भारत ने अपनी अध्यक्षता में हो रहे इस जी20 आयोजन की थीम दी है- 'वसुधैव कुटुम्बकम' या वन अर्थ, वन फैमिली और वन फ्यूचर... संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस थीम की जमकर तारीफ की है. उन्होंने कहा है कि भारत को जी20 की अध्यक्षता एक ऐसे समय मिली जब दुनिया बहुत बंटी हुई है. उन्होंने सबको साथ लेकर चलने की भारत की कोशिशों की भी सराहना की. जी20 शिखर बैठक के तीन सत्रों का नाम भी इसकी थीम के आधार पर ही रखा गया है.
वन अर्थ वाले सेशन में सभी जी20 नेताओं या उनके प्रतिनिधियों को अपनी बात रखने का मौका मिलेगा. इसमें मुख्य तौर पर जलवायु परिवर्तन, संपोषणीय विकास यानि कि सस्टेनेबल डेवलपमेंट आदि पर चर्चा होगी.
जी20 परिवार का घेरा बड़ा करने पर होगी चर्चा
वन फैमिली और वन फ़्यूचर वाले सत्रों में जो भी नेता या प्रतिनिधि बोलना चाहें उनको मौका मिलेगा. गैर आधिकारिक जानकारी के मुताबिक वन फैमिली वाले सत्र में मुख्य तौर पर जी20 परिवार का घेरा बड़ा करने संबंधी चर्चा होगी. इसमें ग्लोबल साउथ के देशों के हितों की तो बात होगी ही साथ ही अफ़्रीकी यूनियन को जी20 में शामिल करने के भारत की पेशकश पर भी चर्चा होने की उम्मीद है.
अफ़्रीकी देशों में अभी सिर्फ़ दक्षिण अफ़्रीका जी20 का सदस्य है. अफ़्रीकी यूनियन को शामिल कर लिए जाने के बाद 55 देशों का ये ब्लॉक इस ग्रुपिंग का हिस्सा बन जाएगा. ये सभी ग्लोबल साउथ के देश हैं तो ज़ाहिर है कि ग्लोबल साउथ को इससे एक नया फोरम और नई ताक़त मिलेगी.
यूक्रेन-रूस युद्ध के साए में दूसरा जी20
वन फ़्यूचर वाले सत्र में मौजूदा संकटों से निपटने के लिए क्या कुछ किया जाए, यह प्रमुख मुद्दा रहेगा. यह दूसरा जी20 है जो यूक्रेन-रूस युद्ध के साए में हो रहा है. हालांकि जी20 आर्थिक फोरम है और रूस जैसे देश की राय है कि इससे जियो पॉलिटिकल मुद्दों को अलग रखा जाना चाहिए. लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर खराब असर डाला है. रूस और यूक्रेन दोनों अनाज और ऊर्जा के बड़े उत्पादक और निर्यातक देश हैं. युद्ध की वजह से अनाज और ऊर्जा के निर्यात पर असर पड़ा है. ग्लोबल सप्लाई चेन टूटी है. तो इस तरह की चुनौतियों के बीच सबके बेहतर भविष्य के उपायों पर बात होनी है.
सदस्य देशों की सहमति पर आएगा दिल्ली घोषणा पत्र
आज भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने बताया कि नई दिल्ली घोषणा पत्र लगभग तैयार है. विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने इस पर आम सहमति की उम्मीद जताई. हालांकि ये भी जोड़ा गया है कि तमाम सदस्य देशों के प्रमुख इस पर एक राय होंगे तभी यह जारी होगा. तो तमाम चुनौतियों के बीच भारत की लगातार कोशिश है कि सबको साधकर चला जाए... सबको साथ लेकर चला जाए. वन अर्थ, वन फैमिली और वन फ़्यूचर की थीम की यही कामयाबी होगी.
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