प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) जनरल अनिल चौहान ने सोमवार को कहा कि चीन का उदय और इस देश से सटी अस्थिर सीमाएं निकट भविष्य में भारत और उसके सशस्त्र बलों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी रहेगी. चीन के उदय और दुनिया पर इसके प्रभाव के विषय पर रणनीतिक और सुरक्षा परिचर्चा को संबोधित करते हुए जनरल चौहान ने विवादित सीमाओं से संबंधित सभी टकराव बिंदुओं पर चीनी सेना के साथ दक्षतापूर्वक निपटने की आवश्यकता पर जोर दिया.
जनरल चौहान ने कहा कि सभी विवादित सीमाओं की तरह, विरोधी द्वारा नए तथ्य, टॉपोनिमी (स्थान के नामों का अध्ययन), नक्शे में छेड़छाड़ या एक नया विमर्श बनाने की प्रवृत्ति बरकरार रहेगी. उन्होंने कहा, ‘‘इसका फिर से हम सभी को सभी स्तरों पर सामूहिक रूप से मुकाबला करना होगा, जिसमें शिक्षाविद, विचारक और रणनीतिकार शामिल हैं.''
पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ लगभग चार साल से जारी सीमा विवाद की पृष्ठभूमि में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 12 मार्च को कहा था कि इस अवधि के दौरान के "तनाव" से दोनों देशों में से किसी को भी कुछ भी हासिल नहीं हुआ. जयशंकर ने कहा कि भारत "निष्पक्ष और उचित समाधान" खोजने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन ये कुछ ऐसा हो, जो समझौतों का सम्मान करता हो और वास्तविक नियंत्रण रेखा को मान्यता देता हो.
from NDTV India - Latest https://ift.tt/XfQmgr8
No comments:
Post a Comment