Friday, May 3, 2024

हमारी शक्सगाम घाटी में ऐसी हरकत बर्दाश्त नहीं : अवैध निर्माण की रिपोर्ट पर चीन को भारत की चेतावनी

भारत और चीन (India-China Border Dispute) के बीच लंबे समय से सीमा विवाद चल रहा है. कई दौर की बातचीत के बाद भी विवाद को सुलझाया नहीं जा सका है. चीन कई मौकों पर भारतीय क्षेत्रों को अपने मैप में दिखाने की हिमाकत करता है. भारत ने हर बार चीन की इन हरकतों का पुरजोर विरोध किया है. अब शक्सगाम घाटी को लेकर चीन नापाक हरकत पर उतर आया है. हाल ही में सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि चीन (China) पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) की शक्सगाम घाटी (The Shaksgam Valley)में अवैध निर्माण कर रहा है. सैटेलाइट तस्वीरों  से पता चलता है कि चीन घाटी में कंक्रीट की पक्की सड़क बना रहा है. भारत ने इसपर कड़ी आपत्ति जताई है. भारत ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा, "शक्सगाम घाटी हमारी है. वहां ऐसी हरकत बर्दाश्त नहीं है."

भारत  के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में चीन की हरकत पर कड़ी आपत्ति जताई है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "भारत शक्सगाम घाटी को हमेशा से भारत का हिस्सा मानता आया है. हमने कभी भी 1963 में हुए तथाकथित चीन पाकिस्तान समझौते (China-Pakistan Boundary Agreement)को स्वीकार नहीं किया है, जिसमें इस्लामाबाद ने शक्सगाम घाटी को अवैध रूप से बीजिंग को सौंपने की कोशिश की थी."

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भारत ने कहा, "चीन जमीन पर स्थिति बदलने की कोशिश कर रहा है. उसी के तहत वो शक्सगाम घाटी में अवैध निर्माण करवा रहा है. चीन की ये हरकत अस्वीकार्य है. हमारे पास अपनी रक्षा के अधिकार सुरक्षित हैं." 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जायसवाल ने कहा कि चीन के इन प्रयासों के खिलाफ हमने अपना विरोध चीन के समक्ष रखा है. मंत्रालय ने कहा, "शक्सगाम घाटी एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में है. हम हमेशा अपने इस क्षेत्र के लिए आवाज उठाते आए हैं. चीन के इस कदम का हम विरोध करते हैं."

इससे पहले चीन ने लद्दाख सीमा पर अवैध निर्माण की कोशिश की थी. लद्दाख विवाद को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीजों को आगे बढ़ाने के लिए अगले दौर की बातचीत जल्द होगी. रणधीर जायसवाल ने कहा, "भारत और चीन के बीच राजनयिक और सैन्य स्तर पर बातचीत चल रही है. ये मुद्दे गंभीर हैं. इसलिए इनमें समय लगता है. चीजों को आगे बढ़ाने के लिए हम जल्द ही अगले दौर की बातचीत करेंगे."

सीमा विवाद पर दोनों पक्षों के बीच आखिरी दौर की सैन्य बातचीत फरवरी में हुई थी. इस दौरानदोनों पक्ष जमीन पर शांति  बनाए रखने पर सहमत हुए, लेकिन किसी सफलता का कोई संकेत नहीं मिला.



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