Tuesday, April 30, 2024

गाजियाबाद की सोसाइटी में साइकिल चला रही 6 साल की बच्ची पर कुत्ते ने किया हमला

दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद में कुत्ते के हमले का एक और मामला सामने आया है. यहां एक अपार्टमेंट के परिसर में एक जर्मन शेफर्ड नस्ल के कुत्ते ने साइकिल चला रही एक बच्ची पर हमला कर दिया. इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है. मालिक द्वारा गले में लगे पट्टे से रोके जाने के बावजूद कुत्ते ने 6 साल की बच्ची की बांह पर काट लिया.

घटना के वक्त बच्ची की मां भी वहां थीं, जिन्होंने दौड़कर उसे बचाया, बाद में सुरक्षा गार्ड भी सहायता के लिए मौके पर आता दिखा. घटना गाजियाबाद के अजनारा इंटीग्रिटी हाउसिंग सोसाइटी की है.

पुलिस ने पीड़िता की मां नमिता चौहान की शिकायत पर मामला दर्ज किया है. अपनी शिकायत में उन्होंने कहा कि हमले के वक्त कुत्ते ने मुजल नहीं पहना हुआ था. महिला ने दावा किया कि कुत्ते ने उसके एक साल के बेटे पर भी हमला किया, हालांकि ये वीडियो फुटेज में कैद नहीं हुआ.

बच्ची की मां ने मांग की है कि निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सोसायटी परिसर से कुत्ते को हटाने सहित उचित उपाय किए जाएं.

ये मामला कुत्ते के हमले की एक और घटना के कुछ ही सप्ताह बाद आया है, जब एक 15 वर्षीय लड़का पड़ोसी के पिट बुल के हमले में गंभीर रूप से घायल हो गया था.

पिछले महीने, केंद्र सरकार ने राज्यों को पालतू कुत्तों के हमलों की बढ़ती घटनाओं के बीच पिट बुल टेरियर, अमेरिकन बुलडॉग, रॉट वीलर और मास्टिफ़्स सहित हिंसक कुत्तों की 23 नस्लों की बिक्री और प्रजनन पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था.



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Monday, April 29, 2024

पाकिस्तान ने IMF के सामने फिर फैलाए हाथ, PM शहबाज शरीफ ने की नए लोन की डिमांड

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान (Pakistan )भयंकर आर्थिक संकट से जूझ रहा है. यहां हाल ही में नई सरकार का गठन हुआ. नवाज शरीफ के छोटे भाई शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif)गठबंधन सरकार में प्रधानमंत्री बने हैं. देश के खर्चों के लिए सरकार के पास फंड (Pakistan Economy) नहीं है. लिहाजा पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के सामने कर्जे के लिए हाथ फैलाए हैं.

न्यूज एजेंसी 'रॉयटर्स' की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने रविवार को IMF की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टालिना जॉर्जीवा के साथ बैठक की. इस दौरान शरीफ ने जॉर्जीवा के साथ नए लोन प्रोग्राम पर चर्चा की. पाकिस्तान के पीएम ऑफिस ने कहा कि पीएम शहबाज की मुलाकात रियाद में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मौके पर हुई.

पाकिस्तान की लगातार खराब होती आर्थिक हालत, क्या बचा सकता है IMF?

दरअसल, पाकिस्तान की मौजूदा 3 अरब डॉलर का स्टैंडबाय सिस्टम इस महीने खत्म हो गया. इसके बाद पाकिस्तान एक नई दीर्घकालिक विस्तारित फंड सुविधा (Extended Fund Facility) की मांग कर रहा है.

शहबाज शरीफ के ऑफिस ने कहा, "दोनों पक्षों ने पाकिस्तान को एक नए IMF प्रोग्राम में शामिल होने पर भी चर्चा की, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पिछले साल में किए गए लाभ समेकित हैं. साथ ही आर्थिक विकास का रास्ता सकारात्मक बना हुआ है."

इस बीच IMF का एग्जिक्यूटिव बोर्ड पाकिस्तान के लिए 1.1 अरब डॉलर की फंडिंग की मंजूरी पर चर्चा करने के लिए सोमवार को बैठक करेगा. ये  स्टैंडबाय सिस्टम की दूसरी और आखिरी किश्त है. पाकिस्तान ने पिछले गर्मियों के मौसम में ये सिस्टम सेफ कर लिया था. जिससे उसे डिफ़ॉल्टर की स्थिति को टालने में मदद मिली.

IMF पाकिस्तान को तीन अरब डॉलर के राहत पैकेज की अंतिम किस्त जारी करने पर सहमत

पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने कहा है कि इस्लामाबाद जुलाई की शुरुआत तक नए प्रोग्राम पर स्टाफ लेवल का समझौता हासिल कर सकता है.

पाकिस्तान का कहना है कि वह व्यापक आर्थिक स्थिरता हासिल करने और लंबे समय से प्रतीक्षित कर्ज की मांग कर रहा है. हालांकि, औरंगजेब ने यह बताने से इनकार कर दिया है कि देश किस प्रोग्राम पर अमल करना चाहता है. अगर IMF ने नए लोन प्रोग्राम को मंजूरी दे दी, तो यह पाकिस्तान का 24वां IMF बेलआउट होगा.

GDP Growth Rate: भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए आठ प्रतिशत वृद्धि दर का अनुमान हमारा नहीं: IMF



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Sunday, April 28, 2024

कांग्रेस-आप झूठी, ‘शहरी नक्सली’ चुनने की गलती न करें : गुजरात के भरूच में बोले अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को लोगों से “शहरी नक्सलियों” को मत देने की गलती नहीं करने की अपील करते हुए कहा कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी “आदिवासी विरोधी” हैं. गुजरात के भरूच लोकसभा क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने लोगों से भाजपा के निवर्तमान सांसद मनसुख वसावा को वोट देने का आग्रह किया. यहां आप ने कांग्रेस के साथ गठबंधन के तहत एक उम्मीदवार खड़ा किया है.

अमित शाह ने कहा, “आपको मनसुख वसावा जैसा जन प्रतिनिधि कभी नहीं मिलेगा। यदि आप गलती करते हैं, तो कोई शहरी नक्सली उनकी जगह (सांसद के रूप में) ले लेगा और इस आदिवासी क्षेत्र को नष्ट कर देगा.” मनसुख वसावा को भरूच में आप के मौजूदा विधायक चैतर वसावा के खिलाफ खड़ा किया गया है. भरूच दक्षिण गुजरात का हिस्सा है, जहां आदिवासियों की खासी मौजूदगी है.

शाह ने कहा, “कांग्रेस और आप लोगों को लूटने के लिए एक साथ आए हैं. मुझे यह कहने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि कांग्रेस एक आदिवासी विरोधी पार्टी है और आप आदिवासियों का वोट पाने के बाद उनका शोषण करेगी.” उन्होंने कहा, कांग्रेस और आप अफवाह फैला रही हैं कि 400 लोकसभा सीटें जीतने के बाद भाजपा संविधान बदल देगी और आरक्षण खत्म कर देगी. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस झूठ फैलाने में “विशेषज्ञ” है और अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी झूठ फैलाने में “सरदार” है.

अमित शाह ने कहा, “ये दो झूठे लोग (भरूच में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' के हिस्से के रूप में) एक साथ आए हैं.” उन्होंने कहा कि (प्रधानमंत्री) नरेन्द्र मोदी सरकार पिछले 10 वर्षों से स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में है और अगर ऐसा करने का कोई इरादा होता तो वह संविधान को बदल सकती थी.” उन्होंने कहा, “मैं यहां आपको यह बताने आया हूं कि मोदी की गारंटी है कि वह आदिवासियों, दलितों या ओबीसी के आरक्षण को न तो छूएंगे और न ही किसी को छूने देंगे.”

शाह ने आगे दावा किया कि कांग्रेस और आप झूठ फैला रहे हैं कि प्रस्तावित समान नागरिक संहिता (यूसीसी) आदिवासियों के मौलिक अधिकार छीन लेगी. भाजपा नेता ने कहा, “मैंने यूसीसी विधेयक देखा है और इसमें कहा गया है कि यूसीसी आदिवासियों पर लागू नहीं होता है. वे (कांग्रेस और आप) झूठ फैला रहे हैं. मैं यहां बैठे हजारों आदिवासियों से कहना चाहता हूं कि चैतर वसावा (आप उम्मीदवार) और कंपनी झूठ फैला रही है. उनकी बातों में मत आइयेगा क्योंकि मोदी आदिवासियों के मित्र हैं.”

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने केंद्र में अपने 10 साल के शासन के दौरान 28,000 करोड़ रुपये आवंटित किए, जबकि मोदी सरकार ने 2014 से आदिवासी विकास के लिए 1.33 लाख करोड़ रुपये दिए हैं. शाह ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) शासन में एकलव्य विद्यालयों (जो आदिवासियों के लिए आवासीय हैं) की संख्या 90 से बढ़कर अब 740 हो गई है, जबकि आदिवासियों की पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण आवश्यकताओं की देखभाल के लिए 75,000 करोड़ रुपये के कोष के साथ एक जिला खनिज कोष स्थापित किया गया है.

राम मंदिर मुद्दे पर कांग्रेस पर हमला करते हुए शाह ने कहा, “हमने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे को (22 जनवरी को राम मंदिर की मूर्ति प्रतिष्ठा के लिए) आमंत्रित किया, लेकिन उन्हें अपने वोट बैंक की चिंता थी.” शाह ने पूछा, क्या भरूच उन लोगों का समर्थन करेगा जो भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा में भाग नहीं लेंगे।



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टीसीएस, विप्रो और टेक महिंद्रा समेत अन्य कंपनियों ने एक साल में 70 हजार कर्मचारियों को निकाला

भारत के आईटी सेवा सेक्टर में धीमी राजस्व वृद्धि के बीच, प्रमुख आईटी कंपनियों ने पिछले वित्त वर्ष में लगभग 70 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया. इंफोसिस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), विप्रो और टेक महिंद्रा समेत अन्य कंपनियों ने वित्त वर्ष 2023-24 में बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी की. इंफोसिस ने 25,994 कर्मचारियों को निकाला, वहीं टीसीएस ने 13,249 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया.

आईटी दिग्गज विप्रो ने वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में 6,180 कर्मचारियों को नौकरी से हटाया. पूरे साल में कंपनी के कर्मचारियों की संख्या में 24,516 की गिरावट आई.

वित्त वर्ष 2023-24 के अंत में टेक महिंद्रा के कर्मचारियों की कुल संख्या 1,45,455 थी. इसमें चौथी तिमाही में 795 और पूरे साल में 6,945 की कमी आई थी.

क्रिसिल रेटिंग्स की लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, देश में आईटी सेवा सेक्टर में लगातार दूसरे वर्ष धीमी राजस्व वृद्धि की संभावना है, जो वित्त वर्ष 2024-25 में पांच-सात प्रतिशत होगी.

चूंकि राजस्व वृद्धि धीमी रही, आईटी सेवा कंपनियों ने हायरिंग बंद कर दिया, जिसके चलते दिसंबर 2023 में कर्मचारियों की संख्या में एक साल पहले की तुलना में चार प्रतिशत की कमी आई.

क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक आदित्य झावेर ने कहा कि प्रौद्योगिकी खर्च में मंदी इस वित्त वर्ष में जारी रहेगी, जिसका असर आईटी सेवा प्रदाताओं की राजस्व वृद्धि पर पड़ेगा.

उन्होंने कहा, "बीएफएसआई और खुदरा क्षेत्रों से राजस्व में चार-पांच प्रतिशत की धीमी वृद्धि के साथ गिरावट जारी रहेगी, जबकि विनिर्माण और स्वास्थ्य सेवा में 9-10 प्रतिशत की अच्छी वृद्धि होगी."



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Saturday, April 27, 2024

बिजनौर में शादी से पहले 20 वर्षीय दूल्हे की हार्ट अटैक से मौत

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में शुक्रवार को शादी से पहले कथित तौर पर हार्ट अटैक से दूल्हे की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि शादी से पहले रस्म निभाने के दौरान दूल्हा मंदिर में पूजा कर बाहर आया और हांफने लगा. जिसके बाद वह लड़खड़ाकर बेहोश होकर गिर पड़ा. शादी में आए मेहमानों ने सीपीआर दिया. रिस्पांस नहीं होने पर जसपुर अस्पताल लेकर पहुंचे. लेकिन, वहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.

मृतक का नाम नीतू है, जिसकी उम्र महज 20 साल थी. वह बिजनौर के सीरावासूचंद गांव का रहने वाला था. मृतक के पिता वसंत सिंह ने बताया कि नीतू की शादी चौहड़वाला में तय हुई. शुक्रवार को उसकी शादी थी. परिवार के लोग और रिश्तेदार शादी की तैयारी में लगे हुए थे. सब कुछ ठीक चल रहा था. जब वह शादी से पहले गांव के मंदिर में रस्म निभा रहा था, तभी अचानक लड़खड़ाकर बेहोश होकर गिर पड़ा. हम सभी दौड़ते हुए उसके पास पहुंचे.

कुछ आसपास के लोगों ने सीपीआर दिया. रिस्पांस नहीं हुआ तो तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचे. लेकिन, वहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. सभी रिश्तेदारों ने बताया कि नीतू पहले बिल्कुल ठीक था. अंदाजा नहीं था कि उसकी तबीयत खराब है. यह सब कुछ अचानक हुआ. किसी को कुछ समझ नहीं आया.

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Friday, April 26, 2024

दूसरे चरण के मतदान से पहले बढ़ते राजनीतिक तापमान के बीच भाजपा के केरल अभियान की परीक्षा

केरल में क्या भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का सूखा खत्म होगा? क्या कांग्रेस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीखे हमले के बाद बढ़े राजनीतिक तापमान से मतदान प्रतिशत में इज़ाफा होगा? ये कुछ सवाल उन 89 लोकसभा क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जेहन में हैं, जहां शुक्रवार को मतदान है. इस चरण में, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी नेता शशि थरूर तथा केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी और राजीव चंद्रशेखर सहित भाजपा और विपक्ष के कई वरिष्ठ नेता मैदान में हैं.

भाजपा ने 2019 के चुनाव में इनमें से 53 और उसके मौजूदा सहयोगियों ने 12 सीट जीती थीं, जिनमें उत्तर प्रदेश की आठ में से सात, राजस्थान की सभी 13, महाराष्ट्र में आठ, मध्य प्रदेश में सात सीट तथा असम और बिहार की पांच में से चार-चार सीट शामिल थीं. पिछले आम चुनाव में अब विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया' के घटकों ने 23 सीट जीती थीं. सीट की अपनी संख्या को बेहतर करने के लिए भाजपा को न केवल अपने गढ़ में पकड़ बरकरार रखनी होगी, बल्कि नए स्थानों पर भी पैठ बनानी होगी. प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में भाजपा विमर्श की लड़ाई में विपक्षी ‘इंडिया' का मुकाबला कर रही है.

पहले चरण में 19 अप्रैल को 102 सीट पर मतदान के बाद, प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर अपना हमला तेज कर दिया है और उस पर अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए निर्धारित आरक्षण में से मुसलमानों को आरक्षण प्रदान करने की कोशिश का आरोप लगाया है. उन्होंने अपनी चुनावी रैलियों में मतदाताओं को यह भी चेतावनी दी है कि कांग्रेस केंद्र में सरकार बनने पर उन लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए महिलाओं के 'मंगलसूत्र' सहित उनकी संपत्ति छीन लेगी, जो 'घुसपैठिए' हैं और जिनके अधिक बच्चे हैं. उन्होंने इस बाबत पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के एक बयान का हवाला दिया है.

दूसरी ओर, कांग्रेस ने उन पर झूठ बोलने और सांप्रदायिक विभाजन फैलाने का आरोप लगाया है और दावा किया है कि वह भाजपा के खराब प्रदर्शन से परेशान हैं. पार्टी ने उनकी निर्वाचन आयोग से शिकायत की है. भाजपा ने भी गांधी सहित कांग्रेस नेताओं के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराई हैं, जिसके बाद निर्वाचन आयोग ने दोनों दलों के अध्यक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. भीषण गर्मी पर बढ़ता राजनीतिक तापमान हावी होता है या नहीं और बूथ पर अधिक मतदाताओं के पहुंचने जैसी चीज़ों पर राजनीतिक पर्यवेक्षकों की नज़र रहेगी. कुछ हलकों में, पहले चरण के दौरान कम मतदान के लिए भीषण गर्मी को जिम्मेदार ठहराया गया था.

तमिलनाडु की तरह केरल में भी भाजपा के विस्तार अभियान की परीक्षा होगी, तो महाराष्ट्र और कुछ हद तक कर्नाटक जैसे राज्यों पर उत्सुकता से नजर रखी जा रही है क्योंकि 2019 के बाद से वहां कई नए कारक सामने आए हैं. तमिलनाडु में पहले चरण में मतदान हो चुका है. पिछले राष्ट्रीय चुनावों में भाजपा के सहयोगी रहे उद्धव ठाकरे अब महाराष्ट्र में ‘इंडिया' गठजोड़ का चेहरा हैं, जबकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना भाजपा की सहयोगी है.

एक अन्य प्रमुख क्षेत्रीय दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) भी विभाजित हो गई है और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को वास्तविक राकांपा के रूप में मान्यता दी गई है और यह अब भाजपा के साथ है. राकांपा के संस्थापक शरद पवार विपक्षी गठजोड़ का हिस्सा हैं. भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को पिछली बार पश्चिमी राज्य की 48 में से 41 सीट पर जीत मिली थी जहां उत्तर प्रदेश के बाद सबसे अधिक लोकसभा सीट हैं.

कर्नाटक में अब कांग्रेस सत्ता में है और उसकी पूर्व सहयोगी जद(एस) भाजपा के खेमे में है. भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का राज्य की 28 सीट में से 27 पर कब्जा है, और इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) गठजोड़ उसके गढ़ में सेंध लगाने के लिए अपनी कल्याणकारी योजनाओं पर भरोसा कर रहा है.

भाजपा केरल में अपना खाता खोलने के लिए अभिनेता सुरेश गोपी, केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर और वरिष्ठ कांग्रेस नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी पर भरोसा कर रही है. केरल में लोकसभा चुनाव में पार्टी का कोई भी उम्मीदवार कभी नहीं जीता है. तिरुवनंतपुरम में चंद्रशेखर का मुकाबला तीन बार के कांग्रेस सांसद थरूर से है. गांधी वायनाड से मैदान में हैं. वह इस क्षेत्र का वर्तमान में लोकसभा में प्रतिनिधित्व करते हैं. पहले चरण में मतदान 62.37 प्रतिशत दर्ज किया गया. 2019 में पहले चरण में मतदान प्रतिशत 69.43 फीसदी था जब 91 सीट पर वोट पड़े थे.

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Thursday, April 25, 2024

तिहाड़ जेल प्रशासन ने केजरीवाल से आतिशी की मुलाकात आखिरी वक्त में रद्द की : संजय सिंह

आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने दिल्ली के तिहाड़ जेल प्रशासन पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मंत्री आतिशी के बीच प्रस्तावित मुलाकात आखिरी समय में रद्द करने का आरोप लगाते हुए बुधवार को कहा कि ‘‘यहां तक कि ब्रिटिश काल में भी इस तरह का व्यवहार देखने को नहीं मिलता था.'' तिहाड़ जेल प्रशासन की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. संजय सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज और नगर शिक्षा मंत्री आतिशी को तिहाड़ में मुख्यमंत्री से मिलना था.

संजय सिंह ने कहा, ‘‘लेकिन आतिशी की बैठक की पुष्टि कल नहीं हुई. दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने मुलाकात के लिए (जेल प्रशासन से) अनुरोध किया था, परंतु आखिरी समय में उनकी बैठक रद्द कर दी गई.'' उन्होंने कहा, ‘‘उनकी मुलाकात रद्द होने के बाद, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) संदीप पाठक को भारद्वाज के साथ जाना था, लेकिन आज सुबह करीब साढ़े नौ बजे उन्हें सूचित किया गया कि उनकी मुलाकात भी रद्द कर दी गई है.''

संजय सिंह ने इस कदम के पीछे के कारणों पर सवाल उठाया और आशंका जताई कि भविष्य में केजरीवाल को अपनी पत्नी से मिलने की अनुमति भी नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा, ‘‘आप एक सांसद की, एक मंत्री की केजरीवाल के साथ मुलाकात रद्द कर रहे हैं. आपने पहले उनके साथ मेरी मुलाकात रद्द कर दी थी. कल आप उनकी पत्नी के साथ मुलाकात रद्द कर सकते हैं. ब्रिटिश शासन में भी इस तरह का व्यवहार नहीं देखा गया था.'

'आप नेता ने कहा कि वह इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना को पत्र लिखेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘उनके साथ आतंकवादियों या कट्टर अपराधियों से भी बदतर व्यवहार किया जा रहा है. उन्हें अपने वकीलों और उनके परिजनों से व्यक्तिगत रूप से मिलने की अनुमति है, लेकिन आप उनकी मुलाकातों को रोक रहे हैं.'' आप नेता ने कहा कि मुलाकात रद्द करने का ‘कोई कारण नहीं बताया गया.'

इससे पहले दिन में भारद्वाज ने केजरीवाल के साथ 30 मिनट लंबी मुलाकात की. भारद्वाज ने मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरी ‘मुलाकात जंगला' में आधे घंटे की हुई. मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को उनकी चिंता नहीं करनी चाहिए. वह मजबूत हैं और दिल्ली के लोगों के आशीर्वाद से वह अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.'' 'मुलाकात जंगला' एक लोहे की जाली से बांटा गया वह हिस्सा होता है, जिसका इस्तेमाल कैदी को उनके परिजनों से मिलाने के लिए किया जाता है. इसके तहत जाली के उस पार कैदी होता है और इस पार से उसके परिजन बात करते हैं. केजरीवाल को 21 मार्च को धनशोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था. मुख्यमंत्री ने अपनी गिरफ्तारी के बाद भी पद नहीं छोड़ा है और आप ने कहा है कि वह जेल से सरकार चलाना जारी रखेंगे.



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इस आम चुनाव में बदलाव की ‘खामोश लहर’ चल रही है : सचिन पायलट ने किया बड़ा दावा

Sachin Pilot made a big claim : कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने बुधवार को कहा कि इस आम चुनाव में लोगों में परिवर्तन की टीस दिख रही है और बदलाव की ‘खामोश लहर' चल रही है. पायलट ने टोंक में संवाददाताओं से बातचीत में यह बात कही. उन्होंने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी चुनाव में पिछड़ रही है. राजस्थान में पहले चरण में कम मतदान से जुड़े एक सवाल के जवाब में पायलट ने कहा, ‘‘मैं राजस्थान के कई जिलों में गया हूं...देश के कई राज्यों में गया हूं...हर जगह मुझे लोगों में एक बदलाव की टीस दिख रही है और जो सुगबुगाहट चल रही है...खामोश लहर चल रही है.. वो बदलाव की है. भाजपा जो दावे कर रही है, उससे वह बहुत पीछे रह जाएगी.''

सचिन पायलट ने कहा, ‘‘पहले चरण के मतदान के बाद जो प्रतिक्रिया मिल रही है, उसे देखकर और भाजपा नेताओं के भाषणों को देखकर मुझे लग रहा है कि कहीं न कहीं भाजपा आज पिछड़ रही है. जनता संतुष्ट नहीं है और मैं मानता हूं यह चुनाव एक बदलाव का चुनाव है.'' कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘ना सिर्फ राजस्थान में बल्कि समूचे देश में जहां भी ‘इंडिया' गठबंधन चुनाव लड़ रहा है, वहां पर हमारे उम्मीदवारों को बढ़त मिल रही है.''

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणियों पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दो तीन दिन में जो धारणा बनी है, वह बड़ी अचंभे वाली है और मुझे लगता है जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों को इस प्रकार की शब्दावली का... इस प्रकार की भाषा का उपयोग नहीं करना चाहिए.'' उन्होंने कहा, ‘‘हमें तो किसान, नौजवान, विकास, उन्नति, उद्योग, निवेश और एक बेहतर भारत बनाने की बात करनी चाहिए. हम चर्चा अगर करते हैं तो वही मंदिर-मस्जिद और मंगलसूत्र...इस तरह की बातें करके मुझे लगता है कि भावनाओं को भड़काने का काम हो रहा है. कहीं ना कहीं इस चीज से परहेज करना चाहिए.''

राजस्थान के बांसवाड़ा में रविवार को एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि कांग्रेस की योजना लोगों की गाढ़ी कमायी और संपत्ति ‘‘घुसपैठियों'' तथा ज्यादा बच्चे पैदा करने वाले लोगों को देने की है. मोदी ने कहा था, ‘‘ये अर्बन नक्सल वाली सोच.... मेरी माताओ- बहनों ये आपका मंगलसूत्र भी बचने नहीं देंगे। इस हद तक चले जाएंगे.” पायलट ने कहा, ‘‘10 साल में अगर भाजपा सरकार ने इतना अच्छा कार्य किया है और आपको आत्मविश्वास है कि आप जीत कर आयेंगे तो उन कार्यों पर चर्चा करनी चाहिए, उस पर संवाद होना चाहिए.'' उन्होंने कहा, ‘‘26 अप्रैल को जो मतदान होगा.. उस रण में कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन पहले से बहुत बेहतर होगा और भाजपा से ज्यादा सीटें हम जीतेंगे.''



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Wednesday, April 24, 2024

गर्म मौसम या मतदाताओं में नहीं उत्साह, क्या कहता है लोकसभा चुनाव के पहले फेज में कम वोटिंग का ट्रेंड?

 Lok Sabha election 2024: लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान 26 अप्रैल को होने जा रहे हैं. अधिक से अधिक लोग वोट देने के लिए आएं इसे देखते हुए चुनाव आयोग ने तैयारियों को और तेज़ कर दिया है. मतदाता जागरूकता अभियान चलाने के साथ ही गर्मी के मौसम में मतदाताओं को वोट देने में दिक्कत न आए इसके भी इंतज़ाम किए गए हैं. चुनाव आयोग प्रो एक्टिव हो गया है. क्योंकि पहले दौर में मतदान 2019 के मुक़ाबले कम रहा है. इस दौर में सबसे अधिक सीटों पर वोट डाले गए हैं.

पहले दौर में 19 अप्रैल को जिन 102 सीटों पर मतदान हुआ उनमें से 93 सीटों पर मतदान का प्रतिशत 2019 के मुक़ाबले कम रहा. अगर पहले दौर के मतदान की तुलना करें तो 2019 में इन 102 सीटों पर 70% मतदान हुआ था. वहीं 2024 में 66.1% मतदान दर्ज किया गया है. 

मतदान के कम प्रतिशत ने बढ़ाई परेशानी

एक ओर चुनाव आयोग तो दूसरी ओर राजनीतिक दल भी मतदान का प्रतिशत कम रहने को लेकर सतर्क हो गए हैं. खासतौर पर बीजेपी जिसके पास इन 102 सीटों में से सबसे अधिक 40 सीटें थीं. लेकिन उनमें से 39 सीटों पर मतदान घटा है. दूसरी ओर कांग्रेस के पास 15 सीटें थीं जिनमें से 12 पर मतदान कम हुआ है. डीएमके के पास 24 सीटें थीं जिनमें से 21 पर मतदान घटा है. डीएमके के शासन वाले तमिलनाडु की 39 सीटों पर एक ही साथ 19 अप्रैल को मतदान हो चुका है. अन्य दलों के पास 2019 में 23 सीटें थीं, जिनमें से 21 पर इस बार मतदान कम हुआ है.

पहले दौर में कम वोटिंग क्यों हुई?

मतदान प्रतिशत कम रहने के क्या कारण रहे इसे लेकर बीजेपी में आलाकमान के स्तर तक विचार विमर्श जारी है. क्या चिलचिलाती गर्मी, या क्षेत्रीय मुद्दे इसके लिए ज़िम्मेदार हैं या मतदाताओं की उदासीनता या उत्साह में कमी... इसका नुक़सान किस दल को हो सकता है. 

प्रधानमंत्री मोदी अपने भाषणों में लोगों से अधिक से अधिक संख्या में मतदान करने के लिए कह रहे हैं. प्रधानमंत्री पहले दौर में कम मतदान को बढ़ी हुई गर्मी से जोड़ कर देख रहे हैं. 2014 में जब बीजेपी की सत्ता में वापसी हुई थी, तब 2009 के करीब 58 फीसदी के मुकाबले 66 फीसदी मतदान हुआ था.  जबकि 2019 में भी मतदान बढ़कर 67.40 फीसदी हुआ था, अब देखना है कि इस बार मतदान का प्रतिशत बढ़ता है या घटता है.  

दूसरे फेज की वोटिंग से पहले हीटवेव का अलर्ट

लोकसभा चुनाव के लिए दूसरे दौर का मतदान 26 अप्रैल को 12 राज्यों की 88 संसदीय सीटों पर होना है. लेकिन जिन इलाकों में मतदान होगा वहां मौसम की मेहरबानी के आसार कम हैं और कई जगह लू चलने की आशंका है. इनमें पश्चिम बंगाल, बिहार और कर्नाटक जैसे राज्य भी शामिल हैं. मौसम विभाग के ताज़ा पूर्वानुमान के मुताबिक 26 अप्रैल को पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक के कुछ क्षेत्रों में लू चलने का पूर्वानुमान है. 

उम्मीद है कि मतदान के दूसरे दौर में मतदाता काफ़ी उत्साह के साथ वोट देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करेंगे.

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Video : First Phase की कम Voting के बाद BJP का क्या है आगे का प्लान?



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ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार को चुनाव कवर करने से रोकने के आरोपों को सरकार ने किया खारिज: सूत्र

ऑस्ट्रेलिया की एक महिला पत्रकार ने दावा किया है कि भारत सरकार ने उनका वर्क वीजा नहीं बढ़ाया. इस वजह से वो लोकसभा चुनाव के पहले फेज की वोटिंग कवर नहीं कर पाई. उन्हें भारत छोड़ने के लिए भी मजबूर होना पड़ा. अब केंद्र सरकार के सूत्रों ने इसे भ्रामक और शरारतीपूर्ण करार दिया है. सूत्रों ने जोर देकर कहा कि महिला पत्रकार ने वीजा नियमों का उल्लंघन किया है, लेकिन फिर भी उन्हें आश्वासन दिया गया कि उनका वीजा बढ़ाया जाएगा, ताकि वह चुनाव कवर कर सकें. महिला जर्नलिस्ट का नाम अवनी डायस है. वो ABC न्यूज से जुड़ी हुई हैं.
 
सरकार के सूत्रों ने कहा, "अवनी डायस ने इसलिए भारत छोड़ दिया, क्योंकि उन्हें ऑस्ट्रेलिया में एक और नौकरी के लिए डेडलाइन पूरी करनी थी. उनके भारत छोड़ने का कारण वीजा एक्सटेंशन में देरी नहीं थे, बल्कि व्यक्तिगत कारणों से उन्होंने देश छोड़ा." रिपोर्ट के मुताबिक, अवनी डायस जनवरी 2022 से ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (ABC) के लिए साउथ एशिया ब्यूरो हेड के तौर पर भारत में काम कर रही थीं. उन्होंने बीते हफ्ते भारत छोड़ा.

डायस ने भारत छोड़ने को लेकर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर संगीन आरोप लगाए. उन्होंने X हैंडल पर एक पोस्ट में लिखा- "पिछले हफ्ते मुझे अचानक भारत छोड़ना पड़ा. मेरा वर्क वीजा नहीं बढ़ाया गया. हमें ये भी बताया गया कि भारतीय मंत्रालय के निर्देश के कारण मुझे चुनाव की रिपोर्टिंग करने की परमिशन नहीं है." ऑस्ट्रेलियाई महिला पत्रकार के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए सूत्र ने कहा, "अवनी डायस का यह तर्क कि उन्हें चुनाव कवर करने की अनुमति नहीं दी गई और देश छोड़ने के लिए मजबूर किया गया... ये पूरी तरह से भ्रामक और शरारतीपूर्ण है."

सूत्र ने कहा, "डायस को अपनी व्यावसायिक गतिविधियों के दौरान वीज़ा नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया गया था. इसके बावजूद, उनके अनुरोध पर उन्हें आश्वासन दिया गया था कि आम चुनावों के कवरेज के लिए उनका वीज़ा बढ़ाया जाएगा. उनका पिछला वीज़ा 20 अप्रैल 2024 तक वैलिड था." सरकारी सूत्र ने यह भी आरोप लगाया कि डायस के सहयोगियों के वीजा भ्रामक या अधूरी जानकारी के आधार पर हासिल किए गए थे.

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Tuesday, April 23, 2024

कांग्रेस का शाही परिवार पहली बार दिल्ली में अपनी ही पार्टी को वोट नहीं देगा : प्रधानमंत्री मोदी

New Delhi Lok Sabha Seat : पीएम नरेंद्र मोदी का कहना है कि कांग्रेस लोगों का भरोसा खो चुकी है, उन्हें उम्मीदवार नहीं मिल रहे हैं, यही कारण है कि कांग्रेस का शाही परिवार पहली बार दिल्ली में अपनी ही पार्टी को वोट नहीं देगा. दरअसल, सोनिया गांधी, राहुल गांधी व प्रियंका वाड्रा जैसे बड़े कांग्रेस नेता नई दिल्ली की जिस लोकसभा सीट के मतदाता है, वहां कांग्रेस का कोई उम्मीदवार ही नहीं है. इसलिए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस का शाही परिवार दिल्ली में अपनी ही पार्टी को वोट नहीं करेगा. नई दिल्‍ली लोकसभा सीट पर इस बार आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है.

आजादी के बाद यह पहला अवसर है, जब कांग्रेस पार्टी का कोई उम्‍मीदवार यहां मैदान में नहीं है. कांग्रेस यहां मुकाबले से बाहर है. कांग्रेस के भी कई नेता मानते हैं कि आम आदमी पार्टी आज तक नई दिल्ली लोकसभा सीट नहीं जीती है, जबकि कांग्रेस 7 बार नई दिल्‍ली लोकसभा का चुनाव जीत चुकी है. बावजूद इसके कांग्रेस को यह सीट छोड़नी पड़ी है. दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच हुए सीट समझौते के कारण कांग्रेस यहां मुकाबले में नहीं है. यह वही सीट है, जहां के मतदाताओं में कांग्रेस संसदीय दल की अध्‍यक्ष सोनिया गांधी, सांसद राहुल गांधी व उनकी बहन प्र‍ियंका वाड्रा शामिल हैं.

दबी जुबान में कांग्रेस के कई वरिष्ठ व स्थानीय नेता इस समझौता को लेकर अपनी आपत्ति जताते रहे हैं. शुरुआती दौर में तो दिल्ली कांग्रेस के अधिकांश नेता पूरी तरह से इस गठबंधन के विरोध में थे. इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि कांग्रेस व 'आप' में हुए गठबंधन से पहले आम आदमी पार्टी के विधायक जरनैल सिंह व अन्य सदस्यों ने दिल्‍ली विधानसभा में राजीव गांधी से भारत रत्‍न वापस लेने का प्रस्‍ताव किया था. विधानसभा में न केवल यह प्रस्ताव रखा गया था बल्कि विधानसभा अध्‍यक्ष समेत आम आदमी पार्टी के अधिकांश सदस्‍यों ने इस प्रस्ताव का समर्थन भी किया था.

यही नहीं स्वयं दिल्ली के मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल सोनिया गांधी की गिरफ्तारी की मांग भी कर चुके हैं. कई स्थानों पर अभी भी आप व कांग्रेस के नेताओं के संबंध आपस में सहज नहीं हो सके हैं. कांग्रेस व 'आप' अभी भी पंजाब में एक-दूसरे के विरोधी हैं और अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं.

वहीं, भाजपा ने अब तक नई दिल्ली लोकसभा सीट पर 11 बार जीत दर्ज की है. इस बार भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्‍वराज की बेटी बांसुरी स्‍वराज को अपना उम्‍मीदवार बनाया है. आम आदमी पार्टी की ओर से सोमनाथ भारती मैदान में हैं. सोमनाथ भारती आम आदमी पार्टी के विधायक हैं और दिल्‍ली सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं.

भाजपा उम्मीदवार बांसुरी स्वराज ने वारविक विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में ग्रेजुएशन की है. उन्होंने लंदन के बीपीपी लॉ स्कूल से कानून की पढ़ाई और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के सेंट कैथरीन कॉलेज से मास्टर्स की है. 'आप' के सोमनाथ भारती की बात की जाए तो वह भी पेशे से वकील हैं. वह दिल्ली की केजरीवाल सरकार में कानून मंत्री रह चुके हैं. वर्तमान में वह दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष हैं. सोमनाथ भारती ने 1997 में आईआईटी दिल्ली से एमएससी की थी. इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से लॉ की और दिल्ली हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस भी की है.



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Monday, April 22, 2024

पंजाब : अमृतसर में गर्भवती पत्नी को बिस्तर से बांधकर जिंदा जलाया, आरोपी गिरफ्तार

पंजाब में अमृतसर के बाबा बकाला इलाके के बुल्ले नांगल गांव में एक व्यक्ति ने कथित तौर पर अपनी 23-वर्षीया गर्भवती पत्नी को बिस्तर से बांधकर जिंदा जला दिया. पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी.

पुलिस ने बताया कि शुक्रवार को सुखदेव सिंह ने अपनी पत्नी से झगड़े के बाद उसे जलाकर मार डाला. उसने बताया कि सुखदेव ने अपनी पत्नी पिंकी को बिस्तर से बांध दिया और आग लगा दी. पिंकी छह महीने की गर्भवती थी और उसे जुड़वा संतान होने की उम्मीद थी.

गांव के सरपंच ने पुलिस को इस घटना की सूचना दी, लेकिन जब तक पुलिस पीड़िता के घर तक पहुंचती तब तक उसकी जलने से मौत हो चुकी थी. पुलिस ने कहा कि सुखदेव को गिरफ्तार कर उस पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है.

सुखदेव और पिंकी की शादी करीब ढाई साल पहले हुई थी.



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Sunday, April 21, 2024

केंद्र सरकार का लक्ष्य भारत को Manufacturing और Services के लिए आकर्षक गंतव्य बनाना : निर्मला सीतारमण

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि केंद्र ने भारत को विनिर्माण (Manufacturing) और सेवाओं (Services) के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाने के लिए नीतियां तैयार की हैं. उन्होंने आगे जोड़ा कि न केवल घरेलू बाजार के लिए बल्कि निर्यात के लिए भी उत्पादन करने पर सरकार का जोर है. वह अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी बैठक स्थगित करने पर एक सवाल का जवाब दे रही थीं.

केंद्रीय वित्त मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ''निवेश आकर्षित करने के लिए नीतियां बनाई गईं हैं. हम चाहते हैं कि विनिर्माता और निवेशक न केवल भारत के लिए, बल्कि यहां से निर्यात करने के लिए भी आएं और उत्पादन करें. हम नीतियों के माध्यम से विनिर्माताओं और निवेशकों को आकर्षित करने का प्रयास करेंगे.''

टेस्ला के सीईओ मस्क ने शनिवार को कहा कि कंपनी के भारी दायित्वों के कारण उनकी भारत यात्रा में देरी हो रही है.

सीतारमण ने कहा, ''जब बड़ी कंपनियां भारत आने में रुचि दिखाती हैं, तो हम उनके लिए यहां आने और निवेश को आकर्षक बनाने के लिए सब कुछ करेंगे. उस प्रक्रिया में, अगर चर्चा करने के लिए कुछ भी होगा, तो हम निश्चित रूप से चर्चा करेंगे. हमने जो भी किया है, नीति के जरिए किया है.''

निर्मला सीतारमण ने कहा कि नीतियों को इस तरह से तैयार किया गया है ताकि भारत को विनिर्माण और सेवाओं के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाया जा सके. वित्त मंत्री ने मुद्रास्फीति के बारे में बोलते हुए कहा कि मोदी सरकार के एक महीने को छोड़कर, यह कभी भी सहनशील सीमा को पार नहीं कर पाई. उन्होंने आगे जोड़ा कि 2014 से पहले अर्थव्यवस्था खराब स्थिति में थी और मुद्रास्फीति दोहरे अंकों में थी.

सीतारमण ने कहा, ''उस समय (2014 से पहले) किसी को भी देश से कोई उम्मीद नहीं थी. बहुत कड़ी मेहनत के बाद, हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरे हैं और आत्मविश्वास से कह रहे हैं कि अगले दो से ढाई साल में हम तीसरे स्थान पर होंगे.'' रोजगार के बारे में उन्होंने कहा कि औपचारिक और अनौपचारिक दोनों क्षेत्रों के आंकड़ों में कमी है, लेकिन केंद्र की पहल से लाखों लोगों को रोजगार मिला है.
 



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Saturday, April 20, 2024

"पूरे भारत में NDA को..." : लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग के बाद PM नरेंद्र मोदी

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान पूरा होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि पहले चरण में मतदाताओं की बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिला. पूरे देश के लोग एनडीए (NDA) को वोट दे रहे हैं. उन्होंने मतदान करने वाले लोगों को धन्यवाद भी दिया.     

पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है - ''पहला चरण, बढ़िया प्रतिक्रिया! आज वोट डालने वाले सभी लोगों को धन्यवाद. आज के मतदान पर शानदार फीडबैक मिल रहा है. यह साफ है कि पूरे भारत में लोग रिकॉर्ड संख्या में एनडीए को वोट दे रहे हैं.''

लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की कुल 102 सीटों पर शुक्रवार को मतदान हुआ. चुनाव आयोग (Election Commission) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार देश में करीब 60 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. मतदान के दौरान बंगाल के कुछ हिस्सों में हुई झड़पों को छोड़कर देश के किसी भी हिस्से से किसी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली. 

इससे पहले आज चुनावी रैलियों में पीएम मोदी ने कहा कि, ''मोदी की गारंटी पर जनता-जनार्दन का अटूट विश्वास इंडी गठबंधन के नेताओं की नींद उड़ा रहा है. महाराष्ट्र के वर्धा में आशीर्वाद देने आए परिवारजनों का एक-एक वोट मुझे और मेहनत करने के लिए प्रेरित करेगा.'' 

उन्होंने कहा कि, ''एक तरफ इकबाल अंसारी हैं, जिन्होंने अयोध्या के राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा का निमंत्रण खुशी-खुशी स्वीकार किया, तो दूसरी तरफ कांग्रेस और इंडी गठबंधन है, जिसने वोट बैंक के चलते इसे ठुकरा दिया.''  

उन्होंने कहा कि, ''परिवारवादी और भ्रष्टाचारी नेताओं को मोदी की गारंटी बेचैन कर रही है. अनेक वैश्विक चुनौतियों के बीच हो रहा 2024 का यह लोकसभा चुनाव भारत के भविष्य को तय करने वाला है. कांग्रेस ने देश के डिफेंस सेक्टर को हमेशा कमजोर बनाए रखा, लेकिन यह हमारी सरकार के प्रयासों का परिणाम है कि भारत आज ब्रह्मोस मिसाइल को भी एक्सपोर्ट कर रहा है.''



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Friday, April 19, 2024

उपलब्धियों का ढिंढोरा पीटने की जरूरत नहीं, आरएसएस शताब्दी वर्ष नहीं मनाएगा : मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने बृहस्पतिवार को कहा कि आरएसएस 2025 में अपना शताब्दी वर्ष नहीं मनाएगा क्योंकि उसका अपनी उपलब्धियों का ढिंढोरा पीटने का इरादा नहीं है. एक पुस्तक के विमोचन के अवसर पर भागवत ने यह भी कहा कि जब 1925 में नागपुर में आरएसएस का गठन हुआ था, तब पदाधिकारियों को कड़े विरोध, संसाधनों की कमी और लोगों को जोड़ने में कठिनाई का सामना करना पड़ा था. उन्होंने कहा कि किसी भी हालात में स्वयंसेवकों को अपना काम करते रहना चाहिए.

भागवत ने कहा, ‘‘आरएसएस का शताब्दी वर्ष मनाने की कोई जरूरत नहीं है. संघ इसे संगठन का अहंकार बढ़ाने के लिए नहीं कर रहा है. संघ किसी संगठन के 100 साल पूरे होने का जश्न मनाने और कुछ उपलब्धियों का ढिंढोरा पीटने नहीं आया है.'' उन्होंने कहा कि आरएसएस समाज को बदलना चाहता है और मानता है कि समाज की जीत का आकलन धन सृजन से नहीं बल्कि धर्म से किया जाना चाहिए.

भागवत ने कहा, ‘‘इस समाज की जीत अन्य समाज को सशक्त बनाएगी और (अंतत:) जगत को लाभ पहुंचाएगी. आरएसएस ऐसे लोगों को तैयार करना चाहता है, जो इस तरह से समाज में सुधार लाने की कोशिश करें. उपलब्धियों का ढिंढोरा पीटने की जरूरत नहीं है.''

भागवत ने कहा कि यह चिंताजनक है कि आरएसएस को कुछ लक्ष्य हासिल करने में 100 साल लग गए. उन्होंने कहा कि ‘‘2000 वर्षों के सामाजिक पतन के खिलाफ लड़ाई'' के कारण बदलाव की गति धीमी हो गई. आरएसएस के सरसंघचालक ने कहा, ‘‘विदेशियों ने हमारे लोगों को पट्टी पढ़ा दी है. हमें यह भूलने की बुरी आदत है कि हम क्या हैं. हमारे लोगों के बीच एक मनोवैज्ञानिक अंतर है क्योंकि हम पर सदियों तक कई शासकों ने शासन किया.''

भागवत ने कहा कि पिछले 1000-1500 वर्षों में देश ने समय-समय पर विदेशी आक्रमणों का सफलतापूर्वक मुकाबला किया है, लेकिन अपनी ही गलतियों और गद्दारों के कारण देश बार-बार गुलामी के चक्र में फंसता गया. आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘‘इस बीमारी से निपटने की जरूरत है, नहीं तो यह होता रहेगा. आक्रमणकारियों को एक स्थायी संदेश देने के लिए हमें अपनी कुछ बुनियादी गलतियों का इलाज करना होगा और यही (आरएसएस संस्थापक) डॉ. हेडगेवार ने किया.''

भागवत ने कहा कि देश में इस बारे में ज्ञान की कमी है कि हम कौन हैं. उन्होंने कहा कि वर्षों की गुलामी ने दिमाग पर गहरा असर किया, जिसके कारण स्पष्ट रूप से बोलने और सोचने के जज्बे की कमी है. उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, हमें समाज को एक ऐसे सूत्र में पिरोने की जरूरत है, जो हम सभी को एकजुट करे. हमें अपनी पहचान स्पष्ट रूप से जाननी चाहिए और दुनिया को भी बतानी चाहिए. वह पहचान हिंदू है और हमें गर्व के साथ कहना चाहिए कि हम हिंदू हैं.''

आरएसएस की यात्रा के बारे में भागवत ने कहा, ‘‘पहले आरएसएस स्वयंसेवकों को कड़े विरोध, संसाधनों की कमी और लोगों को जोड़ने में कठिनाई का सामना करना पड़ा. इसकी तुलना में, संगठन के लिए अब स्थिति अनुकूल है. हालात कैसे भी हों आरएसएस स्वयंसेवकों को अपना काम करते रहना चाहिए.''
 



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Thursday, April 18, 2024

बिहार में पहले चरण की 4 लोकसभा सीटों के लिए प्रचार थमा, 19 अप्रैल को मतदान

बिहार में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में जिन चार सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान होना है, वहां बुधवार की शाम चुनाव प्रचार थम गया. पहले चरण में औरंगाबाद, नवादा, गया और जमुई में मतदान होना है. बुधवार शाम चुनाव प्रचार समाप्त होने के बाद अब पार्टी और प्रत्याशियों की नजर मतदान केंद्रों और मतदाताओं पर टिकी है. पहले चरण की चार सीटों पर कुल 38 प्रत्याशियों की साख दांव पर लगी है. इस चुनाव में एनडीए पांच दल भाजपा, जदयू, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, लोजपा (रामविलास) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के साथ चुनावी मैदान में उतरी है. वहीं, महागठबंधन राजद, कांग्रेस, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और वामपंथी दलों के साथ चुनावी रण में है.

पहले चरण की जिन चार सीटों पर चुनाव होना है, उनमें मुख्य मुकाबला दोनों गठबंधनों के बीच लग रहा है. नवादा में निर्दलीय प्रत्याशी संघर्ष को त्रिकोणात्मक बनाने में जुटे हैं. इन सभी चार सीटों पर महागठबंधन की ओर से राजद के प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं तो एनडीए की ओर से औरंगाबाद और नवादा में भाजपा के प्रत्याशी चुनावी समर में ताल ठोंक रहे हैं तो गया में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और जमुई से लोजपा (रामविलास) भाग्य आजमा रही है.

गया क्षेत्र से हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का मुकाबला बिहार के मंत्री रहे कुमार सर्वजीत से है तो जमुई में भी एनडीए की ओर से लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अरुण भारती और महागठबंधन की राजद प्रत्याशी अर्चना रविदास आमने-सामने हैं. अरुण भारती पार्टी प्रमुख चिराग पासवान के बहनोई हैं.

औरंगाबाद क्षेत्र में भाजपा के टिकट पर सुशील कुमार सिंह एक बार फिर से चुनावी रण में ताल ठोंक रहे हैं. इनका सीधा मुकाबला राजद के अभय कुशवाहा से माना जा रहा है. नवादा क्षेत्र में भाजपा के विवेक ठाकुर और राजद के श्रवण कुमार आमने-सामने हैं. हालांकि, निर्दलीय विनोद यादव और गुंजन कुमार ने मैदान में उतरकर मुकाबले को रोचक बना दिया है. बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं और यहां सभी सात चरणों में चुनाव होने हैं.

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BJP ने उत्तर प्रदेश के चार विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों की घोषणा की

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने लोकसभा चुनाव के साथ उत्तर प्रदेश के चार विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव के लिए मंगलवार को अपने चार उम्मीदवारों की घोषणा की. पार्टी के दिल्ली कार्यालय द्वारा जारी सूची के मुताबिक ददरौल विधानसभा क्षेत्र से अरविंद सिंह, लखनऊ पूर्व सीट से ओ पी श्रीवास्तव, गैसड़ी से शैलेंद्र सिंह शैलू तथा दुद्धी (आरक्षित) विधानसभा क्षेत्र से श्रवण गौड़ को उम्मीदवार बनाया गया है.

पार्टी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार लखनऊ पूर्व सीट से प्रत्याशी बनाये गये ओ पी श्रीवास्तव स्थानीय भाजपा संगठन के पदाधिकारी हैं. इस उपचुनाव में दिवंगत विधायक आशुतोष टंडन के परिवार से किसी को मौका नहीं मिला है.

ददरौल विधानसभा सीट से विधायक मानवेंद्र सिंह (जिनके निधन के कारण उपचुनाव हो रहा है) के बेटे अरविंद सिंह को पार्टी ने इस उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया है. गैसड़ी से शैलेंद्र सिंह शैलू 2017 से 2022 तक भाजपा विधायक थे, लेकिन 2022 में शैलेंद्र सिंह शैलू, समाजवादी पार्टी के शिव प्रताप यादव से चुनाव हार गये थे. यादव के निधन के बाद उपचुनाव में भाजपा ने एक बार फिर शैलू पर भरोसा जताते हुए उन्हें उम्मीदवार बनाया है.

दुद्धी (आरक्षित) विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाये गये श्रवण गौड़ पार्टी के जनजाति मोर्चा के पदाधिकारी और पुराने पार्टी कार्यकर्ता हैं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से पहले मिली जानकारी के मुताबिक ददरौल विधानसभा सीट पर उपचुनाव चतुर्थ चरण में 13 मई को होगा. लखनऊ पूर्व विधानसभा सीट पर उपचुनाव पांचवे चरण में 20 मई, गैसड़ी में छठे चरण में 25 मई और दुद्धी में सातवें चरण में एक जून को मतदान होगा. मतगणना चार जून को होगी.

लखनऊ पूर्व विधानसभा क्षेत्र से मौजूदा विधायक आशुतोष टंडन के निधन के बाद उपचुनाव जरूरी हो गया था. टंडन का नौ नवंबर, 2023 को 63 वर्ष की आयु में निधन हो गया था. लखनऊ पूर्व विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रहे टंडन, योगी आदित्यनाथ की पहली सरकार में मंत्री रहे थे.

ददरौल विधानसभा सीट पर भी मौजूदा विधायक मानवेंद्र सिंह (70) के निधन के बाद उपचुनाव कराया जा रहा है. शाहजहांपुर जिले के ददरौल से भाजपा विधायक सिंह का लंबी बीमारी के बाद पांच जनवरी को दिल्ली में निधन हो गया था.

बलरामपुर जिले का गैसड़ी विधानसभा सीट पर मौजूदा सपा विधायक डॉ. शिव प्रताप यादव के निधन के बाद उपचुनाव कराया जा रहा है. दुष्कर्म के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद भाजपा विधायक रामदुलार गोंड को विधानसभा सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराए जाने के बाद सोनभद्र जिले के दुद्धी विधानसभा क्षेत्र (अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित) पर उपचुनाव हो रहा है.

नौ साल पहले एक लड़की से दुष्कर्म के आरोप में 25 साल के कठोर कारावास की सजा पाने वाले भाजपा विधायक रामदुलार गोंड को दिसंबर 2023 में उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था.



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Wednesday, April 17, 2024

पहले आईआईटी, फिर आईपीएस और इसके बाद आईएएस बने यूपीएससी टॉपर आदित्य

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सिविल सेवा परीक्षा 2023 का रिजल्ट जारी कर दिया है. इस परीक्षा में आदित्य श्रीवास्तव ने पहला स्थान प्राप्त किया है. 2022 में आदित्य श्रीवास्तव की रैंक यूपीएससी में 236वीं थी. वह फिलहाल हैदराबाद की आईपीएस ट्रेनिंग अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं.

आदित्य श्रीवास्तव अपने शुरुआती प्रयास में यूपीएससी के इंटरव्यू तक भी नहीं पहुंच सके थे. वह आईआईटी कानपुर से बीटेक और एमटेक कर चुके हैं. उन्होंने अपनी यह दोनों डिग्रियां इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग में हासिल की है. आदित्य ने साल 2019 में अपनी इंजीनियरिंग पूरी की थी.

आदित्य के पिता अजय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि आज बहुत खुशी का दिन है. आदित्य बचपन से ही मेहनती था. आज उसकी मेहनत सफल हुई है. वो अकादमी में आईपीएस की ट्रेनिंग के दौरान लंच पर आया हुआ था. उसने बताया कि पापा यूपीएससी का रिजल्ट आया है. हमने सोचा कि वो टॉप 50 में आ जाएगा. जब उसने बताया कि उसका रैंक एक आया है तो मेरे हाथ-पैर कांपने लगे. बस उतनी ही बात हो पाई है बेटे से.

पिता ने आगे कहा कि उसने आज तक जितने भी कंपटीशन के एग्जाम दिए हैं, सभी में उसने अच्छी रैंक हासिल की है. इसलिए उम्मीद थी कि वह अच्छा ही करेगा. मेरी बेटी भी सीएमएस स्कूल में पढ़ती है, जब मैं पैरंट टीचर मीटिंग में जाता हूं तो उसके टीचर्स हमेशा उसके बारे में पूछते हैं. मुझे बहुत गर्व महसूस होता है. आदित्य को क्रिकेट खेलना और देखना पसंद है. वह नए गाने भी सुनता और गुनगुनाता है.

आदित्य की मां आभा श्रीवास्तव का कहना है आज अष्टमी के दिन मां की कृपा हुई है. हम लोगों ने व्रत भी रखा है और मैं रिजल्ट आने के पहले भजन करती रही. आदित्य के पापा का शौक था कि मेरा बेटा आईएएस बने. मेरे मामा जी रिटायर्ड आईएएस हैं, उन्हीं से आदित्य को प्रेरणा मिली थी. आईएएस का रुतबा और सुविधाएं देख कर वो कहता था कि मुझे भी ऐसा बनना है. बेटे ने हम लोगों को गौरवान्वित कर दिया है.

आदित्य के दादा शिवराम श्रीवास्तव, जो आईटीआई में इंस्ट्रक्टर के पद पर तैनात थे, उन्होंने बताया कि आज हमें बेहद खुशी हुई है. हमें यकीन नहीं हो रहा था कि आदित्य ने टॉप कर लिया है. वो पास कर लेगा ये जरूर पता था. वो कभी भी टाइम पास नहीं करता था. वो अपने आप 12 घंटे पढ़ता था.

आदित्य के स्कूल की प्रिंसिपल ने बताया कि लखनऊ के सीएमएस ब्रांच में आदित्य ने 15 साल पढ़ाई की है. 2014 में उसने 12वीं पास किया था. उस समय उसका परसेंटेज 97.5 था. हम सबके लिए खुशी की बात है. यह उसके लिए अचीवेबल था क्योंकि वह हमेशा से टॉप करता रहा है.



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Tuesday, April 16, 2024

नक्सलियों का पता बताओ, पुलिस में नौकरी पाओ, छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में प्रशासन ने शुरू की नयी पहल

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में नक्सल समस्या के समाधान के लिए सरकार की तरफ से कई कदम उठाए जाते रहे हैं. अब कबीरधाम जिले में प्रशासन की तरफ से युवाओं के लिए एक नया ऑफर लाया गया है. ऑफर के तहत जो भी नक्सलियों के बारे में जानकारी देगा उसे पुलिस में नौकरी दी जाएगी. कबीरधाम के एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने कहा कि किसी की गिरफ्तारी या फिर सूचना पर मुठभेड़ होगा तो सूचना देने वालों को ₹500000 नगद दिया जाएगा. माओवादियों  के लिए शासन द्वारा अलग से भी इनाम घोषित किया गया है, उस इनाम के अलावा उन्हें पुलिस में नौकरी भी दी जाएगी. 

पुलिस की तरफ से हो रहे हैं प्रचार-प्रसार
पुलिस  की तरफ से इस ऑफर के प्रचार-प्रसार के लिए हर तरह के उपाय किए जा रहे हैं. जंगलों में पर्चे बांटे जा रहे हैं तो बॉर्डर इलाके के गांवों में मोबाइल पर मैसेज भी भेजे जा रहे हैं. एसपी ने कहा कि  ग्रामीणों की मदद से नक्सलियों का सफाया किया जाएगा. सभी अंदरूनी गांव में पुलिस खेल समिति और पुलिस सेल्फ डिफेंस कमेटी बनाई गई है. उन सभी को प्रोत्साहन देने के लिए यह योजना लाई गई है. 

कबीरधाम जिले में नक्सलियों की सक्रियता की है आशंका
नक्सलियों  के लिए सबसे सेफ जाेन माने जाने वाले बस्तर में फोर्स के बढ़ते दबाव के बाद अब नक्सल संगठन ने अपना नया ठिकाना एमएमसी कॉरिडोर यानि कि महाराष्ट्र मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती इलाकों को बनाया है. कबीरधाम जिले में नक्सलियों की भोरमदेव और बोड़ला एरिया कमेटी सक्रिय है, जो तेजी से विस्तार कर रही है. पुलिस की तरफ से इसे देखते हुए यह कदम उठाया गया है. 

क्या पुलिस दे पाएगी सुरक्षा? 
कबीरधाम पुलिसपुलिस ने नक्सल विरोधी अभियान में मदद करने वालों को बड़ा ऑफर तो दिया है, लेकिन सवाल यह है कि मदद करने वालों को किस नियम के तहत नौकरी दी जाएगी. साथ ही ऐसे लोगों की सुरक्षा और गोपनियता बरकारार रखने के लिए सरकार के पास क्या प्लान है. इस सवाल के जवाब में एसपी ने कहा कि जो भी व्यक्ति नक्सल अभियान में पुलिस की मदद करता है उसको पुलिस अधीक्षक के रिकमेंडेशन पर आईजी आरक्षक पद पर सीधा भर्ती कर सकते हैं. उसकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी. नगद में उन्हें 5 लाख का इनाम दिया जाएगा और यदि वह चाहेंगे तो पुलिस में भर्ती होंगे. वह पुलिस फोर्स का हिस्सा होंगे उनके परिवार को जरूरत पड़ने पर नक्सली क्षेत्र में सुरक्षा भी दी जाएगी. 

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Monday, April 15, 2024

MP : दो दिन पहले बोरवेल में गिरे 6 साल के बच्चे की मौत, CM ने जताया दुख, 2 अधिकारी निलंबित

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रीवा जिले में दो दिन पहले एक खुले बोरवेल में गिरे छह साल के बच्चे को रविवार को मृत अवस्था में बाहर निकाला गया. विभिन्न एजेंसियों के कर्मी 40 घंटे से ज्यादा समय तक बचाव अभियान में जुटे हुए थे लेकिन बच्चे की जान नहीं बचाई जा सकी. इस घटना के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कथित लापरवाही के लिए त्योंथर के दो वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया. अधिकारियों ने बताया कि बच्चे की पहचान मयंक कोल के रूप में हुई. कोल शुक्रवार को दिन में करीब तीन बजे उत्तर प्रदेश सीमा के करीब स्थित मनिका गांव में बोरवेल में उस वक्त गिर गया, जब वह इसके पास खेल रहा था. अधिकारियों ने बताया कि बच्चा करीब 40 फुट की गहराई पर फंस गया था.

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रविवार को ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘अधिकारियों के निरंतर और अथक प्रयासों के बावजूद हम बच्चे मयंक को नहीं बचा सके.''

राज्य आपदा आपातकालीन मोचन बल (एसडीईआरएफ), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और स्थानीय प्रशासन की टीम बच्चे को बोरवेल से बाहर निकालने के अभियान में लगी हुई थीं. बचाव टीम ने 70 फुट गहरे बोरवेल में ऑक्सीजन की आपूर्ति की और बच्चे तक पहुंचने के लिए समानांतर गड्ढे खोदे गए.

मयंक कोल के माता-पिता की उम्मीदें थोड़ी देर के लिए जाग उठीं जब रविवार की सुबह बचावकर्मी बोरवेल में बच्चे तक पहुंच गए.

जिलाधिकारी प्रतिभा पाल ने घटनास्थल पर पत्रकारों से कहा, ‘‘सुबह आठ बजे बच्चे तक बचाव टीम पहुंच गई. हमने सभी प्रयास किए लेकिन बोरवेल बहुत संकरा था, इस कारण बच्चे को नहीं बचाया जा सका.''

मुख्‍यमंत्री ने घटना पर जताया शोक

मुख्यमंत्री यादव ने दो अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया. यादव ने पोस्ट किया, ‘‘मामले में जवाबदेही तय करते हुए त्योंथर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, त्योंथर के अनुविभागीय अधिकारी को निलंबित करने के निर्देश दिए गए हैं.''

मुख्यमंत्री ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि रेड क्रॉस ने पीड़ित परिवार को चार लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है. उन्होंने कहा, ‘‘दुख की इस घड़ी में मध्य प्रदेश सरकार मयंक कोल के परिवार के साथ खड़ी है.''

यादव ने लोगों से भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए बोरवेल को ढकने की अपील की.

पहले भी सामने आती रही हैं ऐसी घटनाएं  

विडंबना यह है कि कोल की मौत कोई अकेली घटना नहीं है. मार्च 2023 में राज्य के विदिशा जिले में आठ साल का एक बच्चा 60 फुट गहरे बोरवेल में गिर गया था. 24 घंटे बाद उसे निकाल लिया गया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका.

पिछले साल दिसंबर में इसी तरह की एक घटना में, राज्य के राजगढ़ जिले में चार वर्षीय लड़की को एक बोरवेल से निकाला गया था, लेकिन कुछ घंटों के भीतर एक अस्पताल में उसकी मौत हो गई.

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Sunday, April 14, 2024

NDTV इलेक्शन कार्निवल : कांग्रेस ने कहा- जल्द आएगा INDIA गठबंधन का साझा घोषणा पत्र

Lok Sabha Election 2024 : आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर एनडीटीवी के विशेष कार्यक्रम 'NDTV इलेक्शन कार्निवल' (NDTV Election Carnival) में शनिवार को लखनऊ में सार्वजनिक मंच पर बहस हुई. कार्यक्रम में बीजेपी के प्रवक्‍ता राकेश त्रिपाठी, समाजवादी पार्टी के प्रवक्‍ता मनोज काका और कांग्रेस के प्रवक्‍ता सुरेंद्र राजपूत ने अपने-अपने दलों का पक्ष रखा. राजपूत ने कहा कि, इंडिया गठबंधन का साझा घोषणा पत्र जल्दी आएगा.

कांग्रेस के प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि इंडिया ब्‍लॉग एक साथ चुनाव लड़ रहा है. उन्‍होंने कहा कि इस बार के चुनाव में व्‍यक्तित्‍व की जगह मुद्दे प्रभावी हैं. उन्‍होंने कहा कि एक करोड़ बच्‍चे सड़क पर हैं और पेपर लीक का दंश झेल  रहे हैं. उन्‍होंने कहा कि विषयान्‍तर करने के लिए भाजपा 400 पार का नारा दे रही है, लेकिन इस बार उनकी करारी हार होगी, यह तय है. मुद्दे आज जनता के बीच हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में क्षेत्रीय पंचायतें हो रही हैं. बीजेपी उस मदारी की तरह है जो हर चौराहे पर अलग-अलग डमरू बजाता है. भाजपा ने 2014 में अलग डमरू बजाया, 19 में अलग और अब 24 में अलग डमरू बजा रही है. 

राजपूत ने कहा कि, अभी हमारा घोषणा पत्र जारी हुआ है, कल समाजवादी पार्टी का घोषणा पत्र जारी हुआ है. इसके बाद सारे दलों के साथ मिलकर कॉमन मिनिमम प्रोग्राम होगा. घोषणा पत्र 90 प्रतिशत सभी का समान है. हमारा साझा घोषणा पत्र जल्दी आएगा.

उन्होंने कहा कि, हमारे पास संसाधन नहीं है. इलेक्टोरल बॉन्ड पर सबसे बड़ा भ्रष्टाचार, सबसे बड़ी भ्रष्टाचारी पार्टी ने किया है. इसमें ऐसे-ऐसे लोगों से इलेक्टोरल बॉन्ड लिए हैं, जिन पर पहले इनकम टैक्स की रेड डाली, ईडी की रेड डाली, सीबीआई की रेड डाली.. और उसके बाद 8900 करोड़ रुपये ये लेकर के बैठे हैं. चंदे से धंधा करते हैं. ऐसी भ्रष्टाचारी पार्टी के खिलाफ हम लोग गांव-गांव जा रहे हैं. हम लोग जनता के नेतृत्व में जा रहे हैं. 

उन्होंने कहा कि, इलेक्टोरल बॉन्ड सभी के पास आए हैं. विपक्ष के पास कोई ताकत नहीं है किसी को ईडी से छुड़ाने की, विपक्ष के पास कोई ताकत नहीं है सीबीआई की रेड करवाने की... इन लोगों के पास इनकम टैक्स की रेड करवाने, जेल में डालने की भी ताकत है. आज तक इतिहास में किसी सत्ताधारी पार्टी ने आरोपी कंपनी से पैसा नहीं लिया है. और अगर किसी ने पैसा लिया तो उसे बहुत बुरा माना गया और उस पार्टी की सरकार चली गई. ऐसे भ्रष्टाचारी लोग आज रैली करेंगे, हम लोग तो पैदल चलेंगे.. 

उन्होने कहा कि, 20 हजार करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड में भाजपा को 9000 करोड़ का चंदा मिला है और उनके सहयोगी दलों को लगभग 7000 करोड़ का चंदा मिला है. 



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Saturday, April 13, 2024

फर्जी खबरों पर रोक लगाएं : निर्वाचन आयोग का पहले चरण के चुनाव के लिए पर्यवेक्षकों को निर्देश

निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए तैनात अपने पर्यवेक्षकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि फर्जी खबरों और झूठी सूचना पर समय रहते रोक लगाई जाए तथा ‘‘सकारात्मक विमर्श'' को आगे बढ़ाने के लिए मतदाताओं को तत्परता से तथ्यों से अवगत कराया जाए.

आयोग ने एक बैठक में अपने 127 सामान्य, 67 पुलिस और 167 व्यय पर्यवेक्षकों को निर्वाचन क्षेत्रों में नकदी, शराब, चुनावी तोहफे और मादक पदार्थ एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने और उनके वितरण को रोकने के लिए चौबीसों घंटे प्रयास सुनिश्चित करने को कहा. लोकसभा चुनाव के पहले चरण के तहत, 21 राज्यों में 102 संसदीय सीट पर 19 अप्रैल को मतदान होना है.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने और निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार एवं सुखबीर सिंह संधू ने यह सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया कि मतदान केंद्रों पर मतदाताओं के लिए, विशेष रूप से भीषण गर्मी से निपटने की सभी मूलभूत सुविधाएं हों.

बैठक में, पर्यवेक्षकों को यह देखने का निर्देश दिया गया कि पुलिस व अर्द्धसैनिक बलों का पर्याप्त उपयोग हो और कानून व्यवस्था कड़ी निगरानी में रहे. आयोग ने उन्हें उन संसदीय क्षेत्रों में पूरी चुनावी प्रक्रिया के दौरान मौजूद रहने को कहा, जहां उन्हें तैनात किया गया है.

केंद्रीय पर्यवेक्षकों को यह जांच करने का निर्देश दिया गया कि जिला प्रशासन निष्पक्षता से संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करे तथा उसके अनुरूप परिवहन एवं संचार योजना तैयार करे.

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Friday, April 12, 2024

मैनपुरी ही नहीं यूपी की सभी 80 सीटों पर मिलेगी जीत - NDTV इलेक्शन कार्निवल में बीजेपी ने किया दावा

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर देश भर में सभी दलों की तरफ से तैयारी जारी है. एनडीटीवी नेटवर्क का खास कार्यक्रम 'NDTV इलेक्शन कार्निवल' (NDTV Election Carnival) दिल्ली, हरिद्वार, मेरठ, भरतपुर होते हुए लगभग एक हजार किलोमीटर का सफर तय कर गुरुवार को मैनपुरी पहुंचा. उत्तर प्रदेश में मैनपुरी एक ऐसा सीट है जिसे बीजेपी मोदी लहर में भी अबतक नहीं जीत पायी है. साल 1996 से समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा है. कार्यक्रम में जहां एक तरह समाजवादी पार्टी की तरफ से जीत का दावा किया गया वहीं बीजेपी नेता ने पीएम मोदी और राज्य की योगी आदित्यनाथ की सरकार के द्वारा करवाए गए कार्यों के दम पर सभी 80 सीटों पर जीत की बात कही. बीजेपी नेता आलोक गुप्ता ने कहा कि इस बार के चुनाव में हम चुनौती नहीं देने जा रहे हैं हम क्लीन स्वीप कर रहे हैं.

समाजवादी पार्टी का नहीं है गढ़: BJP
आलोक गुप्ता  ने कहा कि  इस बार हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हमारे पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर हमें जीत मिलेगी. उसी में एक सीट मैनपुरी की भी है हमें यहां भी जीत मिलेगी. वहीं कांग्रेस नेता अर्चना भदोरिया ने कहा कि यहां हम दोनों मिलकर मेहनत करेंगे. बीजेपी नेता ने कहा कि बीजेपी में सर्वे करवाने के बाद प्रत्याशियों का चयन किया जाता है. उन्होंने कहा कि इस सीट पर समाजवादी पार्टी का कोई गढ़ नहीं रहा है. यहां उनकी जबर्दस्ती रही है. 4 लोकसभा चुनावों में बेहद नजदीक मुकाबले में हमारी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा. हम कई बार जीत के बेहद करीब थे. 

बीजेपी नेता ने समाजवादी पार्टी पर गलत तरीके से चुनाव जीतने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यह मैं नहीं कह रहा हूं चुनाव आयोग के अधिकारियों ने भी जांच में पाया था कि पूरे संसदीय क्षेत्र में 95 प्रतिशत बूथ पर इनलोगों ने गुंडागर्दी कर चुनाव जीता है.

कांग्रेस नेता अर्चना भदोरिया ने बीजेपी पर साधा निशाना
कांग्रेस नेता अर्चना भदोरिया ने कहा कि 2014 के बाद किसी को रोजगार नहीं मिला. अगर कुछ हुआ तो वो है कि आटा महंगा हो गया, गैस सिलेंडर महंगा हो गया. 2014 से पहले जब कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की सरकार थी तो इस जगह सैनिक स्कूल की स्थापना की गयी. पॉलिटेक्निक की स्थापना हुई. सड़कों का निर्माण हुआ. 

मैनपुरी के लोगों के लिए क्या है सबसे अहम मुद्दा? 
राजनेताओं के बाद नंबर था जनता की बात की. मैनपुरी के लोगों ने कहा कि पहले रोजगार के लिए हम बैंक के पास जाते थे हमें अपना जमीन और सोना बंधक रखना पड़ता था. पीएम मोदी की सरकार में करोड़ों युवाओं को मुद्रा योजना से लाभ मिला. वहीं कुछ लोगों ने स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में खराब हालत को उठाया. महिलाओं ने कहा कि पीएम मोदी के शासन में महिला सुरक्षित महसूस कर रही हैं पहले ऐसे हालत नहीं थे. 

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Thursday, April 11, 2024

'NDTV इलेक्शन कार्निवल' : मथुरा में हेमा मालिनी के सामने 'प्रवासी Vs बृजवासी' की चुनौती, यमुना की गंदगी और बंदर भी मुद्दा

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) को लेकर एनडीटीवी नेटवर्क का खास कार्यक्रम 'NDTV इलेक्शन कार्निवल' (NDTV Election Carnival) दिल्ली, हरिद्वार और मेरठ होते हुए मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मथुरा पहुंचा. मथुरा से बीजेपी ने दो बार की सांसद हेमा मालिनी को एक बार फिर से मैदान में उतारा है. विपक्ष के बृजवासी बनाम प्रवासी के मुद्दे पर बीजेपी ने कहा कि उनके पास कोई स्थानीय मुद्दा नहीं है, इसीलिए वो इस तरह की बात करते हैं.

'NDTV इलेक्शन कार्निवल' में शामिल बीजेपी के नेता ने कहा कि बृज क्षेत्र में आने वाला हर कोई बृजवासी है, इसीलिए ये मुद्दा कोई मायने नहीं रखता. वहीं विपक्षी नेता ने कहा कि हेमा मालिनी चुनाव मथुरा से लड़कर जीतती हैं, लेकिन रहती मुंबई में हैं. जनता ऐसा नेता चाहती है, जिससे वो जब भी चाहे अपनी समस्याओं को लेकर मिल सके. उन्होंने पिछले दस साल में मथुरा में कोई भी काम नहीं किया. क्या बीजेपी के पास कोई स्थानीय नेता नही है?

कांग्रेस का कहना है कि मथुरा में कई स्थानीय मुद्दे हैं, जिस पर कोई काम नहीं हुआ. यमुना की सफाई तो यहां का सबसे बड़ा मुद्दा है. साथ ही शहर में जगह-जगह नो एंट्री और बंदर के आतंक से भी स्थानीय लोग परेशान हैं. यहां जो भी काम हुआ है वो पहले की सरकारों की देन है.

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वहीं कार्यक्रम में मौजूद स्थानीय लोगों ने भी वोट देने को लेकर अपने मुद्दे गिनाए. किसी ने कहा कि सांसद हेमा मालिनी ने पिछले दस साल में कोई भी काम नहीं किए, तो किसी ने कहा कि वो राष्ट्रवाद के मुद्दे को देखकर अपने मताधिकार का प्रयोग करता है. कुछ लोग राज्य सरकार और केंद्र सरकार के काम से संतुष्ट नजर आए. वहीं कुछ लोग यमुना में गंदगी, शहर में जाम और बंदर के आतंक को लेकर प्रशासन से नाराज दिखे.

5000 किलोमीटर की दूरी तय करेगा 'NDTV इलेक्शन कार्निवल' 

5000 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए 'NDTV इलेक्शन कार्निवल' 34 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के 34 प्रमुख शहरों से होकर गुजरेगा. लोकसभा चुनाव से पहले नागरिकों से जुड़ने और जागरूकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एनडीटीवी नेटवर्क ने ये पहल की है. एनडीटीवी इलेक्शन कार्निवल एक ट्रैवलिंग स्टूडियो है, जो नई दिल्ली, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के 34 शहरों से होकर गुजरेगा.

एनडीटीवी नेटवर्क ने इस मंच को जनता के साथ जुड़ने को लेकर डिज़ाइन किया है. इससे स्थानीय नेताओं और उनके समुदायों से संबंधित मुद्दों के बारे में समझने में मदद मिलेगी. सभी क्षेत्रों में वहां के राजनेता एनडीटीवी के एंकर के साथ सार्थक चर्चा करेंगे, जो मतदाताओं को चुनावी माहौल में अपने वोट के अधिकार को लेकर बेहतर समझ मुहैया करेगा.



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Wednesday, April 10, 2024

Alwar Lok Sabha Elections 2024: अलवर (राजस्थान) लोकसभा क्षेत्र को जानें

भारत की हिन्दी बेल्ट के बेहद अहम राजस्थान राज्य में कुल 25 लोकसभा सीटें हैं, जिनमें से एक है अलवर संसदीय सीट, यानी Alwar Parliamentary Constituency, जो अनारक्षित है.

देश में हुए पिछले लोकसभा चुनाव में, यानी लोकसभा चुनाव 2019 में इस सीट पर कुल 1888524 मतदाता थे. उस चुनाव में BJP प्रत्याशी बालक नाथ को जीत हासिल हुई थी, और उन्हें 760201 वोट हासिल हुए थे. इस चुनाव में बालक नाथ को लोकसभा सीट में मौजूद कुल मतदाताओं में से 40.25 प्रतिशत का समर्थन प्राप्त हुआ था, जबकि इस सीट पर डाले गए वोटों में से 59.93 प्रतिशत उन्हें दिए गए थे. लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान इस सीट पर INC प्रत्याशी भंवर जितेंद्र सिंह दूसरे स्थान पर रहे थे, जिन्हें 430230 वोट मिले थे, जो संसदीय सीट के कुल मतदाताओं में से 22.78 प्रतिशत का समर्थन था, और उन्हें कुल डाले गए वोटों में से 33.92 प्रतिशत वोट मिले थे. इस सीट पर आम चुनाव 2019 में जीत का अंतर 329971 रहा था.

इससे पहले, अलवर लोकसभा सीट पर वर्ष 2014 में हुए आम चुनाव के दौरान 1626442 मतदाता दर्ज थे. उस चुनाव में BJP पार्टी के प्रत्याशी चांद नाथ ने कुल 642278 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी. उन्हें लोकसभा क्षेत्र के कुल मतदाताओं में से 39.49 प्रतिशत ने समर्थन दिया था, और उन्हें उस चुनाव में डाले गए वोटों में से 60.42 प्रतिशत वोट मिले थे. उधर, दूसरे स्थान पर रहे थे INC पार्टी के उम्मीदवार भंवर जितेंद्र सिंह, जिन्हें 358383 मतदाताओं का समर्थन हासिल हो सका था, जो लोकसभा सीट के कुल वोटरों का 22.03 प्रतिशत था और कुल वोटों का 33.71 प्रतिशत रहा था. लोकसभा चुनाव 2014 में इस संसदीय सीट पर जीत का अंतर 283895 रहा था.

उससे भी पहले, राजस्थान राज्य की अलवर संसदीय सीट पर वर्ष 2009 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान 1373384 मतदाता मौजूद थे, जिनमें से INC उम्मीदवार जितेंद्र सिंंह ने 450119 वोट पाकर जीत हासिल की थी. जितेंद्र सिंंह को लोकसभा क्षेत्र के कुल मतदाताओं में से 32.77 प्रतिशत वोटरों का समर्थन हासिल हुआ था, जबकि चुनाव में डाले गए वोटों में से 59.02 प्रतिशत वोट उन्हें मिले थे. दूसरी तरफ, उस चुनाव में दूसरे स्थान पर BJP पार्टी के उम्मीदवार किरण यादव रहे थे, जिन्हें 293500 मतदाताओं का साथ मिल सका था. यह लोकसभा सीट के कुल वोटरों का 21.37 प्रतिशत था और कुल वोटों का 38.48 प्रतिशत था. लोकसभा चुनाव 2009 में इस संसदीय सीट पर जीत का अंतर 156619 रहा था.



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Tuesday, April 9, 2024

"चुनावी सलाहकारों के बयान..." : प्रशांत किशोर की नसीहत पर कांग्रेस का तंज

कांग्रेस ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की नई सलाह और आलोचना पर तंज कसा है. पार्टी ने उनकी नसीहत को ये कहते हुए खारिज कर दिया कि 'सलाहकारों की टिप्पणियों' के लिए किसी तरह की प्रतिक्रिया की जरूरत नहीं है. प्रशांत किशोर ने पीटीआई के साथ इंटरव्यू में कांग्रेस और उसके वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के लिए एक चेकलिस्ट दी थी, जिसमें ये सलाह भी शामिल थी कि अगर पार्टी अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है, तो वो अलग हो जाएं.

आज प्रशांत किशोर की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर, कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, "मैं सलाहकारों की टिप्पणियों पर जवाब नहीं देती. राजनीतिक लोगों के बारे में बात करें, सलाहकारों पर जवाब देने के लिए क्या है?"

पीटीआई के साथ बातचीत में, प्रशांत किशोर ने कहा था कि राहुल गांधी एक दशक से पार्टी चला रहे हैं, लेकिन परिणाम देने या पार्टी से अलग रहने में भी असमर्थ रहे हैं.

प्रशांत किशोर ने कहा, ''जब आप पिछले 10 सालों से बिना किसी सफलता के एक ही काम कर रहे हैं, तो ब्रेक लेने में कोई बुराई नहीं है. आपको किसी और को पांच साल के लिए ये काम करने देना चाहिए. आपकी मां ने ऐसा किया था.'' उन्होंने उस समय की ओर इशारा करते हुए कहा, जब 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद सोनिया गांधी ने पार्टी मामलों को पीवी नरसिम्हा राव पर छोड़ दिया था.

कांग्रेस के कड़े आलोचक माने जाने वाले चुनावी रणनीतिकार ने कहा कि राहुल गांधी का शो चलाने का तरीका अलोकतांत्रिक भी है. प्रशांत किशोर ने 2017 में पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस की जीत को लेकर रणनीति बनाई थी. वो कुछ साल पहले कांग्रेस के रिवाइव के लिए एक प्रजेंटेशन भी लेकर कांग्रेस आलाकमान के पास गए थे, लेकिन इसको पूरा करने को लेकर पार्टी नेताओं की असहमति के बाद वो इससे दूर हो गए थे.

यूपीए शासन के एक दशक के बाद भी, कांग्रेस की स्थिति खराब है. पार्टी की सीटें, राष्ट्रीय स्तर पर वोट शेयर और राज्यों में मौजूदगी और ताकत तेजी से घट रही है.

पिछले साल कर्नाटक में जीत के बाद, प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को सलाह दी थी कि "विधानसभा चुनाव के नतीजों को ये समझने की भूल न करें कि लोकसभा चुनाव में क्या होने वाला है."

प्रशांत किशोर ने 2021 में बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद औपचारिक रूप से एक चुनावी रणनीतिकार का काम छोड़ दिया है. बंगाल के उस चुनाव में ममता बनर्जी ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था.



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Crew Box Office Collection: बिना हीरो की इस फिल्म ने 11 दिन में कमा डाले इतने करोड़

Crew Box Office Collection Day 11: करीना कपूर, तब्बू और कृति सेनन की क्रू बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुई है. फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छी शुरुआत की और अपने पहले हफ्ते स्टेबल रही. हालांकि Sacnilk.com के लेटेस्ट अपडेट में कहा गया है कि हाइस्ट कॉमेडी अपने दूसरे मंगलवार (9 अप्रैल) को ₹1 करोड़ से थोड़ा ऊपर की कमाई कर सकती है. क्रू तीन एयर होस्टेस के इर्द-गिर्द घूमती है जो अपना खर्च पूरा करने और कुछ एक्सट्रा कैश कमाने की कोशिश कर रही हैं.

क्रू लेटेस्ट बॉक्स ऑफिस अपडेट

रिपोर्ट में कहा गया है कि क्रू को 11वें दिन डोमेस्टिक बॉक्स ऑफिस पर ₹ 1.52 की कमाई की उम्मीद है. फिल्म ने वीकएंड के दौरान नंबर्स बढ़े हैं. लेकिन हफ्ते के पहले दिन फिर से कलेक्शन में गिरावट आई. क्रू ने पहले हफ्ते में ₹43.75 करोड़ की कमाई की थी. 8वें दिन इसने ₹ 3.75 करोड़ का कलेक्शन किया और 9वें दिन यह नंबर बढ़कर ₹ 5.25 करोड़ हो गया. 10वें दिन ₹ 5.5 करोड़ के साथ और बढ़त देखी गई. 10वें दिन के कलेक्शन को ध्यान में रखते हुए क्रू को सोमवार (8 अप्रैल) तक ₹ 59.77 करोड़ कमाने की उम्मीद है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि क्रू के पास दूसरे सोमवार (8 अप्रैल) को लगभग 9.38% हिंदी ऑक्यूपेंसी थी.

क्रू पर क्या बोलीं कृति

कृति ने हाल ही में जूम के साथ एक इंटरव्यू में महिला प्रधान फिल्मों के रिजल्ट के बारे में बात की. उन्होंने कहा, "एक फिल्म सफल हो या न हो सिर्फ एक व्यक्ति नहीं है. यह एक पूरी टीम है. मैं इन सब को नजरअंदाज करना और अपने काम को बोलने देना पसंद करती हूं. कभी-कभी लोग तुरंत इसका दोष लड़की पर मढ़ देते हैं. कई मामले, सिर्फ फिल्में ही नहीं यहां तक कि कभी-कभी मैच भी ट्रोल होते हैं, आप उन पर इतना ध्यान नहीं दे सकते."

क्रू में दिलजीत दोसांझ, कपिल शर्मा, राजेश शर्मा, सास्वता चटर्जी और कुलभूषण खरबंदा भी अहम रोल में थे. क्रू तीन एयर होस्टेस की कहानी है जिनका किरदार करीना, तब्बू और कृति ने निभाया है. जिनकी जिंदगी तब उलट-पुलट हो जाती है जब वे एक डेड पैसेंजर को अपनी शर्ट के नीचे सोने के बिस्कुट की तस्करी करते हुए पाते हैं.



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Monday, April 8, 2024

केंद्र के FDI नियमों में बदलाव के बाद BBC इंडिया ने अपना कामकाज नई कंपनी को सौंपा

बीबीसी ने भारत में अपना न्यूज़रूम प्रकाशन लाइसेंस एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, कलेक्टिव न्यूज़रूम (Collective Newsroom) को सौंप दिया है. बीबीसी की तरफ से दुनिया भर में अपने संचालन को लेकर पहली बार ऐसा कदम उठाया गया है.  यह कदम आयकर विभाग द्वारा इसके कार्यालयों की तलाशी के एक साल बाद उठाया गया है. बीबीसी के चार पूर्व कर्मचारियों द्वारा स्थापित कलेक्टिव न्यूज़रूम 10 अप्रैल से कार्य शुरू करेगा. यह पूरी तरह से भारत बेस्ड कंपनी है, जो बीबीसी की डिजिटल सेवाओं के लिए अंग्रेजी, हिंदी, गुजराती, मराठी, पंजाबी, तमिल और तेलुगु में कंटेंट तैयार करेगा. 

बीबीसी के लिए किसी अन्य इकाई को प्रकाशन का लाइसेंस देना अभूतपूर्व : रूपा झा
कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय  (एमसीए) के अनुसार, कलेक्टिव न्यूज़रूम प्राइवेट लिमिटेड की पिछले साल 27 अक्टूबर को शुरुआत हुई. कलेक्टिव न्यूज़रूम की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रूपा झा ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "बीबीसी के लिए किसी अन्य इकाई को प्रकाशन का लाइसेंस देना अभूतपूर्व है... हालांकि हम अपनी पत्रकारिता से समझौता नहीं करेंगे और बीबीसी पूरी तरह से हमारे साथ है. उन्होंने बताया, "बीबीसी के लिए किसी अन्य इकाई को प्रकाशन का लाइसेंस देना अभूतपूर्व है... हम अपनी पत्रकारिता से समझौता नहीं करेंगे और बीबीसी पूरी तरह से हमारे साथ है."

 "बीबीसी के संपादकीय दिशानिर्देशों का रखेंगे ध्यान"
रूपा झा  ने एनडीटीवी के साथ बात करते हुए कहा, "हमने सिर्फ बीबीसी के साथ अनुबंध नहीं किया है. बीबीसी हमारा पहला क्लाइंट है. हमारा बीबीसी के साथ प्रोडक्शन को लेकर समझौता है, और हम बीबीसी के लिए इसकी छह अलग-अलग भाषा सेवाओं और भारत के अंग्रेजी यूट्यूब चैनल पर कंटेंट बनाएंगे."साथ ही उन्होंने कहा कि हम BBC के लिए कंटेंट तैयार करते समय बीबीसी के संपादकीय दिशानिर्देशों को ध्यान में रखेंगे, जैसे कि बीबीसी किस प्रकार की पत्रकारिता करता है. बीबीसी ब्रांड में विश्वास को कायम रखना हमारी जिम्मेदारी है. 

क्यों करना पड़ा बदलाव?
रूपा झा ने  कहा कि "हम जो करेंगे वह पूरी तरह से बीबीसी के पत्रकारिता मूल्यों के अनुरूप होगा. हमें बीबीसी पर भरोसा है, और बीबीसी को हम पर भरोसा है; इसीलिए हम यह सब कर रहे हैं. हमें ऐसी पत्रकारिता करनी है जिसपर लोग भरोसा करते हैं." यह फैसला एफडीआई के नए नियमों को लेकर किया गया है. जो सरकार ने 2020 में बनाया था. जिसके तहत डिजिटल मीडिया क्षेत्र में 26% एफडीआई की सीमा तय की गयी थी. रूपा झा ने कहा कि हमारे सामने कई विकल्प थे. लेकिन हम चाहते थे कि भारत में न ही हमारी  उपस्थिति कम हो और न ही  नौकरियों में कटौती हो. इसलिए लीक से हटकर सोचने के लिए हम मजबूर हुए. गौरतलब है कि पिछले साल फरवरी में बीबीसी के दिल्ली और मुंबई कार्यालयों में आयकर विभाग के द्वारा तलाशी ली गयी थी. 

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मैंने बगावत की क्योंकि बाल ठाकरे की विचारधारा को त्याग उद्धव हमें घरेलू सहायक समझने लगे : शिंदे

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को दावा किया कि उन्होंने इसलिए बगावत की क्योंकि उद्धव ठाकरे ने शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे की विचारधारा को त्याग दिया. नागपुर के रामटेक में शिवसेना कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए शिंदे ने कहा कि वह मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे लेकिन बाल ठाकरे की विचारधारा से समझौता होते देख उन्हें विद्रोह करना पड़ा.

शिंदे जून 2022 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना से अलग हो गए थे और उन्होंने भाजपा के समर्थन से सरकार बनाई.

मुख्यमंत्री ने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘बालासाहेब ठाकरे हमें (पार्टी पदाधिकारियों को) दोस्त मानते थे लेकिन वह (उद्धव) हमें घरेलू सहायक समझने लगे.''

उन्होंने कहा कि एक पार्टी तब आगे बढ़ती है जब नेता घर पर बैठने के बजाय जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं तक पहुंचते हैं.

नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए लोगों से सत्तारूढ़ गठबंधन को वोट देने की अपील करते हुए शिंदे ने कहा कि विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी (एमवीए) के पास विकास का कोई एजेंडा नहीं है.

सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए मतदान 19 अप्रैल से शुरू होगा. मतों की गिनती चार जून को होगी. चुनाव आयोग ने इसकी घोषणा करते हुए बताया था कि लगभग 29.7 करोड़ पात्र मतदाताओं ने 2019 के लोकसभा चुनावों में मतदान नहीं किया था. पिछले लोकसभा चुनाव में जिन 50 सीटों पर सबसे कम मतदान हुआ था, उनमें से 17 सीटें महानगरों या बड़े शहरों की थीं. 



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Sunday, April 7, 2024

पानी डालते ही छलांग मारकर गायब हुआ बुत बना मेंढक, वायरल वीडियो देख लोगों ने इस तरह किया रिएक्ट

सोशल मीडिया पर अक्सर ऐसे वीडियो वायरल होते रहते हैं, जो कई बार हैरान कर देते हैं और सोचने पर मजबूर कर देते हैं कि आखिर ऐसा हुआ तो हुआ कैसे. ऐसा ही एक वीडियो एक बार फिर वायरल हो रहा है, जिसे देखकर सोशल मीडिया पर यूजर्स अलग-अलग राय दे रहे हैं. वीडियो एक मेंढक का है, जिसमें पहले पत्थर सा नजर आ रहा एक मेंढक अचानक से पानी पड़ते ही उछलने कूदने लगता है. इसके पीछे कोई साइंस है या फिर विजुअल शेयर करने वाले शख्स की एडिटिंग का कोई कमाल. इस पर कहना मुश्किल है. 

पानी पड़ते ही उछलने लगा मेंढक

सन ऑफ अर्थ नाम के इंस्टाग्राम हैंडल ने ये वीडियो शेयर किया है, जिसमें किसी शख्स के हाथ में एक मेंढक नजर आ रहा है. मेंढक पूरी तरह से पत्थर या मूर्ति जैसा लग रहा है, जिसे खुद शख्स भी बार-बार टेबल पर ठोंक कर और अंगूठे से टैप करते हुए दिख रहा है. इस दौरान मेंढक के शरीर में कोई हलचल नहीं होती, जिसके बाद ये यकीन करना पड़ता है कि ये मेंढक असली नहीं है, लेकिन फिर वही शख्स मेंढक पर पानी डालना शुरू करता है. एक बार पानी डालने पर कुछ नहीं होता, तो शख्स फिर से पानी डालता है. इसके बाद जो होता है वो हैरान करने वाला था. मरा हुआ या बुत बना हुआ दिख रहा मेंढक अचानक उछलने लगता है और दो बड़ी छलांग मारकर फ्रेम से गायब हो जाता है.

यहां देखें वीडियो

कुदरत का करिश्मा या एडिटिंग का कमाल

इस वीडियो को देखने के बाद यूजर्स की प्रतिक्रिया बंटी हुई है. कुछ यूजर्स के मुताबिक, ये एडिटिंग का कमाल है. कुछ यूजर्स ने लिखा है कि, फोटोशॉप ढंग से नहीं सीखी. कुछ यूजर्स के मुताबिक ये एडिटिंग नहीं है, बल्कि इसके पीछे साइंस है. एक यूजर के मुताबिक मेंढकों की कुछ प्रजातियां छह महीने तक हाइबरनेट करती हैं, जो इसी तरह पत्थर के समान बन कर रहती हैं. एक यूजर ने लिखा कि, हाइबरनेशन के दौरान कुछ प्रजातियां खुद को मिट्टी के बहुत नीचे दबा लेती हैं और ऐसी ही हो जाती हैं.

ये Video भी देखें: Taapsee-Mathias: तापसी पन्नू ने की बॉयफ्रेंड से गुपचुप शादी?



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युद्ध स्तर पर काम कर रहे, 98% पायलटों ने नये अनुबंध पर हस्ताक्षर किए : Vistara CEO

संकटग्रस्त विस्तारा ने कहा है कि उसे इस सप्ताह के अंत तक अपने ऑपरेशंस को स्थिर करने की उम्मीद है. साथ ही उसके 98% पायलटों ने संशोधित वेतन संरचना के साथ नये अनुबंध पर हस्ताक्षर कर लिए हैं. एयरलाइन के सीईओ विनोद कन्नन ने ग्राहकों को हुई असुविधा के लिए माफी मांगी और स्वीकार किया कि कुछ पायलटों को अनुबंध को लेकर चिंता है.

विनोद कन्नन ने कहा, "विभिन्न ऑपरेशंस कारणों से हमारे नेटवर्क में हालिया व्यवधानों के कारण हमारे ग्राहकों को होने वाली असुविधा के बारे में गहराई से चिंतित हैं. उन्होंने शनिवार को एक बयान में कहा, ''कई कारक... ऐसा कहने के बाद, हम अपने ग्राहकों को इससे हुई असुविधा को स्वीकार करते हैं और इसके लिए उनसे ईमानदारी से माफी मांगते हैं.''

यह दावा करते हुए कि फुल-सर्विस कैरियर के पास सामान्य ऑपरेशंस के लिए पर्याप्त चालक दल है. कन्नन ने कहा कि एयरलाइन को चुनौती मिली क्योंकि वह "उच्च उपयोग पर" काम कर रही थी. सीईओ ने कहा, "हम युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं. इसलिए, हम अधिक पायलटों को नियुक्त करना जारी रख रहे हैं और रोस्टर में बफर प्रदान करने के लिए सावधानीपूर्वक अपने ऑपरेशंस को थोड़ा कम कर रहे हैं."

कस्टमर्स को राहत देने के लिए जहां भी संभव है हमने अधिक ग्राहकों को समायोजित करने के लिए चुनिंदा घरेलू मार्गों पर अपने B787-9 ड्रीमलाइनर और A321neo जैसे बड़े विमान भी तैनात किए हैं. इसके अलावा, हम विमानों की उड़ान में देरी से प्रभावित सभी ग्राहकों तक पहुंच रहे हैं और कैसिलेशंस, रिफंड और मुआवजे की पेशकश कर रहे हैं."

कन्नन ने दावा किया कि पिछले तीन दिनों में एयरलाइन के समय पर पहुंचने की क्षमता में सुधार हुआ है और इस सप्ताहांत तक ऑपरेशंस को स्थिर करने की उम्मीद है. "हमारे पायलटों की नई वेतन संरचना के संबंध में उठाई जा रही चिंताओं पर हम स्पष्ट करना चाहेंगे कि 98% से अधिक पायलटों ने नये अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं. हम जानते हैं कि कुछ पायलटों के पास इसके संबंध में कुछ चिंताएं और प्रश्न हैं. हम इसे हल करने के लिए उनके साथ जुड़ रहे हैं. हालांकि, इससे पायलटों के बीच नौकरी छोड़ने में कोई स्पष्ट वृद्धि नहीं हुई है.''

एयरलाइन ने पिछले दिनों में 125 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी थीं और पायलटों ने कहा है कि वे अपनी अधिकतम उड़ान ड्यूटी सीमा पर उड़ान भर रहे थे, जिससे बड़ी स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो रही थीं और "हर कोई बार-बार बीमार पड़ रहा था. नई संरचना के तहत, जूनियर सह-पायलटों का वेतन ₹ 2.35 लाख प्रति माह से घटकर ₹ 1.88 लाख हो जाएगा क्योंकि उन्हें पहले के 70 के बजाय केवल 40 घंटे उड़ान भरना अनिवार्य होगा. सूत्रों ने कहा था कि जो लोग अधिक संख्या में उड़ान भरने का विकल्प चुनते हैं, वे पहले की तुलना में और भी अधिक कमा सकते हैं.



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Saturday, April 6, 2024

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला : कोर्ट पूर्व IAS अधिकारी और उनके बेटे के खिलाफ रद्द कर सकता है केस

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि यह छत्तीसगढ़ में 2,000 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश के खिलाफ धन शोधन मामले को रद्द कर सकता है. न्यायालय ने यह भी कहा कि अपराध से धन अर्जित नहीं किया गया.

न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू से कहा, ‘‘हमने ईसीआईआर (प्रवर्तन मामला सूची रिपोर्ट) और मामले में दर्ज प्राथमिकी को पढ़ा. हमने पाया कि कोई अपराध नहीं किया गया और अपराध से धन अर्जित नहीं किया गया, इसलिए कोई धन शोधन नहीं हुआ. हम इस शिकायत को रद्द करेंगे.''

राजू ने कहा कि जांच एजेंसी के पास पर्याप्त सामग्री है और यदि न्यायालय ईसीआईआर को रद्द करने को इच्छुक है तो ईडी को एक नयी शिकायत दर्ज करने और मामले को आगे बढ़ाने की छूट दी जाए. उन्होंने न्यायालय ने अनुरोध किया, ‘‘न्यायालय ने इस विषय में कई आदेश पारित किये हैं, जैसे कि आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाए. इन आदेशों को निरस्त किया जाना चाहिए.''

पीठ ने कहा कि यह मौजूदा शिकायत को रद्द करेगी और यह बयान दर्ज करेगी कि एजेंसी कानून के अनुसार एक नयी शिकायत दर्ज करना चाहती है. पिता-पुत्र की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि मामले में अन्य सह-आरोपी हैं और उनके खिलाफ भी शिकायत रद्द की जानी चाहिए.

पीठ ने अधिवक्ता से कहा कि क्या मौजूदा शिकायत में नामजद, अन्य सह-आरोपियों को राहत दी जा सकती है. यदि नहीं, तो उन्हें अपने कानूनी उपाय करने होंगे.

अदालत ने जब राजू से यह सवाल किया कि क्या सह-आरोपी मौजूदा शिकायत में नामजद किये गए हैं, सरकार के विधि अधिकारी ने जवाब देने के लिए वक्त मांगा. इसके बाद, पीठ ने विषय की अगली सुनवाई आठ अप्रैल के लिए सूचीबद्ध कर दी.

पीएमएलए अदालत में दाखिल ईडी के आरोपपत्र में धन शोधन रोधी एजेंसी ने कहा कि पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा छत्तीसगढ़ में शराब की अवैध आपूर्ति में शामिल गिरोह के ‘‘सरगना'' हैं. राज्य की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने शीर्ष अदालत में आरोप लगाया था कि जांच एजेंसी तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कथित शराब घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में फंसाने की कोशिश कर रही है. उसने आरोप लगाया था कि राज्य के अधिकारियों को जांच एजेंसी परेशान कर रही है और उनसे अपनी संपत्तियों का विवरण देने को कह रही है.



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Friday, April 5, 2024

PM ने मेरे टोकने के बाद रैली में एक बार भी परिवारवाद का जिक्र नहीं किया : तेजस्वी यादव

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनके द्वारा टोके जाने के बाद अपनी रैली (बिहार के जमुई में) में एक बार भी परिवारवाद का जिक्र नहीं किया. तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा, ‘‘ई बिहार ह भैया, इहा कुछ भी हो सकेला. आप सभी की जानकारी के लिए बता दूं, प्रधानमंत्री जी ने आज की रैली में एक बार भी परिवारवाद का जिक्र नहीं किया. आशा है अब मेरे टोकने के बाद फिर करेंगे तो हम भी सूची छपवा देंगे. जय हिन्द, जय बिहार.''

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जमुई संसदीय क्षेत्र में एक रैली के साथ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के लोकसभा चुनाव अभियान की शुरुआत किए जाने से पहले आज सुबह यादव ने राजग में राजनीतिक घरानों से शामिल राजनेताओं की एक सूची जारी करते हुए उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री अपने संबोधन में ‘‘इस परिवारवाद'' का भी जिक्र करेंगे.

यादव ने ‘एक्स' पर पोस्ट में लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी जी आज बिहार में प्रथम चरण के चुनाव वाली चार सीट के लिए प्रचार करने आएंगे. चारों सीट पर सौ प्रतिशत परिवारवादी उम्मीदवार हैं. इनमें से दो उम्मीदवार कथित क्षेत्रीय परिवारवादी पार्टियों के हैं तथा दो उम्मीदवार देश की सबसे बड़ी परिवारवादी पार्टी एवं वंशवादी नेताओं से भरी पड़ी भाजपा के है.''

यादव ने अपने पोस्ट में राजग के उम्मीदवारों के बारे में विस्तार से बताते हुए लिखा, ‘‘जमुई से अरुण भारती पूर्व विधान पार्षद ज्योति पासवान के सुपुत्र एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवगंत रामविलास पासवान के दामाद एवं लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद के जीजा जी हैं. औरंगाबाद से सांसद (भाजपा उम्मीदवार) सुशील कुमार सिंह पूर्व सांसद राम नरेश सिंह के बेटे हैं.''

उन्होंने कहा, ‘‘गया से उम्मीदवार पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी हैं. वह बिहार के मंत्री व एमएलसी संतोष सुमन के पिता तथा हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष की विधायक सास ज्योति देवी के समधी हैं. नवादा से विवेक ठाकुर भाजपा उम्मीदवार हैं. वह पूर्व केंद्रीय मंत्री व पूर्व सांसद सीपी ठाकुर के बेटे हैं. अभी तक घोषित उम्मीदवारों में कुछ अन्य भी विशुद्ध परिवारवादी उम्मीदवार हैं. आशा है प्रधानमंत्री जी इस परिवारवाद के बारे में भी जिक्र करेंगे.‘‘

यादव ने राजग के जिन अन्य उम्मीदवारों का जिक्र अपने पोस्ट में किया है उनमें पटना साहिब से रविशंकर प्रसाद (पूर्व मंत्री व विधायक ठाकुर प्रसाद के बेटे), सासाराम से शिवेश राम (पूर्व केंद्रीय मंत्री व पूर्व सांसद मुन्नी लाल के बेटे), हाजीपुर से चिराग पासवान (पूर्व केंद्रीय मंत्री व पूर्व सांसद दिवगंत रामविलास पासवान जी के बेटे), समस्तीपुर से शांभवी चौधरी (बिहार के मंत्री व विधान पार्षद अशोक चौधरी की बेटी और पूर्व मंत्री व विधायक दिवंगत महावीर चौधरी की पौत्री), शिवहर से लवली आनंद (पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी तथा वर्तमान विधायक चेतन आनंद की माता), वाल्मीकिनगर से सुनील कुमार (पूर्व मंत्री व पूर्व सांसद वैद्यनाथ महतो के बेटे), पश्चिम चंपारण से संजय जायसवाल (पूर्व सांसद मदन जायसवाल के बेटे), मधुबनी से अशोक यादव (पूर्व मंत्री व पूर्व सांसद हुकुमदेव यादव के बेटे), वैशाली से वीणा देवी (जदयू एमएलसी दिनेश सिंह की पत्नी) और सीवान से विजय लक्ष्मी (पूर्व विधायक रमेश कुशवाहा की पत्नी) के नाम शामिल हैं.

यादव ने बुधवार को कहा था कि चाहे प्रधानमंत्री हों या कोई अन्य नेता, चुनाव प्रचार अभियान में शामिल सभी राजग नेताओं से बिहार के लोग जानना चाहते हैं कि पांच साल पहले राजग को मिले भारी समर्थन के बदले में उन्हें क्या मिला है. यादव ने आरोप लगाया था, ‘‘पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 में से 39 सीट राजग के खाते में गईं. लेकिन अब लोगों को लगता है कि उन्हें धोखा दिया गया है.''

हालांकि, वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पलटवार करते हुए कहा, ‘‘जमुई में अपने भाषण में प्रधानमंत्री अपनी उपलब्धियों को गिनाएंगे और भविष्य के लिए अपना दृष्टिकोण साझा करेंगे. दूसरी ओर विपक्ष के पास बताने के लिए कुछ भी नहीं है. वे मोदी का अपमान करने में व्यस्त हैं.''



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सपा ने क्यों बदले यूपी के 9 लोकसभा उम्मीदवार? मेरठ में 2 बार बदले प्रत्याशी

उत्तर प्रदेश में एनडीए और इंडिया गठबंधन में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में अधिकतर जगहों पर सीधा मुकाबला होने की संभावना है. हालांकि बीएसपी के उम्मीदवार के मैदान में आ जाने के कारण कई जगहों पर मुकाबला त्रिकोणीय भी हो गया है. इस बीच समाजवादी पार्टी की तरफ से कई जगहों पर उम्मीदवारों के नाम में परिवर्तन किया जा रहा है. सबसे अजीबोगरीब मामला मेरठ में देखने को मिला जहां पार्टी की तरफ से दो बार अपने उम्मीदवार बदले गए. 

समाजवादी पार्टी ने सबसे पहले भानु प्रताप सिंह को मेरठ से चुनाव लड़ने के लिए उतारा था. लेकिन पार्टी के स्थानीय कैडर के विरोध के कारण सपा को उनसे टिकट वापस लेना पड़ा. इसके बाद मैदान में विधायक अतुल प्रधान आए, लेकिन उनका टिकट भी काट लिया गया और अंतिम टिकट सुनीता वर्मा को दे दिया गया. सुनीता वर्मा ने गुरुवार दोपहर को चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरा. दिलचस्प बात यह है कि अतुल प्रधान ने वर्मा परिवार को पार्टी में लाने में अहम भूमिका निभाई. 

चुनाव से पहले कई राजनीतिक दल उम्मीदवारों को बदलते रहे हैं. सीट जीतने की संभावनाओं के आधार पर उम्मीदवारों को बदला जाता रहा है. मेरठ में उम्मीदवार को दूसरी बार बदले जाने को लेकर दलित मतों को कारण बताया जा रहा है. गौरतलब है कि मेरठ संसदीय क्षेत्र में दलित मतदाताओं की संख्या लगभग 4 लाख है. 

मेरठ ही नहीं कई अन्य जगहों पर भी विवाद
उम्मीदवारों को लेकर मेरठ के अलावा मुरादाबाद, रामपुर और बदांयू में भी सपा को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है.  मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी ने पहले एसटी हसन को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन बाद में रुचि वीरा का नाम सामने आया. स्थानीय कैडर द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया. दोनों के पर्चा दाखिल करने से असमंजस की स्थिति बनी रही.  आख़िरकार रुचि वीरा की उम्मीदवारी पक्की हो गई.

रामपुर में भी सपा में टकराव
रामपुर की सीट को लेकर भी समाजवादी पार्टी में टकराव देखने को मिला था. रामपुर में आज़म खान का गढ़ रहा था. जेल में होने के बाद भी आजम खान का इस क्षेत्र में व्यापक प्रभाव रहा है. उम्मीदवार को लेकर आजम खान और अखिलेश यादव के समर्थक में टकराव की नौबत आ गयी थी. अंततः अखिलेश यादव के उम्मीदवार, असीम रज़ा ने नामांकन दाखिल किया. लेकिन यह विवाद पर्चा दाखिल करने के अंतिम दिन तक चलता रहा. 

 बदांयू में भी विवाद
 बदांयू में भी टिकट का मामला समाजवादी पार्टी में अब तक सेट नहीं हो पाया है. धर्मेंद्र यादव को पहले टिकट मिलने की संभावना थी बाद में यह टिकट उनके चाचा शिवपाल यादव को मिल गयी.  लेकिन शिवपाल यादव अपनी जगह पर अपने बेटे आदित्य को चुनाव में उतारना चाहते हैं. यहां का विवाद अभी तक सुलझ नहीं पाया है. 

इनके अलावा भी अखिलेश यादव की पार्टी ने बागपत, बिजनौर, गौतम बौद्ध नगर, मिसरिख और संबल सीटों के साथ-साथ मध्य प्रदेश के खजुराहो के लिए भी अपने उम्मीदवार बदल दिए हैं. संबल में बदलाव - एक सीट जो एसपी ने 2019 में जीती थी - जरूरी हो गई थी क्योंकि सांसद शफीकुर रहमान बर्क का 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया था. 

63 सीटों पर चुनाव लड़ रही है समाजवादी पार्टी
समाजवादी पार्टी यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से अधिकांश पर चुनाव लड़ रही है. उसे कांग्रेस के साथ समझौते के तहत 63 सीटें मिलीं है. कांग्रेस पार्टी 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जिसमें उसके पारिवारिक गढ़ अमेठी और रायबरेली भी शामिल हैं. यूपी में 2024 के लोकसभा चुनाव के सात चरणों में से प्रत्येक चरण में मतदान होगा. 

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Thursday, April 4, 2024

कांग्रेस ने संजय निरुपम को निकाला, "पार्टी विरोधी बयानों" पर लिया एक्शन

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) से पहले कांग्रेस (Congress) ने महाराष्ट्र में बड़ा एक्शन लिया है. कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता संजय निरुपम (Sanjay Nirupam) को पार्टी से निकाल दिया है. अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधियों बयानों के कारण निरुपम को 6 साल के लिए पार्टी से निकाला गया है. इससे पहले कांग्रेस ने निरुपम का नाम स्टार प्रचारकों की लिस्ट से भी हटा दिया था. वहीं, संजय निरुपम ने गुरुवार को बड़ा ऐलान करने की बात कही है.

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने बुधवार को बताया कि उनका नाम (संजय निरुपम) स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल था. हमने उसे हटा दिया है. जिस तरह से उनके बयान आ रहे हैं, वे पार्टी विरोधी हैं. कहा जा रहा है कि संजय गुरुवार को कांग्रेस छोड़ने का ऐलान कर सकते हैं.

क्या महाराष्ट्र में टिकेगा INDIA अलायंस? उद्धव ठाकरे ने किया प्रत्याशी का ऐलान; संजय निरुपम ने याद दिलाया गठबंधन धर्म


कांग्रेस से क्यों नाराज हैं संजय निरुपम?
दरअसल, संजय निरुपम महाराष्ट्र में मुंबई नॉर्थ-वेस्ट सीट से टिकट नहीं मिलने को लेकर नाराज हैं. राज्य में कांग्रेस, शिवसेना उद्धव ठाकरे और एनसीपी शरद पवार MVA गठबंधन में है. 27 मार्च को शिवसेना उद्धव गुट ने 17 कैंडिडेट्स का ऐलान किया था. इसमें मुंबई नॉर्थ-वेस्ट सीट भी शामिल थी, जहां से अमोल कीर्तिकर को टिकट दिया गया है. निरुपम यहां से टिकट चाहते थे. खुद राहुल गांधी ने उन्हें यहां से टिकट का भरोसा दिया था, लेकिन उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया गया. निरुपम की नाराजगी इसी बात से हैं. टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने कांग्रेस और INDIA अलायंस के खिलाफ मोर्च खोल दिया था.

संजय बोले- खुद फैसला लूंगा
संजय ने पोस्ट में लिखा- "पार्टी अपनी बची-खुची ऊर्जा और स्टेशनरी का इस्तेमाल पार्टी को बचाने के लिए करे. वैसे भी पार्टी भीषण आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है. मैंने जो एक हफ्ते की अवधि दी थी, वह आज (बुधवार) पूरी हो गई है. गुरुवार को मैं खुद फैसला ले लूंगा."

मुंबई के लिए MVA में बंटवारा, कांग्रेस को 6 में से मिली 2 सीटें, संजय निरुपम वाली सीट उद्धव को दी : सूत्र

शिवसेना के साथ गठबंधन को लेकर साधा था निशाना
संजय निरुपम ने कहा है कि कांग्रेस नेतृत्व को उद्धव ठाकरे की पार्टी के सामने खुद को कमजोर नहीं होने देना चाहिए.  शिवसेना की सूची जारी होने के तुरंत बाद, उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा था कि कांग्रेस को शिवसेना (यूबीटी) के दबाव में नहीं आना चाहिए क्योंकि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी कांग्रेस के समर्थन के बिना कोई भी सीट जीतने में सक्षम नहीं है.

क्या बीजेपी में शामिल होंगे संजय निरुपम?
संजय निरुपम ने अपने अगले कदम के बारे में कई संकेत दिये हैं. पिछले हफ्ते, मुंबई कांग्रेस के पूर्व प्रमुख ने कहा था कि वह अपने द्वारा उठाए गए मुद्दों पर आलाकमान के फैसले का इंतजार कर रहे हैं साथ ही उन्होंने कहा था कि "मेरे लिए सभी विकल्प खुले हैं."

मुंबई की उत्तर पश्चिम सीट को लेकर फंसा पेंच, नाराज संजय निरूपम थाम सकते हैं शिंदे का हाथ

संजय निरुपम के मुद्दे पर महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले ने कहा है कि निरुपम जैसे लोगों का पार्टी में "हमेशा स्वागत" है यदि वह तैयार हैं और उनके विचार भाजपा के साथ मेल खाते हैं तो उनका स्वागत है.  बीजेपी नेता ने कहा कि संजय निरुपम के राजनीतिक कार्यकाल को देखें तो उन्होंने लोगों को कांग्रेस से जोड़ने के लिए काफी काम किया है. उत्तर भारत में उनकी अच्छी पहचान है. संजय निरुपम से अभी बातचीत नहीं हुई है, लेकिन अगर वह तैयार हैं तो उनका बीजेपी में स्वागत है. 

महाराष्ट्र में कई नेताओं ने छोड़ा कांग्रेस का साथ
महाराष्ट्र में निरुपम से पहले कई नेता कांग्रेस से बगावत के बाद पार्टी का साथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू होने से कुछ घंटे पहले 14 जनवरी को दिग्गज कांग्रेसी नेता रहे मुरली देवड़ा के बेटे मिलिंद देवड़ा ने शिवसेना (शिंदे गुट) जॉइन कर ली. फिर 10 फरवरी को बाबा सिद्दीकी ने भी कांग्रेस का साथ छोड़ दिया और बीजेपी में शामिल हो गए. कई कार्यकर्ता और स्थानीय पदाधिकारी भी पार्टी छोड़ चुके हैं.

उद्धव टीम ने जारी की उम्मीदवारों की एकतरफा लिस्ट, कांग्रेस-एनसीपी नाराज, संजय निरुपम ने साधा निशाना



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