Wednesday, January 31, 2024

एक हत्‍या की गवाही... दो गैंगों पर शक, गैंगस्‍टर सूरजभान की फरीदाबाद में हत्‍या के बाद सुराग की तलाश में पुलिस

दिल्‍ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में गैंगस्‍टरों की हत्‍याओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. आलम यह है कि पिछले कुछ वक्‍त में एक के बाद एक गैंगस्‍टरों की हत्‍या की जा रही है. हाल ही में लॉरेंस बिश्‍नोई गैंग के शूटर राजन की हरियाणा के यमुना नगर में हत्‍या कर दी गई थी. यह मामला चर्चा में ही था कि अब लॉरेंस बिश्‍नोई गैंग से जुड़े कपिल सागवान उर्फ नंदू गैंग के खासमखास गैंगस्‍टर सूरजभान उर्फ बालू की फरीदाबाद में गोली मारकर हत्‍या कर दी गई है. 

पुलिस के मुताबिक, सूरजभान अपनी बहन से मिलने के लिए फरीदाबाद आया था, जहां पर अज्ञात हमलावरों ने उसकी हत्या कर दी. फरीदाबाद के सेक्टर 11 में सूरजभान पर 15 से 20 राउंड फायर किए गए. उसकी मौके पर ही मौत हो गई. 

सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची. क्राइम ब्रांच और फॉरेंसिक टीम जांच में जुटी है. फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर राकेश कुमार आर्य भी मौके पर पहुंचे और घटनास्‍थल का जायजा लिया. इस मामले में हमलावरों की संख्‍या दो बताई जा रही है. पुलिस के मुताबिक, वह इस मामले में दो एंगल से जांच कर रही है. 

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सूरजभान अमेरिका में बैठे लॉरेंस बिश्‍नोई के करीबी कपिल सागवान का खासमखास है. गैंग की कलेक्शन मनी सूरजभान ही इकट्ठा करता था. 

गवाही के लिए तैयार नहीं था सूरजभान !

कुछ साल पहले सूरजभान के नजफगढ़ स्थित दफ्तर पर कपिल सागवान उर्फ नंदू के जीजा की हत्या विरोधी खेमे के कुख्यात गैंगस्‍टर मंजीत महल ने करवा दी थी. सूरजभान को इस मामले में कोर्ट में मंजीत महल के खिलाफ गवाही देनी थी. हालांकि सूत्रों के मुताबिक, सूरजभान गवाही के लिए राजी नहीं हो रहा था. इसलिए पुलिस को शक है कि नंदू ने ही अमेरिका में बैठे-बैठे सूरजभान की हत्या करवा दी है. 

मंजीत महल के खिलाफ था इकलौता गवाह 

वहीं सूरजभान मंजीत महल के खिलाफ इकलौता गवाह था. इसलिए पुलिस यह भी शक जाहिर कर रही है कि मंजीत महल के गुर्गों ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया होगा. मंजीत महल फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है. 

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Tuesday, January 30, 2024

‘अग्रणी भारत’ से ‘टाइगर हिल’ तक : बीटिंग रिट्रीट में बैंड ने भारतीय धुनों से मन मोह लिया

राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को बीटिंग रिट्रीट समारोह (Beating Retreat Ceremony) के दौरान रायसीना हिल्स (Raisina Hills) पर सामूहिक बैंड के ‘शंखनाद' से लेकर नौसेना के मधुर ‘मिशन चंद्रयान' की धुनें गूंजती रहीं. विजय चौक पर आयोजित यह भव्य कार्यक्रम गणतंत्र दिवस (Republic Day) समारोह के समापन का प्रतीक है. इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति और सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य केंद्रीय मंत्री शामिल हुए. 

प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, तीनों सेनाओं के प्रमुख - जनरल मनोज पांडे, एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी और एडमिरल आर. हरि कुमार - भारत के प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और वरिष्ठ अधिकारी भी कार्यक्रम में शामिल हुए. 

आम जनता भी इस शानदार समारोह को देखने पहुंची. समारोह शाम करीब सवा पांच बजे शुरू हुआ. 

राष्ट्रपति मुर्मू पारंपरिक ‘बग्गी' में सवार होकर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचीं. इससे समारोह का पुराने दौर का आकर्षण लौट आया, जिसकी शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी. 

'वीर भारत' और 'केसरिया बाना' ने किया मंत्रमुग्‍ध 

इस शानदार समारोह की शुरुआत सामूहिक बैंड के ‘शंखनाद' से हुई, जिसने दर्शकों का मन मोह लिया. रायसीना हिल्स सैन्य और अर्धसैनिक बैंड द्वारा बजाई गई मनमोहक और थिरकाने वाली भारतीय धुनों की ध्वनि से गूंज उठा. इसके बाद पाइप एंड ड्रम बैंड द्वारा ‘वीर भारत', ‘केसरिया बाना' और ‘देशों का सरताज भारत' जैसे धुनें बजाई गईं. उन्होंने ‘चक्रव्यूह' और ‘वसुधैव कुटुम्बकम' से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. 

'भारत माता की जय' के नारे लगे 

सीएपीएफ बैंड ने अन्य धुनों के बीच ‘भारत के जवान' और ‘विजय भारत' भी बजाया. युवा और बुजुर्गों समेत तमाम दर्शकों ने बैंड के प्रस्तुति पर खुशी मनाई और समारोह के अंत में कई लोगों ने ‘भारत माता की जय' के नारे भी लगाए. 

इसके बाद भारतीय वायु सेना के बैंड ने ‘स्वदेशी', ‘रेजॉइस इन रायसीना' और ‘टाइगर हिल' जैसी धुनों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. 

भारतीय नौसेना बैंड की सुमधुर धुनें 

कुछ सदस्यों ने रोशनी से सजे वाद्य उपकरण ले रखे थे जो कभी-कभी तिरंगे की थीम में चमकते थे. ‘रघुपति राघव राजा राम' की धुन ने दर्शकों को प्रभावित किया.

इसके बाद दर्शकों को भारतीय नौसेना बैंड द्वारा बजाई गई ‘आईएनएस विक्रांत', ‘एकला चलो रे', ‘समुद्र दर्शक', ‘मिशन चंद्रयान', ‘जय भारती' और ‘हम तैयार हैं' जैसी शानदार धुनें सुनाई गईं.

‘सारे जहां से अच्छा' की धुन के साथ संपन्न

एक बांसुरीवादक के नेतृत्व में ‘अग्रणी भारत' की धुन दिल को छू लेने वाली थी. यह कार्यक्रम ‘सारे जहां से अच्छा' की बेहद लोकप्रिय धुन के साथ संपन्न हुआ. शाम को रायसीना हिल्स परिसर जीवंत रंगों की रोशनी से चकाचौंध नजर आया. 

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Monday, January 29, 2024

राहुल गांधी ने बंगाल से देशभर में अन्याय के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व करने की अपील की

सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल): पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के लिए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के साथ सीट बंटवारे को लेकर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' में मतभेदों के बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को बंगाल और बंगालियों से देश में व्याप्त अन्याय के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व करने का आह्वान किया. गांधी ने यह बयान उत्तर बंगाल में 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के दौरान दिया. गांधी का यह बयान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी की इस घोषणा के बाद आया है कि उनकी पार्टी राज्य में आगामी लोकसभा चुनाव अकेले ही लड़ेगी.

गांधी ने पश्चिम बंगाल में अपने स्वागत के लिए आभार जताते हुए कहा, 'बंगाल एक विशेष स्थान रखता है. इसने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान वैचारिक लड़ाई का नेतृत्व किया था. यह बंगाल और बंगालियों का कर्तव्य है कि वे नफरत के खिलाफ लड़ने का एक रास्ता दिखाएं और वर्तमान परिस्थितियों में एकता को बढ़ावा दें और नफरत को रोकें.''

उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप इस मौके पर नहीं खड़े हुए, तो लोग आपको कभी माफ नहीं करेंगे. यह किसी एक व्यक्ति के बारे में नहीं है, यह बंगाल द्वारा रास्ता दिखाने और इस लड़ाई में नेतृत्व करने को लेकर है.''

गांधी ने हालांकि सीधे तौर पर किसी भी राजनीतिक दल का नाम लेने से परहेज किया, लेकिन उनकी टिप्पणी पर टीएमसी और अन्य राजनीतिक दलों की ओर से प्रतिक्रियाएं आयीं. टीएमसी प्रवक्ता शांतनु सेन ने कहा, ‘‘हां, वह सही हैं कि बंगाल ऐतिहासिक रूप से निर्णायक आंदोलनों में सबसे आगे रहा है, खासकर अंग्रेजी शासन के खिलाफ. ममता बनर्जी ने 2021 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को रोक दिया और विपक्षी गठबंधन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. हालांकि, वह बंगाल कांग्रेस नेतृत्व था, जिसने राज्य में भाजपा के साथ समझौता किया.''

वहीं, भाजपा की पश्विम बंगाल इकाई के प्रवक्ता ने गांधी की टिप्पणी को विभाजनकारी बताते हुए उसकी आलोचना की और कहा, 'यह आश्चर्यजनक है कि राहुल गांधी कैसे इस तरह की टिप्पणी कर सकते हैं, जो क्षेत्रवाद की ओर इशारा करती है. यह एक राष्ट्रीय पार्टी के नेता से अप्रत्याशित है.''

गांधी का बयान कांग्रेस नेतृत्व द्वारा ममता बनर्जी को मनाने के प्रयासों के बीच आया है, जिन्हें वे विपक्षी गठबंधन का 'महत्वपूर्ण स्तंभ' मानते हैं. कांग्रेस नेतृत्व ने हाल ही में राज्य में गतिरोध सुलझाने का एक रास्ता खोज लेने का विश्वास जताया था.

गांधी सिलीगुड़ी में एक सभा को संबोधित कर रहे थे, जहां यात्रा रात के लिए रुकेगी. गांधी ने केंद्र की भाजपा सरकार की गरीबों और युवाओं के हितों पर कॉर्पोरेट हितों को कथित तौर पर प्राथमिकता देते हुए नफरत और हिंसा को बढ़ावा देने के लिए आलोचना की.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर देशभर में नफरत और हिंसा फैलाने तथा गरीबों और युवाओं के हितों को नजरअंदाज करके बड़े कॉरपोरेट घरानों के लिए काम करने का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने सशस्त्र बलों के लिए एक अल्पकालिक भर्ती योजना, अग्निवीर (अग्निपथ) योजना शुरू करके उन युवाओं का मखौल उड़ाया है, जो सशस्त्र बलों में शामिल होना चाहते थे.'

उन्होंने कहा, 'देशभर में नफरत और हिंसा फैलायी जा रही है. इससे कोई फायदा नहीं होगा. नफरत फैलाने के बजाय, हमें प्यार का प्रसार करने और अपने युवाओं को न्याय दिलाने की दिशा में काम करना होगा. केंद्र सरकार केवल बड़े कॉरपोरेट घरानों के लिए काम कर रही है, गरीबों और युवाओं के लिए नहीं.''

भाजपा और आरएसएस पर नफरत और हिंसा फैलाने का आरोप लगाते हुए, गांधी ने यात्रा के सार को रेखांकित करते हुए कहा, 'यात्रा के साथ 'न्याय' शब्द जोड़ा गया है, क्योंकि पूरे देश में अन्याय व्याप्त है.'

उन्होंने कहा, 'हम एक ऐसे भारत की आकांक्षा रखते हैं, जहां अत्यंत गरीब भी बड़े सपने देख सके और अपनी आकांक्षाओं को साकार कर सके. हम एक ऐसा भारत चाहते हैं, जहां कड़ी मेहनत का सम्मान किया जाए. हालांकि, आज, भारतीय युवा रोजगार के लिए संघर्ष कर रहे हैं.''

सोमवार को दोपहर में बिहार में प्रवेश करने से पहले यात्रा उत्तर दिनाजपुर जिले के इस्लामपुर के लिए रवाना होगी. यात्रा ने बुधवार को असम से बंगाल में प्रवेश किया था और दो दिन के अवकाश से पहले कूच बिहार जिले से होकर गुजरी थी.

यात्रा 67 दिनों में 6,713 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली है. यह यात्रा 20 या 21 मार्च को मुंबई में समाप्त होने से पहले 15 राज्यों के 110 जिलों से होकर गुजरेगी.



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Sunday, January 28, 2024

बोइंग के शीर्ष अधिकारी ने मैक्स 9 की समस्या पर माफी मांगी, समाधान का किया वादा

वाशिंगटन: विमान कंपनी बोइंग के एक शीर्ष अधिकारी ने अलास्का एयरलाइंस की उड़ान के बीच में दरवाजे का प्लग फटने से हुई समस्याओं के लिए माफी मांगी है. साथ ही उन्होंने विमान के तकनीक को बेहतर करने का वादा किया है.

बोइंग की वाणिज्यिक विमान इकाई के सीईओ स्टेन डील की टिप्पणियां शुक्रवार को आईं, जैसे ही अलास्का ने अपने 737 मैक्स 9 विमानों को सेवा में वापस करना शुरू किया. स्टेन डील ने कर्मचारियों को लिखे एक नोट में लिखा, "हमारा ध्यान गुणवत्ता में सुधार करने पर है. ताकि हम अपने ग्राहकों, हमारे नियामक और जनता का विश्वास फिर से हासिल कर सकें. हमें अपने ग्राहकों के लिए महत्वपूर्ण व्यवधान और निराशा के लिए गहरा खेद है.

उन्होंने आगे कहा, "हमें बेहतरीन हवाई जहाज उपलब्ध कराने होंगे." घटना के बाद के हफ्तों में, डील ने कहा कि "गुणवत्ता और नियंत्रण को मजबूत करने के लिए" कई कदम उठाए गए हैं. उनमें गुणवत्ता जांच के नए स्तर जोड़ना और बोइंग की सुरक्षा और गुणवत्ता प्रथाओं की स्वतंत्र समीक्षा की निगरानी के लिए एक सेवानिवृत्त नौसेना एडमिरल, किर्कलैंड डोनाल्ड को नियुक्त करना शामिल था.

स्टेन डील के अनुसार, इस सप्ताह, 737 मैक्स उत्पादन पर काम करने वाले 10,000 बोइंग कर्मचारियों ने सुरक्षा सुधार के तरीकों पर चर्चा करने के लिए एक दिन के लिए अपना काम रोक दिया. बता दें कि अमेरिकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने 5 जनवरी की घटना के बाद 171 MAX 9 विमानों को रोक दिया, जिसमें उड़ान के बीच में दरवाजे का प्लग फट गया था. हालांकि कोई भी गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ, निरीक्षकों ने कहा है कि यह घटना भयावह हो सकती थी.

अमेरिकी परिवहन सुरक्षा बोर्ड (एनटीएसबी) घटना की जांच कर रहा है और अगले सप्ताह अपने निष्कर्षों पर रिपोर्ट देने की उम्मीद है.



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कालापानी और सुस्ता के अलावा भारत के साथ कोई सीमा विवाद नहीं : नेपाल के विदेश मंत्री

काठमांडू: नेपाल और भारत के सीमा विवाद को दोनों देशों के बीच ‘‘एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा'' बनाने के बजाय इसे ‘‘बातचीत के माध्यम से सौहार्दपूर्ण तरीके'' से हल किया जा सकता है क्योंकि दोनों देश साझी संस्कृति में एक साथ बंधे हुए हैं. नेपाल के विदेश मंत्री एन.पी. सऊद ने शनिवार को यह बात कही. सऊद शुक्रवार को मनाए गए भारत के 75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर यहां नेपाल-भारत मैत्री सोसायटी द्वारा आयोजित एक संवाद कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे.

नेपाल को नयी दिल्ली के लिए एक महत्वपूर्ण देश माना जाता है क्योंकि यह पांच भारतीय राज्यों - सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के साथ 1,850 किलोमीटर से अधिक की सीमा साझा करता है.

काठमांडू द्वारा 2020 में एक नया राजनीतिक मानचित्र प्रकाशित करने के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव आ गया था. इस मानचित्र में तीन भारतीय क्षेत्रों - लिम्पियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख - को नेपाल के हिस्से के रूप में दिखाया गया था. भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे ‘‘एकतरफा कृत्य'' बताया और काठमांडू को आगाह किया कि क्षेत्रीय दावों का ऐसा ‘‘कृत्रिम विस्तार'' उसे स्वीकार्य नहीं होगा.

सऊद ने कहा, ‘‘चूंकि, नेपाल और भारत के बीच 1,800 किलोमीटर से अधिक लंबी मुक्त सीमा है, इसलिए दोनों पड़ोसियों के बीच सीमा से संबंधित कुछ विवाद और बहस अपरिहार्य है. लेकिन, दोनों देशों की संयुक्त तकनीकी समिति ने अधिकांश विवादों को सुलझा लिया है.'' उन्होंने कहा, ‘‘सुस्ता और कालापानी-लिपुलेख ही दो सीमा बिंदु हैं, जिन्हें हल करने की जरूरत है.'' विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘दोनों देश एक साथ बैठकर बातचीत के जरिए मतभेदों को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझा सकते हैं.''

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69th Filmfare Award: जाह्नवी कपूर ब्लैक गाउन में दिखीं गजब, आप भी कहेंगे पहले नहीं देखा ऐसा लुक

आज यानी 27 जनवरी की रात फिल्म इंडस्ट्री के लिए काफी अहम है क्योंकि आज 69वें फिल्म फेयर अवॉर्ड की कर्टेन रेजर नाइट है. इस इवेंट के रेड कार्पेट पर फिल्म स्टार्स के एक से बढ़कर एक लुक देखने को मिले. हमने ये अपडेट आप तक पहुंचाने के लिए फिल्म फेयर का इंस्टाग्राम अकाउंट खंगाला तो स्टार्स के शानदार लुक दिखे.

1- सबसे पहले जाह्नवी कपूर की. बॉलीवुड की ब्यूटी क्वीन शांतनु निखिल के डिजाइनर ब्लैक गाउन में दिखीं.

2- जरीन खान ने रेड क्रॉप टॉप के साथ कोट और लॉन्ग स्कर्ट पहने दिखीं. उनका हाई बन इस लुक की हाईलाइट था.

3- करन जौहर का क्लासिक लुक काफी इंप्रेसिव लगा. उन्होंने ब्लैक के साथ गोल्ड मिक्स किया था. स्टाइल के मामले में वैसे भी वो एक कदम आगे ही रहते हैं.

4- मिर्जापुर की माधुरी भाभी यानी ईशा तलवार व्हाइट गाउन में दिखीं. उनका लुक भी काफी इंप्रेसिव लग रहा था.

5- करिश्मा तन्ना का बैकलेस गाउन काफी स्टाइलिश लगा. उन्होंने भी पैपराजी को पोज देने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

6- अपारशक्ति खुराना सिंपल और स्टाइलिश लुक में नजर आए. इस नाइट के लिए उनका लुक एक दम परफेक्ट रहा.



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Saturday, January 27, 2024

ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर वाले लोगों की हो सकती है जल्दी मौत, अध्ययन में सामने आया चौकाने वाला आंकड़ा

स्वीडन में कारोलिंस्का इंस्टिट्यूट के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक हालिया अध्ययन में लाइफ एक्सपेक्टेंसी ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (ओसीडी) के चिंताजनक प्रभाव के बारे में बताया गया है. अध्ययन से पता चला कि ओसीडी वाले व्यक्तियों में समय से पहले मृत्यु होने की संभावना 82 प्रतिशत ज्यादा है, जिसमें प्राकृतिक और अप्राकृतिक दोनों कारण शामिल हैं. जिसमें प्राकृतिक और अप्राकृतिक दोनों कारण शामिल हैं. हालांकि पहले किए गए शोध में ओसीडी वाले व्यक्तियों में बढ़ी हुई मृत्यु दर की पहचान की गई थी, लेकिन इसमें योगदान देने वाले स्पेसिफिक फेक्टर्स की पूरी तरह से जांच नहीं की गई थी. जिससे पता चलता है कि ओसीडी वाले व्यक्तियों में समय से पहले मौत के कारणों का ठीक से पता लगाया गया है.

ओसीडी, जो लगभग 2 प्रतिशत आबादी को प्रभावित करती है. यह डिसऑर्डर डेली लाइफ को प्रभावित करता है, रिश्तों, सामाजिक जुड़ाव और डेली कामकाज को प्रभावित करता है.

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चार दशकों (1973-2020) तक चले शोध में ओसीडी से पीड़ित 61,378 व्यक्तियों के एक ग्रुप की तुलना डिसऑर्डर के बिना 613,780 के कंट्रोल ग्रुप से की गई.

ओसीडी वाले व्यक्ति 69 साल की औसत आयु में समय से पहले मृत्यु का शिकार हो जाते हैं, जबकि डिसऑर्डर के बिना उनके काउंटरपार्ट 78 साल की औसत आयु तक जीवित रहते हैं. ये निष्कर्ष मेंटल वेलबीइंग पर इसके प्रभाव से परे, ओसीडी से जुड़े प्रभावों की आगे की जांच की अरजेंसी पर जोर देते हैं.

अध्ययन के निष्कर्ष में, शोधकर्ताओं ने लिखा कि इस जनसंख्या-बेस्ड मिलान वाले ग्रुप और भाई-बहन के ग्रुप स्टडी में नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज और सुसाइड और दुर्घटनाओं सहित मृत्यु के बाहरी कारण, ओसीडी वाले लोगों में मृत्यु के जोखिम में प्रमुख थे.

ओसीडी वाले लोगों में घातक परिणामों को कम करने के लिए बेहतर निगरानी, ​​रोकथाम और तुरंत इलाज पर ध्यान दिया जाना चाहिए.



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Friday, January 26, 2024

असम में नाटकीय घटनाक्रमों, आरोप-प्रत्यारोप का गवाह बनी कांग्रेस की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा'

गुवाहाटी: कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा' ने बृहस्पतिवार को असम का अपना पड़ाव पूरा कर लिया. राज्य में आठ दिनों तक चली यह यात्रा नाटकीय घटनाक्रमों से भरी रही तथा राहुल गांधी और मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के बीच तीखे आरोप-प्रत्यारोप भी देखने को मिले. राहुल गांधी ने यात्रा की शुरुआत में ही शर्मा को ‘‘भारत का सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री'' करार दिया और फिर शर्मा द्वारा पलटवारा किए जाने के बाद इस यात्रा को लेकर सुर्खियां बनीं.

असम में यात्रा के दाखिल होने के साथ ही उस वक्त इसे रुकावटों का सामना करना पड़ा जब जोरहाट और धेमाजी में रात्रि विश्राम के लिए दो सार्वजनिक मैदानों की अनुमति रद्द दी गई. कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाया और भाजपा के नेतृत्व वाली असम सरकार पर ‘‘अलोकतांत्रिक रवैया'' अपनाने का आरोप लगाया.

‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के दौरान उस वक्त नाटकीय घटनाक्रम को देखने को मिला जब 22 जनवरी को राहुल गांधी को असम के नौगांव जिले में वैष्णव संत श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान की ओर जाने से रोक दिया गया था. उसी दिन अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित हुआ था.

धार्मिक स्थल पर जाने से रोके जाने के बाद राहुल गांधी वहां धरने पर बैठ गए थे. गत 18 जनवरी को जब यात्रा नागालैंड से असम में दाखिल हुई तो राहुल गांधी ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा और आरोप लगाया कि राज्य में शायद देश की ‘‘सबसे भ्रष्ट सरकार'' और ‘‘सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री'' हैं. इसके बाद शर्मा ने पलटवार करते हुए गांधी परिवार को देश का ‘‘सबसे भ्रष्ट परिवार' बताया.

यात्रा के दौरान असम में राहुल गांधी और कांग्रेस के कई अन्य नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की गई. ‘जय श्री राम' के नारे लगाते हुए कई लोग राहुल गांधी के करीब पहुंच थे. कांग्रेस का कहना था कि ये लोग भाजपा से जुड़े थे और यात्रा को बाधित करना चाहते थे.

जोरहाट में यात्रा का मार्ग बदले जाने को लेकर राहुल गांधी की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले केबी बायजू, असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख भूपेन कुमार बोरा और कुछ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. जोरहाट पुलिस ने नामित आरोपी व्यक्तियों को नोटिस जारी कर दिया है और उन्हें 31 जनवरी को उसके सामने पेश होने के लिए कहा है.

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने आरोप लगाया कि 20 जनवरी को लखीमपुर के जिला मुख्यालय उत्तरी लखीमपुर शहर में उपद्रवियों द्वारा कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हमला किया गया, उनके वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया और यात्रा के सभी होर्डिंग्स और पोस्टरों को नष्ट कर दिया गया.

बोरा को 21 जनवरी को कुछ अज्ञात लोगों ने मुक्का मारा था, जिससे उनकी नाक से खून बहने लगा था, जबकि एक अन्य घटना में पार्टी के केंद्रीय नेता जयराम रमेश की कार पर भी सोनितपुर जिले में हमला किया गया था.

कांग्रेस और प्रदेश सरकार के बीच विवाद उस वक्त और गहरा गया गया जब राहुल गांधी और अन्य वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुलिस अवरोध हटा दिए. इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प भी हुई. इस मामले में राहुल गांधी और कई अन्य कांग्रेस नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई.



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बंगाल में चुनाव अकेले लड़ने संबंधी टीएमसी के फैसले से त्रिकोणीय चुनावी मुकाबले का मार्ग प्रशस्त

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने के तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के फैसले से त्रिकोणीय चुनावी मुकाबले का मार्ग प्रशस्त हो गया है. इस मुकाबले में टीएमसी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने वोट समर्थन को बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं, जबकि कांग्रेस-वाम गठबंधन, टीएमसी और भाजपा के वोटों में सेंध लगाने की क्षमता रखता है, खासकर अल्पसंख्यक बहुल इलाकों और कम अंतर वाली सीट पर.

विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (इंडिया) को बड़ा झटका देते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री औऱ टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने बुधवार को घोषणा की थी कि उनकी पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव राज्य में अकेले लड़ने का फैसला किया है.

लोकसभा में टीएमसी नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा, ‘‘हम गठबंधन चाहते थे लेकिन कांग्रेस इस प्रक्रिया में देरी कर रही थी. कांग्रेस को ममता बनर्जी और टीएमसी को बंगाल में मुकाबले का नेतृत्व करने देना चाहिए था. टीएमसी के पास (अब) खोने के लिए कुछ नहीं है. हम बंगाल में भाजपा को हराने के लिए काफी मजबूत हैं.''

टीएमसी नेताओं ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि पश्चिम बंगाल में ‘इंडिया' गठबंधन के टूटने के चुनावी फायदे और नुकसान दोनों हैं. टीएमसी के एक नेता ने कहा, ‘‘वर्ष 2019 में पश्चिम बंगाल में वाम और कांग्रेस गठबंधन टूटने के बाद, चतुष्कोणीय मुकाबला हुआ था और राज्य में टीएमसी विरोधी वोट भाजपा के पक्ष में चले गये थे. त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति में एक बार फिर टीएमसी विरोधी वोटों का बंटवारा होगा.''

उन्होंने कहा कि त्रिकोणीय मुकाबला भाजपा को कुछ सीट पर अवसर प्रदान कर सकता है, खासकर अल्पसंख्यक वोट विभाजित होने पर. टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘अल्पसंख्यक बहुल सीट पर, वाम-कांग्रेस गठबंधन कुछ इलाकों में सिरदर्द बन सकता है, जैसा कि हमने 2023 में सागरदिघी उपचुनाव के दौरान देखा था जब वाम-कांग्रेस गठबंधन ने सीट जीती थी. लेकिन इस बार हमें उम्मीद है कि अल्पसंख्यक टीएमसी को वोट देंगे क्योंकि हम राज्य में सबसे मजबूत भाजपा विरोधी ताकत हैं.''

टीएमसी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य में 22 सीट, कांग्रेस ने दो और भाजपा ने 18 सीट जीती थीं. भाजपा नेता दिलीप घोष ने ‘इंडिया' गठबंधन को अधिक महत्व देने से इनकार करते हुए कहा, 'बंगाल के लोग जानते हैं कि वह केवल भाजपा ही है जो टीएमसी के खिलाफ लड़ाई में लगातार बनी हुई है.''

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि ‘इंडिया' गठबंधन के हिस्से के रूप में टीएमसी-कांग्रेस गठबंधन भाजपा से मुकाबला करने के लिए बेहतर स्थिति में होता. राजनीतिक विश्लेषक बिश्वनाथ चक्रवर्ती ने कहा कि वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में टीएमसी और भाजपा दोनों को फायदा होगा. उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस-वाम गठबंधन भले ही सीट जीतने में सक्षम न हो, लेकिन इससे जीत या हार में फर्क जरूर पड़ेगा.''
 



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Thursday, January 25, 2024

आसमान में बेहद नजदीक आ गए अचानक 2 प्लेन, पहले कभी नहीं देखा होगा Parallel Landing का ये नजारा

Parallel Landing Video: रनवे पर क्या कभी आपने एक साथ दो-दो प्लेन को लैंड करते हुए देखा है. ऐसा बहुत ही मुश्किल से होता है. आमतौर पर एटीसी यानी कि एयर ट्रैफिक कंट्रोलर इस बात का ध्यान रखते हैं कि, दो प्लेन का रुख एक ही तरफ न हो. आसमान भले ही बेहद विशाल हो, लेकिन दो प्लेन कभी एक ट्रैक पर नहीं होना चाहिए. न ही एक एयरपोर्ट से एक बार में दो प्लेन टेक ऑफ या लैंड करना चाहिए, लेकिन दुनिया का एक रनवे ऐसा भी है जहां एक साथ दो प्लेन लैंड करते हैं. वो भी आगे पीछे हो कर नहीं, बल्कि दोनों ऑलमोस्ट पैरलल यानी कि एक बराबर ही नजर आते हैं.

वायरल हुआ वीडियो

वैसे तो प्लेन की लैंडिंग का ये वीडियो कुछ पुराना है, लेकिन एक बार फिर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में दो प्लेन एक साथ रनवे पर आते हुए नजर आते हैं. इंस्टाग्राम यूजर nickflightx ने इस वीडियो को पोस्ट किया है. इस वीडियो को देखते हुए एक बार को तो ऐसा भी फील होता है कि, दोनों प्लेन बिल्कुल बराबर में हों और आपस में टकरा भी सकते हैं, लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता. दोनों प्लेन एक साथ उड़ते हुए जमीन की तरफ आते हैं और एक ही साथ लैंड भी करते हैं. इन दोनों में से एक प्लेन यूनाइटेड एयरलाइन्स और एक प्लेन अलास्का एयरलाइन्स का है. इंस्टाग्राम अकाउंट के कैप्शन के मुताबिक, दोनों प्लेन 28L और 28R पर साइड बाय साइड लैंड करते हैं. ऐसा दुनियाभर में सिर्फ सैन फ्रांसिस्को इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ही होता है.

यहां देखें वीडियो

दोनों में लग रही है रेस

इस शानदार वीडियो को देख यूजर भी हैरान हो रहे हैं, जिसकी वजह से खबर लिखे जाने तक वीडियो के व्यूज 2.1 मिलियन तक पहुंच चुके थे. एक यूजर ने लिखा कि, मैं शर्त लगा सकता हूं कि दोनों पायलट रेस लगा रहे हैं. एक यूजर ने लिखा कि, वो इस फ्लाइट में बैठ चुके हैं, ये एक शानदार नजारा होता है. एक यूजर ने जानकारी दी कि, कोहरा होने पर यहां फ्लाइट एक एक करके ही लैंड करती हैं.



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Wednesday, January 24, 2024

शिवसेना ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को संभव बनाया: संजय राउत

Ram Mandir: शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने मंगलवार को कहा कि भगवान राम के साथ उनकी पार्टी का रिश्ता सबसे पुराना और भावनात्मक रूप से गहरा रहा है. उन्होंने दावा किया कि अगर उनकी पार्टी नहीं होती तो अयोध्या में स्थित मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा संभव नहीं हो पाती.

राज्यसभा सदस्य ने यहां पार्टी के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “भगवान राम से हमारा बहुत पुराना नाता है. भगवान राम से शिवसेना का नाता बेहद भावनात्मक है. ये किसी व्यक्ति या किसी पार्टी का नहीं है. अगर भगवान राम से सबसे पुराना नाता किसी का है तो वो शिवसेना का है.'

राउत ने दावा किया, “ अगर शिवसेना नहीं होती तो भगवान राम (अयोध्या स्थित मंदिर में मूर्ति) की प्राण प्रतिष्ठा नहीं हो पाती. शिवसेना के ‘टाइगर्स' (कार्यकर्ताओं) ने साहस दिखाया और इसी कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा कर सके.”

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में सोमवार को एक कार्यक्रम में अयोध्या मंदिर में रामलला की नई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई. राम जन्मभूमि आंदोलन में योगदान को लेकर शिव सेना (यूबीटी) और भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के बीच तीखी जुबानी जंग पिछले लंबे समय से जारी है.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महाराष्ट्र इकाई ने आंदोलन में योगदान को लेकर शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे, उनके बेटे आदित्य और राउत पर हमला किया है. दूसरी ओर, शिवसेना (यूबीटी) बाबरी मस्जिद को गिराने का श्रेय लेती है.

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भव्य राम मंदिर बनने से अयोध्या में पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा : उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री

Uttar Pradesh Tourism: उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने मंगलवार को कहा कि भगवान राम के दर्शन के लिए प्रतिदिन लगभग एक लाख श्रद्धालुओं के अयोध्या आने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि यह शहर दुनिया का सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थल बनने के लिए तैयार है.

सिंह ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि राज्य के छह शहरों से हेलीकॉप्टर सेवाएं शुरू होने, अयोध्या में 37 प्राचीन मंदिरों का संरक्षण जल्द पूरा होने और अयोध्या हवाई अड्डे के विस्तार के साथ पर्यटकों की आमद कई गुना बढ़ने वाली है.

ब्रोकरेज जेफ़रीज़ ने अपनी एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 10 अरब अमेरिकी डॉलर खर्च करके नये हवाई अड्डे, पुनर्निर्मित रेलवे स्टेशन, टाउनशिप और बेहतर सड़क संपर्क के साथ अयोध्या का कायाकल्‍प होने से नए होटलों और अन्य आर्थिक गतिविधियों में कई गुना वृद्धि होगी. इससे हर साल पांच करोड़ से अधिक पर्यटक आकर्षित हो सकते हैं.

इस रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर पर्यटन मंत्री ने कहा कि प्रति वर्ष पांच करोड़ से अधिक पर्यटक निश्चित रूप से अयोध्‍या आएंगे. तीर्थ नगरी में पर्यटकों की आमद के बारे में पर्यटन विभाग के अनुमान के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा, 'हमारा अनुमान है कि अयोध्या में प्रतिदिन एक लाख से अधिक पर्यटक आते हैं और इसे ध्यान में रखते हुए व्यवस्थाएं की जा रही हैं.'

अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में प्रति वर्ष अनुमानित साढे़ तीन करोड़ लोग आते हैं, जबकि तिरूपति मंदिर में ढाई से तीन करोड़ लोग आते हैं. विश्व स्तर पर वेटिकन सिटी में हर साल लगभग 90 लाख पर्यटक आते हैं और सऊदी अरब में हज के दौरान लगभग दो करोड़ पर्यटक आते हैं.

पर्यटन मंत्री ने कहा, ''निश्चित रूप से अयोध्या न केवल देश बल्कि पूरी दुनिया में सबसे अधिक मांग वाला गंतव्य होगा.'' उन्होंने राम मंदिर के उद्घाटन के एक दिन बाद कहा कि मंगलवार को अयोध्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जबरदस्त है क्योंकि यह ऐतिहासिक क्षण है जो 500 साल के इंतजार के बाद आया है.

सिंह ने कहा, ‘‘26 जनवरी के बाद अयोध्‍या में जब रेल यातायात फिर से शुरू होगा तो आगंतुकों की संख्या और भी ज्‍यादा बढ़ेगी. एक भक्त अपने परिवार के लिए प्रसाद, भोजन और ठहरने पर 2000-2500 रुपये खर्च कर रहा है. इससे जबर्दस्‍त राजस्व पैदा होने वाला है.''

उन्होंने कहा, ‘‘अगले दो-तीन वर्षों में सिर्फ अयोध्या से ही सरकार को अधिकतम राजस्व मिलेगा. मैं तीन साल इसलिए कह रहा हूं क्योंकि एक परियोजना शुरू करने, उसे मंजूरी मिलने और कार्यान्वयन में इतना समय लगता है.'' सिंह ने बताया कि 26 जनवरी के बाद पर्यटन विभाग कम से कम छह जिलों-लखनऊ, वाराणसी, मथुरा, आगरा, गोरखपुर और प्रयागराज से अयोध्‍या के लिये हेलीकॉप्टर सेवा भी शुरू करने जा रहा है.

मंत्री ने कहा, राम मंदिर ही नहीं, अयोध्या में 37 प्राचीन मंदिरों के जीर्णोद्धार का काम चल रहा है, जो रामलला के दर्शन के लिए आने वाले पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र होंगे. इस क्षेत्र में कई छोटे होटलों, रिजॉर्ट्स और होमस्टे के निवेश के साथ अयोध्या होटल उद्योग के लिए एक नये केंद्र के रूप में उभर रहा है.

इसके अलावा, अच्छे राजमार्ग और सड़कें, भगवान राम के जीवन को दर्शाती दीवार पेंटिंग, और कलात्मक बिजली के खंभों से सजा एक भव्य प्रवेश द्वार अयोध्या के आकर्षण को बढ़ाता है. अयोध्या के मंडलायुक्त गौरव दयाल के मुताबिक वैश्विक निवेश शिखर सम्मेलन के दौरान अयोध्या में पर्यटन के लिए करीब 18,000 करोड़ रुपये के 102 आशय समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रसिद्ध होटल ब्रांड अयोध्या में अपनी शाखाएं स्थापित कर रहे हैं और शहर में वर्तमान में लगभग 50 प्रमुख होटल निर्माण परियोजनाएं चल रही हैं. वर्तमान में, अयोध्या में पर्यटन से संबंधित 4000 करोड़ रुपये की 126 परियोजनाएं कार्यान्वयन के लिए तैयार हैं.

मंडलायुक्‍त ने बताया कि लगभग 50 प्रसिद्ध होटलों ने बड़े पैमाने की परियोजनाओं के लिए अयोध्या में निवेश किया है और उनकी इमारतों का निर्माण कार्य चल रहा है. इन होटलों में ताज, मैरियट, जिंजर, ओबेरॉय, ट्राइडेंट और रेडिसन शामिल हैं. इनका निर्माण जल्द ही पूरा हो जाएगा और ये चालू हो जाएंगे.



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सिर्फ 54 एटम्स मिलाकर वैज्ञानिकों ने बना दी दुनिया की सबसे मजबूत गठान, तोड़ दिया गिनीज बुक में दर्ज रिकॉर्ड

दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने मिलकर दुनिया की सबसे छोटी और सबसे मजबूत गठान बना दी है. इस उपलब्धि के बाद गिनीज बुक में दर्ज रिकॉर्ड भी टूट गया है. न्यू साइंटिस्ट के मुताबिक, ये गठान सोने की बनी है, जिसमें धागे एक के ऊपर एक तीन बार एक दूसरे को क्रॉस करते हैं. इस तरह के स्ट्रक्चर को trefoil knot कहते हैं. हैरानी की बात ये है कि, ये पूरा स्ट्रक्चर सिर्फ 54 एटम्स यानी कि अणु से बना हुआ है, जिसमें गोल्ड के भी छह एटम शामिल हैं. इस पर बेस्ड एक स्टडी नेचर नाम के जर्नल में भी पब्लिश हुई है.

ऐसे लगी गठान

दुनिया की सबसे मजबूत और छोटी गठान को लगाने के लिए रिसर्चर्स ने कार्बन रिंग से लिंक दो गोल्ड एटम को दूसरे लिक्विड से मिलाया, जिसमें फास्फोरस के एटम्स की दो पेयर दूसरे प्रपोर्शन की कार्बन रिंग से लिंक थीं. रिसर्च टीम के हेड Richard Puddephatt ने आउटलेट को बताया कि, इस गठान के लिए उन्होंने बहुत से कॉम्बिनेशन ट्राई किए, जिसमें Gold Acetylides और Phosphine ligands भी शामिल थे. साइंस अलर्ट के मुताबिक, नोट यानी की गठान का शेप तीन पत्तियों वाले लौंग की तरह नजर आता है, जो मैथेमेटिक्स नॉट थ्योरी के अनुसार है.

बन गया रिकॉर्ड

आउटलेट ने इस नॉट के बारे में ये भी लिखा है कि, वैज्ञानिकों ने अचानक ही इस नॉट को बना लिया है. आउटलेट का दावा है कि Richard Puddephatt किसी और प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे. वो और उनकी टीम मेटल acetylides क्रिएट करने में व्यस्त थी, जिसके अलग अलग स्ट्रक्चर को कंबाइन किया जा रहा था. इस काम को करते-करते अचानक टीम ने trefoil knot बना दी, जबकि वो गोल्ड चेन बनाने वाले थे. इससे पहले सबसे छोटी मॉलिक्यूलर नॉट साल 2020 में बनी थी, जिसके नाम रिकॉर्ड भी दर्ज है. ये नॉट 69 एटम्स को मिलाकर बनाई गई थी.
 



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2024 की जंग में पिछड़ों का मसीहा कौन? PM मोदी ने 'कर्पूरी कार्ड' से INDIA अलायंस को कर दिया बेचैन

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर ( Karpoori Thakur) को इस साल 'भारत रत्न' (मरणोपरांत) से सम्मानित किया जा रहा है. कर्पूरी ठाकुर बिहार में 2 बार मुख्यमंत्री और एक बार उप-मुख्यमंत्री रहे. उन्हें दबे-कुचलों और पिछड़े वर्गों के हितों की वकालत करने के लिए जाना जाता है. लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) से पहले 'भारत रत्न' (Bharat Ratna)का ऐलान करके भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने विपक्षी दलों के INDIA अलायंस को बेचैन कर दिया है. इसे मोदी सरकार का 'मास्टर स्ट्रोक' माना जा रहा है. मरणोपरांत कर्पूरी ठाकुर को 'भारत रत्न' देने का ऐलान करके मोदी सरकार ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार के EBC (अति पिछड़ा वर्ग) कार्ड पर भी बड़ा दांव खेला है. ऐसे में 2024 की जंग से पहले OBC वर्ग के 'हमदर्द' को लेकर भी बहस छिड़ गई है.

बिहार के सीएम नीतीश कुमार कई मौकों पर कर्पूरी ठाकुर के लिए 'भारत रत्न' की मांग कर चुके हैं. आइए समझते हैं कि कर्पूरी ठाकुर के लिए 'भारत रत्न' के ऐलान को INDIA अलायंस के खिलाफ बीजेपी का मास्टरस्ट्रोक कैसे माना जा रहा है:-

"हिटलर" बिगाड़ेगा काम? AAP संग सीट शेयरिंग पर बात के बीच कांग्रेस ने क्यों साधा निशाना

चुनाव से पहले ही विपक्ष को पटखनी की कोशिश
दरअसल, बिहार के 'जननायक' कर्पूरी ठाकुर की बुधवार (24 जनवरी) को 100वीं जयंती है. इससे ठीक पहले ही मोदी सरकार ने 'भारत रत्न' के लिए कर्पूरी ठाकुर के नाम का ऐलान किया. दिक्कत ये है कि बीजेपी को घेरने के लिए INDIA अलायंस का कोई भी दल 'भारत रत्न' के ऐलान का विरोध नहीं कर सकेगा. नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव तो ऐसा कतई नहीं करेंगे. अगर उन्होंने मोदी सरकार के इस कदम का विरोध किया, तो चुनाव से पहले OBC वोटर्स की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है. 

गौर करने वाली बात ये है कि खुद नीतीश कुमार हाल में कई मौकों पर कर्पूरी ठाकुर के लिए 'भारत रत्न' की मांग कर चुके हैं. बेशक नीतीश ने EBC और OBC वोटर्स को साधने के लिए ये मांग की हो, लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने उनकी इस मांग को मानकर सारा क्रेडिट ले लिया. 

कर्पूरी ठाकुर को 'भारत रत्न' से सम्मानित करने का मोदी सरकार फैसला वैसे हर तरह से बीजेपी के लिए हितकारी ही साबित होता दिख रहा है:-

बिहार के सबसे बड़ा OBC चेहरा
कर्पूरी ठाकुर को बिहार का जननायक कहा जाता है. वो बिहार के सबसे बड़े OBC चेहरे भी थे. उन्होंने हर वर्ग के लिए काम किया. कर्पूरी ठाकुर ने कई ऐसे फैसले लिए जो न सिर्फ बिहार में बल्कि देश में मिसाल बने. उन्होंने देश में सबसे पहले पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिया. देश में सबसे पहले महिलाओं और आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को आरक्षण देने का क्रेडिट भी कर्पूरी ठाकुर को जाता है. बता दें कि बाद में ये फैसला खत्म कर दिया गया था.

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कर्पूरी ठाकुर की विरासत में हिस्सेदारी की कोशिश
बिहार के दिग्गज नेता लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार कर्पूरी ठाकुर की ही पाठशाला के छात्र रहे हैं. दोनों ने कर्पूरी ठाकुर से ही राजनीति के गुर सीखे थे. जनता दल यूनाइटेड और राष्ट्रीय जनता दल उनपर अपना एकाधिकार मानती आई है.
ऐसे में कर्पूरी ठाकुर के लिए देश के सबसे बड़े सम्मान का ऐलान करके बीजेपी ने चुनाव से पहले OBC वर्ग को टारगेट तो किया ही है, इसके साथ ही कर्पूरी ठाकुर की विरासत में हिस्सेदारी की कोशिश भी की है. इसके लिए बीजेपी पहली बार कर्पूरी ठाकुर के नाम पर समारोह आयोजित कर रही है.

बिहार के वोट बैंक को किया टारगेट
माना जाता है कि बिहार की राजनीति में कर्पूरी ठाकुर की विरासत वोट बैंक के रूप में 36 प्रतिशत से अधिक है. ये सभी अति पिछड़ी जातियों से हैं. इनके बल पर ही लालू प्रसाद 15 साल शासन में रहे. इसी आबादी के दम पर नीतीश कुमार बिहार की राजनीति में बने हुए हैं. अति पिछड़ी आबादी को नीतीश कुमार की सबसे बड़ी राजनीतिक पूंजी मानी जाती है, जिसे बीजेपी ने टारगेट किया है.

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नीतीश कुमार का गेम किया 'हाइजैक'
दरअसल, बिहार में 2023 के जाति आधारित गणना के बाद नीतीश कुमार ने अति पिछड़ी जातियों का आरक्षण कोटा बढ़ा दिया. ऐसा करके नीतीश कुमार ने खुद का 'अति पिछड़ा वर्ग का मसीहा' बताने की कोशिश की. लेकिन बीजेपी के इस ऐलान के बाद नीतीश कुमार की बेचैनी जरूर बढ़ गई होगी.

बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं. 2 अक्टूबर 2023 को बिहार सरकार ने जातीय गणना की रिपोर्ट जारी की थी. इसके मुताबिक राज्य में 27.12% पिछड़ा वर्ग और 36% आबादी अत्यंत पिछड़ा वर्ग की है. दोनों को जोड़ दें तो इनकी संख्या 63% हो गई है. दूसरी तरफ मौजूदा समय में बिहार में अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) को 18% और पिछड़ा (OBC) को 12% आरक्षण दिया जा रहा है. यानी EBC और OBC को मिलाकर 30% के रिजर्वेशन का प्रावधान है.

जनता से सीधा संवाद
मोदी सरकार का यह कदम बिहार की जनता से एक तरह से सीधा संवाद है. मोदी सरकार ने एक बार फिर संदेश देने की कोशिश की है कि उसकी राजनीति हर वर्ग के लिए है. किसी भी नेक शख्स का काम भुलाया नहीं जाएगा. समय आने पर सबको एक समान मौका मिलेगा और सम्मान भी.



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Tuesday, January 23, 2024

राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्‍याय यात्रा 29 जनवरी को बिहार में करेगी प्रवेश 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा'' 29 जनवरी को बिहार में प्रवेश करेगी और तीन दिनों में चार जिलों से गुजरेगी. बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय ‘सदाकत आश्रम' में सोमवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) प्रेम चंद्र मिश्रा ने कहा कि राहुल गांधी 29 जनवरी को पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से बिहार के किशनगंज जिले पहुंचेंगे और लोगों से बातचीत करने के साथ-साथ एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे .

उन्होंने बताया कि राहुल गांधी किशनगंज में रात्रि विश्राम के बाद अगले दिन 30 जनवरी को पूर्णिया और उसके बाद 31 जनवरी को कटिहार जिला जाएंगे जहां वे जनसभाओं को भी संबोधित करेंगे तथा उसके बाद वे फिर से पश्चिम बंगाल लौट जाएंगे .

मिश्रा ने कहा, “ राहुल जी यात्रा के क्रम में पूर्णिया और कटिहार जिला में आयोजित की जाने वाली रैलियों में भाग लेने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद सहित महागठबंधन के अन्य सहयोगी दलों को निमंत्रण भेजा गया है और वे आने के लिए सहमत हो गए हैं.

लालू पूर्णिया या कटिहार में होंगे शामिल : मिश्रा 

राजद प्रमुख लालू प्रसाद को भेजे गए ईडी के समन के मद्देनजर उनके रैली में शामिल होने को लेकर संशय के बारे में पूछे जाने पर मिश्रा ने कहा कि वे अपनी उपलब्धता के अनुसार पूर्णिया या कटिहार में होने वाली रैली में शामिल होंगे .

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लालू प्रसाद को रेलवे में नौकरी के बदले कथित भूमि घोटाले के संबंध में पूछताछ के लिए 29 जनवरी को पटना में अपने कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा है. वहीं उनके बेटे एवं बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को इसी मामले में 30 जनवरी को पेश होने के लिए कहा है. यह मामला तब का है जब लालू प्रसाद रेल मंत्री थे.

भाकपा और माकपा नेताओं को भी बुलाया 

मिश्रा ने कहा कि महागठबंधन में शामिल अन्य सहयोगी दलों-- भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य और भाकपा एवं माकपा नेताओं को भी रैली में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है और वे यात्रा को अपना समर्थन देने के लिए सहमत हो गए हैं.

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Monday, January 22, 2024

प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले अयोध्या में सुरक्षा के कड़े इंतजाम, चप्पे-चप्पे पर रहेगी पैनी नजर

अयोध्या में सोमवार को होने वाले राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है, जिसमें 10,000 सीसीटीवी कैमरे लोगों की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं और सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी भी निगरानी के लिए तैनात किये गये हैं. अयोध्या में धर्मपथ और रामपथ से लेकर, जहां भक्तों की भारी भीड़ देखी जा रही है, वहीं हनुमानगढ़ी इलाके की गलियों और अशर्फी भवन रोड तक, पुलिसकर्मियों को सड़कों पर गश्त करते देखा जा सकता है.

उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की टीम ने भी शनिवार को अयोध्या में गश्त की थी. शहर के लगभग हर प्रमुख चौराहे पर कंटीले तारों के साथ चलते-फिरते अवरोधक देखे जा सकते हैं, क्योंकि पुलिसकर्मी उनका उपयोग विशेष रूप से अति विशिष्ट जनों के आने-जाने के दौरान यातायात को नियंत्रित करने के लिए करते हैं.

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सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं

उप्र के पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने हाल में कहा था कि ''22 जनवरी को होने वाला 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह एक ऐतिहासिक कार्यक्रम होने जा रहा है. इसके लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने संपूर्ण क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं और इसके साथ ही हर सड़क पर सुरक्षा सुनिश्चित की गई है.''

अयोध्या में कार्यक्रम स्थल पर बेहतर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है.

कुमार ने कहा, 'इसके लिए पूरे अयोध्या जिले में 10,000 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. इनमें से कुछ सीसीटीवी कैमरों में हम एआई-आधारित तकनीक का उपयोग कर रहे हैं ताकि हम यात्रियों पर कड़ी निगरानी रख सकें.'

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सरयू नदी के किनारे भी सुरक्षा बढ़ाई गई

कार्यक्रम स्थल पर सादे लिबास में बहुभाषी दक्ष पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह भी कहा कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीमों की मदद से सरयू नदी के किनारे भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

उन्होंने कहा, 'हम अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय कर रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय और अंतरराज्यीय सीमा पर जांच चल रही है. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने और अतिरिक्त भीड़ को हटाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करेगी.'

इसके पहले अयोध्या में ड्रोन की तैनाती के बारे में विस्तार से बताते हुए सुरक्षा मुख्यालय के पुलिस अधीक्षक (एसपी) गौरव बंसवाल ने बताया था कि वहां एक एंटी-ड्रोन प्रणाली स्थापित की जा रही है . उन्होंने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य आसपास उड़ने वाले किसी भी अनधिकृत ड्रोन का पता लगाना है, जो तुरंत इसके टेक-ऑफ और गंतव्य बिंदु को बताएगा.

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एसपी ने कहा, 'इसकी खासियत यह है कि यह किसी भी ड्रोन को आसानी से अपने नियंत्रण में ले सकता है, जिससे इसका रिमोट रखने वाले व्यक्ति का इस पर कोई नियंत्रण नहीं रह जाएगा. यह (अवांछित ड्रोन) तब हमारे नियंत्रण में होगा और हम इसे जहां चाहें वहां उतार सकते हैं.'

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राहुल गांधी 22 जनवरी को वैष्णव संत शंकरदेव के जन्मस्थान पर जायेंगे : कांग्रेस

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को अयोध्या में रामलला विग्रह के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के दौरान वैष्णव संत श्रीमंत शंकरदेव की जन्मस्थली बोर्दोवा थान का दौरा करने से बचने की असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के परामर्श पर कांग्रेस ने रविवार को जोर देकर कहा कि गांधी की यात्रा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जारी रहेगी. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि गांधी अपनी पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार असम के नागांव जिले में बोर्दोवा थान का दौरा करेंगे. उन्होंने आग्रह किया कि 'इस पर कोई राजनीति नहीं की जानी चाहिए'.

गांधी मणिपुर से मुंबई तक 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' का नेतृत्व कर रहे हैं और यह यात्रा 18 जनवरी को असम पहुंची थी और यह 25 जनवरी तक प्रदेश में रहेगी. कार्यक्रम के अनुसार, यात्रा रविवार को नागांव पहुंचेगी और रात में वहीं रुकेगी तथा अगली सुबह वहां से आगे के लिये प्रस्थान करेगी.

गांधी के साथ यात्रा में शामिल रमेश ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यात्रा का मार्ग 3-4 सप्ताह पहले तय किया गया था और कार्यक्रम के अनुसार, हम 22 जनवरी को नागांव में होंगे.''

उन्होंने कहा, 'हमें लगता है कि यह जरूरी है कि हम बोर्दोवा थान का दौरा करें, क्योंकि हम नागांव से गुजर रहे हैं. यह महान समाज सुधारक श्रीमंत शंकरदेव का जन्मस्थान है, जिनका जीवन आज भी करोड़ों लोगों को प्रेरित करता है.' कांग्रेस नेता ने कहा, 'इस पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए था. इस पर कोई राजनीति नहीं की जानी चाहिए.'

उन्होंने बताया कि गांधी सोमवार सुबह थान का दौरा करेंगे और उसके बाद दिन में आगे की यात्रा शुरू करेंगे. उन्होंने कहा कि इस दौरान वह पड़ोसी मेघालय में प्रवेश करने से पहले मोरीगांव जिले से गुजरेंगे.

यह यात्रा पड़ोसी राज्य मेघालय की एक छोटी यात्रा के बाद असम लौट आएगी. शर्मा ने रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि गांधी को 22 जनवरी को बोर्दोवा थान जाने से बचना चाहिए, क्योंकि भगवान राम और राज्य में एक प्रतीक के रूप में प्रतिष्ठित मध्ययुगीन वैष्णव संत के बीच कोई प्रतिस्पर्धा नहीं हो सकती है. उन्होंने यह भी कहा कि सोमवार को यात्रा के दौरान अल्पसंख्यक बहुल इलाकों के संवेदनशील मार्गों पर कमांडो तैनात किये जायेंगे.

उन्होंने कहा, 'हम राहुल गांधी से अनुरोध करेंगे कि वह सोमवार को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान बोर्दोवा थान न जाएं, क्योंकि इससे असम की गलत छवि बनेगी.' रमेश ने शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि गांधी 22 जनवरी को वैष्णव संत शंकरदेव के जन्मस्थान जाएंगे.

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Sunday, January 21, 2024

चेहरे पर कंबल डालकर बेलन से मारा, पोते ने दोस्‍त के साथ मिलकर की दादी की हत्‍या, ऐसे खुला राज

दिल्‍ली (Delhi) के जीटीबी एनक्‍लेव इलाके में एक 17 साल के लड़के ने अपनी दादी की हत्‍या कर दी. पुलिस के मुताबिक, हत्‍या का खुलासा उस वक्‍त हुआ जब महिला के पति को अलमारी में रखे 14 हजार रुपये गायब मिले. उन्‍होंने अपने पोते से पूछताछ की तो उसने रोते हुए दादी की हत्‍या करने का खुलासा किया और बताया कि उसने एक दोस्‍त के साथ मिलकर अपनी दादी की हत्‍या कर दी. पुलिस ने बुजुर्ग की शिकायत पर हत्‍या का केस दर्ज कर लिया है. पुलिस ने बुजुर्ग के पोते और उसके दोस्‍त को पकड़ लिया है.

शाहदरा के डीसीपी सुरेंद्र चौधरी के मुताबिक, 19 जनवरी को एक बुजुर्ग पुलिस थाने पहुंचे और उन्‍होंने बताया कि वो अपनी 77 साल की पत्नी हरप्यारी के साथ रहते थे. 18 जनवरी की दोपहर करीब सवा दो बजे उनका 17 साल का पोता उनके घर आया. इस दौरान वह अपनी पत्‍नी और पत्नी को घर पर छोड़कर अपनी वृद्धावस्था पेंशन लेने के लिए सुंदर नगरी चले गए. शाम करीब चार बजे जब वह वापस आया तो उन्‍होंने अपनी पत्नी को बिस्तर पर पड़ा हुआ पाया. 

बुजुर्ग ने बताया कि उन्होंने अपने पोते से चाय बनाने को कहा, तभी उन्‍होंने देखा कि उनकी पत्नी बेहोश है. वह तुरंत उसे जीवन ज्योति अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. फिर वो घर वापस गए और अपने सभी रिश्तेदारों को बुलाया. थोड़ी देर बाद जब उन्होंने अपनी अलमारी की जांच की तो उसमें रखे 14 हजार रुपए गायब मिले. शक होने पर उन्‍होंने पोते से पूछताछ की तो उसने रोते हुए बताया कि उसने अपने दोस्त के साथ मिलकर हरप्यारी की हत्या कर दी है, क्योंकि वे अलमारी से पैसे चुराना चाहते थे. 

पोते ने लौटाए चुराए गए पैसे 

पुलिस के मुताबिक, पोते ने अपने दादा को बताया कि जब आप पेंशन लेने गए थे तो उसने अपने दोस्त को बुलाया, जो नीचे इंतजार कर रहा था. दोनों ने हरप्यारी पर कम्बल डाला और बेलन से मारा, जिससे वह बेहोश हो गई. इसी दौरान उन्‍होंने पैसे चुरा लिए. शाम लगभग 4 बजे जब शिकायतकर्ता वापस आए तो उसका दोस्त  बाथरूम में छिप गया और जब शिकायतकर्ता अंदर गए तो वो भाग गया. चुराए गए पैसे शिकायतकर्ता को उसके पोते द्वारा वापस कर दिए गए हैं. 

पहले भी कई बार पैसे चुरा चुका है नाबालिग : पुलिस 

बुजुर्ग का पोता और उसका दोस्‍त दोनों एक ही स्कूल में 9वीं कक्षा में पढ़ते हैं. पुलिस के मुताबिक, नाबालिग पहले भी कई बार पैसे चोरी कर चुका है. 

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