प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद मालदीव के मंत्रियों के अपमानजनक बयान को लेकर भारत और मालदीव में राजनयिक विवाद के बीच आंकड़ों से पता चला है कि इस द्वीपीय देश में आने वाले पर्यटकों में सर्वाधिक संख्या भारतीयों की रही है और कोविड-19 महामारी के बाद से हर साल दो लाख से अधिक भारतीय मालदीव जा रहे हैं. मालदीव के पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में 2.03 लाख से अधिक भारतीयों ने इस द्वीपीय देश की यात्रा की.
साल 2022 में यह संख्या 2.4 लाख से अधिक थी
साल 2022 में यह संख्या 2.4 लाख से अधिक थी और 2021 में 2.11 लाख से अधिक भारतीयों ने मालदीव की यात्रा की. मालदीव उन कुछ देशों में शामिल है जो महामारी के दौरान अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए खुले रहे और उस दौरान करीब 63,000 भारतीयों ने मालदीव को पर्यटन के लिए चुना था.
हालांकि, मालदीव की सरकार के तीन मंत्रियों द्वारा प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी किए जाने के बाद भारतीयों के लिए यह पसंदीदा गंतव्य देश अब आलोचना का सामना कर रहा है.
सोशल मीडिया पर ऐसे पोस्ट देखे गए जिनमें दावा किया गया कि विवाद को देखते हुए कुछ भारतीय मालदीव की अपनी निर्धारित यात्राएं रद्द कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर हैशटैग ‘‘बॉयकॉट मालदीव्स'' भी ट्रेंड कर रहा था.
मालदीव के तीन उप मंत्रियों - मालशा शरीफ, मरियम शिउना और अब्दुल्ला महज़ूम माजिद ने प्रधानमंत्री मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद ‘एक्स' पर उनकी आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि नई दिल्ली इस केंद्रशासित प्रदेश को मालदीव के वैकल्पिक पर्यटन स्थल के रूप में पेश करने का प्रयास कर रही है.
इसके बाद मालदीव की सरकार ने तीनों को निलंबित कर दिया. विवाद के बीच, अमिताभ बच्चन, सलमान खान, अक्षय कुमार और सचिन तेंदुलकर जैसी हस्तियों ने रविवार को लोगों से अपील की कि भारतीय द्वीपों और तटीय गंतव्यों पर छुट्टी बिताएं.
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