भाजपा (BJP) के मुख्य रणनीतिकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) मंगलवार को महाराष्ट्र के दौरे पर रहेंगे. इस दौरान शाह सहयोगी दल शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट के साथ मतभेद दूर करने की कोशिश करेंगे. शिंदे गुट 2019 की तरह ही महाराष्ट्र की 42 सीटों में से 22 सीटों की अपने लिए मांग कर रहा है, जिसने शिवसेना के तत्कालीन प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ टकराव पैदा कर दिया था. हालांकि पिछले कुछ सालों से राज्य में बड़े भाई की स्थिति का आनंद ले रही भाजपा इतनी सीटें देने के लिए तैयार नहीं है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजित पवार गुट के शामिल होने से मामले में कोई सुधार नहीं हुआ है और वे 10 सीटों की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं.
सूत्रों का कहना है कि महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से भाजपा 30 पर अपने उम्मीदवारों को उतारना चाहती है, जबकि शिवसेना को 12 सीटें और एनसीपी को छह सीटें मिल सकती हैं. हालांकि अभी तक सीट बंटवारे को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है, क्योंकि सभी पार्टियां एक मत नहीं हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए को 400 और भाजपा को अकेले 370 सीटों का टारगेट दिया है. भाजपा जानती है कि इस आंकड़े तक पहुंचने के लिए महाराष्ट्र महत्वपूर्ण है. पार्टी को सहयोगियों को साथ लेकर चलते हुए सभी बदलावों और संयोजनों को संतुलित करना होगा.
समस्या विदर्भ, उत्तरी महाराष्ट्र और मराठवाड़ा क्षेत्रों की कुछ सीटों को लेकर है, जहां तीनों सहयोगी दल अपने-अपने दावे कर रहे हैं.
भाजपा और शिवसेना नेताओं के अलग-अलग बयान
इसलिए समन्वय की जबरदस्त कमी के बीच भाजपा और शिवसेना नेताओं को पिछले हफ्ते राज्य की दो महत्वपूर्ण सीटों - अमरावती और रत्नागिरी सिंधुदुर्ग (विदर्भ, कोकण क्षेत्र) में आमने-सामने होना पड़ा, जहां शिवसेना के पूर्व सांसद आनंद राव अडसुल ने अमरावती से दावा ठोका है, वहीं बीजेपी इस सीट से मौजूदा सांसद नवनीत राणा को मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है.
केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के एक बयान ने शिवसेना के खेमे में बेचैनी को और बढ़ा दिया है. राणे ने कहा है कि भाजपा रत्नागिरी सिंधुदुर्ग सीट से चुनाव लड़ेगी. पूर्व कांग्रेसी राणे ने 2019 में भाजपा में अपने महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष का विलय कर दिया था.
भाजपा भी अमरावती की मौजूदा निर्दलीय सांसद नवनीत राणा के समर्थन में सामने आई है, जिनके बारे में कहा जाता है कि वे भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगी. भाजपा के वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा, ''नवनीत राणा हमारी सहयोगी सदस्य हैं, उन्होंने पिछले पांच वर्षों में एनडीए का समर्थन किया है, इसलिए वह हमारे साथ रहेंगी.''
इस बीच, शिवसेना के पूर्व सांसद आनंद राव अडसुल ने ऑन रिकॉर्ड कहा, "शिवसेना-बीजेपी गठबंधन में यह सीट हमारी है, इसमें कोई सवाल नहीं है. इस सीट पर केवल शिवसेना ही चुनाव लड़ेगी."
सीट बंटवारे को लेकर पहली बैठक कल
एनसीपी की चाही गई लिस्ट में कुछ सीटें ऐसी हैं, जहां से भाजपा या शिवसेना के सांसद हैं. इस मामले में माधा और गढ़चिरौली (भाजपा) और बुलढाणा, हिंडोली (शिंदे गुट) शामिल हैं.
एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि भाजपा 30 सीटें चाहती हैं और कल की बैठक में अपने विचार रखेगी. उन्होंने कहा, "कल होने वाली बैठक सीट बंटवारे को लेकर पहली बैठक होगी. बैठक में अमित शाह, देवेंद्र फड़णवीस, अजित पवार और एकनाथ शिंदे मौजूद रहेंगे."
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