Rahul Gandhi Bihar Visit: राहुल गांधी पिछले कुछ दिनों से लगातार बिहार का दौरा कर रहे हैं और सोमवार को भी वो वहीं रहेंगे. हाल के दिनों की बात करें तो राहुल गांधी की यह तीसरी बिहार यात्रा है. इस बार राहुल गांधी बेगूसराय में कन्हैया कुमार के साथ पदयात्रा में भी भाग लेंगे. कन्हैया कुमार एनएसयूआई के बैनर के तहत पूरे बिहार में 'पलायन रोको, रोजगार दो' के मुद्दे पर पदयात्रा कर रहे हैं. राहुल गांधी ने इस संबंध में सोशल मीडिया पर अपना वीडियो भी जारी किया है, जिसमें युवाओं से 'पलायन रोको, रोजगार दो' यात्रा में शामिल होने और अपनी आवाज उठाने का निमंत्रण दिया है.
राहुल गांधी का वीडियो संदेश
बिहार के युवा साथियों, मैं 7 अप्रैल को बेगूसराय आ रहा हूं, पलायन रोको, नौकरी दो यात्रा में आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 6, 2025
लक्ष्य है कि पूरी दुनिया को बिहार के युवाओं की भावना दिखे, उनका संघर्ष दिखे, उनका कष्ट दिखे।
आप भी White T-Shirt पहन कर आइए, सवाल पूछिए, आवाज़ उठाइए -… pic.twitter.com/LhVUROFCOW
राहुल गांधी ने सफेद टी शर्ट पहन कर इस यात्रा में शामिल होने के लिए कहा है. सफेद टी-शर्ट क्यों इसका भी जवाब राहुल गांधी ने दिया है कि इससे पूरी दुनिया को बिहार के नौजवानों का इमोशन दिखेगा.बिहार की समस्याएं समझ आएंगी और सरकार पर प्रेशर पड़े.
राहुल गांधी का बिहार प्लान
कन्हैया कुमार की इस यात्रा में युवा बड़ी तादाद में शामिल हुए हैं. कन्हैया कुमार की इस यात्रा का मकसद भी यही था कि लोग बिहार में कांग्रेस के बारे में बातें करना शुरू करें ताकि थोड़ी हवा बने. कांग्रेस ने बिहार को लेकर पिछले कुछ महीनों में काफी काम किया है. सबसे पहले प्रभारी के रूप में कृष्णा अल्लावुरू को भेजा, जो लगातार बिहार में ही जमे हैं. मीटिंग कर रहे हैं और अपनी रिपोर्ट राहुल गांधी को भेज रहे हैं. इसके बाद राहुल गांधी ने बिहार के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह को हटाकर राजेश कुमार को बना दिया. राजेश कुमार दलित हैं और दो बार के विधायक हैं. मौजूदा समय में भी वो विधायक हैं. कन्हैया कुमार अगड़ी जाति से आते हैं और प्रदेश अध्यक्ष दलित हैं. राहुल गांधी ने इन दोनों की एक जोड़ी बनाई है, जिसमें शकील अहमद खान भी हैं, जो विधानसभा में कांग्रेस के नेता हैं. साथ ही कन्हैया कुमार के साथ युवाओं को भी जोड़ने का काम किया है.
क्या महागठबंधन में रहेगी कांग्रेस
कई जानकार राहुल के बार-बार बिहार जाने को कांग्रेस के महागठबंधन में अपनी ज़मीन बचाने की कोशिश के तौर पर भी देख रहे हैं. कांग्रेस पिछले विधानसभा चुनाव में 70 सीटों पर लड़ी थी और 19 सीट ही जीत पाई थी. कांग्रेस को पता है कि लालू यादव इस बार कांग्रेस को इतनी सीटें नहीं देंगे, इसलिए सौदेबाजी से पहले कांग्रेस अपनी जमीन और आधार मजबूत करना चाहती है. कांग्रेस पहले ही कह चुकी है वह महागठबंधन के साथ ही चुनाव लड़ेगी, मगर कितनी सीटों पर यह सबसे बड़ा सवाल है. राहुल गांधी की लगातार बिहार यात्रा इस बात का संकेत है कि कांग्रेस सीटों के बंटवारे में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेगी. कन्हैया कुमार की 'पलायन रोको, रोजगार दो' इसी महीने खत्म हो रही है.
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