Thursday, November 30, 2023

बिहार : बेगूसराय में नर्सरी की 2 छात्राओं के साथ रेप, आरोपी वैन चालक गिरफ्तार

बिहार के बेगूसराय से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. स्कूली वैन चालक ने दो स्कूली छात्राओं से रेप की घटना को अंजाम दिया है. दोनों मासूम के साथ स्कूल से घर पंहुचाने के दौरान रास्ते में वैन ड्राइवर ने घटना को अंजाम दिया है. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने वैन चालक को गिरफ्तार कर लिया है वहीं दूसरी ओर घटना से आक्रोशित लोगों ने स्कूली वैन में आग लगा दी. घटना बीरपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की है. बताया जाता है कि मंगलवार को स्कूल की छुट्टी के बाद ड्राइवर दोनों बच्ची को घर लेकर जा रहा था, तभी सुनसान जगह पर ले जाकर उसने दोनों बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया.

घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी ड्राइवर दोनों बच्ची को उसके घर पंहुचा दिया घर पहुंचते ही दोनों बच्चियों को परिजनों ने उसकी हालत खराब देखकर पूछताछ की तो पूरी घटना सामने आई. जिसके बाद परिजन ने ग्रामीणों के सहयोग से ड्राइवर को पकड़ लिया और उसके साथ मारपीट की और फिर स्कूली वाहन में आग लगा दिया . दोनों बच्ची की उम्र पांच साल के करीब है और वो एक निजी विद्यालय में नर्सरी की छात्रा हैं फिलहाल दोनों बच्चियों को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसका इलाज चल रहा है.

इस मामले में पुलिस ने आरोपी ड्राइवर मुफस्सिल थाना क्षेत्र के एघु गांव निवासी सिकंदर राय को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पुछताछ कर रही है. इस मामले में सदर डीएसपी अमित कुमार ने बताया कि दो बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया है. पुलिस के द्वारा तत्काल कारवाई करते हुए दुष्कर्म के आरोपी ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया. घटना का साक्ष्य संग्रह किया जा रहा है और पूरे मामले की जांच की जा रही है.

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तेलंगाना की 119 सीटों पर वोटिंग आज, 3.26 करोड़ मतदाता 2,290 उम्मीदवारों की लिखेंगे किस्मत

  1. तेलंगाना के 106 निर्वाचन क्षेत्रों में गुरुवार सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक और 13 वामपंथी उग्रवाद (LWE) प्रभावित निर्वाचन क्षेत्रों में सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान होगा. 
  2. चुनाव में 2,290 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव, उनके मंत्री-बेटे केटी रामाराव, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ए. रेवंत रेड्डी और बीजेपी के लोकसभा सदस्य बी. संजय कुमार और डी अरविंद शामिल हैं.
  3.  तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति ने सभी 119 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. बीजेपी सीट बंटवारे के समझौते के मुताबिक 111 सीटों पर लड़ रही है. बाकी 8 सीटें एक्टर पवन कल्याण की अगुवाई वाली जन सेना के लिए छोड़ी गई है. 
  4. कांग्रेस ने अपनी सहयोगी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (BKP) के एक सीट दी है. कांग्रेस खुद 118 सीट पर लड़ रही है.
  5. असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (AIMIM) ने हैदराबाद शहर के 9 निर्वाचन क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारे हैं.
  6.  मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव दो निर्वाचन क्षेत्रों गजवेल और कामारेड्डी में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. वह निवर्तमान विधान सभा में गजवेल का प्रतिनिधित्व करते हैं.
  7.  कामारेड्डी और गजवेल में रोमांचक मुकाबले देखने को मिल रहा है. कांग्रेस ने कामारेड्डी में मुख्यमंत्री का मुकाबला करने के लिए अपने प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड्डी को मैदान में उतारा है. वहीं, बीजेपी उम्मीदवार वेंकट रमण रेड्डी भी मजबूत माने जा रहे हैं.
  8. गजवेल में बीजेपी ने मुख्यमंत्री राव के खिलाफ अपने चुनाव अभियान अध्यक्ष एटाला राजेंद्र को मैदान में उतारा है. लोकसभा सदस्य रेवंत रेड्डी कोडंगल से भी चुनाव लड़ रहे हैं, जिसका उन्होंने पहले प्रतिनिधित्व किया था. 
  9. मुख्य निर्वाचन अधिकारी विकास राज ने कहा है कि विधानसभा चुनाव के लिए 2.5 लाख से अधिक कर्मचारियों को ड्यूटी पर लगाया गया है. वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी.
  10. तेलंगाना में पहली बार दिव्यांगों और 80 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं को घर पर मतदान की सुविधा मिलेगी. निर्वाचन आयोग ने आईटी कंपनियों सहित सभी निजी प्रतिष्ठानों को 30 नवंबर को छुट्टी घोषित करने का आदेश दिया है.


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Uttarkashi Tunnel Collapse: आखिर क्यों हुआ सिलक्यारा टनल हादसा? उत्तराखंड सरकार करेगी रिव्यू

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल हादसा (Uttarkashi Tunnel Collapse) देशभर में तमाम प्रोजेक्ट में काम कर रही कंपनियों के लिए एक उदाहरण बन गया है. इसलिए ये हादसा क्यों हुआ, इसका पता लगाना बेहद जरूरी है. ताकि इस हादसे के पीछे के कारणों का पता चल सके और उसे आगे दुरुस्त किया जा सके. साथ ही इस हादसे के जिम्मेदार लोगों को सजा भी मिल सके. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami) ने सिल्क्यारा हादसे की विस्तृत समीक्षा किए जाने की बात कही है. वहीं, इस हादसे से सबक लेते हुए नेशनल हाइवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने सभी 29 निर्माणाधीन टनल की ऑडिट करने का फैसला किया है.

टनल एक्सपर्ट्स मानते हैं कि देश में रेलवे के टनल और हाइड्रोपावर टनल की भी सेफ्टी ऑडिट होनी चाहिए. टनल एक जोखिम भरा वेंचर है. ऐसे में सरकार को इस हादसे से सीख लेते हुए आगे बढ़ना होगा. 

देश में टनल की डिज़ाइन और कंस्ट्रक्शन की गाइडलाइन्स तय करने के लिए गठित सरकार की एक्सपर्ट कमिटी के सदस्य और IIT दिल्ली के प्रोफेसर जगदीश तेलंगराव साहू ने NDTV से कहा, "सिलक्यारा हादसा जिस परिस्थिति में हुआ, उसको लेकर देश में टनल कंस्ट्रक्शन को लेकर कई बड़े सवाल खड़े हुए हैं. हमें साइट इनवेस्टिगेशन पर और ध्यान देना होगा. यानी जिस जगह पर खुदाई की जा रही है, वहां ये पता लगाया जाना चाहिए कि वहां किस तरह की चट्टानें हैं. इन चट्टानों का स्ट्रक्चर क्या है. वहां लूज चट्टान तो नहीं हैं या वहां कोई फॉल्ट तो नहीं हैं." 

उन्होंने कहा, "हमें खुदाई के समय कई चीज़ें नहीं पता होती हैं. खुदाई से पहले ये सब पता लगाया जाना चाहिए. ये सारी चीज़ें टनल कंस्ट्रक्शन के डिज़ाइन इनपुट में शामिल होनी चाहिए". 

विशेषज्ञों के मुताबिक सवाल सुरक्षा पैमाने को लेकर भी उठ रहे हैं. इस मामले में एस्केप टनल (Escape Tunnel) का न होना दुर्भाग्यपूर्ण था.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
प्रोफेसर जगदीश तेलंगराव साहू ने NDTV से कहा, "टनल के कंस्ट्रक्शन के दौरान दो पहलू महत्वपूर्ण होते हैं. खुदाई से पहले साइड इन्वेस्टिगेशन के ज़रिये आप नॉन-डिस्ट्रक्टिव टेस्टिंग या बोर होल्स (Bore Holes)के ज़रिये जानकारी इकट्ठा करें."

प्रोफेसर जगदीश तेलंगराव साहू कहते हैं, "अगर हम New Austrian Tunneling Method से डिजाइन करते हैं, तो इसके ज़रिये खुदाई के दौरान फीडबैक मैकेनिज्म भी लिया जा सकता है. ऐसे में कहीं लूज चट्टान आई, तो आप उस जगह की डिज़ाइन को मॉडिफाई कर सकते हैं. फीडबैक लूप टनलिंग में जरूरी है, इसे अभी फॉलो नहीं किया जाता है."

क्या कहते हैं सीएम?
वहीं, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को NDTV से कहा, "हादसे की समीक्षा की जाएगी. राज्य में पहले भी बड़ी-बड़ी सुरंगें बन चुकी हैं, लेकिन यह हादसा कैसे हुआ इसकी समीक्षा की जाएगी. जो भी कमियां पायी जाएंगी हम उसे दूर करेंगे."  

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Wednesday, November 29, 2023

इजरायली बंधकों की रिहाई के लिए इजिप्ट ने हमास चीफ पर बनाया था दबाव, सीजफायर तोड़ने की हुई थी कोशिश

इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास (Hamas) के बीच 7 अक्टूबर से जंग (Israel-Palestine Conflict)चल रही है. 24 नवंबर को दोनों के बीच 4 दिनों के सीजफायर के लिए समझौता हुआ था. बाद में इस समझौते को 2 दिन और यानी बुधवार सुबह 7 बजे तक के लिए बढ़ा दिया गया है. कतर और मिस्र की मध्यस्थता के बाद यह फैसला लिया गया. सीजफायर (Israel-Hamas Ceasefire) को लेकर कतर और मिस्र (इजिप्ट) शुरुआत से ही इजरायल और हमास से बात कर रहे थे. हालांकि, इस दौरान हमास के नेता याह्या सिनवार (Yahya Sinwar) से खलल डालने की पूरी कोशिश की थी. इसके बाद मिस्र ने सिनवार पर इजरायली बंधकों को छोड़ने के लिए खास दबाव बनाया था.

समाचार एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, जैसे ही इजरायल और हमास अपने अस्थायी युद्धविराम को दो दिनों के लिए बढ़ाने पर सहमत हुए मिस्र ने हमास नेता याह्या सिनवार पर भारी दबाव बनाना शुरू किया. काहिरा में आधिकारिक सर्कल तक पहुंच रखने वाले मिस्र के एक सूत्र ने ताज़पिट प्रेस सेवा को बताया, "सीजफायर के दौरान दो बार पार्टियां संकट में पड़ गईं. याह्या सिनवार ने समझौतों का उल्लंघन करने की कोशिश की. पहली बार पिछले शनिवार की रात मिस्र के खुफिया अधिकारी राफाह क्रॉसिंग पर पहुंचे. वहां सिनवार को कड़े शब्दों में चेतावनी दी गई थी."

इजरायल-हमास के बीच 2 दिन बढ़ा सीजफायर, कतर और इजिप्ट ने मिलकर क्या करवाई डील?

उन्होंने कहा, "सिनवार को चेतावनी दिए जाने के कुछ घंटों बाद सीजफायर को 2 दिन बढ़ाने का ऐलान हुआ. फिर हमास ने देर रात इजरायली बंधकों को रिहा कर दिया." हमास ने सोमवार देर रात 11 और इजरायली नागरिकों को रिहा कर दिया. इनमें 9 बच्चे और 2 महिलाएं शामिल हैं.

रविवार को जब इजरायल को यह स्पष्ट हो गया कि हमास की ओर से जारी किए गए इजरायली बंधकों की लिस्ट शर्तों के हिसाब से नहीं है, तो इजरायल ने तुरंत मिस्र से कॉन्टैक्ट किया. फिर मिस्र ने सिनवार पर दबाव बनाना शुरू किया. हमास ने शुरू में कतर के मध्यस्थता वाले अस्थायी युद्धविराम का उल्लंघन करते हुए बच्चों को उनकी मां के बिना रिहा करने की बात कही. बाद में मिस्र और कतर के दखल के बाद हमास ने अपना रुख साफ किया.

हमास ने नरम रुख अपनाते हुए दो बच्चों के स्थान पर दो महिलाओं के नाम जोड़ दिए. इसमें शर्त यह रखी गई कि कैदियों की अदला-बदली को आगे भी बढ़ावा दिया जाए. 

गाजा में 'कैद' से 4 दिनों तक बचता रहा इजरायली युवा, हमास ने रूस को 'खुश' करने के लिए किया रिहा

इजरायल सुरक्षा एजेंसी (शिन बेट) के पूर्व डायरेक्टर एवी डिचर ने कई दिन पहले टीपीएस को बताया था, "कतर की सक्रिय भागीदारी के बावजूद आखिर में हमास के साथ सौदे मिस्र के दबाव में किए गए हैं. क्योंकि सिनवार मिस्र की ओर से बनाए जा रहे दबाव के प्रति सतर्क थे." डिचर वर्तमान में कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री के रूप में कार्यरत हैं.

गाजा में इजरायली बंधकों से मिला था सिनवार
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, हमास ने अब तक जिन बंधकों को छोड़ा है, उनसे याह्या सिनवार ने बात की थी. सिनवार ने बंधकों से तब बात की थी जब उन्हें गाजा में कैद करके रखा गया था. हमास की कैद से छूट कर आने के बाद बंधकों ने यह खुलासा किया है. याह्या सिनवार ने हिब्रू भाषा में कहा था कि आप सभी सबसे सुरक्षित जगह पर हैं. यहां डरने वाली कोई बात नहीं है. 

हमास ने गाजा में बंधक बनाए गए 11 और लोगों को रिहा किया : इजरायली सेना

मंगलवार को हमास और इजरायल ने एक-दूसरे पर सीजफायर तोड़ते हुए हमले करने का आरोप लगाया है. हालांकि, दोनों ने ही इन आरोपों को खारिज किया है.

अब तक कितने बंधक और इजरायली कैदी हुए रिहा? 
इजरायल ने भी देश के अलग-अलग जेलों में बंद 30 बच्चों और 3 महिलाओं समेत 33 फिलिस्तीनियों को छोड़ दिया. AFP के मुताबिक, इजरायल ने अब तक अपनी जेलों से 150 फिलिस्तीनियों को रिहा किया. हमास ने 69 बंधकों को छोड़ा है. इनमें 50 इजरायली बंधक और 19 विदेशी नागरिक शामिल हैं. 

अभी और कितने बंधक होंगे रिहा?
अमेरिकी नेशनल सिक्योरिटी के स्पोक्सपर्सन जॉन किर्बी ने कहा कि सीजफायर के अगले दो दिन में हमास ने 20 महिलाओं और बच्चों को रिहा करने का वादा किया है. इजरायल ने कहा कि वो आने वाले 2 दिन में 50 फिलिस्तीनियों को रिहा करेगा.

जो बाइडेन ने अगले 2 दिन के लिए इजरायल- हमास के बीच संघर्ष विराम समझौते को बढ़ाने का स्वागत किया

जंग खत्म करना चाहता है हमास
अल जजीरा के मुताबिक, हमास लीडर गाजी हमद ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि सीजफायर करके हम जल्द जंग खत्म कर पाएंगे. साथ ही इससे फिलिस्तीनी लोगों पर हो रहे हमलों को रोका जा सकेगा."

गाजा में कैसे हैं हालात? 
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस का कहना है कि गाजा के हाल हर दिन बदतर होते जा रहे हैं. वहां दो-चार दिन के सीजफायर नहीं, बल्कि जंग खत्म करने की जरूरत है. गुटेरेस ने कहा- "पूर्ण युद्धविराम गाजा की समस्याओं का हल है. यही लोगों के हित में भी है. हमास को भी बिना किसी शर्त सभी बंधकों को आजाद कर देना चाहिए."

जंग में अब तक कितने लोगों की मौत?
अलजजीरा के मुताबिक, 53 दिनों से चल रही जंग में अब तक 15 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है. वहीं, हमास के हमले में करीब 1200 इजरायली मारे जा चुके हैं.

सीजफायर बढ़ना चाहिए या नहीं? जानें क्या है गाजा और इजरायल के लोगों की राय



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देखें तस्वीरें: 17 दिनों के बाद उत्तरकाशी सुरंग से बाहर निकले मजदूरों के चेहरे पर आई मुस्कान

उत्तरकाशी में 17 दिन बाद आखिरकार उम्मीद की जीत हुई. उत्तरकाशी की सिल्कयारा सुरंग में फंसे मजदूरों को मंगलवार शाम को बाहर निकाला गया. जिसके बाद 17 दिनों से चल रहा मैराथन ऑपरेशन खत्म हो गया. इससे देश को बड़ी राहत मिली.

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17 कठिन दिनों और बचाव अभियान में कई असफलताओं के बाद, बचाव अभियान सफल रहा और श्रमिकों को एक-एक करके सुरंग से बाहर लाया गया.

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श्रमिकों को प्रतिबंधित मैनुअल "रैट-होल" खनन तकनीक की मदद से बाहर लाया गया, जिसका उपयोग हाई-टेक मशीनों या ऑगर्स द्वारा लगभग 60 मीटर चट्टान के माध्यम से ड्रिल करने में विफल होने के बाद किया गया था.

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घटनास्थल पर मौजूद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रमिकों से मुलाकात की. उन्होंने बचाव कार्य में लगे कर्मियों एवं कर्मियों के मनोबल एवं साहस की सराहना की.

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श्रमिकों को बाहरी मौसम के अनुकूल बनाने के लिए सुरंग के अंदर एक अस्थायी अस्पताल बनाया गया और आपात स्थिति के लिए वायु सेना का चिनूक हेलिकॉप्टर भी खड़ा था.

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12 नवंबर को सुरंग का एक हिस्सा धंस गया, जिसका मलबा सुरंग के सिल्कयारा किनारे के 60 मीटर के हिस्से में गिरा, जिससे निर्माणाधीन ढांचे के अंदर 41 मजदूर फंस गए.



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Tuesday, November 28, 2023

धर्मेंद्र के साथ नजर आ रहे यंग बॉय के साथ फिल्में करने से घबराती थीं हीरोइनें, रामानंद सागर की रामायण में था अहम रोल, पहचाना क्या?

अक्सर हम आपको आपके पसंदीदा एक्टरों की ऐसी तस्वीरें दिखाते हैं, जिसमें उन्हें पहचानना आपके लिए काफी मुश्किल भरा होता है. ऐसे में आज हम आपको दिखाते हैं, एक ऐसे एक्टर की तस्वीर जो एक्टिंग से पहले नेशनल लेवल के रेसलर हुआ करते थे और इंडस्ट्री में आकर भी इन्होंने इतना दमदार किरदार निभाया की टीवी पर हनुमान से लेकर पहलवान तक सभी भूमिका इन्होंने निभाई, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस एक्टर के साथ एक्ट्रेस काम करने से भी घबराती थीं.

कौन है ये हैंडसम हीरो

इस ब्लैक एंड व्हाइट पुरानी तस्वीर को जरा गौर से देखें, विंटेज लुक में इस फोटो में नजर आ रहे इस शख्स को क्या आप पहचान पाए हैं. अगर जरा सा भी कंफ्यूजन है तो एक हिंट हम आपको दे देते हैं कि उन्होंने रामानंद सागर की रामायण में एक आईकॉनिक रोल प्ले किया था. हो सकता है अब आपने गैस कर लिया हो, लेकिन जरा भी डाउट है आपका कन्फ्यूजन क्लियर करते हुए आपको बता देते हैं कि ये कोई और नहीं बल्कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के फेमस एक्टर दारा सिंह हैं जो इस फोटो में बहुत ही यंग और मासूम नजर आ रहे हैं.

पर्सनालिटी देख हीरोइनों को लगता था डर

दारा सिंह आज भले ही हमारे बीच नहीं हो, लेकिन आखिरी बार उन्हें 2007 में करीना कपूर के दादा का रोल निभाते फिल्म जब भी मेट में देखा गया था . उन्होंने अपने एक्टिंग करियर में 100 से ज्यादा फिल्में की, जिसमें किंग कोंग और फौलाद किरदार के लिए उन्हें जाना जाता है. वहीं, रामानंद सागर की रामायण में उन्होंने आईकॉनिक हनुमान का रोल प्ले किया. बता दें कि दारा सिंह ने 1952 में संगदिल फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की थी. उनकी दमदार पर्सनालिटी और रौब देखकर कई एक्ट्रेसेस उनके साथ काम करने से घबराते थीं.

पहलवान से अभिनेता फिर बने राजनेता

दारा सिंह एक मशहूर भारतीय पहलवान भी रह चुके हैं, उन्होंने 1968 में अमेरिकी चैंपियन लाऊ थेज को हराकर वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया था. 1996 में उनकी तस्वीर रेसलिंग ऑब्जर्वर न्यूजलेटर हॉल ऑफ फ्रेम में शामिल की गई. हालांकि, 1993 में ही उन्होंने कुश्ती को अलविदा कह दिया था. इसके बाद 1998 में दारा सिंह ने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन की, वह 2003 से 2009 तक राज्यसभा के सदस्य भी रहे, इतना ही नहीं वह जाट महासभा के अध्यक्ष भी थे.



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Monday, November 27, 2023

ग्लोबल पीस ऑनर्स : मुंबई में श्री श्री रविशंकर को शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया

मुंबई में हुए 26/11 के आतंकवादी हमलों के सामने शहर की दृढ़ता और बलिदानों की याद दिलाने वाली शाम को बारिश होने के बावजूद गेटवे ऑफ इंडिया तिरंगे से जगमगा उठा. मानवतावादी गुरुदेव श्री श्री रविशंकर को दुनिया भर में सेवा और सद्भाव की भावना से समुदायों को एक साथ लाने में उनके अथक योगदान के लिए शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 

आयोजन श्री श्री रविशंकर के स्वयंसेवकों और शिक्षकों की भावना और यह उनके कार्यों से प्रेरित था, जिन्होंने 26/11 के भयावह हमलों के बाद लाखों मुंबईकरों के दिल और दिमाग को पीड़ित करने वाले भावनात्मक और मानसिक घावों का सुखदायक उपचार किया.

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने श्री श्री रविशंकर को पुरस्कार प्रदान किया

यह पुरस्कार दिव्यजा फाउंडेशन द्वारा आयोजित ग्लोबल पीस ऑनर्स कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पुरस्कार प्रदान किया. कार्यक्रम में शाहरुख खान, शुबमन गिल, टाइगर श्रॉफ और सुखविंदर सिंह, अजीत पवार सहित कई प्रमुख फिल्म सितारों, क्रिकेटरों, राजनेताओं और अन्य हस्तियों ने भाग लिया.

महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा, "गुरुदेव को यह पुरस्कार दिए जाने से इस पुरस्कार का मूल्य बढ़ गया है."

मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमलों के बाद आर्ट ऑफ लिविंग के शिक्षक और स्वयंसेवक पूरे शहर में लोगों को तनाव और आघात से राहत दिलाने के लिए सत्र आयोजित करने में सबसे आगे रहे थे. उन्होंने ध्यान और श्वांस प्रक्रिया के शक्तिशाली अभ्यासों के जरिए सांत्वना के साथ लोगों के मन को शांत किया था.

26/11 के गुमनाम नायकों को श्रद्धांजलि

अमृता फडणवीस के नेतृत्व में दिव्याज फाउंडेशन ने गेटवे ऑफ इंडिया पर 26/11 के गुमनाम नायकों को श्रद्धांजलि देते हुए 'वैश्विक शांति सम्मान' कार्यक्रम आयोजित किया. फडणवीस ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, "आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई केवल एक सैन्य लड़ाई नहीं है, यह मुख्य रूप से पूरे समुदाय की एकजुट लड़ाई है."

लोकप्रिय अभिनेता शरद केलकर ने कार्यक्रम की एंकरिंग की. पार्श्व गायक सुखविंदर सिंह ने गीतों के जरिए 26/11 के शहीदों को श्रद्धांजलि दी.

इससे पहले दिन में आर्ट ऑफ लिविंग ने महाराष्ट्र सरकार के साथ दो महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए. इनमें टिकाऊ और स्वस्थ प्राकृतिक कृषि पद्धतियों को प्रोत्साहित करके किसानों के जीवन में समृद्धि लाने, महाराष्ट्र को सूखा मुक्त बनाने का संकल्प है. 



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उत्तर प्रदेश : एक शख्‍स के साथ मारपीट के बाद उस पर किया पेशाब, वीडियो आने के बाद एक गिरफ्तार 

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मेरठ में एक शख्‍स को कुछ लोगों ने जमकर पीटा और फिर उस पर पेशाब किया. इस सिलसिले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस में मामला दर्ज किया गया. वीडियो में लोगों को शराब पीते और पीड़ित को पीटते देखा जा सकता है. वहीं एक शख्‍स उस पर पेशाब तक कर देता है. इस दौरान पीड़ित उन लोगों से अपने अपमान को रिकॉर्ड न करने की गुहार लगा रहा है. पीड़ित के परिवार ने आरोप लगाया है कि हमलावरों में उसके दो दोस्त भी शामिल थे. 

यह घटना 13 नवंबर की है. पीड़ित ने शुरुआत में पेशाब करने के बारे में अपने परिवार को नहीं बताया था. उसके पिता बिजली विभाग में लाइन मैन के पद पर काम करते हैं, उन्‍होंने कहा, "वह दीपावली के मौके पर अपनी मौसी से मिलने जा रहा था, जब इन लोगों ने उसे रोका और एक सुनसान जगह पर ले गए और उसकी पिटाई की. फिर उन्होंने उस पर पेशाब किया." उन्होंने कहा, "उन्होंने इस बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी."

पीड़ित के उस रात वापस न लौटने पर परिवार चिंतित हो गया था. वह अगली सुबह घायल और परेशान लौटा, लेकिन उन्हें केवल इतना बताया कि उसे पीटा गया था. कुछ दिन बाद वीडियो सामने आने पर उसने पूरी बात बताई. 

पीड़ित के पिता ने कहा कि चार लोगों की पहचान कर ली गई है और वे जाने-माने गुंडे हैं जो जेल जा चुके हैं. 

सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज 

इस मामले में सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जिनमें से चार की पहचान कर ली गई है. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है." फिलहाल लड़ाई का कारण पता नहीं चल पाया है.

आरोपियों में से दो दोस्‍त, दो परिचित 

परिवार पहले जागृति विहार इलाके में रहता था. पीड़ित ने हाल ही में इंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण की थी और वह कुछ लोगों के संपर्क में आया था. सात आरोपियों में से दो उसके दोस्त थे और बाकी दो परिचित थे. 

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Sunday, November 26, 2023

हमास ने बंधकों के दूसरे समूह की रिहाई में की देरी, इजरायल ने आधी रात तक का दिया वक्‍त

इजरायल (Israel) और हमास (Hamas) के बीच पिछले करीब डेढ महीने से जारी जंग में शुक्रवार से चार दिन के लिए युद्धविराम हुआ था, लेकिन दूसरे ही दिन युद्धविराम को लेकर आशंका जताई जाने लगी है. हमास की सशस्त्र शाखा ने कहा है कि उसने शनिवार को बंधकों की रिहाई के निर्धारित दूसरे दौर में तब तक देरी करने का फैसला किया है जब तक कि इजरायल सहायता ट्रकों को उत्तरी गाजा में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दे देता है. हमास की अल-कसम ब्रिगेड ने कहा कि अगर इजरायल ने फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई के लिए सहमत शर्तों का पालन नहीं किया तो बंधकों की रिहाई में देरी होगी. 

रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, इजरायली मीडिया ने शनिवार को एक अनाम सुरक्षा सूत्र के हवाले से कहा है कि आधी रात तक बंधकों को रिहा नहीं किया जाता तो सेना गाजा में अपना हमला फिर से शुरू कर देगी. यह टिप्पणी चैनल 13 न्यूज, एन12 न्यूज, वाईनेट न्यूज वेबसाइट और अन्य द्वारा प्रसारित की गई थी. 

कतर की मध्यस्थता में इजराइल और हमास के बीच हुए संघर्ष विराम समझौते के तहत चार दिनों में 150 फिलिस्तीनी कैदियों के बदले कुल 50 बंधकों की अदला-बदली की जानी है. 

गाजा पट्टी में रखे गए 14 बंधकों को शनिवार को संघर्ष विराम समझौते के दूसरे दिन रिहा किया जाना है, वहीं इजरायल को समझौते के मुताबिक, 42 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करना है. 

बता दें कि इजरायल और हमास के बीच पिछले 49 दिन से जारी जंग के बाद चार दिन के लिए युद्धविराम किया गया है. युद्धविराम के पहले दिन शुक्रवार को हमास ने 24 बंधकों को रिहा किया था, जिसमें से 13 इजरायल, थाइलैंड के 10 और फिलीपींस का एक नागरिक शामिल था. इसके बदले में इजरायल की ओर से 39 फिलिस्‍तीनी कैदियों को रिहा किया गया. 

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रोड़े पर रोड़े, बदलती जा रही टाइम लाइन : उत्तराखंड में अब तक का टनल रेस्क्यू ऑपरेशन

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढहने से 41 मजदूरों के फंसने की घटना को शनिवार को 14 दिन हो गए हैं. घटना के दिन से ही बचाव अभियान शुरू हो गया था. यह अभियान जारी है और इस बीच कई बार आशा की किरणें देखी गईं, अधिकारियों ने नई-नई समय-सीमाएं बताईं. यहां तक कहा गया कि मजदूरों को सुरंग से निकालने में "बस कुछ ही घंटे बाकी" हैं.

हालांकि अप्रत्याशित रुकावटों के चलते यह साफ हो गया कि रेस्क्यू टीमों की सबसे अच्छी योजनाएं विफल हो गई हैं और फंसे हुए मजदूरों को बचाने के प्रयास अब रविवार को फिर से शुरू होंगे. अमेरिकी ड्रिलिंग मशीन में कई दिनों के बाद तीसरी खराबी आ गई है. उसे शुक्रवार को सुरंग से निकाला गया है. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) ने शनिवार को कहा, "इस ऑपरेशन में लंबा समय लग सकता है."

उन्होंने कहा, "जब आप किसी पहाड़ पर काम कर रहे होते हैं, तो सब कुछ अप्रत्याशित होता है. हमने कभी कोई समय सीमा नहीं दी."

एनडीटीवी ने अब तक के बचाव अभियान की समय-सीमा पर एक नजर डाली. ऐसे कई मौके आए जब ऐसा लगा कि बाधाओं के बावजूद आखिरकार जल्द सुरंग खुल सकती है.

12 नवंबर : प्राकृतिक आपदा

दिवाली के दिन बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री जैसे हिंदू तीर्थ स्थलों तक कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए महत्वाकांक्षी चार धाम परियोजना का हिस्सा सिल्क्यारा-डंडलगांव सुरंग पर का एक हिस्सा सुबह करीब साढ़े पांच बजे भूस्खलन से ढह गया और सुरंग में काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए. 

जिला प्रशासन ने बचाव की कोशिशें शुरू कीं. फंसे हुए मजदूरों को पाइप के जरिए ऑक्सीजन और भोजन पहुंचाने की व्यवस्था की गई. यह सामान एयर कॉम्प्रेशन का उपयोग करके उन तक पहुंचाया जाने लगा.

राष्ट्रीय और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, सीमा सड़क संगठन और राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड सहित कई एजेंसियां बचाव के प्रयास में जुट गईं.

13 नवंबर : शाम तक बचाव?

सुरंग में फंसे हुए मजदूरों से वॉकी-टॉकी के जरिए संपर्क स्थापित किया गया. उनके सुरक्षित होने की सूचना मिली. बताया गया कि मजदूर सुरंग के सिल्कयारा छोर से लगभग 55-60 मीटर की दूरी पर फंसे हुए हैं. कहा जाता है कि उनके पास चलने और सांस लेने के लिए लगभग 400 मीटर की जगह है.

अधिकारियों ने कहा कि उन्हें शाम तक मजदूरों को बचा लेने की उम्मीद है. घटनास्थल पर पहुंचे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मलबा गिरना जारी है, जिससे बचाव कार्यों में देरी हो रही है.

14 नवंबर : फिर हुआ भूस्खलन 

सुरंग स्थल पर 800  और 900 मिलीमीटर व्यास के स्टील पाइप लाए गए.  इन पाइपों को मलबे के बीच से धकेलकर अंदर तक पहुंचाने की योजना बनी, ताकि मजदूर इनके बीच से रेंगकर बाहर निकल सकें. एक बरमा मशीन, जो हॉरिजोंटल ड्रिलिंग करती है, को मलबे के बीच पाइपों को ले जाने का रास्ता बनाने के लिए लाया गया.

उत्तरकाशी के जिला मजिस्ट्रेट अभिषेक रुहेला ने संवाददाताओं से कहा कि मजदूरों को 15 नवंबर तक निकाला जा सकता है. उन्होंने कहा, ''अगर सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ तो फंसे हुए मजदूरों को बुधवार तक निकाल लिया जाएगा.''

ऑगर मशीन के लिए एक प्लेटफॉर्म तैयार किया गया, लेकिन ताजा भूस्खलन से यह क्षतिग्रस्त हो गया. फंसे हुए श्रमिकों में से कुछ को मतली और सिरदर्द की शिकायत के बाद भोजन और पानी के साथ-साथ दवाएं भी दी गईं.

15 नवंबर : घटना स्थल पर विरोध प्रदर्शन

बरमा मशीन के लिए बनाए गए प्लेटफॉर्म को क्षतिग्रस्त होने के बाद तोड़ दिया गया. नए उपकरण, एक अधिक शक्तिशाली अमेरिकी बरमा की मांग की गई. यह नई दिल्ली से रवाना की गई है.

सुरंग के निर्माण में शामिल कई अन्य मजदूरों ने फंसे हुए मजदूरों को बाहर निकालने में देरी को लेकर बचाव स्थल पर विरोध प्रदर्शन किया.

16 नवंबर : "दो-तीन दिन और"

केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने घटनास्थल का दौरा किया और कहा कि बचाव अभियान पूरा होने में दो-तीन दिन और लग सकते हैं. सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्यमंत्री ने कहा कि बचाव कार्य जल्द ही पूरा किया जा सकता है, यहां तक कि 17 नवंबर तक भी, लेकिन सरकार अप्रत्याशित कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए लंबी समय सीमा तय कर रही है.

मंत्री ने यह भी कहा कि बचाव टीमों ने विदेशी विशेषज्ञों से बात की है, जिसमें वह फर्म भी शामिल है जिसने थाईलैंड की एक गुफा में फंसे 12 बच्चों और उनके फुटबॉल कोच को बचाने में मदद की थी. नॉर्वेजियन जियोटेक्निकल इंस्टीट्यूट से भी मदद ली गई है.

भारतीय वायु सेना के विमान द्वारा पहुंचाए गए अधिक शक्तिशाली अमेरिकी बरमा ने साइट पर काम शुरू किया.

17 नवंबर : तेज टूटने की आवाज

रात भर काम करते हुए मशीन ने दोपहर तक 57 मीटर के मलबे में करीब 24 मीटर तक ड्रिल किया.  छह-छह मीटर लंबाई के चार पाइप डाले गए. लेकिन दोपहर 2:45 बजे के आसपास काम रुक गया. अधिकारियों और सुरंग के अंदर काम कर रही टीम को "बड़े पैमाने पर टूटने की आवाज" सुनाई दी. एक और ऑगर मशीन इंदौर से एयरलिफ्ट की गई.

डॉक्टरों ने फंसे हुए मजदूरों के लिए व्यापक पुनर्वास की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि, डर है कि लंबे समय तक सुरंग में रहने से उन्हें मानसिक और शारीरिक दोनों तरह की स्वास्थ्य सेवा की जररूत हो सकती है.

18 नवंबर : उच्च स्तरीय बैठक

बचाव अभियान सातवें दिन में प्रवेश कर गया, लेकिन ड्रिलिंग फिर से शुरू नहीं हुई क्योंकि विशेषज्ञों का मानना था कि सुरंग के अंदर 1750-हार्स पावर अमेरिकी बरमा के कारण होने वाले कंपन से और अधिक मलबा गिर सकता है.

केंद्र सरकार ने एक उच्च स्तरीय बैठक की जिसमें बचाव के लिए पांच विकल्पों पर विचार किया गया. इनमें मजदूरों तक पहुंचने के लिए पहाड़ी की चोटी से वर्टिकल ड्रिलिंग और किनारे से समानांतर ड्रिलिंग शामिल का विकल्प शामिल था.

एक नक्शा सामने आया जो सुरंग के निर्माण में शामिल कंपनी की ओर से कथित गंभीर चूक की ओर इशारा कर रहा था. एसओपी के अनुसार तीन किमी से अधिक लंबी सभी सुरंगों में आपदा की स्थिति में लोगों को बचाने के लिए भागने का रास्ता होना चाहिए. नक्शे से पता चला कि 4.5 किमी लंबी सिल्कयारा सुरंग के लिए भी ऐसे मार्ग की योजना बनाई गई थी, लेकिन वह बनाया नहीं गया.

मजदूरों के परिवारों के सदस्यों ने कहा कि पिछले ड्रिल बंद होने के बाद से वे चिंतित हैं. कुछ परिवारों के सदस्यों और निर्माण में शामिल अन्य श्रमिकों ने एनडीटीवी को बताया कि अगर भागने का रास्ता बनाया गया होता तो मजदूरों को बहुत पहले बचाया जा सकता था.

19 नवंबर : ढाई दिन और?

ड्रिलिंग बंद रही जबकि अधिकारी पहाड़ी की चोटी से छेद बनाकर मजदूरों तक पहुंचने के विकल्प पर काम कर रहे थे. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बचाव अभियान की समीक्षा की और कहा कि हॉरिजोंटल ड्रिलिंग करना सबसे अच्छा विकल्प प्रतीत होता है और ढाई दिनों के भीतर सफलता मिल सकती है.

20 नवंबर : गर्म भोजन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री धामी से फोन पर बातचीत की और बचाव कार्यों पर चर्चा की. पीएम ने इस बात पर जोर दिया कि फंसे हुए मजदूरों का मनोबल बनाए रखने की जरूरत है.

फंसे हुए मजदूरों के लिए कुछ अच्छी खबर यह आई कि बचावकर्मी मलबे के बीच छह इंच चौड़ी पाइपलाइन डालने में कामयाब हो गए. मजदूरों तक खिचड़ी को बोतलों में भरकर भेजा गया. उन्हें नौ दिनों में पहली बार गर्म भोजन मिल सका. हालांकि ड्रिलिंग के काम में बहुत अधिक प्रगति नहीं हुई.

21 नवंबर : नजर आए मजदूर

मजदूरों को दस दिनों में पहली बार देखा गया. एक पाइप के माध्यम से डाले गए कैमरे ने उनके दृश्यों को कैद कर लिया. अधिकारियों ने उनसे बात की और उन्हें आश्वस्त किया कि उन्हें सुरक्षित बाहर लाया जाएगा. मजदूरों ने हाथ हिलाकर बताया कि वे ठीक हैं.

शाम को अतिरिक्त सचिव तकनीकी, सड़क एवं परिवहन महमूद अहमद ने कहा कि अगले कुछ घंटे महत्वपूर्ण हैं और अगर सब कुछ ठीक रहा तो 40 घंटों में कुछ 'अच्छी खबर' आ सकती है.

22 नवंबर : आशा का दिन

यह वह दिन था जब सबसे ज्यादा उम्मीदें थीं कि रात तक मजदूरों को निकाल लिया जाएगा. एम्बुलेंस को स्टैंडबाय पर रखा गया और स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में 41 बिस्तरों वाला एक विशेष वार्ड तैयार किया गया. कहा गया कि बचाव कर्मियों और मजदूरों के बीच केवल 12 मीटर की दूरी है.

रात में ड्रिल लोहे की जाली से टकराई, लेकिन अधिकारियों ने फिर भी कहा कि वे अगले दिन सुबह 8 बजे तक श्रमिकों को बाहर निकालना शुरू कर सकते हैं.

23 नवंबर : एक और रोड़ा

सुबह लोहे की जाली हटा दी गई और बचाव कार्य फिर से शुरू हो गया. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के महानिदेशक अतुल करवाल ने कहा कि अगर कोई अन्य बाधा नहीं आई तो रात तक श्रमिकों को बचा लिया जाएगा.

हालांकि, शाम को बरमा मशीन एक धातु के पाइप से टकराई. मशीन के ब्लेड की मरम्मत करने, जिस प्लेटफॉर्म पर मशीन चल रही थी उसे मजबूत करने और संचालन में बाधा बन रहे धातु के गार्डर और पाइप को हटाने में कई घंटे लग गए.

24 नवंबर : "दो और पाइप"

अधिकारियों ने 13वें दिन कहा कि केवल 10-12 मीटर की ड्रिलिंग बाकी है और दो और पाइप डालना है. यह मजदूरों तक पहुंचने के लिए पर्याप्त हो सकता है. उत्तराखंड के सचिव नीरज खैरवाल ने कहा कि जमीन भेदने वाले रडार विशेषज्ञों की एक टीम को बुलाया गया था, जिन्होंने कहा है कि अगले पांच मीटर तक कोई बड़ी धातु की बाधा नहीं होने की संभावना है.

यह पूछे जाने पर कि क्या टीमें शनिवार सुबह तक मजदूरों तक पहुंच सकती हैं, अतिरिक्त सचिव तकनीकी, सड़क और परिवहन महमूद अहमद ने कहा कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो यह और भी जल्दी हो सकता है.

ड्रिलिंग शाम को फिर से शुरू हुई लेकिन इसके तुरंत बाद तब रुक गई जब बरमा मशीन का फिर किसी धातु की चीज से सामना हुआ.

एक अधिकारी ने कहा, "बरमा मशीन में फिर से कुछ दिक्कत आ गई है. फंसे हुए मजदूरों तक मैन्युअल तरीके से पहुंचने की कोशिश की जा रही है. हम मलबे का विश्लेषण कर रहे हैं और इसका पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं."

25 नवंबर : अब मैनुअल ड्रिलिंग

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बरमा मशीन सुरंग के अंदर फंस गई है और इसे बाहर निकालने के लिए हैदराबाद से एक विशेष उपकरण लाया जा रहा है.

उन्होंने कहा, "हम सभी संभावित विकल्प तलाश रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दैनिक आधार पर अपडेट ले रहे हैं. हमें उम्मीद है कि ऑपरेशन जल्द से जल्द पूरा हो जाएगा."

सुरंग के अंदर अब स्वचालित ड्रिलिंग नहीं होगी और रविवार को ऑगर मशीन बाहर निकालने के बाद ही मैन्युअल ड्रिलिंग शुरू होगी.



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Saturday, November 25, 2023

पिछले 6 सालों में यूपी में 55 लाख लोगों को सरकारी योजनाओं के तहत मकान मिले हैं: CM योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान राज्य में 55 लाख से अधिक वंचित लोगों को राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत मुफ्त आवास सुविधाएं मिली हैं. आदित्यनाथ मार्च 2017 से यूपी के मुख्यमंत्री हैं. उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री ने गोरखपुर के योगीराज बाबा गंभीरनाथ सभागार में 175 करोड़ रुपये के 116 विकास कार्यों का उद्घाटन और शिलान्यास करते हुए ये टिप्पणी की.

उन्होंने कहा, ‘‘विकास प्राधिकरणों और आवास विकास परिषद को ईज ऑफ लिविंग (जीवन सुगमता) के मानक लक्ष्यों को पूरा करने लिए आवास योजनाओं को सभी बुनियादी सुविधाओं के हिसाब से तैयार करने का निर्देश दिया गया है.''

आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘यदि कोई व्यक्ति विकास प्राधिकरणों या आवास विकास परिषद से घर खरीदता है, तो उसे आवास, स्कूल, पार्क, स्ट्रीट लाइट, पीने का पानी, स्वास्थ्य देखभाल जैसी बेहतर सुविधाएं मिलती हैं.''

आदित्यनाथ ने नागरिकों से घर खरीदते समय सोच-समझकर निर्णय लेने का आग्रह करते हुए सरकारी विकास प्राधिकरणों, आवास विकास परिषदों और सरकार द्वारा अनुमोदित योजनाओं को चुनने की पैरवी की.

उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना और मुख्यमंत्री आवास योजना का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘राज्य में 55 लाख से अधिक गरीब परिवार, जिनके पास कोई आश्रय नहीं था, लखपति बन गए हैं. इन घरों की कीमत न्यूनतम 10 लाख रुपये है.'' उन्होंने कहा कि प्रदेश में पौने तीन करोड़ परिवारों को शौचालय की भी सुविधा प्रदान की गई है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में लोगों को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन, बिजली कनेक्शन, आयुष्मान हेल्थ कार्ड, पेंशन से लाभान्वित किया गया है. यह सभी कदम ‘ईज ऑफ लिविंग' के लक्ष्य को प्राप्त करने और नागरिकों के जीवन को आसान बनाने के प्रयास हैं.

मुख्यमंत्री ने गोरखपुर शहर में हुए विकास और यहां आए बदलाव की चर्चा करते हुए कहा कि शहर अच्छा लगेगा तो यहां हर व्यक्ति आएगा. उन्होंने कहा, ‘‘आज से दस-बीस वर्ष पहले लोग गोरखपुर के नाम से डरते थे. आज यहां के रामगढ़ ताल क्षेत्र में फिल्मों की शूटिंग होती है. गोरखपुर में एम्स अपनी सेवा दे रहा है. खाद कारखाना फिर से चल रहा है.''

मुख्यमंत्री ने अब तक शुरू की गयी आवासीय योजनाओं में आवास पाने से वंचित लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि गोरखपुर में सबके आवास का सपना पूरा होगा. उन्होंने कहा कि इसके दृष्टिगत नया गोरखपुर विकसित करने के लिए सरकार ने छह हजार करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं.



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केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह को संजीवनी केस में बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने SOG को चार्जशीट फाइल करने पर लगाई रोक

संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी केस में राजस्थान हाईकोर्ट से स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) को फटकार लगाते हुए चार्जशीट फाइल करने पर रोक लगा दी है. इससे जहां इस केस में जोधपुर सांसद और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को बड़ी राहत मिली है, वहीं राजस्थान सरकार को तगड़ा झटका लगा है. इस केस में 13 अप्रैल 2023 को हाईकोर्ट ने शेखावत की गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी.

शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान शेखावत की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता वि.आर.बाजवा ने पैरवी करते हुए कहा कि एसओजी ने अगस्त 2019 में यह केस दर्ज किया था. एसओजी ने साढ़े चार साल बाद भी जांच को पूरा नहीं किया है, क्योंकि राजनीतिक द्वेष के चलते राज्य सरकार शेखावत को गलत तरीके से फंसाना चाहती है. एसओजी ने कभी गजेंद्र सिंह शेखावत को पूछताछ के लिए नहीं बुलाया. न ही पूर्व में दायर चार्जशीटों में कहीं शेखावत का नाम अभियुक्तों में शामिल किया गया. बाजवा ने बताया कि हाईकोर्ट ने पूछा कि अगर शेखावत की संजीवनी केस में संलिप्तता थी तो एसओजी ने चार साल में कोई नोटिस क्यों नहीं दिया? कोर्ट ने ये भी पूछा कि फरवरी 2020 में चार्जशीट फाइल करने के तीन साल बाद फरवरी 2023 में दूसरे लोगों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की, जबकि उसमें शेखावत या उनके परिवार के किसी सदस्य का नाम नहीं था. 

बाजवा ने कोर्ट में कहा कि राजनीतिक बदले के लिए सरकार विधानसभा चुनावों के बीच शेखावत को फंसाने का प्रयास कर रही है, जबकि इसी साल अप्रैल में राजस्थान सरकार के वकील हाईकोर्ट में ये भी कह चुके हैं कि शेखावत का किसी एफआईआर और चार्जशीट में नाम नहीं है. 

शेखावत ने गहलोत के खिलाफ किया मानहानि का केस किया
गौरतलब है कि करीब 900 करोड़ रुपये के संजीवनी घोटाले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्रीय मंत्री शेखावत पर आरोप लगाकर पूरे मामले को राजनीतिक रंग दे दिया था, जबकि शेखावत शुरू से कह रहे हैं कि साढ़े चार साल में इस प्रकरण की जांच न तो राज्य की एसओजी ने पूरी की और न ही इसे सीबीआई को सौंपा जा रहा है. मुख्यमंत्री गहलोत राजनीति करते हुए केवल जांच को भटकाने का काम कर रहे हैं. जब अशोक गहलोत ने शेखावत की मां समेत पूरे परिवार पर संजीवनी घोटाले में शामिल होने के आरोप लगाए तो शेखावत ने गहलोत के खिलाफ दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में मानहानि का केस किया है, जिसमें अब तक गहलोत को राहत नहीं मिली है.

मल्टीस्टेट सोसायटी होने के बावजूद राजनीतिक कारणों से राजस्थान सरकार इस केस को सीबीआई को सौंप नहीं रही है, जबकि मल्टी स्टेट सोसाइटी होने के कारण इसकी जांच सीबीआई द्वारा नियमित जमा पर प्रतिबंध योजना अधिनियम 2019 के तहत की जानी चाहिए.



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Friday, November 24, 2023

कबाड़खाने से आंगन तक: प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छता आह्वान ने सरकारी कार्यालयों का बदला रंग रूप

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता के आह्वान ने यहां सरकारी कार्यालयों के रंग रूप को बदल दिया है. कबाड़, बेकार फर्नीचर और निर्माण सामग्री से भरे क्षेत्र अवांछित वस्तुओं को हटाए जाने के बाद अब आंगन और कर्मचारी विश्राम स्थलों में विकसित किए गए हैं. उदाहरण के लिए, डाक भवन एनेक्सी भवन में ‘संचारिका कैंटीन' के ऊपर लगभग 1,600 वर्ग फुट जगह अवांछित वस्तुओं से भरी पड़ी थी, लेकिन डाक विभाग ने इस जगह का रंग रूप बदलने का फैसला किया.

डाक सेवा बोर्ड के सचिव अमन शर्मा ने कहा, ‘‘इस तरह सभी फेंकी गई वस्तुओं को हटाने के बाद, एक ‘विश्रांतिका' (स्टाफ लाउंज) बनाया गया.'' शर्मा ने पत्रकारों से कहा कि ‘विश्रांतिका' में अखबारों/पत्रिकाओं को पढ़ने के लिए जगह के अलावा टेबल टेनिस, शतरंज, कैरम आदि जैसे खेलों की सुविधाएं हैं. डाक भवन में पुराने और अवांछित वस्तुओं से भरे हुए एक और स्थल को बदला गया और इसे ‘आंगन' के रूप में परिवर्तित किया गया. डाक विभाग के उपमहानिदेशक शैलेन्द्र कुमार द्विवेदी, ‘‘इस आंगन में बहुत सारे पौधे हैं और इसकी दीवारें संस्कृत के श्लोकों से सजी हैं. इस आंगन ने डाक भवन को बेहतर कार्यस्थल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.''

इसी प्रकार, रेल मंत्रालय के आवास रेल भवन ने अपने परिसर में निरंतर स्वच्छता गतिविधियां चलाकर परिसर के एक हिस्से में अत्याधुनिक कार्यालय और गलियारे बनाये हैं. इसके अभिलेख कक्ष का दौरा करने से पता चलता है कि कैसे कार्यालय की हजारों फाइल को बेहतर तरीक से व्यवस्थित किया गया है और इन फाइल पर कोई धूल नहीं थी. रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक (लोक शिकायत) रत्नेश कुमार झा ने कहा कि विशेष अभियान के दौरान रिकॉर्ड संख्या में 23,672 स्वच्छता अभियान चलाए गए, 11.83 लाख वर्ग फुट जगह खाली कराई गई और कबाड़ का निस्तारण करके 224.95 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया.

रेलवे बोर्ड के सचिव मिलिंद के देउस्कर ने मीडिया को बताया कि रेल मंत्रालय स्वच्छता अभियान पर बहुत सहजता और कुशलता से काम कर रहा है. देउस्कर ने कहा, ‘‘कार्यालय स्थलों का सौंदर्यीकरण किया गया है. अभियान के दौरान स्वच्छ एवं आधुनिक शौचालय बनाये गये हैं. इसके अलावा मंत्रालय ने शिकायत निवारण पर विशेष जोर दिया है. सभी शिकायतों का समाधान कर दिया गया है.'' संचार मंत्रालय के तहत दूरसंचार विभाग (डीओटी) के कार्यालय, संचार भवन में अभिनव पहल की गई है.

डीओटी के उपमहानिदेशक एस. बालचंद्र अय्यर ने कहा, ‘‘हमने संचार भवन के भूमिगत तल में कार्यालय के कर्मचारियों के लिए एक जिम और एक मनोरंजन कक्ष बनाया है. यह विशाल स्थान पहले जीर्ण-शीर्ण फर्नीचर और अन्य पुरानी वस्तुओं से भरा रहता था. हमने इस स्थान को बदल दिया जिसका इस्तेमाल अब हमारे कर्मचारियों के लिए किया जा रहा है.'' केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने भी स्वच्छता अभियान में सक्रिय रूप से भाग लिया.

(जीएसटी, केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सेवा कर), सीबीआईसी के सदस्य शशांक प्रिय ने कहा कि अभियान का ध्यान स्वच्छता को संस्थागत बनाने पर था. उन्होंने कहा कि कई स्थानों से अवांछित वस्तुओं को हटाया गया.

सीबीडीटी के अध्यक्ष नितिन गुप्ता ने कहा कि स्वच्छता को संस्थागत बनाने और लंबित मामलों को कम करने के उद्देश्य से बोर्ड द्वारा 966 स्वच्छता अभियान चलाए गए. गृह मंत्रालय और कार्मिक मंत्रालय ने भी अपने कार्यालय परिसर को बदलने के लिए रचनात्मक कदम उठाए हैं. कार्मिक मंत्रालय के संयुक्त सचिव एस. डी. शर्मा ने कहा, ‘‘कार्मिक मंत्रालय ने स्वच्छता अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. अभिलेख कक्षों से अवांछित फाइल हटा दी गईं है. अब बहुत जगह है और कर्मचारी कम से कम समय में आसानी से फाइल प्राप्त कर सकते हैं.'' स्वच्छता अभियान के लिए नोडल विभाग प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग ने कहा कि स्वच्छता गतिविधियां जारी रहेंगी और मंत्रालय/कर्मचारी प्रति सप्ताह तीन घंटे इन गतिविधियों के लिए समर्पित करेंगे.



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Thursday, November 23, 2023

कोई झूठा विज्ञापन नहीं बनाया, दोषी पाए गए तो मौत की सजा के लिए भी तैयार : पतंजलि आयुर्वेद

बाबा रामदेव की अगुवाई वाली कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने बुधवार को कहा कि वह अपने उत्पादों के संबंध में कोई 'झूठा विज्ञापन या प्रचार' नहीं कर रही है. उसने यह भी कहा कि अगर उसके दावे भ्रामक पाए जाते हैं तो उच्चतम न्यायालय जुर्माना लगाए या फिर मौत की सजा दे, उसे कोई आपत्ति नहीं होगी.

एक दिन पहले ही शीर्ष अदालत ने पतंजलि आयुर्वेद को आगाह किया था कि वह कई बीमारियों के उपचार में अपनी दवाओं को लेकर झूठे और भ्रामक विज्ञापन नहीं दिखाएं उसके एक दिन बाद पतंजलि आयुर्वेद ने कहा कि उसके पास 'एक करोड़ से अधिक लोगों का रिकॉर्ड है, जिसमें दुनिया भर के वास्तविक साक्ष्य' मौजूद हैं.

कंपनी ने कहा कि वह अदालत का सम्मान करती है और "अगर हमारे विज्ञापन झूठे पाए जाते हैं तो माननीय अदालत हमारे ऊपर करोड़ों रुपये का जुर्माना लगाए या फिर मौत की सजा भी दे, हमें कोई आपत्ति नहीं होगी."

हरिद्वार में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए रामदेव ने कहा कि शीर्ष अदालत को उनका पक्ष भी सुनना चाहिए था .

रामदेव ने कहा कि अगर उच्चतम न्यायालय उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका देता तो वह स्वयं अपने दावों के समर्थन में अदालत के सामने पूरे तथ्यों, क्लिनिकल साक्ष्य और वैज्ञानिक शोध पेपर के साथ पेश होने को तैयार थे.

उन्होंने कहा कि वह आयुर्वेद ओर योग के द्वारा गंभीर रोगों को पूरी तरह से ठीक करने के अपने दावे पर आज भी अडिग हैं.

न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्ला और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने मंगलवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की याचिका पर सुनवाई के दौरान मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा था, "पतंजलि आयुर्वेद को इस तरह के सभी झूठे और भ्रामक विज्ञापनों को तुरंत बंद करना होगा."



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Wednesday, November 22, 2023

राजस्थान में मतदान से पहले एक मंच पर दिखे PM मोदी और वसुंधरा राजे, मतदाताओं को 'संदेश' देने की कोशिश

राजस्थान में विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान के अंतिम दौर से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे मंगलवार को एक मंच पर नजर आए. इसके बाद सियासी गलियारों में अटकलों का दौर शुरू हो गया कि राजे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेतृत्व के बीच 'सब ठीक-ठाक' है. राजनीतिक जानकार मान रहे हैं कि मतदान से ठीक पहले इस चुनावी सभा के जरिए भाजपा की ओर से मतदाताओं को 'संदेश' देने की कोशिश की गई है. राज्य में विधानसभा चुनाव के तहत मतदान 25 नवंबर को होना है. प्रचार का शोर दो दिन बाद थम जाएगा.

मतदान से कुछ ही दिन पहले मोदी व राजे के एक साथ एक मंच पर आने और इसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर साझा किए जाने के इसलिए भी निहितार्थ निकाले जा रहे हैं, क्योंकि भाजपा ने इस चुनाव में किसी को भी मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. खुद प्रधानमंत्री मोदी राज्य में अपने शुरुआती चुनावी भाषणों में कह चुके हैं कि इस चुनाव में भाजपा का चेहरा 'कमल का फूल' है. उन्होंने अक्टूबर महीने में चितौड़गढ़ जिले में हुई एक रैली में यह बात कही थी और उसमें राजे भी मौजूद थीं.

राजे के समर्थक जबकि उन्हें इस दौड़ में सबसे आगे मानते हैं. वहीं सत्तारूढ़ कांग्रेस चुनाव में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित ना करने को लेकर भाजपा पर निशाना साधती रही है और इसे राज्य में भाजपा की अंदरूनी खींचतान बताती रही है. हालांकि इस बारे में कुछ भी सार्वजनिक टिप्पणी करने से राजे बचती रही हैं.

कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी ने हाल में अपनी सभाओं में भाजपा को 'पूरी तरह बिखरी हुई पार्टी' बताते हुए दावा किया था कि इसमें सारे बड़े नेताओं को किनारे कर दिया गया है. जानकारों के अनुसार मोदी और राजे ने शायद इसी को लेकर संदेश देने की कोशिश की है. हालांकि पार्टी के एक प्रवक्ता ने इस बारे में टिप्पणी से इनकार किया.

राजे ने मंच से न केवल मोदी की मुक्त कंठ से प्रशंसा की, बल्कि यहां तक कहा कि देश की जनता 2024 में सत्ता की हैट्रिक लगाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का बेसब्री से इंतजार कर रही है. अगले साल लोकसभा के चुनाव होने हैं.

दरअसल मोदी ने मंगलवार को राजस्थान में अपने धुआंधार चुनावी दौरे की शुरुआत अंता (बारां) में चुनावी सभा से की. हाडोती इलाके में इस सभा के दौरान मंच पर राज्य के बड़े नेताओं में केवल राजे थीं. इसके अलावा उनके बेटे व सांसद दुष्यंत सिंह और पार्टी के स्थानीय प्रत्याशी थे.

राजनीति के जानकारों के अनुसार हाल ही के समय में इस तरह का पहला मौका था और मंच पर मोदी का जब फूलों की बड़ी माला से स्वागत किया तो फ्रेम में दो बड़े चेहरे मोदी व राजे के ही थे. मंच पर मोदी के एक ओर राजे व दूसरी ओर दुष्यंत बैठे थे. कार्यक्रम के दौरान मोदी इन दोनों से संवाद करते भी नजर आए.

अपने संबोधन में राजे ने कहा कि मोदी का लोहा पूरा देश मानता है और आज पूरा विश्व उनका नेतृत्व स्वीकारता है. अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, 'देश की जनता 2024 में हैट्रिक के लिए मोदी जी का बेसब्री से इंतजार कर रही है.'

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं के माध्यम से लोगों को संबल मिला है. यही नहीं उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जमकर हमला भी बोला और कहा कि कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार की योजनाएं सिर्फ अखबारों में हैं.

वहीं अपने संबोधन में मोदी ने सभा में उमड़ी भीड़ के बारे में दुष्यंत सिंह से हुई चर्चा का जिक्र किया और कहा कि यह जनसमूह दिखाता है कि 'हाडोती के मन में राजस्थान में परिवर्तन की भावना कितनी प्रचंड है'.



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पुणे में बेकाबू ट्रक ने 4 सेकेंड में 6 गाड़ियों को मारी टक्कर, 7 लोग घायल; देखें दिल दहला देने वाला VIDEO

महाराष्ट्र के पुणे में एक भीषण सड़क हादसे (Pune Road Accident) का सीसीटीवी फुटेज (CCTV Footage of Pune accident) सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. एक असंतुलित ट्रक की 5 बाइक और 1 गाड़ी से टक्कर हो गई. हादसा पुणे-कोलाड राजमार्ग पर मुलशी तालुका में हुई. हादसे में 7 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. इन सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हादसे के CCTV फुटेज में देख सकते हैं कि कैसे ट्रक ड्राइवर ने कंट्रोल खो दिया और पहले एक बाइक से टकराया. फिर सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों से टकराया. इन गाड़ियों में 5 बाइक और एक कार शामिल है.

CCTV फुटेज में देखा जा सकता है कि सड़क पर सामान्य रूप से ट्रैफिक चल रहा है. एक बाइक और कार सवार सड़क को पार करने की कोशिश कर रहे हैं. हाइवे के किनारे कुछ गाड़ियां खड़ी हैं. उनके पास में एक पुरुष और महिला बात कर रहे हैं. तभी अनियंत्रित ट्रक ने आकर बाइक और कार को टक्कर मार दी. यह सबकुछ इतनी तेजी से हुआ कि किसी को भी संभलने का मौका नहीं मिला.

हाइवे के किनाने एक मकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में यह हादसे कैद हो गया. इस संबंध में पौड़ थाने में ड्राइवर गोविंद भालचंद्र लाल के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. फिलहाल ट्रक ड्राइवर फरार है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
 



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ऐसा क्षेत्र चाहते हैं जहां संप्रभुता का सम्मान हो : Quad पर NDTV से बोलीं ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग

भारत के साथ द्विपक्षीय वार्ता टू प्लस टू (India-Australia 2+2 Ministerial Dialogues) के लिए ऑस्ट्रेलियाई उप प्रधानमंत्री रिचर्ड मार्ल्स के साथ विदेश मंत्री पेनी वोंग (Penny Wong) भी दिल्ली आई हुई हैं. मंगलवार को वोंग की विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ द्विपक्षीय मीटिंग हुई. पेनी वोंग ने दक्षिण-पूर्व एशिया में शक्ति संतुलन के लिहाज से क्वाड (Quad) को बेहद अहम बताया है. उन्होंने कहा कि क्वॉड के साझा नजरिये के संदर्भ में भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया की बढ़ती साझेदारी महत्वपूर्ण है.

NDTV से खास इंटरव्यू में ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग ने कहा, "भारत और ऑस्ट्रेलिया लोकतांत्रिक परंपराओं को महत्व देते हैं. दोनों देश लोकतांत्रिक संस्थानों में रहना चाहते हैं और उसके हितों को साझा करते हैं... यह शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध है. यह एक ऐसा क्षेत्र है, जहां संप्रभुता है. दोनों ही देशों में इस संप्रभुता का सम्मान किया जाता है. और इसलिए हम यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं."

चीन के साथ रिश्ते पर क्या बोलीं वोंग?
वहीं, ऑस्ट्रेलिया और चीन के संबंधों पर ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग ने कहा, "चीन एक ऐसा देश है, जिसके साथ हम साझेदारी जारी रखेंगे. जहां संभव हो वहां सहयोग करेंगे, जहां हमें असहमत होना चाहिए वहां हम असहमत होंगे. हम अपने राष्ट्रीय हितों में का ध्यान रखेंगे." पेनी वोंग ने कहा- "हमने हिंद महासागर क्षेत्र में अपने काम पर चर्चा की कि हम कैसे सहयोग कर सकते हैं. भारत महासागर सम्मेलन पर्थ में आयोजित किया जाएगा."

इंटरनेशनल सिस्टम का हो रहा पालन
उन्होंने कहा, "क्वाड उन देशों का एक समूह है, जो हमारे क्षेत्र में क्या हो रहा है, इसका ख्याल रखते हैं. साथ ही इस क्षेत्र के देशों को वैल्यू भी देना चाहते हैं". वोंग कहती हैं, "वे ऐसे देश हैं, जिनके पास इंटरनेशनल सिस्टम, इंटरनेशनल रूल ऑफ लॉ, ट्रांसपरेंसी और ट्रेडिंग अरेंजमेंट के बारे में एक तरह का नजरिया है. यह अच्छी बात है कि हम एक साथ काम करते हैं और यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण साझेदारी है."

पेनी वोंग ने कहा, "ऑस्ट्रेलिया एक मिडिल पावर है. हम अंतरराष्ट्रीय प्रणाली पर बहुत भरोसा करते हैं. इसलिए जब हम दक्षिण चीन सागर या प्रशिक्षण व्यवस्था को देखते हैं, तो हम देखते हैं कि भारत और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों का उन नियमों पर जोर देना महत्वपूर्ण है, जिन पर सहमति बनी है. सहमति व्यक्त की गई है और निरीक्षण किया जाएगा." इस क्षेत्र में चीन की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर वोंग ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन के महत्व पर ध्यान केंद्रित करता है.

क्वाड के बारे में जानिए
क्वाड यानी क्वाड्रीलैटरल सिक्योरिटी डायलॉग 4 देशों अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत का गठबंधन है. इसका गठन वैसे तो 2007 में हुआ था, लेकिन 2017 में इसे रिवाइव किया गया. क्वॉड के गठन का मकसद हिंद-प्रशांत क्षेत्र और इसके देशों को चीनी दखल से बचाना है. 

जनवरी में होगी अगली बैठक
बता दें कि क्वाड की अगली बैठक जनवरी में होने वाली है. ऐसी उम्मीदें हैं कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापार वार्ता एजेंडे का हिस्सा होगी.


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बाड़मेर सेक्सटोर्शन मामले में ईडी ने कांग्रेस विधायक मेवाराम जैन को पूछताछ के लिए बुलाया

राजस्थान में बाड़मेर सेक्सटोर्शन रैकेट मामले में ईडी ने कांग्रेस एमएलए मेवाराम जैन को दफ्तर पूछताछ के लिए बुलाया है. ये पूछताछ बुधवार को होनी है. मेवाराम जैन बाड़मेर से 3 बार से कांग्रेस के एमएलए हैं और इस बार फिर से उम्मीदवार हैं.

सेक्सटोर्शन के इस हाई प्रोफाइल रैकेट की ईडी मनी लॉड्रिंग के तहत जांच कर रही है. इस मामले पर विधायक मेवाराम ने कहा था कि उन्हें भी ब्लैकमेल किया जा रहा था.

राजस्थान पुलिस ने इस मामले में दो महिलाओं समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि 5 करोड़ से ज्यादा की जबरन वसूली की जा रही थी.

राजस्थान पुलिस ने ये केस रामस्वरूप नाम के एक शख्स की शिकायत पर दर्ज किया था. उस पर कांग्रेस विधायक मेवाराम जैन ने हाल ही में आरोप लगाया था कि उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा था.

सूत्रों के मुताबिक हाल ही में सोशल मीडिया पर उनकी कुछ तस्वीरें सामने आने के बाद विधायक ने दावा किया है कि ये एक पुराना मामला है. प्रवर्तन निदेशालय कथित तौर पर मेवाराम जैन सीडी को देखेगा और जांच करेगा कि क्या कुछ लोग उनसे पैसे ऐंठने की कोशिश कर रहे थे?
 



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Tuesday, November 21, 2023

अलग राज्यों में FIR के बावजूद हाई कोर्ट और सेशन कोर्ट दे सकते हैं जमानत: SC का फैसला

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)ने सोमवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि जब FIR किसी विशेष राज्य के क्षेत्र में नहीं, बल्कि एक अलग राज्य में दर्ज की गई हो, तो सेशन कोर्ट या हाई कोर्ट (High Court) के पास गिरफ्तारी से अग्रिम जमानत देने की शक्ति होगी. नागरिकों के जीवन के अधिकार और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा की संवैधानिक अनिवार्यता को ध्यान में रखते हुए सेशन कोर्ट या हाईकोर्ट को न्याय के हित में सीआरपीसी की धारा 438 के तहत अंतरिम सुरक्षा के रूप में सीमित अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) देनी चाहिए.

शीर्ष अदालत ने कहा, "हम दोहराते हैं कि ऐसी शक्ति केवल असाधारण और बाध्यकारी परिस्थितियों में ही दी जानी चाहिए. जिसका अर्थ है कि आवेदक के लिए ट्रांजिट जमानत या अंतरिम सुरक्षा से इनकार करने से अपूरणीय और अपरिवर्तनीय पूर्वाग्रह पैदा होगा." 

हालांकि, पीठ ने ऐसे मामलों के लिए शर्तें भी निर्धारित की हैं:-
- सीमित अग्रिम जमानत के आदेश पारित करने से पहले, FIR करने वाले जांच अधिकारी और लोक अभियोजक को नोटिस जारी किया जाए.
- हालांकि, उचित मामले में अदालत को अंतरिम अग्रिम जमानत देने का विवेक होगा. 
- जमानत देने के आदेश में उन कारणों को दर्ज किया जाना चाहिए कि आवेदक को अंतर-राज्यीय गिरफ्तारी की आशंका क्यों है और जांच की स्थिति पर अंतरिम अग्रिम जमानत का प्रभाव पड़ सकता है. 
- जिस क्षेत्राधिकार में अपराध का संज्ञान लिया गया है, वह CrPC की धारा 438  में राज्य संशोधन के माध्यम से उक्त अपराध को अग्रिम जमानत के दायरे से बाहर नहीं करता है.
- आवेदक को क्षेत्रीय क्षेत्राधिकार वाली अदालत से ऐसी जमानत मांगने में असमर्थता के बारे में अदालत को संतुष्ट करना होगा.
- दिए गए आधारों में जीवन, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और शारीरिक क्षति के लिए उचित और तत्काल खतरा हो सकता है.
- वह क्षेत्राधिकार जहां FIR दर्ज की गई है, जीवन की स्वतंत्रता के अधिकार के उल्लंघन की आशंका या मनमानी के कारण बाधाएं, चिकित्सा स्थिति या व्यक्ति की दिव्यांगता के तहत क्षेत्राधिकार में सीमित अग्रिम जमानत की मांग की जा सकती है. 
- अदालत ने कहा कि ऐसी सभी अत्यावश्यक परिस्थितियों का हिसाब देना पूरी तरह से असंभव होगा जिसमें आवेदक के मौलिक अधिकार की रक्षा के लिए अप्रत्याशित आदेश दिया जाएगा.
-जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की  पीठ ने सेशन जज, बैंगलोर के फैसले के खिलाफ दायर एक याचिका में फैसला सुनाया, जिसने आरोपी पति की  जमानत याचिका को अनुमति दे दी थी. 


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Monday, November 20, 2023

World Cup 2023: हार के बाद विवेक ओबेरॉय ने उठाए टीम इंडिया पर सवाल, बोले- आज का सबसे खराब परफॉर्मेंस था

India vs Australia: वर्ल्ड कप 2023 में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया से हार गई है. लगातार 10 मैच जीतने वाली भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 241 रन का टारगेट दिया था. जिसे विरोधी टीम ने बेहद आसानी से पूरा कर लिया. अब भारत की हार के बाद आम से लेकर खास तक, हर कोई निराश, परेशान और गुस्से में हैं. बॉलीवुड के कई सितारे भी इस हार पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. बहुत से फिल्मी सितारे भारतीय टीम के प्रदर्शन पर सवाल खड़े कर रहे हैं. अब बॉलीवुड के मशहूर एक्टर विवेक ओबेरॉय ने भी भारत की हार पर प्रतिक्रिया दी है और टीम की परफॉर्मेंस पर निराशा जाहिर की है. 

विवेक ओबेरॉय ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर अपना एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में उन्होंने भारतीय टीम की वर्ल्ड कप 2023 में परफॉर्मेंस को लेकर कहा, 'बहुत दिल टूटा हुआ है.  आज बुरा इसलिए लग रहा है कि हम दुनिया की सबसे बेस्ट टीम हैं. फाइनल में बेहद खराब परफॉर्मेंस थी. सबसे अच्छी टीम जो लगातार अच्छी परफॉर्मेंस में चल रही है. जीतते आ रही है और फाइनल में आकर हार गई. सच में दिल टूट गया है.'

विवेक ओबेरॉय ने वीडियो में आगे कहा, 'यह जरूरी नहीं है कि ऑस्ट्रेलिया प्लेयर अच्छा खेले. बल्कि हम बहुत सामान्य खेले. हमारे गेंदबाज और बल्लेबाजों ने वह परफॉर्मेंस नहीं दिया जो वह पिछले 10 मैचों में कर रहे थे. आज का सबसे खराब परफॉर्मेंस था. लेकिन कई बात नहीं हम टीम इंडिया के फैन हैं और हमेशा रहेंगे.' आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलिया की ओर से टेविस हेड ने शानदार शतकीय पारी खेली और टीम को जीत दिला दी. हेड के अलावा लाबुशान ने भी भारतीय गेंदबाजों का जमकर सामना किया. दोनों ने मिलकर चौथे विकेट के लिए 192 रनों की साझेदारी की. ट्रेविस हेड 137 रन बनाकर आउट हुए तो वहीं लाबुशेन 58 रन बनाकर नाबाद रहे. भारत की ओर से 2 विकेट बुमराह और एक विकेट सिराज लेने में सफल रहे हैं.  इससे पहले अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों ने एक मुश्किल पिच पर भारत को सिर्फ 240 रनों पर ही रोक दिया था. 
 



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"हम आज और हमेशा आपके साथ खड़े हैं" : भारतीय क्रिकेट टीम की विश्वकप फाइनल में हार के बाद बोले PM मोदी

भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच क्रिकेट विश्‍व कप फाइनल (India vs Australia Final) देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) भी पहुंचे. इस मुकाबले में ऑस्‍ट्रेलिया ने भारत को छह विकेट से हरा दिया. पीएम मोदी ने शानदार जीत पर ऑस्‍ट्रेलिया को शुभकामनाएं दी हैं. साथ ही पीएम मोदी ने ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाडी ट्रेविस हेड को उल्‍लेखनीय खेल के लिए बधाई दी है. उन्‍होंने भारतीय क्रिकेट टीम के विश्‍व कप हारने के बाद कहा कि हम आज और हमेशा आपके साथ खड़े हैं.

पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्‍ट में लिखा, ,"प्रिय टीम इंडिया, विश्व कप के दौरान आपकी प्रतिभा और दृढ़ संकल्प उल्लेखनीय था. आपने बहुत अच्छे जज्बे के साथ खेला और देश को बहुत गौरव दिलाया. हम आज और हमेशा आपके साथ खड़े हैं."

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री रिचर्ड मार्लेस विश्व कप फाइनल देखने के लिए अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में पहुंचे थे. पीएम मोदी के साथ गृह मंत्री अमित शाह भी मैच देखने के लिए पहुंचे. 

इससे पहले, पीएम मोदी और ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री रिचर्ड मार्ल्स आईसीसी क्रिकेट विश्व कप फाइनल देखने के लिए अहमदाबाद पहुंचे. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, राज्यपाल आचार्य देवव्रत और गुजरात के भारतीय जनता पार्टी प्रमुख सीआर पाटिल ने हवाई अड्डे पहुंचने पर मोदी का स्वागत किया. 

बता दें कि भारतीय टीम फाइनल में पहले बल्लेबाजी करते हुए 240 रन पर सिमट गई और ऑस्‍ट्रेलिया ने उसे छह विकेट से हरा दिया. मिचेल स्टार्क की अगुआई में गेंदबाजों के उम्दा प्रदर्शन के बाद ट्रेविस हेड के शतक से ऑस्ट्रेलिया ने आईसीसी क्रिकेट विश्व कप फाइनल में भारत को छह विकेट से हराकर लगातार नौवीं जीत के साथ अभूतपूर्व छठा एकदिवसीय विश्व कप जीता और साथ ही करोड़ों भारतीयों का दिल और मेजबान टीम का विश्व चैंपियन बनने का सपना तोड़ दिया. 

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Sunday, November 19, 2023

आतंकी संगठनों के लिए भर्ती को आतंकी कृत्य माना जाएगा : जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक

जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन (RR Swain) ने शनिवार को कहा कि आतंकवादी संगठनों (Terrorist Organisations) के लिए युवाओं की भर्ती को भी आतंकी कृत्य के रूप में देखा जाएगा. उन्होंने कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां आतंकी समूहों में भर्ती में शामिल लोगों के साथ-साथ मादक पदार्थ तस्करों और डीलर पर कार्रवाई कर रही हैं. स्वैन ने यहां पुलिस मुख्यालय में जन शिकायत निवारण बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ''आतंकी संगठनों में किसी भी प्रकार की भर्ती के मामले को आतंकी कृत्य के तौर पर देखा जाएगा. जो लोग किसी युवा को आतंकवाद में शामिल होने के लिए उकसाते या फिर उसकी मदद करते हैं, वो भी समान रूप से उत्तरदायी होंगे. आंतकवाद में शामिल होने के लिए प्रेरित करने और भर्ती करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.''

उन्होंने कहा, ''अभिव्यक्ति की आजादी के पीछे छिपकर युवाओं को उकसाने वाले लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. सुरक्षा एजेंसियों का संकल्प आतंकवादी समूहों में भर्ती को कतई बर्दाश्त नहीं करने का है.''

पुलिस अधिकारी ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति आतंकवाद में शामिल होता है तो पुलिस उसके परिजनों, दोस्तों, शिक्षकों और मस्जिद समितियों के माध्यम से उसकी जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करती है. 

स्वैन ने कहा, ''यह सिर्फ पुलिस का काम नहीं है. अगर पूरा समुदाय मिलकर प्रयास करे तो जिंदगियां बचाई जा सकती हैं. हमारा प्रयास दूसरी ओर बैठे आतंकी आकाओं के हाथों को काटना है....वे पैसों का इस्तेमाल कर युवाओं को आंतकवाद में शामिल करने के लिए उकसाते हैं. इसके खिलाफ एक नियोजित और निरंतर लड़ाई की जरूरत है तथा हम यह करके रहेंगे.''

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Saturday, November 18, 2023

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों के साथ दो मुठभेड़ों में छह आतंकवादी मारे गए

जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार को सुरक्षाबलों के साथ दो मुठभेड़ों में छह आतंकवादी मारे गए. अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर घाटी के कुलगाम जिले में सुरक्षाबलों के साथ रातभर चली मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के पांच आतंकवादी मारे गये. कुलगाम जिले में 18 घंटे तक चली मुठभेड़ खत्म होने के बाद कश्मीर जोन के पुलिस महानिरीक्षक वी.के. बिरदी ने बताया कि मारे गए आतंकवादियों के शव बरामद किए जा चुके हैं और इलाके में छानबीन की जा रही है. ड्रोन फुटेज के जरिए आतंकवादियों के शवों का पता लगाया गया.

अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने कुलगाम के नेहामा गांव में घेराबंदी की और तलाशी अभियान शुरू किया. आतंकवादियों ने सुरक्षाकर्मियों पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई.

अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों की मौजूदगी वाले क्षेत्र के चारों ओर कड़ी घेराबंदी कर रखी थी, लेकिन रात के समय इस अभियान को रोकना पड़ा. उन्होंने बताया कि कुलगाम के नेहामा इलाके के समनो में रातभर शांति रहने के बाद शुक्रवार तड़के गोलीबारी हुई. जिस घर में आतंकवादी छिपे हुए थे, आज सुबह हुई गोलीबारी में उसमें आग लग गई, जिससे आतंकवादियों को बाहर निकलना पड़ा.

अधिकारियों ने बताया कि मारे गए आतंकवादियों की पहचान समीर अहमद शेख (पीएएफएफ), यासिर बिलाल भट, दानिश अहमद ठोकर, हंजुल्ला याकूब शाह और उबैद अहमद पैडर (सभी टीआरएफ के सदस्य) के रूप में हुई है. शेख ने 2021 में आतंकवाद की दुनिया में कदम रखा था, जबकि अन्य पिछले साल या इस वर्ष इसमें शामिल हुए थे. सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार पीएएफएफ और टीआरएफ लश्कर के मुखौटा संगठन हैं.

अभियान के बारे में मीडिया को बताते हुए दक्षिण कश्मीर क्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) रईस भट ने कहा कि समनो गांव में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में गोपनीय सूचना पर यह अभियान चलाया गया था.

उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवादियों की मौजूदगी के संबंध में गोपनीय सूचना मिलने पर और जम्मू-कश्मीर पुलिस तथा सेना की 34 राष्ट्रीय राइफल्स, सीआरपीएफ की 18वीं बटालियन ने बृहस्पतिवार को समनो में एक संयुक्त अभियान शुरू किया था. एक घर में छिपे लश्कर के आतंकियों से संपर्क साधा गया. इसके बाद हुई मुठभेड़ में पांच आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया.''

उन्होंने कहा कि पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, मारे गए आतंकवादी सुरक्षाबलों पर हमले और नागरिकों पर अत्याचार सहित कई आतंकी गतिविधियों में शामिल थे. अधिकारी ने कहा, ‘‘यह एक बड़ी सफलता है क्योंकि ये आतंकवादी अल्पसंख्यकों पर हुए कई हमलों में शामिल थे. आतंकवादियों के सफाए से यहां सक्रिय संगठनों को गंभीर झटका लगा है और हमारा मानना है कि आगे और भी सफलताएं मिलने वाली हैं.''

डीआईजी ने कहा कि मुठभेड़ स्थल से चार एके-राइफल, चार ग्रेनेड और दो पिस्तौल सहित आपत्तिजनक सामग्री, हथियार और गोला-बारूद बरामद किये गये हैं.

वहीं जम्मू क्षेत्र के राजौरी जिले में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के संयुक्त दल के बीच मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया.

पुलिस की एक प्रवक्ता ने बताया कि एक गोपनीय सूचना पर बुद्धल तहसील के गुलेर-बेहरोटे इलाके में सेना, पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की एक संयुक्त टीम ने घेराबंदी और तलाशी अभियान (सीएएसओ) चलाया और इसी दौरान सुबह मुठभेड़ हुई.

प्रवक्ता ने बताया कि जब सुरक्षाकर्मी अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहे थे तो आतंकवादी ने एक घर से उन पर गोलीबारी शुरू कर दी. उन्होंने बताया कि गोलीबारी कुछ देर तक जारी रही और इस दौरान एक आतंकवादी मारा गया. मुठभेड़ स्थल से एक एके-47 राइफल, तीन मैगजीन और तीन ग्रेनेड बरामद किये गये हैं.

अधिकारी ने बताया कि इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और तलाशी अभियान जारी है. उन्होंने बताया कि आतंकवादी की पहचान की जा रही है.



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Video: रूसी सैनिक विस्फोटकों से लदे कामिकेज व्हीकल से कूदा, फिर हुआ भीषण विस्फोट

Russia-Ukraine War: रूसी सेना ने एक मल्टीपर्पज बख्तरबंद व्हीकल एमटी-एलबी का विस्फोटक के रूप में उपयोग अवदीवका में खाइयों को निशाना बनाने के लिए किया गया था. यह इलाका यूक्रेन में चल रहे युद्ध में सबसे अधिक प्रतिस्पर्धा वाले क्षेत्रों में से एक है.

रूस ने यह कामिकेज़-शैली का हमला किया था. इसके ड्रोन फुटेज में एमटी-एलबी खेतों में से नेविगेट करते हुए और सीधे यूक्रेनी पोजीशंस की ओर बढ़ते हुए दिख रहा है.

व्हीकल एमटी-एलबी में दो टन विस्फोटक लादा गया था और उसे यूक्रेनी खाइयों की ओर भेजा गया था. रूस के इस मिशन का उद्देश्य कामिकेज़-शैली के हमले को अंजाम देना था. इसके लिए दुश्मन के ठिकानों पर हमला करने के लिए सख्त वाहन, ड्रोन या यहां तक ​​कि प्लेन बनाया जाता है. कामिकेज़ सुसाइड मिशन पहली बार द्वितीय विश्व युद्ध के अंत में देखे गए थे. उस दौर में कमजोर पड़ चुकी जापानी वायु सेना के पायलटों ने ऐसे हमले किए थे.

कामिकेज़-शैली में हमला

कामिकेज़-शैली में रूस की ओर से किए गए हमले के वीडियो में दिख रहा है कि एक सैनिक व्हीकल को टारगेट की दिशा में मोड़ता है और उससे कूद जाता है. वह खुद को बचाने के लिए खुले मैदान में विपरीत दिशा में दौड़ लगाता है. हथियार लिए हुए यह रूसी सैनिक एक टैंक मलबे के बगल में छिप जाता है. इसके बाद एक मिनट से भी कम समय में एमटी-एलबी में एक माइन के ऊपर विस्फोट होता है. भीषण विस्फोट के बाद आसपास के बड़े क्षेत्र में आग और धुंआ उठता दिखता है.

यदि यह एमटी-एलबी यूक्रेनी खाइयों तक पहुंच गया होता तो इसमें हताहतों की संख्या बहुत अधिक हो सकती थी.

यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने अवदीवका को फ्रंट लाइन का "हॉटेस्ट" इलाकों में से एक कहा.

अवदीवका की लड़ाई का बिना तारीख वाला वीडियो ऐसे हमलों से पैदा होने वाले कई खतरों पर ध्यान दिलाता है. इसमें लैंड माइन पर पैर रखना भी शामिल है. खासकर ऐसे हमलों में बारूदी सुरंगों और ऊंची झाड़ियों में छिपे विस्फोटकों को आसानी से नहीं देखा जा सकता. यूक्रेनी खाइयों से घात लगा स्नाइपर हमलों का खतरा होता है.

रूस ने हमले तेज किए

रूस ने पूर्वी यूक्रेन के सीमावर्ती शहर अवदीवका पर हमले तेज कर दिए हैं. मेयर विटाली बरबाश ने कहा कि रूसी सैनिक बख्तरबंद वाहनों का उपयोग कर रहे हैं. वे औद्योगिक क्षेत्र को निशाना बना रहे हैं. वे शहर में चौबासों घंटे ऊंची इमारतों पर हमले कर रहे हैं.

साल 2014 से हमले झेल रहा यह शहर गोलाबारी से काफी हद तक नष्ट हो गया है लेकिन यह यूक्रेनी प्रतिरोध का प्रतीक भी बन गया है. 

माना जाता है कि रूसी सेनाएं शहर के विशाल कोक संयंत्र के पास "प्रमुख सामरिक स्थिति" में अवदीवका की ओर जाने वाली मुख्य सड़क के करीब हैं.



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दिल्ली प्रदूषण: NGT ने वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए और कड़े कदम उठाने के दिए आदेश

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति सहित विभिन्न एजेंसी के प्राधिकारियों को दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में सुधार के लिए कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया है. हरित पैनल ने इस बात पर गौर किया कि राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता में कोई सुधार दिखाई नहीं दे रहा. उसने संबंधित प्राधिकारियों को 20 नवंबर तक नई कार्रवाई रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया.

एनजीटी के अध्यक्ष प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल की पीठ ने दिल्ली की बिगड़ती वायु गुणवत्ता के बारे में विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों का स्वत: संज्ञान लिया था और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी), केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और एनसीआर एवं आसपास के क्षेत्रों के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को नोटिस जारी किए थे. पीठ ने कहा कि डीपीसीसी, सीएक्यूएम और दिल्ली सरकार ने रिपोर्ट दाखिल की हैं.

अधिकरण ने अपने हालिया आदेश में कहा कि सीएक्यूएम की रिपोर्ट के अनुसार, अत्यधिक प्रतिकूल मौसम और जलवायु परिस्थितियों के कारण अक्टूबर के अंत में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बहुत खराब था, जिसके कारण क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना (ग्रैप) के द्वितीय चरण के तहत 21 अक्टूबर को सक्रियता से प्रतिबंध लगाए गए थे.

दिल्ली-एनसीआर के लिए केंद्र की क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना के तहत कार्रवाई को चार चरणों में वर्गीकृत किया गया है:

  • पहला चरण- खराब (एक्यूआई 201-300)
  • दूसरा चरण- बहुत खराब (एक्यूआई 301-400)
  • तीसरा चरण- गंभीर ( एक्यूआई 401-450)
  • चौथा चरण- अत्यधिक गंभीर (एक्यूआई 450 से ऊपर)

शून्य से 50 के बीच एक्यूआई 'अच्छा', 51 से 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'मध्यम', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बहुत खराब', 401 से 450 के बीच 'गंभीर' और 450 से ऊपर 'अति गंभीर' माना जाता है.

पीठ ने कहा कि सीपीसीबी ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए तकनीकी हस्तक्षेप का सुझाव दिया है, लेकिन इसने यह नहीं बताया कि इस तरह के हस्तक्षेप किस हद तक लागू किए गए थे और इनका अंतिम परिणाम क्या निकला. उसने इसके संबंध में सीपीसीबी की रिपोर्ट सुनवाई की अगली तारीख या उससे पहले दाखिल किए जाने का निर्देश दिया.

पीठ ने दिल्ली सरकार की रिपोर्ट पर भी गौर किया, जिसके अनुसार वाहनों से निकलने वाला उत्सर्जन, सड़कों, निर्माण और विध्वंस गतिविधियों से उठने वाली धूल, खुले में सूखी पत्तियां और पराली जलाना प्रदूषण के स्रोत हैं.

वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदम संतोषजनक नहीं
अधिकरण ने कहा, ‘‘इन सभी एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में रुख अपनाया है कि वे दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कदम उठा रही हैं, लेकिन धरातल पर परिणाम संतोषजनक नहीं हैं.'' पीठ ने 20-30 अक्टूबर के दौरान एक्यूआई का उल्लेख करते हुए कहा कि स्थिति सुधरने के बजाय बद से बदतर हो गई है.

अधिकरण ने कहा, ‘‘इसलिए हमारी राय है कि संबंधित एजेंसी को अपनी रणनीति की समीक्षा करने और ये सुनिश्चित करने के लिए एक प्रभावी समाधान निकालने की आवश्यकता है कि दिल्ली और एनसीआर में एक्यूआई स्वीकृत सीमा के भीतर बनाए रखा जाए.'' उसने संबंधित प्राधिकारियों को नई कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया और आगे की सुनवाई नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी.



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Friday, November 17, 2023

कतर में आठ भारतीयों की मौत की सजा के मामले में भारत की ओर से अपील की प्रक्रिया जारी

भारत ने गुरुवार को कहा कि कतर की एक अदालत द्वारा भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को सुनाई गई मौत की सजा के खिलाफ अपील की प्रक्रिया जारी है और उसे इसका सकारात्मक नतीजा निकलने की उम्मीद है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत इस मामले पर कतर के प्राधिकारियों के साथ बातचीत कर रहा है और सरकार भारतीय नागरिकों को सभी कानूनी और दूतावास संबंधी सहायता मुहैया कराना जारी रखेगी.

कतर की ‘कोर्ट ऑफ फर्स्ट इंस्टेंस' ने 26 अक्टूबर को आठ भारतीयों को मौत की सजा सुनाई थी. भारत ने फैसले को चौंकाने वाला बताया था और मामले में सभी कानूनी विकल्प तलाशने की बात कही थी. कुछ दिनों बाद, मौत की सजा के खिलाफ एक अपील दायर की गई.

बागची ने कहा, ‘‘मामला फिलहाल वहां कानूनी प्रक्रिया में है. जैसा कि हमने बताया, कतर की अपील अदालत में एक अपील दायर की गई है. हम इस मामले पर कतर के प्राधिकारियों के साथ भी सम्पर्क में हैं और हम उन्हें (पूर्व नौसैन्य कर्मियों को) सभी कानूनी और राजनयिक सहायता प्रदान करना जारी रखेंगे.''

उन्होंने कहा, ‘‘मैं फिर से सभी से आग्रह करूंगा कि मामले की संवेदनशील प्रकृति को देखते हुए अटकलों में लिप्त न हों.'' पूरी प्रक्रिया में फैसले को कतर पक्ष द्वारा गोपनीय रखा गया है.

सकारात्मक नतीजे की उम्मीद

बागची ने अपनी साप्ताहिक प्रेसवार्ता में इस मामले पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, 'अपील प्रक्रिया चल रही है और हम सकारात्मक नतीजे की उम्मीद करते हैं.'' उन्होंने उन कुछ खबरों को भी 'तथ्यात्मक रूप से गलत' बताया, जिनमें कहा गया था कि मामले में अपील पर फैसला सुनाया जा चुका है.

निजी कंपनी अल दहरा के साथ काम करने वाले भारतीय नागरिकों को कथित तौर पर जासूसी के एक मामले में पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार किया गया था. न तो कतर के प्राधिकारियों और न ही नई दिल्ली ने भारतीय नागरिकों के खिलाफ आरोपों को सार्वजनिक किया.

विदेश मंत्रालय सभी कानूनी विकल्प तलाश रहा

कतर की अदालत के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया में, विदेश मंत्रालय (एमईए) ने पिछले महीने कहा था कि वह इस मामले को 'उच्च महत्व' दे रहा है और सभी कानूनी विकल्प तलाश रहा है. भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों के खिलाफ आरोप 25 मार्च को दायर किए गए और उन पर कतर के कानून के तहत मुकदमा चलाया गया.

पूर्व सैन्य अधिकारियों ने कहा था कि सभी पूर्व नौसेना अधिकारियों का भारतीय नौसेना में 20 साल तक का 'बेदाग कार्यकाल' रहा है और उन्होंने बल में प्रशिक्षकों सहित महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है.

मई में अल-दहरा ग्लोबल ने दोहा में अपना परिचालन बंद कर दिया था और वहां काम करने वाले सभी लोग (मुख्य रूप से भारतीय) घर लौट आए हैं. अतीत में, नौसेना ने पूर्व नौसैनिकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए उनका मामला सरकार के शीर्ष अधिकारियों के समक्ष उठाया था.

कतर में भारतीय विद्यालयों के कैलेंडर से दिवाली की छुट्टी हटाए जाने संबंधी कुछ खबरों के बारे में पूछे जाने पर बागची ने कहा कि स्कूल स्थानीय नियमों और विनियमों के तहत संचालित होते हैं.

प्रवक्ता ने कहा कि वह इस बात की पुष्टि करने की स्थिति में नहीं हैं कि मामला प्राधिकारियों के समक्ष उठाया जाएगा या नहीं.



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आने वाले दिन क्षेत्रीय दलों के, मोदी को 2024 में सरकार बनाने के लिए बहुमत नहीं मिलेगा : KCR

Telangana Assembly Elections: भारत राष्ट्र समिति (BRS) प्रमुख के चंद्रशेखर राव (KCR) ने गुरुवार को कहा कि आने वाले दिन क्षेत्रीय दलों के हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 2024 के लोकसभा चुनावों में बहुमत नहीं मिलेगा और पार्टियों का गठबंधन केंद्र में सरकार बनाएगा.

केसीआर ने तीस नवंबर के विधानसभा चुनाव के लिए एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी की कथित विफलताएं गिनाईं, विशेष रूप से तेलंगाना के संबंध में. राव ने साथ ही भविष्यवाणी की कि अगले साल के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) बहुमत पाने में विफल रहेगी. उन्होंने क्षेत्रीय दलों के गठबंधन द्वारा केंद्र सरकार बनाने की संभावना पर प्रकाश डाला.

राव ने बृहस्पतिवार को अपनी यह टिप्पणी दोहरायी कि भाजपा और कांग्रेस एक-दूसरे से बहुत अलग नहीं हैं और इन दलों को वोट देना, वोट ‘‘बर्बाद'' करना है.

केसीआर ने दोनों पार्टियों की आलोचना करते हुए कहा, ‘‘सांप्रदायिक कट्टरता भड़काने वाली भाजपा को कचरे में फेंक देना चाहिए. यदि आप भाजपा को एक वोट भी देते हैं, तो वह वोट की बर्बादी है. यदि आप कांग्रेस को वोट देते हैं, तो वह भी वोट की बर्बादी है.''

‘‘यदि आप भाजपा को वोट देते हैं, तो वह बर्बाद हो जाएगा''

उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि किसी को उस पार्टी को वोट क्यों देना चाहिए जिसने तेलंगाना को एक भी मेडिकल कॉलेज या नवोदय स्कूल नहीं दिया है. उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप भाजपा को वोट देते हैं, तो वह बर्बाद हो जाएगा. लोगों को इसके बारे में सोचना चाहिए. मैं लोगों से इस बारे में विचार करने का अनुरोध कर रहा हूं.''

उन्होंने बीआरएस के धर्मनिरपेक्ष पहचान का उल्लेख करते हुए इस बात पर जोर दिया, ‘‘जब तक केसीआर जीवित हैं, यह धर्मनिरपेक्ष रहेगा.'' उन्होंने अल्पसंख्यकों की कथित चिंता करने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि 2014 में राज्य बनने से पहले दस साल तक शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी ने अल्पसंख्यकों के विकास पर केवल 2,000 करोड़ रुपये खर्च किए थे, जबकि पिछले दशक में बीआरएस सरकार ने 12,000 करोड़ रुपये खर्च किए.

राव ने उनसे बीआरएस उम्मीदवार को वोट देने का अनुरोध करते हुए आगामी चुनावों और 2024 के आम चुनावों में भी उनकी पार्टी के उम्मीदवार को वोट देने की अपील की. उन्होंने भविष्यवाणी की, 'आने वाले दिन क्षेत्रीय दलों के हैं. आप इसे लिख सकते हैं. अगले चुनाव में मोदी को बहुमत नहीं मिलेगा. गठबंधन सरकार आएगी.''

बीआरएस सरकार की उपलब्धियों की जिक्र

उन्होंने कहा कि जब राज्य का गठन हुआ था तो राज्य में स्थिति अराजक थी, पीने या सिंचाई के पानी की कोई उचित सुविधा नहीं थी और लोग अन्य स्थानों पर पलायन करते थे. उन्होंने कहा कि हालांकि, उनकी सरकार ने सब कुछ ठीक कर दिया है.

केसीआर द्वारा राज्य की बीआरएस सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया जिसमें सिंचाई नेटवर्क स्थापित करने से लेकर पीने के पानी की आपूर्ति, किसानों का वित्तीय समर्थन करना और उन्हें 24 घंटे बिजली आपूर्ति प्रदान करना, राज्य की प्रति व्यक्ति आय को 3.17 लाख रुपये तक बढ़ाना शामिल है.

लोगों को कांग्रेस के अतीत के कार्यों की याद दिलाते हुए, राव ने कहा कि कांग्रेस ने तेलंगाना के गठन में 15 साल की देरी की थी और यहां तक कि बीआरएस (तब टीआरएस) पार्टी को विभाजित करने की भी कोशिश की थी.

कांग्रेस छह चुनावी गारंटी को लागू करने का वादा कर रही

उन्होंने यह भी आगाह किया कि जबकि कांग्रेस छह चुनावी गारंटी को लागू करने का वादा कर रही है, उसके नेता किसानों को रायथु बंधु निवेश समर्थन को करदाताओं के पैसे का व्यर्थ खर्च मानते हैं और किसानों के लिए मुफ्त बिजली आपूर्ति को 24 घंटे से घटाकर तीन घंटे प्रतिदिन करने की योजना बना रहे हैं.

केसीआर ने यह भी चेतावनी दी कि धरणी एकीकृत भूमि प्रबंधन पोर्टल को 'बंद' करने की कांग्रेस की कथित योजना बिचौलियों के शासन के खतरे को वापस लाएगी.

बीआरएस के चुनावी आश्वासनों के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि रायथु बंधु योजना के तहत भुगतान मौजूदा 10,000 रुपये से धीरे-धीरे बढ़ाकर 16,000 रुपये किया जाएगा और इसी तरह सामाजिक पेंशन को चरणबद्ध तरीके से 5000 रुपये तक बढ़ाया जाएगा. उन्होंने लोगों से वोट की अपील करते हुए कहा कि कल्याणकारी योजनाएं तभी जारी रहेंगी जब बीआरएस फिर से सत्ता में आएगी.



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पंजाब के लोग नार्को आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहे हैं लड़ाई: CM भगवंत मान

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने गुरुवार को कहा कि पंजाब विरोधी कुछ ताकतें राज्य की छवि खराब करने के लिए पंजाबियों को नशे का आदी बता रही हैं. पंजाब नार्को आतंकवाद के खिलाफ लड़ रह रहा है. मुख्यमंत्री मान ने राज्य में नशा विरोधी अभियान के तहत एक साइकिल रैली (Cycle Rally) को हरी झंडी दिखाने के बाद यह बात कही. यहां पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के परिसर से शुरू हुई इस रैली में 25,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया.

भगवंत मान ने कहा कि पंजाब विरोधी ताकतें देश के सामने राज्य की गलत तस्वीर पेश करने के लिए पंजाबियों को नशे का आदी के रूप में पेश करने पर तुली हुई हैं. उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से ही पंजाब के लोग देश की रक्षा करते आए हैं. यहां बड़े पैमाने पर अनाज का उत्पादन भी किया जाता है, लेकिन पंजाबियों के इस योगदान को नजरअंदाज करते हुए कुछ राजनीतिक दलों ने माटी के इन देशभक्त सपूतों को नशेड़ी करार देने का दुभार्वनापूर्ण दुष्प्रचार छेड़ रखा है.

भगवंत मान ने कहा कि पंजाब पर लगातार विदेशी आक्रमणकारियों ने हमला किया और पंजाबियों ने उनका बहादुरी से सामना किया. उन्होंने कहा कि अब पंजाबी नार्को-आतंकवाद (आतंकवादी संगठनों द्वारा मादक पदार्थों की तस्करी करना) के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं. इस नार्को आतंकवाद का वित्तपोषण पंजाब विरोधी ताकतों द्वारा किया जा रहा है, क्योंकि वे राज्य के विकास को पटरी से उतारना चाहते हैं.

मान ने कहा, ‘‘ हम मिलकर पंजाब विरोधी ताकतों के नापाक मंसूबों को नाकाम करेंगे. ''उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब पंजाब नशा मुक्त राज्य होगा और लोगों को यह लक्ष्य हासिल करने का संकल्प लेना चाहिए.

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरुवार को लुधियाना में मादक पदार्थ रोधी अभियान के तहत एक साइकिल रैली को हरी झंडी दिखाई. मुख्यमंत्री ने रैली के दौरान कुछ दूरी तक साइकिल भी चलाई. उन्होंने कहा कि यह कोई राजनीतिक रैली या शक्ति का प्रदर्शन नहीं है. बल्कि यह पंजाब की विकास यात्रा को आगे ले जाने का विचार है.


भगवंत मान ने साइकिल यात्रा को लेकर X पर पोस्ट लिखा- "शहीद करतार सिंह सराभा जी के शहीदी दिवस पर नशा विरोधी साइकिल रैली निकाली गई...इस रैली में युवाओं समेत हर वर्ग ने हिस्सा लिया...पंजाब को नशे के संकट से मुक्त कराने के लिए सभी अपनी-अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं...बड़ी संख्या में शामिल हुए लोगों को बहुत-बहुत धन्यवाद..."

लुधियाना के पुलिस आयुक्त मनदीप सिंह सिद्धू ने बताया कि पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के परिसर से शुरू हुई इस रैली के लिए 25,000 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया. सिद्धू ने दावा किया कि यह मादक पदार्थ के सेवन से होने वाले के नुकसान के खिलाफ आयोजित देश की सबसे बड़ी साइकिल रैली है. इस मौके पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी कुछ दूरी तक साइकिल चलायी. मान ने वहां उपस्थित लोगों को बताया कि रैली का आयोजन शहीद करतार सिंह सराभा के शहीदी दिवस के मौके पर किया गया था.

पुलिस ने कहा कि 13 किलोमीटर लंबी साइकिल रैली में सभी वर्गों के लोगों ने हिस्सा लिया. यह रैली विश्वविद्यालय परिसर में शुरू हुई और वहीं समाप्त हो गई. पंजाब के पुलिस महानिदेशक गौरव यादव भी मौके पर मौजूद थे.

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