मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) का मैहर गंगा जमुनी तहजीब का केंद्र समझा जाता है. यहां मां शारदा का मंदिर है तो यह शहर पद्म विभूषण से सम्मानित उस्ताद बाबा अलाउद्दीन खान की भी कर्मस्थली रहा है. बाबा अलाउद्दीन खान के शिष्यों की फेहरिस्त में प्रख्यात सरोद वादक अली अकबर खान, पंडित रविशंकर, अन्नपूर्णा देवी, पंडित हरि प्रसाद चौरसिया जैसे कई नामचीन कलाकार शामिल हैं. हालांकि आज उसी मैहर स्थित शारदा देवी मंदिर प्रबंधन समिति से मुस्लिम कर्मचारियों को हटाने के आदेश दिए गए हैं. यह पत्र मध्य प्रदेश सरकार के धार्मिक न्यास एवं धर्मस्थल विभाग ने जारी किया है. इस पर उप सचिव पुष्पा कुलेश के हस्ताक्षर हैं.
पत्र के मुताबिक, मैहर मंदिर की प्रबंध समिति में अब मुस्लिम कर्मचारी काम नहीं करेंगे. इसके अलावा धार्मिक नगरी से मांस-मदिरा की दुकान हटाने का भी आदेश जारी हुआ है. इस संबंध में 17 जनवरी को निर्देश जारी किए गए थे. हालांकि पालन नहीं होने पर उसका संदर्भ देते हुए फिर से पत्र जारी किया गया है.
सूत्रों के मुताबिक, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने मैहर से मांस मदिरा की दुकानें हटाने के साथ ही मां शारदा देवी मंदिर प्रबंध समिति से मुस्लिम कर्मचारी हटाने के लिए संस्कृति, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग मंत्री ऊषा सिंह ठाकुर को एक ज्ञापन सौंपा गया था, जिसके बाद यह आदेश दिया गया. वैसे शारदा प्रबंध समिति की भर्ती के नियम शासन के नियमों के तहत हैं. ऐसे में धार्मिक आधार पर किसी कर्मचारी को हटाया नहीं जा सकता है.
बहरहाल, ये फैसला उस शहर के लिए है जहां पर साप्रदायिक सौहार्द का रंग घुला है. जहां का मैहर वाद्य यंत्र बाबा के प्रेम की मिसाल है, जो प्लेग की महामारी में अनाथ बच्चों को सिखाकर शुरू हुआ. जहां नलतरंग बना और बाबा ने भारतीय संगीत को सिर्फ सुर ही नहीं संवेदना भी दी, इंसानियत भी दी.
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