भारत के विभाजन के दौरान बिछड़ गये दो सिख भाइयों के परिवारों के बीच 75 साल बाद करतारपुर गलियारे में मिलन हुआ और इस भावुक पल के दौरान उन्होंने गाने गाये एवं एक दूसरे पर फूल बरसाये. यह सब सोशल मीडिया के कारण संभव हो पाया.
गुरदेव सिंह और दया सिंह के परिवार इस मिलन के लिए बृहस्पतिवार को करतारपुर गलियारे पहुंचे थे.
करतापुर साहिब के गुरद्वारा दरबार साहिब में इन परिवारों के भावुक मिलन का नजारा सामने आया. उन्होंने खुशी में गाने गाये एवं एक-दूसरे पर फूल बरसाये.
दोनों ही भाई हरियाणा के थे और विभाजन के समय वे महेंद्रगढ़ जिले के गोमला गांव में अपने दिवंगत पिता के मित्र करीम बख्श के साथ रहते थे.
बख्श बड़े भाई गुरदेव सिंह के साथ पाकिस्तान चले गये जबकि छोटे भाई दया सिंह अपने मामा के पास हरियाणा में ही रह गये.
पाकिस्तान जाने के बाद बख्श पंजाब प्रांत में लाहौर से करीब 200 किलोमीटर दूर झांग जिले में जा बसे और उन्होंने गुरदेव सिंह का मुस्लिम नाम गुलाम मुहम्मद रख दिया. कुछ साल पहले गुरदेव सिंह का निधन हो गया.
गुरदेव के बेटे मुहम्मद शरीफ ने मीडिया को बताया कि इतने सालों में उनके पिता ने भारत सरकार को कई पत्र लिखकर अपने भाई दया सिंह के ठिकाने का पता लगाने का अनुरोध किया.
उन्होंने कहा, ‘‘छह महीने पहले हम सोशल मीडिया के माध्यम से चाचा दया सिंह को ढूढने में कामयाब रहे.''
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