अभिनेता सलमान खान (Salman Khan) के बांद्रा वाले घर के बाहर 14 अप्रैल की सुबह गोली चलने (Firing) की घटना के बाद बॉलीवुड (Bollywood) में एक बार फिर से भय पैदा कर दिया है. मुंबई (Mumbai) में अंडरवर्ल्ड खत्म होने के बाद चैन की सांस ले रहे बॉलीवुड पर अब लॉरेंस विश्नोई गैंग (Lawrence Vishnoi gang) का खतरा मंडराने लगा है. कहने को तो लॉरेंस विश्नोई काले हिरण के शिकार की वजह से सिर्फ सलमान खान से नाराज है और उसे सबक सिखाना चाहता है, लेकिन मामले में गिरफ्तार पांचवे आरोपी को एक और बड़ा काम दिए जाने की जानकारी मिलने से अब यह सवाल उठ रहा है कि कहीं कुछ और सितारे लॉरेंस विश्नोई गैंग के निशाने पर तो नहीं हैं?
पुलिस की मानें तो अभिनेता सलमान खान फायरिंग केस में गिरफ्तार सबसे अहम आरोपी मोहम्मद रफीक चौधरी लॉरेंस विश्नोई गिरोह के दो सबसे बड़े गैंगस्टरों अनमोल विश्नोई और रोहित गोदारा से सीधे संपर्क में था. उनके कहने पर उसी ने राजस्थान से ढाई से तीन लाख रुपये लाकर दोनों शूटरों को दिए थे. उसी ने बांद्रा में 12 अप्रैल को सलमान खान की बिल्डिंग का वीडियो बनाकर अनमोल को भेजा था.
हालांकि, सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि मोहम्मद रफीक चौधरी को गैंग की तरफ से इससे भी बड़ा एक काम दिया गया था. सवाल है कि वह बड़ा काम क्या था? कहीं लॉरेंस विश्नोई के निशाने पर कोई और अभिनेता भी तो नहीं है?
रफीक चौधरी ने अपने मोबाइल का डेटा डिलीट किया
पुलिस इस पर चुप्पी साधे हुए है लेकिन चर्चा है कि लॉरेंस विश्नोई के निशाने पर बॉलीवुड के दो और अभिनेता हैं. पता चला है कि चौधरी ने 6 से 13 अप्रैल के बीच सलमान खान के घर के अलावा और जगहों की भी रेकी की थी लेकिन 16 अप्रैल को शूटरों की गिरफ्तारी की खबर सुनते ही उसने अपने मोबाइल का डेटा डिलीट कर दिया था.
पुलिस के मुताबिक विक्की गुप्ता और सागर पाल से कहा गया था कि वे पनवेल जाकर एक घर तलाश करें. उन्हे इसके लिए 40 हजार रुपये भी दिए गए थे. दोनों पहले मुंबई, फिर पनवेल गए लेकिन किराये के घर का जुगाड़ नहीं हो पाने पर वे वापस चले गए. इसके बाद उन्हें फिर से पनवेल जाकर एक ऑटो रिक्शा चालक से मिलने को कहा गया. वापस पनवेल जाने के बाद जब दोनों ने वहां किराए का मकान ले लिया तब उन्हें एक मोटरसाइकिल का इंतजाम करने को कहा गया. तब दोनों ने एक डीलर से पुरानी बाइक खरीद ली. तब तक शूटरों को सलमान खान के घर फायरिंग करने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी.
15 मार्च को टारगेट के बारे में बताया गया था
अनुज थापन और सोनू विश्नोई ने 15 मार्च को पंजाब से आकर पनवेल में उन्हें दो पिस्टल और कारतूस दिए, तब उन्हें टारगेट के बारे में बताया गया और सलमान खान के घर की रेकी करने को कहा गया.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक उसके बाद दोनों की मदद के लिए राजस्थान से मोहम्मद आरिफ चौधरी को मुंबई भेजा गया. उसे दो-ढाई लाख रुपये भी दिए गए थे जो उसने कुर्ला में 8 और 11 अप्रैल को शूटरों को दिए थे. उसने 12 अप्रैल को खुद भी बांद्रा में गैलेक्सी अपार्टमेंट का वीडियो बनाकर अनमोल विश्नोई को भेजा था.
इसके बाद 14 अप्रैल की सुबह दोनों आरोपियों ने गैलेक्सी अपार्टमेंट की तरफ 5 राउंड गोलियां चलाईं थीं और फरार हो गए थे. उनमें से एक गोली सलमान खान की बालकनी में लगी थी.
अनुज थापन की हिरासत में खुदकुशी से पुलिस कटघरे में
मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच अब तक दोनों शूटरों सहित 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनमें से एक अनुज थापन ने पुलिस हिरासत में खुदकुशी कर पुलिस को कटघरे में खड़ा कर दिया है.
पुलिस के मुताबिक लॉरेंस विश्नोई भले ही जेल में बंद है लेकिन उसका नेटवर्क देश से लेकर विदेश में भी फैला हुआ है. उसके लोग तीन से चार लेयर में काम करते हैं. हर राज्य में अलग-अलग गुर्गे हैं जिन्हें जरूरत के हिसाब से अलग-अलग काम दिया जाता है.
अनमोल विश्नोई के खिलाफ मिला अहम सबूत
विदेश में बैठा अनमोल काम देने के पहले खुद एक बार उस शख्स से वीडियो कॉल कर बात करता है. लेकिन उसमें भी अपना वीडियो बंद रखता है ताकि शूटर उसे पहचान ना पाएं. पुलिस के मुताबिक ऐसा इसलिए कि पुलिस साजिश की कड़ियों को जोड़ न पाए. लेकिन इस केस में शूटर विक्की गुप्ता ने अनमोल से हुई बातचीत का ऑडियो अपने भाई के मोबाइल पर भेजकर सेव करा लिया था ताकि अगर कुछ गड़बड़ हो तो उसके बचाव में काम आ सके. अब वही क्लिप अनमोल के खिलाफ एक अहम सबूत बन गया है.
इस केस में शूटर सागर पाल की गैंग में रिक्रूटमेंट की कहानी भी दिलचस्प है. सागर पाल जब हरियाणा में रहता था तब क्रिकेट खेलने के दौरान उसकी दोस्ती अंकित अरोड़ा से हुई थी. जिसके बाद अंकित ने सागर को अपने व्हाट्सऐप ग्रुप में जोड़ा और फिर वह सागर विश्नोई गैंग का मेंबर बन गया.
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