Thursday, February 29, 2024

INSIDE STORY : 10 दिन से बन रही थी BJP की रणनीति, हिमाचल में पर्दे के पीछे से कांग्रेस को ऐसे हराया

राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Elections 2024) के बाद हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh Crisis) की सियासत में हलचल तेज हो गई हैं. राज्य की एकमात्र राज्यसभा सीट के लिए मंगलवार को वोटिंग हुई. राज्य में कांग्रेस (Congress) की सत्ता रहते हुए भी बीजेपी (BJP) ने ये सीट जीत ली. कांग्रेस के 6 विधायकों ने पार्टी लाइन से हटकर बीजेपी के लिए क्रॉस वोटिंग कर दी. निर्दलीय विधायकों ने भी बीजेपी का साथ दिया. इन सबके बीच बेशक सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) सरकार ने बजट पास करा लिया हो, लेकिन सुक्खू की 14 महीने पुरानी सरकार पर खतरा मंडरा रहा है. पार्टी के कई विधायक और मंत्री सीएम सुक्खू के काम करने के तरीकों पर सवाल उठा रहे हैं. कांग्रेस हाईकमान पर भी कटघरे में है. आइए जानते हैं हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस हाईकमान से कहां लापरवाही हुई? कैसे सुक्खू सरकार पर संकट के बादल छा गए:-

हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों के लिए के एक ही फेज में 12 नवंबर 2022 को चुनाव हुए. 8 दिसंबर 2022 को नतीजे आए. कांग्रेस ने 40 सीटें जीती, बीजेपी के खाते में 25 सीटें आईं. पूर्ण बहुमत मिलते ही पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के गुट ने सीएम पद पर दावेदारी पेश कर दी. इस गुट की मांग थी कि वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह को सीएम पद दिया जाए. जबकि एक और गुट प्रियंका गांधी के करीबी और वीरभद्र के विरोधी रहे सुखविंदर सिंह सुक्खू को सीएम बनाने की मांग कर रहा था. 

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काफी सोच-विचार के बाद कांग्रेस हाईकमान ने सुक्खू पर भरोसा जताया. पार्टी ने प्रतिभा सिंह को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद दिया और उनके बेटे विक्रमादित्य को सरकार में मंत्री पद दिया गया. लेकिन चीजें नहीं बदली. दोनों गुटों में तनातनी जारी रही. बीजेपी को भी इसकी खबर थी.

10 दिन पहले ही बीजेपी ने बनाई थी प्लानिंग
बीजेपी ने हिमाचल प्रदेश की राज्यसभा सीट पर कांग्रेस को मात देने की प्लानिंग काफी पहले ही बना ली थी. चुनाव से करीब 10 दिन पहले यानी 17 फरवरी को दिल्ली में बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक हुई. इस दौरान पार्टी के हिमाचल प्रदेश के बड़े नेताओं ने केंद्र के बड़े नेताओं को बताया कि हिमाचल प्रदेश के राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को मात दी जा सकती है.

इसके बाद बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह ने पार्टी के मौजूदा अध्यक्ष जे पी नड्डा, जयराम ठाकुर और पार्टी के उपाध्यक्ष सौदान सिंह को इस पूरे काम में लगा दिया. 17 और 18 फरवरी को दिल्ली में मोटे तौर पर ये तय हुआ कि बीजेपी कैसे ये चुनाव जीत सकती है. 

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सुक्खू से नाराज़ हैं ये तीन नेता
राज्य के बीजेपी नेताओं का ग्राउंड से फीडबैक था कि पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिमा सिंह, उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह और मुकेश अग्निहोत्री का गुट मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से नाराज़ हैं. क्योंकि अपने एक साल के कार्यकाल में सुक्खू ने इनके सभी कामों जैसे ट्रांसफर, पोस्टिंग, अपॉइंटमेंट वगैरह पर एक तरीके से फुलस्टॉप लगा रखा था. 

आलाकमान ने उम्मीदवार चुनने में की गलती
दूसरी तरफ, कांग्रेस आलाकमान ने भी उम्मीदवार चुनने में गलती की. पार्टी ने हिमाचल के बाहरी अभिषेक मनु सिंघवी को उम्मीदवार बना दिया, जबकि प्रतिभा सिंह खुद राज्यसभा की उम्मीदवारी चाहती थीं. 

आनंद शर्मा ने प्रतिभा सिंह से मिलाया हाथ
राहुल गांधी की मुखालफत करके कांग्रेस के भीतर ही एक ग्रुप G-23 बना था. इसी G-23 में शामिल माने जाने वाले पार्टी के दिग्गज नेता आनंद शर्मा भी फिर से राज्यसभा जाना चाह रहे थे. हालांकि, आंनद शर्मा और रानी प्रतिभा सिंह के खेमों में बनती नहीं है, लेकिन सुक्खू को सबक सीखाने के लिए आनंद शर्मा और प्रतिभा सिंह एक साथ आ गए. सूत्र बताते हैं कि इस काम में बड़ी भूमिका एक और दिग्गज नेता मुकेश अग्निहोत्री की रही. 

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हालांकि, कांग्रेस हाईकमान को इस प्लानिंग का कुछ आइडिया जरूर था. तभी सोनिया गांधी को हिमाचल के बजाय राजस्थान से राज्यसभा भेजा गया. जबकि अभिषेक मनु सिंघवी को पार्टी के टॉप लीडर्स ने ज़िम्मेदारी दी कि आप शिमला में ही रहें और कांग्रेस के असंतुष्ट विधायकों से बात करें. सिंघवी को दिल्ली का आशीर्वाद भी था.

बीजेपी ने ऐसे चली चाल
लेकिन बीजेपी ने कांग्रेस की इस कमी को भांप लिया. पार्टी ने हर्ष महाजन को हिमाचल में राज्यसभा सीट का प्रत्याशी बना दिया. महाजन कांग्रेस से टूटकर विधानसभा चुनावों के पहले ही बीजेपी में आये थे. वो वीरभद्र सिंह और उनके परिवार के बेहद करीबी रहे हैं. इसलिए उन्हें प्रतिभा सिंह और उनके खेमे के विधायकों को अपने साथ लाने में ज्यादा पापड़ नहीं बेलने पड़ते.

हर्ष महाजन की जीत को पक्का करने के लिए बीजेपी की लीडरशिप ने पहाड़ की राजनीति के महारथी माने जाने वाले सौदान सिंह को काम पर लगाया. उन्हें मंगलवार को वोटिंग के पहले ही शिमला पहुंचा दिया. सूत्रों के मुताबिक, सौदान सिंह ने हर्ष महाजन के जरिए कांग्रेस से नाराज चल रहे 9-10 विधायकों से संपर्क साधा. सौदान सिंह ने इन विधायकों को बीजेपी के लिए वोट करने के लिए मना लिया. इसके बदले में इन लोगों को नई सरकार बनने पर उनके काम होने का भरोसा दिलाया गया. 

सुक्खू से भी हुई बड़ी चूक
इसमें सीएम सुक्खू की सबसे बड़ी चूक ये रही कि उन्होंने पार्टी के विधायकों की नाराजगी को गंभीरता से नहीं लिया. सुजानपुर के कांग्रेसी विधायक राजेंद्र राणा और धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा ने सीएम के सामने कई मामले उठाए. लेकिन बताया जा रहा है कि सुक्खू ने इनपर ध्यान नहीं दिया. पार्टी हाईकमान भी इन नाराज विधायकों को मनाने में लापरवाह रही. 

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इसके बाद राज्यसभा चुनाव में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से नाराज कांग्रेस के 6 और 3 निर्दलीय विधायकों ने BJP कैंडिडेट के हक में क्रॉस वोटिंग की. दोनों प्रत्याशियों को 34-34 वोट मिलने के बाद टॉस हुआ, जिसमें बाजी बीजेपी उम्मीदवार के हाथ लगी.



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"दो से ज्यादा बच्चे वाले को सरकारी नौकरी से इनकार भेदभाव नहीं..." : SC ने राजस्थान सरकार के नियम पर लगाई मुहर

राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) के दो बच्चों के नियम पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दो से ज्यादा बच्चे होने पर सरकारी नौकरी देने से इनकार करना गैर-भेदभावपूर्ण है. कोर्ट ने कहा कि इस प्रावधान के पीछे का मकसद परिवार नियोजन को बढ़ावा देना है. पंचायत चुनाव लड़ने के लिए भी इसी तरह के नियम को सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये नियम पॉलिसी के दायरे में आता है, इसमें दखल देने की जरूरत नहीं है.

जस्टिस  सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने यह फैसला 20 फरवरी 2024 को दिया है. सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने 12 अक्टूबर, 2022 के राजस्थान हाईकोर्ट  के फैसले को बरकरार रखते हुए पूर्व सैनिक रामजी लाल जाट की याचिका खारिज कर दी.

क्या है मामला?
31 जनवरी, 2017 को रक्षा सेवाओं से रिटायर के बाद, रामजी लाल जाट ने 25 मई, 2018 को राजस्थान पुलिस में राजस्थान पुलिस कांस्टेबल के पद के लिए आवेदन किया था. उनकी उम्मीदवारी को राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम, 1989 के नियम 24(4) के तहत इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि उनके 01 जून 2002 के बाद दो से अधिक बच्चे थे, इसलिए वह सरकारी रोजगार के लिए अयोग्य हैं.

नियम में क्या कहा गया है? 
इन नियमों में कहा गया है कि कोई भी उम्मीदवार सेवा में नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होगा, जिसके 01 जून 2002 को या उसके बाद दो से अधिक बच्चे हों. अदालत ने कहा कि यह निर्विवाद है कि अपीलकर्ता ने राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल के पद पर भर्ती के लिए आवेदन किया था और ऐसी भर्ती राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम, 1989 द्वारा शासित होती है. 

पीठ ने कहा कि कुछ इसी तरह का प्रावधान, पंचायत चुनाव लड़ने के लिए पात्रता शर्त के रूप में पेश किए गए थे, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा था. कोर्ट ने तब माना था कि वर्गीकरण, जो दो से अधिक जीवित बच्चे होने पर उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित करता है, गैर-भेदभावपूर्ण और संविधान के दायरे से बाहर है. क्योंकि प्रावधान के पीछे का उद्देश्य परिवार नियोजन को बढ़ावा देना है.

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Wednesday, February 28, 2024

ग्रेटर नोएडा में 1 करोड़ 15 लाख की लूट का ऐसे हुआ खुलासा, कंपनी के कर्मचारी ने ही रची थी साजिश

ग्रेटर नोएडा के बीटा 2 थाना क्षेत्र के पी 3 गोल चक्कर के एक कारोबारी के कर्मचारी से बाइक सवार बदमाशों द्वारा एक करोड़ 15 लाख की लूट की घटना का सनसनीखेज खुलासा हुआ है. ग्रेटर नोएडा डीसीपी ने बताया कि भारी रकम देख कर्मचारी की नीयत खराब गई और उसने अपने रिश्तेदार के साथ मिलकर झूठी लूट की साजिश रची थी. पुलिस ने कर्मचारी को ही गिरफ्तार कर एक करोड़ 7.5 लाख रुपये बरामद कर लिया है. इस लूट में शामिल कर्मचारी का रिश्तेदार 7.5 लाख लेकर फरार है, जिसकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं.

पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किया गया चेतन राणा, खल-चूनी और आटे का थोक कारोबार करने वाले व्यवसाई गोपाल गोयल का कर्मचारी है और पैसे के लेन-देन का काम करता है. 26 फरवरी को जब गोपाल गोयल ने चेतन को एक करोड़ 15 लाख रुपये अपने कारोबारी साथी को देने के लिए दिए तो उसकी नीयत खराब हो गई और उसने अपने मामा गुड्डू के साथ मिलकर झूठी लूट की कहानी बुनी और जब वो पैसे लेकर निकला तो उसका मामा गुड्डू भी पीछे से आया और पी-3 चौराहे के पास फिल्मी अंदाज में लूट की वारदात को अंजाम दिया. लूट की रकम को लेकर गुड्डू अपने घर आ गया और उसे गड्ढे में छुपा दिया. वहीं चेतन ने लूट की सूचना अपने मालिक गोपाल और पुलिस को दी.

ग्रेटर नोएडा डीसीपी साद मियां खान ने बताया कि सूचना मिलते ही थाना बीटा 2 की टीम और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे. जब पीड़ित से पूछताछ की गई तो उसके स्टेटमेंट में और उसके मूवमेंट में फर्क मिला, जिससे पुलिस को मामला संदिग्ध लगा. आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों में वारदात के रिकॉर्ड नहीं होने पर पुलिस को संदेह हुआ और सख्ती से पूछताछ की गई तो मुंशी ने अपराध कबूल कर लिया.

आरोपी मुंशी की निशानदेही पर पुलिस ने पूरी रकम उसके मामा के घर से गड्ढे से बरामद कर लिया. पुलिस ने झूठी लूट की सूचना देने और अमानत में खयानत का आरोप लगाते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इस लूट में शामिल कर्मचारी का मामा गुड्डू 7.5 लाख लेकर फरार है, जिसकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं.



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सपा के क्रॉस वोटर्स कौन? जिन्होंने राज्यसभा चुनाव में अखिलेश की बजाय दिया BJP का साथ

उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटों के लिए हुए चुनाव में बीजेपी ने 8 सीटों पर जीत हासिल की है. वहीं समाजवादी पार्टी के खाते में सिर्फ दो सीटें आईं. यहां 10 सीटों पर 11 उम्मीदवार होने की वजह से वोटिंग हुई और चुनाव दिलचस्प हो गया. बीजेपी के आठवें उम्मीदवार संजय सेठ ने क्रॉस वोटिंग की वजह से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार आलोक रंजन को हरा दिया.

चुनाव में कुल 395 वोट पड़े. समाजवादी पार्टी की विधायक महाराजी प्रजापति इस दौरान अनुपस्थित रहीं. वहीं सपा के 7 विधायक मनोज पांडे, राकेश पांडे, राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह, विनोद चतुर्वेदी, पूजा पाल और आशुतोष मौर्य ने क्रॉस वोटिंग की. ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव समाज पार्टी के एक विधायक जगदीश नारायण राय ने भी क्रॉस वोटिंग की, जो सपा के खाते में गया.

यूपी की कुल 403 विधानसभा सीटों में से 4 सीटें खाली हैं, 3 विधायक जेल में हैं, तो वहीं एक विधायक वोट के दौरान अनुपस्थित रहीं. बाकी 395 विधायकों ने मतदान किया.

राज्यसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आठ और समाजवादी पार्टी (SP) ने तीन उम्मीदवार मैदान में उतारे थे. भाजपा ने अपने आठवें उम्मीदवार के रूप में संजय सेठ को मैदान में उतारा. इसी वजह से एक सीट को लेकर दोनों पार्टियों के बीत कड़ी लड़ाई देखने को मिली.

भाजपा के सात अन्य उम्मीदवार पूर्व केंद्रीय मंत्री आर.पी.एन. सिंह, पूर्व सांसद चौधरी तेजवीर सिंह, पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के महासचिव अमरपाल मौर्य, पूर्व राज्य मंत्री संगीता बलवंत (बिंद), पार्टी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी, पूर्व विधायक साधना सिंह और आगरा के पूर्व महापौर नवीन जैन थे.

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सपा ने अभिनेत्री-सांसद जया बच्चन, दलित नेता रामजी लाल सुमन और सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी एवं उप्र के पूर्व मुख्‍य सचिव आलोक रंजन को मैदान में उतारा था.

बीजेपी के आठवां प्रत्याशी उतारने और समाजवादी पार्टी की बैठक में सभी विधायकों के नहीं पहुंचने के बाद से ही चुनाव में क्रॉस वोटिंग की चर्चा होने लगी थी. सोमवार को अखिलेश यादव द्वारा बुलाई गई बैठक में भी यूपी विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय और सात अन्य विधायक मुकेश वर्मा, महाराजी प्रजापति, पूजा पाल, राकेश पांडे, विनोद चतुर्वेदी, राकेश प्रताप सिंह और अभय सिंह इस बैठक में शामिल नहीं हुए थे.

मतदान के दिन पांडेय ने विधानसभा में मुख्य सचेतक पद से भी इस्तीफा दे दिया और अपना त्यागपत्र पार्टी प्रमुख को भेज दिया. सपा सदस्य राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह और राकेश पांडेय एक ही गाड़ी से मत डालने पहुंचे थे. हालांकि, उन्होंने सीधे तौर पर इस बात का जवाब नहीं दिया कि वे अपना मत किसको देने जा रहे हैं, लेकिन उन्होंने भाजपा की तरफ इशारा जरूर किया.

इस बीच, सपा सदस्य राकेश प्रताप सिंह ने कहा, ‘‘हम अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर मत डालेंगे.'' क्या जय श्री राम होगा, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘राम हर जगह हैं.''

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सपा विधायक राकेश पांडेय के बेटे एवं आंबेडकर नगर से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद रितेश पांडेय ने रविवार को बसपा की सदस्‍यता से त्यागपत्र दे दिया और भाजपा में शामिल हो गये.

क्रॉस वोटिंग को लेकर सवाल पूछे जाने पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, "जो लोग इस स्थिति में 'फायदा' तलाश रहे हैं, वे जाएंगे. जिनसे वादा किया गया होगा वो जाएंगे. चुनाव जीतने के लिए बीजेपी ने सभी हथकंडे अपनाए." उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि बागियों के खिलाफ कार्रवाई होगी.

अखिलेश यादव ने कहा, ‘‘किसी को सुरक्षा की चिंता है, किसी को धमकाया गया, किसी को कुछ और कहा गया. जिसके अंदर लड़ने का साहस नहीं होगा, वो जाएंगे.'' उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘जो लोग किसी की राह में कीलें बिछाते हैं या दूसरों के लिए गड्ढा खोदते हैं, वे खुद उसमें गिर जाते हैं.''

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उन्होंने कहा, ‘‘आप देख चुके हैं कि चंडीगढ़ में सीसीटीवी कैमरों के सामने क्या हुआ? मैं उच्चतम न्यायालय को धन्यवाद देता हूं जिसने संविधान को बचाया. भाजपा चुनाव जीतने के लिए सभी हथकंडे अपना सकती है. उसने विधायकों को कुछ लाभ का आश्वासन दिया होगा. भाजपा चुनाव जीतने के लिए कुछ भी करेगी.''

इस चुनाव में विधानसभा सदस्य मतदान करते हैं. यूपी की 403 सदस्यीय विधानसभा में मौजूदा समय में 399 सदस्य हैं, जिनमें से 395 सदस्यों ने अपने मत का प्रयोग किया. उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने की खातिर एक उम्मीदवार को लगभग 37 प्रथम-वरीयता मतों की जरूरत थी.

403 सदस्यीय राज्य विधानसभा में भाजपा और सपा सबसे बड़े दल हैं. भाजपा के 252 और सपा के 108 विधायक हैं. वहीं सपा की गठबंधन सहयोगी कांग्रेस के पास दो सीट हैं. भाजपा की सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के पास 13, निषाद पार्टी के पास 6, राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के पास 9, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के पास 6, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के पास 2 और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पास एक सीट है. फिलहाल विधानसभा में चार सीट खाली हैं.
 



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क्या होती है क्रॉस वोटिंग? जिसने यूपी में सपा और हिमाचल में बिगाड़ा कांग्रेस का खेल

यूपी, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश की कुल 15 राज्यसभा (Rajya Sabha Elections 2024) सीटों पर मंगलवार (27 फरवरी) को चुनाव हुए. इनमें से बीजेपी ने कुल 10 सीटें जीत ली हैं. बीजेपी को यूपी की 10 सीटों में से 8 पर जीत मिली. कर्नाटक की एक सीट पर भी पार्टी ने जीत हासिल की. बीजेपी ने हिमाचल की एकमात्र सीट भी जीत ली है. कांग्रेस को कर्नाटक की 3 सीटों पर जीत मिली. यूपी की 2 सीट पर सपा ने कब्जा जमाया. राज्यसभा चुनाव में वोटिंग से ज्यादा 'क्रॉस वोटिंग' (Cross Voting) शब्द ज्यादा चर्चा में है. यूपी में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और कर्नाटक-हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस (Congress) के कई विधायकों ने पार्टी लाइन हटकर से वोटिंग किया. आइए जानते हैं क्या होती है क्रॉस वोटिंग? चुनाव में इसका क्या होता है असर? क्रॉस वोटिंग वालों पर पार्टी क्या लेती है एक्शन?

क्या होती है क्रॉस वोटिंग?
राज्यसभा चुनाव के दौरान हर पार्टी के विधायक अपना मत तय करते हैं. वोटों को पार्टी के मुखिया को दिखाया जाता है. इसके बाद उसे सभापति के पास जमा कर दिया जाता है. जब विधायक अपनी पार्टी के उम्मीदवार की बजाय किसी अन्य पार्टी के उम्मीदवार को वोट दे देता है, तो उसे क्रॉस वोटिंग कहते हैं. 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश के विधायकों ने जमकर क्रॉस वोटिंग की. इसका फायदा BJP को हो सकता है.

Rajya Sabha Election Result: यूपी में सपा के 7 विधायकों ने की क्रॉस वोटिंग, हिमाचल में कांग्रेस के 6 MLAs ने BJP को किया सपोर्ट

कब-कब हुई क्रॉस वोटिंग?
राज्यसभा चुनाव और राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग होती रहती है. राज्यसभा चुनाव के लिए पहली बार 1998 में क्रॉस वोटिंग हुई थी. कांग्रेस प्रत्याशी की हार के बाद ओपेन बैलेट का नियम भी लाया गया, जिसके कारण हर विधायक को अपना मत पार्टी के मुखिया को दिखाना होता है, लेकिन इसके बाद भी ये सिलसिला जारी रहा. राष्ट्रपति चुनाव में भी पंजाब में क्रॉस वोटिंग हुई थी.

क्रॉस वोटिंग करने वालों पर क्या होता है एक्शन?
क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायक के बारे में अगर पार्टी जानती है, तो उसके खिलाफ एक्शन ले सकती है. 2022 में हरियाणा के कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई ने क्रॉस वोटिंग की थी. वह बाद में बीजेपी में शामिल हो गए. इसी चुनाव में राजस्थान से बीजेपी नेता शोभारानी कुशवाह ने भी क्रॉस वोटिंग की थी. वह भी पार्टी से निकाल दी गईं. 2016 में उत्तर प्रदेश से कांग्रेस के 6 नेताओं ने बीजेपी के लिए क्रॉस वोटिंग की थी. पार्टी ने सभी को निष्कासित कर दिया था. 2017 में कांग्रेस की अपील पर दो नेताओं के वोट खारिज हो गए थे, क्योंकि इन दोनों ने अपना बैलेट पेपर अमित शाह को दिखाया था. इसके बाद कांग्रेस के अहमद पटेल राज्यसभा सांसद बने थे.

उत्तर प्रदेश : राज्यसभा चुनाव को लेकर बीजेपी विधायकों को आज दी जाएगी वोटिंग की ट्रेनिंग

क्या यहां लागू होता है दलबदल कानून? 
नहीं... जब तक सदस्य जिस पार्टी से विधायक है, उस पार्टी से इस्तीफा देकर दूसरी पार्टी में शामिल नहीं होता है; तब तक वह दलबदल कानून के दायरे से बाहर है.

यूपी में क्रॉस वोटिंग से बीजेपी को क्या है फायदा?
यूपी में राज्यसभा चुनाव को के लिए वोटिंग शुरू होने के कुछ देर बाद ही सपा के चीफ व्हिप और विधायक मनोज कुमार पांडे ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया. फिर यूपी में सपा के 7 विधायकों ने NDA को वोट दिया. ये विधायक राकेश पांडेय, राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह, विनोद चतुर्वेदी, मनोज पांडेय, पूजा पाल और आशुतोष मौर्य हैं. दरअसल, क्रॉस वोटिंग बीजेपी के लिए ही फायदेमंद है. बीजेपी ने यूपी की 10 सीटों पर 8 कैंडिडेट उतारे हैं. सपा ने 3 उम्मीदवार खड़े किए हैं. अपने आठवें कैंडिडेट संजय सेठ को जीताने और सपा के तीसरे कैंडिडेट को हराने के लिए बीजेपी को क्रॉस वोटिंग का ही सहारा था. पार्टी ने सपा के वोटों में सेंध लगाई और इसका फायदा भी उसे मिला.

"पार्टी से विदा हो जाएं, आपको नमस्कार" : क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों को अखिलेश की चेतावनी

हिमाचल में क्रॉस वोटिंग क्यों हुई?
हिमाचल की एक सीट के लिए भी वोटिंग हुई. यहां सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी उम्मीदवार के लिए क्रॉस वोटिंग की. रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस के 6 विधायकों ने बीजेपी के सपोर्ट में वोट दिया है. कांग्रेस के 10 विधायकों के पाला बदलने की भी खबर है. अगर ऐसा हुआ था कांग्रेस की सरकार भी अल्पमत में आ सकती है.

कर्नाटक में बीजेपी विधायक ने की क्रॉस वोटिंग
कर्नाटक में बीजेपी के साथ ही खेल हो गया. बीजेपी विधायक एसटी सोमशेखर ने कांग्रेस प्रत्याशी को वोट किया है. कर्नाटक में कांग्रेस के 134 विधायक हैं, जबकि बीजेपी के 66 और जनता दल-सेक्युलर (जेडीएस) के 19 विधायक हैं. इसके अलावा कर्नाटक में चार अन्य विधायक हैं. कांग्रेस ने चार अन्य विधायकों में से दो निर्दलीय और सर्वोदय कर्नाटक पक्ष के दर्शन पुत्तनैया का समर्थन होने का दावा किया है. कांग्रेस यहां 3 सीटें जीतने की उम्मीद कर रही है.

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Tuesday, February 27, 2024

'सच दिखाएंगे तो ही ऑडियंस सराहेगी', आर्टिकल 370 के बैन होने पर बोले निर्देशक आदित्य सुहास जांभले

जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने पर बनी फिल्म 'आर्टिकल 370' बीते 23 फरवरी को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. फिल्म को दर्शकों से बेहतरीन रिस्पांस मिल रहा है. ऐसे में आर्टिकल 370 की टीम ने एनडीटीवी से खास बातचीत की और अपने अनुभव साझा किए. गौरतलब है कि आर्टिकल 370 को बहरीन, कुवैत, इराक, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात में बैन किया गया है. इस बारे में जब फिल्म के निर्देशक आदित्य सुहास जांभले से पूछा गया तो उन्होंने इसका बड़े ही सहजता से जवाब दिया. 

'कहानी को सच्चाई के साथ बताया'

फिल्म 370 के निर्देशक आदित्य सुहास जांभले ने कहा, "हमने कहानी को सच्चाई के साथ बताया. फिल्ममेकर के तौर पर हमारी जिम्मेदारी है कि हम सच दिखाएं. सच दिखाएंगे तो उसे ऑडियंस भी सराहेगी. जब हम फिल्म करते हैं तो वो हमारी नहीं रहती ऑडियंस की बन जाती है. जहां-जहां फिल्म जा रही है, ऑडियंस के रिएक्शन आ रहे हैं. बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक इसे पसंद कर रहे हैं. इसलिए मैं बहुत खुश हूं. बैन हमारे कंट्रोल में नहीं है. कहानी के साथ पूरी सच्चाई बताई गई है उसके लिए मैं खुश हूं". 

इसके साथ ही यामी से पूछा गया कि जब वे फिल्म कर रही थीं तो इसे लेकर लोगों ने तरह-तरह की बातें की. लोगों का मानना था कि यह फिल्म ऑडियंस को पसंद नहीं आएगी. बहुत टेक्निकल फिल्म है. फिल्म में बहुत ही राजनितिक तथ्य हैं, उन्हें कैसे दिखाया जाएगा. इस पर वे कहती हैं, "इतने एक्सपीरियंस और चैलेंज पहले भी आए हैं. मैंने वो किरदार किए, जिसके साथ बहुत सफलता मिली जैसे की उरी. क्योंकि इतना अनुभव है ऐसी बातें सुनने की तो कुछ फर्क नहीं पड़ता. इसे मैं शुभ चीज मानती हूं, काले टीके की तरह".

'किरदारों के साथ गलत नहीं हो सकते थे'

फिल्म में किरण करमारकर और अरुण गोविल भी हैं, जिन्होंने बखूबी अमित शाह और पीएम मोदी की भूमिका निभाई है. ऐसे में करैक्टर की तैयारी करने के लिए क्या एक्टर्स पॉलिटिशियन से मिले थे? जिसके जवाब में उन्होंने कहा, "ये इतने बड़े पॉलिटिशियन हैं. इन्हें पर्दे पर दिखाना हमारे लिए बड़ी जिम्मेदारी थी. इन किरदारों के साथ हम गलत नही हो सकते थे. एक्टर्स के लिए भी चैलेंज था. किरण करमारकर और अरुण गोविल ने कमाल की एक्टिंग की है. हम शुक्रगुजार हैं कि हमें इतने अच्छे एक्टर्स मिले". 

मां बनने वाली हैं यामी गौतम 

वहीं अगले कुछ महीने यामी गौतम क्या करने वाली हैं? इसका जवाब देते हुए यामी ने कहा, "पहले तो हर हफ्ते आर्टिकल 370 से जुड़ी रहूंगी.  फिल्म को और सफलता मिले, अभी तो बस शुरुआत है जो प्यार हमें मिल रहा है. अच्छा लगता है. एक नया फेज है लाइफ का मां बनने का वो तो दुनिया से परे है. इतना प्यार फिल्म को मिल रहा है. मैं सुन भी रही हूं और वहां हूं भी नहीं. मैं एन्जॉय कर रही हूं फिर भी". बता दें कि आर्टिकल 370 के प्रोड्यूसर आदित्य धर, ज्योति देशपांडे और लोकेश धर हैं.



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भांगड़ा करते डायनासोर का वीडियो देख आपका दिल भी हो जाएगा खुश, डरावने नहीं क्यूट है ये Dino

क्या आपने कभी भांगड़ा करते डायनासोर को देखा है? पंजाबी म्यूजिक पर डांस करते डायनासोर का यह वीडियो पड़ोसी मुल्क से वायरल हुआ है. पाकिस्तान के डीनो वर्ल्ड के वायरल वीडियो में आपको ये विशाल जानवर नाचते दिखेंगे. वीडियो को देखकर आपके शरीर में सिरहन होने की जगह होंठों पर मुस्कुराहट फैल जाएगी. इस जुरासिक भांगड़ा को देखकर आप डरेंगे नहीं, बल्कि हो सकता है कि हंसने और थिरकने पर मजबूर हो जाएं.

डायनासोर का वीडियो वायरल (Dinosaurs dance to Punjabi Song)

पाकिस्तान के इस्लामाबाद में डिनो वर्ल्ड (dino world islamabad) का यह वीडियो मन को खुशियों से भर देने वाले कंटेट के चलते दुनिया भर में वायरल हो रहा है. मूल रूप से टिकटॉक पर शेयर की गया यह वीडियो क्लिप एक पंजाबी गाने के म्यूजिक पर थिरकते हुए 'डायनासोर' का है. इस मजेदार परफॉर्मेंस को देखकर आप भी डायनासोर के उस खूंखार रूप को भूल जाएंगे. दरअसल, इस अनूठे वीडियो में एम्यूजमेंट पार्क के कर्मचारी डायनासोर की ड्रेस पहनकर उसी गेटअप में डांस करते दिख रहे हैं. उनके स्टेप्स सच में कमाल के हैं.

यहां देखें वीडियो

पाकिस्तान के डिनो वर्ल्ड के डांसिंग डायनासोर (pakistan amusement park)

वीडियो वायरल होने के बाद पाकिस्तान के इस्लामाबाद में बने डिनो वर्ल्ड के डांसिंग डायनासोर काफी मशहूर हो गए हैं. इसको देखने वाला हर सोशल मीडिया यूजर या दर्शक आश्चर्य से भर जाता है. वीडियो देखकर चकित होने वाले दर्शकों की ओर से इंस्टाग्राम पर लाइक, शेयर, कमेंट करने की होड़ लग गई. इनमें से कुछ व्यूअर ने मज़ाकिया ढंग से डीनो वर्ल्ड को 'जुरासिकपुर' नाम दे दिया, क्योंकि वहां डायनासोर और पंजाबी कल्चर के मिश्रण के लिए एक बढ़िया शो था. दूसरों ने चुटकी लेते हुए कहा, 'डायनासोर शायद लस्सी पीते रहे होंगे. यह उनके एनर्जी से भरे भांगड़ा स्टेप्स को देखकर पता चलता है.'



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Monday, February 26, 2024

जम्मू कश्मीर में सीट बंटवारे पर ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दलों के साथ बातचीत जारी: कांग्रेस

जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जेकेपीसीसी) के अध्यक्ष विकार रसूल वानी ने रविवार को कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए केंद्र शासित प्रदेश में सीट बंटवारे पर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' के घटक दलों-नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के साथ बातचीत चल रही है.वानी ने यहां एक समारोह से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘लोगों को जल्द ही अच्छी खबर मिलेगी क्योंकि नेकां और पीडीपी के साथ (सीट-बंटवारा समझौते पर) बातचीत चल रही है और हम संसदीय चुनाव एक साथ लड़ेंगे.''

राजौरी और पुंछ जिलों के कई राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ता वानी और अन्य वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हुए. उन्होंने कहा, ‘‘लोगों से मेरी अपील है कि वे कांग्रेस और हमारे गठबंधन सहयोगियों को मजबूत करें ताकि उनके सभी मुद्दे हल हो जाएं और जम्मू कश्मीर को मौजूदा संकट से बाहर निकाला जा सके.''

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जम्मू कश्मीर को बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए वानी ने कहा, ‘‘केवल कांग्रेस ही लोगों की समस्याओं को कम कर सकती है, पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल कर सकती है, भूमि और नौकरियों पर उनके अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती है.'' उन्होंने यह भी कहा, ‘‘सिर्फ कांग्रेस ही विधानसभा, नगरपालिका और स्थानीय निकाय चुनाव करा सकती है और विकास तथा पर्यटन क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है और जम्मू-कश्मीर को समृद्ध बना सकती है.''

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव से पहले एकजुट विपक्ष को बिखराने के लिए ‘इंडिया' गठबंधन के घटक दलों को डराने की पूरी कोशिश की. उन्होंने कहा, ‘‘विपक्षी गठबंधन हर दिन मजबूत होता जा रहा है और हमें विश्वास है कि कांग्रेस तथा उसके सहयोगी दल केंद्र में अगली सरकार बनाएंगे.'' 

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तृणमूल कांग्रेस कोलकाता में 10 मार्च को करेगी रैली, ब्रिगेड परेड ग्राउंड में होगा कार्यक्रम

पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने रविवार को राज्य की सामाजिक कल्याण योजनाओं के खिलाफ केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे कथित भेदभाव के विरोध में 10 मार्च को यहां ब्रिगेड परेड ग्राउंड में एक विशाल रैली करने की घोषणा की. संदेशखालि मुद्दे पर भाजपा और अन्य विपक्षी दलों के बढ़ते हमलों के मद्देनजर टीएमसी ने रैली करने का ऐलान किया है. पार्टी सूत्रों ने बताया कि रैली को टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी संबोधित करेंगे.

अभिषेक बनर्जी ने ‘एक्स' पर लिखा कि ‘जन गर्जन सभा‘ शीर्षक वाली रैली बंगाल से ‘‘बाहरी उत्पीड़कों'' को बाहर निकालने का संकल्प भी लेगी.  संदेशखालि में ग्रामीण महिलाओं द्वारा टीएमसी के नेता शाहजहां शेख और उसके सहयोगियों पर अत्याचार का आरोप लगाते हुए जारी विरोध-प्रदर्शन के बीच टीएमसी का विशाल रैली आयोजित करने का निर्णय आया है.

संदेशखाली को लेकर टीएमसी पर बीजेपी है हमलावर
रैली का ऐलान टीएमसी की तरफ से ऐसे समय में किया गया है जब  पश्चिम बंगाल का संदेशखाली राष्‍ट्रीय सुर्खियों में बना हुआ है. हाल ही में ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि संदेशखालि में ‘एक घटना कराई गई' और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एवं मीडिया के साथ मिलकर इसकी पटकथा लिखने का आरोप लगाया. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख बनर्जी ने यह भी कहा कि संदेशखालि में एक भी महिला ने प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई है और उन्होंने ही पुलिस को इस संबंध में स्वत: संज्ञान लेने का निर्देश दिया था.  

संदेशखाली में क्यो हो रहा है विवाद? 
संदेशखाली की महिलाओं ने टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उसके समर्थकों पर जबरदस्ती जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था. 5 जनवरी को राशन घोटाले के सिलसिले में शाहजहां के परिसर पर छापा मारने गए ED अधिकारियों पर कथित तौर पर भीड़ ने हमला कर दिया था, जिसके बाद से शाहजहां फरार हैं. इस मामले को लेकर टीएमसी और भाजपा भी एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. भाजपा जहां शाहजहां शेख को बचाने का आरोपी टीएमसी पर लगा रही है तो वहीं TMC भाजपा पर अशांत संदेशखाली में स्थिति को बिगाड़ने की कोशिश का आरोप लगा रही है.

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Sunday, February 25, 2024

कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए गेंहू के आटे की जगह इस चीज के आटे से बनी रोटियों का करें सेवन, हाई बीपी भी रहेगा...

Roti For Cholesterol: कोलेस्ट्रॉल आज के समय की एक बड़ी समस्या में से एक है. कोलेस्ट्रॉल या पित्तसांद्रव मोम जैसा एक पदार्थ होता है, जो यकृत से उत्पन्न होता है. कोलेस्ट्रॉल कोशिका झिल्ली का एक महत्वपूर्ण भाग है, जहां उचित मात्रा में पारगम्यता और तरलता स्थापित करने में इसकी आवश्यकता होती है. शरीर में दो तरह का कोलेस्ट्रॉल पाया जाता है. एक गुड कोलेस्ट्रॉल और एक बैड कोलेस्ट्रॉल.  कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी जानलेवा बीमारी हो सकती है. इसलिए समय पर इसकी देखभाल जरूरी है. कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में हमारी डाइट अहम भूमिका निभाती है. अगर आप शरीर के बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करना चाहते हैं तो आप मक्के के आटे से बनी रोटियों का सेवन कर सकते हैं.

मक्का पोषण से भरपूर अनाज है. मक्के में मैगनीज, पोटैशियम, जिंक, आयरन, फॉस्फोरस, कॉपर, सेलेनियम, विटामिन-ए जैसे कई सारे तत्व पाए जाते हैं. जो शरीर को कई लाभ पहुंचाने में मदद कर सकते हैं. मक्के को डाइट में कई तरह से शामिल किया जा सकता है. 

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क्या कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मददगार है मक्का- (Makka Flour Roti For Cholesterol)

मक्के में भरपूर मात्रा में मौजूद फाइबर ब्लड में कोलेस्ट्रॉल के लेवल को नियंत्रित करने में काफी मददगार हो सकता है. इसकी वजह से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ नहीं पाता. यही वजह है कि दिल से जुड़ी समस्याओं में भी मक्के का सेवन फायदेमंद माना जाता है. गेंहू के आटे की जगह आप मक्के के आटे से बनी रोटियों का सेवन कर सकते हैं. मक्के की रोटियों को स्वाद और सेहत से भरपूर माना जाता है. इस आटे से बनी रोटियों के सेवन से न सिर्फ कोलेस्ट्रॉल बल्कि हाई बीपी की समस्या को भी कंट्रोल में रख सकते हैं. इसके अलावा इससे बनी रोटियों का सेवन करने से मोटापा और कब्ज जैसी परेशानियों से भी छुटकारा मिल सकता है.

Cholesterol and Heart Disease | Strategies to prevent heart disease



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Saturday, February 24, 2024

UCC की ओर असम का पहला कदम, मुस्लिम मैरिज और डिवोर्स एक्ट को खत्म करने का लिया फैसला

असम सरकार ने समान नागरिक कानून (UCC) की ओर पहला कदम बढ़ा दिया है. हेमंता बिस्वा सरमा की सरकार ने मुस्लिम मैरिज और डिवोर्स एक्ट 1930 को खत्म करने का फैसला लिया. शुक्रवार को कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. इसके बाद अब सभी शादियां स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत की जाएंगी. सरकार के मुताबिक, बाल विवाह को रोकने के मकसद से सरकार ने ये कदम उठाया है.

हेमंता बिस्वा सरमा की कैबिनेट ने फैसला लिया है कि मुस्लिम मैरिज और डिवोर्स एक्ट के मामलों से जुड़े 94 लोगों को एकमुश्त 2 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा.

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हाईकोर्ट के रिटायर जज की अगुवाई में बनाई गई थी कमिटी
असम सरकार ने बहुविवाह रोकने के लिए कानून बनाने की तैयारी काफी पहले से कर ली थी. राज्य सरकार ने इसके लिए हाईकोर्ट के रिटायर जज वाली एक स्पेशल कमिटी बनाई थी. कमिटी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लाम में मुस्लिम पुरुषों की चार महिलाओं से शादी परंपरा अनिवार्य नहीं है. असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने इस रिपोर्ट पर कहा था कि सभी सदस्यों की सर्वसम्मत राय है कि असम राज्य के पास बहुविवाह को समाप्त करने के लिए कानून बनाने की विधायी क्षमता है. असम सरकार अनुच्छेद 254 के तहत इस पर कानून बना सकती है.

हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के लागू होने के बाद हिंदुओं, बौद्धों और सिखों के बीच बहुविवाह को समाप्त कर दिया गया, ईसाइयों के बीच ईसाई विवाह अधिनियम, 1872 द्वारा और पारसियों के बीच पारसी विवाह और तलाक अधिनियम, 1936 द्वारा बहुविवाह को समाप्त कर दिया गया. हालांकि, बहुविवाह अभी भी जारी है. 

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AIUDF नेता ने जताई थी आपत्ति
ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF)के प्रमुख मौलाना बदरुद्दीन अजमल का कहना है, "बहुविवाह केवल मुसलमानों में नहीं है बल्कि अन्य समुदाय में भी है. लिहाजा केवल चुनिंदा मुसलमानों को टारगेट करना उचित नहीं है."

2026 तक बाल विवाह पर नया कानून लाने पर विचार
इससे पहले सीएम सरमा ने फरवरी 2023 में कहा था कि हमारा रुख स्पष्ट है, असम में बाल विवाह को रुकना चाहिए. बाल विवाह के खिलाफ हम नया कानून लाने के बारे में चर्चा कर रहे हैं. 2026 तक हम बाल विवाह के खिलाफ नए कानून लाने पर विचार कर रहे हैं, जहां जेल की अवधि दो साल से बढ़ाकर 10 साल की जाएगी.

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मध्य प्रदेश के 50% सरकारी नर्सिंग कॉलेज CBI जांच में अपात्र, एक्शन के बजाय सरकार ने बदले नियम

अज़ब मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों के फर्जीवाड़े की गजब कहानियों की सीरीज़ हमने अपने दर्शकों को दिखाई है, लगातार इस मामले में सरकारी लीपापोती की परतें भी खोली. सीबीआई ने जांच के बाद लगभग 50 फीसदी कॉलेजों को अपात्र बता दिया. अब सरकार ने ऐसा दांव खेला है, जिसको सुनकर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे. देश में मध्य प्रदेश इकलौता ऐसा राज्य है जिसने इतने प्रावधान शिथिल किये हैं.

सीबीआई रिपोर्ट में सरकारी नर्सिंग कॉलेजों की सच्चाई बाहर आते ही सरकार ने आनन फानन में नर्सिंग शिक्षण संस्था मान्यता के नियमों में संशोधन करते हुए 2024 के नए नियम बना दिए हैं. इसके मुताबिक अब पहले जिस नर्सिंग कॉलेज को खोलने के लिए पहले 23000 वर्गफीट की बिल्डिंग की जरूरत होती थी, अब इस नर्सिंग कॉलेज को खोलने के लिए सिर्फ 8000 वर्ग फीट बिल्डिंग की जरूरत होगी. सरकार ने ये नियम नर्सिंग कोर्सेस को रेगुलेट करने वाली अपेक्स संस्था इंडियन नर्सिंग काउंसिल के प्रावधानों के भी विपरीत बनाये है.

भारतीय नर्सिंग काउंसिल के लिए निश्चित संख्या में फैकल्टी मेंबर्स, एक कैंटीन, एक लाइब्रेरी और कम से कम 100 बेड का एक अस्पताल होना चाहिए. इसके लिए कम से कम 23,720 वर्ग फुट जगह अनिवार्य है. लेकिन मध्य प्रदेश में सरकार ने नर्सिंग कॉलेजों के नियमों में बदलाव कर नई बहस छेड़ दी है. सरकार का ये फैसला राज्य के नर्सिंग कॉलेजों की स्थिति को लेकर NDTV की हालिया रिपोर्टों के करीब 5 महीने बाद आया है.

बीते साल अगस्त में ऐसे 19 संस्थानों की मान्यता रद्द कर दी गई, जिसके बाद राज्य ने 2020/21 में रजिस्टर्ड सभी संस्थानों की जांच के लिए सीबीआई को अधिकृत किया था. इस जांच के लेटेस्ट अपडेट के मुताबिक 670 नर्सिंग कॉलेजों में से करीब 50 प्रतिशत अयोग्य घोषित कर दिए गए. इससे मध्य प्रदेश सरकार को कार्रवाई करनी पड़ी है.

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कार्यकर्ता विशाल बघेल ने एनडीटीवी को बताया कि वह इन नियमों को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में चुनौती देने की योजना बना रहे हैं, जिसने पहले सीबीआई द्वारा जांच की गई सभी 308 संस्थानों के नाम और प्रत्येक जांच के परिणाम जारी किए थे; यानी, उनके नाम के आगे 'उपयुक्त', 'अपूर्ण', या 'अस्थिर' टैग के साथ।

इस मामले में याचिकाकर्ता विशाल बघेल का मानना है कि पिछले 2 सालों की कड़ी मशक्कत और सीबीआई जांच के बाद जो कॉलेज अपात्र पाए गए थे, वे सरकार के नए नियमों के बाद अगले सत्र में नए सिरे से फिर मान्यता पाने में अब सफल हो जाएंगे. याचिकाकर्ता ने इन नियमों को भी हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही है.

प्रदेश में हुए नर्सिंग कॉलेज मान्यता फर्जीवाड़े में हाइकोर्ट ने उन सभी 308 नर्सिंग कॉलेज की सूची भी जारी कर दी जिसकी सीबीआई ने जांच की है. उनके नाम के सामने उपयुक्त, अपूर्ण, अनुपयुक्त की श्रेणी भी बताई है. सीबीआई रिपोर्ट से यह भी साबित हो गया है कि मध्य प्रदेश में 308 नर्सिंग कॉलेज में से सिर्फ 169 नर्सिंग कॉलेज ही मानकों के अनुसार चल रहे थे.

सरकार ने हाईकोर्ट से सत्र 2024-25 की मान्यता की प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति मांगी थी. कोर्ट ने इसकी अनुमति सरकार को दी है.

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Friday, February 23, 2024

शरद पवार की पार्टी को चुनाव आयोग ने दिया नया निशान चिह्न 'तुरहा बजाता हुआ व्यक्ति'

शरद पवार (Sharad Pawar) की पार्टी 'NCP शरद चंद्र पवार' को चुनाव आयोग (Election Commission) की तरफ से नया निशान मिल गया है. नए चुनाव चिह्न में एक व्यक्ति को 'तुरहा' बजाते हुए देखा जा रहा है. 'तुरहा' एक पारंपरिक शहनाई होती है. महाराष्ट्र में इसे 'तुतारी' बोलते हैं. नया पार्टी सिंबल मिलने पर एनसीपी शरदचंद्र पवार ने कहा कि ये हमारे लिए गर्व की बात है. पार्टी लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections) में नए नाम और नए निशान के साथ उतरेगी.

NCP शरदचंद्र पवार ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि महाराष्ट्र के इतिहास में दिल्ली की गद्दी के कान खड़े करने वाले छत्रपति शिवराय का शौर्य आज 'राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी - शरद चंद्र पवार' के लिए गौरव का विषय है. 

NCP शरद चंद्र पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के आदर्श, फुले, शाहू, अम्बेडकर, छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रगतिशील विचारों के साथ, यह 'तुतारी' शरद पवार के साथ दिल्ली के सिंहासन को हिलाने के लिए एक बार फिर से बिगुल बजाने के लिए तैयार है.

चुनाव आयोग ने अजित गुट को माना रियल NCP
6 फरवरी को चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को असली NCP माना था. आयोग ने कहा था कि बहुमत के आधार पर अजित गुट ही असली NCP है. लिहाजा इस गुट को पार्टी का नाम और 'घड़ी' निशान का इस्तेमाल करने का अधिकार है.

7 फरवरी को शरद पवार गुट को मिला था नया नाम
इसके बाद चुनाव आयोग ने शरद पवार गुट को 7 फरवरी नया नाम दिया था. पार्टी अब NCP शरदचंद्र पवार के नाम से जानी जाती है. 7 फरवरी को शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग को ​पार्टी के लिए तीन नाम भेजे थे. नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (S), नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी शरदचंद्र पवार. इनमें से चुनाव आयोग ने तीसरा नाम अलॉट किया.

चुनाव चिह्न को लेकर शरद पवार गुट ने तीन सिंबल चुनाव आयोग को प्रस्तावित किए थे. इनमें बरगद का पेड़, उगता हुआ सूरज और कप-प्लेट शामिल हैं. लेकिन चुनाव आयोग ने अपनी तरफ ने नया सिंबल दिया है.

बगावत कर शिंदे सरकार में शामिल हुए थे अजित पवार
अजित पवार 2 जुलाई 2023 को NCP के 8 विधायकों के साथ महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ​में ​​​​​शामिल हो गए थे. उन्होंने अपने साथ NCP के 40 विधायकों के समर्थन का दावा किया था. गठबंधन सरकार में अजित को डिप्टी CM बनाया गया है. इसके बाद अजित ने 5 जुलाई 2023 को शरद पवार को NCP राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाने का ऐलान किया था. उन्होंने खुद को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया था. अजित का कहना था कि मुंबई में 30 जून 2023 को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला हुआ था.

NCP के नाम-निशान भी किया था दावा
अजित पवार ने चुनाव आयोग में NCP के नाम-निशान पर अपना दावा जताते हुए 30 जून को लेटर भेजा था. वहीं, शरद गुट के नेता जयंत पाटिल ने 3 जुलाई को आयोग से अजित समेत 9 मंत्रियों सहित 31 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी. 10 महीने बाद चुनाव आयोग ने 6 फरवरी को फैसला सुनाया था.

अजित पवार ने दायर की है कैविएट
महाराष्ट्र में असली NCP की लड़ाई को लेकर शरद पवार को राहत नहीं मिल पाई है. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के अजित पवार गुट को असली NCP बताने के फैसले पर रोक लगाने से इनकार किया है. हालांकि, शीर्ष अदालत ने सोमवार को कहा कि वह इस मामले में शरद पवार की याचिका का परीक्षण करने को तैयार है. अदालत ने अजित पवार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर 2 हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है. इस मामले में अब अगली सुनवाई 3 हफ्ते बाद होगी. 


 



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Thursday, February 22, 2024

कान में अंदर जमा मैल खुद बा खुद निकलने लगेगा बाहर, बस करें ये 3 काम, जानिए कानों को साफ करने के घरेलू नुस्खे

How To Remove Ear Wax Naturally: कान हमारे शरीर के सबके नाजुक अंगों में से एक होता है. इसलिए इसके साथ हमें कुछ भी ऐसा नहीं करना चाहिए, जिससे इसको नुकसान पहुंचे. इसके साथ ही कुछ भी ऐसा न करें कि आपको किसी बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ें. कान में गंदगी और खोट जमा हो जाना एक नॉर्मल बात है. इसे साफ करने के लिए अक्सर लोग ईयर बड्स, माचिस की तीली या किसी नुकीली चीज का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये सभी आपके कानों को नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए आपको कानों को साफ करने के समय बहुत सावधानी बरतनी चाहिए. 

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अगर कान में जमा खोंट बहुत ठोस हो गई है तो इसे खुद से निकलवाने की बजाय डॉक्टर के पास जाएं. बता दें कि वैसे तो ईयर वैक्स कानों को बाहर से आने वाली गंदगी से बचाने में मदद करता है. लेकिन जब ये ज्यादा मात्रा में जमा हो जाता है तो इससे साफ सुनाई देने में भी दिक्कत होने लग सकती है. इसलिए इनकी सफाई पर ध्यान रखना चाहिए. तो आइए जानते हैं कान को साफ करने के घरेलू नुस्खे. 

कान के अंदर की गंदगी साफ करने के नेचुरल उपाय | Natural Remedies To Clean The Dirt Inside The Ear

कान की खोंट को साफ करने के लिए आप तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए आप कान में बादाम या सरसों तेल की एक या दो बूंद को डालकर सिर को उसी डायरेक्शन में रखें. पांच मिनट तक ऐसे ही रहें इससे खोंट नरम हो जाएगी और कान से आराम से निकल जाएगी.

इसके अलावा आप कान की गंदगी को साफ करने के लिए गरम पानी का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. इसके लिए एक कप में गरम पानी लें ( पानी इतना गरम हो जिसे आप सहन कर सकें) इस पानी को कान में सावधानी से डालें और फिर इसे निकाल दें. इससे खोंट मुलायम हो जाएगी और आराम से निकल सकती है.

कई लोग कानों में जमा गंदगी को साफ करने के लिए हाइड्रोजन परॉक्साइड का इस्तेमाल भी करते हैं. लेकिन इसके इस्तेमाल से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें. इसके बाद ही इसका इस्तेमाल करें. 

How to Clean Your Vagina and Vulva | बेटी को सिखाएं प्राइवेट पार्ट (Private Part) की सफाई कैसे करे



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बिना चश्मे के नहीं देख पाते हैं आप तो आज से खाएं इस बीज का हलवा, तेज होगी आंखों की रोशनी, नहीं लगाने पड़ेंगे Spects

Khas Khas Powder Weak Eye: आज के समय में लोगों का ज्यादातर समय मोबाइल, टीवी या लैपटॉप स्क्रीन के सामने निकलता है. जिसकी असर सबसे ज्यादा आंखों की रोशनी पर पड़ता है और धीरे-धीरे ये कमजोर होने लग जाती हैं. आंखें हमारे शरीर के नाजुक अंगों में से एक है, इसलिए हमें इसका खास ख्याल रखना चाहिए. अगर आप भी कमजोर आंखों की वजह से चश्मा लगाने पर मजबूर होते हैं तो आप इससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो आज हम आपको बताएंगे एक ऐसा देसी नुस्खा जो आपकी कमजोर आंखों को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है. आपके किचन में मौजूद एक मसाला आपकी इसमें मदद कर सकता है.

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हम बात कर रहे हैं खस-खस की. जिसे देश के कई हिस्सों में अलग-अलग नाम से जाना जाता है. खाना बनाने से लेकर मिठाइयों और शरबत बनाने में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. खासतौर से गर्मियों के मौसम में इसका शरबत लोग खूब पीते हैं.  खस-खस शरीर के साथ ही दिमाग को भी सुकून देता है. इसके साथ ही इसमें पाए जाने वाले तत्व आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी मदद कर सकता है.

खस-खस कई तरह का होता है 

बता दें कि खस-खस कई तरह का होता है. इनमें से वाइट खस-खस, ओरिऐंटल खस-खस और ब्लू खस-खस जिसका इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है. आप इसे अपनी पसंद के हिसाब से इस्तेमाल कर सकते हैं. तो आइए जानते हैं आंखों के लिए ये कैसे फायदेमंद है.

आंखों के लिए खस-खस के फायदे 

खस-खस में जिंक और कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं. जो आपको कई तरह की बीमारियों और इंफेक्शन से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकते हैं. इसमें पाए जाने वाले तत्व आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी मदद करते हैं. खासतौर पर आंखों की मैक्यूला को हेल्दी रखता है, जिससे विजन क्लियर बना रहता है. आप खसखस को हलवे के तौर पर, शरबत के तौर पर खा सकते हैं. 

खस-खस हलवा रेसिपी

खस-खस का हलवा बनाने के लिए रात भर के लिए इसे पानी में भिगोकर रख दें. अब दिन में इसे मिक्सी में बारीक पीस लें. अब कढ़ाही घी डालें और उसमें खस-खस को तब तक भूनें जब तक इसका रंग हल्का गहरा न हो जाए. अब खस-खस में दूध और चीनी को डालकर लगातार चलाते हुए मिक्स करें. एक समय ऐसा आएगा जब हलवे से घी अलग होने लगेगा. अब इसमें कटे हुए काजू, बादाम और इलायची पाउडर को डाल दें. अब इन सभी को हलवे के साथ अच्छी तरह से मिक्स कर ले. अब लगभग 2-3 मिनट तक हलवे को अच्छी तरह से पकने दें. अब आपका खसखस का हलवा बनकर तैयार हो गया है.

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Wednesday, February 21, 2024

'हिंदुस्तानियों को पसंद है सिर्फ पाकिस्तानी ड्रामा, भारतीय शोज जहर और घटिया', क्यों सोशल मीडिया पर ट्रेंड हुए यासिर हुसैन?

पाकिस्तान के स्क्रीन राइटर, अभिनेता और निर्देशक यासिर हुसैन इन दिनों अपनी हालिया रिलीज फिल्म टैक्सली गेट का जमकर प्रमोशन कर रहे हैं. यासिर हुसैन ने Something Haute को एक इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने इंडियन टीवी इंडस्ट्री के बारे में बात की. 39 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि भारतीय धारावाहिकों में 'जहर ड्रामा' होता है. गौरतलब है कि पाकिस्तानी शोज को भारत में बहुत पसंद किया जाता है. ऐसे में उन्होंने यह टिप्पणी तब की जब उनसे पूछा गया कि पाकिस्तानी टीवी शो भारत में इतने पॉपुलर क्यों हैं.

यासिर ने कहा, "भारत में ड्रामा देखा है आपने? मतलब वो देश जिनके पास घटिया क्वालिटी का ड्रामा है वो हमारा ड्रामा जरूर देख रहे हैं. उसके अलावा कौन देख रहा है आपका ड्रामा? आपका ड्रामा सिर्फ वही लोग देख रहे हैं जिनके पास अपना ड्रामा बेहतर नहीं है. इंडिया में तो इंतेहाई ज़हर ड्रामा है. हमारा ड्रामा उनसे तो बेहतर है इसलिए वो देख रहे हैं". इतना ही नहीं, यासिर हुसैन ने पाकिस्तान टीवी इंडस्ट्री की भी आलोचना की. 

पाकिस्तानी फिल्म इंडस्ट्री के बारे में बात करते हुए यासिर ने कहा, "हमारी इंडस्ट्री कोई अच्छी इंडस्ट्री नहीं है. मैं नहीं चाहता कि मेरा बेटा इस इंडस्ट्री में आए. मेरा दिल नहीं है कि वो एक्टर बने. अपनी बात जारी रखते हुए उन्होंने आगे कहा, "ये कोई काम है? एक्टर का काम है एक अच्छी एक्टिंग करना. एक फील्ड है ना अपने क्राफ्ट को मनाना, लेकिन मसल्सल आपका बुरा काम ऑफर हो रहा है. टीवी में बुरा काम ऑफर हो रहा है. जो नाटक हिट हो रहे हैं, जिनके आप रिव्यू करती हैं, वो कहां अच्छे नाटक हैं?".

इंटरव्यू में यासिर हुसैन ने यह भी कहा कि पाकिस्तान फिल्म इंडस्ट्री भारत की तुलना में कम बजट में फिल्में बना सकता है. ऋषभ शेट्टी की कंतारा की ओर इशारा करते हुए यासिर ने कहा, ''कंतारा 13 करोड़ रुपए के बजट के साथ बनाई गई थी. पाकिस्तान में हम बहुत कम बजट में उसी तरह की फिल्म बना सकते हैं. क्योंकि यहां चीजें सस्ती हैं. हमारे देश में फोटोग्राफी के निदेशक मोटी फीस नहीं लेते हैं और पाकिस्तान में अभिनेताओं के साथ भी ऐसा ही है".


 



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Rakul-Jackky Wedding: गर्मजोशी के साथ मेहमानों और पैपराजी का स्वागत करते दिखे वाशु भगनानी और दीपशिखा देशमुख

कल यानी 21 फरवरी को रकुल प्रीत सिंह (Rakul Preet Singh) और जैकी भगनानी (Jackky Bhagnani) शादी के बंधन में बंध जाएंगे. गोवा में दोनों अपनी डेस्टिनेशन वेडिंग कर रहे हैं, जहां शादी के फंक्शंस शुरू हो चुके हैं. वहीं रकुल और जैकी की शादी में शामिल होने के लिए बी-टाउन सेलेब्स शरीक होने के लिए गोवा पहुंच रहे हैं. आयुष्मान खुराना, ताहिरा कश्यप, शिल्पा शेट्टी, राज कुंद्रा को एयरपोर्ट पर स्पॉट किया गया. कुछ स्टार्स मुंबई में नजर आए तो कुछ को गोवा में देखा गया.

संगीत नाइट में ये है थीम 

अर्जुन कपूर, लव रंजन, वरुण धवन अपनी पत्नी नताशा दलाल के साथ सोमवार को ही एयरपोर्ट पहुंच गए थे. बता दें कि आज रकुल प्रीत सिंह और जैकी भगनानी की संगीत सेरेमनी है. फंक्शन रात को 8 बजे से शुरू हो चुके हैं. शाम की थीम बॉलीवुड होगी, जिसमें शामिल होने वाले मेहमान शिमरी कपड़ों में नजर आएंगे. रिपोर्ट्स के मुतबिक, शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा दूल्हा-दुल्हन के लिए एक खास परफॉरमेंस देंगे. बता दें कि शिल्पा और राज, जैकी और उनके परिवार के बेहद करीब हैं.

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इन सबके बीच जैकी के पिता वाशु भगनानी और उनकी बहन दीपशिखा देशमुख को पैपराजी के सामने पोज करते हुए देखा गया. दोनों साथ में मेहमानों और पैपराजी का गर्मजोशी के साथ स्वागत करते दिखे. दोनों येलो कलर के एथनिक कपड़ों में स्पॉट हुए. दीपशिखा ने जहां रेड बॉर्डर वाला शिमरी येलो लहंगा पहना था और लुक को कैजुअल बनाने के लिए आंखों पर काला चश्मा लगाया था. वहीं वाशु भगनानी येलो कुर्ते, सफेद पैंट और येलो दुपट्टे में नजर आए.



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'चलेगा काफिला यार का' में नजर आएंगे अभिनेता गौतम यादव, दिल जीत लेगा दोस्ती के अमूल्य बंधन का ये जश्न

चित्रमय प्रस्तुतियों के लिए प्रसिद्ध अभिनेता गौतम यादव अब संगीत के क्षेत्र में एक नयी कला के साथ सफर करने के लिए तैयार हैं. गौतम यादव, जिन्हें दिल्ली और हरियाणा में की गई समाज सेवा में उनकी अद्वितीय भूमिकाओं के लिए जाना जाता है, उनके आने वाले गाने 'चलेगा काफिला यार का' में अपनी प्रतिभा को उजागर करने का मौका मिलेगा, जो दोस्ती की अमूल्य बंधन का जश्न मनाता है.

अपने पिछले योगदानों के बाद खासकर हरजीत दीवाना द्वारा गाने 'हैप्पी बर्थडे जान मेरी' के लिए प्रशंसा प्राप्त करने के बाद गौतम यादव इस संगीत के कार्यक्रम को लेकर एक नए चुनौती का सामना करने को तैयार हैं. फेम्सरूट प्रोडक्शन द्वारा निर्मित, यह गाना प्रस्तुतियों के बीच पहले ही उत्साह और उत्सुकता का संचार कर रहा है, जो यादव की गायन क्षमताओं को सुनने के लिए तत्पर हैं.

उनके विशेष होने और उनके कला के प्रति उत्साह के साथ गौतम यादव की आशा की जाती है कि 'चलेगा काफिला यार का' गाना दर्शकों के दिलों में छू जाएगा, जो दोस्ती और साथीपन के महत्व को साधारित करेगा.



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PM मोदी ने तीन IIM परिसरों का किया उद्घाटन, तीन IIT के स्थायी परिसरों की रखी नींव 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार को जम्मू, बोधगया और विशाखापत्तनम में तीन भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) के परिसरों का उद्घाटन किया तथा तीन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी), 20 केंद्रीय विद्यालयों और 13 नवोदय विद्यालयों के लिए स्थायी परिसरों सहित 13,375 करोड़ रुपये की कई परियोजनाओं की आधारशिला रखी. प्रधानमंत्री ने जम्मू के मौलाना आजाद स्टेडियम में एक सार्वजनिक समारोह में परिसरों और भवनों का लोकार्पण, उद्घाटन एवं शिलान्यास किया.

उन्होंने इस अवसर पर कहा, 'इतने बड़े पैमाने पर शिक्षा और कौशल विकास क्षेत्रों में उन्नति 10 साल पहले दूर की कौड़ी थी. लेकिन यह नया भारत है... आज की सरकार वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों की आधुनिक शिक्षा के लिए अधिकतम खर्च करती है.'

रिकॉर्ड संख्‍या में बने हैं स्‍कूल, कॉलेज और विश्‍वविद्यालय : PM मोदी 

मोदी ने कहा, 'पिछले 10 वर्षों में, देश में रिकॉर्ड संख्या में स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय बने हैं जिनमें जम्मू-कश्मीर में 50 नए डिग्री कॉलेज भी शामिल हैं. लगभग 45,000 बच्चे, जो स्कूल नहीं जाते थे, उन्हें अब स्कूलों में दाखिला मिला है और छात्राओं को शिक्षा के लिए दूर जाने की जरूरत नहीं है.''

राष्ट्र को समर्पित परियोजनाओं में आईआईटी-भिलाई, आईआईटी-तिरुपति, आईआईटी-जम्मू, आईआईआईटीडीएम-कांचीपुरम, भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस)- कानपुर के लिए स्थायी परिसर और उत्तराखंड के देवप्रयाग तथा त्रिपुरा के अगरतला में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के लिए दो परिसर शामिल हैं.

मोदी ने देश भर में केंद्रीय विद्यालयों (केवी) के लिए 20 नए भवनों और 13 नए नवोदय विद्यालय (एनवी) भवनों का भी उद्घाटन किया. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ओडिशा की संबलपुर गौशाला में पीएम-एसएचआरआई जवाहर नवोदय विद्यालय से इस कार्यक्रम में डिजिटल रूप से भाग लिया.

बिहार के लिए, प्रधानमंत्री ने 466 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से निर्मित आईआईटी-पटना के 24 नए शैक्षणिक और आवासीय भवनों का उद्घाटन किया. इनमें एक केंद्रीय पुस्तकालय, एक सभागार, एक केंद्रीय व्याख्यान कक्ष और शैक्षणिक भवन, एक छात्र गतिविधि केंद्र, छात्रावास और शिक्षकों एवं कर्मचारियों के लिए आवासीय क्वार्टर शामिल हैं.

मोदी ने 25 जुलाई 2015 को आईआईटी-पटना परिसर का उद्घाटन किया था.

वर्ष 2015 में स्थापित संस्थान एक अस्थायी परिसर से कार्य कर रहा था.

पूर्ण विकसित नया परिसर 400 करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित लागत से 60,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में तैयार किया गया है.

PM ने IIT-भिलाई के नवनिर्मित भवन का किया उद्घाटन

प्रधानमंत्री ने आईआईटी-भिलाई और छत्तीसगढ़ में दो नवनिर्मित केवी भवनों का भी उद्घाटन किया. परिसर में उद्घाटन समारोह में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साई, दुर्ग से सांसद विजय बघेल, आईआईटी-भिलाई के संचालन मंडल के अध्यक्ष के. वेंकटरमण और संस्थान के निदेशक प्रोफेसर राजीव प्रकाश उपस्थित थे.

प्रधानमंत्री ने आईआईटी-दिल्ली में अकादमिक कॉम्प्लेक्स ईस्ट और अकादमिक कॉम्प्लेक्स वेस्ट का भी उद्घाटन किया. केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी राष्ट्रीय राजधानी में इस कार्यक्रम में शामिल हुईं. 

दोनों बहुमंजिला परिसरों को 260 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है.

मोदी ने कहा, 'आईआईएम-जम्मू जैसे प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना एक परिवर्तनकारी दृष्टिकोण का उदाहरण है, जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को घर के करीब लाती है और जम्मू-कश्मीर के युवाओं को राष्ट्रीय स्तर पर सशक्त बनाती है.'

प्रधानमंत्री ने आईआईटी बंबई अनुसंधान पार्क भवन का भी उद्घाटन किया और प्रमुख संस्थान के शैक्षणिक और आवासीय भवनों की आधारशिला भी रखी.

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Tuesday, February 20, 2024

चंडीगढ़ में भारी बारिश के बीच गिरे ओले, दिल्ली में फिर बदलेगा मौसम का मिज़ाज; IMD का लेटेस्ट अपडेट

उत्तर भारत समेत देश के कई राज्यों में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (Western Disturbance) के एक्टिव होने की वजह से बारिश का दौर शुरू होने जा रहा है. मौसम विज्ञान विभाग (IMD Forecast) ने देश के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश का रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इसके साथ ही कई राज्यों में ओलावृष्टि और आंधी का अनुमान भी जताया गया है. चंडीगढ़ में वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से एक बार फिर से मौसम (Weather Update) बदल गया है. सोमवार शाम को चंडीगढ़ में तेज बारिश हुई और ओले भी गिरे. इसका असर चंडीगढ़ और आसपास के इलाकों में 22 फरवरी तक रहेगा. वहीं, दिल्ली में भी मंगलवार को बारिश (Rainfall)की संभावना जताई गई है. यूपी के कुछ हिस्सों में भी गरज के साथ बारिश होने का अनुमान है.

आइए जानते हैं अगले तीन दिन आपके शहर में कैसा रहेगा मौसम:-

चंडीगढ़ में बारिश के साथ गिरे ओले
मौसम विभाग के मुताबिक, चंडीगढ़ में मंगलवार को 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं. 21 फरवरी को 30 से 40 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं. इससे शहर के तापमान में गिरावट देखी जाएगी. 
शहर के मौसम में यह बदलाव वेस्टर्न डिस्टरबेंस के सक्रिय होने की वजह से आया है. इसका असर चंडीगढ़ और आसपास के इलाकों में 22 फरवरी तक रहेगा. इसके बाद यह डिस्टरबेंस निष्क्रिय हो जाएगा.

बर्फबारी बनी मुसीबत...जम्मू-कश्मीर के 8 जिलों में हिमस्खलन की चेतावनी जारी

हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी
हिमाचल प्रदेश की अधिक ऊंची चोटियों पर बीती रात से ही बर्फबारी हो रही है. अटल टनल और जलोड़ी दर्रा के लिए वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है. कुल्लू और लाहौल स्पीति के ऊंचे क्षेत्रों में हल्का हिमपात जारी है, जबकि शिमला सहित प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में सुबह से ही मौसम खराब बना हुआ है. ताजा हिमपात होने के बाद पर्यटकों के लिए अटल टनल रोहतांग को बंद कर दिया गया है.

मौसम विभाग (IMD) ने मंगलवार और बुधवार के लिए भारी बर्फबारी का रेड अलर्ट जारी किया है. इस विंटर सीजन में पहली बार रेड अलर्ट दिया गया है. यह अलर्ट 7 जिलों के लिए जारी किया गया है. IMD के अनुसार, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, शिमला, किन्नौर, लाहौल स्पीति और मंडी के कुछ स्थानों पर भारी हिमपात हो सकता है. इस दौरान सोलन और सिरमौर के ऊंचे क्षेत्रों में भी हल्की बर्फबारी हो सकती है.

दिल्ली में भी फिर बदलेगा मौसम का मिजाज
राजधानी दिल्ली में भी मौसम का मिजाज बदलने वाला है. दिल्ली में तीन दिन तक हल्की बारिश की संभावना है. बुधवार तक मौसम भीगा-भीगा रहने का पूर्वानुमान जताया गया है. इस दौरान 30 से 40 किलोमीटर की स्पीड से हवाएं चलेंगी. मंगलवार 20 फरवरी को दिल्ली-एनसीआर में बादल छाए रहने और बारिश के आसार हैं. अगले 24 घंटे तक अधिकतम तापमान में भी गिरावट आ सकती है. 

21 फरवरी को भी बादल छाए रहेंगे और कुछ जगहों पर बारिश हो सकती है. न्यूनतम और अधिकतम तापमान में भी गिरावट आएगी. 22 फरवरी को आसमान में आंशिक बादल छाए रहने की संभावना है. 23 फरवरी को आसमान काफी साफ रहेगा. हालांकि, ठंडी हवाएं चलने का अनुमान है. 24 फरवरी को फिर से बादलों की लुकाछिपी शुरू हो जाएगी.

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यूपी के 24 जिलों में बारिश का यलो अलर्ट
यूपी के मौसम में सोमवार से बदलाव आया. मौसम विभाग ने सोमवार को प्रदेश के 24 शहरों में बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है. इन शहरों में ज्यादातर जिले पश्चिम यूपी के हैं. कुछ जगह बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हो सकती है. मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले 4 दिन यानी 23 फरवरी तक कमोबेश मौसम ऐसा ही रहेगा. 1.5 मिमी की तुलना में औसत दोगुनी बारिश होने का अनुमान है. इसके अलावा, 30-40 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं भी चल सकती हैं.


राजस्थान में मौसम विभाग का नया अपडेट
राजस्थान में पश्चिमी विक्षोभ का असर शुरू हो गया है. मौसम विभाग ने इसका अलर्ट जारी कर दिया है. सोमवार को कई जिलों में 30 से 40 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से धूल भरी आंधी चली और हल्की बूंदाबांदी हुई. इससे शाम को तापमान में हल्की गिरावट दर्ज की गई.

मौसम केंद्र जयपुर के अनुसार मंगलवार को अलवर, भरतपुर, दौसा और धौलपुर में ओलावृष्टि की संभावना है. 21 फरवरी को राज्य के अधिकांश भागों में मौसम शुष्क रहने और भरतपुर संभाग में हल्की बारिश की संभावना है. इसके बाद चार दिन मौसम शुष्क रहेगा. 

जम्मू-कश्मीर में फिर से बर्फबारी का दौर
जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर से मौसम का मिजाज बदल गया है. मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे में घाटी में बारिश जारी रहने की संभावना जताई है. IMD के अनुसार, बारामूला जिले में गुलमर्ग स्कीइंग रिसॉर्ट में पिछले 24 घंटों में लगभग 1.5 फुट बर्फबारी हुई है. गुलमर्ग में तापमान शून्य से 2.9 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. मौसम विभाग ने बुधवार दोपहर तक पूरे जम्मू-कश्मीर में बारिश की चेतावनी भी दी है.
 

दिल्ली समेत उत्तर भारत में फिर लौट आई ठंड! कितने दिनों बाद मौसम होगा ठीक? जान लें पूरी डिटेल



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Monday, February 19, 2024

"मुझे बताया गया कि उन्हें परेशान किया गया": संदेशखाली पीड़ितों पर बंगाल के राज्यपाल

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि "कई महिलाएं" उनसे मिलीं और उन्हें बताया कि संदेशखाली में उन्हें परेशान किया गया और धमकाया गया. बता दें कि संदेशखाली में हाल ही में तृणमूल नेता शाजहान शेख और उनके सहयोगियों द्वारा उनके खिलाफ किए गए कथित अत्याचारों के खिलाफ आंदोलन को लेकर सुर्खियां बटोरीं.

बोस ने आज शाम एनडीटीवी को बताया, "बड़ी संख्या में महिलाएं मुझसे मिलीं और अपनी शिकायत बताई. उन्होंने कहा कि उनके साथ छेड़छाड़ की गई, उन्हें परेशान किया गया और धमकाया गया, उनके पतियों को पीटा गया."

उन्होंने कहा कि उन्हें लिखित शिकायतें मिलीं जिन्हें उन्होंने राज्य सरकार को "उनकी जानकारी और आवश्यक कार्रवाई के लिए" भेज दिया.

उन्होंने कहा, "मैं बिल्कुल स्पष्ट हूं कि सरकार को न्याय करना होगा. सरकार से यही अपेक्षा की जाती है, न इससे ज्यादा, न इससे कम." राज्यपाल ने यह भी कहा कि उन्हें मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कार्रवाई की उम्मीद है.

उन्होंने यह भी कहा कि राजभवन के दरवाजे संकटग्रस्त संदेशखाली की उन महिलाओं के लिए खुले हैं जो अपने घरों में असुरक्षित महसूस करती हैं.

बोस ने कहा, "जो लोग अब भी वहां असुरक्षित महसूस करते हैं, वे मुझसे संपर्क कर सकते हैं. मैं संदेशखाली की महिलाओं का राजभवन में स्वागत करता हूं. हम निश्चित रूप से उन्हें सुरक्षा सहित हर चीज मुहैया कराएंगे."

उन्होंने सरकार को जो रिपोर्ट भेजी है, उसमें उन्होंने इन बिंदुओं का भी जिक्र किया है: "मुख्य दोषियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए, एक विशेष जांच दल का गठन किया जाए, न्यायिक जांच पर विचार किया जाए, अनुग्रह राशि सुनिश्चित की जाए औरअगर जरूरत हो तो दोषी पुलिस अधिकारियों को स्थानांतरित किया जाए."

संदेशखाली में फरवरी के पहले सप्ताह से ही महिलाओं पर यौन अत्याचार और जमीन हड़पने के आरोपों को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इस मामले ने पहली बार तब सुर्खियां बटोरीं जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर भीड़ ने हमला कर दिया जब वे कथित राशन वितरण घोटाले की जांच के सिलसिले में 5 जनवरी को शेख के परिसर की तलाशी लेने गए थे.

पुलिस ने इस मामले के प्रमुख आरोपियों में से एक शिबू प्रसाद हाजरा को कल गिरफ्तार कर लिया. पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले की एक अदालत ने आज उन्हें आठ दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया.

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मायावती के लिए 'खुले' हैं INDIA के दरवाजे, शामिल होना उन पर निर्भर : कांग्रेस

कांग्रेस (Congress) के उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने रविवार को कहा कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के लिए विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के दरवाजे खुले हैं और अब मायावती (Mayawati) को तय करना है कि वह आगामी लोकसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना चाहती हैं या अकेले अपने दम पर. कांग्रेस महासचिव ने कहा कि विपक्षी ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस'(इंडिया) खुले दिल से चाहता है कि बसपा भी इस गठबंधन का हिस्सा बने, लेकिन मायावती पहले ही घोषणा कर चुकी हैं कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी.

राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माने जाने वाले राज्य उत्तर प्रदेश में 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के दौरान पांडे ने ‘पीटीआई-भाषा'के साथ साक्षात्कार में कहा कि कांग्रेस 'पूरे दिल से' समाजवादी पार्टी का समर्थन कर रही है. उन्होंने विश्वास जताया कि लोकसभा चुनावों के लिए राज्य में सीट-बंटवारे पर जल्द ही गतिरोध को दूर कर समझौते को अंतिम रूप दे दिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस-सपा गठबंधन उत्तर प्रदेश में उन छोटे दलों के साथ भी बातचीत कर रहा है, जो लोकसभा चुनाव में भाजपा से मुकाबला करने के लिए विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' में शामिल होंगे. उन्होंने जोर देकर कहा कि इस महीने के अंत तक सभी मुद्दों को सुलझा लिया जाएगा.

पांडे ने कहा, ‘‘उनमें (छोटे दलों) से कुछ बिना शर्त शामिल हो रहे हैं और कुछ दलों को कुछ अधिक उम्मीदें हैं, इसलिए (उत्तर प्रदेश में सीट-बंटवारे को अंतिम रूप देने में) थोड़ा समय लग रहा है, लेकिन इस महीने के अंत तक सभी मुद्दों को सुलझा लिया जाएगा.''

अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा के साथ सीट बंटवारे के बारे में पांडे ने कहा कि काफी हद तक सकारात्मक बातचीत जारी है.

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘जब आप किसी गठबंधन का हिस्सा बनते हैं तो आपको बातचीत करनी होती है और तर्कसंगत तरीके से तय करना होता है कि सबसे अच्छा उम्मीदवार कौन होगा, जो भाजपा को उचित टक्कर दे पाएगा. इसलिए हम इसका विश्लेषण कर रहे हैं और मुझे पूरी उम्मीद है कि जल्द ही सीट बंटवारे के ‘फॉर्मूले' को अंतिम रूप दे दिया जाएगा.''

RLD के गठबंधन से बाहर निकलने को बताया दुर्भाग्‍यपूर्ण 

जयंत चौधरी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' से बाहर निकलने को ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण' करार देते हुए कांग्रेस महासचिव ने विश्वास जताया कि इस महीने के अंत में यात्रा पश्चिमी उत्तर प्रदेश से भी गुजरेगी, जहां विपक्षी गठबंधन लोगों का समर्थन जुटाने की कोशिश करेगा.

रालोद के गठबंधन से बाहर होने के बाद सीट बंटवारे पर फिर से बातचीत की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए पांडे ने कहा, ‘‘अब तक हमने जो भी चर्चा की थी, उसमें निश्चित रूप से बदलाव करने होंगे और पूरी प्रक्रिया को फिर से व्यवस्थित करना होगा. इसलिए इसमें कुछ समय लग रहा है, लेकिन बहुत जल्द हम संयुक्त रूप से उम्मीदवारों की सूची जारी करेंगे.''

यह पूछे जाने पर कि क्या बसपा भविष्य में गठबंधन का हिस्सा बन सकती है, पांडे ने कहा, ‘‘विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' पूरे दिल से चाहता है कि बसपा इस गठबंधन का हिस्सा बने, लेकिन जैसा कि आप जानते हैं कि मायावती जी पहले ही घोषणा कर चुकी हैं कि वह अकेले चुनाव लड़ेंगी.''

उन्होंने कहा, ‘‘गठबंधन में शामिल होना उन पर निर्भर है लेकिन विपक्षी गुट 'इंडिया' के दरवाजे मायावती जी के लिए हमेशा खुले हैं. अगर वह चाहें तो भाजपा से लड़ने के लिए गठबंधन में शामिल हो सकती हैं.''

प्रियंका गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने पर क्‍या बोले?

सोनिया गांधी के इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा पर उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी अब भी पार्टी का स्तंभ हैं और उनकी घोषणा से कुछ भी नहीं बदला है.

पांडे ने कहा, ‘‘जैसा कि आपने उनका (सोनिया गांधी का) पत्र पढ़ा होगा, जिसमें उन्होंने बहुत स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि वह उत्तर प्रदेश, रायबरेली और अमेठी का हिस्सा हैं और वह परिवार के मुखिया के रूप में समर्थन करना जारी रखेंगी. वह रायबरेली को अपना घर मानती हैं और लोगों को उसी तरह का मार्गदर्शन देना जारी रखेंगी.''

उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता चाहते हैं कि गांधी परिवार का कोई सदस्य अमेठी और रायबरेली से चुनाव लड़े.

प्रियंका गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर पांडे ने कहा, ‘‘उनका (प्रियंका) स्वागत है और हर कोई यही चाह रहा है, लेकिन फैसला (रायबरेली और अमेठी से चुनाव लड़ने का) प्रियंका जी और राहुल जी को लेना है.''

उन्होंने कहा कि प्रियंका और राहुल को उत्तर प्रदेश के लोगों की भावनाओं, लगाव और अपेक्षाओं पर विचार करना होगा.

पांडे ने कहा, ‘‘हर कोई चाहता है कि दोनों सीट पर गांधी परिवार चुनाव लड़े और हमें विश्वास है कि वे उचित निर्णय लेंगे.''

अखिलेश यादव ने UP में यात्रा का स्‍वागत किया है : पांडे 

उन्होंने कहा कि ‘इंडिया' गठबंधन के घटकों ने ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा' में शामिल होने की इच्छा जताई है और अपनी सुविधा के अनुसार उत्तर प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर यात्रा में शामिल होने के लिए अपनी सहमति दी है.

पांडे ने कहा,‘‘अखिलेश जी ने सार्वजनिक और व्यक्तिगत बातचीत में भी उत्तर प्रदेश में यात्रा का स्वागत किया है और संभवत: अमेठी-रायबरेली से गुजरने के दौरान वह भी इसमें शामिल होंगे.''

यादव ने पहले सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर जारी पोस्ट में कांग्रेस को 11 सीट देने की बात की थी. इस बारे में कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘अभी तक कोई संख्या तय नहीं हुई है. हम पूरे दिल से सपा और अखिलेश जी का समर्थन कर रहे हैं.... कांग्रेस को लगता है कि मजबूती से कई सीट पर लड़कर अच्छा प्रदर्शन कर सकती है. बस कुछ भ्रम हैं जो दूर हो जाएंगे.''

भाजपा की हार सुनिश्चित करेंगे : पांडे 

पांडे ने कहा, ‘‘चाहे वह कांग्रेस का उम्मीदवार हो या समाजवादी या कोई भी जो ‘इंडिया' गठबंधन की ओर से चुनाव लड़ रहा हो, हम उस उम्मीदवार का पूरे दिल से समर्थन करेंगे और भाजपा की हार सुनिश्चित करेंगे.'

कांग्रेस की चुनावी तैयारियों के बारे में उन्होंने कहा कि पार्टी राज्य में पांच स्तरीय संगठन के साथ पूरी तरह तैयार है.

पांडे ने कहा, ‘‘एक बात बिल्कुल स्पष्ट है कि न सिर्फ उत्तर प्रदेश में बल्कि जहां-जहां से भी यह यात्रा गुजरी है, वहां के लोगों का मूड और भावनाएं बदल रही हैं और वे देश के लोकतंत्र और संविधान को बचाना चाहते हैं.''

यात्रा देश की राजनीतिक स्थिति बदल देगी : पांडे 

उन्होंने कहा, ‘‘ निश्चित रूप से उत्तर प्रदेश में हमें काफी प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है और समाज के हर कोने से लोग इस यात्रा में शामिल हो रहे हैं. यह यात्रा न केवल राज्य बल्कि पूरे देश की राजनीतिक स्थिति बदल देगी.''

उन्होंने कहा, ‘‘लोग उन मुद्दों पर सोचने के लिए मजबूर हैं जिनके लिए राहुल लड़ रहे हैं.''

पांडे ने कहा कि इस यात्रा से न केवल कार्यकर्ताओं बल्कि आम लोगों का भी मनोबल बढ़ा है जिनके लिए यह यात्रा निकाली जा रही है.



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Sunday, February 18, 2024

रविवार को किसान और केंद्र सरकार के बीच चौथे दौर की बैठक, 'MSP को कानूनी गारंटी' की मांग पर अड़े

केंद्रीय मंत्रियों के साथ अहम बैठक से एक दिन पहले किसान नेताओं ने केन्द्र सरकार से शनिवार को मांग की कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने के लिए अध्यादेश लेकर आए. इसके अलावा भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) ने किसानों की मांग के समर्थन में शनिवार को हरियाणा में ट्रैक्टर मार्च निकाला जबकि भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) ने पंजाब में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीन वरिष्ठ नेताओं के आवासों के बाहर धरना दिया.

आठ, 12 और 15 फरवरी को हुई बातचीत बेनतीजा
किसान नेताओं और केन्द्रीय मंत्रियों के बीच रविवार को चौथे दौर की वार्ता होनी है. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित किसान संघों की विभिन्न मांगों पर जारी बातचीत में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. दोनों पक्षों के बीच इससे पहले आठ, 12 और 15 फरवरी को हुई बातचीत बेनतीजा रही थी.

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किसान एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा कृषकों के कल्याण के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए पेंशन तथा कर्ज माफी, लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘‘न्याय'', भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की भी मांग कर रहे हैं.

पंजाब-हरियाणा सीमा के शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर डटे हैं किसान

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा द्वारा आहूत 'दिल्ली चलो' मार्च के पांचवें दिन किसान पंजाब-हरियाणा सीमा के शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर डटे रहे. किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने केन्द्र सरकार से शनिवार को मांग की कि वह एमएसपी को कानूनी गारंटी देने के लिए अध्यादेश लाए. पंधेर ने कहा कि केन्द्र के पास ‘‘राजनीतिक'' निर्णय लेने का अधिकार है. उन्होंने कहा, ‘‘ अगर केन्द्र सरकार चाहे तो वह रातोंरात अध्यादेश ला सकती है. अगर सरकार किसानों के आंदोलन का कोई समाधान चाहती है तो उसे यह अध्यादेश लाना चाहिए कि वह एमएसपी पर कानून लागू करेगी, तब बातचीत आगे बढ़ सकती है.''

पंधेर ने शंभू बॉर्डर पर संवाददाताओं से कहा कि जहां तक तौर तरीकों की बात है तो कोई भी अध्यादेश छह माह तक वैध होता है. उन्होंने कहा कि जहां तक स्वामीनाथन आयोग की अनुशंसा के अनुरूप ‘‘सी2 प्लस 50 प्रतिशत'' की मांग है, तो सरकार ‘‘ए2 प्लस एफएल'' फॉर्मूले के अनुसार कीमत दे रही है और ‘‘उसी फॉर्मूले के तहत अध्यादेश लाया जा सकता है.''

पंधेर ने कृषि ऋण माफी के मुद्दे पर कहा कि सरकार कह रही है कि ऋण राशि का आकलन करना होगा. उन्होंने कहा, ‘‘सरकार इस संबंध में बैंकों से आंकड़े एकत्र कर सकती है. यह इच्छाशक्ति की बात है.''

पंधेर ने कहा, ‘‘ वे (केन्द्र) कह रहे हैं कि इस पर राज्यों से चर्चा करनी होगी. आप राज्यों को छोड़िए. आप केवल केन्द्र और राष्ट्रीकृत बैकों की बात करिए और इस पर निर्णय कीजिए कि किसानों के कर्ज कैसे माफ करने हैं.''

उन्होंने कहा कि किसानों की अन्य मांगें भी अहम हैं. किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने भी कहा कि सरकार को ‘‘देश के लोगों को कुछ देने'' के लिए एक अध्यादेश लाना चाहिए.

डल्लेवाल पंधेर के साथ मिलकर किसानों के ‘दिल्ली चलो' मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं. डल्लेवाल ने कहा, ‘‘सरकार को इस इरादे से अध्यादेश लाना चाहिए कि यह तत्काल प्रभाव से लागू हो और छह महीने के भीतर इसे कानून में तब्दील किया जा सकता है और इसमें कोई समस्या नहीं है.''

उन दावों के बारे में पूछे जाने पर कि सभी 23 फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने के लिए भारी धनराशि की आवश्यकता होगी, डल्लेवाल ने कहा कि एक अध्ययन में सामने आया है कि इसके लिए 2.50 लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता है. डल्लेवाल ने दावा किया कि एक अन्य अध्ययन में कहा गया है कि केवल 36,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता है.

उन्होंने कहा,‘‘ अगर सरकार उत्पादकों और उपभोक्ताओं को गंभीर से ले और कॉर्पोरेट पर कम ध्यान दे तो समस्या का हल निकल आएगा.'' डल्लेवाला ने कहा कि कृषि क्षेत्र 50 प्रतिशत रोजगार पैदा कर रहा है. उन्होंने कहा,‘‘ सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कृषि क्षेत्र की 20 फीसदी हिस्सेदारी है और अगर कृषि क्षेत्र की जीडीपी में 20 फीसदी हिस्सेदारी है तो सरकार के लिए 2.50 लाख करोड़ रुपये देना क्यों मुश्किल है?''

उन्होंने कहा कि सरकार अन्य देशों से दालें मंगाती है और अगर सरकार दाल जैसी फसलों पर एमएसपी की गारंटी देती है तो किसान उसका उत्पादन यहीं कर सकते हैं.

पंजाब के किसानों ने मंगलवार को दिल्ली के लिए मार्च शुरू किया था, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें हरियाणा के साथ पंजाब की सीमा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर रोक दिया. तब से प्रदर्शनकारी इन दो सीमा बिंदुओं पर डटे हुए हैं.

हरियाणा में गुरनाम सिंह चढ़ूनी के नेतृत्व वाले गुट ने प्रदर्शनकारी किसानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए कुरुक्षेत्र, यमुनानगर और सिरसा सहित कई स्थानों पर ट्रैक्टर मार्च निकाला.

कुरुक्षेत्र में, गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने पिहोवा में ट्रैक्टर मार्च का नेतृत्व किया. इसकी शुरुआत अनाज मंडी से हुई और कस्बे में मार्च निकाला गया. इस ट्रैक्टर मार्च में 150 से अधिक ट्रैक्टर शामिल हुए और प्रदर्शनकारी किसानों ने सरकार के खिलाफ तथा किसानों की एकता के पक्ष में नारे लगाए.

चढ़ूनी ने बाद में मीडिया से कहा कि वे पंजाब के आंदोलनकारी किसानों द्वारा उठाई गई मांगों का पूर्ण रूप से समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों का समर्थन करने के लिए अपनी आगे की कार्रवाई की रूपरेखा तैयार करने के लिए रविवार को कुरुक्षेत्र में कृषि संगठनों, श्रमिकों और सरपंच संघों की एक 'महापंचायत' आयोजित की जाएगी.

चढ़ूनी ने दावा किया कि ट्रैक्टर मार्च हरियाणा के लगभग सभी तहसील मुख्यालयों पर आयोजित किए गए. पंजाब में भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) ने पटियाला में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, अबोहर में भाजपा की पंजाब इकाई के प्रमुख सुनील जाखड़ और बरनाला में पार्टी के वरिष्ठ नेता केवल सिंह ढिल्लों के आवास के बाहर धरना दिया.

बीकेयू (एकता उगराहां) रविवार को भी अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेगा. बीकेयू (एकता उगराहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने कहा कि अगली कार्रवाई पर फैसला करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक शनिवार शाम को होगी.

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भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में घोषणा की कि किसान अपनी मांगों को लेकर 21 फरवरी को उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड में धरना देंगे.

टिकैत ने यह भी बताया कि शनिवार को यहां सिसौली में हुई पंचायत ने एक प्रस्ताव पारित किया है जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा से सरकार द्वारा किसानों की मांगें नहीं माने जाने पर 26 और 27 फरवरी को दिल्ली तक ट्रैक्टर मार्च निकालने को कहा गया है.

तमिलनाडु में, तंजावुर रेलवे स्टेशन पर विभिन्न किसान संघों के लगभग 100 किसानों को शनिवार को उस समय गिरफ्तार कर लिया गया, जब उन्होंने 'रेल रोको' के तहत चोलन एक्सप्रेस के सामने प्रदर्शन करने की कोशिश की. पंजाब के विभिन्न हिस्सों से करीब 200 महिलाएं भी शंभू बॉर्डर पर पहुंचीं. प्रदर्शनकारियों और हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों के बीच शनिवार को किसी प्रकार के टकराव की कोई खबर नहीं आई. किसान नेताओं ने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने को कहा है.



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Saturday, February 17, 2024

संदेशखाली जा रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोका, अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी पर साधा निशाना

कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रमुख अधीर रंजन चौधरी को पुलिस ने शुक्रवार को निषेधाज्ञा का हवाला देते हुए संदेशखालि जाने से रोक दिया. संदेशखालि में ग्रामीण कई दिनों से पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पार्टी के नेताओं द्वारा कथित तौर पर उत्पीड़न किए जाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.

 अधीर रंजन चौधरी के नेतृत्व में कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल को उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखालि जाते समय पुलिस ने पहले सरबेरिया में और दोबारा रामपुर गांव में रोका. पुलिस ने भारतीय दंड प्रक्रिया की धारा 144 के तहत लागू निषेधाज्ञा का हवाला देते हुए कांग्रेस के दल को संदेशखालि जाने की अनुमति नहीं दी.

अधीर रंजन ने ममता बनर्जी नीत पश्चिम बंगाल सरकार की निंदा की और आरोप लगाया कि सरकार मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है. कांग्रेस नेता ने राजनीतिक पार्टियों को रोकने को लेकर सरकार के तर्क पर भी सवाल उठाया. उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्यों विपक्षी पार्टियों को संदेशखालि में प्रवेश से रोका जा रहा है? राज्य सरकार क्या छिपाने की कोशिश कर रही है? क्यों वे मामले का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं? ''

रामपुर गांव में रोके जाने के बाद चौधरी और कांग्रेस कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए जिसकी वजह से कुछ कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ हल्की कहा-सुनी भी हुई. चौधरी ने संवाददाताओं से बातचीत में बनर्जी द्वारा मुद्दे को कथित तौर पर सांप्रदायिक रंग देने के प्रयास की निंदा की. उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री यह मानने के बजाय कि संदेशखालि की घटना शर्मनाक है, इसमें हिंदू-मुस्लिम के पहलू उभारकर सांप्रदायिक विमर्श पेश करने की कोशिश कर रही हैं. हम ऐसी सांप्रदायिक राजनीति की निंदा करते हैं.''

चौधरी की यह टिप्पणी बनर्जी के उस आरोप के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि भगवा खेमा इलाके में हिंसा भड़का रहा है. इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने तृणमूल कांग्रेस और राज्य सरकार पर संदेशखालि में महिलाओं के खिलाफ अपराध में साठगांठ करने का आरोप लगाया है.

बनर्जी ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की संदेशखालि और सांप्रदायिक झड़पों वाले इलाके में उपस्थिति है. इस बारे में पूछे जाने पर बनर्जी के मुखर आलोचक रहे चौधरी ने सवाल किया कि हिंसा में संघ की क्या प्रासंगिकता है.

उन्होंने सवाल किया, ‘‘संदेशखालि में अशांति का संघ से क्या संबंध है? उत्तम सरकार या शिबू हजारा हिंदू हैं या मुसलमान? ''

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस के 13 साल के शासन में संघ ने पूरे राज्य में अपना प्रभाव बढ़ाया है. इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? तृणमूल कांग्रेस अपनी जवाबदेही से भाग नहीं सकती है.'' इससे पहले दिन में पुलिस ने दो केंद्रीय मंत्रियों सहित भाजपा सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को भी धारा-144 के तहत लागू निषेधाज्ञा का हवाला देते हुए संदेशखालि जाने से रोक दिया था.

इस बीच, संदेशखालि में प्रदर्शन शुक्रवार को लगातार आठवें दिन भी जारी है. प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हैं जो तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख और उसके साथियों को गिरफ्तार करने की मांग कर रही हैं. इन महिलाओं ने शेख और उसके साथियों पर जमीन पर कब्जा करने और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है.



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Friday, February 16, 2024

मणिपुर के चुराचांदपुर एसपी कार्यालय पर भीड़ ने हमला करने की कोशिश की

मणिपुर के चुराचांदपुर में भीड़ ने बृहस्पतिवार को पुलिस अधीक्षक (एसपी) कार्यालय पर हमला करने की कोशिश की. पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. यह घटना ऐसे समय में हुई जब जिला पुलिस के एक हेड कांस्टेबल को एक वीडियो में कथित तौर पर हथियारबंद लोगों के साथ देखे जाने के बाद निलंबित कर दिया गया है.

मणिपुर पुलिस ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ लगभग 300-400 लोगों की संख्या की भीड़ ने आज पुलिस अधीक्षक के कार्यालय पर हमला करने की कोशिश की और पथराव आदि किया. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) सहित अन्य सुरक्षा बल आंसू गैस के गोले दागकर भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं. स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है. ''

चुराचांदपुर के एसपी शिवानंद सुर्वे ने हेड कांस्टेबल सियामलालपॉल को अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. पुलिस ने अपने आदेश में कहा, ‘‘ अनुशासित पुलिस बल का सदस्य होने के नाते यह अत्यंत गंभीर कदाचार के समान है. चुराचांदपुर जिला पुलिस के सियामलालपॉल के खिलाफ विभागीय जांच पर भी विचार किया जा रहा है."

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Farmer Protest LIVE Updates: किसान और सरकार में बातचीत जारी, तीसरे दौर की बैठक में क्या बन पाएगी सहमति?

Punjab-Haryana Shambhu Border Live :  संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा फसलों के लिए एमएसपी पर कानून और ऋण माफी सहित अपनी विभिन्न मांगों के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए ‘दिल्ली चलो' आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं. हरियाणा और पंजाब की शंभू सीमा पर पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोले दागने के लिए तैनात किये गये ड्रोन का मुकाबला करने के लिए बुधवार को युवा किसानों ने पतंग का सहारा लिया. किसान अपने मांग को लेकर पंजाब-हरियाणा के सीमा पर डटे हुए हैं.

केंद्र सरकार और किसानों की बातचीत जारी है. बैठक में किसानों के ऊपर बड़ी मात्रा में आंसू गैस के गोले, सोशल मीडिया अकाउंट बंद करने और इंटरनेट सेवा बंद करने को लेकर किसान नेताओं ने नाराजगी जताई है. किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने खाली खोके (Shell) दिखाए हैं.

किसानों के प्रस्तावित ‘दिल्ली चलो' मार्च के मद्देनजर पुलिस ने बुधवार को सिंघू और टीकरी सीमाओं पर कई स्तर के अवरोधक लगाकर वाहनों की आवाजाही रोक दी, जिससे दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में यातायात प्रभावित हुआ. दिल्ली और हरियाणा के बीच सिंघू और टिकरी सीमाएं यातायात के लिए पूरी तरह से बंद कर दी गई हैं जबकि गाजीपुर बॉर्डर पर नियंत्रित तरीके से वाहनों की आवाजाही की अनुमति है.

Farmer Protest LIVE UPDATES... 



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Thursday, February 15, 2024

नारियल तेल में ये चीज मिलाकर हफ्ते में एक बार बालों पर लगाएं, 2 घंटे में सफेद बाल जड़ से होंगे काले हो जाएंगे घने और लंबे | Natural Dye for White Hair

Naturally Baal kale Kaise Kare: बालों का सफेद होना आज के समय में एक ऐसी समस्या बन गई है जिससे अमूमन लोग परेशान रहते हैं. बालों का समय से पहले सफेद होना लोगों को काफी टेंशन में डाल देता है. ऐसे में लोग बालों को काला करने के लिए बाजार में मिलने वाले हेयर कलर और डाई का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन इनमें मौजूद केमिकल बालों को काला तो करते हैं लेकिन कुछ समय बाद उनको और तेजी से सफेद भी कर सकते हैं. वहीं कई बार लोगों को इसके इस्तेमाल से रिएक्शन भी हो जाता है जो स्किन पर दिखाई पड़ने लग सकता है. ऐसे में बालों को काला करने के लिए आप घरेलू नुस्खों की मदद ले सकते हैं. ये न सिर्फ पूरी तरह से नेचुरली होते हैं और बालों को नुकसान भी नहीं पहुंचाते हैं. आज हम आपको आपके किचन में मौजूद चीजों से हेयर डाई बनाने का तरीका बताएंगे. जिससे आपके बाल जेट ब्लैक हो जाएंगे और फिर आपको कलर नहीं लगाना पडे़गा.

शरीर बन गया है हड्डियों का ढ़ाचा? 2 हफ्ते में बढ़ जाएगा 10 किलो वजन, गेहूं की जगह खाएं इस आटे की रोटियां

बालों को काला करने के लिए नेचुरल हेयर कलर 

इस हेयर डाई को बनाने के लिए आपको चाहिए-

अदरक
मेथी 
प्याज के छिलके 
बादाम 

कैसे बनाएं हेयर डाई 

इस डाई को बनाने के लिए मिक्सी के जार में 3-4 टुकड़े अदरक के, 2 चम्मच मेथी, 2 प्याज के छिलके और 4 बादाम को लेकर अच्छे से पीस लेना है. इसके बाद इस पाउडर को तवे पर डालकर तब तक भून लेना है जब तक इसका रंग काला न हो जाए. इसके बाद इस पाउडर को एक कांच के जार में निकाल लें. अब इसमें आधा जार नारियल का तेल और विटामिन ई कैप्सूल को डालकर सभी चीजों को अच्छे से मिक्स कर लें. आपका हेयर डाई बनकर तैयार है. 

कैसे करें अप्लाई 

इस डाई को अपने सफेद बालों पर अच्छे से लगाएं. बालों की जड़ों पर इस डाई को लगाकर हल्के हाथों से मसाज करें और 2 घंटे के लिए लगाकर छोड़ दें. इसके बाद माइल्ड शैंपू से बालों को धोकर साफ कर लें. बेहतर रिजल्ट के लिए हफ्ते में एक बार इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. 1 महीने में ही आपको रिजल्ट नजर आने लगेगा. ये न सिर्फ आपको बालों को काला करने में मदद करेगा बल्कि उनको मजबूत और लंबा बनाने में भी फायदेमंद साबित हो सकता है.
 

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