Monday, April 7, 2025

Did owner, AMC ignore society warnings?



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राहुल बार-बार बिहार क्यों जा रहे हैं? बिहार के युवाओं को सफेद टी-शर्ट पहनकर आने के लिए क्यों कहा

Rahul Gandhi Bihar Visit: राहुल गांधी पिछले कुछ दिनों से लगातार बिहार का दौरा कर रहे हैं और सोमवार को भी वो वहीं रहेंगे. हाल के दिनों की बात करें तो राहुल गांधी की यह तीसरी बिहार यात्रा है. इस बार राहुल गांधी बेगूसराय में कन्हैया कुमार के साथ पदयात्रा में भी भाग लेंगे. कन्हैया कुमार एनएसयूआई के बैनर के तहत पूरे बिहार में 'पलायन रोको, रोजगार दो' के मुद्दे पर पदयात्रा कर रहे हैं. राहुल गांधी ने इस संबंध में सोशल मीडिया पर अपना वीडियो भी जारी किया है, जिसमें युवाओं से 'पलायन रोको, रोजगार दो' यात्रा में शामिल होने और अपनी आवाज उठाने का निमंत्रण दिया है.

राहुल गांधी का वीडियो संदेश

राहुल गांधी ने सफेद टी शर्ट पहन कर इस यात्रा में शामिल होने के लिए कहा है. सफेद टी-शर्ट क्यों इसका भी जवाब राहुल गांधी ने दिया है कि इससे पूरी दुनिया को बिहार के नौजवानों का इमोशन दिखेगा.बिहार की समस्याएं समझ आएंगी और सरकार पर प्रेशर पड़े. 

राहुल गांधी का बिहार प्लान

कन्हैया कुमार की इस यात्रा में युवा बड़ी तादाद में शामिल हुए हैं. कन्हैया कुमार की इस यात्रा का मकसद भी यही था कि लोग बिहार में कांग्रेस के बारे में बातें करना शुरू करें ताकि थोड़ी हवा बने. कांग्रेस ने बिहार को लेकर पिछले कुछ महीनों में काफी काम किया है. सबसे पहले प्रभारी के रूप में कृष्णा अल्लावुरू को भेजा, जो लगातार बिहार में ही जमे हैं. मीटिंग कर रहे हैं और अपनी रिपोर्ट राहुल गांधी को भेज रहे हैं. इसके बाद राहुल गांधी ने बिहार के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह को हटाकर राजेश कुमार को बना दिया. राजेश कुमार दलित हैं और दो बार के विधायक हैं. मौजूदा समय में भी वो विधायक हैं. कन्हैया कुमार अगड़ी जाति से आते हैं और प्रदेश अध्यक्ष दलित हैं. राहुल गांधी ने इन दोनों की एक जोड़ी बनाई है, जिसमें शकील अहमद खान भी हैं, जो विधानसभा में कांग्रेस के नेता हैं. साथ ही कन्हैया कुमार के साथ युवाओं को भी जोड़ने का काम किया है. 

क्या महागठबंधन में रहेगी कांग्रेस

कई जानकार राहुल के बार-बार बिहार जाने को कांग्रेस के महागठबंधन में अपनी ज़मीन बचाने की कोशिश के तौर पर भी देख रहे हैं. कांग्रेस पिछले विधानसभा चुनाव में 70 सीटों पर लड़ी थी और 19 सीट ही जीत पाई थी. कांग्रेस को पता है कि लालू यादव इस बार कांग्रेस को इतनी सीटें नहीं देंगे, इसलिए सौदेबाजी से पहले कांग्रेस अपनी जमीन और आधार मजबूत करना चाहती है. कांग्रेस पहले ही कह चुकी है वह महागठबंधन के साथ ही चुनाव लड़ेगी, मगर कितनी सीटों पर यह सबसे बड़ा सवाल है. राहुल गांधी की लगातार बिहार यात्रा इस बात का संकेत है कि कांग्रेस सीटों के बंटवारे में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेगी. कन्हैया कुमार की 'पलायन रोको, रोजगार दो' इसी महीने खत्म हो रही है.



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जयसूर्या का मैदान पर वो खौफ! जब PM मोदी ने भी कहा- T20 को तो आपने ही जन्म दिया है

PM Modi with Sri Lankan cricketers: श्रीलंका क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज सनथ जयसूर्या अपने समय से सबसे खतरनाक बल्लेबाजों में एक रहे हैं. उनकी ताबड़तोड़ बैंटिग से पूरी दुनिया के गेंदबाज दहशत में रहते थे. हाल ही में जब वो अपने साथियों के साथ पीएम मोदी से मिले तब भारतीय प्रधानमंत्री ने जयसूर्या की उस बेखौफ बल्लेबाजी को याद किया. साथ ही पीएम मोदी ने यह भी कहा कि टी-20 क्रिकेट को तो आपने जन्म दिया है. 

1996 वर्ल्ड कप विजेता टीम से सदस्यों से मिले पीएम मोदी

दरअसल श्रीलंका के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1996 क्रिकेट वर्ल्ड कप के विजेता टीम के सदस्यों से विशेष बातचीत की. PM मोदी के साथ हुई इस बातचीत में श्रीलंका क्रिकेट टीम के स्टार ऑलराउंडर रहे सनथ जयसूर्या, चमिंडा वास, अरविंद डी सिल्वा, मार्वन अटापट्टू, रविंद्र पुष्पकुमारा, उपुल चंदाना, कुमार धर्मसेना और रोमेश कालूवितराना शामिल रहे. 

आपके आक्राकम खेल ने टी-20 क्रिकेट के जन्म को प्रेरित कियाः पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर बताया कि भारत की 1983 वर्ल्ड कप जीत और श्रीलंका की 1996 की वर्ल्ड कप विजय ने वैश्विक क्रिकेट परिदृश्य में क्रांतिकारी बदलाव लाए. उन्होंने कहा कि श्रीलंकाई टीम के 1996 वर्ल्ड कप में आक्रामक और नवाचारपूर्ण खेल ने दरअसल टी20 क्रिकेट के जन्म को प्रेरित किया. 

बम विस्फोट के बाद भारत के दौरे का भी किया उल्लेख

उन्होंने 1996 में भारत के श्रीलंका दौरे का भी उल्लेख किया, जब बम विस्फोट के बावजूद भारत ने श्रीलंका का दौरा किया था, इसे उन्होंने खेल भावना और स्थायी दोस्ती का प्रतीक बताया. प्रधानमंत्री ने 2019 के आतंकवादी हमलों के बाद श्रीलंका का दौरा करने का उदाहरण दिया और कहा कि भारत की भावना हमेशा एक जैसी रहती है.

जाफना में क्रिकेट मैदान के विकास में सहयोग मांगी

श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने प्रधानमंत्री मोदी से उत्तरी श्रीलंका, विशेषकर जाफना में एक उच्च गुणवत्ता वाले क्रिकेट मैदान के विकास में सहायता की अपील की. खिलाड़ियों ने भारत द्वारा श्रीलंका के आर्थिक संकट के समय में दी गई उदार सहायता के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया.

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पीएम मोदी बोले- पड़ोसियों के साथ मजबूती से खड़ा है भारत

प्रधानमंत्री मोदी ने 'पड़ोसी पहले' नीति को फिर से दोहराया और उदाहरण के रूप में म्यांमार में हाल ही में आए भूकंप के बाद भारत द्वारा की गई सहायता का हवाला दिया. प्रधानमंत्री मोदी ने यह स्पष्ट किया कि भारत हमेशा अपने पड़ोसियों के साथ मजबूत और स्थायी संबंध बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है.

पीएम मोदी से मुलाकात पर क्या बोले श्रीलंकाई टीम के खिलाड़ी

  • पीएम मोदी से मुलाकात के बाद पूर्व श्रीलंकाई क्रिकेटर मार्वन अटापट्टू ने कहा, "यह एक असाधारण मुलाकात थी. हां, हम भाग्यशाली हैं. हमने दुनिया की यात्रा की है, कई क्रिकेटरों और दिग्गजों से मुलाकात की है, लेकिन एक राष्ट्राध्यक्ष और मजबूत नेता से मिलना, जिसने भारत को ऊंचाइयों पर पहुंचाया है, एक सपना सच होने जैसा था. आज शाम प्रधानमंत्री से मिलना सम्मान और सौभाग्य की बात थी."
  • पूर्व श्रीलंकाई विकेटकीपर रोमेश कालूवितराना ने पीएम मोदी से मुलाकात को उत्साहजनक बताया. उन्होंने कहा, "जब से पीएम मोदी सत्ता में आए हैं, बहुत सी चीजें बेहतर हुई हैं. इससे श्रीलंका को भी बहुत लाभ हुआ है."
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  • पूर्व श्रीलंकाई पेसर चमिंडा वास ने कहा, "1996 विश्व कप विजेता टीम के रूप में, उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलना हमारे लिए बहुत सम्मान की बात थी. हमने 1996 विश्व कप जीत और उस टूर्नामेंट में भारत को कैसे हराया, इस बारे में बात की. हमने श्रीलंकाई क्रिकेट के भविष्य पर भी चर्चा की और बातचीत वाकई अच्छी रही."
  • 1996 विश्व कप के स्टार और श्रीलंका के पूर्व बाएं हाथ के विस्फोटक ओपनर सनथ जयसूर्या ने कहा, "1996 की क्रिकेट टीम के लिए प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करना एक शानदार अवसर था. हमने कुछ चीजों पर चर्चा की और अपने क्रिकेट के बारे में बात की. यह हमारे लिए एक शानदार मुलाकात थी और एक बेहतरीन अनुभव भी था. पीएम मोदी ने भारत में किए गए अपने कार्यों के बारे में भी विस्तार से बताया."

यह भी पढ़ें - रक्षा, ऊर्जा, मंदिरों का विकास... भारत-श्रीलंका के बीच 7 अहम समझौतों पर मुहर; जानें क्या-क्या हुई डील



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Sunday, April 6, 2025

City cyclists face growing pain as infrastructure deteriorates



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'भारत' इनोवेशन और टेक्नोलॉजी आधारित विकास में ग्लोबल लीडर बनने के लिए तैयार : पीयूष गोयल

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत इनोवेशन और टेक्नोलॉजी आधारित विकास में ग्लोबल लीडर के रूप में उभरेगा. उन्होंने 'स्टार्टअप महाकुंभ' कार्यक्रम में वॉक-थ्रू के दौरान स्टार्टअप्स के काम की सराहना की.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोई भी व्यक्ति वर्ल्ड क्लास क्वालिटी काम को देख सकता है, एनर्जी एफिशिएंसी पर बनी टेक्नोलॉजी का अनुभव ले सकता है, नए स्टार्टअप द्वारा बनाए जा रहे रक्षा उपकरणों को देख और महसूस कर सकता है कि 'फिनटेक' कैसे आम नागरिक के लिए सशक्तीकरण का स्रोत बन रहा है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "यह वह नींव है, जिस पर कदम रखकर भारत इनोवेशन की दुनिया में प्रवेश करेगा. हम वैश्विक मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे. मैं यंग स्टार्टअप्स के कामों से बेहद संतुष्ट होकर वापस जा रहा हूं. 'युवा भारत' आगे बढ़ने के लिए बेताब और दुनिया में अपनी छाप छोड़ने के लिए तैयार है."

'स्टार्टअप महाकुंभ' के दूसरे एडिशन में 10 थीमेटिक पवेलियन्स का आयोजन किया गया, जिसमें एआई, डीपटेक और साइबर सिक्योरिटी, हेल्थटेक और बायोटेक, एग्रीटेक, क्लाइमेट टेक, इनक्यूबेटर और एक्सेलेरेटर, डी2सी, फिनटेक, गेमिंग और स्पोर्ट्स, बी2बी और प्रिसिजन मैन्युफैक्चरिंग, डिफेंस और स्पेस टेक के साथ ही मोबिलिटी जैसे प्रमुख उद्योगों को शामिल किया गया.

केंद्रीय मंत्री ने क्लाइमेट टेक, बायोटेक, एआई और डीपटेक और कई दूसरे क्षेत्रों में ग्राउंड ब्रेकिंग इनोवेशन को प्रदर्शित करने वाले कई प्रदर्शनियों का दौरा किया, जिसमें इंटेलिजेंट एयर प्यूरीफायर और ईवी ट्रैक्टर से लेकर फंक्शनल ब्रेन मैपिंग के लिए एआई-ड्रिवन प्लेटफॉर्म और डिफेंस एप्लीकेशन के लिए कटिंग-एज मैन्युफैक्चरिंग ड्रोन शामिल थे.

'स्टार्टअप महाकुंभ' में 3,000 से अधिक स्टार्टअप, 1,000 से अधिक निवेशक और इनक्यूबेटर के साथ ही 50 से अधिक देशों के 10,000 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए, जिससे स्टार्टअप के लिए अपने व्यवसायों को पेश करने, निवेशक संबंध बनाने और महत्वपूर्ण फंडिंग हासिल करने का एक बेहतरीन अवसर बन गया.

भारत की फिनटेक यात्रा में एक महत्वपूर्ण क्षण इंडिया फिनटेक फाउंडेशन के शुभारंभ के साथ देखने को मिला, जिसमें जी-20 शेरपा अमिताभ कांत, डीपीआईआईटी के संयुक्त सचिव संजीव सिंह और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन भी मौजूद थे.



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Saturday, April 5, 2025

"हम चिमनी के पास बैठकर कॉफी पीते हैं, सैनिक बर्फीली हवाओं से ...": दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने दो सैन्यकर्मियों को विकलांगता पेंशन के भुगतान से जुड़े आदेश में दखल देने से इनकार कर दिया और इस बात को रेखांकित किया कि सैनिक अक्सर कठोर एवं दुर्गम परिस्थितियों में देश की रक्षा करते हैं तथा बीमारी एवं विकलांगता की आशंका देश सेवा की इच्छा के साथ “पैकेज डील” के रूप में आती है.

न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने 27 मार्च को पारित आदेश में देशभक्ति पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की “प्रेरक टिप्पणियों” को याद किया और कहा, ‘‘जब हम चिमनी के पास बैठकर गर्म कैपुचीनो (एक तरह की कॉफी) की चुस्कियां ले रहे होते हैं, तब सैनिक सरहद पर बर्फीली हवाओं से जूझ रहे होते हैं और एक पल में अपनी जान की कुर्बानी देने के लिए तैयार रहते हैं.”

पीठ ने कहा, “इसलिए, बीमारी और विकलांगता की आशंका, देश सेवा की इच्छा और दृढ़ संकल्प के साथ एक ‘पैकेज डील' के रूप में आती है. जिन परिस्थितियों में सैनिक राष्ट्र की सेवा करते हैं, उनमें सबसे बहादुर सैनिक के भी बीमारियों की चपेट में आने का खतरा रहता है, जो कभी-कभी उसे अपाहिज बनाने वाली प्रकृति की हो सकती हैं, जिससे वह सैन्य सेवा जारी रखने में असमर्थ हो जाता है.” पीठ में न्यायमूर्ति अजय दिगपॉल भी शामिल थे. पीठ ने आगे कहा, “ऐसी परिस्थितियों में राष्ट्र, सैनिक की ओर से की गई निस्वार्थ सेवा के बदले कम से कम उसे बचे हुए वर्षों में सांत्वना और सुकून तो प्रदान ही कर सकता है.” पीठ ने कहा, “राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की ओर से अपने शपथ ग्रहण समारोह में की गई प्रेरक टिप्पणी कि ‘यह मत पूछो कि तुम्हारा देश तुम्हारे लिए क्या कर सकता है; यह पूछो कि तुम अपने देश के लिए क्या कर सकते हो', आज भी देशभक्ति और देशप्रेम के सभी मायनों का भव्य सारांश प्रस्तुत करती है.”

अदालत ने कहा, “ऐसे लोग भी हैं, जो इन शब्दों को अपने जीवन में आत्मसात कर लेते हैं और देश के लिए अपना सबकुछ कुर्बान करने को तैयार रहते हैं... जो उस समय सरहद पर बर्फीली हवाओं से जूझ रहे होते हैं और एक पल में अपनी जान की कुर्बानी देने के लिए तैयार रहते हैं, जब हम चिमनी के पास बैठकर अपनी गर्म कैपुचीनो की चुस्की ले रहे होते हैं. क्या राष्ट्र और उसके नागरिक के रूप में हम, मातृभूमि के इन सच्चे सपूतों को ऐसा कुछ भी दे सकते हैं, जो कभी भी बहुत अधिक हो सकता है?” पीठ ने कहा कि मानव शरीर, जो त्वचा और हड्डियों से बना है, हमेशा “आत्मा के साथ तालमेल रखने” में सक्षम नहीं होता और इसलिए कानून में उन सैनिकों को विकलांगता पेंशन जैसे वित्तीय लाभ प्रदान करने का प्रावधान किया गया है, जो किसी बीमारी या विकलांगता के शिकार हो जाते हैं, जिसकी उत्पत्ति या बढ़ने के लिए सैन्य सेवा जिम्मेदार होती है.

हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार की उन याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किया, जिनमें दो पूर्व सैन्य अधिकारियों को विकलांगता पेंशन देने के सशस्त्र बल न्यायाधिकरण के फैसले को चुनौती गई थी. इनमें से एक अधिकारी 1985 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे, लेकिन 2015 में टाइप-2 मधुमेह के चलते उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था और विकलांगता पेंशन देने से इनकार कर दिया गया था.वहीं, दूसरे अधिकारी रक्षा सुरक्षा कोर से जुड़े हुए थे और उन्हें “उनके दाहिने पैर के निचले हिस्से की परिधीय धमनी के अवरुद्ध होने” के बावजूद विकलांगता पेंशन देने से मना कर दिया गया था.

केंद्र ने अपनी याचिकाओं में दलील दी थी कि दोनों अधिकारी “पीस पोस्टिंग” पर थे और उनकी बीमारी उनकी सैन्य सेवा के कारण नहीं थी या उससे बढ़ी नहीं थी.“पीस पोस्टिंग” का मतलब कम अस्थिर क्षेत्रों में गैर-परिचालन भूमिकाओं में तैनाती से है, जिसमें युद्ध या उच्च जोखिम वाली तैनाती के विपरीत अक्सर प्रशासनिक, प्रशिक्षण या सहायक भूमिकाएं शामिल होती हैं.

हाईकोर्ट ने इस बात पर गौर किया कि दोनों मामलों में बीमारी की शुरुआत अधिकारियों की सैन्य सेवा के दौरान हुई थी और कहा कि केवल यह दलील देना कि वे “पीस पोस्टिंग” पर थे, रिलीज मेडिकल बोर्ड (आरएमबी) पर यह दिखाने का दायित्व डालने के लिए पर्याप्त नहीं है कि बीमारी के लिए सेवा जिम्मेदार नहीं थी.पीठ ने कहा कि यह सर्वविदित है कि मधुमेह की बीमारी तनावपूर्ण परिस्थितियों में रहने के कारण उत्पन्न हो सकती है या बढ़ सकती है. उसने कहा कि “पीस पोस्टिंग” के मामले में आरएमबी पर यह जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है कि वह बीमारी के कारण की पहचान करे और इसकी उत्पत्ति के कारक को दावेदार अधिकारी की सैन्य सेवा से अलग करे.

पीठ ने कहा, “हम यह दोहराना चाहेंगे कि सैन्य कर्मियों को अपनी सेवा के दौरान विभिन्न प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है, और केवल यह तथ्य कि किसी बीमारी की शुरुआत उस समय हुई होगी, जब अधिकारी “पीस पोस्टिंग” पर था, निर्विवाद रूप से यह संकेत नहीं देता कि बीमारी सैन्य सेवा के कारण नहीं थी.” उसने कहा, “हम दोहराते हैं कि कुछ रोग और विकार ऐसे होते हैं, जो उत्पन्न तो हो चुके होते हैं, लेकिन उनके लक्षण उभरने में समय लग जाता है, जिससे ये देर में पकड़ में आते हैं.” पीठ ने कहा, “उपरोक्त सभी कारणों से, दोनों रिट याचिकाओं को खारिज किया जाता है और एएफटी की ओर से पारित आदेशों को पूरी तरह से बरकरार रखा जाता है.”



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Schools advised to follow heatwave safety measures



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Gujarat chief minister launches Sujalam Sufalam 2.0 from Mehsana



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Friday, April 4, 2025

यूरिक एसिड का देसी इलाज है किचन में मौजूद ये ड्रिंक्स, आज से ही करें डाइट में शामिल

Drinks For High Uric Acid: यूरिक एसिड आज के समय की एक एक बड़ी समस्या में से एक है. आपको बता दें कि शरीर में यूरिक एसिड का बढ़ता लेवल कई परेशानियों की वजह बन सकता है. इसकी वजह से शरीर में क्रिस्टल बन सकते हैं और यह गाउट का कारण बन सकता है. यूरिक एसिड के हाई लेवल को कंट्रोल करने के लिए खानपान में बदलाव सबसे कारगर उपाय माना जाता है. हाई यूरिक एसिड, जिसे हाइपरयूरिसीमिया भी कहा जाता है, आमतौर पर शुरूआत में इसके कोई लक्षण नजर नहीं आते ज्यादातर लोगों को इसके बारे में तब तक पता नहीं चलता जब तक कि यूरिक एसिड का स्तर ज्यादा न हो जाए. इसकी वजह से पेशाब में दिक्कत, यूरिन में बदबू, यूरिन में खून आना, दर्द, मतली, उल्टी, सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं. तो चलिए जानते हैं यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए इन ड्रिंक्स का करें सेवन. 

यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए ड्रिंक्स- (Best Drinks For Uric Acid)

1. अजवाइन का पानी- 

किचन में मौजूद अजवाइन एक ऐसा मसाला है जिसे स्वाद के साथ सेहत के लिए भी कमाल माना जाता है. शरीर में मौजूद यूरिक एसिड को बाहर निकालने में मददगार है अजवाइन का पानी. 

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Photo Credit: iStock

2. जीरा पानी- 

जीरा पानी डिटॉक्सिफिकेशन, पाचन में मददगार माना जाता है. इसके सेवन से शरीर में बड़े हुए यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है. 

3. नींबू पानी-

नींबू पानी यूरिक एसिड को घोलने और शरीर से बाहर निकालने में मदद कर सकता है. बढ़े हुए यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए आप नींबू पानी का सेवन सुबह खाली पेट कर सकते हैं.

4. हल्दी वाला पानी- 

किचन में मौजूद हल्दी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती है. इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो सूजन को कम करने और यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं. 

Epilepsy Treatment: मिर्गी क्या है? कारण, लक्षण, इलाज | किन लोगों को होती है? डॉ. नेहा कपूर से जानिए



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Wednesday, April 2, 2025

Tuesday, April 1, 2025

हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल और उधम सिंह नगर के विभिन्न स्थानों के बदले नाम

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए जनपद हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल और उधम सिंह नगर में स्थित विभिन्न स्थानों के नाम में परिवर्तन की घोषणा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न स्थानों  के नाम में परिवर्तन जन भावना और भारतीय संस्कृति व विरासत के अनुरूप किया जा रहा है.  इससे लोग भारतीय संस्कृति और इसके संरक्षण में योगदान देने वाले महापुरुषों से प्रेरणा ले सकेंगे.

मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार, हरिद्वार जनपद में औरंगजेबपुर का शिवाजी नगर, गाजीवाली का आर्य नगर, चांदपुर का ज्योतिबा फुले नगर, मोहम्मदपुर जट का मोहनपुर जट, खानपुर कुर्सली का अंबेडकर नगर, इंदरीशपुर का नंदपुर, खानपुर का श्री कृष्णपुर, अकबरपुर फाजलपुर का नाम विजयनगर किया गया है.

देहरादून जनपद में मियांवाला का रामजी वाला, पीरवाला का केसरी नगर, चांदपुर खुर्द का पृथ्वीराज नगर, अब्दुल्ला नगर का नाम दक्ष नगर किया गया.

जनपद नैनीताल में नवाबी रोड़ का अटल मार्ग, पनचक्की से आईटीआई मार्ग का नाम गुरु गोवलकर मार्ग किया गया. 

उधमसिंह नगर में नगर पंचायत सुल्तानपुर पट्टी का नाम बदलकर कौशल्या पुरी किए जाने की घोषणा की गई है.



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