अमेरिका के सिलिकॉन वैली बैंक (SVB) के दिवालिया होने के कारण 60 से ज्यादा भारतीय स्टार्टअप्स को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है. इसमें से 40 स्टार्टअप्स ऐसे हैं, जिनके 2 करोड़ रुपये से 8 करोड़ रुपये SVB बैंक में जमा हैं. बैंक ट्रांजैक्शन पर अमेरिकी सरकार की 13 मार्च तक लगाई रोक के कारण इन स्टार्टअप्स का पैसा अटक गया है. उनके कई वित्तीय कामकाज भी रुक गए हैं. ऐसे में उन्हें कुछ समय के लिए अपने रोजमर्रा के खर्चों या वर्किंग कैपिटल के लिए नए लोन की जरूरत पड़ सकती है. इस संकट से निपटने के लिए भारत सरकार स्टार्टअप फाउंडर्स के साथ अगले हफ्ते मीटिंग करने जा रही है.
लिस्टेड गेमिंग स्टार्टअप कंपनी 'नजारा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड' के संस्थापक और सीईओ नितीश मित्रसेन का मानना है कि उन नए स्टार्टअप के लिए हालात चुनौतीपूर्ण हैं जिनके लिए SVB एकमात्र बैंकिंग भागीदार है. उन्होंने कहा कि वो इस स्थिति को देख रहे हैं और प्रतीक्षा कर रहे हैं. वहीं, अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि एसवीबी सोमवार सुबह न्यूयॉर्क समय के बाद फिर से खुलेगा, जो भारत में मंगलवार रात 9 बजे से रात 10 बजे के बीच कभी भी हो सकता है.
नितीश मित्रसेन ने NDTV से बातचीत में कहा, 'फंड कब उपलब्ध होगा, इसके आधार पर कैश फ्लो की समस्या निर्भर कर सकती है. फिलहाल, स्टार्टअप में सबसे बड़ी चिंता त्वरित अल्पावधि नकदी जरूरतों के प्रबंधन की है.'
SVB संकट से प्रभावित कंपनियों में नजारा टेक्नोलॉजीज मुख्य रूप से शामिल है. इस सूचीबद्ध कंपनी ने शुरू में नियामक को भेजी जानकारी में कहा था कि उसकी दो सहायक यूनिट – किड्डोपिया और मीडियावर्क्ज की एसवीबी में लगभग 64 करोड़ रुपये की नकदी जमा है. कंपनी ने दावा किया है कि उसकी ये दोनों सहायक कंपनियां अच्छी तरह से पूंजीकृत हैं और मुनाफे के साथ साथ नकदी प्रवाह में सक्षम हैं.
नितीश मित्रसेन ने NDTV से बातचीत में कहा, "हमने बैंक के बंद होने से पहले ट्रांसफर शुरू किए थे, लेकिन इनकी हुआ नहीं. ऐसे में हम इंतजार कर रहे हैं और देख रहे हैं कि क्या ये ट्रांसफर ऑटोमेटेड हो सकते हैं या हमें नए सिरे से ट्रांसफर का प्रोसेस दोबारा करने की जरूरत है." उन्होंने कहा कि नजारा टेक्नोलॉजीज की दो सहायक कंपनियों के 64 करोड़ रुपये सिलिकॉन वैली बैंक में फंसे हुए हैं, जो शुरुआती चरण के स्टार्टअप के लिए कोई छोटी रकम नहीं है.
उन्होंने कहा, 'हर स्टार्टअप जिसका पैसा अमेरिकी बैंक में फंसा हुआ है, अगर संभव हुआ तो वह अपना सारा पैसा आज रात वापस निकाल सकते हैं. उनकी टीम भी अगर मुमकिन हुआ तो अपना सारा पैसा निकालने की कोशिश करेगी.
एसवीबी 1980 के दशक से यूएस स्टार्टअप्स के लिए एक प्रमुख ऋणदाता रहा है. अमेरिकी अधिकारियों ने शुक्रवार को बैंक की संपत्ति को ज़ब्त कर लिया. एसवीबी स्टार्टअप्स की फंडिंग के लिए काफी अहम है. संपत्ति के हिसाब से ये 16वां सबसे बड़ा अमेरिकी बैंक है. बैंक की मूल कंपनी एसवीबी फाइनेंशियल के शेयरों में गुरुवार को 60 फीसदी की भारी गिरावट आई थी. शुक्रवार को प्रीमार्केट ट्रेडिंग में स्टॉक में 60 फीसदी की गिरावट आई थी, जब तक कि रुका नहीं गया.
न्यूयॉर्क पोस्ट ने बताया कि अचानक पतन ने निवेशकों को 2008 के वित्तीय संकट के समान मंदी की घटना के बारे में चिंतित किया है, हालांकि यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि पूर्ण प्रभाव क्या होगा. पुलिस को मैनहट्टन शाखा में शुक्रवार को बुलाया गया था क्योंकि पैसे निकालने के लिए जमाकर्ताओं की इमारत में भीड़ लग गई थी.
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