निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए तैनात अपने पर्यवेक्षकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि फर्जी खबरों और झूठी सूचना पर समय रहते रोक लगाई जाए तथा ‘‘सकारात्मक विमर्श'' को आगे बढ़ाने के लिए मतदाताओं को तत्परता से तथ्यों से अवगत कराया जाए.
आयोग ने एक बैठक में अपने 127 सामान्य, 67 पुलिस और 167 व्यय पर्यवेक्षकों को निर्वाचन क्षेत्रों में नकदी, शराब, चुनावी तोहफे और मादक पदार्थ एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने और उनके वितरण को रोकने के लिए चौबीसों घंटे प्रयास सुनिश्चित करने को कहा. लोकसभा चुनाव के पहले चरण के तहत, 21 राज्यों में 102 संसदीय सीट पर 19 अप्रैल को मतदान होना है.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने और निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार एवं सुखबीर सिंह संधू ने यह सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया कि मतदान केंद्रों पर मतदाताओं के लिए, विशेष रूप से भीषण गर्मी से निपटने की सभी मूलभूत सुविधाएं हों.
बैठक में, पर्यवेक्षकों को यह देखने का निर्देश दिया गया कि पुलिस व अर्द्धसैनिक बलों का पर्याप्त उपयोग हो और कानून व्यवस्था कड़ी निगरानी में रहे. आयोग ने उन्हें उन संसदीय क्षेत्रों में पूरी चुनावी प्रक्रिया के दौरान मौजूद रहने को कहा, जहां उन्हें तैनात किया गया है.
केंद्रीय पर्यवेक्षकों को यह जांच करने का निर्देश दिया गया कि जिला प्रशासन निष्पक्षता से संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करे तथा उसके अनुरूप परिवहन एवं संचार योजना तैयार करे.
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