Saturday, January 27, 2024

ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर वाले लोगों की हो सकती है जल्दी मौत, अध्ययन में सामने आया चौकाने वाला आंकड़ा

स्वीडन में कारोलिंस्का इंस्टिट्यूट के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक हालिया अध्ययन में लाइफ एक्सपेक्टेंसी ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (ओसीडी) के चिंताजनक प्रभाव के बारे में बताया गया है. अध्ययन से पता चला कि ओसीडी वाले व्यक्तियों में समय से पहले मृत्यु होने की संभावना 82 प्रतिशत ज्यादा है, जिसमें प्राकृतिक और अप्राकृतिक दोनों कारण शामिल हैं. जिसमें प्राकृतिक और अप्राकृतिक दोनों कारण शामिल हैं. हालांकि पहले किए गए शोध में ओसीडी वाले व्यक्तियों में बढ़ी हुई मृत्यु दर की पहचान की गई थी, लेकिन इसमें योगदान देने वाले स्पेसिफिक फेक्टर्स की पूरी तरह से जांच नहीं की गई थी. जिससे पता चलता है कि ओसीडी वाले व्यक्तियों में समय से पहले मौत के कारणों का ठीक से पता लगाया गया है.

ओसीडी, जो लगभग 2 प्रतिशत आबादी को प्रभावित करती है. यह डिसऑर्डर डेली लाइफ को प्रभावित करता है, रिश्तों, सामाजिक जुड़ाव और डेली कामकाज को प्रभावित करता है.

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चार दशकों (1973-2020) तक चले शोध में ओसीडी से पीड़ित 61,378 व्यक्तियों के एक ग्रुप की तुलना डिसऑर्डर के बिना 613,780 के कंट्रोल ग्रुप से की गई.

ओसीडी वाले व्यक्ति 69 साल की औसत आयु में समय से पहले मृत्यु का शिकार हो जाते हैं, जबकि डिसऑर्डर के बिना उनके काउंटरपार्ट 78 साल की औसत आयु तक जीवित रहते हैं. ये निष्कर्ष मेंटल वेलबीइंग पर इसके प्रभाव से परे, ओसीडी से जुड़े प्रभावों की आगे की जांच की अरजेंसी पर जोर देते हैं.

अध्ययन के निष्कर्ष में, शोधकर्ताओं ने लिखा कि इस जनसंख्या-बेस्ड मिलान वाले ग्रुप और भाई-बहन के ग्रुप स्टडी में नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज और सुसाइड और दुर्घटनाओं सहित मृत्यु के बाहरी कारण, ओसीडी वाले लोगों में मृत्यु के जोखिम में प्रमुख थे.

ओसीडी वाले लोगों में घातक परिणामों को कम करने के लिए बेहतर निगरानी, ​​रोकथाम और तुरंत इलाज पर ध्यान दिया जाना चाहिए.



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