Sunday, April 16, 2023

CM केजरीवाल ने एमके स्टालिन को लिखा पत्र, कहा - लोकतंत्र पर हो रहा प्रहार, संघीय ढांचा खतरे में

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के समक्ष पेश होने से एक दिन पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को तमिलनाडु में अपने समकक्ष एम. के. स्टालिन को पत्र लिखा और कहा कि भारत में लोकतंत्र पर हर दिन प्रहार हो रहा है और देश का संघीय ढांचा गंभीर खतरे में है. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में केजरीवाल ने यह भी कहा कि चाहे वह स्वतंत्रता, समानता, धर्मनिरपेक्षता या बंधुत्व हो, भारत के संविधान के ‘‘हर सिद्धांत'' से समझौता किया गया है. केजरीवाल ने उल्लेख किया कि राज्य सरकारों और उनके राज्यपालों या उपराज्यपालों का टकराव ‘‘प्रभावी रूप से एक युद्ध मैदान बन गया है जहां केंद्र सरकार द्वारा एक मौन युद्ध छेड़ा जा रहा है.''

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि राज्यपाल या उपराज्यपाल ‘‘जानबूझकर'' लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई राज्य सरकारों को कमजोर कर रहे हैं और प्रशासन को अपनी ‘‘सनक और इच्छा'' के अनुसार बाधित कर रहे हैं. 

उन्होंने राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों को मंजूरी देने के संबंध में राज्यपालों के लिए समयसीमा तय करने का अनुरोध करते हुए एक प्रस्ताव पारित करने को लेकर तमिलनाडु विधानसभा की सराहना की और कहा कि उनकी सरकार भी अगले सत्र में दिल्ली विधानसभा में ऐसा ही प्रस्ताव लाएगी. 

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने हाल में गैर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों के अपने समकक्षों को पत्र लिखकर अपनी-अपनी विधानसभाओं में एक प्रस्ताव पारित करने और राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों को मंजूरी देने को लेकर केंद्र से राज्यपालों के लिए समयसीमा निर्धारित करने की मांग की. 

सीबीआई ने आबकारी नीति मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता को रविवार को समन जारी किया. अधिकारियों ने कहा कि उन्हें जांच टीम के सवालों का जवाब देने के लिए पूर्वाह्न 11 बजे जांच एजेंसी के मुख्यालय में उपस्थित रहने के लिए कहा गया है. 

केंद्रीय जांच एजेंसी मामले के संबंध में दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. 

आरोप है कि 2021-22 में शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के संबंध में दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में कुछ शराब डीलर का पक्ष लिया गया, जिन्होंने इसके लिए कथित रूप से रिश्वत दी थी. हालांकि, आप ने इस आरोप का जोरदार खंडन किया था। बाद में नीति को रद्द कर दिया गया. 

केजरीवाल ने अपने पत्र में कहा, ‘‘यह पहले से ही साबित हो चुका है कि भारत में लोकतंत्र पर हर दिन हमला हो रहा है.''

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे गौरवशाली संविधान के हर सिद्धांत से समझौता किया गया है - चाहे वह स्वतंत्रता हो, समानता हो, धर्मनिरपेक्षता हो या बंधुत्व हो. यह भी संदेह से परे है कि हमारी संघीय संरचना जो देश के दूरदराज के हिस्सों में भी लोगों को वोट देने का अधिकार देती है, इसे भी उन ताकतों से गंभीर खतरा है जो सभी शक्तियों को अवैध रूप से केंद्रीकृत करना चाहती हैं.''

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, यह देखना निराशाजनक है कि आजकल इन सिद्धांतों को नियमित रूप से खारिज किया जा रहा है.''

उन्होंने संबंधित विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों को मंजूरी देने को लेकर केंद्र सरकार और राष्ट्रपति से राज्यपालों के लिए समयसीमा तय करने का आग्रह करते हुए एक प्रस्ताव पारित करके ऐसी ‘‘केंद्रीकरण की प्रवृत्ति'' के खिलाफ ‘‘कड़ा रुख'' अपनाने के लिए तमिलनाडु विधानसभा की सराहना की. 

उन्होंने कहा, ‘‘इसी के तहत, मैं आगामी सत्र में दिल्ली विधानसभा में इसी तरह का एक प्रस्ताव पेश करूंगा, जिसमें केंद्र से राज्यपालों और उपराज्यपालों को उनके संवैधानिक कार्यों को करने के लिए समय सीमा तय करने का आग्रह किया जाएगा. हमें सामूहिक रूप से राज्य/एनसीटी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) सरकारों को हटाने या खत्म करने की किसी भी कार्रवाई का विरोध करना चाहिए.''

केजरीवाल ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय राजधानी में उपराज्यपाल दिल्ली के विधानमंडल के लोकतांत्रिक जनादेश के साथ ‘‘नियमित रूप'' खिलवाड़ कर रहे हैं. उन्होंने दिल्ली के बजट को पेश करने में बाधा पहुंचाई और यही नहीं वह 2021 के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) अधिनियम में असंवैधानिक संशोधन की आड़ में जीएनसीटीडी के दिन-प्रतिदिन के शासकीय कामकाज को बाधित कर रहे हैं. 

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