Tuesday, October 31, 2023

पैपराजी को पोज देने के चक्कर में गिरते-गिरते बचीं गौहर खान, वीडियो हुआ वायरल

गौहर खान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में उनके साथ एक एक्सिडेंट होते होते बचा. अगर वो जरा भी इधर-उधर चोट भी आ सकती थी लेकिन वो समय पर संभल गईं और इस वजह से एक्सिडेंट भी टल गया. दरअसल वो शूटिंग के लिए सेट पर थीं और काम खत्म करके वैनिटी वैन की तरफ जा रही थीं. वहां पैपराजी भी मौजूद थे और उन्हें जाता हुआ देख तस्वीरें क्लिक करने लगे. गौहर पैपराजी से बात करते हुए पीछे देखते हुए चल रही थीं इतने में अचानक हील्स की वजह से उनका पैर डिस्बैलेंस हुआ...लेकिन गौहर ने बड़े ही तरीके से खुद को संभाल लिया और गिरने से बच गईं.

उन्हें देखकर वहां मौजूद लोग भी हैरान रह गए क्योंकि हर किसी को यही डर था कि कहीं वो गिर ना जाएं. इस वीडियो को पैपराजी ने ऊप्स मोमेंट के तौर पर शेयर किया. इस पर एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा, ये बहुत ही नॉर्मल है. सबके साथ होता है...इसमें ऊप्स वाली क्या बात हुई. एक ने लिखा, लोग ऐसे कमेंट कर रहे हैं जैसे कि खुद कभी बैलेंस बिगड़ा ही ना हो. एक ने लिखा, क्या ये पोस्ट जरूरी थी ?

वर्कफ्रंट पर बात करें तो गौहर खान हाल में टाइगर श्रॉफ की गणपथ में नजर आई थीं. इसके अलावा साल 2022 में वो बेस्टसेलर, साल्टसिटी और शिक्षा मंडल नाम की वेब सीरीज में नजर आई थीं. पर्सनल लाइफ की बात करें तो गौहर खान ने साल 2020 में इस्माइल दरबार से शादी की और साल 2023 में इस कपल के घर गुड न्यूज आई और गौहर ने एक बेटे को जन्म दिया.



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Monday, October 30, 2023

100 साल तक जीना है तो आज से ये 3 चीजें खाना छोड़ दीजिए, फिर हर कोई पूछेगा आपकी उम्र का राज

Secret Of Long Life: लंबी उम्र (long life) की चाहत हर किसी को होती है. दुनिया में ऐसे कई लोग होते हैं जो लंबी उम्र पाते हैं 100 साल से अधिक जीते हैं. उसमें से एक महिला है मार्टा फेनवर्ग (martha fainberg) जिनकी उम्र 100 साल से अधिक है. जब उनसे पूछा गया उन्होंने लंबी उम्र कैसे पाई, तो उनका कहना है कि वह कुछ भी ऐसा अलग नहीं करती है बस कुछ बातों का ध्यान रखती है. उन्होंने कुछ चीजों को अपनी डाइट में शामिल किया है और कुछ चीजों को खाना बंद किया है. इससे उनकी लाइफस्टाइल बिल्कुल हेल्दी हो गई है. चलिए जानते हैं क्या है मार्टा के लंबी सेहत का राज.

ब्यूटी एक्सपर्ट शहनाज हुसैन से जानिए चेहरे पर किन चीजों को लगाने से शीशे की तरह चमकने लगेगी आपकी Skin

लंबी उम्र के लिए क्या करना चाहिए ? What to do for Long Life

ब्रेड आलू को कहा बाय

अपने वेट लॉस के लिए मार्टा ने आलू और ब्रेड खाना बंद कर दिया. कैलोरी का सेवन भी कम करती हैं. रोजाना  1500 सटेप्स अभी भी चलती हैं और साइकिलिंग जैसे एक्सरसाइज करती हैं.

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वेजिटेरियन बन गईं

लंबे समय से मार्टा ने रेड मीट खाना बंद कर दिया पूरी तरह से वेजिटेरियन हो गई हैं. पनीर और लो कैलोरी फूड खाकर खुद को मेंटेन रखती हैं. उनकी ये डाइट है जो उनको अब तक फिट रखे हुए हैं. 

रूटीन में ट्रैवलिंग है शामिल 

मार्टा को ट्रैवलिंग करना बहुत पसंद है. खाली समय मिलते ही वह घूमने के लिए निकल जाती हैं. शादी से बचने के लिए भी उन्होंने घूमना शुरू किया था.

नमक खाना किया कम

30 वर्ष के आसपास से मार्टा ने नमके खाना कम कर दिया. उन्होंने खाने पर कंट्रोल करने शुरू किया क्योंकि उन्हें हेल्थ इश्यूज का सामना करना पड़ा था.

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                                                                                                        (प्रस्तुति - रौशनी सिंह)

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.



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Sunday, October 29, 2023

विधानसभा चुनावों के लिए विपक्षी दलों में मतभिन्नता, लेकिन लोकसभा चुनाव साथ लड़ने पर सहमति : शरद पवार

मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को स्वीकार किया कि कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव संयुक्त रूप से लड़ने पर विपक्षी दलों में अलग-अलग राय है, लेकिन यह भी एक विचार है कि सभी को साथ मिलकर 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ना चाहिए. पवार ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि (नवंबर में पांच राज्यों में होने जा रहे) विधानसभा चुनावों के रुझान से पता चलता है कि स्थिति विपक्ष के लिए अनुकूल है, लेकिन उनके पास यह टिप्पणी करने के लिए कोई प्रामाणिक जानकारी नहीं है कि राष्ट्रीय स्तर पर (सरकार में) क्या कोई बदलाव होगा.

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और पंजाब सहित ज्यादातर राज्यों में सरकार नहीं है. पवार ने कहा, ‘‘हमारे कुछ विचार हैं. (विपक्षी दलों में से ) ज्यादातर की राय यह है कि सबको संसदीय चुनाव में (भाजपा नीत राजग के खिलाफ) एकजुट होना चाहिए. विधानसभा (राज्यों में विधानसभा चुनावों) के लिए, हम लोगों के बीच मतभिन्नता है.'' उन्होंने उल्लेख किया कि ऐसे राज्य हैं, जहां कांग्रेस एक महत्वपूर्ण पार्टी है, तो कुछ राज्यों में क्षेत्रीय दल भी हैं, जिसके चलते इन मुद्दों को बातचीत करके सुलझाया जाना चाहिए.

पवार ने कहा, ‘‘लेकिन ऐसा करते हुए, राज्यों के विधानसभा चुनावों में यह उतना आसान नहीं है, जितना कि लोकसभा चुनावों में है. हमारे सहयोगियों का निश्चित रूप से ऐसा विचार है कि हमें लोकसभा चुनावों के लिए एक साथ आना होगा. कुछ राज्यों के चुनावों में मुश्किलें हैं. लेकिन लोकसभा (चुनावों) के लिए, यह सोच है कि हमें साथ मिल कर काम करना चाहिए.''

विपक्षी दलों के गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) के एक प्रमुख नेता पवार ने ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस का उदाहरण दिया, जो पश्चिम बंगाल में प्रभावी रूप से मजबूत पार्टी है, लेकिन वाम दलों या कांग्रेस को दरकिनार नहीं किया जा सकता. पवार ने कहा कि लोग उनसे 28 पार्टियों के गठबंधन ‘इंडिया' के काम में तेजी लाने का आग्रह कर रहे हैं, जिसका मतलब है कि इस पर अधिक काम करना होगा.

इस महीने की शुरूआत में, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि कांग्रेस को उनकी पार्टी के साथ ‘विश्वासघात' नहीं करना चाहिए और यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह (कांग्रेस) उसके साथ गठजोड़ करना चाहती है या नहीं. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारा समझौता नहीं हो पाने के बाद विपक्षी गठबंधन के दोनों सहयोगी दलों के बीच यह घटनाक्रम देखने को मिला था. मध्य प्रदेश में, 230 सदस्यीय विधानसभा चुनाव कांग्रेस अकेले लड़ रही है. राज्य में 17 नवंबर को मत डाले जाएंगे.



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फिलिस्तीनियों के नरसंहार के लिए पश्चिमी ताकतें मुख्य अपराधी : तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन

Israel-Hamas War: तुर्की (Turkey) के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन (Recep Tayyip Erdogan) ने गाजा में इजरायली सेना के फिलिस्तीनियों के "नरसंहार" के लिए पश्चिमी ताकतों को "मुख्य अपराधी" बताया. तुर्की के नेता एर्दोगन अपने दो दशक के शासन के दौरान फिलिस्तीनियों के अधिकारों के प्रबल समर्थक रहे हैं.

गत सात अक्टूबर को हमास के आतंकवादियों ने इजरायल पर अचानक हमला करके चकित कर दिया था. उन्होंने 220 से अधिक बंधकों को पकड़ लिया था और 1400 से अधिक लोगों की हत्या कर दी थी. इस पर एर्दोगन ने संतुलित रुख अपनाया था लेकिन इजरायल के जवाबी हमले में मरने वालों की तादाद बढ़ने से वे अधिक मुखर हो गए हैं.

गाजा में हमास द्वारा नियंत्रित स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इजरायली हमलों में 7703 लोग मारे गए. इनमें मुख्य रूप से आम नागरिक थे, जिनमें से 3500 से अधिक बच्चे थे.

रेसेप तैयप एर्दोगन की इस्लामी-जड़ वाली पार्टी ने शनिवार को इस्तांबुल में फिलिस्तीन के समर्थन में एक विशाल रैली का आयोजन किया. तुर्की के नेता एर्दोगन के मुताबिक इसमें 15 लाख लोगों की भीड़ इकट्ठी हुई. इसमें मंच से उन्होंने इजरायल और उसके पश्चिमी समर्थकों पर तीखा हमला बोला.

एर्दोगन ने तुर्की और फिलिस्तीनी झंडे लहरा रही भीड़ से कहा, "गाजा में हो रहे नरसंहार के पीछे मुख्य अपराधी पश्चिम है." उन्होंने कहा कि, "अगर हम कुछ ईमानदार आवाजों को छोड़ दें... गाजा में नरसंहार पूरी तरह से पश्चिम का काम है."

एर्दोगन ने कहा कि इजरायल एक "युद्ध अपराधी" की तरह व्यवहार कर रहा है. उन्होंने कहा कि, "बेशक हर देश को अपनी रक्षा करने का अधिकार है, लेकिन इस मामले में न्याय कहां है?"

उन्होंने पश्चिमी शक्तियों पर यूक्रेन में नागरिकों की मौत पर "आंसू बहाने" और गाजा में फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत पर आंखें मूंद लेने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ''हम इन सभी दोहरे मानदंडों और इन सभी पाखंडों के खिलाफ हैं.''

एर्दोगन ने इजरायल के सहयोगियों पर ईसाइयों को मुसलमानों के खिलाफ खड़ा करने के लिए "धर्म युद्ध का माहौल" बनाने का आरोप लगाया. राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा, "बातचीत के लिए हमारे आह्वान को सुनें. न्यायसंगत शांति से कोई नहीं हारता."

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Saturday, October 28, 2023

कनाडा ने ग्लोबल स्टूडेंट्स को धोखाधड़ी से बचाने के लिए वेरिफिकेशन प्रोसेस में किया बदलाव

कनाडा (Canada) ने दुनिया भर से कनाडा जाने वाले छात्रों (Students) को धोखाधड़ी से बचाने के लिए कई उपायों का ऐलान किया है. इसके लिए किए गए प्रमुख बदलाव किए गए हैं. अब पोस्ट-सेकेंडरी डिजेगनेटेड लर्निंग इंस्टीट्यूशनों (DLI) को एक दिसंबर से शुरू होने वाले स्टडी परमिट (Study Permit) जारी करने से पहले एक नई वेरिफिकेशन प्रोसेस के जरिए प्रत्येक आवेदक के स्वीकृति पत्र की पुष्टि करने की जरूरत होगी.

कनाडा सरकार ने एक बयान में कहा है कि देश अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए एक टॉप डेस्टिनेशन च्वाइस है, लेकिन उन्हें कनाडा के इंटरनेशनल स्टूडेंट प्रोग्राम में कुछ गंभीर चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा है.

कनाडा की ओर से यह घोषणा भारत द्वारा यात्रा दस्तावेज की चार श्रेणियों में छात्रों के लिए वीज़ा फिर से खोलने के कुछ दिनों बाद की गई है. खालिस्तानी तत्वों के खिलाफ कनाडा की कथित निष्क्रियता के कारण संबंधों में खटास आने के बाद भारत ने कनाडा से वीजा सेवाएं बंद कर दी थीं.

कनाडा के इमिग्रेशन मिनिस्टर मार्क मिलर ने एक बयान में कहा कि नई प्रक्रिया अंतरराष्ट्रीय छात्रों को उन समस्याओं से बचने में मदद करेगी जिनका सामना कुछ ने इस साल की शुरुआत में धोखाधड़ी की जांच किए जाने पर किया था. इसके जरिए अब यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि स्टडी परमिट केवल वास्तविक स्वीकृति पत्रों के आधार पर जारी किए जाएं.

साल 2024 में समाप्त होने वाले सेमेस्टर के समय आईआरसीसी पोस्ट-सेकेंडरी डीएलआई को लाभ पहुंचाने के लिए एक "मान्यता प्राप्त संस्थान" फ्रेमवर्क को अपनाएगा. इससे अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए सेवाओं, समर्थन और नतीजों के लिए उच्च मानक निर्धारित किए जाते हैं. कनाडाई सरकार ने कहा, इन डीएलआई को जोड़ने से लाभ होगा. 

कनाडा बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी ने इस साल की शुरुआत में लगभग 700 भारतीय छात्रों को निर्वासन पत्र जारी किए थे. इनमें से ज्यादातर छात्र पंजाब से थे. उनके कनाडाई विश्वविद्यालयों में एडमीशन के लिए प्रवेश पत्र फर्जी थे.

अधिकांश छात्र 2018 में कनाडा पहुंचे थे. हालांकि दावा किया गया कि फर्जी पत्रों का मुद्दा पांच साल बाद ही सामने आया जब उन्होंने स्थायी निवास के लिए आवेदन किया.

यह मुद्दा कनाडाई संसद में भी गूंजा था. वहां प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि उनका ध्यान "दोषियों की पहचान करने पर है न कि पीड़ितों को दंडित करने पर." 



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Friday, October 27, 2023

जीवनसाथी के जीवित होने पर दूसरी शादी के लिए पहले अनुमति लेनी होगी: असम सरकार

असम सरकार ने अपने कर्मचारियों को जीवनसाथी के जीवित रहने पर किसी अन्य से शादी करने से रोक दिया है और दूसरा विवाह करने पर दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है. कार्मिक विभाग के कार्यालय पत्र में कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है कि यदि पति या पत्नी जीवित है तो किसी अन्य से शादी करने से पहले सरकार की अनुमति लेनी होगी. इसमें तलाक के मानदंड के बारे में उल्लेख नहीं किया गया है. पत्र में कहा गया, ‘‘कोई भी सरकारी कर्मचारी, जिसकी पत्नी जीवित है, सरकार की अनुमति के बिना दूसरी शादी नहीं करेगा, भले ही उस पर लागू होने वाले पर्सनल लॉ के तहत दूसरी शादी की अनुमति हो.''

पत्र में कहा गया है कि इसी तरह, कोई भी महिला सरकारी कर्मचारी जिसका पति जीवित है, सरकार की अनुमति के बिना दूसरी शादी नहीं करेगी. यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है. अधिसूचना कार्मिक अतिरिक्त मुख्य सचिव नीरज वर्मा ने 20 अक्टूबर को जारी की थी, लेकिन बृहस्पतिवार को इसका पता चला. इसमें कहा गया है कि दिशानिर्देश असम सिविल सेवा (आचरण) नियमावली 1965 के नियम 26 के प्रावधानों के अनुसार जारी किए गए हैं.

आदेश में कहा गया है, ‘‘उपरोक्त प्रावधानों के संदर्भ में, अनुशासनात्मक प्राधिकारी अनिवार्य सेवानिवृत्ति सहित जुर्माना लगाने के लिए तत्काल विभागीय कार्यवाही शुरू कर सकता है.'' आदेश में इस तरह की प्रथा को एक सरकारी कर्मचारी की ओर से घोर कदाचार करार दिया गया, जिसका समाज पर बड़ा असर पड़ता है. कार्यालय पत्र में अधिकारियों से ऐसे मामले सामने आने पर आवश्यक कानूनी कदम उठाने के लिए कहा गया है.
 

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Thursday, October 26, 2023

स्कूली किताबों में "इंडिया" की जगह लिखा जाएगा "भारत"? जानें NCERT ने क्या कहा

नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) की किताबों में जल्द ही इंडिया की जगह भारत लिखा नजर आ सकता है. NCERT अपने सिलेबस में नई शिक्षा नीति के तहत बदलाव कर रहा है. इसके लिए 19 सदस्यों की एक कमेटी बनाई गई थी. इस कमेटी ने ही देश का नाम इंडिया के बजाय भारत लिखने का सुझाव दिया है. साथ ही सिलेबस से प्राचीन इतिहास को हटाकर क्लासिकल हिस्ट्री को और हिंदू योद्धाओं की जीत की कहानियों को शामिल करने की सिफारिश की है. हालांकि, एनसीईआरटी के अध्यक्ष दिनेश सकलानी ने कहा कि समिति की सिफारिशों पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है.

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कमेटी के अध्यक्ष सीआई आईजैक ने 25 अक्टूबर को बताया कि भारत का जिक्र विष्णु पुराण जैसे ग्रंथों में है, जो 7 हजार साल पुराने हैं. इंडिया नाम आमतौर पर ईस्ट इंडिया कंपनी और 1757 के प्लासी के युद्ध के बाद इस्तेमाल होना शुरू हुआ. ऐसे में देश के लिए भारत नाम का ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए.

आईजैक ने NCERT के सिलेबस में क्लासिकल हिस्ट्री शामिल करने के पीछे तर्क दिया- 'अंग्रेजों ने भारतीय इतिहास को प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक में बांट दिया. प्राचीन इतिहास बताता है कि देश अंधेरे में था, उसमें वैज्ञानिक जागरूकता नहीं थी. हमारा सुझाव है कि बच्चों को मध्यकाल और आधुनिक इतिहास के साथ-साथ क्लासिकल हिस्ट्री भी पढ़ाई जानी चाहिए.'

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उन्होंने कहा कि कमेटी ने सिलेबस में विभिन्न संघर्षों में “हिंदू विजय गाथाओं” पर जोर देने के लिए कहा है. आईजैक ने कहा, “सिलेबस में हमारी विफलताओं का उल्लेख किया गया है, लेकिन मुगलों और सुल्तानों पर हमारी विजयों का नहीं.”

एनसीईआरटी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप स्कूली सिलेबस में बदलाव कर रहा है. परिषद ने हाल ही में इन कक्षाओं के लिए पाठ्यक्रम, पाठ्यपुस्तकों और शिक्षण सामग्री को अंतिम रूप देने के लिए 19 सदस्यीय राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शिक्षण सामग्री समिति (एनएसटीसी) का गठन किया था.

इस कमेटी के अन्य सदस्यों में आईसीएचआर के अध्यक्ष रघुवेंद्र तंवर, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की प्रोफेसर वंदना मिश्र, डेक्कन कॉलेज डीम्ड विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति वसंत शिंदे और हरियाणा के एक सरकारी स्कूल में समाजशास्त्र पढ़ाने वाली ममता यादव शामिल हैं.

भारत नाम पहली बार आधिकारिक तौर पर तब सामने आया जब सरकार ने हाल में नयी दिल्ली में हुए जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' के बजाय “प्रेसिडेंट ऑफ भारत” के नाम से निमंत्रण भेजा था.

सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नाम पट्टिका पर भी इंडिया के बजाय 'भारत' लिखा गया. आइजक ने कहा कि समिति ने पाठ्यपुस्तकों में विभिन्न लड़ाइयों में “हिंदुओं की विजयों” पर प्रकाश डालने के लिए कहा है.
 

सीबीएसई ने 12वीं तक भारतीय भाषाओं में शिक्षा के लिए स्कूलों को भेजा पत्र



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Wednesday, October 25, 2023

गाजा का दावा, रात भर इजरायली हमलों में 700 फिलिस्तीनी मारे गए

इजरायली हवाई हमलों में रात भर में 700 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए. गाजा के हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि इजरायल की दो सप्ताह पुरानी कुल घेराबंदी में पिछले 24 घंटे में मरने वालों की संख्या सबसे अधिक है, क्योंकि सहायता के लिए दबाव बढ़ गया है. एन्क्लेव में बेरोकटोक प्रवेश की अनुमति दी गई.

इजरायली सेना ने कहा कि उसने हमास के 400 से अधिक ठिकानों पर हमला किया और रात भर में उसके दर्जनों लड़ाकों को मार डाला, लेकिन गाजा के सत्तारूढ़ इस्लामी समूह को नष्ट करने में समय लगेगा, जिसके 7 अक्टूबर को सीमा पार से हुए घातक हमले ने इजरायल को झकझोर कर रख दिया था.

अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसियों द्वारा गाजा में मानवीय तबाही की चेतावनी के साथ, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने इसे समर्थन देने के लिए इज़राइल के लिए उड़ान भरी.

मैक्रॉन ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से कहा कि फ्रांस हमास के साथ युद्ध में इज़रायल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है, लेकिन उसे नियमों के बिना नहीं लड़ना चाहिए. नेतन्याहू ने कहा कि इज़रायल नागरिकों की रक्षा करने की कोशिश करेगा, और ये सुनिश्चित करने के लिए काम करेगा कि वे अब हमास के अत्याचार के अधीन नहीं रहेंगे

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संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने मंगलवार को गाजा में आपातकालीन सहायता को निर्बाध रूप से अनुमति देने के लिए कहा कि इजरायली बमबारी के दो सप्ताह के बाद इसकी फिलिस्तीनी आबादी का समर्थन करने के लिए 20 गुना से अधिक वर्तमान डिलीवरी की आवश्यकता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने, संयुक्त राष्ट्र की बढ़ती हताशा भरी नई अपील में, सहायता की सुरक्षित डिलीवरी की अनुमति देने के लिए तत्काल मानवीय युद्धविराम का आह्वान किया.

गाजा में डॉक्टरों का कहना है कि इजराइल की अब तक की सबसे भारी बमबारी के तहत 14 लाख से अधिक लोगों के अस्थायी आश्रयों के लिए अपने घरों से भाग जाने के बाद अस्पतालों में पहुंचने वाले मरीजों में भीड़भाड़ और खराब स्वच्छता के कारण होने वाली बीमारी के लक्षण दिखाई दे रहे हैं.

लेकिन दशकों के इजरायली-फिलिस्तीनी संघर्ष के सबसे खूनी प्रकरण में जल्द ही युद्धविराम की संभावना कम ही दिखाई दे रही है.

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 7 अक्टूबर से अब तक घनी आबादी वाले क्षेत्र में इजरायली बमबारी में कम से कम 5,791 फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें 2,360 बच्चे भी शामिल हैं. इसमें कहा गया है कि अकेले पिछले 24 घंटों में कुल 704 लोग मारे गए हैं.

मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ अल-किद्रा ने कहा कि इजरायली बमबारी के दो हफ्तों में ये 24 घंटे में होने वाली मौतों की सबसे अधिक संख्या है.

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खान यूनिस में हवाई हमले के बाद, अब्दुल्ला तबाश ने अपनी मृत बेटी सिदरा के शव को पकड़ लिया और उसके खून से सने चेहरे और बालों को पकड़कर जाने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, "मैं जितना हो सके उसे देखना चाहता हूं."

इज़रायली टैंक और सेनाएं इज़रायल और एन्क्लेव के बीच की सीमा पर जमी हैं और ज़मीनी आक्रमण के आदेशों की प्रतीक्षा कर रही हैं. एक ऐसा ऑपरेशन जो बंधकों को छुड़ाने को लेकर काफी कठिन हो सकता है.

दक्षिणी इज़राइल में सीमा पार से हमास के हमले के जवाब में बमबारी की गई, जिसमें बंदूकधारियों ने एक ही दिन में 1,400 से अधिक लोगों - ज्यादातर नागरिकों, को मार डाला.

इजराइल ने कहा कि उसने रात में जिन लक्ष्यों को निशाना बनाया, उनमें एक सुरंग भी थी, जिससे हमास को समुद्र से इजराइल में घुसपैठ करने की इजाजत मिली, साथ ही मस्जिदों में हमास के कमांड सेंटर भी थे. रॉयटर्स इस रिपोर्ट की पुष्टि नहीं कर सका.

शहरीकृत गाजा के व्यापक क्षेत्रों को इजरायली बमों द्वारा ध्वस्त कर दिया गया है, जिससे इसके 2.3 मिलियन लोगों में से आधे से अधिक लोगों को क्षेत्र में कहीं और शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है. भोजन, साफ़ पानी, दवाएँ और ईंधन तेज़ी से ख़त्म हो रहे हैं.

निवासियों ने कहा कि खान यूनिस में एक पेट्रोल स्टेशन पर एक इजरायली मिसाइल के हमले में कई लोग मारे गए या घायल हो गए, जहां शहर के पूर्वी हिस्से से भागे लोग अपने उपकरणों को चार्ज करने और पानी के कनस्तर भरने के लिए एकत्र हुए थे.

पेट्रोल स्टेशन के पास रहने वाले अब्दुल्ला अबू अल-अत्ता ने कहा, "उन्होंने उन पर नींद में ही बमबारी कर दी."

स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि 40 से अधिक चिकित्सा केंद्रों में ईंधन खत्म होने या इजरायली बमबारी से क्षतिग्रस्त होने के बाद परिचालन रोक दिया गया.



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अमेरिकी राज्यों ने बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने को लेकर मेटा पर दायर किया मुकदमा

अमेरिका के दर्जनों राज्य मेटा और इसकी इंस्टाग्राम पर अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म की लत भरे नेचर के जरिए युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर असर डालने का आरोप लगाते हुए मुकदमा कर रहे हैं. मंगलवार को ओकलैंड, कैलिफोर्निया की संघीय अदालत में दायर एक शिकायत में, कैलिफोर्निया और इलिनोइस सहित 33 राज्यों ने कहा कि मेटा, जो फेसबुक भी संचालित करता है, उसने अपने प्लेटफार्मों के महत्वपूर्ण खतरों के बारे में जनता को बार-बार गुमराह किया है और जान-बूझकर छोटे बच्चों और किशोरों को नशे की लत में डाल दिया है.

शिकायत में कहा गया है, "मेटा ने युवाओं और किशोरों को लुभाने, अपने साथ जोड़ने और अंततः फंसाने के लिए शक्तिशाली और अभूतपूर्व प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया है. जिसका मकसद मुनाफ़ा कमाना है." मुकदमा पर्याप्त नागरिक दंड सहित विभिन्न प्रकार के उपायों की मांग करता है.

मेटा पर कई मुकदमा दर्ज
मेटा मुकदमा बच्चों और किशोरों की ओर से सोशल मीडिया कंपनियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाइयों की श्रृंखला में नई है. बाइटडांस का टिकटॉक और गूगल का यूट्यूब भी सोशल मीडिया की लत के बारे में बच्चों और स्कूल जिलों की ओर से दायर सैकड़ों मुकदमों का विषय हैं.

मेटा ने एक बयान में कहा, "हम निराश हैं कि किशोरों द्वारा उपयोग किए जाने वाले कई ऐप्स के लिए स्पष्ट, आयु-उपयुक्त मानक बनाने के लिए कंपनियों के साथ उत्पादक रूप से काम करने के बजाय, अटॉर्नी जनरल ने ये रास्ता चुना है."

मेटा पर अधिकांश ध्यान 2021 में दस्तावेज़ों के जारी होने से उपजा है, जिसमें पता चला है कि मेटा के पास डेटा है, जो दर्शाता है कि इंस्टाग्राम, जो एक फोटो-शेयरिंग ऐप के रूप में शुरू हुआ था, नशे की लत है और किशोर लड़कियों के लिए कई बार छवि को खराब कर रहा है.

मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि मेटा ये सुनिश्चित करने का प्रयास करता है कि युवा सोशल मीडिया पर जितना संभव हो उतना समय बिताएं, ये जानने के बावजूद कि किशोर मस्तिष्क अन्य यूजर्स से पसंद के रूप में अप्रूवल की जरूरत के प्रति संवेदनशील होते हैं. मुकदमे में कहा गया है कि मेटा ने सार्वजनिक रूप से इस बात से इनकार किया कि उसका सोशल मीडिया हानिकारक है.

मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि मेटा ने 13 साल से कम उम्र के बच्चों के डेटा के संग्रह पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून का भी उल्लंघन किया है.

मुकदमे में ये भी आरोप लगाया गया कि मेटा आभासी वास्तविकता में राज्यों द्वारा बताई गई हानिकारक प्रथाओं का विस्तार करने की कोशिश कर रहा है, जिसमें मेटा के होराइजन वर्ल्ड्स प्लेटफॉर्म के साथ-साथ संचार ऐप व्हाट्सएप और मैसेंजर भी शामिल है.

नौ अन्य राज्यों द्वारा मंगलवार को इसी तरह के मुकदमे दायर करने की उम्मीद है, जिससे मुकदमा करने वाले राज्यों की कुल संख्या 42 हो जाएगी.

मेनलो पार्क, कैलिफ़ोर्निया, कंपनी और अन्य सोशल मीडिया कंपनियां पहले से ही बच्चों और स्कूल जिलों की ओर से इसी तरह के दावे करते हुए सैकड़ों मुकदमों का सामना कर रही हैं.



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Tuesday, October 24, 2023

फोन में खोईं थी काजोल तभी दुर्गा पंडाल में गिरीं धड़ाम से, लोग बोले- ऐसा भी क्या...

Kajol Fell From Stage: दुर्गा पंडाल में इन दिनों खूब रौनक देखने को मिल रही है. हर बार की तरह इस बार भी मुखर्जी परिवार को दुर्गा पंडाल में पूजा के दौरान स्पॉट किया गया. इस बार दुर्गा पूजा में रानी मुखर्जी, ईशा देओल, काजोल, हेमा मालिनी, तनीषा मुखर्जी शामिल हुईं. हालांकि इस दौरान काजोल के साथ एक ऐसा हादसा हो गया कि एक्ट्रेस सुर्खियों में आ गईं. दरअसल, काजोल स्टेज पर से गिरती-गिरती बचीं. काजोल के बेटे युग उन्हें बचाते दिखे. आखिर क्या हुआ काजोल के साथ चलिए आपको बताते हैं.

महासप्तमी के मौके पर काजोल को उनके बेटे युग के साथ देखा गया. इस दौरान काजोल गुलाबी रंग की साड़ी में बहुत खूबसूरत नजर आ रही थीं. वहीं युग भी सफेद रंग के कुर्ते पजामे में बिलकुल अपने पापा अजय देवगन की तरह हैंडसम दिख रहे थे. मां-बेटे की जोड़ी पूजा में शामिल हुए और पैपराजी को भी पोज दिए. लेकिन जब दर्शन करके काजोल लौट रही थीं तब अचानक उनके पैर लड़खड़ाए और वे गिरते-गिरते बचीं. हुआ ये कि काजोल फोन पर बिजी थीं और आगे की तरफ बढ़ रही थीं. उतरते वक्त उन्होंने ध्यान नहीं दिया और वह लड़खड़ा जाती हैं. 

काजोल का फोन नीचे गिर जाता है और एक्ट्रेस सबसे पहले फोन ही उठाती हैं. इस वीडियो के सामने आने के बाद लोगों ने इस पर रिएक्शन देने शुरू कर दिए हैं. एक यूजर ने लिखा है, 'इसे पोस्ट करने की जरूरत नहीं थी. ऐसा हादसा किसी के भी साथ हो सकता है'. तो एक अन्य यूजर ने लिखा है, 'काजोल मैम के साथ ये सब नार्मल है'. एक और यूजर लिखते हैं, 'इतना भी फोन में क्या खोना यार कि गिर ही जाएं'.



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One dead as portion of under-construction bridge collapses in Gujarat's Palanpur

Varun Baranval, the collector of Banaskantha-Palanpur, mentioned in a statement to ANI that the bridge collapse may have been caused by a potential mechanical failure.

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Monday, October 23, 2023

Gujarat: Antibiotic tablets worth Rs 17 lakh turn out to be choona!

Four people have been detained in Gujarat for manufacturing counterfeit antibiotic drugs. The drugs, which were packaged as being manufactured by a company in Himachal Pradesh, were actually calcium carbonate tablets. The state food and drugs control administration conducted raids in Nadiad, Surat, Ahmedabad, and Rajkot, seizing fake antibiotics worth Rs 17.5 lakh. The accused worked as medical representatives for "benami" companies and delivered the fake medicines to doctors. The case has been registered under the Drugs and Cosmetics Act, 1940.

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Wagh Bakri Tea Group's ED Parag Desai passes away

Parag Desai, the executive director of Gujarat Tea Processors and Packers Limited, known for its Wagh Bakri brand of tea, has passed away at the age of 49. Desai suffered a severe head injury in a freak accident while on a morning walk near his residence. He was admitted to a private hospital and underwent surgery, but ultimately succumbed to multiple health complications. Desai was a fourth-generation entrepreneur and played a key role in the growth and success of the company, which has a turnover of over Rs 2,000 crore and exports to 60 countries.

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Sunday, October 22, 2023

‘युद्ध रोको, गाजा में बच्चे बड़ी तादाद में मर रहे’: UNDP, UNFPA, WFP और WHO की अपील

संयुक्त राष्ट्र और मिस्र के रेड क्रिसेंट से 20 ट्रकों में जीवन रक्षक सामान की पहली सीमित खेप शनिवार को राफा क्रॉसिंग से गुजरकर गाजा में प्रवेश कर गई. यह सामान उन हजारों नागरिकों में से कुछ को जीवनदान देगा जिनको इसकी तत्काल जरूरत है और जिनमें से ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं. वे लोग पानी, भोजन, दवा, ईंधन जैसी जरूरी चीजों से वंचित हैं. 

यूएनडीपी (UNDP), यूएनएफपीए (UNFPA),यूनिसेफ (UNICEF),डब्ल्यूएफपी (WFP) और डब्ल्यूएचओ (WHO) ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि, यह केवल एक छोटी सी शुरुआत है और अभी काफी राहत की जरूरत है. गाजा में 16 लाख से अधिक लोगों को मानवीय सहायता की सख्त जरूरत है. बच्चे, गर्भवती महिलाएं और बुजुर्ग सबसे अधिक असुरक्षित हैं. गाजा की लगभग आधी आबादी बच्चों की है.

गाजा में दो सप्ताह से निरंतर जारी बमबारी से शेल्टर, स्वास्थ्य सुविधाओं सहित बहुत सारा पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गया है. बीमारियों के प्रकोप और स्वास्थ्य देखभाल की क्षमता में कमी के कारण मृत्यु दर बढ़ रही है.

उक्त अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने कहा है कि, अस्पताल घायलों और मृतकों से भरे हुए हैं. नागरिकों को जरूरी खाद्य सामग्री हासिल करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. अस्पतालों के पास अब फ्यूल नहीं है और वे स्थानीय स्तर पर प्राप्त ईंधन की छोटी मात्रा पर चल रहे हैं. बचाखुचा फ्यूल अगले एक-दो दिन में ख़त्म हो जाने की आशंका है. जल आपूर्ति क्षमता सामान्य स्तर के मुकाबले सिर्फ पांच प्रतिशत है. कमजोर लोग सबसे ज़्यादा ख़तरे में हैं और बच्चे की मौत की दर चिंताजनक है. उन्हें सुरक्षा, भोजन, पानी और स्वास्थ्य देखभाल के अधिकार से वंचित किया जा रहा है.

लोग खाना पकाने या सुरक्षित रूप से भोजन खरीदने में असमर्थ

मौजूदा संघर्ष से पहले गाजा में फिलिस्तीन की करीब एक-तिहाई आबादी खाद्य असुरक्षा से प्रभावित थी. आज दुकानों में स्टॉक लगभग समाप्त हो गया है और बेकरियां बंद हो रही हैं. हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं और खाना पकाने या सुरक्षित रूप से खाना खरीदने में असमर्थ हैं.

संगठनों ने कहा है कि, हम पूरे गाजा में तत्काल अप्रतिबंधित मानवीय पहुंच के साथ-साथ एक मानवीय युद्धविराम का आह्वान करते हैं, ताकि मानवीय कार्यकर्ताओं को जरूरतमंद नागरिकों तक पहुंचने, जीवन बचाने और आगे की मानवीय पीड़ा को रोकने की इजाजत मिल सके. मानवीय सहायता बड़े पैमाने पर और निरंतर मिलनी चाहिए. 

स्वास्थ्य देखभाल के लिए सुरक्षा का आह्वान

संगठनों ने कहा है कि, हम पानी, भोजन, स्वास्थ्य  (यौन और प्रजनन स्वास्थ्य सहित) और ईंधन की सुरक्षित और निरंतर आपूर्ति का आह्वान करते हैं. यह आवश्यक सेवाओं के लिए जरूरी है. हम गाजा में स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं सहित सभी नागरिकों और नागरिक बुनियादी ढांचे की सुरक्षा का आह्वान करते हैं.

संगठनों ने कहा है कि, हम गाजा में मानवतावादी कार्यकर्ताओं की सुरक्षा का आह्वान करते हैं जो दूसरों की सेवा में अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं. और हम सभी पक्षों से अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का अत्यधिक सम्मान करने का आह्वान करते हैं. 



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विवेक रामास्वामी ने अमेरिका में इजराइल की तरह आयरन डोम रक्षा प्रणाली की जरूरत जताई

अमेरिका (US) में राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार विवेक रामास्वामी (Vivek Ramaswamy) ने कहा है कि विदेशी खतरों से बचाने के लिए अमेरिका के पास इजरायली आयरन डोम मिसाइल रक्षा प्रणाली (Iron Dome missile defence system) का अपना वर्जन होना चाहिए. भारतीय मूल के अरबपति का मानना है कि रूस जैसे देशों की उन्नत मिसाइल क्षमताओं को देखते हुए ऐसी प्रणाली मातृभूमि की रक्षा के लिए जरूरी हैं.

जब उनसे इस मामले में विस्तृत जानकारी मांगी गई तो उन्होंने कहा, “रूस के पास अमेरिका से भी उन्नत हाइपरसोनिक मिसाइल क्षमताएं हैं. हम अपनी मातृभूमि में नए खतरों के प्रति संवेदनशील हैं. वह हाइपरसोनिक मिसाइलें आज अमेरिका तक पहुंच सकती हैं. हम बुरी तरह असुरक्षित हैं.”

उन्होंने आगे कहा, "फॉरेन पॉलिसी इस्टेबलिशमेंट ने हमारे राष्ट्रीय रक्षा बजट को मूल रूप से मातृभूमि की रक्षा के अलावा अन्य सभी चीजों पर खर्च किया है."

आयरन डोम इजराइल की मिसाइल रोधी रक्षा प्रणाली

आयरन डोम इजराइल द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक मिसाइल रोधी रक्षा प्रणाली है. इसे चार से 70 किलोमीटर की दूरी से दागे गए कम दूरी के रॉकेट और आर्टिलरी के गोले को रोकने और नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह सिस्टम आने वाले प्रोजेक्टाइल का पता लगाने के लिए रडार का उपयोग करता है और फिर जमीन पर अपने लक्ष्य तक पहुंचने से पहले उन्हें हवा में ही नष्ट करने के लिए इंटरसेप्टर मिसाइलों को लॉन्च करता है.

आयरन डोम कुछ इजरायली शहरों और समुदायों को हमास के रॉकेट हमलों से बचाने में असरकारक रहा है.

क्या अमेरिका में आयरन डोम के जरिए मिसाइलों से रक्षा संभव है?

अमेरिका में आयरन डोम जैसा सिस्टम विकसित करने में कई चुनौतियां हैं. अमेरिका को पड़ोसी क्षेत्रों से कम दूरी की मिसाइलों के हमले जैसे खतरे का सामना नहीं करना पड़ता है. जबकि आयरन डोम को कम दूरी से होने वाले हमलों का मुकाबला करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

अमेरिका ने पहले से ही अगली पीढ़ी के मिसाइल खतरों से निपटने के लिए जरूरी संसाधनों पर भारी निवेश किया है. इनमें सैकड़ों अरब डॉलर व्यय किए गए हैं और इनके विकास में दशकों का समय लगा है. जैसा कि विवेक रामास्वामी ने सुझाव दिया, यह कोई ऐसा मुद्दा नहीं है जो अब तक अनदेखा रहा है, बल्कि यह अमेरिकी रक्षा रणनीति का एक जटिल और जीवंत पहलू है.

कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस की रिपोर्ट 2023  के मुताबिक प्रत्येक आयरन डोम बैटरी करीब 60 वर्ग मील का इलाका कवर करती है. पूरे अमेरिका की सुरक्षा के लिए ऐसी हजारों बैटरियों की जरूरत होगी और वे उन उन्नत हाइपरसोनिक मिसाइलों से रक्षा नहीं कर सकतीं जिनका रामास्वामी ने जिक्र किया है. अमेरिका जैसे बड़े देश के लिए यह एक जटिल और बड़ा काम है.



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Saturday, October 21, 2023

राहुल गांधी का वंशवाद की बात करना सहस्राब्दी का मजाक : KTR

तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग में एक महीने से कुछ अधिक समय बाकी है. सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (BRS) ने भाजपा और कांग्रेस की ओर से भ्रष्टाचार और वंशवाद की राजनीति को लेकर हमलों के बीच क्षेत्रीय गौरव को अपने अभियान का केंद्रबिंदु बना लिया है. पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव, जिन्होंने कहा था कि पिछले चुनावों के दौरान आंध्र के जमींदार खलनायक थे, ने इस बार गुजरात के 'गुलामों' और दिल्ली के 'दरबारियों' पर अपनी बंदूकें तान दी हैं.

एनडीटीवी के साथ एक खास इंटरव्यू में शुक्रवार को राव ने अपनी पार्टी के एक-दूसरे का पक्ष लेने के भाजपा और कांग्रेस दोनों के आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि बीआरएस किसी की बी-टीम नहीं है, बल्कि तेलंगाना की ए-टीम है.

मुख्यमंत्री केसीआर के बेटे केटीआर ने कहा कि, "तेलंगाना का पूरा राज्य आंदोलन दो चीजों पर आधारित था, आत्मसम्मान और गौरव. प्रधानमंत्री हैदराबाद आते हैं और कहते हैं कि एक गुजराती (सरदार वल्लभभाई पटेल) ने आपको निजाम के चंगुल से बचाया और दूसरे गुजराती (पीएम नरेंद्र मोदी) आपको केसीआर (मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव) के तानाशाही शासन से छुटकारा दिलाएंगे.''


उन्होंने कहा कि, "हमें गर्व का अहसास कराना है और हमें लोगों को यह भी याद दिलाना है कि गुजरात के गुलाम भाजपा के लोगों ने यहां तेलंगाना में पिछले साढ़े नौ वर्षों में बहुत कुछ नहीं किया है. और हमें उनके ट्रैक रिकॉर्ड के बारे में बात करनी है. दिल्ली दरबार का भी यही हाल है. राहुल बाबा यहां आते हैं और पारिवारिक शासन और वंशवाद जैसी बातें कहने लगते हैं, जो शायद इस सहस्राब्दी का मजाक है."

तेलंगाना के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री केटी रामा राव ने कहा कि गुजरात और दिल्ली के लोग तेलंगाना आने से पहले अपना होमवर्क नहीं करते हैं और उन्हें और उनकी पार्टी को समय-समय पर उन्हें याद दिलाना पड़ता है कि तेलंगाना में राज्य के दर्जे के लिए किया गया आंदोलन बड़े स्वाभिमान का विषय था. उन्होंने कहा, "उस आंदोलन के सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांतों में से एक गर्व था, और आप आकर इस तरह हमारा अपमान नहीं कर सकते."

तेलंगाना में केवल दस दिनों में चुनाव को लेकर 243 करोड़ रुपये तक जब्त किए जाने के बारे में पूछने पर राव ने कांग्रेस को दोषी ठहराया और कहा कि बेंगलुरु में उसके एक पूर्व नगरसेवक के पास से पैसा जब्त किया गया था. जब यह बताया गया कि जब्ती कर्नाटक में हुई थी, तो उन्होंने कहा कि कर्नाटक और तेलंगाना में बहुत से लोगों के साझा व्यवसाय हैं.

उन्होंने कहा कि, "कुछ बिल्डरों ने मुझे बताया है कि कर्नाटक सरकार ने अतिरिक्त चुनाव कर वसूलना शुरू कर दिया है, 500 रुपये प्रति वर्ग फुट, और वे सीधे बिल्डरों को बता रहे हैं कि पैसे का इस्तेमाल तेलंगाना चुनावों में कांग्रेस पार्टी के समर्थन और वित्तपोषण के लिए किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ''पैसा कहां पकड़ा जा रहा है, इसकी जड़ कहां है.''

पीएम नरेंद्र मोदी के इस दावे पर कि केसीआर ने कर्नाटक कांग्रेस अभियान को वित्तपोषित किया था और कांग्रेस अब उसका बदला चुका रही है,  राव ने कहा, "प्रधानमंत्री शानदार स्क्रिप्ट और शानदार कहानियां लिखने में माहिर हैं. यह वही आदमी है जिसने 2022 तक बुलेट ट्रेन, 2022 तक पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था, 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था. मैं 15 लाख रुपये वाले जुमले का जिक्र तो कर ही नहीं रहा."

उन्होंने जोर देकर कहा कि, "तो तथ्य यह है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि प्रधानमंत्री या राहुल गांधी क्या विश्वास करना चाहेंगे, हम न तो कांग्रेस की बी-टीम हैं और न ही भाजपा की, हम तेलंगाना के लोगों की ए-टीम हैं और हम कांग्रेस और भाजपा दोनों से दृढ़तापूर्वक तटस्थ और समान दूरी पर बने रहेंगे. यह द्विध्रुवीय स्थिति जो वे पैदा करना चाहते हैं, कि इस देश को या तो भाजपा या कांग्रेस पर निर्भर रहना होगा, ऐसा कुछ नहीं है. हम निश्चित रूप से उनके विचार या विचारधारा का समर्थन नहीं करते हैं." 

बीआरएस को पहले तेलंगाना राष्ट्र समिति के नाम से जाना जाता था. इसने 2014 में राज्य के गठन के बाद से तेलंगाना में शासन किया है. तेलंगाना में विधानसभा चुनाव 30 नवंबर को होंगे और मतगणना तीन दिसंबर को होगी.



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दिल्ली के लाल किले की रामलीला में लक्ष्मण की मां के किरदार में अमेरिकी बिहेवियरल थेरेपिस्ट!

दिल्ली के मैदानों की रामलीलाओं में राम चरित्र की चमक के साथ धार्मिक महोत्सव की धूम मची है. लाल किले के मैदान में रामलीला महोत्सव में मनोरंजन का आध्यात्मिक रंगमंच अपनी कला समृद्धि का प्रदर्शन कर रहा है. नव श्री धार्मिक लीला कमेटी के मंच पर इस बार राम लीला में एक विदेशी महिला श्री राम के छोटे भाई लक्ष्मण की माता सुमित्रा का किरदार निभा रही हैं. एली अमेरिका में एक बिहेवियरल थेरेपिस्ट हैं. यह पहली बार है जब वे भारत में किसी राम लीला में कोई किरदार निभा रही हैं.

यह एक अच्छा संकेत है कि नव श्री धार्मिक लीला कमेटी विविधता को बढ़ावा देना चाहती है. यह दिखाता है कि वह सभी को भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं में शामिल होने का अवसर देना चाहती है. 

एली का मानना है यह उसके लिए एक रोमांचक अवसर है. यह उन्हें भारतीय संस्कृति और परंपराओं के बारे में जानने का एक अनूठा मौका देगा. साथ ही यह उन्हें एक नए समुदाय के साथ जुड़ने का अवसर देगा. एली इस प्रदर्शन को लेकर उत्साहित हैं. ऐली को यकीन है कि वे लक्ष्मण की मां सुमित्रा का किरदार निभाने में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगी.

एली का जन्म और पालन-पोषण अमेरिका में हुआ. उन्होंने वॉशिंगटन विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की है. उन्होंने न्यूयॉर्क शहर में एक बिहेवियरल थेरेपी क्लिनिक में काम किया है. वे पिछले 10 वर्षों से इस क्षेत्र में काम कर रही हैं. वे भारतीय संस्कृति और परंपराओं में रुचि रखती हैं.



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Friday, October 20, 2023

RRTS के स्टेशनों पर AI तकनीक से होगी सामान की जांच

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के स्टेशनों पर सामान की जांच के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) आधारित प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाएगा जिससे प्रतिबंधित या निषिद्ध सामान की पहचान होने पर सुरक्षा कर्मियों को चौकन्ना किया जा सकेगा. एनसीआरटीसी के अधिकारियों ने यह जानकारी दी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में साहिबाबाद रैपिडएक्स स्टेशन पर ‘रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम' (आरआरटीएस) के 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिकता वाले हिस्से का उद्घाटन करेंगे. इस मार्ग पर यात्री सेवाएं शनिवार सुबह छह बजे से शुरू हो जाएंगी.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में आरआरटीएस के सभी स्टेशनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (यूपीएसएसएफ) को सौंपी है और प्राथमिकता वाले खंड के स्टेशनों पर सुरक्षा बल की तैनाती कर दी गयी है.'' राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) के अनुसार स्टेशनों पर जांच करने और अपराधों को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस एक त्वरित प्रतिक्रिया दल, बम निरोधक दस्ता और श्वान दस्ता तैनात करेगी.

आरआरटीएस कॉरिडोर का निर्माण एनसीआरटीएस द्वारा रैपिडएक्स सेवा के लिए किया जा रहा है. यह केंद्र सरकार का दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान की सरकारों के साथ संयुक्त उपक्रम है. एनसीआरटीसी को दिल्ली से मेरठ के बीच देश के पहले आरआरटीएस के निर्माण की निगरानी का काम सौंपा गया है. अधिकारी ने कहा कि एनसीआरटीसी चाहता है कि आधुनिक तकनीक और एआई का इस्तेमाल कर सुरक्षा जांच के समय को यथासंभव कम से कम किया जाए.

उन्होंने कहा कि साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक इस कॉरिडोर पर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गाजियाबाद कमिश्नरेट तथा मेरठ जिले के एक-एक थाने को राज्य सरकार ने रैपिडएक्स नेटवर्क में शामिल किया है और प्रत्येक स्टेशन पर कानून व्यवस्था के लिए एक पुलिस चौकी बनाने का भी प्रावधान है. अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि इसी दिशा में स्टेशनों पर सामान जांच प्रणाली एआई-संचालित प्रौद्योगिकी से युक्त होगी. इस प्रणाली में अंतरराष्ट्रीय यात्रा में स्वीकार्य आकार के सामान की भी आसानी से जांच की जा सकेगी.

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"महुआ ने मुझे लॉगिन डिटेल दी, सवालों के बदले में मैंने दिए कीमती गिफ्ट" : दर्शन हीरानंदानी का कबूलनामा

पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर लोकसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) के रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में गुरुवार को बड़ा खुलासा हुआ. व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी (Darshan Hiranandani) ने खुद एक शपथपत्र में कबूल किया कि महुआ पर लगे आरोप सही हैं. महुआ मोइत्रा ने ही अपने संसद अकाउंट के लॉग-इन और पासवर्ड शेयर किए थे. दर्शन हीरानंदानी की तरफ से दिए गए एफिडेविट में दावा किया गया है कि टीएमसी सांसद ने उन्हें लॉग इन और पासवर्ड दिया था जिसके बाद उन्होंने महुआ के संसद अकाउंट पर सवाल अपलोड किए थे.

मैंने महुआ को दिए महंगे गिफ्ट: दर्शन हीरानंदानी

दर्शन हीरानंदानी की तरफ से कहा गया है कि मैंने अदाणी ग्रुप को टारगेट करने के लिए सवाल भेजे थे. अपुष्ट जानकारियों के आधार पर मैं महुआ के संसद अकाउंट पर सवाल पोस्ट करता रहा. इसके बदले में मैं महुआ को महंगे गिफ़्ट भी देता था. मैं महुआ की यात्राओं और छुट्टियां का खर्च उठाता था.मैंने महुआ के सरकारी आवास की मरम्मत कराई.मैं उम्मीद कर रहा था महुआ का साथ देने से मुझे विपक्षी राज्यों में मदद मिलेगी. 

दर्शन हीरानंदानी ने हलफनामे में कहा, मैं उम्मीद कर रहा था कि महुआ मोइत्रा का साथ देने से मुझे विपक्षी (विपक्षी पार्टियों की सरकारों वाले) राज्यों में मदद मिलेगी, इसलिए मैं महुआ मोइत्रा को महंगे तोहफे भी दिया करता था, मैंने महुआ के सरकारी आवास की मरम्मत भी करवाई, और मैं महुआ की यात्राओं और छुट्टियां का खर्च उठाता था.

राजनीति में तेजी से तरक्की चाहती थीं महुआ मोइत्रा

दर्शन हीरानंदानी ने कहा कि महुआ ने तेज़ी से तरक़्क़ी के लिए पीएम मोदी को निशाना बनाया था. साथ ही उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को निशाना बनाने के लिए अदाणी को टारगेट किया. साथ ही उन्होंने कहा कि मोदी-अदाणी को टारगेट करने के लिए महुआ राहुल गांधी के लगातार संपर्क में थीं.सुचेता दलाल, शार्दुल श्रॉफ और पल्लवी श्रॉफ़ भी मदद कर रहे थे. महुआ की शशि थरूर और पिनाकी मिश्रा ने भी मदद की. महुआ ने इस काम में विदेशी पत्रकारों को साथ लिया. ये पत्रकार FT, NYT और BBC के थे. कई भारतीय मीडिया हाउस से भी महुआ संपर्क में थीं.मैं उम्मीद कर रहा था, महुआ का साथ देने से मुझे विपक्षी राज्यों में मदद मिलेगी. 

कौन हैं दर्शन हीरानंदानी और इस मामले में वो इतने महत्वपूर्ण क्यों हैं?

देश में रीयल एस्टेट के बड़े कारोबारियों में शुमार होने वाले निरंजन हीरानंदानी के पुत्र दर्शन हीरानंदानी जल्द ही हीरानंदानी ग्रुप के CEO बनने वाले हैं. हीरानंदानी समूह का दखल ऊर्जा, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी है, और अदाणी समूह से हीरानंदानी समूह की प्रतिद्वंद्विता बनी रहती है. हीरानंदानी समूह ने इन्फ्रा और ऊर्जा के उस कॉन्ट्रैक्ट के लिए भी बोली लगाई थी, जो अंततः अदाणी समूह को मिला था. इसके अलावा, हीरानंदानी समूह ने वर्ष 2014 में धामरा पोर्ट के लिए भी बोली लगाई थी, जबकि यह कॉन्ट्रैक्ट भी अदाणी समूह को ही मिला था.

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मोदी-अदाणी को बदनाम करने में महुआ को मिला राहुल गांधी का भी साथ, विदेशी मीडिया से भी संपर्क में थीं- दर्शन हीरानंदानी



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Thursday, October 19, 2023

गाजा में मानवीय मदद पहुंचाने संबंधी संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को अमेरिका ने किया वीटो

अमेरिका ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र के एक प्रस्ताव पर अपने वीटो (निषेधाधिकार) का इस्तेमाल किया, जिसमें इजराइल-हमास संघर्ष के बीच गाजा में फलस्तीनियों को मानवीय मदद पहुंचाने का आग्रह किया गया था. पंद्रह-सदस्यीय सुरक्षा परिषद के 12 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में, जबकि अमेरिका ने विरोध में मतदान किया, जबकि दो सदस्य रूस और ब्रिटेन अनुपस्थित रहे. अमेरिका के वीटो के चलते सुरक्षा परिषद संबंधित प्रस्ताव को स्वीकार नहीं कर पाई.

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी दूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने मतदान के बाद कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन पश्चिम एशिया पहुंचकर राजनयिक वार्ता कर रहे हैं “और हमें उस कूटनीति की आवश्यकता है.” उन्होंने प्रस्ताव में इजराइल के आत्मरक्षा के अधिकार के बारे में कुछ नहीं कहे जाने पर भी आपत्ति जताई. ब्राजील द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव पर वीटो के इस्तेमाल से पहले परिषद के सदस्यों ने इसमें दो संशोधन करने के रूस के अनुरोध को खारिज कर दिया. रूस चाहता था कि प्रस्ताव में मानवीय संघर्ष विराम की अपील और गाजा में नागरिकों और अस्पतालों व स्कूलों पर अंधाधुंध हमलों की निंदा की जाए.

सुरक्षा परिषद में किसी प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए उसके पक्ष में कम से कम नौ वोट पड़ने चाहिए. साथ ही यह भी जरूरी है कि पांच स्थायी सदस्यों में से कोई प्रस्ताव को वीटो न करे. सात अक्टूबर को गाजा की सीमा से सटे दक्षिणी इजराइल के क्षेत्रों में हमास के अभूतपूर्व हमले के बाद से 1,400 से अधिक इजराइली मारे गए हैं, जिनमें से ज्यादातर नागरिक हैं. इसके अलावा लगभग 200 लोगों को गाजा में बंदी बना लिया गया है. गाजा पर इजराइल के जवाबी हमलों में कम से कम 2,778 लोगों की मौत हुई है, जबकि 1,200 से अधिक लोगों के मलबे में दबने की आशंका है.
 



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Wednesday, October 18, 2023

इज़रायल-हमास युद्ध में अब तक कम से कम 15 पत्रकारों की हो चुकी है मौत : रिपोर्ट

इज़रायल-हमास संघर्ष  (Israel Palestine Conflict) की शुरुआत के बाद से, सैकड़ों पत्रकार, संवाददाता, फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर युद्ध की रिपोर्टिंग कर रहे हैं. हालांकि उन्हें इसकी भारी कीमत भी चुकानी पड़ रही है. कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (सीपीजे) ने सोमवार को एक बयान में बताया कि इजरायल और हमास के बीच संघर्ष शुरू होने के बाद से कम से कम 15 पत्रकार मारे गए हैं. सीपीजे न्यूयॉर्क स्थित एक स्वतंत्र संगठन है जो विश्व स्तर पर प्रेस की स्वतंत्रता और पत्रकारों के अधिकारों की रक्षा के लिए काम करता है. 

मारे गए 15 पत्रकारों में से 11 फ़िलिस्तीनी, तीन इज़रायली और एक लेबनानी थे. इसके अलावा, 8 पत्रकारों के घायल होने और 3 के लापता होने या हिरासत में लिए जाने की सूचना है. संगठन वर्तमान में कई अन्य पत्रकारों के "मारे जाने, लापता होने, हिरासत में लिए जाने या धमकी दिए जाने" की 100 से अधिक रिपोर्टों की भी जांच कर रहा है. 

इज़रायल-हमास संघर्ष के दौरान मारे गए पत्रकारों की लिस्ट

  1. इब्राहिम मोहम्मद लफी
  2. मोहम्मद जारघोन
  3. मोहम्मद अल-साल्ही
  4. यानिव ज़ोहर
  5. ऐलेट अर्निन
  6. शाइ रेगेव
  7. असद शामलाख
  8. हिशाम अलनवाझा
  9. मोहम्मद सोभ
  10. सईद अल-तवील
  11. मोहम्मद फ़ैज़ अबू मटर
  12. अहमद शेहाब
  13. इस्साम अब्दुल्ला
  14. हुसाम मुबारक
  15. सलाम मेमा

सीपीजे के मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका कार्यक्रम समन्वयक शेरिफ मंसूर ने कहा कि पत्रकार ऐसे नागरिक हैं जो संकट के समय महत्वपूर्ण काम कर रहे होते हैं और उन्हें युद्ध के दौरान निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए. पूरे दुनिया के पत्रकार इस दिल दहला देने वाले संघर्ष को कवर करने के लिए महान बलिदान दे रहे हैं. सभी पक्षों को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने चाहिए.  

सीपीजे के बयान में कहा गया है कि गाजा में पत्रकारों को अधिक जोखिम का सामना करना पड़ता है क्योंकि वे इजरायली सैनिकों द्वारा जमीनी हमले, हवाई हमलों, बाधित संचार और व्यापक बिजली कटौती की स्थिति में संघर्ष को कवर करने की कोशिश कर रहे हैं. पिछले शुक्रवार को, दक्षिणी लेबनान में रॉयटर्स के एक वीडियो पत्रकार की मौत हो गई थी और छह अन्य पत्रकार घायल हो गए थे. यह घटना तब हुई थी जब इज़राइल की दिशा से दागी गई मिसाइलें उन पर गिरीं थी. 

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Tuesday, October 17, 2023

Navratri 3rd Day: नवरात्रि के तीसरे दिन कैसे करें मां चंद्रघंटा की पूजा, यहां जानें पूजन विधि, मंत्र और खास भोग की रेसिपी

Navratri 3rd Day 2023: नवरात्रि के तीसरे दिन (Navratri 3rd Day) मां दुर्गा के चंद्रघंटा (Maa Chandraghanta) स्वरूप की पूजा का विधान है. मां चंद्रघंटा सिंह की सवारी करती हैं. दस भुजाओं वाली चंद्रघंटा स्वरूप में देवी एक तरफ कमल और कमंडल तो दूसरी ओर शत्रुओं के नाश के लिए त्रिशूल, गदा और खड्ग जैसे अस्त्र भी धारण करती हैं. आइए जानते हैं नवरात्रि के तीसरे दिन देवी के चंद्रघंटा रूप की पूजा कैसे करनी चाहिए, पूजा की विधि (Puja Vidhi), मंत्र और किस चीज से लगाना चाहिए माता को भोग.

मां चंद्रघंटा पूजा विधि- (Maa Chandraghanta Puja Vidhi)

माता चंद्रघंटा अपने मस्तक पर मुकुट धारण करती हैं उसमें अर्धचंद्र और दिव्य घंटी लगी है. इसलिए इस स्वरूप में देवी मां चंद्रघंटा कहलाती हैं. मां के इस स्वरूप की पूजा के लिए नवरात्रि के तीसरे दिन सुबह जल्दी स्नान कर मां का ध्यान करना चाहिए. देवी की पूजा के लिए लाल और पीले फूलों का उपयोग करना चाहिए. पूजा में अक्षत, चंदन और भोग के लिए पेड़े चढ़ाना चाहिए. माना जाता है कि मंत्रों का जप, घी से दीपक जलाने, आरती, शंख और घंटी बजाने से माता प्रसन्न होती हैं.

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मां चंद्रघंटा भोग रेसिपी- Maa Chandraghanta Bhog Recipe:

मां चंद्रघंटा को दूध से बने मिष्टान प्रिय हैं. उन्हें भोग में दूध से बने पेड़े चढ़ा सकते हैं. 

विधि- 

दूध को गाढ़ा कर खोया तैयार कर लें. एक कड़ाही में खोया को गर्म करें और उसमें घी मिला दें. दोनों को भुरा होने तक भुनें. ठंडा होने पर इलायची पाउडर मिलाएं और पेड़े का आकार दें. 

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मां चंद्रघंटा मंत्र-(Maa Chandraghanta Mantra)

मां चंद्रघंटा की पूजा के समय इस मंत्र का जाप करना चाहिए

पिण्डज प्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकैर्युता

प्रसादं तनुते मह्मम् चंद्रघण्टेति विश्रुता

या

ऊं देवी चंद्रघण्टायै नम:



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Monday, October 16, 2023

Lalita Panchami 2023: जानें ललिता पंचमी की सही तिथि, मुहूर्त और पूजन विधि

Lalita Panchami Vrat 2023: हिन्दू पंचाग के मुताबिक अश्विन माह की शुरूआत नवराात्रि (Navratri) की शुरूआत होती है. इसी माह के पंचमी तिथि को ललिता पंचमी (Lalita Panchami) का व्रत रखा जाता है. मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत रखने से सभी प्रकार के रोग-दुःख दूर होते हैं. इस दिन मां ललिता की विधिवत पूजा करना शुभ माना जाता है. आइए जानते हैं कि इस साल ये व्रत किस दिन रखा जाएगा और इसका शुभ मुहूर्त क्या है.

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ललिता पंचमी 2023 तिथि (Lalita Panchami 2023 Date)

हिन्दू पंचाग के अनुसार अश्विन माह के पंचमी तिथि को ललिता पंचमी मनाया जाता है. इस साल ये तिथि 19 अक्टूबर 2023 को है. अगर बात करें मुहूर्त की तो अयोध्या के ज्योतिषों के अनुसार आश्विन माह के पंचमी तिथि की शुरूआत 19 अक्टूबर 2023 को सुबह 1:12 बजे होगी, जो 20 अक्टूबर 2023 को सुबह 12:31 बजे समाप्त होगी. ऐसे में ललिता पंचमी का व्रत करने वाले 19 अक्टूबर को व्रत रखेंगे.

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ललिता पंचमी पूजन विधि

  • ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लें.

  • मां ललिता का ध्यान करके व्रत का संकल्प लें.

  • एक चौकी पर लाल कपड़ा रखकर मां की मूर्ति स्थापित करें.

  • सबसे पहले शिव परिवार की पूजा करें और ध्यान करें.

  • इसके बाद मां ललिता की कथा सुनें और शुद्ध घी का दीप प्रज्जवलित करें.

  • माता के मंत्रों का जाप करें.

ललिता पंचमी से जुड़ी मान्यता

 ललिता पंचमी का व्रत नवरात्रि के पांचवे दिन रखा जाता है. इस दिन मां दुर्गा की स्कंद माता रूप की पूजा की जाती है. साथ ही मां सती के रूप में माता ललिता की पूजा की जाती है. हिन्दू मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत करने से सभी प्रकार के रोग-दोष से छुटकारा मिलता है. मां ललिता की पूजा और ध्यान करने से जीवन में सुख और समृद्धि आती है.

                                                                                                                (प्रस्तुति-अंकित श्वेताभ)

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)



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Sunday, October 15, 2023

"हमास जानता है जहां हम बमबारी करेंगे उन्हीं जगहों पर बंधकों को रखा" : इजरायल के पूर्व NSA

इजरायल (Israel) के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा है कि इजरायल पर हमास (Hamas) का हमला होलोकॉस्‍ट के बाद से यहूदियों पर सबसे बुरा हमला है और फिलिस्तीनी समूह जानबूझकर उन जगहों पर बंधकों को रख रहा है, जहां पर उसे पता है कि इजरायल बमबारी करेगा. इयाल हुलता की टिप्पणी हमास के उस बयान के जवाब में थी जिसमें उसने बताया था कि गाजा में इजरायली हवाई हमलों में नौ और इजरायली बंधक मारे गए हैं. एनडीटीवी के साथ एक खास इंटरव्‍यू में हुलाटा ने यह भी कहा कि इजरायल को भारत से जबरदस्‍त समर्थन मिला है, जो उनके लिए बहुत मायने रखता है क्योंकि भारत दुनिया का बेहद महत्वपूर्ण देश है और "वैश्विक स्तर पर एक उभरती शक्ति" है. 

हुलाता ने कहा, "पिछले शनिवार को, हमास ने इजरायल के इतिहास में सबसे भयानक आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया. वास्तव में, हताहतों की संख्या, उनके घरों में, उनके बिस्तरों में मारे गए लोगों की संख्या, यह किसी भी चीज से मेल नहीं खाता है, जिसे इजराइल या यहूदी लोगों ने शायद होलोकास्‍ट के बाद से अनुभव किया है. हमास एक आतंकी संगठन है और उन्होंने यह किया है और जानबूझकर ऐसा किया है."

पूर्व एनएसए ने जोर देकर कहा कि इजरायली सरकार का उद्देश्य जवाबी कार्रवाई करना नहीं है बल्कि गाजा में हमास को नेतृत्व से हटाना है ताकि ऐसी चीजें दोबारा न हो सकें. 

हमास के इजरायली हवाई हमलों में नौ और बंधकों के मारे जाने वाले बयान की ओर इशारा करते हुए हुयाता ने कहा कि समूह ने करीब 150 लोगों को पकड़ लिया था, जिनमें से अधिकांश नागरिक थे, जिनमें बच्चे, बुजुर्ग और व्हीलचेयर पर बैठे लोग शामिल थे. 

'इजरायल में लोगों का मनोबल गिराने की कोशिश'

उन्‍होंने कहा, "वे उन्हें मानव ढाल के रूप में गाजा में वापस ले आए जहां हम हमला करते हैं. इजरायली सेना नागरिकों पर हमला नहीं करती है. हम हमला करने से पहले अग्रिम चेतावनी देते हैं, ताकि लोगों को पता चले कि यह कहां होने वाला है. हमास द्वारा जब नौ इजरायली बंधकों को मार दिया गया, तो इसका क्या मतलब है? इसका मतलब है कि हमास ने उन्हें वहां रखा जहां वे जानते हैं कि हम जानबूझकर हमला कर रहे हैं, ताकि वे यह संदेश दे सकें और इजरायल में लोगों का मनोबल गिराने की कोशिश कर सकें.  यह दुखद और दिल तोड़ने वाला है." 

'अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय से आए बंधकों की रिहाई की मांग'

हुयाता ने कहा कि हमास को सभी बंधकों को तुरंत रिहा करने की जरूरत है और यह मांग सिर्फ इजरायल से नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आनी चाहिए. उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा, "या कम से कम जब तक वे जीवित हैं, क्योंकि जैसा आप देख सकते हैं कि हमास यह सुनिश्चित करने की हर संभव कोशिश कर रहा है कि हर दिन लोग कम हों." 

हमास को सत्ता छोड़ने की जरूरत : हुयाता 

गाजा की स्थिति और इजरायल द्वारा भोजन और चिकित्सा पहुंच को रोकने पर पूर्व एनएसए ने कहा कि हमास इजरायल में लोगों को मारने और फिर उनसे मानवीय सहायता की उम्मीद नहीं कर सकता है. उन्‍होंने कहा, "हमास ने इसे अपने लोगों पर थोपा है. इजरायल ने नागरिकों को निकालने का आह्वान किया है, क्योंकि हम उन्हें चोट नहीं पहुंचाना चाहते हैं. लेकिन हमें हमास से छुटकारा पाना होगा, अगर हमास केवल बंधकों को रिहा करेगा और हम पर गोलीबारी बंद करेगा, हम क्या करेंगे? हम गोलीबारी बंद कर देंगे, है ना? उन्हें सत्ता छोड़ने की जरूरत है.'' 

'मध्‍य पूर्व में एक प्रक्रिया को बर्बाद कर दिया'

हुयाता ने इजरायल और सऊदी अरब के सामान्यीकरण समझौते पर बातचीत की ओर इशारा करते हुए कहा, "हमास ने न केवल हम पर हमला किया. उसने मध्य पूर्व में एक प्रक्रिया को बर्बाद कर दिया और उसने जानबूझकर ऐसा किया है क्योंकि यह उनकी विचारधारा है और यही ईरानी विचारधारा है, जिसने साधन, धन और प्रशिक्षण प्रदान किया और संभावित रूप से इस समय ऐसा करने के लिए आदेश भी दिया."

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Saturday, October 14, 2023

PM के प्रमुख सचिव ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण रोकने के लिए उपायों की समीक्षा की

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी.के. मिश्रा ने शुक्रवार को दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण पर एक उच्च स्तरीय कार्यबल की बैठक की अध्यक्षता की और आगामी सर्दी के मौसम के मद्देनजर प्रतिकूल वायु गुणवत्ता के मुद्दे से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि पीएमओ में बैठक के दौरान मिश्रा ने चरणबद्ध कार्रवाई कार्ययोजना (जीआरएपी) के कार्यान्वयन, इसकी निगरानी और इसे लागू करने में सुधार के उपायों पर भी चर्चा की.

उन्होंने कहा कि वायु गुणवत्ता खराब होने से रोकने के लिए सभी संबंधित हितधारकों द्वारा जीआरएपी के तहत सूचीबद्ध कार्यों का सख्ती से कार्यान्वयन महत्वपूर्ण है. बयान में कहा गया कि यह बैठक सर्दियों के मौसम के निकट आते ही दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में प्रतिकूल वायु गुणवत्ता की समस्या से निपटने के लिए विभिन्न हितधारकों द्वारा की जाने वाली तैयारियों की समीक्षा के लिए आयोजित की गई.

बैठक में मिश्रा ने औद्योगिक प्रदूषण, वाहनों से होने वाले प्रदूषण, निर्माण एवं तोड़फोड (सी एंड डी) गतिविधियों से निकलने वाली धूल, सड़कों पर उड़ने वाली धूल, ठोस अपशिष्ट (एमएसडब्ल्यू) को जलाने समेत विभिन्न स्रोतों से होने वाले प्रदूषण के प्रभावों को कम करने के लिए किये जा रहे विभिन्न उपायों के बारे में विस्तार से चर्चा की. बयान में कहा गया कि बैठक के दौरान वायु प्रदूषण को कम करने के लिए हरियाली एवं पौधरोपण से जुड़ी पहल पर भी विचार-विमर्श किया गया.

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के अध्यक्ष एम.एम. कुट्टी ने बताया कि एनसीआर के उद्योगों को स्वच्छ ईंधन की ओर स्थानांतरित किया जा रहा है और 240 औद्योगिक क्षेत्रों में से 211 को पहले ही सीएनजी कनेक्शन प्रदान किया जा चुका है. इसी तरह, 7,759 ईंधन-आधारित उद्योगों में से 7,449 पीएनजी या अनुमोदित ईंधन पर स्थानांतरित किये जा चुके हैं.

कुट्टी ने यह भी बताया कि ई-वाहनों में वृद्धि हुई है और वर्तमान में एनसीआर में 4,12,393 ई-वाहन पंजीकृत हैं. ई-बसों और बैटरी चार्जिंग स्टेशन की संख्या भी बढ़ी है तथा अब दिल्ली में 4,793 ईवी चार्जिंग पॉइंट हैं. निर्माण और तोड़फोड़ संबंधी गतिविधियों से निकलने वाले मलबे के प्रबंधन के संबंध में, सीएक्यूएम ने सूचित किया कि 5150 टन प्रति दिन (टीपीडी) की क्षमता वाली पांच मलबा प्रसंस्करण सुविधाएं चालू हैं और 1000 टीपीडी क्षमता वाली एक और सुविधा दिल्ली में शीघ्र चालू होगी.

बयान में कहा गया कि हरियाणा में 600 टीपीडी क्षमता वाली सी-एंड-डी सुविधाएं चालू हैं और 700 टीपीडी क्षमता वाली सुविधाएं शुरू की जाएंगी. उत्तर प्रदेश में, 1300 टीपीडी वाली मलबा प्रसंस्करण सुविधाएं संचालित की जा रही हैं और दो सुविधाएं चालू की जाएंगी. सभी राज्यों से सी-एंड-डी मलबा प्रसंस्करण क्षमता बढ़ाने का अनुरोध किया गया है.

पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में धान की पराली जलाने की घटनाओं में कमी सुनिश्चित करने के प्रयासों के तहत प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव ने इन तीनों ही राज्यों के मुख्य सचिवों को इस पर पैनी नजर रखने के निर्देश दिए.

चर्चा के दौरान प्रमुख सचिव ने बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया जिसमें कई उपाय शामिल थे, जैसे कि बायोमास पेलेट की खरीद, विद्युत मंत्रालय द्वारा जारी बेंचमार्क मूल्य को अपनाना, मार्च 2024 तक पूरे एनसीआर क्षेत्र में गैस अवसंरचना का विस्तार करना एवं आपूर्ति करना तथा मांग पर बायोमास की शीघ्र आपूर्ति सुनिश्चित करना.



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Friday, October 13, 2023

भारत और चीन के बीच 20वें दौर की सैन्य वार्ता में कोई प्रगति नहीं

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास टकराव वाले बाकी बिंदुओं पर लंबित गतिरोध के समाधान की दिशा में भारत-चीन सैन्य वार्ता के नवीनतम चरण में कोई प्रगति नहीं हुई. घटनाक्रम से परिचित लोगों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. दोनों पक्षों के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों ने 9 और 10 अक्टूबर को भारतीय क्षेत्र में चुशुल-मोल्डो सीमा बिंदु पर 20वें दौर की वार्ता की थी.

मामले के जानकार लोगों ने कहा कि वार्ता सौहार्दपूर्ण रही लेकिन लंबित मुद्दों के समाधान पर कोई प्रगति नहीं हुई. समझा जाता है कि बातचीत में भारतीय पक्षे ने डेपसांग और डेमचोक में लंबित मुद्दों के समाधान पर पूरा जोर दिया.

विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा था कि लंबित मुद्दों के जल्दी एवं परस्पर स्वीकार्य समाधान के लिहाज से खुले और रचनात्मक तरीके से वार्ता हुई. मंत्रालय ने बताया कि दोनों पक्षों ने प्रासंगिक सैन्य एवं राजनयिक तंत्रों के माध्यमों से संवाद एवं वार्ता की लय बनाए रखने पर सहमति जताई.

दोनों देशों के बीच सैन्य वार्ता का इससे पहला दौर 13 और 14 अगस्त को हुआ था. विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने पश्चिमी सेक्टर में एलएसी के पास लंबित मुद्दों के शीघ्र एवं परस्पर स्वीकार्य समाधान के लिए स्पष्ट, खुलकर और रचानात्मक तरीके से विचारों का आदान-प्रदान किया. यह वार्ता दोनों देशों के राष्ट्रीय नेतृत्व के दिशानिर्देशों के अनुसार की गई और इस दौरान 13-14 अगस्त को हुई कोर कमांडर स्तर की बैठक के पिछले दौर में हुई प्रगति को आधार बनाया गया.''

पूर्वी लद्दाख में टकराव के कुछ बिंदुओं पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तीन साल से अधिक समय से गतिरोध बना हुआ है, लेकिन दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई स्थानों से अपने सैनिकों को वापस बुला लिया है. भारत लगातार कहता रहा है कि जब तक सीमावर्ती इलाकों में शांति कायम नहीं होती, चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते. पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पांच मई, 2020 को पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध शुरू हो गया था. गलवान घाटी में जून 2020 में हुई झड़प के बाद दोनों देशों के संबंध काफी प्रभावित हुए.

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लड़कियां सिगरेट पीती थीं तो चच्चा हो गए नाराज़, गुस्से में कैफे में ही लगा दी आग

मध्य प्रदेश के इंदौर से एक अनोखा मामला देखने को मिला है. दरअसल, एक बुजुर्ग ने एक कैफे में आग लगा दी. वजह सिर्फ इतनी थी कि बुजुर्ग को ये बिल्कुल पसंद नहीं था कि कोई लड़की सिगरेट पिए. बुजुर्ग ने पुलिस को जानकारी दी कि उसे लड़कियों का सिगरेट पीना अच्छा नहीं लगता था इसीलिए उसने कैफे ही फूंक डाला. इस मामले ने सोशल मीडिया पर सनसनी मचा दी है. लोग इस पर रिएक्ट भी कर रहे हैं.

लड़कियां इस कैफे में आकर  सिगरेट पीती थीं. जानकारी के मुताबिक, ये मामला इंदौर (Indore) के लसूडिया थाना क्षेत्र का है. यहां स्काई कॉर्पोरेट के पास एक कैफे है, जहां कई लोग चाय-सिगरेट पीने आते हैं. खैर चच्चा को ये बिल्कुल पसंद नहीं था कि कोई लड़की सिगरेट पिए. ऐसे में उन्होंने कैफे में ही आग लगा दी. आग लगाने का मामला सामने आने के बाद कैफे संचालक शुभम चौधरी ने सीसीटीवी फुटेज (CCTV Footage) निकालकर चेक करवाई तो पूरी बात पता चली.

सीसीटीवी (CCTV) फुटेज में एक बुजुर्ग व्यक्ति आग लगाकर जाता हुआ नजर आ रहा है. इसके बाद लसूडिया पुलिस ने पूरे मामले की जांच की और थाना प्रभारी तारेश सोनी ने एक टीम का गठन किया. इस टीम ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.



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Thursday, October 12, 2023

इजराइल की सेना ने पहले लेबनान से "संदिग्ध घुसपैठ" की आशंका जताई, फिर इसे "गलती" बताया

इजराइल के गाजा के साथ जारी युद्ध के बीच इजराइली सेना ने बुधवार को कहा कि लेबनान से देश के हवाई क्षेत्र में "संदिग्ध घुसपैठ" हुई है. हालांकि समाचार एजेंसी एएफपी ने बताया कि बाद में उसने कहा कि एक गलती हुई है और वह इसकी जांच कर रहा है.

इजराइली सेना के होम फ्रंट कमांड ने लेबनान की सीमा के पास देश के उत्तरी भाग में स्थित बीट शीन, सफ़ेद और तिबरियास शहरों के लोंगों को बड़े पैमाने पर हमले की आशंका के मद्देनजर अगली सूचना तक शरण देने के लिए कहा है. उत्तरी सीमा के पार कई कस्बों और शहरों में रॉकेट सायरन भी बजते रहे हैं.

इजराइली सेना ने बाद में कहा कि रिपोर्टें एक "गलती" के कारण आई थीं. उसने लेबनान के साथ सीमा के पास किसी भी बड़ी घटना से इनकार किया. सेना के स्पोक्समेन डेनियल हगारी ने टेलीविजन पर प्रसारित एक बयान में कहा, "लेबनान से इस समय कोई लॉन्च नहीं हुआ है, कोई अलर्ट नहीं है, यह एक गलती है जिसकी हम जांच की जा रही है... हम जांच करेंगे कि क्या यह तकनीकी खराबी है या मानवीय गलती है." 

एएफपी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे पहले दिन में लेबनान के आतंकी समूह हिजबुल्लाह ने कहा था कि उसने सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच इस सप्ताह की शुरुआत में ईरान समर्थित समूह के तीन सदस्यों के मारे जाने के बाद इजराइल पर मिसाइलें दागी थीं. इसके बाद जवाबी कार्रवाई की गई. इज़राइल ने कहा कि उसने जवाब में लेबनान के दक्षिण में समूह की सैन्य निगरानी चौकियों में से एक पर हमला किया था.

इजराइल ने मंगलवार को सीरिया में आतंकवादियों पर गोलीबारी भी की थी. इजराइली सेना ने कहा कि उसकी आर्टिलरी ने गोलान हाइट्स से उस इलाके में हमला करके जवाब दिया जिस पर उसने 1967 से कब्जा कर रखा है.

शनिवार से गाजा पट्टी पर इजराइली हवाई हमलों में संयुक्त राष्ट्र फिलिस्तीनी शरणार्थी एजेंसी के 11 कार्यकर्ता मारे गए हैं और अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट के पांच सदस्य भी संघर्ष में मारे गए हैं. संगठनों ने यह जानकारी दी है.



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Explainer: इजरायल के एस्केलॉन के होटल में क्यों गिरा हमास का रॉकेट? क्या आयरन डोम से हुई चूक?

इजरायल और फिलिस्तीनी सगंठन हमास के बीच चल रहे संघर्ष (Israel Palestine Conflict) के चौथे दिन बुधवार को एस्केलॉन शहर के एक होटल में हमास का रॉकेट गिरा था. इस हमले के बाद होटल को काफी नुकसान पहुंचा है. इजरायल-हमास की जंग की कवरेज के लिए NDTV की टीम ग्राउंड पर है. NDTV की टीम (NDTV reporting in Israel) इजराइल के एस्केलॉन में जिस होटल में रुकी थी, वहीं पर रॉकेट से हमला किया गया. हालांकि, इस हमले में NDTV के दोनों जर्नलिस्ट सुरक्षित हैं. हमले के दौरान उन्होंने बंकर में छिपकर अपनी जान बचाई. आइए जानते हैं कि आखिर एस्केलॉन के होटल में हमास का रॉकेट क्यों गिरा?

दरअसल, दशकों से चल रहे हमास के रॉकेट हमले से परेशान इजरायल ने इसे रोकने के लिए आयरम डोम नाम की एयर डिफेंस सिस्टम बनायी. ये अमेरिका की पेट्रियट मिसाइल की तर्ज पर भी काम करता है. इसे 2011 में पहली बार इस्तेमाल किया गया. ये हर मौसम में काम कर सकता है. 

कैसे आया 'आयरन डोम' का विचार
- 2006 में इजरायल-लेबनान युद्ध के दौरान 4000 रॉकेट उत्तरी इजरायल पर दागे गए थे.
- वहीं, 2000 और 2007 में गाजा की ओर से भी दक्षिणी इजरायल पर भी 4000 रॉकेट हमले किए गए थे. 
- इन हमलों से बचने के लिए इजरायल को ऐसी तकनीक का विचार आया, जिसमें रॉकेट हमले की पहचानकर उसे नाकाम किया जा सके.

'आयरन डोम' क्या है? 
- इसे इजरायल की सरकारी रक्षा एजेंसी 'राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स' ने डेवलप किया गया है. 
- इसे रक्षा मिसाइल बैटरी भी कहते हैं. पूरे इजरायल में इस तरह की सात रक्षा मिसाइल बैटरी लगी हुई है. 
- हर बैटरी इंटरसेप्ट मिसाइल क्षमता से लैस है. इसे सिक्योर्ड वायरलेस कनेक्शन के जरिए ऑपरेट किया जाता है. 
- आयरन डोम में एक रडार यूनिट, मिसाइल कंट्रोल यूनिट और कई लॉन्चर्स शामिल हैं. 
- यह डिफेंस सिस्टम हर मौसम में काम करने में सक्षम है. 
-70 किमी के दायरे में आयरन डोम से निकली एंटी मिसाइल हमास रॉकेट को हवा में नेस्तनाबूत कर देती है.

कैसे करता है काम?
-जैसे ही गाज़ा पट्टी से रॉकेट छोड़ा जाता है, तो इस पर नज़र रखने वाला आयरन डोम एक्टिव हो जाता है. 
-इजरायल का रडार सिस्टम चालू हो जाता है. वह रॉकेट को ट्रैक करने लगता है.
-कंट्रोल सिस्टम ये देखता है कि रॉकेट इजरायल के किस इलाके में गिरेगा. जहां रॉकेट गिरेगा वहां आबादी रहती है या फिर वो बिना आबादी वाला इलाका है. 
-टारगेट वाली जगह का आकलन करने के बाद आयरन डोम हरकत में आता है और इसका लॉन्चर तामिर मिसाइल छोड़ता है. 
-अगर कंट्रोल रूम ये आकलन करता है कि रॉकेट किसी ऐसी जगह गिरेगा, जहां आबादी नहीं है, तो आयरन डोम उसे इंटरसेप्ट करने के लिए मिसाइल फायर नहीं करता.
-एक आयरन डोम के तामिर मिसाइल की कीमत 50 हज़ार अमेरिकी डॉलर होता है. ख़तरे वाले एक रॉकेट को हवा में नष्ट करने के लिए आयरन डोम से दो तामिर मिसाइल को छोड़ा जाता है. ये काफ़ी खर्चीला है. लिहाज़ा इसका इस्तेमाल जानमाल का नुकसान रोकने के लिए ही होता है. 
-हालांकि, आयरन डोम इजरायल का मज़बूत सिस्टम माना जाता है. ये आकलन में कोई गलती नहीं करता. लेकिन जब सैकड़ों की तादाद में रॉकेट आ रहे हों तो फिर ख़तरे की आशंका बढ़ जाती है. 
-मंगलवार को एस्केलॉन के होटल में जो रॉकेट गिरा, वह उन सैकड़ों रॉकेट में से एक था, जिसे गाज़ा पट्टी से एक साथ छोड़ा गया था. सवाल है कि ये इंटरसेप्ट क्यों नहीं हुआ? ऐसा तो हो नहीं सकता कि कंट्रोल रूम से आकलन में गलती हुई हो कि यह ये रिहायशी इलाके पर नहीं गिरेगा? 
-संभव है कि भारी तादाद में छोड़े गए रॉकेटों में से इस एक ने आयरन डोम को धत्ता बता दिया और ये एस्केलॉन के होटल पर आ गिरा.



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इराक के न्यूक्लियर रिएक्टर पर इजरायल की वो सर्जिकल स्ट्राइक, जिससे हिल गई थी दुनिया

इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास के बीच जारी जंग (Israel Palestine Conflict) में ईरान और लेबनान भी शामिल हो गए हैं. ईरान समर्थित लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्लाह ने इजरायल के कई इलाकों में मिसाइलें दागी हैं. सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच इजरायल ने भी हिजबुल्लाह पर जवाबी कार्रवाई की है. इस बीच इजरायल और उसके करीबी सहयोगी अमेरिका ने हिजबुल्लाह को दूसरा मोर्चा खोलने के खिलाफ चेतावनी दी है. 

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दरअसल, इजराइल और ईरान प्रॉक्सी वॉर (छद्म युद्ध) लड़ रहे हैं. ईरान हिजबुल्लाह और फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद को फंडिंग कर रहा है. कहा जाता है कि ईरान अरब दुनिया के बॉस बनना चाहता है. ईरान अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम को लगातार बढ़ा रहा है. इजरायल ने इसपर भी चिंता जाहिर की है. अपने दोस्त अमेरिका के साथ मिलकर इजरायल भी ईरान के कथित परमाणु हथियार कार्यक्रम की निंदा करने में मुखर रहा है. ईरान दावा करता है कि वह अपने परमाणु हथियार से दुनिया को तबाह कर सकता है.

इस हालात में जून 1981 में इराक के परमाणु रिएक्टर पर इजरायली वायुसेना के हमले का जिक्र करना जरूरी है. इस हमले को 'ऑपरेशन ओपेरा' का नाम दिया गया था. सैन्य विश्लेषकों ने आशंका जताई है कि अगर इजरायल बड़े पैमाने पर क्षेत्रीय युद्ध की स्थिति में खुद को हर तरफ से घिरा हुआ पाता है, तो वह ईरान पर दोबारा इसी तरह का हमला करने में नहीं हिचकेगा.

ईरान ने कम से कम आधिकारिक तौर पर इस बात पर ज़ोर दिया है कि इजरायल पर हमास के हमले में उसकी कोई भागीदारी नहीं है. जबकि इजरायल के साथ रिश्ते सुधारने की इच्छा रखने वाले कुछ पड़ोसी अरब इस हालात में मध्यस्थता की भूमिका निभाने का मौका देख रहे हैं. इसमें कतर और सऊदी जैसे देश शामिल हैं.

क्या है ऑपरेशन ओपेरा?
इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन ने 1970 के दशक में न्यूक्लियर रिएक्ट बनाने का काम शुरू किया था. उन्होंने तमुज़ 1 और तमुज़ 2 नाम के दो न्यूक्लियर रिएक्टर बनाने के लिए फ्रांस के साथ डील साइन की. इजरायल जानता था कि इराक का न्यूक्लियर रिएक्टर उसके लिए बड़ा खतरा है, क्योंकि तानाशाह के तहत इराक का न्यूक्लियर पावर बनना खतरनाक होगा.

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इजरायल के चिंतित होने के पीछे का मुख्य कारण सद्दाम हुसैन की कुछ सालों पहले दी गई एक धमकी थी. इसमें सद्दाम हुसैन ने कहा था कि अगर इराक में न्यूक्लियर बम बना, तो उसका इस्तेमाल सिर्फ यहूदियों (इजरायल) पर होगा. यही वजह थी कि इजरायल इस न्यूक्लियर रिएक्टर को रोकने के लिए पूरी कोशिश में लग गया. इसके लिए उसने कूटनीतिक और राजनयिक तरीके भी अपनाए. लेकिन इसमें कोई खास सफलता नहीं मिल पा रही थी. ऐसे में इजरायल के तत्कालीन प्रधानमंत्री मेनचिम बेगिन ने इराक के उस निर्माणाधीन न्यूक्लियर रिएक्टर पर हमला करने की योजना बनाई.

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एयर स्ट्राइक के रूट को लेकर थी दिक्कत
हमले के लिए रूट को लेक दिक्कत थी. क्योंकि टारगेट के लिए एक बड़ी दूरी (1100 किमी) के रास्ते में कई दुश्मन देश आते और सीमित मात्रा में फ्यूल भी था. आखिरकार हमले के लिए रूट का प्रस्ताव तत्कालीन इजरायली वायु सेना प्रमुख मेजर जनरल डेविड आइवरी ने दिया. योजना यह थी कि इजरायल के फाइटर प्लेन दुश्मन देश सऊदी अरब और जॉर्डन के एयर स्पेस के रास्ते करीब 1600 किलोमीटर की उड़ान भरकर इराक में जाएंगे और रिएक्टर को तबाह करेंगे.

7 जून 1981 को हुआ हमला
7 जून 1981 को शाम 4 बजे इजरायल के 14 फाइटर जेट ने एट्ज़ियन एयरपोर्ट से उड़ान भरी. इजरायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) की वेबसाइट पर उपलब्ध 'ऑपरेशन ओपेरा' की डिटेल के मुताबिक, करीब 5.30 बजे इजरायल के फाइटर जेट ने इराक में ओसिरक न्यूक्लियर रिएक्टर पर हमला किया और सफलतापूर्वक अपना मिशन पूरा किया.

IDF ने इस ऑपरेशन के बारे में कहा, "ऑपरेशन के शुरुआती फेज में IDF ने F-4 फाइटर जेट का इस्तेमाल करने की योजना बनाई थी. लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, नए F-16 फाइटर जेट इस्तेमाल के लिए उपलब्ध हो गए. ऑपरेशन के दौरान स्क्वाड्रन 110 और 117 से 8 F-16 फाइटर जेट का इस्तेमाल किया गया. बैकअप के लिए 6 F-15A फाइटर जेट का इस्तेमाल हुआ. फाइटर जेट के अलावा इस ऑपरेशन में करीब 60 दूसरे एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया गया था."

रेडियो साइलेंस के साथ फाइटर जेट्स ने भरी उड़ान
फाइटर जेट ने रेडियो साइलेंस के साथ और रडार स्विच्ड ऑफ करके इजरायल से उड़ान भरी थी. इसने 1100 किलोमीटर के रास्ते पर उड़ान भरी. ये दूरी दिल्ली से मुंबई तक उड़ान भरने के बराबर है. फाइटर पायलटों ने रडार की पकड़ से बचने के लिए बेहद कम ऊंचाई पर दुश्मन के इलाके में उड़ान भरी, जो पायलटों के हाई स्किल लेवल को दिखाता है. जेट पूरी तरह से आउटर फ्यूल टैंकों से भरे हुए थे, जिन्हें इस्तेमाल करने के बाद बंद कर दिया गया था.

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जॉर्डन के राजा हुसैन ने इराक की ओर जाते देखा था फाइटर जेट
हमले के दौरान जॉर्डन के राजा हुसैन पोर्ट सिटी अकाबा में छुट्टियां मना रहे थे. फाइटर जेट को ऊपर से गुजरते देख उन्होंने तुरंत इराकियों को इसकी जानकारी दी. जॉर्डन के राजा ने इराकी सरकार को चेताया कि वे इजरायली हमले का निशाना हो सकते हैं. इजरायली पत्रकार श्लोमो नाकदिमोन ने 2003 में अपने एक आर्टिकल में लिखा, "ऐसा लगता है कि जॉर्डन के राजा का मैसेज इराक को मिला ही नहीं. शायद कम्युनिकेशन एरर की वजह से मैसेज पहुंच न पाया हो."

इराक के न्यूक्लियर रिएक्टर को तबाह करने के बाद इजरायल के सभी फाइटर जेट 40000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरते हुए जॉर्डन और सऊदी अरब को पार करते हुए 3 घंटे के अंदर अपने एयर बेस पर वापस लौट गए.
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इराक के 10 लोगों की भी हुई मौत
इस पूरे ऑपरेशन में इजरायल को किसी भी तरह का नुकसान नहीं हुआ. वहीं, इराक के 10 लोग मारे गए. उनका महत्वपूर्ण न्यूक्लियर रिएक्टर बनने से पहले ही बर्बाद हो गया.

IDF ने कहा, "ऑपरेशन ओपेरा का नाम एक बैंक के नाम से लिया गया था. ऑपरेशन की गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए इसे हर बार अलग-अलग नाम दिए गए थे. जब ऑपरेशन हुआ, तो इसका आधिकारिक नाम 'ऑपरेशन ओपेरा' रखा गया."

न्यूक्लियर रिएक्टर पर एयर स्ट्राइक को लेकर कई देशों ने इजरायल की निंदा की, लेकिन 1990-91 में पहले खाड़ी युद्ध के बाद नेताओं ने इस अविश्वसनीय ऑपरेशन का समर्थन किया, क्योंकि इजरायली हमले ने इराक को आखिरकार न्यूक्लियर हथियार हासिल करने से रोक दिया था.


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Wednesday, October 11, 2023

भारत, इटली ने रक्षा संबंधों को बढ़ावा देने के लिए समझौते पर किए हस्ताक्षर

भारत और इटली ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके इतालवी समकक्ष गुइदो क्रोसेतो के बीच रोम में हुई व्यापक वार्ता के बाद सैन्य साजो-सामान के सह-विकास एवं सह-उत्पादन सहित अपने रक्षा संबंधों को बढ़ावा देने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. सिंह दो देशों की अपनी यात्रा के प्रथम चरण में इटली में हैं. वहां से वह फ्रांस जाएंगे. रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि सोमवार को सिंह और क्रोसेतो के बीच हुई वार्ता रक्षा-औद्योगिक सहयोग पर केंद्रित थी तथा यह समझौता सह-विकास, सह-उत्पादन एवं संयुक्त उद्यम स्थापित करने में मदद करेगा.

बयान के अनुसार, 'यह समझौता सुरक्षा और रक्षा नीति, अनुसंधान एवं विकास, सैन्य क्षेत्र में शिक्षा, समुद्री क्षेत्र में जागरूकता, रक्षा जानकारी साझा करना और सह-विकास, सह-उत्पादन सहित औद्योगिक सहयोग और संयुक्त उद्यमों की स्थापना जैसे विभिन्न रक्षा क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देगा.'' समझौते पर हस्ताक्षर को रक्षा सहयोग का विस्तार करने की दिशा में एक बड़ी पहल के रूप में देखा जा रहा है. रक्षा मंत्रालय द्वारा अगस्ता वेस्टलैंड और इसकी मूल कंपनी लियोनार्दो एसपीए पर प्रतिबंध हटाने के लगभग दो साल बाद इस समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं.

लियोनार्दो एसपीए को पहले फिनमैकेनिका के नाम से जाना जाता था. 3,500 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में भ्रष्टाचार के आरोपों के मद्देनजर फिनमैकेनिका और अगस्ता वेस्टलैंड पर 2014 में प्रतिबंध लगा दिया गया था. मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने प्रशिक्षण, सूचना साझा करने, नौसैना अभ्यास और समुद्री सुरक्षा सहित रक्षा सहयोग के कई मुद्दों पर चर्चा की. बयान में कहा गया है कि सिंह ने इतालवी रक्षा कंपनियों के साथ भारतीय स्टार्ट-अप की बातचीत को बढ़ावा देने का सुझाव दिया.

मंगलवार को, सिंह ने 24 इतालवी रक्षा कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों के साथ भी बातचीत की, जिस दौरान उन्होंने दोनों देशों के रक्षा उद्योगों के एक साथ काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया. बाद में, सिंह इतालवी उप रक्षा मंत्री मातियो पेरेगो दी क्रेमनागो और इटली में भारतीय राजदूत नीना मल्होत्रा के साथ पेरुगिया प्रांत के मोंटोन गए, जहां उन्होंने नाइक यशवंत घाडगे तथा द्वितीय विश्व युद्ध में लड़ने वाले अन्य भारतीय सैनिकों के लिए हाल में बनाए गए स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की.

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आपदा प्रभावित उत्तरी सिक्किम से 176 पर्यटकों को हवाई मार्ग से किया गया रेस्क्यू

उत्तर सिक्किम से कुल 176 सैलानियों को हवाई मार्ग से मंगलवार को निकाला गया. तीस्ता नदी में बाढ़ आने की वजह से यह क्षेत्र प्रभावित हुआ है. मुख्य सचिव वीबी पाठक ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इसके साथ, भारतीय वायु सेना (आईएएफ) द्वारा उत्तरी सिक्किम के लाचेन और लाचुंग शहरों से सोमवार से अब तक 26 विदेशियों सहित कुल 690 पर्यटकों को हवाई मार्ग से निकाला गया है. उन्होंने बताया कि पर्यटकों को पाकयोंग हवाईअड्डे तक लाने के लिए सोमवार को वायुसेना के सात हेलीकॉप्टर तैनात किए गए थे, जबकि मंगलवार को चार हेलीकॉप्टर तैनात किए गए थे.

पाठक ने कहा कि इसके अतिरिक्त, 499 लोगों - पर्यटकों और स्थानीय लोगों को परिवहन के अन्य साधनों द्वारा उत्तरी सिक्किम से मंगन में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां से वे सरकारी बसों और निजी टैक्सियों में गंगटोक के लिए रवाना हुए. उन्होंने कहा कि अब तक उत्तरी सिक्किम जिले से लगभग 1,200 लोगों को स्थानांतरित किया गया है. उन्होंने कहा कि उत्तरी सिक्किम में फंसे शेष पर्यटकों को बुधवार को निकाला जाएगा क्योंकि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान जताया है.

मुख्य सचिव ने कहा कि भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने स्थानीय लोगों और वहां तैनात सेना और आईटीबीपी कर्मियों के लिए उत्तरी सिक्किम में लगभग 58 टन राहत सामग्री पहुंचाई. उन्होंने कहा कि सबसे अधिक प्रभावित जिलों में से एक, उत्तरी सिक्किम के अधिकांश क्षेत्रों में दूरसंचार और बिजली बुनियादी ढांचे को बहाल कर दिया गया है. अचानक आई बाढ़ के लगभग एक हफ्ते बाद भी 76 लोग लापता हैं. सिक्किम और पश्चिम बंगाल के अधिकारियों के अनुसार, अब तक सिक्किम में 36 शव मिले हैं, जबकि पश्चिम बंगाल में नदी के किनारे विभिन्न स्थानों पर 41 शव मिले हैं. ल्होनाक हिमनद झील में बादल फटने से भारी मात्रा में पानी आया, जिससे तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई.
 



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