Friday, March 10, 2023

मायावती के खिलाफ दिल्ली में नहीं चलेगा मुकदमा, उपराज्यपाल ने अनुमति देने से किया इनकार

दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने कथित रूप से धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मामले में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया है. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. यह मामला छत्तर सिंह राछोया की ओर से 20 अगस्त 2019 को दायर शिकायत पर आधारित है जो उन्होंने पश्चिमी दिल्ली के जिलाधिकारी, गृह सचिव, भारत सरकार और उपराज्यपाल को दी थी और दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 196 के तहत मायावती के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देने का आग्रह किया था.

राछोया ने अपनी शिकायत में उच्चतम न्यायालय में दाखिल मायावती के उस हलफनामे का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर उत्तर प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी अयोध्या में भगवान राम की 221 मीटर की मूर्ति सरकारी धन का उपयोग करके बना सकती है, तो वह खुद की प्रतिमा क्यों नहीं बना सकती हैं. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि इससे उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है क्योंकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख ने खुद की तुलना भगवान राम से की है.

राछोया ने कहा कि उन्होंने मायावती के खिलाफ नांगलोई के एसएचओ और सीआरपीसी की धारा 200 और 156 (3) के तहत तीस हजारी अदालत के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी. राछोया ने बताया कि सीआरपीसी की धारा 196 के तहत प्रक्रियात्मक रोक के कारण, अदालत मामले में संज्ञान लेने में असमर्थ थी और इसलिए, उन्होंने दिल्ली सरकार से प्रावधान के तहत मंजूरी देने का अनुरोध किया. मामले का निपटान करते हुए उपराज्यपाल ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि प्रथम दृष्टया मायावती के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है. इसलिए, सीआरपीसी 1973 की धारा 196 के तहत अभियोजन स्वीकृति के अनुरोध को खारिज किया जाता है.''

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