके शांति फॉर्मूले को रूसी नेतृत्व ने "भ्रमपूर्ण" बताकर खारिज कर दिया था.

जून में यूक्रेन ने स्विट्जरलैंड में शांति शिखर सम्मेलन में भाग लिया था, जिसमें जेलेंस्की के फॉर्मूले के कई बिंदुओं पर चर्चा की गई थी. हालांकि इसमें मॉस्को को आमंत्रित नहीं किया गया था और बीजिंग ने भी इस कार्यक्रम से दूरी बनाई थी. उसका तर्क था कि रूस को इस प्रक्रिया का हिस्सा होना चाहिए.



from NDTV India - Latest https://ift.tt/jITrNEd

लाखों की नौकरी छोड़ी 3 भाइयों ने शुरू की मोती और शहद की खेती, PM मोदी भी हुए मुरीद

केंद्र सरकार सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए कई योजनाएं भी चलाई गई हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने से प्रेरित होकर युवा स्वरोजगार की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के तीन भाइयों ने लाखों की नौकरी छोड़कर मोती और शहद की खेती शुरू की है. इससे उन्होंने अपनी एक नई पहचान बनाई है और हर साल करोड़ों का मुनाफा भी कमा रहे हैं.

वाराणसी के नारायणपुर के रहने वाले तीन भाई रोहित, श्वेतांग और मोहित पाठक कुछ साल पहले तक एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी कर रहे थे. इसी बीच जीवन के प्रति उनका नजरिया बदल गया. उन्होंने लाखों की नौकर छोड़कर मोती और शहद की खेती करने की योजना बनाई.

श्वेतांग पाठक ने बताया कि मोती की खेती करना एक बहुत ही धैर्य का काम है. हम लोगों ने साल 2018 में इसकी शुरुआत की थी. नदियों से सीपियों को इकट्ठा किया जाता है. इसके बाद मोती बनाने के लिए उनकी सर्जरी की जाती है, फिर दो साल तक इसकी देखरेख के बाद मोती तैयार होता है.

रोहित पाठक ने बताया कि स्टार्टअप योजना के तहत उन्होंने 2018 में इसकी शुरुआत की थी. उन्होंने कहा, "हमने 'अग्रिकाश उदेस पर्ल फार्मिंग' नाम की एक कंपनी बनाई है, जिसमें 10 लोगों की एक टीम काम करती है. सभी ट्रेनर लखनऊ विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों से पढ़े हैं."

उन्होंने कहा, "मोती पालन के साथ-साथ हमने मधुमक्खी पालन, बकरी पालन और डेयरी फार्मिंग पर जोर दिया है. पिछले साल 2,300 लोगों को प्रशिक्षण दिया गया था. हमारे इस प्रोजेक्ट के साथ 70 किसान जुड़े हुए हैं."

मोहित पाठक ने बताया कि दिल्ली में रहते हुए उन्होंने मधुमक्खी पालन की ट्रेनिंग ली थी. इसके बाद गांव आकर काम शुरू किया. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'स्वीट क्रांति' मिशन के साथ भी जुड़े हैं. उन्होंने ट्रेनर के रूप में काम किया था.

उन्होंने कहा कि मैं अभी वाराणसी मंडल के ट्रेनर के रूप में लोगों को इस काम का प्रशिक्षण दे रहा हूं. मधुमक्खी पालन के क्या उपयोग हैं. शहद के अलावा भी मधुमक्खी का पालन किया जाता है, इसकी जानकारी लोगों को देकर मुझे अच्छा लगता है.

पीएम मोदी भी करीब चार साल पहले इन तीन भाइयों की मोती की खेती की तारीफ कर चुके हैं. प्रधानमंत्री ने कहा "वाराणसी के नारायणपुर गांव में मोती की खेती करने वाले तीन युवकों ने हर किसी के लिए एक मिसाल पेश की है. इन युवाओं ने यह दिखाया है कि अगर सही दिशा में परिश्रम किया जाए तो मिट्टी से मोती उगाए जा सकते हैं."
 



from NDTV India - Latest https://ift.tt/QdFnGlU

Wednesday, July 24, 2024

आधी आबादी को वित्त मंत्री का तोहफा, लाभकारी योजनाओं के 3 लाख करोड़ आवंटित

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि महिला-नीत विकास को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न मंत्रालयों के तहत महिलाओं और लड़कियों से संबंधित योजनाओं के वास्ते तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किये गये हैं. सीतारमण ने लोकसभा में 2024-25 का बजट पेश करते हुए कहा कि यह (आवंटन) आर्थिक विकास में महिलाओं की भूमिका बढ़ाने को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता का द्योतक है.

उन्होंने कहा, ‘‘महिला-नीत विकास को बढ़ावा देने के मद्देनजर महिलाओं और लड़कियों से संबंधित लाभकारी योजनाओं के वास्ते बजट में तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किये गये हैं.''

सीतारमण ने कहा कि कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए सरकार कामकाजी महिला छात्रावास स्थापित करेगी. बजट की मुख्य विशेषताओं में से एक है, औद्योगिक समूहों के साथ साझेदारी में कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावासों की स्थापना और कामकाजी माताओं की सहायता के वास्ते क्रेच की स्थापना करना.

इन पहलों का उद्देश्य महिलाओं के लिए कार्यस्थल और घर के बीच संतुलन को बढ़ाना है, जिससे कार्यबल में उनकी अधिक भागीदारी संभव हो सके.

बजट से यह पता चलता है कि नियोजन संबंधी हालिया आंकड़ों के अनुसार, कामकाजी महिलाओं की भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. मई 2024 तक लगभग 2.40 लाख नयी महिला सदस्य जुड़ी हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 12.1 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है.

पिछले वर्ष की तुलना में कामकाजी महिला सदस्यों की संख्या में 17.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गयी, जो अधिक समावेशी कार्यबल की ओर सकारात्मक बदलाव का संकेत है.

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने देश के विकास में महिलाओं के योगदान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सरकार के प्रयासों की प्रशंसा की.

शर्मा ने कहा, ‘‘महिलाएं किसी भी राष्ट्र की रीढ़ होती हैं. सतत वृद्धि और विकास के लिए उनका सशक्तीकरण और भागीदारी महत्वपूर्ण है. महिलाओं के छात्रावास, क्रेच और कौशल विकास कार्यक्रमों जैसी पहल के लिए सरकार द्वारा तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन इस वास्तविकता की गहन समझ को दर्शाता है.''



from NDTV India - Latest https://ift.tt/I1fKFaN

Torrent Pharma posts 21% rise in Q1 net profit



from Ahmedabad News, Latest Ahmedabad News Headlines & Live Updates - Times of India https://ift.tt/zhY73eX

Tuesday, July 23, 2024

"एक कार्यकाल में ही इतना किया..." : बाइडेन के राष्ट्रपति चुनाव से हटने के बाद कमला हैरिस ने की जमकर तारीफ

अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के अमेरिकी राष्‍ट्रपति पद की दौड़ से हटने के बाद उपराष्‍ट्रपति कमला हैरिस (Kamala Harris) ने अपने पहले संबोधन में अपने बॉस की जमकर प्रशंसा की. उन्‍होंने कहा कि बाइडेन ने एक ही कार्यकाल में इतना काम किया है कि कई राष्‍ट्रपति अपने दो कार्यकाल में भी नहीं कर पाए हैं. उन्‍होंने बाइडेन की विरासत को आधुनिक इतिहास में बेजोड़ बताया है. बाइडेन ने अमेरिकी राष्‍ट्रपति की दौड़ से हटने के साथ इस पद के लिए कमला हैरिस की उम्‍मीदवारी का समर्थन किया था. 

कमला हैरिस ने एथलीटों के सम्‍मान के दौरान व्हाइट हाउस में आयोजित संबोधन में कहा कि बाइडेन का रिकॉर्ड "आधुनिक इतिहास में बेजोड़ है". उन्‍होंने कहा, "एक कार्यकाल में ही उन्होंने अधिकांश राष्ट्रपतियों की विरासत को पीछे छोड़ दिया है, जिन्होंने अपने दो कार्यकाल पूरे किए हैं."

बाइडेन ने किया था राष्‍ट्रपति पद की दौड़ से हटने का ऐलान 

अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडेन ने रविवार को राष्‍ट्रपति पद के लिए अपनी उम्‍मीदवारी वापस लेने का ऐलान किया. साथ ही बाइडेन ने डेमोक्रेटिक पार्टी के नए उम्‍मीदवार के रूप में उपराष्‍ट्रपति कमला हैरिस का समर्थन भी किया है. बाइडेन पर डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता ही उम्‍मीदवारी वापस लेने का दबाव बना रहे थे. 

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी बाइडेन की प्रशंसा की है. ओबामा ने कहा कि बाइडेन अमेरिका के सबसे प्रभावशाली राष्ट्रपतियों में से एक रहे हैं. 

प्रेसिडेंशियल डिबेट में काफी खराब रहा था बाइडेन का प्रदर्शन 

बाइडेन ने राष्‍ट्रपति पद की दौड़ से हटने का निर्णय पिछले महीने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी और पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के साथ प्रेसिडेंशियल डिबेट के बाद आया है, इस डिबेट में बाइडेन का प्रदर्शन काफी खराब रहा था. अमेरिका में 5 नवंबर को राष्‍ट्रपति पद के लिए मतदान होना है. 

ये भी पढ़ें :

* "झूठ, धोखा...": ट्रंप को लेकर आपसे में भिड़े भारतीय मूल के अरबपति विनोद खोसला और मस्क
* क्‍या बदल गया अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव का सीन, कमला हैरिस के आने से ट्रंप को फायदा या नुकसान?
* बाइडेन बुरे दौर से निकल कैसे बने अमेरिकी राष्ट्रपति? जानें उनकी सरकार की प्रमुख उपलब्धियां



from NDTV India - Latest https://ift.tt/7ldqI1P

Monday, July 22, 2024

एक्सपर्ट ने बताया कान से मैल निकालने का बहुत ही आसान तरीका, आप भी करिए एक बार ट्राई

Ear wax removal remedy : कान की नलियों में कान का मैल (सेरुमेन) बनता है. यह मोमनुमा पदार्थ होता है, जो हर किसी के कान में होता है. वैसे तो यह कान की सुरक्षा के लिए होता है, लेकिन कभी-कभी, कान का मैल जमा होना असुविधाजनक, भद्दा हो सकता है और कुछ मामलों में, अस्थायी रूप से आपकी सुनने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है. ऐसे में इसकी सफाई करना जरूरी हो जाता है. कई लोग कान की मैल साफ करने के लिए माचिस की तीली का इस्तेमाल करते हैं, जो कि कान को नुकसान पहुंचा सकता है. इसका सही तरीका क्या होता है डॉक्टर विनोद शर्मा ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा करके बताया है, जिससे आप आसानी से ईयर वैक्स की सफाई कर सकते हैं.

मोटे चेहरे को एक्सपर्ट के बताए इन 4 तरीकों से कर सकते हैं पतला, एक हफ्ते में दिखेगा फेस पर असर

कान की मैल कैसे करें साफ - How to clean earwax

डॉक्टर विनोद शर्मा बताते हैं कि कान की सफाई करने के लिए सोलीवैक्स ईयर ड्रॉप (Soliwax ear drop), 
क्लीयर वैक्स ड्रॉप (clear wax drop और वैक्सवोल्व ईयर ड्रॉप ( waxolve ear drops ) आता है. इन ड्रॉप्स को तीन चार दिन तक आपको 3 से 4 ड्रॉप कान में डालना है. इससे धीरे-धीरे कान की मैल सॉफ्ट पड़कर बाहर निकल आएगी. जब कान से मैल निकलनी शुरू हो जाए तो आप कॉटन के कपड़े से कान के आस-पास क्वलीन कर लीजिए. 

कान की सफाई से जुड़ी सावधानी - ear cleaning precautions

वहीं, डॉक्टर विनोद शर्मा बताते हैं कि आप कान की सफाई माचिस की तीली, तेल और लहसुन तेल से न करें. इससे फंगल इंफेक्शन हो सकता है. तो अब से आप इन बातों को ध्यान में रखकर कानों की सुरक्षित तरीके से सफाई कर सकते हैं. 

कान का मैल क्या है?

कान का मैल एक मोम जैसा पदार्थ है, जो हर किसी के कान में होता है. आपके कान की नलियों में ग्रंथियां आपके कानों के अंदर की त्वचा की रक्षा करने और कीटाणुओं से सुरक्षा प्रदान करने के लिए कान का मैल बनाती हैं. कान के मैल के लिए मेडिकल लैंग्वेज में "सेरुमेन" कहते हैं.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

Sawan 2024 Date: इस शुभ योग में होगी सावन की शुरुआत, पंडित से जानें सही तिथि



from NDTV India - Latest https://ift.tt/3k8MmPz

Sunday, July 21, 2024

केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद के काफिले की तीन गाड़ियां आपस में टकराईं, सभी सुरक्षित

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से सांसद एवं केंद्रीय राज्य मंत्री जितिन प्रसाद के काफिले की तीन गाड़ियां आपस में टकरा गईं. हालांकि, इस दौरान किसी को चोट नहीं आई है, सभी सुरक्षित हैं. मंत्री के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि शनिवार को जितिन प्रसाद अपना एक कार्यक्रम खत्म कर आगे जा रहे थे. इसी बीच सड़क पर एक गड्ढा आने पर ब्रेक लगाने से उनके काफिले की तीन गाड़ियां आपस में टकरा गईं, लेकिन किसी को चोट नहीं आई है.

कैसे हुआ हादसा?

केंद्रीय राज्यमंत्री जितिन प्रसाद शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र पीलीभीत पहुंचे. शहर में प्रेसवार्ता के बाद वह मझोला इलाके में बाढ़ पीड़ितों से मिलने के लिए जा रहे थे. बिरहनी जाने वाले मार्ग पर जितिन प्रसाद के काफिले में चल रही एस्कॉर्ट की गाड़ियां आपस में भिड़ गईं. हादसे के बाद मौके पर लोगों की भीड़ जुट गई. हादसे में किसी को चोट नहीं लगी है, लेकिन तीनों गाड़ियां कुछ क्षतिग्रस्त हो गईं.

हादसे के बाद क्या किया?

इसके बाद केंद्रीय राज्य मंत्री जितिन प्रसाद दूसरी गाड़ी में सवार होकर अपने आगे के कार्यक्रम में चले गए. ज्ञात हो जितिन प्रसाद ने पीलीभीत से लोकसभा का चुनाव जीते हैं. उन्हें मोदी सरकार में मंत्री बनाया गया है. इसके पहले वह योगी सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री रह चुके है. वह दो बार के सांसद भी हैं. जितिन प्रसाद उत्‍तर प्रदेश के एक प्रसिद्ध ब्राह्मण राजनीतिक परिवार से आते हैं और कांग्रेस नीत संप्रग सरकार में भी केंद्र में मंत्री रह चुके हैं. जितिन प्रसाद 2021 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए.

कांग्रेस से कैसा था नाता?

प्रसाद का परिवार तीन पीढ़ियों से कांग्रेस से जुड़ा रहा था. वह 2004 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार के सबसे युवा मंत्रियों में शामिल थे. उन्होंने दून स्कूल से पढ़ाई की है और बाद में दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से वाणिज्य में डिग्री हासिल की है.



from NDTV India - Latest https://ift.tt/snoLuwK

पुणे में रोड रेज : दो बच्चों के साथ स्कूटर पर जा रही महिला को कार सवार ने घूंसा मारकर लहुलुहान किया

पुणे (Pune) में दो बच्चों के साथ स्कूटर पर जा रही एक महिला को एक कार सवार बुजुर्ग ने चेहरे पर घूंसा मार दिया. वह महिला से कथित तौर पर इसलिए नाराज हुआ क्योंकि उसने उसे आगे निकलने के लिए साइड नहीं दी थी. बुजुर्ग ने महिला के बाल खींचे और उसे इतनी जोर से दो बार मुक्का मारा कि उसकी नाक से खून बहने लगा. 

डिजिटल कंटेंट क्रिएटर जेरलिन डिसिल्वा ने अपनी आपबीती बताने के लिए एक वीडियो पोस्ट किया है. उसने उसमें दावा किया है कि वह अपने बच्चों के साथ स्कूटर पर पाषाण-बानेर लिंक रोड पर जा रही थी. एक कार सवार व्यक्ति लगभग दो किलोमीटर से उनके पीछे तेज गति से चल रहा था. 

उसने कहा कि वह सड़क के बाईं ओर खड़ी हो गई. वह कार के रास्ते में नहीं आना चाहती थी. लेकिन उस व्यक्ति ने उसे ओवरटेक किया और उसकी स्कूटर के सामने रुक गया. महिला ने उस व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. आरोपी की पहचान स्वप्निल केकरे के रूप में हुई है.

वीडियो में डिसिल्वा ने कहा, "वह बहुत गुस्से में कार से बाहर निकला. उसने मुझे दो बार मुक्का मारा और मेरे बाल खींचे. मेरे दो बच्चे थे, उसे उनकी कोई परवाह नहीं थी. यह शहर कितना सुरक्षित है? लोग पागलों की तरह क्यों व्यवहार कर रहे हैं? मेरे साथ दो बच्चे थे, कुछ भी हो सकता था... एक महिला ने मेरी मदद की."  वीडियो में डिसिल्वा के नाक और मुंह के आसपास खून लगा हुआ दिख रहा है.

जेरलिन डिसिल्वा के चाचा विशाल ने एनडीटीवी से कहा कि घटना के बाद जेरलिन ने उन्हें फोन किया तो वे उससे मिलने अस्पताल गए.

उन्होंने बताया कि. "उसने मुझे बताया कि कार में बैठे व्यक्ति ने बिना किसी कारण के उसके साथ मारपीट की. स्कूटर ने उसकी कार को छुआ तक नहीं. उसने शायद यह दिखाने के लिए ऐसा किया कि वह कितना शक्तिशाली है. वह कार से उतरा, उससे पूछा कि वह इस तरह से क्यों गाड़ी चला रही है और उसके साथ मारपीट शुरू कर दी. उस व्यक्ति की पत्नी उसके साथ थी, लेकिन उसने उसे रोकने की कोशिश नहीं की. बच्चों को शारीरिक रूप से चोट नहीं आई, लेकिन वे डरे हुए थे और चिल्ला रहे थे." 

पुलिस ने आरोपी पर एफआईआर दर्ज की 

विशाल ने बताया कि एक महिला जेरलिन को अस्पताल ले गई और पुलिस ने भी मदद की. उन्होंने बताया कि आरोपी व्यक्ति और उसके साथ मौजूद महिला को पुलिस स्टेशन ले जाया गया है. चतुरशृंगी पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है.

यह घटना उस चर्चित घटना के ठीक दो महीने बाद हुई है जिसमें एक 17 साल के लड़के ने कथित तौर पर नशे में धुत होकर पुणे में अपनी पोर्श कार से दो 24 वर्षीय इंजीनियरों को टक्कर मार दी थी. इससे उन दोनों की मौके पर ही मौत हो गई थी. आरोपी जमानत पर बाहर है.

इस सप्ताह की शुरुआत में एक नेता के कथित नशे में धुत 25 वर्षीय बेटे ने शहर में अपनी एसयूवी में तेज गति से चलते हुए एक पोल्ट्री ट्रक को टक्कर मार दी थी. इससे उसमें सवार दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. आरोपी भाग गया था, लेकिन बाद में उसे पकड़ लिया गया. उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.



from NDTV India - Latest https://ift.tt/aHWyQKB

Saturday, July 20, 2024

गोवा के समीप मालवाहक जहाज में लगी भीषण आग, भारतीय तटरक्षक बल बचाव में जुटा

गोवा से लगभग 102 समुद्री मील दक्षिण पश्चिम में एक कंटेनर मालवाहक व्यापारिक जहाज (container cargo merchant vessel) में भीषण आग लग गई. जहाज मुंद्रा से कोलंबो (श्रीलंका) जा रहा था. घटना की सूचना मिलने पर भारतीय तटरक्षक बल ने तुरंत आईसीजी जहाज को अधिकतम गति से संकटग्रस्त जहाज की ओर बढ़ने के लिए मोड़ दिया. साथ ही आईसीजी डोर्नियर विमान से हवाई निगरानी की. 

बताया जा रहा है कि जहाज अंतरराष्ट्रीय समुद्री खतरनाक सामान (IMDG) माल ले जा रहा है और व्यापारी जहाज के अगले हिस्से में विस्फोट हो रहे हैं. आईसीजी का जहाज इलाके में पहुंच गया है और समुद्र और खराब मौसम की स्थिति के बावजूद अग्निशमन अभियान चला रहा है.

Latest and Breaking News on NDTV


मालवाहक जहाज का चालक दल दहशत में था. आईसीजी जहाज ने उनको सुरक्षा को लेकर आश्वस्त किया है. इसके अतिरिक्त अग्निशमन प्रयासों को बढ़ाने के लिए गोवा से दो आईसीजी जहाजों को रवाना किया गया है.



from NDTV India - Latest https://ift.tt/T2dbQw1

Friday, July 19, 2024

केंद्र में दोस्ती राज्य में कुश्ती, हरियाणा में 'हाथ से छूटा झाड़ू' देश में कितना बिखरा 'इंडिया' गठबंधन?

हरियाणा में इंडिया गठबंधन दरक गया है. आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों पर अकेले लड़ने का आज एलान कर दिया. लोकसभा चुनाव में वो कांग्रेस के साथ गठबंधन में लड़ी थी. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Maan) ने गुरुवार को हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) के लिए AAP के अभियान की शुरूआत करते हुए 'बदलेंगे हरियाणा का हाल, अब लाएंगे केजरीवाल' का नारा भी दिया. 

भगवंत मान ने चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि हरियाणा के लोगों ने बीजेपी, कांग्रेस और क्षेत्रीय दल सबको आज़मा लिया, अब वे बदलाव चाहते हैं. हालांकि कांग्रेस पहले ही कह चुकी थी कि हरियाणा में वह अकेले चुनाव लड़ेगी. हरियाणा के लोग अब बदलाव चाहते हैं. किसी ने हरियाणा के साथ वफ़ा नहीं की. सबने हरियाणा को लूटा.

AAP का अलग होना कितना बड़ा झटका?
हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के ऐलान से विपक्षी एकता को झटका लगता दिख रहा है. लोकसभा चुनाव में हरियाणा में आप कांग्रेस गठबंधन ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए 10 में से 5 सीटें जीती थी. हालांकि आम आदमी एक सीट पर चुनाव लड़ रही थी लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा. दिल्ली में भी आप कांग्रेस गठबंधन को एक भी सीट नहीं मिली. इसी प्रकार गुजरात में भी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा.

Latest and Breaking News on NDTV

 जमीन पर एकजुट नहीं हुए कार्यकर्ता
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच केंद्रीय स्तर पर गठबंधन की बात हो गयी. हालांकि जमीनी स्तर पर कार्यकर्ता एकजुट नहीं हो पाए.  चुनाव में एक दूसरे दलों के पक्ष में वोट ट्रांसफर बहुत अधिक नहीं हो पाया. दिल्ली कांग्रेस के विरोध के बावजूद गठबंधन करने का लाभ दोनों में से किसी भी दल को नहीं मिला.  दिल्ली में AAP 4 और कांग्रेस 3 सीटों पर लड़ी.  AAP-कांग्रेस मिलकर BJP को नहीं रोक सके. लगातार तीसरी बार BJP ने दिल्ली में शानदार प्रदर्शन किया. 

जानकारों का मानना रहा है कि आम आदमी पार्टी के समर्थन से भले ही दिल्ली और गुजरात में कांग्रेस को फायदा मिलता नहीं दिखा. लेकिन अगर आम आदमी पार्टी अकेले दम पर चुनावी मैदान में उतरती है तो इसका नुकसान कांग्रेस को उठाना पड़ सकता है. गुजरात में जब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी अकेले दम पर उतरी थी तो कांग्रेस के वोट शेयर में भारी गिरावट देखने को मिली थी. 

इंडिया गठबंधन-केंद्र में दोस्ती राज्य में कुश्ती
इंडिया गठबंधन बनाकर विपक्षी दलों ने बीजेपी के खिलाफ एक मंच पर आने का प्रयास किया था. लोकसभा चुनाव के दौरान ही बंगाल, केरल और पंजाब जैसे राज्यों में गठबंधन में बिखराव देखने को मिली थी.  अब जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव सामने आ रहे हैं वैसे-वैसे यह बिखराव बढ़ता दिख रहा है. अब इस लिस्ट में हरियाणा का नाम भी जुड़ता जा रहा है.

Latest and Breaking News on NDTV

हरियाणा के बाद किसका नंबर?
बंगाल, केरल और पंजाब में पहले ही इंडिया गठबंधन में बिखराव देखी गयी है. अब इसमें हरियाणा का नाम जुड़ा है. आने वाले समय में दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की गठबंधन में दरार की संभावना है. झारखंड और महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन की तरफ से ऑल इज वेल का दावा किया जा रहा है. लेकिन सीट बंटवारे तक पहुंचना इन राज्यों में भी विपक्षी गठबंधन के लिए आसान नहीं होगा. महाराष्ट्र में जहां कांग्रेस लोकसभा चुनाव की सफलता के बाद अधिक सीटों की मांग कर सकती है वहीं झारखंड में जेएमएम कांग्रेस पार्टी को कम सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए प्रेशर बना सकती है. 

झारखंड में एक विधायकों वाली पार्टी राजद ने विधानसभा चुनाव में 22 सीटों पर दावा ठोका है. इसी तरह जेएमएम के नेता भी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की तुलना में बेहतर प्रदर्शन को आधार बनाकर प्रेशर बनाने की तैयारी में हैं.
Latest and Breaking News on NDTV

AAP के अलग होने का असर 4 राज्यों पर 
इंडिया गठबंधन से अगर आम आदमी पार्टी अलग होती है तो इसका असर 4 राज्यों की राजनीति पर सीधे तौर पर देखने को मिल सकता है. दिल्ली, गोवा, हरियाणा और गुजरात में आम आदमी का आधार है. हाल ही में राहुल गांधी ने संसद में कहा था कि गुजरात में वो बीजेपी को मात देंगे. ऐसे में अगर आम आदमी पार्टी गठबंधन से अलग होती है तो राहुल गांधी की गुजरात रणनीति पर भी सोचना होगा.  

ये भी पढ़ें-:

हरियाणा में सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी आम आदमी पार्टी



from NDTV India - Latest https://ift.tt/Yhc4jU8

Thursday, July 18, 2024

केदारनाथ मंदिर से सोना चोरी पर शंकराचार्य के आरोपों का मंदिर समिति ने यह दिया जवाब

Shankaracharya's allegations on theft : केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह से सोने की कथित चोरी संबंधी आरोपों पर श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति प्रबंधन और ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के समर्थक आमने-सामने आ गए हैं. मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने गर्भगृह से सोने की चोरी के आरोपों को बेबुनियाद और तथ्यहीन बताते हुए आरोप लगाने वालों से विवाद खड़ा करने की बजाय सक्षम स्तर पर मामले की जांच की मांग कराने का अनुरोध किया.

ये भी पढ़ें-दिल्ली में केदारनाथ मंदिर निर्माण का उत्तराखंड में क्यों हो रहा विरोध? जानें क्या है विवाद की वजह

क्या कहा मंदिर समिति ने

अजय ने इन आरोपों को ‘षड्यंत्र' बताते हुए स्पष्ट किया कि दानदाता द्वारा केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णजड़ित करने की इच्छा प्रकट की गयी थी और उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए मंदिर समिति की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव का परीक्षण कर उन्हें ऐसा करने की अनुमति दी गई. उन्होंने कहा कि बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अधिनियम-1939 में निर्धारित प्रावधानों के अनुरूप ही दानदाता से दान स्वीकारा गया और इसके लिए विधिवत प्रदेश शासन से अनुमति ली गई.

दानदाता ने ही बनवाए थे

मंदिर समिति के अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय पुरात्व सर्वेक्षण विभाग के विशेषज्ञों की देखरेख में गर्भगृह को स्वर्ण मंडित कराने का कार्य किया गया. अजय ने यह भी स्पष्ट किया कि गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने का कार्य दानदाता ने स्वयं किया और उन्होंने ही अपने स्तर से स्वर्णकार से तांबे की प्लेटें तैयार करवाईं और फिर उन पर सोने की परतें चढ़ाई गईं. उन्होंने कहा कि दानदाता ने अपने स्वर्णकार के माध्यम से ही इन प्लेटों को मंदिर में स्थापित भी कराया. मंदिर समिति के अध्यक्ष ने कहा कि सोना खरीदने से लेकर दीवारों पर जड़ने तक का सम्पूर्ण कार्य दानी द्वारा कराया गया तथा मंदिर समिति की इसमें कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं थी. उन्होंने कहा कि कार्य होने के बाद दानदाता ने सभी आधिकारिक बिल एवं वाउचर मंदिर समिति को दे दिए थे, जिसके बाद नियमानुसार इसे स्टॉक बुक में दर्ज किया गया. 

ये भी पढ़ें-दिल्ली में केदारनाथ मंदिर निर्माण का उत्तराखंड में क्यों हो रहा विरोध? जानें क्या है विवाद की वजह

आरोपों को बताया विद्वेषपूर्ण 

दानस्वरूप किए गए इस कार्य हेतु दानी व्यक्ति अथवा किसी फर्म द्वारा मंदिर समिति के समक्ष किसी प्रकार की शर्त नहीं रखी गई और न ही उन्होंने मंदिर समिति से आयकर अधिनियम की धारा-80 जी का प्रमाण पत्र मांगा. अजय ने कहा कि उक्त दानदाता ने 2005 में श्री बदरीनाथ मंदिर के गर्भगृह को भी स्वर्ण जड़ित किया था, लेकिन अब एक सुनियोजित षडयंत्र के तहत विद्वेषपूर्ण आरोप लगाये जा रहे हैं.

पुरोहितों ने जांच की मांग की

दूसरी ओर, ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद द्वारा केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में हुई सोने की चोरी की जांच कराए जाने की मांग के समर्थन‌ में केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित भी आ गए हैं. केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों ने वीडियो संदेश जारी कर केदारनाथ सोना प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग की. उन्होंने संदेश में कहा कि वे (तीर्थ पुरोहित) शुरुआती दौर से ही केदारनाथ धाम में चांदी और सोने की परत लगाए जाने का विरोध करते रहे हैं. उन्होंने कहा कि विरोध के बावजूद मंदिर समिति प्रशासन की ओर से पहले चांदी और उसके बाद सोने की परत लगाई गई.

ये भी पढ़ें-दिल्ली में केदारनाथ मंदिर निर्माण का उत्तराखंड में क्यों हो रहा विरोध? जानें क्या है विवाद की वजह

राज्य सरकार से जताई नाराजगी

केदार सभा के पूर्व अध्यक्ष किशन बगवाड़ी ने आरोप लगाया कि गर्भगृह से सोने की 528 प्लेटों के साथ ही चांदी की 230 प्लेटें भी गायब हैं. उन्होंने मंदिर समिति से सवाल किया कि आखिर 230 किलो सोना कहां गया. इसके अलावा, उन्होंने पूर्व में लगी चांदी के बारे में भी मंदिर समिति से जवाब मांगा है. बगवाड़ी ने कहा कि तीर्थ पुरोहित शुरू से ही उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश से इस पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार उसे अनसुना करती रही है.

जांच में क्या निकला पूछ रहे

उत्तराखंड चार धाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी ने कहा कि गर्भगृह में लगाए गए सोने की गुणवत्ता को लेकर भी उन्हें संदेह है और उनका सवाल यह है कि मंदिर में लगा सोना तांबे में कैसे बदल गया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पूर्व में गढ़वाल आयुक्त की अध्यक्षता में जांच समिति बनाने की बात कही थी लेकिन उसकी रिपोर्ट के बारे में अब तक पता नहीं चल पाया है.

ये भी पढ़ें-दिल्ली में केदारनाथ मंदिर निर्माण का उत्तराखंड में क्यों हो रहा विरोध? जानें क्या है विवाद की वजह



from NDTV India - Latest https://ift.tt/JGlqveN

Wednesday, July 17, 2024

पापा की राइफल, शूटिंग रेंज में प्रैक्टिस और लकड़ी की सीढ़ी... डोनाल्ड ट्रंप पर हमले से पहले शूटर ने की थी ऐसी तैयारी

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) पर शनिवार को हुए जानलेवा हमले के मामले में फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन यानी FBI की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है. पेन्सिलवेनिया राज्य के बटलर शहर में शनिवार (13 जुलाई) को ट्रंप चुनावी रैली कर रहे थे. इसी दौरान एक शख्स ने उनपर कई राउंड फायरिंग की. एक गोली ट्रंप के दाहिने कान को छूते हुए निकल गई. सीक्रेट सर्विस के एजेंट ने हमलावर को मौके पर ही ढेर कर दिया था. गोली चलाने वाले लड़के की पहचान थॉमस मैथ्यू क्रूक्स के तौर पर हुई. मैथ्यू महज 20 साल का था.

डोनाल्ड ट्रंप पर हमले की जांच में जुटी FBI ने कई खुलासे किए हैं. CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, FBI को जांच में पता चला है कि हमलावर थॉमस मैथ्यू क्रूक्स हमले से 48 घंटे पहले घटनास्थल से 53 किलोमीटर पिट्सबर्ग शहर में घूम रहा था. उसने फायरिंग के लिए बाकायदा शूटिंग रेंज में जाकर टारगेट हिट करने की प्रैक्टिस की थी. बिल्डिंग की छत पर चढ़ने के लिए लकड़ी की सीढ़ी भी खरीदी थी. मैथ्यू ने जिस असॉल्ट राइफल से ट्रंप पर अटैक किया था, वो राइफल उसके पिता के नाम पर रजिस्टर्ड थी.

FBI के अधिकारियों के मुताबिक, थॉमस मैथ्यू और उसके पिता एक क्लैरटन स्पोर्ट्समेन क्लब के मेंबर थे. दोनों अक्सर शूटिंग रेंज जाया करते थे. CNN ने सैटेलाइट इमेज के जरिए इस शूटिंग रेंज की जांच की है. 

तस्‍वीरें : कान पर पट्टी, तेवर वही... हमले के बाद पहली बार दिखे डोनाल्‍ड ट्रंप

हमले से पहले खरीदी थी गोलियां
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, 13 जुलाई की सुबह मैथ्यू एक होम डिपो गया, जहां उसने एक लकड़ी की सीढ़ी खरीदी. इसी दिन क्रूक्स ‘अल्लेघेनी आर्म्स एंड गन वर्क्स' नाम की गन की शॉप पर भी गया था. रिपोर्ट के मुताबिक, उसने यहां से 50 राउंड गोलियां खरीदी थी.  FBI अधिकारियों के मुताबिक, मैथ्यू ने 13 जुलाई की शाम को ट्रंप पर हमले के लिए इन गोलियों का इस्तेमाल किया था. जबकि सीढ़ी का इस्तेमाल कर उस इमारत पर चढ़ने के लिए किया गया, जहां से उसने ट्रंप पर गोली चलाई.

पिता की राइफल से चलाई गोलियां
हमलावर ने ट्रंप पर हमला करने के लिए जिस AR-15 असॉल्ट राइफल का इस्तेमाल किया था, वो उसके पिता के नाम पर खरीदी गई थी. FBI को जानकारी मिली है कि उसके पिता के नाम पर 20 से ज्यादा बंदूकें रजिस्टर्ड हैं, जो उनके घर पर मौजूद थीं. CNN ने थॉमस के पिता से बात करने की कोशिश की, हालांकि उन्होंने सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया.

कभी कट्टर आलोचक रहे, अब उन्हीं को ट्रंप ने चुन लिया उपराष्ट्रपति उम्मीदवार, जानें कौन हैं जेडी वेंस?

FBI ने खंगाले हमलावर के फोन और कंप्यूटर की सर्च हिस्ट्री
FBI के अधिकारियों ने ट्रंप पर हमला करने वाले हमलावर के मोबाइल फोन, कंप्यूटर, सर्च हिस्ट्री खंगाली है. उसका बेडरूम भी चेक किया गया है. लेकिन अभी तक हमले के मोटिव के बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है. उसके परिवार और दोस्तों से भी इस बारे में पूछताछ की जा चुकी है, लेकिन कोई भी साफ तौर पर कुछ भी बता नहीं पा रहा है.

मुझे तो मर जाना चाहिए- ट्रंप
हमले के बाद ट्रंप ने सोमवार को न्यूयॉर्क पोस्ट को पहला इंटरव्यू दिया. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "मुझे यहां नहीं रहना. मुझे तो मर जाना चाहिए था, लेकिन मुझे लगता है कि मुझे भगवान ने बचा लिया." 

डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन के लिए मिल्वौकी जाते समय न्यूयॉर्क पोस्ट को इंटरव्यू दिया. हमले को याद करते हुए ट्रंप कहते हैं, "जब मुझ पर हमला हुआ, तब सबसे हैरानी वाली बात थी कि कैसे मैंने तुरंत अपना सिर घुमाया. मैंने अगर अवैध प्रवासियों पर एक बनाई गई एक चार्ट पढ़ने के लिए अपना सिर सही समय पर और सही दिशा में नहीं घुमाया होता, तो जान जा सकती थी. ये मेरी परफेक्ट टाइमिंग थी. वरना जो गोली मेरे कान को छूकर गई, वह आसानी से मेरी जान भी ले सकती थी."

इस बीच राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नेशनल सिक्योरिटी को रिव्यू कराने का आदेश दिया है, जिससे पता चल सके कि ट्रंप की रैली में सिक्योरिटी को लेकर ऐसी लापरवाही कैसे हुई.

मैं तो मर जाता, लेकिन... : हत्या की कोशिश पर बोले डोनाल्ड ट्रंप, बताया सीक्रेट सर्विस ने कैसे बचाई जान?



from NDTV India - Latest https://ift.tt/qU13Tmc

Tuesday, July 16, 2024

In-depth: 17 बार झेला हमला, 7 राज्यों में जमीन, 'रत्न भंडार' का रहस्य... जानें अद्भुत जगन्नाथ मंदिर का इतिहास

देश के चार धामों में से एक 12वीं सदी में बने ओडिशा के पुरी जगन्नाथ मंदिर का खजाना यानी रत्न भंडार रविवार (14 जुलाई) को 46 साल बाद खोला गया है. आखिरी बार इसे 1984 में खोला गया था. महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर के इस खजाने में 150 किलो से भी ज्यादा सोना और 250 किलो चांदी है. पुरी मंदिर के मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ी ने बताया कि बाहरी रत्न भंडार का सामान लकड़ी के 6 बक्सों में शिफ्ट करके सील कर दिया गया है. आंतरिक रत्न भंडार का सामान अभी शिफ्ट नहीं किया जा सका है. इसे 19 जुलाई तक रोक दिया गया है. अब यह काम 'बहुडा यात्रा' और 'सुना बेशा' के बाद किया जाएगा. महाप्रभु जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की गुडिंचा मंदिर से जगन्नाथ श्रीमंदिर लौटने की यात्रा को 'बहुडा यात्रा' कहते हैं. मंदिर लौटने पर सोने के जेवरों और कपड़ों से उनका श्रृंगार किया जाता है, जिसे 'सुना बेशा' कहते हैं. 

जगन्नाथ मंदिर के तहखाने में एक खजाना है, जिसे ‘रत्न भंडार' के नाम से जाना जाता है. रत्न भंडार में भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा के कीमती आभूषण रखे हुए हैं, जो किसी जमाने में राजाओं ने दान किए थे. मंदिर की संपत्ति को लेकर 1978 की जांच के बाद का हिसाब तो है, लेकिन इसके बाद हर साल दान में मिलने वाले सोना-चांदी का कोई हिसाब नहीं है. आइए जानते हैं आखिर क्यों खोला गया महाप्रभु जगन्नाथ का रत्न भंडार और क्या है इसका रहस्य:-

Latest and Breaking News on NDTV

इस साल जगन्नाथ यात्रा 7 और 8 जुलाई को हुई थी. 

क्या है जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार से जुड़ा विवाद?
1984 के बाद से जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार नहीं खोला गया है. BJP और कांग्रेस ने इसे लेकर ओडिशा सरकार से कई सवाल किए थे. BJP और कांग्रेस ने तत्कालीन नवीन पटनायक की सरकार से सवाल किया था कि‘रत्न भंडार' को सरकार आखिर क्यों नहीं खोल रही है? सरकार कह रही है कि ‘रत्न भंडार' के भीतरी कक्ष की चाबी नहीं है. ऐसे में ये चाबी गई कहां और इसके लिए कौन जिम्मेदार है? इतने दिनों से सरकार आखिर इस मंदिर के खजाने का ऑडिट क्यों नहीं करा रही है? 2018 में ओडिशा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को रत्न भंडार खोलने के लिए निर्देश दिए, लेकिन 4 अप्रैल 2018 को कोर्ट के आदेश पर जब 16 लोगों की टीम रत्न भंडार का दरवाजा खोलने पहुंची, तो चाबी ही नहीं मिली.

BJP और कांग्रेस का सवाल है कि ओडिशा सरकार ने न्यायिक आयोग की 2018 में दी गई रिपोर्ट को अब तक पब्लिक क्यों नहीं की? BJP और कांग्रेस के आरोपों पर नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल यानी BJD ने कहा है कि 1985 के बाद से ही रत्न भंडार को नहीं खोला गया है. BJP भगवान जगन्नाथ के नाम पर राजनीति कर रही है.

पिछले साल अगस्त में जगन्नाथ मंदिर मैनेजमेंट कमिटी ने राज्य सरकार से सिफारिश की थी कि रत्न भंडार 2024 की वार्षिक रथ यात्रा के दौरान खोला जाए. हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के बाद ओडिशा में सरकार बदल चुकी है. BJP ने अपने मेनिफेस्टो में कहा था कि सरकार आने पर वो रत्न भंडार खुलवाएगी.

क्यों खोला गया रत्न भंडार?
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के सुपरिंटेंडेंट डीबी गडनायक ने कहा कि मरम्मत के लिए रत्न भंडार खोला गया है. पहले रत्न भंडार का सर्वे होगा. जगन्नाथ मंदिर मैनेजमेंट कमिटी के चीफ जस्टिस रथ के मुताबिक दोनों रत्न भंडार के दोनों हिस्सों में नए ताले लगा दिए गए हैं. रत्न भंडार से निकाले गए कीमती सामानों की डिजिटल लिस्टिंग की जाएगी.

Latest and Breaking News on NDTV

पुरी की जगन्नाथ रथ यात्रा में देश-विदेश से श्रद्धालु जुटते हैं. 

कैसा है जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार?
रत्न भंडार के 2 हिस्से हैं:- बाहरी कक्ष: यहां देवताओं के लिए इस्तेमाल की जाने वाली ज्वेलरी रखी गई है. जगन्नाथ मंदिर मैनेजमेंट कमिटी की ओर से हाईकोर्ट में दिए गए हलफनामे के मुताबिक, बाहरी रत्न भंडार में कुल 95.320 किलो सोना, 19.480 चांदी के जेवर हैं. इन्हें त्योहारों पर निकाला जाता है और भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा का श्रृंगार किया जाता है. इसकी चाबी कलेक्टर के पास होती है.

भीतरी कक्ष: ज्वेलरी के अलावा बाकी सोना रत्न भंडार के भीतरी कक्ष में रखा गया है. इसकी चाबी गायब है. जगन्नाथ मंदिर मैनेजमेंट कमिटी के हलफनामे के मुताबिक, आंतरिक भंडार में 50.6 किलो सोना, 134.50 चांदी है.

इन दोनों के अलावा एक वर्तमान रत्न भंडार भी है.  यहां 3.480 किलो सोना, 30.350 किलो चांदी है. इनका इस्तेमाल अनुष्ठानों के समय होता है.

क्या रत्न भंडार से निकले सांप?
जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार खुलने के साथ ही कई मिथक टूटे. ऐसे दावे किए गए थे कि रत्न भंडार की रखवाली सांप करते हैं. सांपों की मौजूदगी की आशंका के चलते सरकार ने मंदिर में सांपों को पकड़ने के लिए एक्सपर्ट और स्नेक हेल्पलाइन के 11 सदस्यों को तैनात किया था. यहां तक कि पुरी जिला मुख्यालय अस्पताल को एंटीवेनम स्टॉक में रखने के लिए कहा गया था. लेकिन रत्न भंडार से एक भी सांप नहीं मिला. 

किसने बनवाया जगन्नाथ मंदिर?
जगन्नाथ पुरी मंदिर की वेबसाइट पर बताया गया कि 1150 ईस्वी में ओडिशा के आसपास के इलाके में गंग राजवंश का शासन था. उस समय राजा अनंतवर्मन चोडगंग देव राजा हुआ करते थे. राजा अनंतवर्मन ने ही जगन्नाथ मंदिर का निर्माण करवाया था. आज से 861 साल पहले 1161 ईस्वी में ये मंदिर बनकर तैयार हो गया था.

Latest and Breaking News on NDTV

पुरी जगन्नाथ मंदिर चार धामों में शामिल है. 

जगन्नाथ मंदिर के नाम कहां-कहां है जमीन?
जगन्नाथ मंदिर के नाम पर कुल 7 राज्यों में 61 हजार एकड़ जमीन है. इनमें से ओडिशा में 60,426 एकड़ जमीन है. पश्चिम बंगाल में 322 एकड़ जमीन है. महाराष्ट्र में 28 एकड़, मध्य प्रदेश में 25 एकड़, आंध्र प्रदेश में 17 एकड़, छत्तीसगढ़ में 1.7 एकड़ और बिहार में 0.27 एकड़ जमीन जगन्नाथ मंदिर के नाम पर रजिस्टर्ड है.

जगन्नाथ मंदिर पर कब-कब हुए हमले?
पुरी जगन्नाथ मंदिर की वेबसाइट के मुताबिक मंदिर पर 17 बार आक्रमण और लूटपाट की गई थी. आक्रमणकारियों के लिए मंदिर धन-संपत्ति की लूट का एक आकर्षक स्थान था. गैर-हिंदू आक्रमणकारियों के लिए मंदिर जिहाद (धार्मिक युद्ध) प्रदर्शित करने का एक अच्छा स्थान था. हर आक्रमण के पीछे इसकी संपत्ति और अपवित्र मूर्तियों को लूटना ही मकसद था. मंदिर को नष्ट करने के लिए पहला हमला 1340 में बंगाल के सुल्तान इलियास शाह ने किया था. दूसरा हमला 1360 में दिल्ली के सुल्तान फिरोज शाह तुगलक ने किया. तीसरी बार बंगाल के सुल्तान अलाउद्दीन हुसैन शाह के कमांडर इस्माइल गाजी ने 1509 में हमला किया.

Latest and Breaking News on NDTV

हर साल अक्षय तृतीया के दिन से जगन्नाथ यात्रा के लिए रथों का निर्माण शुरू होता है. 

जगन्नाथ मंदिर पर चौथा हमला एक अफगान हमलावर ने 1568 साल में किया था. पांचवां हमला 1592 में हुआ. छठा हमला 1601 में बंगाल के नवाब इस्लाम खान के कमांडर मिर्जा खुर्रम ने किया. सातवां हमला 1608 में हुआ. आठवां हमला हाशिम खान की सेना ने किया. नौवां हमला 1611 में हुआ. मंदिर पर दसवां हमला 1615 में और 11वां हमला इसके 2 साल बाद 1617 में हुआ.

जगन्नाथ मंदिर पर 12वां हमला 1621 में हुआ. 13वां हमला 1641 में हुआ. 14वां हमला 1647 में हुआ. 15वां हमला फतेह खान ने 1655 में किया. 16वां हमला 1692 में औरंगजेब के आदेश पर हुआ. मंदिर पर 17वां हमला 1699 में मुहम्मद तकी खान ने किया था. 

जगन्नाथ मंदिर के दिलचस्प तथ्य
-जगन्‍नाथ मंदिर 4 लाख वर्गफुट में फैला है. मंदिर करीब 214 फुट ऊंचा है. इसके शिखर पर हमेशा एक लाल ध्वजा लहराती रहती है. ये ध्वजा हवा में हमेशा विपरीत दिशा में ही नजर आती है. इसे रोज शाम को बदला जाता है. ध्वजा बदलने के लिए व्यक्ति मंदिर के शिखर पर उल्टा चढ़ता और उतरता है. मान्यता है कि अगर एक दिन भी ध्वज नहीं बदला गया, तो मंदिर 18 वर्षों के लिए बंद हो जाएगा.

-मंदिर के मुख्य गुंबद की छाया देख पाना भी संभव नहीं है. मान्यता है कि मंदिर के गुंबद के आसपास कभी कोई पक्षी उड़ता. पक्षी शिखर के पास भी उड़ते नजर नहीं आते. ऐसी मान्यता है कि जगन्नाथ सबसे ऊपर हैं, उनसे ऊपर कोई कैसे उठ सकता है.

-मंदिर के शिखर पर भगवान विष्णु का सुदर्शन चक्र है. ये किसी भी स्थान से देखने पर सामने ही नजर आता है. इसे नील चक्र भी कहते हैं. 

-जब सिंह द्वार से मंदिर में प्रवेश किया जाता है, तो समुद्र की लहरें सुनाई नहीं देती, जबकि बाहर निकलते ही अथाह समुद्र की लहरों की आवाज सुनाई देने लगती है.

-जगन्नाथ मंदिर में दुनिया की सबसे बड़ी रसोई है, जहां हर रोज करीब 1 लाख लोगों का खाना बनता है. यहां भगवान को हर दिन 6 वक्त भोग लगाया जाता है, जिसमें 56 तरह के पकवान शामिल होते हैं. भोग के बाद ये महाप्रसाद मंदिर परिसर में ही मौजूद आनंद बाजार में बिकता है.

-यहां कई परिवार पीढ़ियों से सिर्फ भोग बनाने का ही काम कर रहे हैं. वहीं, कुछ लोग महाप्रसाद बनाने के लिए मिट्टी के बर्तन बनाते हैं, क्योंकि इस रसोई में बनने वाले शुद्ध और सात्विक भोग के लिए हर दिन नया बर्तन इस्तेमाल करने की परंपरा है. आप मंदिर में जगन्नाथ का महाप्रसाद तो खा सकते हैं, लेकिन यहां की रसोई नहीं देख सकते.

-मंदिर की रसोई में महाप्रसाद बनने की प्रक्रिया भी दिलचस्प है. प्रसाद तैयार करने के लिए लकड़ी के चूल्हे पर मिट्टी के 7 बर्तन एक के ऊपर एक रखे जाते हैं. सब कुछ एक बार में ही पकाया जाता है. इस प्रक्रिया के तहत सबसे ऊपर रखे पात्र में प्रसाद सबसे पहले बनता है. इसके बाद दूसरे, तीसरे, चौथे, पांचवें, छठे और सातवें पात्र का प्रसाद तैयार होता है.

-भगवान जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की प्रतिमा लकड़ी की बनी होती है. हर 12 साल बाद प्रतिमाएं बदली जाती हैं. इस मंदिर में गैर-हिंदुओं या गैर-भारतीय धर्मों के लोगों का प्रवेश वर्जित है.

-इस मंदिर में हर साल विश्व की सबसे बड़ी रथयात्रा निकाली जाती है. ये रथयात्रा 5 किलोमीटर में फैले पुरुषोत्तम क्षेत्र में होती है.



from NDTV India - Latest https://ift.tt/TiIBVxJ

संसद के मॉनसून सत्र से पहले सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक

22 जुलाई से संसद के मानसून सत्र की शुरुआत हो रही है. विपक्षी दलों के साथ सहमति बनाने के लिए सरकार की तरफ 21 जुलाई को सर्वदलीय बैठक बुलाया गया है.  21 जुलाई को सुबह 11 बजे यह बैठक होगी. संसद का पिछला सत्र बेहद हंगामेदार रहा था.  NEET में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया था. यह सत्र 24 जून से शुरू होकर 3 जुलाई तक चला था. लोकसभा के तमाम नए सदस्यों को इस दौरान शपथ दिलायी गयी थी. 

संसद का 22 जुलाई को शुरू होने वाला अगला सत्र 12 अगस्‍त तक चलेगा. इस सत्र के दौरान केंद्र सरकार का पूर्ण बजट (Budget) पेश किया जाएगा. लोकसभा में 23 जुलाई को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) बजट पेश करेंगी. इस बजट से देश के आम नागरिकों को बहुत उम्मीदें हैं. माना जा रहा है कि बजट में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार कई सौगातें दे सकती है.  

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री ने एक एक्‍स पोस्‍ट में जानकारी देते हुए बताया था कि, "भारत की माननीय राष्‍ट्रपति ने भारत सरकार की सिफारिश पर बजट सत्र 2024 के लिए 22 जुलाई 2024 से 12 अगस्त 2024 तक संसद के दोनों सदनों को बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है (संसदीय कार्य की अत्यावश्यकताओं के अधीन). केंद्रीय बजट 2024-25 को लोकसभा में 23 जुलाई 2024 को पेश किया जाएगा."

ये भी पढ़ें-:  

VIDEO: पीएम मोदी को संसद में याद आई शोले की 'मौसी', कसा ऐसा तंज हंसने लगे सभी



from NDTV India - Latest https://ift.tt/dVRLu0t

Monday, July 15, 2024

हाथरस भगदड़ के बाद भी बाबा भोले के जन्‍मदिन पर मैनपुरी आश्रम पहुंच रहे हजारों श्रद्धालु, पुलिस ने लौटाया वापस

हाथरस भगदड़ मामले (Hathras Stampede Case) के बाद भी सूरजपाल उर्फ भोले बाबा में आम लोगों की आस्‍था कम नहीं हुई है. भोले बाबा के जन्‍मदिन पर रविवार को मैनपुरी में बने राम कुटीर आश्रम में बाबा में आस्‍था रखने वाले लोगों की भीड़ लग गई. यहां पर बाबा का जन्‍मदिन मनाने के लिए बाहर से बसों में भरकर बाबा के अनुयायी पहुंचे. हालांकि आश्रम पर मौजूद पुलिस दिनभर बाबा के भक्‍तों को समझाकर लगातार वापस भेजती रही. भोले बाबा के जन्‍मदिन को हर साल काफी धूमधाम से मनाया जाता था. 

भोले बाबा के मैनपुरी आश्रम में रविवार सुबह से ही भक्‍तों की भीड़ लगी रही. दूर-दूर से बाबा के भक्‍त आश्रम पहुंचते रहे. हालांकि पुलिस ने पुलिस बैरियर लगाकर भक्‍तों को रोका और उन्‍हें आगे आश्रम तक नहीं जाने दिया. 

बाबा के आश्रम पर भारी पुलिस बल मुस्तैदी से तैनात है, जो बाबा के अनुयायियों को वापस भेज रहा है. 

सीओ ने ली सुरक्षा व्‍यवस्‍था की जानकारी 

सीओ सुनील कुमार सिंह भी रविवार को मौके पर पहुंचे और उन्‍होंने थानाध्‍यक्ष से सुरक्षा व्‍यवस्‍थाओं की जानकारी ली. उन्‍होंने आश्रम के बाहर लगे पुलिस बल को दिशा-निर्देश दिए. 

भोले बाबा के आश्रम पर बड़ी संख्‍या में महिलाएं भी पहुंची. जब महिलाएं आश्रम के अंदर नहीं जाने दिया गया तो उन्‍होंने वहीं से प्रणाम किया. साथ ही कई महिलाओं ने आश्रम के बाहर संकीर्तन भी किया. 

एक महिला ने कहा कि हम यहां पर बाबा को नमन करने के लिए आए हैं. उन पर हमारी श्रद्धा है. उन्‍होंने कहा कि हम यहां पर उनकी ही बदौलत खड़े हैं. 

हाथरस भगदड़ में 121 लोगों की हो गई थी मौत 

बता दें कि उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में दो जुलाई को हुए एक धार्मिक समागम में भगदड़ मच गई थी, जिसमें 121 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए थे. हाथरस जिले के फुलरई गांव में आयोजित ‘सत्संग' के लिए 2.5 लाख से अधिक भक्त एकत्र हुए थे. सूरजपाल को बाबा नारायण हरि, साकार विश्वहरि और भोले बाबा के नाम से भी जाना जाता है. 

उत्तर प्रदेश पुलिस ने आयोजकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. प्राथमिकी में आयोजकों के खिलाफ सबूत छिपाने और शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है. साथ ही इस कार्यक्रम में 2.5 लाख लोग एकत्रित हुए थे, जबकि केवल 80,000 लोगों के लिए ही अनुमति दी गई थी. 



from NDTV India - Latest https://ift.tt/n9TdsCi

भारत-रूस दोस्ती का क्या महत्व है? लोकसभा अध्यक्ष ने बताया, जानें प्रवासियों से क्या आग्रह किया

रूस में रह रहे भारतीय देश के ब्रांड एंबेसडर हैं. अपने कार्यों, योगदान और उपलब्धियों से वे भारत की छवि गढ़ते हैं. रूस में भारतीय समुदाय के लोगों को अनुशासनप्रिय, मेहनती और कानून का पालन करने वाले प्रवासियों के रूप में जाना जाता है. इन्हीं प्रवासियों ने रूस और भारत दोनों के विकास में योगदान करके प्रत्येक भारतीय को गौरवान्वित किया है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने येे बातें रूस की धरती पर कही. वह रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में 10वें ब्रिक्स संसदीय मंच में भारतीय संसदीय शिष्टमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं.

ओम बिरला ने कहा कि संख्या में कम होने के बावजूद, भारत के सांस्कृतिक कार्यक्रमों और त्योहारों में उनकी सक्रिय और जीवंत भागीदारी रहती है. उन्होंने प्रवासी भारतीयों से रूस में अपनी मातृभूमि के बारे में जानकारी देने और दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत बनाने का आग्रह किया.

भारतीय त्योहारों में रूस के लोगों के शामिल होने के बारे में बात करते हुए बिरला ने कहा कि दोनों देशों के लोगों के बीच घनिष्ठ संबंध ही हमारे द्विपक्षीय संबंधों का आधार हैं. रूस के लोगों के मन में भारतीय संस्कृति और विविधताओं के बारे में जानने की उत्सुकता है. बिरला ने प्रवासी भारतीयों से आग्रह किया कि वे भारत की समृद्ध सनातन संस्कृति, योग, पुरातन ज्ञान और यहां की विविधताओं के बारे में रूस के लोगों को जानकारी दें. उन्हें भारत आने के लिए प्रोत्साहित करें.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल की रूस यात्रा और रूस में भारतीय समुदाय के साथ उनकी बातचीत का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि वर्तमान सरकार के प्रयासों से देश में बदलाव, विकास और समृद्धि का एक नया युग आरंभ हुआ है. बिरला ने यह भी कहा कि तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद भी नरेंद्र मोदी की ऊर्जा, देश सेवा के लिए उनके उत्साह और विकसित भारत के उनके संकल्प से सभी को निस्वार्थ भाव से देश की सेवा करने की प्रेरणा मिलती है.

उन्होंने कहा कि भारत में हो रहे बदलावों से वैश्विक स्तर पर भारतीयों का सम्मान बढ़ा है और भारतीय पासपोर्ट का महत्व भी बढ़ा है. भारत और रूस के बीच संबंधों के बारे में बात करते हुए बिरला ने कहा कि दोनों देशों के संबंध परस्पर विश्वास और सम्मान पर आधारित हैं. जब भी भारत या रूस को किसी चुनौती का सामना करना पड़ा है, दोनों देशों ने एक-दूसरे का साथ दिया है. भारत और रूस के बीच एक अनूठा रिश्ता रहा है, दोस्ती और परिवार का.

बिरला ने कहा कि रूस भारत के सुख-दुख का साथी रहा है और भारत का भरोसेमंद दोस्त भी है. सुरक्षा, रक्षा, व्यापार, अर्थव्यवस्था, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, सैटेलाइट नेविगेशन और रिमोट सेंसिंग, शिक्षा और संस्कृति में सहयोग सहित लगभग हर क्षेत्र में दोनों देशों के बीच साझेदारी रही है. बिरला ने प्रवासी भारतीयों से दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत बनाने और साझा हितों को बढ़ावा देने का आग्रह किया. उन्होंने भारतीय समुदाय के लोगों को गर्मजोशी और सद्भावना से किए गए आतिथ्य- सत्कार के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने इस संवाद का अवसर प्रदान करने के लिए मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास को भी धन्यवाद दिया.



from NDTV India - Latest https://ift.tt/Ctns9Te

Sunday, July 14, 2024

Amazon के सबसे ज्यादा बिकने वाले किचन स्टोरेज और कंटेनर पर 30% तक की छूट पाएं

हर घर में, कुशल भोजन तैयार करने और क्लटर-फ्री एनवायरनमेंट के लिए एक ऑर्गनाइज्ड किचन आवश्यक है. किचन स्टोरेज और कंटेनरों पर अमेज़ॅन की स्पेशल डील आपकी किचन को अधिक कार्यात्मक और सौंदर्य की दृष्टि से मनभावन स्थान में बदलने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करती है. इस डील के साथ कुशल भोजन तैयारी और क्लटर-फ्री एनवायरनमेंट सुनिश्चित करें. सबसे अधिक बिकने वाले कुछ प्रोडक्ट्स पर प्रकाश डालते हुए, सुनिश्चित करें कि आपकी किचन साफ-सुथरी रहे और सामान आसानी से उपलब्ध हो.

Top 15 Myntra Deals On Kitchen Storage And Containers At A Minimum Of 30% Off

1. VOLTURI Fridge Storage Boxes (Pack Of 6)

Discount: 50% | Price: ₹499 | M.R.P.: ₹999 | Rating: 4.2 out of 5 stars

ये बहुमुखी स्टोरेज बक्से आपके फलों, सब्जियों, मांस और मछली को लंबे समय तक ताज़ा रखने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं. प्रत्येक कंटेनर एक हटाने योग्य ड्रेन प्लेट के साथ आता है, जो आपकी उपज को पानी में बैठने और गीला होने से बचाता है. 100% फ़ूड-ग्रेड पॉलीप्रोपाइलीन से बने, ये कंटेनर न केवल टिकाऊ हैं बल्कि BPA-फ्री भी हैं, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि आपका भोजन सुरक्षित और दूषित न रहे. चाहे आप अपने फ्रिज को ऑर्गेनाइजिंग कर रहे हों या सप्ताह भर के लिए भोजन तैयार कर रहे हों, ये स्टोरेज बक्से ताजगी बनाए रखने और फ्रिज की जगह को अधिकतम करने के लिए एक सुविधाजनक सॉल्यूशन प्रदान करते हैं.
 

खासियतें: 

  • वॉटर ड्रेन ट्रे 
  • स्टैकेबल डिज़ाइन
  • फ़ूड-ग्रेड मटेरियल
  • आसान सफाई

2. Milton Aura 1000 Thermosteel Bottle, 1.05 Litre, Black

Discount: 20% | Price: ₹932 | M.R.P.: ₹1,165 | Rating: 4.3 out of 5 stars

यह स्लीक और स्टाइलिश थर्मोस्टील बोतल आपके हॉट बेवरेजेज को 24 घंटे तक गर्म या ठंडा रखने के लिए एकदम सही है, इसके डबल-दीवार वाले वैक्यूम इन्सुलेशन के लिए धन्यवाद. हाई क्वालिटी वाले स्टेनलेस स्टील से निर्मित, यह रस्ट-प्रूफ और लीक-प्रूफ दोनों है, जो इसे दैनिक उपयोग के लिए आदर्श बनाता है. बोतल में एक सुविधाजनक कैरी स्ट्रिंग भी है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि आप इसे जहां भी जाएं अपने साथ ले जा सकें. अपनी आंतरिक तांबे की कोटिंग के साथ, यह थर्मोस्टील बोतल तापमान बनाए रखने को बढ़ाती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि आपका पेय पूरे दिन सही तापमान पर रहे.

खासियतें: 

  • रस्ट-प्रूफ और लीक-प्रूफ डिज़ाइन
  • डोरी ले जाना
  • कॉम्पैक्ट साइज
  • भीतरी तांबे की परत

3. CELLO Modustack Glassy Storage Jar (Set of 3)

Discount: 20% | Price: ₹499 | M.R.P.: ₹627 | Rating: 4.5 out of 5 stars

ये स्टाइलिश ग्लास जार सूखे खाद्य पदार्थ, दालें, मसाले और अनाज के स्टोरेज के लिए बिल्कुल उपयुक्त हैं. एयरटाइट स्टील के ढक्कन यह सुनिश्चित करते हैं कि हवा और नमी को दूर रखकर आपका भोजन अधिक समय तक ताज़ा रहे. चौड़े मुंह वाला डिज़ाइन जार तक पहुंच और सफाई को आसान बनाता है, जबकि उनकी स्टैकेबल सुविधा मूल्यवान काउंटर और पेंट्री स्थान को बचाने में मदद करती है. चाहे आप अपनी किचन को ऑर्गेनाइज्ड करना चाह रहे हों या अपने स्टोरेज सॉल्यूशन में सुंदरता का स्पर्श जोड़ना चाह रहे हों, ये ग्लास जार एक उत्कृष्ट विकल्प हैं.

खासियतें: 

  • एयरटाइट ढक्कन
  • स्टैकेबल डिज़ाइन
  • रेफ्रिजरेटर सुरक्षित
  • टिकाऊ और डिशवॉशर-सुरक्षित

4. Claiez Dish Drying Mat For Kitchen (40 x 60 cm)

Discount: 68% | Price: ₹378 | M.R.P.: ₹1,199 | Rating: 4.5 out of 5 stars

यह डिश सुखाने वाली चटाई किसी भी किचन के लिए जरूरी है, जो आपके काउंटरटॉप्स को सूखा और साफ रखने के लिए उच्च जल अवशोषण प्रदान करती है. जल्दी सूखने वाली सामग्रियों से निर्मित, यह बैक्टीरिया और फफूंद के विकास के जोखिम को कम करता है, जिससे किचन का स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित होता है. यह चटाई बहुमुखी है, जो काउंटरटॉप और फर्श चटाई दोनों के रूप में काम करती है, और इसका स्टाइलिश डिज़ाइन किसी भी किचन की सजावट से मेल खाता है. बर्तन और कांच के बर्तन सुखाने के लिए आदर्श, यह चटाई रोजमर्रा की किचन में उपयोग के लिए एक कुशल और स्वच्छता सॉल्यूशन प्रदान करती है.

खासियतें: 

  • उच्च जल अवशोषण क्षमता
  • तुरंत सूखता
  • बहुमुखी उपयोग
  • स्टाइलिश और कार्यात्मक

5. Amazon Brand - Solimo Plastic Storage Jar And Container Set (1100 ml, Set Of 4)

Discount: 57% | Price: ₹389 | M.R.P.: ₹899 | Rating: 4.3 out of 5 stars

ये एयरटाइट, BPA-फ्री कंटेनर आपके भोजन को ताज़ा और सूखा रखने के लिए एकदम सही हैं. स्पष्ट बॉडी आपको मटेरियल को एक नज़र में देखने की अनुमति देती है, जिससे आपको जो चाहिए उसे ढूंढना आसान हो जाता है. स्टैकेबल डिज़ाइन स्टोरेज दक्षता को अधिकतम करता है, यह सुनिश्चित करता है कि आपकी पेंट्री, फ्रिज या अलमारियां ऑर्गेनाइज्ड रहें. चाहे आप पास्ता, चावल, या स्नैक्स का स्टोरेज कर रहे हों, ये कंटेनर भोजन की ताजगी बनाए रखने के लिए एक व्यावहारिक और विश्वसनीय सॉल्यूशन प्रदान करते हैं.

खासियतें: 

  • सिलिकॉन गैसकेट के साथ एयरटाइट सील
  • फ्लिप-टॉप ढक्कन
  • जगह बचाने वाला और स्टैकेबल
  • ट्रांसपेरेंट शरीर

6. Kitchenwell Airtight Plastic Square Container Set (1100 ml, Set Of 8)

Discount: 14% | Price: ₹429 | M.R.P.: ₹499 | Rating: 3.9 out of 5 stars

विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों के स्टोरेज के लिए आदर्श, ये अटूट कंटेनर जगह बचाने और ताजगी बनाए रखने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं. BPA फ्री प्लास्टिक से बने, वे खाद्य स्टोरेज के लिए सुरक्षित हैं और साफ करने में आसान हैं. ट्रांसपेरेंट डिज़ाइन आपको मटेरियल को आसानी से पहचानने की अनुमति देता है, जबकि स्टैकेबल सुविधा आपके किचन स्टोरेज स्थान को अनुकूलित करने में मदद करती है. ये कंटेनर टिकाऊ और बहुमुखी हैं, जो इन्हें किसी भी किचन के लिए एक बढ़िया अतिरिक्त बनाते हैं.

खासियतें: 

  • BPA फ्री और डिशवॉशर सुरक्षित
  • ट्रांसपेरेंट डिज़ाइन
  • जगह बचाने वाला और स्टैकेबल
  • टिकाऊ निर्माण

7. GOLWYN Air Tight Containers For Kitchen Storage Set (700 ml, Set Of 4)

Discount: 13% | Price: ₹375 | M.R.P.: ₹429 | Rating: 4 out of 5 stars

ये बहुमुखी, BPA-फ्री कंटेनर स्नैक्स से लेकर कार्यालय आपूर्ति तक कई प्रकार की वस्तुओं को संग्रहीत करने के लिए बिल्कुल उपयुक्त हैं. उनका स्पष्ट डिज़ाइन मटेरियल की आसान पहचान सुनिश्चित करता है, जबकि एयरटाइट सील आपके भोजन को ताज़ा और सूखा रखती है. कंटेनर भी स्टैकेबल होते हैं, जिससे मूल्यवान किचन स्थान की बचत होती है. चाहे आप अपनी पेंट्री ऑर्गेनाइज्ड कर रहे हों या दोपहर का भोजन पैक कर रहे हों, ये कंटेनर एक सुविधाजनक और इको-फ्रेंडली स्टोरेज सॉल्यूशन प्रदान करते हैं.

खासियतें: 

  • स्टैकेबल और जगह बचाने वाला
  • आसानी से देखने के लिए ट्रांसपेरेंट
  • 100% रिसावरोधी
  • विभिन्न स्टोरेज आवश्यकताओं के लिए उपयुक्त

8. PEARLPET Tiffany Plastic Containers For Kitchen Storage (300 ml, Set Of 6)

Discount: 15% | Price: ₹358.90 | M.R.P.: ₹420 | Rating: 4.2 out of 5 stars

ये कॉम्पैक्ट, स्टैकेबल जार चम्मचों के साथ आते हैं, जो इन्हें मसालों और अन्य छोटी किचन की वस्तुओं के लिए एकदम सही बनाते हैं. BPA फ्री मटेरियल से बने, वे खाद्य स्टोरेज के लिए सुरक्षित हैं और दीर्घकालिक उपयोग के लिए टिकाऊ हैं. एयरटाइट डिज़ाइन आपके मसालों को ताज़ा रखता है, और ट्रांसपेरेंट बॉडी मटेरियल की आसान पहचान की अनुमति देती है. ये जार आपकी किचन को ऑर्गेनाइज्ड करने और यह सुनिश्चित करने के लिए आदर्श हैं कि आपके मसाले हमेशा पहुंच में हों. within reach.

खासियतें: 

  • एयरटाइट और स्टैकेबल
  • सुविधा के लिए चम्मच शामिल हैं
  • आसान मटेरियल पहचान के लिए ट्रांसपेरेंट
  • कॉम्पैक्ट डिज़ाइन जगह बचाता है
  • सही किचन स्टोरेज सॉल्यूशन कैसे चुनें:
  • किचन स्टोरेज कंटेनरों का चयन करते समय, निम्नलिखित कारकों पर विचार करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आप अपनी आवश्यकताओं के लिए बेस्ट विकल्प चुन सकें:

9. GOLWYN Air Tight Containers For Kitchen Storage Set, BPA Free, 1100ml, Set Of 8

Discount: 64% | Price: ₹895 | M.R.P.: ₹2,499 | Rating: 4.2 out of 5 stars

GOLWYN के एयरटाइट कंटेनरों से अपने भोजन को ताज़ा रखें. सिलिकॉन गैसकेट ढक्कन आपके भोजन की ताजगी को बरकरार रखते हुए एक वायुरोधी सील सुनिश्चित करते हैं. टिकाऊ, BPA फ्री प्लास्टिक से बने, ये कंटेनर मसाले, सूखे खाद्य पदार्थ और बहुत कुछ स्टोरेज के लिए एकदम सही हैं.

खासियतें: 

  • एयरटाइट और रिसावरोधी
  • BPA फ्री और फ़ूड-ग्रेड मटेरियल
  • आसान पहचान के लिए ट्रांसपेरेंट
  • जगह बचाने वाला डिज़ाइन

10. Shalimar Zip 'N' Lock Plastic Slider Bag Combo Pack (45 bags)

Discount: 27% | Price: ₹318 | M.R.P.: ₹434 | Rating: 4.3 out of 5 stars

Shalimar के ये बहुमुखी, मल्टी-पर्पस स्टोरेज बैग आपके फलों, सब्जियों और अन्य वस्तुओं को ताज़ा रखने के लिए बिल्कुल उपयुक्त हैं. ज़िप लॉक स्लाइडर एक वायुरोधी सील सुनिश्चित करता है, जबकि टिकाऊ, बहुस्तरीय फिल्म लीक और गंध को रोकती है.

खासियतें: 

  • गंध-फ्री और रिसाव-रोधी
  • मल्टी-पर्पस यूज़ 
  • धोने योग्य और री-यूज़ेबल
  • सुविधा के लिए लेबल

11. Amazon Brand - Solimo Modular Plastic Storage Containers With Lid, Set Of 6, 1.2L, Blue

Discount: 54% | Price: ₹599 | M.R.P.: ₹1,300 | Rating: 4.4 out of 5 stars

Solimo के मॉड्यूलर स्टोरेज कंटेनर सुविधा और ड्यूरेबिलिटी के लिए डिज़ाइन किए गए हैं. एयरटाइट ढक्कन आपके भोजन को ताज़ा और नमी से फ्री रखते हैं, जबकि स्टैकेबल डिज़ाइन आपकी किचन में जगह बचाने में मदद करता है.

खासियतें: 

  • एयरटाइट ढक्कन
  • BPA फ्री और भोजन-सुरक्षित
  • माइक्रोवेव और फ्रीजर-सुरक्षित
  • जगह बचाने के लिए स्टैकेबल

12. Xiran 6 Fridge Storage Boxes With Removable Drain Plate And Lid, 1500ml

Discount: 73% | Price: ₹399 | M.R.P.: ₹1,499 | Rating: 4 out of 5 stars

Xiran के फ्रिज स्टोरेज बक्से आपके भोजन को ऑर्गेनाइज्ड और ताज़ा रखने के लिए आदर्श हैं. तल पर हटाने योग्य ड्रेन प्लेट नमी को निकालने में मदद करती है, जिससे आपके फल और सब्जियां लंबे समय तक ताजा रहती हैं. स्टैकेबल डिज़ाइन फ्रिज की जगह को अधिकतम करता है.

खासियतें: 

  • मल्टी-पर्पस यूज़ 
  • स्टैकेबल और जगह बचाने वाला
  • टिकाऊ और फ़ूड-ग्रेड मटेरियल
  • ट्रांसपेरेंट डिज़ाइन

13. MILTON Super 1000 Stainless Steel Water Bottle, 1000ml, Silver

Discount: 22% | Price: ₹344 | M.R.P.: ₹441 | Rating: 3.8 out of 5 stars

मिल्टन की स्टेनलेस स्टील की पानी की बोतल आपके बेवरेजेज को घंटों तक ठंडा या गर्म रखने के लिए एकदम सही है. लीक-प्रूफ़ डिज़ाइन इसे जिम, कार्यालय या लंबी पैदल यात्रा पर ले जाने के लिए आदर्श बनाता है. इसे साफ करना और रखरखाव करना आसान है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि यह स्वच्छ रहे.

खासियतें: 

  • लीक-प्रूफ और गंध-फ्री
  • टिकाऊ स्टेनलेस स्टील
  • ले जाने और साफ करने में आसान
  • 100% फ़ूड-ग्रेड

14. Zepdos Stainless Steel 2-Tier Kitchen Rack, 20D x 20W x 20H Centimetres

Discount: 77% | Price: ₹299 | M.R.P.: ₹1,299 | Rating: 4.1 out of 5 stars

Zepdos का यह मजबूत स्टेनलेस स्टील रैक आपके मसालों और बर्तनों को ऑर्गेनाइज्ड करने के लिए बिल्कुल उपयुक्त है. दो-स्तरीय डिज़ाइन कई वस्तुओं को रखने के दौरान जगह बचाता है, जिससे आपकी किचन अधिक कुशल और ऑर्गेनाइज्ड हो जाती है.

खासियतें: 

  • टिकाऊ स्टेनलेस स्टील फ्रेम
  • जगह बचाने वाला दो-स्तरीय डिज़ाइन
  • पहुंचना और साफ करना आसान
  • विभिन्न किचन वस्तुओं के लिए उपयुक्त

15. CELLO Checkers Pet Plastic Airtight Canister Set, 300ml x 6, 650ml x 6, 1200ml x 6

Discount: 48% | Price: ₹579 | M.R.P.: ₹1,119 | Rating: 4.4 out of 5 stars

CELLO का एयरटाइट कनस्तर सेट किसी भी किचन के लिए बहुमुखी है. फ़ूड-ग्रेड, BPA-फ्री प्लास्टिक से बने, ये कंटेनर आपके भोजन को ताज़ा और बाहरी गंध से फ्री रखते हैं. स्टैकेबल डिज़ाइन आपके स्टोरेज स्थान को अधिकतम करता है.

खासियतें: 

  • ताज़गी के लिए एयरटाइट सील
  • टिकाऊ और टूटने से बचाने वाला
  • BPA-फ्री और भोजन-ग्रेड
  • गंध रहित स्टोरेज

एक ऑर्गेनाइज्ड और कुशल खाना पकाने के माहौल के लिए किचन के स्थान को अधिकतम करना आवश्यक है. अमेज़ॅन की सबसे अधिक बिकने वाली किचन स्टोरेज और कंटेनरों की सीरीज आपकी किचन को साफ-सुथरा और कार्यात्मक बनाए रखने के लिए व्यावहारिक सॉल्यूशन प्रदान करती है. एयरटाइट कंटेनरों से लेकर बहुमुखी स्टोरेज बक्सों तक, ये उत्पाद सुनिश्चित करते हैं कि आपका भोजन ताज़ा रहे और आपकी किचन अव्यवस्था फ्री रहे. सही स्टोरेज सॉल्यूशन में निवेश करके, आप अपने खाना पकाने के अनुभव को बढ़ा सकते हैं, भोजन की बर्बादी को कम कर सकते हैं और एक स्वच्छ, ऑर्गेनाइज्ड किचन बनाए रख सकते हैं जो आपके घर के दिल के रूप में कार्य करती है. अभी अमेज़ॅन पर खरीदारी करें.



from NDTV India - Latest https://ift.tt/NIR3oXG