Friday, April 21, 2023

मानहानि केस: कोर्ट के झटके के बाद राहुल गांधी शनिवार को खाली करेंगे सरकारी बंगला: सूत्र

मोदी सरनेम वाले आपराधिक मानहानि केस (Modi Surname Defamation Case) में सजा के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi ) की याचिका सूरत कोर्ट ने खारिज कर दी है. एडिशनल सेशन कोर्ट जज आरपी मोगेरा गुरुवार को कोर्ट में आए और इस याचिका पर केवल एक शब्द कहा- 'डिसमिस्ड.' जज मोगेरा ने इस मामले पर 13 अप्रैल को दोनों पक्षों की दलीलें सुनी थीं और फैसला सुरक्षित रख लिया था. इस मामले की सीधी जानकारी रखने वाले सूत्रों ने NDTV के बताया कि याचिका खारिज होने के बाद अब राहुल गांधी शनिवार को 10 तुगलक लेन स्थित अपना सरकारी बंगला छोड़ देंगे. उनका सामान पहले ही सोनिया गांधी के सरकारी बंगले में शिफ्ट किया जा चुका है. अब राहुल हाईकोर्ट में अपील करेंगे.

मानहानि केस में 23 मार्च को राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई गई थी. इसके अगले ही दिन यानी 24 मार्च को उनकी लोकसभा सदस्यता भी रद्द हो गई. इसके बाद 27 मार्च को उन्हें सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस मिला था. बंगला खाली करने की मियाद 22 अप्रैल है.

2005 में अलॉट हुआ था बंगला
सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के अनुसार, दो साल की सजा पाने वाला दोषी सांसद या विधायक नहीं रह सकता. ऐसे केस में सदस्यता रद्द होने पर सरकारी बंगला खाली करना होता है. राहुल गांधी 10 तुगलक लेन स्थित बंगले में 2005 से रह रहे थे.

2019 में दिया था मोदी सरनेम वाला बयान
मानहानि का केस 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार में हुई चुनावी रैली में राहुल के बयान से जुड़ा है. राहुल गांधी ने रैली में कहा था- 'हर चोर का सरनेम मोदी क्यों होता है.' इस बयान पर गुजरात के बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने मानहानि का केस दाखिल किया था. 

अपील के लिए 30 दिन का समय 
गुजरात की अदालत ने सजा के खिलाफ आगे अपील के लिए राहुल गांधी को 30 दिन का समय दिया था. राहुल ने सजा के खिलाफ अपील की और उनकी याचिका सूरत कोर्ट में खारिज हो गई. इसका मतलब यह है कि राहुल को अभी सांसद के रूप में बहाल नहीं किया जा सकता है. कांग्रेस के मुताबिक, राहुल गांधी अब हाईकोर्ट में अपील करेंगे.

राहुल गांधी ने दी थीं ये दलीलें
सुनवाई के दौरान राहुल गांधी के वकील आरएस चीमा ने एडिशनल सेशन कोर्ट के जज आरपी मोगेरा को दलील दी थी कि मानहानि का केस उचित नहीं था. केस में अधिकतम सजा की भी जरूरत नहीं थी. उन्होंने कहा था- 'सत्ता एक अपवाद है, लेकिन कोर्ट को सजा के परिणामों पर विचार करना चाहिए. विचार करना चाहिए कि क्या दोषी को ज्यादा नुकसान होगा. ऐसी सजा मिलना अन्याय है.' 

वहीं, मानहानि का केस करने वाले पूर्णेश मोदी ने कहा था कि राहुल गांधी बार-बार मानहानि वाले बयान देने के आदी हैं.

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