Sunday, December 31, 2023

राजस्थान: बीजेपी ने चुनाव लड़ रहे सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी को मंत्री बनाया

राजस्थान में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने करणपुर सीट से चुनाव लड़ रहे पूर्व मंत्री सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी को शनिवार को मंत्रिपरिषद में शामिल किया. इस सीट पर पांच जनवरी को मतदान होना है. कांग्रेस पार्टी ने इसके लिए भाजपा की आलोचना की है. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह भाजपा आलाकमान के अहंकार को दर्शाता है.

राज्य मंत्रिपरिषद के विस्तार के लिए शपथ ग्रहण समारोह यहां राजभवन में आयोजित हुआ, जहां 12 को कैबिनेट, पांच को राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) व पांच को राज्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई. राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजभवन में विधायकों और सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई.

वोटों की गिनती आठ जनवरी को होगी
टीटी ने राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में शपथ ली. टीटी करणपुर सीट से भाजपा के उम्मीदवार हैं. राज्य में विधानसभा की 200 में से 199 सीटों के लिए 25 नवंबर को मतदान हुआ. इसका परिणाम तीन दिसंबर को घोषित किया गया. करणपुर गंगानगर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी और तत्कालीन विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया था. इस सीट पर अब पांच जनवरी को मतदान होगा. वोटों की गिनती आठ जनवरी को होगी.

छह दिसंबर तक यहां 2 लाख 40826 मतदाता थे
इस सीट पर भाजपा की ओर से पूर्व मंत्री सुरेंद्रपाल उम्मीदवार हैं तो कांग्रेस ने कुन्नर के बेटे रुपिंदर सिंह को प्रत्याशी बनाया है. करणपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल 249 मतदान केंद्र हैं. छह दिसंबर तक यहां 2 लाख 40826 मतदाता थे.

वहीं कांग्रेस ने टीटी को मंत्री बनाए जाने की आलोचना की है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 'एक्स' पर लिखा, ‘‘करणपुर में 5 जनवरी को होने वाले मतदान की आचार संहिता के प्रभावी होने के बावजूद वहां से भाजपा प्रत्याशी को मंत्री बनाना आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन एवं वहां के मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास है. निर्वाचन आयोग को इस पर संज्ञान लेकर अविलंब कार्रवाई करनी चाहिए.''

उन्होंने लिखा, ‘‘इस तरह के असंवैधानिक कदम उठाना लोकतंत्र में दुर्भाग्यपूर्ण है. यह भाजपा आलाकमान के अहंकार को दर्शाता है.'' वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि पार्टी इस मामले को निर्वाचन आयोग के सामने उठाएगी.

डोटासरा ने 'एक्स' पर लिखा, ‘‘भाजपा का अहंकार सातवें आसमान पर है. भाजपा ने निर्वाचन आयोग को ठेंगा दिखाकर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए करणपुर से भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्रपाल टीटी को मंत्री पद की शपथ दिलाई है.''

उन्होंने लिखा, ‘‘संभवतः देश में यह पहला मामला है जब चुनाव से पूर्व भाजपा ने अपने प्रत्याशी को मंत्री बनाया है, कांग्रेस इस मामले को निर्वाचन आयोग के संज्ञान में लाकर कार्रवाई की मांग करेगी.''

कांग्रेस नेता व पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने इस मुद्दे को उठाते हुए 'एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘करणपुर विधानसभा क्षेत्र के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्रपाल टीटी को मंत्री पद की शपथ दिलाना, आदर्श आचार संहिता का खुला उल्लंघन है. राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता से फोन पर बातचीत कर तत्काल कार्यवाही की मांग की.''

राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी इस मुद्दे को उठाया. उन्होंने 'एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘मगर भाजपा ने आचार संहिता के बीच अपने प्रत्याशी को मंत्री पद देकर करणपुर के मतदाताओं को प्रलोभन देने जैसा काम किया है. करणपुर की स्वाभिमानी जनता इस अलोकतांत्रिक और अमर्यादित कदम के पीछे की राजनीति को समझ रही है. निर्वाचन आयोग को इस मामले का संज्ञान लेकर, उचित कार्रवाई करनी चाहिये.''

वहीं भाजपा की ओर से पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने अपनी पार्टी के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि टीटी की राज्यमंत्री के रूप में ली गई शपथ संविधान के प्रावधानों के अनुरूप ही है. उन्होंने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘संविधान के अनुच्छेद 164 (4) में निहित प्रावधानों के तहत किसी भी व्यक्ति को बिना निर्वाचित हुए 6 माह तक मंत्री पद धारण करने का अधिकार है. इस संवैधानिक प्रावधान के अनुसार मुख्यमंत्री की सलाह पर महामहिम राज्यपाल द्वारा किसी भी व्यक्ति को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है. उसके बाद 6 महीने के अंदर उसे विधानमंडल का सदस्य निर्वाचित होना जरूरी है.''

राठौड़ ने कहा, ‘‘संविधान की तीसरी अनुसूची के अनुसार ली गई शपथ किसी प्रकार की आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है. पूर्ववर्ती सरकार में भी मंत्री पद पर रहते हुए दर्जनों मंत्रियों ने चुनाव लड़ा है

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40 साल बाद ट्रेन का सफर, हावड़ा से वाराणसी की यात्रा कर केंद्रीय मंत्री ने साझा किया अनुभव

केंद्रीय मंत्री राजकुमार रंजन सिंह (Rajkumar Ranjan Singh) ने हावड़ा (Howrah) से वाराणसी (Varanasi) तक रात भर अकेले ट्रेन की यात्रा की और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के शहर में काशी तमिल संगमम (Kashi Tamil Sangamam) कार्यक्रम से पहले सोशल मीडिया पर अपना अनुभव शेयर किया, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) का लोकसभा क्षेत्र भी है.

40 साल पहले की थी ट्रेन यात्रा
विदेश और शिक्षा राज्य मंत्री रंजन सिंह ने एनडीटीवी को बताया कि वह कुछ समय से ट्रेन में यात्रा करने के बारे में सोच रहे थे क्योंकि आखिरी ट्रेन यात्रा उन्होंने 40 साल पहले की थी. केंद्रीय मंत्री शनिवार सुबह काशी तमिल संगमम में मुख्य वक्ताओं में से एक थे, जहां उन्होंने मुद्रा योजना, मेक इन इंडिया नीति और प्रधानमंत्री जन धन योजना के अवसरों और सफलता के बारे में विस्तार से बताया.

'मैंने रेलवे क्षेत्र में बहुत विकास देखा है'
सिंह ने एनडीटीवी को बताया, "मैं 40 साल के लंबे समय के बाद ट्रेन यात्रा करना चाहता था. मैंने रेलवे क्षेत्र में बहुत विकास देखा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस क्षेत्र के लिए बहुत काम किया है." 

सोशल मीडिया पर शेयर की तस्वीरें
ट्रेन के पश्चिम बंगाल (West Bengal) के हावड़ा से रवाना होने से पहले, केंद्रीय मंत्री ने पैसेंजर और अधिकारियों के साथ 'एक्स' (पहले ट्विटर) पर तस्वीरें पोस्ट कीं. सिंह ने पोस्ट में कहा, "ट्रेन से यात्रा...काशी तमिल संगमम के लिए. अमृत काल में नरेंद्र मोदी जी द्वारा शुरू किए गए हमारे संकल्प पूरे देश की एकता और सामूहिक प्रयासों से पूरे होंगे."

तमिलनाडु के प्रतिनिधियों और अन्य विजिटर्स ने काशी तमिल संगमम के शैक्षणिक सत्र में भाग लिया,.

'आज का समापन समारोह अंत नहीं है'
सिंह ने वाराणसी में एक कार्यक्रम में कहा, "काशी तमिल संगमम का आज का समापन समारोह अंत नहीं है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के दृष्टिकोण की शुरुआत है, जिसकी भावना देश की अखंडता और एकीकरण को मजबूत करने की क्षमता रखती है," 

राष्ट्र की सामूहिक समृद्धि में योगदान करने का अवसर
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "जैसा कि हम इन उपलब्धियों का जश्न मनाते हैं, आइए हम एक ऐसे भविष्य के निर्माण के लिए इन सहयोगी प्रयासों का पोषण और विस्तार करना जारी रखें जहां प्रत्येक व्यक्ति को आगे बढ़ने और हमारे राष्ट्र की सामूहिक समृद्धि में योगदान करने का अवसर मिले."

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Saturday, December 30, 2023

गणतंत्र दिवस परेड: दिल्‍ली-पंजाब की झांकियां खारिज होने पर AAP और BJP आमने-सामने, केंद्र पर बदला लेने का आरोप

गण‍तंत्र दिवस परेड (Republic Day Parade) की झांकियों को लेकर आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) और भाजपा (BJP) आमने-सामने है. दिल्ली सरकार (Delhi Government) के कला, संस्कृति, और भाषा मंत्री सौरभ भारद्वाज ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी और सीमावर्ती राज्य (पंजाब) में शासन कर रही आम आदमी पार्टी से ‘बदला लेने के लिए' गणतंत्र दिवस परेड के लिए दिल्ली और पंजाब की झांकियां खारिज (Delhi and Punjab Tableaux Rejected) कर दी हैं. साथ ही भारद्वाज ने कहा कि केंद्र ने तीन सालों से दिल्ली की झांकियों को इस परेड में शामिल नहीं किया है. 

अधिकारियों के अनुसार गणतंत्र दिवस परेड में आखिरी बाद 2021 में दिल्ली की झांकी को जगह मिली थी. उसमें शाहजहांनाबाद पुनर्विकास परियोजना को दर्शाया गया था. भारद्वाज ने कहा कि इस साल दिल्ली की झांकी में शहर के विद्यालयों एवं मोहल्ला क्लीनिक मॉडल को प्रदर्शित किया जाना था. मंत्री ने कहा, ‘‘देश की राजधानी दिल्ली की झांकी को केंद्र ने खारिज कर दिया. उसकी झांकी को 2022, 2023 और अब फिर 2024 की परेड के लिए खारिज कर दिया गया.''

उन्होंने कहा कि 2023 में गणतंत्र दिवस परेड के वास्ते दिल्ली की झांकी का विषय ‘नारी शक्ति' था और 2024 की परेड के लिए झांकी का विषय ‘विकसित भारत' था. उन्होंने कहा, ‘‘कोई नहीं कह सकता कि यह डिजायन प्रतिस्पर्धा है. केंद्र ने हमें कुछ सुझाव दिये थे और हमने उन्हें ( अपने झांकी प्रस्ताव में) शामिल किया था. यदि वह हमें कुछ और सुझाव देते तो हम उन्हें भी शामिल करते. हमारी झांकी विद्यालयों एवं मोहल्ला क्लीनिक मॉडल को दर्शातीं.''

भारद्वाज ने कहा कि यह महज संयोग नहीं है कि पंजाब के झांकी प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया गया है. उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘केंद्र आप से बदला लेने के लिए ऐसा कर रहा है.''

चुने गए 80% राज्‍य भाजपा शासित : मान 

बुधवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उनके राज्य की झांकी को परेड में शामिल नहीं करने को लेकर केंद्र पर प्रहार किया था और उसपर भेदभाव का आरोप लगाया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि झांकियों के लिए चुने गये राज्यों में 80 फीसद भाजपा द्वारा शासित राज्य हैं. 

जाखड़ का झांकी के राजनीतिकरण का आरोप

इस पर पलटवार करते हुए गुरुवार को भाजपा की प्रदेश इकाई के प्रमुख सुनील जाखड़ ने मान पर गणतंत्र दिवस परेड के लिए राज्य की झांकी के राजनीतिकरण का आरोप लगाया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने जोर देकर कहा था कि झांकी में उनकी और अरविंद केजरीवाल की तस्वीरें थीं और यही एक कारण था कि इसे गणतंत्र दिवस की परेड से बाहर कर दिया गया. जाखड़ ने कहा, 'आप सरकार इस बात पर अड़ी थी कि इस पर केजरीवाल और भगवंत मान की तस्वीरें होनी चाहिए, जिसकी प्रोटोकॉल के मुताबिक अनुमति नहीं है. पंजाब की झांकी को बाहर करने का यह एक कारण था.'

"... तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा" : मान 

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य की झांकी का इस्तेमाल अपने व्यक्तिगत प्रचार के लिए करने का आरोप लगने के एक दिन बाद शुक्रवार को चुनौती दी कि यदि भाजपा की प्रदेश इकाई के प्रमुख सुनील जाखड़ यह आरोप साबित कर देते हैं, तो वह राजनीति छोड़ देंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि जाखड़ ने जब यहां बृहस्पतिवार को संवाददाता सम्मेलन में ये आरोप लगाए तो वह ऐसे हकला रहे थे जैसे कोई झूठा हकलाता है. मान ने कहा कि हालांकि, वह जाखड़ के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हैं, जो हाल में भाजपा में शामिल हुए हैं और उन्हें 'उन्हें दी गई पटकथा पढ़नी होगी.' लुधियाना में पत्रकारों से बात करते हुए मान ने कहा, 'जाखड़ को सबूत देना चाहिए कि अरविंद केजरीवाल या भगवंत मान की तस्वीरें झांकी पर लगी थीं. क्या वे सोचते हैं कि हम पागल हैं?'

मान ने कहा, 'अगर जाखड़ यह साबित कर दें तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा.'

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भारत ने पाकिस्तान से 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को प्रत्यर्पित करने को कहा

भारत (India) ने पाकिस्तान (Pakistan) से 2008 के मुंबई आतंकी हमलों समेत ऐसे अनेक मामलों में वांछित लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद (Hafiz Saeed) को प्रत्यर्पित करने को कहा है. हाफिज सईद कई आतंकी मामलों में भारतीय जांच एजेंसियों द्वारा वांछित है. भारत ने सईद के बेटे तल्हा सईद के पाकिस्तान में चुनाव लड़ने की खबरों पर भी गौर किया और कहा कि उस देश में कट्टरपंथी आतंकवादी संगठनों को 'मुख्यधारा में आना' कोई नई बात नहीं है और यह लंबे समय से उसकी राज्य नीति का हिस्सा है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि आतंकवादी के प्रत्यर्पण के लिए कुछ दस्तावेजों के साथ पिछले दिनों इस्लामाबाद को अनुरोध भेजा गया. बागची ने अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि हाल में प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध भेजा गया था. 

उन्होंने कहा, ‘‘जिसका जिक्र हो रहा है, वह भारत में कई मामलों में वांछित है. उसे संयुक्त राष्ट्र ने भी आतंकवादी घोषित किया है. इस संबंध में, हमने प्रासंगिक जरूरी दस्तावेजों के साथ पाकिस्तान सरकार को उसे भारत प्रत्यर्पित करने का अनुरोध किया है ताकि एक खास मामले में वह मुकदमा का सामना कर सके.''

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग ने कुछ सप्ताह पहले अनुरोध सौंपा था. 

प्रवक्ता ने कहा कि भारत पाकिस्तान को सईद की गतिविधियों के बारे में बताता रहा है और वह भारत में वांछित है. सईद के बेटे के पाकिस्तान में चुनाव लड़ने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर बागची ने कहा कि उस देश में 'कट्टरपंथी आतंकवादी संगठनों का मुख्यधारा में आना' कोई नई बात नहीं है. 

बागची ने कहा, 'हमने इस संबंध में कुछ खबरें देखी हैं. यह एक आंतरिक मामला है.' उन्होंने कहा कि वह किसी भी देश के आंतरिक मुद्दों पर आम तौर पर टिप्पणी नहीं करते हैं. 

उन्होंने कहा, ''पाकिस्तान में चरमपंथी आतंकवादी संगठनों का मुख्यधारा में शामिल होना कोई नई बात नहीं है और लंबे समय से इसकी उसकी राज्य नीति का हिस्सा रहा है.''

उन्होंने कहा, 'इस तरह के घटनाक्रम का क्षेत्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ता है. हम निश्चित रूप से उन सभी घटनाक्रम पर नजर रखेंगे जिनका हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव पड़ता है.'

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Friday, December 29, 2023

मौसम विभाग ने दिल्ली और हरियाणा में अगले पांच दिनों तक घने कोहरे की दी चेतावनी

राष्ट्रीय राजधानी में अगले पांच दिनों में बहुत घना कोहरा छाने की संभावना है, जबकि न्यूनतम तापमान सात से आठ डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है. मौसम विभाग ने यह जानकारी दी है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, दिल्ली में गुरुवार को न्यूनतम तापमान 8.4 डिग्री सेल्सियस (मौसम के सामान्य तापमान से एक डिग्री अधिक) दर्ज किया गया जबकि अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 21.4 डिग्री सेल्सियस रहा. 

मौसम विभाग ने 31 दिसंबर तक सुबह और रात के दौरान दिल्ली, हरियाणा और चंडीगढ़ के लिए बहुत घने कोहरे की चेतवानी भी जारी की है. 

विभाग ने घने कोहरे के लिए एक परामर्श जारी कर चालकों को फॉग लाइट का उपयोग करने और यात्रियों को विमानन, रेलवे और राज्य परिवहन की सारिणी के बारे में अपडेट रहने के लिए कहा है. 

कोहरे के कारण ट्रेनें लेट 

आईएमडी के मुताबिक, ''गाड़ी चलाते समय या परिवहन के किसी भी साधन का उपयोग करते समय सावधानी बरतें.'' दृश्यता कम होने से रेल सेवाएं भी प्रभावित हुईं और बृहस्पतिवार को दिल्ली जाने वाली 22 ट्रेनें देरी से चलीं. आईएमडी ने बताया कि शाम 5.30 बजे दिल्ली में सापेक्ष आर्द्रता 82 प्रतिशत थी. 

358 दर्ज किया गया औसत एक्‍यूआई 

इस बीच, गुरुवार को 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 358 दर्ज किया गया. एक्यूआई को शून्य से 50 के बीच ''अच्छा'', 51 से 100 के बीच ''संतोषजनक'', 101 से 200 के बीच ''मध्यम'', 201 से 300 के बीच ''खराब'', 301 से 400 के बीच ''बेहद खराब'' और 401 से 500 के बीच ''गंभीर'' माना जाता है.

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खुफिया जानकारी एकत्र करने के लिए अगले 5 साल में 50 उपग्रह भेज रहा है भारत : ISRO प्रमुख

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organization) के अध्यक्ष एस सोमनाथ (S Somnath) ने बृहस्पतिवार को यहां कहा कि भारत भू-खुफिया जानकारी एकत्र करने के लिए अगले पांच वर्षों में 50 उपग्रहों को प्रक्षेपित करने का लक्ष्य रख रहा है. उन्होंने कहा कि इनमें सैनिकों की आवाजाही पर नजर रखने और हजारों किलोमीटर क्षेत्र की तस्वीरें लेने की क्षमता के साथ विभिन्न कक्षाओं में उपग्रहों की एक परत का निर्माण शामिल होगा. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मुंबई के वार्षिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी समारोह ‘टेकफेस्ट' को संबोधित करते हुए सोमनाथ ने कहा कि बदलावों का पता लगाने, आंकड़ों के विश्लेषण के लिए एआई से संबंधित और डेटा आधारित प्रयासों के मामले में उपग्रहों की क्षमता बढ़ाना अहम है. उन्होंने कहा कि अंतरिक्षयान देश की सीमाओं और पड़ोसी क्षेत्रों पर नजर रखने में सक्षम हैं. 

सोमनाथ ने कहा, ‘‘यह सब उपग्रहों से देखा जा सकता है हम इसे संभालने के लिए उपग्रह प्रक्षेपित कर रहे हैं, लेकिन अब सोचने का एक अलग तरीका है और हमें इसे और अधिक महत्वपूर्ण तरीके से देखने की जरूरत है क्योंकि (किसी भी) राष्ट्र की शक्ति उसकी यह समझने की क्षमता है कि उसके आसपास क्या हो रहा है''

इसरो प्रमुख ने कहा, ‘‘हमने अगले पांच वर्षों में 50 उपग्रहों को अंतिम रूप देने के लिए उनका संयोजन कर लिया है और इसे अगले पांच वर्षों से अधिक समय में इस विशेष भू-खुफिया जानकारी संग्रह में सहायता के लिहाज से भारत के लिए भेजा जा रहा है.''

सोमनाथ ने कहा कि अगर भारत इस स्तर पर उपग्रहों का प्रक्षेपण कर सकता है तो देश के सामने आने वाले खतरों को बेहतर तरीके से कम किया जा सकता है. 

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Thursday, December 28, 2023

VIDEO : अनियंत्रित कार ने फुटपाथ पर खड़े शख्स को कुचला, हिलने तक का नहीं मिला मौका

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से एक रौंगटे खड़े कर देने वाला सीसीटीवी फुटेज सामने आया है. सीसीटीवी फुटेज के विचलित करने वाले दृश्‍यों में एक तेज रफ्तार वैगन आर कार धूल उड़ाती हुई तेजी से सड़क पर फिसलती नजर आ रही है. इसी दौरान कार फुटपाथ पर खड़े एक शख्‍स को अपनी चपेट में भी ले लेती है, जो बेखबर वहां पर खड़ा होता है. इस दुर्घटना में चोट लगने के कारण उस शख्‍स की मौत हो गई. दुर्घटना के दौरान मृतक को हिलने तक का वक्‍त नहीं मिला. 

यह हादसा तीन दिन पहले उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के टूंडला में हुआ था. अब इस घटना की सीसीटीवी फुटेज सामने आया है. फुटेज में 34 साल का विष्णु नजर आ रहा है, जो सड़क के किनारे खड़ा है. वीडियो में देखा जा सकता है कि दुर्घटना के कुछ क्षणों पहले तक विष्‍णु इधर-उधर चलते और फिर अपने फोन की ओर देखता नजर आ रहा है.  

कुछ सेकेंड के इस वीडियो में नजर आ रहा है कि घटना के वक्‍त पलक झपकते ही वैगन आर कार फिसलती हुई तेज गति से विष्णु की ओर आती है. विष्‍णु को अपनी चपेट में लेती है और सीसीटीवी कैमरे की पहुंच से दूर ले जाती है और पीछे छोड़ जाती है धूल का गुबार. इस घटना के बाद स्‍थानीय लोग भी दौड़ते नजर आ रहे हैं. 

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि दुर्घटना नवाब चौराहे पर हुई और विष्णु सिरोलिया का रहने वाला था. 

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Two arrested in Ahmedabad lead to interstate detection



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Wednesday, December 27, 2023

उल्फा, केंद्र और असम सरकार के बीच शांति समझौते के आसार, परेश बरुआ गुट नहीं होगा समझौते का हिस्‍सा

यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (United Liberation Front of Asom) के वार्ता समर्थक धड़े, केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच 29 दिसंबर को त्रिपक्षीय समझौता हो सकता है, जिसका उद्देश्य पूर्वोत्तर राज्य में दीर्घकालिक शांति बहाल करना है. सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah), असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्‍वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) और उल्फा के वार्ता समर्थक गुट के एक दर्जन से अधिक शीर्ष नेता यहां शांति समझौते पर हस्ताक्षर के समय उपस्थित रहेंगे. वार्ता समर्थक गुट का नेतृत्व अरबिंद राजखोवा करते हैं. 

घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने कहा कि इस समझौते में असम से संबंधित काफी लंबे समय से चले आ रहे राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक मुद्दों का ध्यान रखा जाएगा, इसके अलावा यह मूल निवासियों को सांस्कृतिक सुरक्षा और भूमि अधिकार प्रदान करेगा. 

परेश बरुआ के नेतृत्व वाला यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असोम (उल्फा) का कट्टरपंथी गुट इस समझौते का हिस्सा नहीं होगा क्योंकि वह सरकार के प्रस्तावों को लगातार अस्वीकार कर रहा है. 

सूत्रों ने कहा कि राजखोवा समूह के दो शीर्ष नेता - अनूप चेतिया और शशधर चौधरी - पिछले सप्ताह राष्ट्रीय राजधानी में थे और उन्होंने शांति समझौते को अंतिम रूप देने के लिए सरकारी वार्ताकारों के साथ बातचीत की. 

उल्‍फा गुट से ये अधिकारी कर रहे बातचीत 

सरकार की ओर से जो लोग उल्फा गुट से बात कर रहे हैं उनमें इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक तपन डेका और पूर्वोत्तर मामलों पर सरकार के सलाहकार एके मिश्रा शामिल हैं. 

परेश बरुआ गुट कर रहा है विरोध 

परेश बरुआ के नेतृत्व वाले गुट के कड़े विरोध के बावजूद, राजखोवा के नेतृत्व वाले उल्फा गुट ने 2011 में केंद्र सरकार के साथ बिना शर्त बातचीत शुरू की थी. राजखोवा के बारे में माना जाता है कि वह चीन-म्यांमार सीमा के पास एक जगह पर रहते हैं. 

1979 में हुआ था उल्‍फा का गठन 

उल्फा का गठन 1979 में 'संप्रभु असम' की मांग के साथ किया गया था. तब से यह संगठन विघटनकारी गतिविधियों में शामिल रहा है जिसके कारण केंद्र सरकार ने 1990 में इसे प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया था. 

राजाखोवा गुट 2011 में शांति वार्ता में शामिल हुआ 

उल्फा, केंद्र और राज्य सरकारों के बीच ‘सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस' (एसओओ) के समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद राजखोवा गुट तीन सितंबर, 2011 को सरकार के साथ शांति वार्ता में शामिल हुआ था. 

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* असम में करीब 1300 मदरसों को स्कूलों में तब्दील किया गया



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Tuesday, December 26, 2023

अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर के विकास में अभूतपूर्व प्रगति हुई : राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर के विकास में अभूतपूर्व प्रगति हुई है. जम्मू-कश्मीर के एक युवा प्रतिनिधिमंडल को यहां संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और स्थानीय प्रशासन केंद्र शासित प्रदेश के लोगों की प्रगति के लिए मिलकर काम कर रहे हैं. राष्ट्रपति ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के युवा भारत की मुख्यधारा का हिस्सा बनकर अपने सपनों को पूरा करना चाहते हैं.

सरकार जम्मू-कश्मीर की प्रगति के लिए निवेश कर रही 
मुर्मू ने कहा, "लेकिन आज भी कुछ तत्व निहित स्वार्थ के कारण नहीं चाहते कि कश्मीर आगे बढ़े." उन्होंने कहा कि जिस तरह से सरकार जम्मू-कश्मीर की प्रगति के लिए बुनियादी ढांचे, प्रौद्योगिकी और शिक्षा में निवेश कर रही है, वह दिन दूर नहीं जब जम्मू-कश्मीर भारत में प्रगति का आदर्श पेश करेगा. 'वतन को जानो' कार्यक्रम के तहत देश का दौरा कर रहे प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने यहां राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति से मुलाकात की. 

प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि 'वतन को जानो' कार्यक्रम का उद्देश्य उन्हें देश की कला, संस्कृति, सभ्यता और विकास कार्यों से अवगत कराना है.

"हमें इसे और मजबूत करना होगा"
मुर्मू ने कहा, "उन्हें दौरे के दौरान एहसास हुआ होगा कि हम अलग-अलग भाषाएं बोलते हैं, अलग-अलग कपड़े पहनते हैं, अलग-अलग जीवनशैली अपनाते हैं, लेकिन हम एक हैं. यही एकता हमारी असली ताकत है. हमें इसे और मजबूत करना होगा." राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान के मुताबिक, राष्ट्रपति ने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर के विकास में 'अभूतपूर्व' प्रगति हुई है. 

राष्ट्रपति ने युवा प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से सरकार द्वारा किए जा रहे विकासात्मक प्रयासों का लाभ उठाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि ऐसा करने से उनके जीवन में तरक्की के नए रास्ते खुलेंगे.

नकारात्मक प्रचार से दूर रहने की सलाह दी
मुर्मू ने उन्हें अपने उज्ज्वल भविष्य के लिए नशीली दवाओं, असामाजिक तत्वों और नकारात्मक प्रचार से दूर रहने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र सभी को उचित अवसर प्रदान करता है, बस उन्हें इसमें विश्वास करना होगा और समर्पण और कड़ी मेहनत के साथ आगे बढ़ना होगा. मुर्मू ने कहा, "डिजिटल जम्मू-कश्मीर की ओर बढ़ते हुए प्रशासन ने शासन को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए महत्वपूर्ण पहल की है." उन्होंने कहा कि प्रभावी वितरण और पारदर्शिता सुशासन का आधार है. राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि इसी विचार के साथ 1,100 से अधिक सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन किया गया है, जो आम जनता के हित में हैं.

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"कोई भी जिम्‍मेदारी छोटी या बड़ी नहीं होती": केंद्र से राज्‍य में मंत्री बनाए जाने पर NDTV से बोले प्रह्लाद पटेल

केंद्र सरकार में मंत्री रहे प्रहलाद सिंह पटेल (Prahlad Singh Patel) को अब मध्‍य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. प्रहलाद पटेल ने अपनी नई जिम्‍मेदारी को नियती से जोड़ा और कहा कि जिम्‍मेदारी छोटी-बड़ी नहीं होती है. राज्‍य में मंत्री पद की शपथ लेने के बाद NDTV के साथ खास बातचीत में प्रहलाद पटेल ने कहा कि भाजपा नेतृत्‍व हमेशा प्रयोग करता रहता है और वो प्रयोग हमेशा सफल होते हैं. वहीं पूर्व मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नई भूमिका को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा कि यह केंद्रीय नेतृत्‍व को तय करना है. 

प्रहलाद पटेल ने कहा, "मैं नई जिम्‍मेदारी को मैं नियती के साथ जोड़ता हूं. आज अटल बिहारी वाजपेयी की जन्‍म जयंती है. मोदी सरकार इसे सुशासन दिवस के रूप में मनाती है. वाजपेयी कहते थे कि सदन छोटा बड़ा नहीं होता है, जिम्‍मेदारी छोटी-बड़ी नहीं होती है. सदन के भीतर मर्यादित रहिए, सदन के बाहर आप जनप्रतिन‍िधि हों या न हों एक जिम्‍मेदार नागरिक के नाते सुशासन के लिए काम करते रहिए, तो गरीब और जरूरतमंदों को जरूर न्‍याय मिलेगा."

उन्‍होंने कहा, "मैं मोदीजी की उन निष्‍ठाओं के बारे में जरूर कहूंगा जो उन्‍होंने रोडमैप के रूप में देश के सामने रखी हैं - गरीब कल्‍याण, महिला सशक्तिकरण, हमारे युवाओं का जीवन हमसे बेहतर हो, किसान जो अर्थव्‍यवस्‍था की रीढ हैं, उसे कीमत भी सही मिले और सम्‍मान भी मिले." 

उन्‍होंने कहा कि मध्‍य प्रदेश ऐसे भूगोल पर स्थित है, जिसके पास संसाधन और संभावनाएं दोनों हैं. उन्‍होंने कहा कि हम देश के राज्‍यों की सूची में नंबर एक के स्‍थान पर पहुंचने का सामर्थ्‍य रखते हैं. यह टीम निश्चित रूप से लक्ष्‍य को प्राप्‍त करेगी. 

उन्‍होंने अपनी पहली प्राथमिकता बताते हुए कहा कि मां नर्मदा हमारी जीवन रेखा है. उन्‍होंने कहा कि हम मां नर्मदा से लेना तो जानते हैं, लेकिन देने की कोशिश नहीं करते हैं. उन्‍होंने कहा कि ऐसी कई चीजें हैं, जिनके आधार पर हम स्‍वावलंबी होकर नई ऊंचाइयों को छू सकते हैं. 

पटेल ने कहा कि भाजपा का नेतृत्‍व हमेशा प्रयोग करता रहा है, वो प्रयोग हमेशा सफल प्रयोग होते हैं. 

'नई टीम में अनुभवी और ऊर्जावान लोग'

मध्‍य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्‍तार को लेकर उन्‍होंने कहा कि अनुभव और नौजवानों की ऊर्जा मिलकर राज्‍य को गति और प्रगति देगी. जो लक्ष्‍य हम तय करेंगे उसे हासिल भी कर पाएंगे. उन्‍होंने इसे संतुलित टीम बताया और कहा कि इसमें अनुभवी और ऊर्जावान दोनों लोग हैं. साथ ही उन्‍होंने अच्‍छा काम करने का विश्‍वास जताया. 

केंद्र से राज्‍य में मंत्री बनाए जाने पर ये दिया जवाब 

केंद्र की बजाय राज्‍य में मंत्री बनाए जाने को लेकर के उन्‍होंने कहा कि जिम्‍मेदारी छोटी बड़ी नहीं होती है. आनंद के साथ अपनी जिम्‍मेदारी को पूरा करना चाहिए. मैं पूरी निष्‍ठा और क्षमता के साथ इसे निभाने का संकल्‍प व्‍यक्‍त करता हूं. 

केंद्रीय मंत्रियों के चुनाव लड़ने के सवाल पर बोले पटेल 

केंद्रीय मंत्रियों को राज्‍य में चुनाव लड़ाने को लेकर सवाल पर कहा कि भाजपा सामूहिक नेतृत्‍व की बात करती थी और सामूहिक नेतृत्‍व से फैसले करती रही है. इस बार भी सामूहिक नेतृत्‍व जनता के सामने था. लोगों ने उस संकल्‍प का सम्‍मान किया और मेरे जैसा अदना सा कार्यकर्ता बोलता था कि मैं 2003 की पुनरावृत्ति 2023 में देख रहा हूं और यह बात सच साबित हुई. यह भाजपा का मूल चरित्र है और सामूहिक नेतृत्‍व जनता को रास आता है. 

MP की सभी 29 लोकसभा सीट जीतने का दावा 

लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारी पर उन्‍होंने कहा कि मध्‍य प्रदेश में 29 में से 28 सीट हमारे पास है, एक सीट हमारे पास नहीं है. उन्‍होंने कहा कि हम सबकी कोशिश और संकल्‍प होगा कि हम उसको भी हासिल करें. 

वित्तीय अनुशासन की चिंता, संकल्‍पों को भी करेंगे पूरा 

अपनी प्राथमिकताओं को लेकर के उन्‍होंने कहा कि भारत सरकार राज्‍यों को मदद देती रही है. मैं सरकार का अभिनंदन करता हूं कि 5727 करोड़ रुपये की राशि उन्‍होंने दी है. हम अपने वित्तीय अनुशासन की चिंता भी करेंगे, लेकिन राज्‍य के संकल्‍पों को भी पूरा करेंगे. 

शिवराज की भूमिका पर बोले प्रह्लाद पटेल 

शिवराज सिंह चौहान की भूमिका को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान नेता हैं और अनुभवी नेता हैं. उनकी जिममेदारी केंद्रीय नेतृत्‍व ही तय करेगा, इस पर हमें टिप्‍पणी नहीं करनी चाहिए. 

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Monday, December 25, 2023

मोटापा कम करने के लिए सुबह खाली पेट पी लें नींबू पानी, मक्खन की तरह बह जाएगा शरीर में जमा एक्स्ट्रा फैट

Benefits Of Drinking Lemon Water: सुबह की शुरूआत हमेशा हेल्दी चीजों के साथ करनी चाहिए. कई लोग सुबह चाय और कॉफी के साथ अपने दिन की शुरूआत करना पसंद करते हैं. लेकिन ये सेहत के लिए काफी हानिकारक माने जाते हैं. अगर आप भी अपने दिन की शुरूआत हेल्दी ड्रिंक के साथ करना चाहते हैं तो आप नींबू पानी का सेवन कर सकते हैं. नींबू पानी को सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है. हर घर में आसानी से मिलने वाला नींबू सेहत के गुणों से भरपूर होता है. नींबू में विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इसके अलावा नींबू में थियामिन, नयासिन, रिबोफ्लोविन, विटामिन बी- 6, विटामिन ई और फोलेट जैसे विटामिन्स मौजूद होते हैं. जो शरीर को कई लाभ पहुंचाने में मदद कर सकते हैं. लेकिन आयुर्वेद में नींबू को बहुत गुणकारी माना जाता है. नींबू पानी का सेवन करने से मोटापे की समस्या को दूर किया जा सकता है. अगर आप भी अपने बढ़े हुए वजन को कम करना चाहते हैं तो सुबह खाली पेट नींबू पानी का सेवन कर सकते हैं. तो चलिए बिना किसी देरी के जानते हैं नींबू पानी पीने से होने वाले फायदे.

नींबू पानी पीने के फायदे- (Nimbu Pani Peene Ke Fayde)

1. वजन घटाने-

मोटापे की समस्या से परेशान हैं तो आप सुबह खाली पेट रोजाना एक गिलास नींबू पानी का सेवन करें. नींबू पानी शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालकर वजन कम करने में मदद कर सकता है. 

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2. ब्लड प्रेशर-

नींबू में सिट्रक एसिड पाया जाता है. नींबू में मौजूद विटामिन-सी ब्लड प्रेशर को संतुलित रखने का काम काम कर सकता है.

3. स्किन-

नींबू में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी स्किन डैमेज कम करता है और स्किन से ऑयल हटाता इसके अलावा दाग धब्बों को कम करने में भी मदद कर सकता है. नींबू पानी का सेवन कर स्किन को हेल्दी रख सकते हैं.

4. हाइड्रेशन-

सर्दियों के मौसम में हम सभी पानी कम पीते हैं जिससे शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है. नींबू में बहुत से विटामिन्स और मिनरल पाए जाते हैं जो शरीर में पानी की कमी नहीं होने देते. 



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Sunday, December 24, 2023

अस्पतालों में ‘नकली’ दवाओं की सप्लाई : सौरभ भारद्वाज ने स्वास्थ्य सचिव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सरकारी अस्पतालों में घटिया गुणवत्ता वाली दवाओं की कथित आपूर्ति को लेकर शनिवार को स्वास्थ्य सचिव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. घटिया गुणवत्ता वाली दवाओं की कथित आपूर्ति को लेकर उपराज्यपाल ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की सिफारिश की है.

भारद्वाज ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से सचिव के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवा निदेशालय-दिल्ली (डीएचएस) के एक पूर्व निदेशक के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की. मंत्री ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ‘‘जुलाई-अगस्त में कुछ दवाओं के नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए थे और 43 नमूनों में से पांच मानकों पर खरे नहीं उतरे.''

मार्च में स्वास्थ्य विभाग का कार्यभार संभालने वाले भारद्वाज ने कहा, ‘‘मुझे डेढ़ महीने बाद इसके बारे में पता चला.''

मनीष सिसोदिया और सत्येन्द्र जैन के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने और उनके विभागों की जिम्मेदारी सौंपे जाने के बाद भारद्वाज को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया था. भारद्वाज ने कहा, ‘‘बैंडेज जैसी वस्तुएं भी गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं पाई गईं.''

राज निवास के अधिकारियों ने कहा था कि सक्सेना ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों में ‘‘गुणवत्ता मानक परीक्षणों में विफल'' और ‘‘जीवन को खतरे में डालने की क्षमता'' वाली दवाओं की कथित आपूर्ति की सीबीआई जांच की सिफारिश की है. इसके बाद मंत्री ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया.

जांच की सिफारिश करते हुए उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव नरेश कुमार को लिखे एक नोट में उल्लेख किया है कि यह चिंताजनक है कि ये दवाएं लाखों मरीजों को दी जा रही हैं.

उपराज्यपाल ने अपने नोट में कहा कि दिल्ली स्वास्थ्य सेवा (डीएचएस) के तहत केंद्रीय खरीद एजेंसी (सीपीए) द्वारा खरीदी गई ये दवाएं दिल्ली सरकार के अस्पतालों को आपूर्ति की गईं और हो सकता है कि इन्हें मोहल्ला क्लीनिक को भी आपूर्ति की गई हो.

भारद्वाज ने कहा, ‘‘जब यह नोट (उपराज्यपाल का) आया, तो मुझे लगा कि दोनों मामलों (इस्तेमाल वाली चिकित्सा सामग्रियों और दवाओं के संबंध में) में सीबीआई जांच का आदेश दिया गया है, लेकिन जांच का आदेश केवल दवाओं के संबंध में दिया गया है.''

मंत्री ने कहा कि उपभोग्य सामग्रियों को केंद्र के सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) पोर्टल से लाया गया था. भारद्वाज ने कहा कि जब उन्होंने मार्च में पदभार संभाला था, तो उन्होंने निर्देश दिया था कि दवाओं और उपभोग्य सामग्रियों की सभी खरीद के ऑडिट में तेजी लाई जाए.

मंत्री ने कहा, ‘‘दवाओं की खरीद सीपीए के माध्यम से की जाती है. डीएचएस-दिल्ली इसके प्रमुख हैं और स्वास्थ्य सचिव विभाग के प्रभारी हैं. अगर कुछ हुआ है तो केंद्र के पास इन अधिकारियों (स्वास्थ्य सचिव और डीएचएस के पूर्व निदेशक) के खिलाफ कार्रवाई करने की शक्ति है. वे इस पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं?''

भारद्वाज ने कहा कि उन्होंने सड़क दुर्घटना पीड़ितों को मुफ्त इलाज मुहैया कराने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) नीत सरकार की पहल ‘दिल्ली के फरिश्ते' योजना को रोकने पर स्वास्थ्य सचिव और डीएचएस-दिल्ली के पूर्व निदेशक के खिलाफ भी कार्रवाई की सिफारिश की है.

उन्होंने कहा, ‘‘23 अक्टूबर को, हमने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के माध्यम से उपराज्यपाल को दोनों अधिकारियों (स्वास्थ्य सचिव और पूर्व डीएचएस अधिकारी) को निलंबित करने और उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने के लिए पत्र लिखा था. केंद्र इस पर क्यों बैठा है?''

भारद्वाज ने कहा, ‘‘केंद्र ने निर्वाचित सरकार के प्रति अधिकारियों की जवाबदेही खत्म कर दी है. आप हमसे क्यों पूछ रहे हैं? अगर भ्रष्टाचार हुआ है, तो इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. वे संबंधित मंत्री के प्रति जवाबदेह नहीं हैं.''

भारद्वाज ने कहा कि जब से वह स्वास्थ्य मंत्री बने हैं, तब से स्वास्थ्य सचिव और डीएचएस के साथ कई बैठकें हुईं और कई निर्देश जारी किए गए.

भारद्वाज ने कहा, ‘‘स्वास्थ्य सचिव को कई नोट भेजे गए लेकिन निर्देशों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. निर्देशों पर कार्रवाई रिपोर्ट मांगने के लिए पत्र भी भेजे गए लेकिन कोई जवाब नहीं दिया गया.''



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Saturday, December 23, 2023

पति ने पत्नी के सांवले रंग के चलते की तलाक की मांग, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए की अहम टिप्पणी

छत्तीसगढ़ में पति-पत्नी के बीच तलाक की मांग का अजीबोगरीब मामला सामने आया है. बिलासपुर हाईकोर्ट (Bilaspur High Court) में दायर अर्जी (Divorce Case) में पति ने पत्नी के सांवले रंग का हवाला देते हुए तलाक की मांग की. मामले में हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) ने पति के तलाक अर्जी को खारिज करते हुए महत्वपूर्ण टिप्पणी की. हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि त्वचा के रंग की पसंद को प्रोत्साहित नहीं किया जा सकता है, बल्कि समाज को एकजुट होकर त्वचा के रंग के पूर्वाग्रह से छुटकारा पाने के लिए काम करना चाहिए.

बता दें कि हाईकोर्ट में अपील दायर करने से पहले पति ने जिला कोर्ट (District Court) में तलाक की अर्जी दायर की थी. जहां फैसला उसके पक्ष में नहीं आने के बाद पति ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी और दीपक कुमार तिवारी की बेंच ने पति की याचिका खारिज करते हुए कहा कि हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 (Hindu Marriage Act) के तहत तलाक की डिक्री प्राप्त करने के लिए उसके द्वारा क्रूरता या परित्याग का कोई आधार नहीं बनाया गया था.

ऐसी मानसिकता को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता

न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी ने फैसले में कहा कि समाज में सांवली त्वचा की तुलना में गोरी त्वचा को प्राथमिकता देने की ऐसी मानसिकता को बढ़ावा देने के लिए पति को प्रोत्साहन नहीं दिया जा सकता है. इसके साथ ही उन्होंने पत्नी के साथ हुए दुर्व्यवहार पर भी आपत्ति जताई. अदालत ने फैसले में सांवली त्वचा वाली महिलाओं की स्थिति पर टिप्पणी करने के लिए संभावित भागीदार के रूप में किसी व्यक्ति की उपयुक्तता तय करने को लेकर त्वचा के रंग की प्राथमिकता पर एक अध्ययन का हवाला दिया और बड़े पैमाने पर समाज से इस मुद्दे पर चर्चा और सुधार करने की अपील की.

अदालत ने कहा, "अध्ययन से पता चलता है कि आकर्षण और योग्यता को उनके प्रभाव को कम करने के लिए नियंत्रित किया जाता है, जो त्वचा के रंग में भिन्नता का कारण बनता है. त्वचा के समकक्ष और त्वचा को गोरा करने वाले अधिकांश सौंदर्य प्रसाधन महिलाओं को लक्षित करते हैं." इसके साथ ही अदालत ने कहा, "मानव जाति के पूरे समाज को घर पर संवाद को बदलने की जरूरत है, जो त्वचा की निष्पक्षता को बढ़ावा नहीं दे सकता है."

क्या है मामला?

बता दें कि इससे पहले पति ने फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी दायर की थी. 30 जुलाई 2022 को फैमिली कोर्ट ने अपना फैसला पत्नी के पक्ष में सुनाया. जिसके बाद पति ने फैमिली कोर्ट की डिक्री को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अपील दायर की. अपील में पति ने अपनी पत्नी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसकी वित्तीय स्थिति के कारण उसकी पत्नी ने 2005 में उसे छोड़ दिया और शादी के कुछ महीने के बाद अपने मायके चली गई. पति ने आरोप लगाया कि उसके गंभीर प्रयासों के बावजूद 2017 के बाद से उसकी पत्नी कभी भी वैवाहिक संबंधों में शामिल नहीं हुई. इसके साथ ही पति ने तलाक अर्जी में बताया कि उसे छोड़ने के बाद उसकी पत्नी ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 125 के तहत गुजारा भत्ता की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया है.

वहीं दूसरी ओर पत्नी ने पति पर उसके रंग को लेकर दुर्व्यवहार करने और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया. पत्नी ने आरोप लगाया कि उसकी गर्भावस्था के दौरान उसके पति ने उसे शारीरिक चोट पहुंचाई और अपने घर से बाहर निकाल दिया. इसके साथ ही पत्नी ने बताया कि उसका पति दूसरी शादी करना चाहता था इसलिए उसने उसे छोड़ दिया.

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दिल्ली के आबकारी नीति मामले में अरविंद केजरीवाल को तीसरी बार ED का समन

दिल्ली की आबकारी नीति से जुड़े केस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) के दूसरे समन को ठुकराए जाने के एक दिन बाद एजेंसी ने अब उनको 3 जनवरी को उसके सामने पेश होने के लिए कहा है. केजरीवाल को एजेंसी ने गुरुवार को बुलाया था, लेकिन वे इससे एक दिन पहले पूर्व-निर्धारित 10-दिन के विपश्यना (ध्यान) के लिए रवाना हो गए.

यदि आम आदमी पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल 3 जनवरी को तीसरी बार समन पर ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए तो ईडी के पास उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट मांगने का विकल्प होगा.

गुरुवार को एजेंसी के समन का जवाब देते हुए केजरीवाल ने इसे "राजनीति से प्रेरित और अवैध" बताया था. 'आप' प्रमुख ने यह भी कहा था कि उन्होंने अपना जीवन पारदर्शिता और ईमानदारी से जीया है और उनके पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है. केजरीवाल ने मामले के जांच अधिकारी को लिखे एक पत्र में कहा था कि व्यक्तिगत पेशी के लिए उनके खिलाफ जारी किया गया नोटिस “कानून के अनुरूप नहीं है” और इसे वापस लिया जाना चाहिए.

ईडी ने आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्डरिंग मामले की जांच के सिलसिले में दिल्ली के मुख्यमंत्री को तीन जनवरी को पेश होने के लिए समन जारी किया है. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को इससे पहले दो नवंबर और 21 दिसंबर को नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन उन्होंने एजेंसी के सामने पेश होने से इनकार कर दिया था.

केजरीवाल को जब पहली बार 2 नवंबर को पेश होने के लिए कहा गया था तब पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार चल रहा था. तब उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय को पत्र लिखकर समन वापस लेने के लिए कहा था.

केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि समन बीजेपी के इशारे पर भेजा गया. केजरीवाल ने पत्र में कहा था, “उक्त समन में यह निर्दिष्ट नहीं किया गया है कि मुझे एक व्यक्ति के रूप में बुलाया जा रहा है, दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में मेरी आधिकारिक क्षमता में, या फिर 'आप' के राष्ट्रीय संयोजक के रूप में बुलाया जा रहा है."

अप्रैल में इस मामले को लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो ने आप प्रमुख से पूछताछ की थी, लेकिन एजेंसी ने उन्हें आरोपी नहीं बनाया था.

उन्होंने उस समय एजेंसी और केंद्र की बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था, "सीबीआई ने मुझसे कुल 56 सवाल पूछे. सब कुछ फर्जी है. मामला फर्जी है. मुझे यकीन है कि उनके पास हमारे खिलाफ कुछ भी नहीं है, एक भी सबूत नहीं है." 

ईडी की ओर से पहला समन जारी किए जाने के बाद से ही ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को पूछताछ के बाद एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किया जाएगा. 'आप' के कई नेताओं ने भी इसी तरह के बयान जारी किए हैं.

दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को इस मामले में फरवरी में गिरफ्तार किया गया था और आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को अक्टूबर में हिरासत में लिया गया था.



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Friday, December 22, 2023

सिर्फ एक फिल्म कर चुका ये एक्टर दौलत और कमाई के मामले में है सलमान जैसे बड़े स्टार से आगे

भारत में एक्टर पॉपुलर और अमीर दोनों हैं. भारत में सबसे अमीर एक्टर अक्सर वो होते हैं जो दूसरे बिजनेस में भी हाथ आजमाते हैं. जैसे कि सबसे अमीर भारतीय एक्टर शाहरुख खान हैं और उनकी प्रॉपर्टी ना केवल फिल्मों से बल्कि खेल, रियल एस्टेट और यहां तक कि विजुअल इफेक्ट डिजाइन समेत दूसरी चीजों से भी आती है. इसी तरह एक 'एक्टर' है जिसने अभी तक सिर्फ एक फिल्म की है लेकिन पहले से ही सलमान खान, अक्षय कुमार और प्रभास जैसे ए-लिस्टर्स से प्रॉपर्टी और पैसे के मामले में आगे है.

एक फिल्म पुराना एक्टर जो सुपरस्टार्स से भी ज्यादा अमीर है

यह गौरव हासिल करने वाले शख्स हैं बिजनेसमैन से एक्टर बने राज कुंद्रा. वो बिजनेसमैन जिसने शिल्पा शेट्टी से शादी की है. उन्होंने हाल ही में अपनी बायोपिक यूटी 69 में अपना ही रोल स्क्रीन पर प्ले किया. फिल्म उस टाइम के बारे में बताती है जब कुंद्रा को पॉर्न फिल्में बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और उन्होंने मुंबई जेल में कुछ समय बिताया था. एक्सपीरियंस के हिसाब से आप उन्हें एक्टर कैटेगरी में रखा जा सकता है. उनकी पहले से मौजूद 3000 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति उन्हें भारत के सबसे अमीर लोगों में से एक बनाती है. जो कि निश्चित रूप से सलमान खान (2900 करोड़ रुपये), अक्षय कुमार (2500 करोड़ रुपये) और प्रभास (300 करोड़ रुपये) से ज्यादा है.

राज कुंद्रा की प्रॉपर्टी और नेटवर्थ का सीक्रेट

कई सोर्सेज के मुताबिक कुंद्रा की कुल प्रॉपर्टी लगभग $350 मिलियन (3000 करोड़ रुपये) है जो उन्हें एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के सबसे अमीर लोगों में से एक बनाती है. हालांकि उनकी संपत्ति का सोर्स पूरी तरह से एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री नहीं है. कुंद्रा अपनी पत्नी शिल्पा शेट्टी के साथ इंडियन प्रीमियर लीग टीम राजस्थान रॉयल्स के सह-मालिकों में से एक हैं. इसके अलावा वह ग्रुपको डेवलपर्स और टीएमटी ग्लोबल जैसे सफल बिजनेस वेंचर्स के प्रमुख भी हैं और कई दूसरे बिजनेस में भी उनकी इन्वेस्टमेंट है. कुंद्रा जे एल स्ट्रीम प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ भी हैं जो सोशल मीडिया लाइव स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म को कवर करती है.



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Thursday, December 21, 2023

केजीएफ, कांतारा और सालार के बाद आएगा बघीरा, सामने आया टीजर तो लोग बोले- रोंगटे खड़े कर दिए...

Bagheera Official Teaser: साउथ की केजीएफ और कांतारा जैसी फिल्में, जो केवल बॉक्स ऑफिस पर ही नहीं दर्शकों के दिलों में भी छाप छोड़ गई. वहीं अब इसी फिल्म के मेकर्स सालार की रिलीज के लिए तैयार हैं. लेकिन इससे पहले फैंस को तोहफा देते हुए एक नई फिल्म बघीरा का टीजर सामने आया है, जो कि तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.  वहीं फैंस इसे देखकर कह रहे हैं कि रोंगटे खड़े हो गए हैं. बघीरा का टीजर बहुत ही कमाल का है और लग रहा है कि एक बार फिर जोरदार एक्शन देखने को मिलेगा.

होम्बले फिल्म्स के यूट्यूब पेज पर बघीरा का टीजर शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा गया, जब समाज जंगल बन जाता है तो केवल एक शिकारी न्याय के लिए दहाड़ता है, जो है बघीरा. हमारे बेहद प्रतिभाशाली एक्टर श्री मुरली को जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए होम्बले फिल्म्स को पेश करते हैं बघीरा का ऑफिशियल टीजर प्रेजेंट करता है. 

बघीरा, केजीएफ 1, कंतारा और सालार के निर्माताओं की एक अपकमिंग कन्नड़ फिल्म है, जो डॉ. सूरी द्वारा निर्देशित, दूरदर्शी निर्देशक प्रशांत नील द्वारा निर्मित, बी. अजनीश लोकनाथ द्वारा संगीत और विजय किरागांदुर द्वारा निर्मित है. इस फिल्म का टीजर को देखने के बाद एक यूजर ने लिखा, कन्नड़ इंडस्ट्री ग्रो कर रही है और इंडस्ट्री के मुकाबले. दूसरे यूजर ने लिखा, यह केवल टीजर नहीं एक इमोशन है. तीसरे यूजर ने लिखा, रोंगटे खड़े कर दिए.



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Wednesday, December 20, 2023

Bigg Boss 17: मुनव्वर फारूकी की एक्स वाइफ की फोटो वायरल, दोनों गर्लफ्रेंड से खूबसूरत हैं कॉमेडियन की बीवी

मुनव्वर फारूकी इस समय बिग बॉस 17 के घर में खूब नाम कमा रहे हैं. अब तक मुनव्वर का गेम काफी अच्छा जा रहा था और लोगों को खूब पसंद भी आ रहा था, लेकिन जैसे ही उनकी प्रजेंट गर्लफ्रेंड आयशा खान की एंट्री घर में हुई मानो कॉमेडियन का पूरा गेम ही पलट गया. आयशा ने घर में एंट्री लेते ही मुनव्वर की पोल पट्टी खोल दी. इस बीच मुनव्वर की पहली पत्नी की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी है. फोटो में मुनव्वर अपनी पत्नी और बेटे के साथ दिखाई दे रहे हैं. 

सोशल मीडिया पर बिग बॉस के कंटेस्टेंट मुनव्वर फारूकी की एक्स वाइफ और बेटे की पुरानी फोटो सामने आई है. यह फैमिली फोटो इतनी प्यारी है कि लोग इस पर जमकर प्यार बरसा रहे हैं. एक फोटो में जहां मुनव्वर अपनी पत्नी और बेटे के साथ बहुत खुश दिख रहे हैं. तो वहीं दूसरी तस्वीर में मुनव्वर दूल्हे मियां बने नजर आ रहे हैं. मुनव्वर की एक्स वाइफ को देखने के बाद लोग कह रहे हैं कि उनकी पत्नी उनकी दोनों गर्लफ्रेंड से खूबसूरत हैं. 

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गौरतलब है कि हाल ही में बिग बॉस में बतौर वाइल्ड कार्ड एंट्री लेने वालीं आयशा खान ने खुद को मुनव्वर की गर्लफ्रेंड बताया है. वहीं मुनव्वर ने भी माना है कि वे उनकी गर्लफ्रेंड हैं, लेकिन शो में लगातार वे नाजिला सितैशी को अपनी गर्लफ्रेंड बता रहे थे. वहीं नाजिला ने भी इंस्टा लाइव पर आकर कहा कि उन्हें अब तक यही लगता था कि मुनव्वर की लाइफ में बस वे ही एक महिला हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. मुनव्वर के और भी कई महिलाओं से संबंध हैं.



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PM मोदी से कल होगी ममता बनर्जी की मुलाकात, केंद्रीय निधि जारी करने की करेंगी मांग

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ( Mamta Banerjee)चार दिवसीय यात्रा पर रविवार को दिल्ली पहुंचीं. ममता बनर्जी ने 19 दिसंबर को विपक्षी गठबंधन (INDIA Alliance)की मीटिंग में शामिल हुआ. अब ममता बनर्जी बुधवार 20 दिसंबर को सुबह 11 बजे संसद में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)से मुलाकात करेंगी. कोलकाता से रवाना होने से पहले ममता ने एयरपोर्ट पर संवाददाताओं से कहा कि वह पश्चिम बंगाल के लिए केंद्रीय निधि जारी करने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री से मिलेंगी.

रविवार को नई दिल्ली रवाना होने से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर आवास कार्यक्रम 'बांग्लार बाड़ी' समेत बंगाल के लिए सभी फंड रोकने का आरोप लगाया. पश्चिम बंगाल सरकार का आरोप है कि केंद्र सरकार पर राज्य का करीब 1.15 लाख करोड़ रुपये बकाया है.

ममता बनर्जी ने कहा, "उन्होंने ग्रामीण सड़क कार्यक्रम को रोक दिया है. भले ही यह केंद्र सरकार की योजना है, लेकिन पूरी लागत केंद्र द्वारा वहन नहीं की जाती है. इसकी लागत संयुक्त रूप से राज्य और केंद्र की ओर वहन किया जाता है. वे यहां से जो भी पैसा इकट्ठा करते हैं, उसमें हमारा हिस्सा होता है. क्योंकि GST के रूप में सिर्फ एक ही टैक्स है." 

स्वास्थ्य विभाग का फंड भी रोका गया
टीएमसी प्रमुख ने केंद्र सरकार पर स्वास्थ्य विभाग का फंड भी रोकने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, "वे कहते हैं कि हमें सब कुछ भगवा रंग में रंगना है. उन्होंने सभी मेट्रो स्टेशनों को भगवा रंग में रंग दिया है. सुकना के पास उन्होंने सभी इमारतों को भगवा रंग में रंग दिया है. वे हमसे कह रहे हैं कि हर स्वास्थ्य केंद्र को भगवा रंग में रंगना है. हमें ऐसा क्यों रंगना चाहिए? हमारे स्टेट ब्रांड का रंग सफेद और नीला है. यह पार्टी का रंग नहीं है.”

ममता ने पूछा, "क्या हमें हर जगह बीजेपी का लोगो (Logo) लगाना होगा? क्या लोगों की कोई स्वतंत्रता नहीं होगी? क्या अब वो ही तय करेंगे कि लोग क्या खाएंगे? वे तय करेंगे कि लोग क्या पहनेंगे? वे बच्चों के सिलेबस में जो चाहे हटा देंगे और जो चाहे शामिल कर देंगे." 

टीएमसी के 10 सांसदों का डेलीगेशन भी रहेगा साथ
पीएम मोदी के साथ होने वाली बैठक में ममता बनर्जी के साथ टीएमसी के 10 सांसदों का डेलीगेशन भी रहेगा. इसमें 5 महिला सांसद शामिल हैं. डेलीगेशन में टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी, सुदीप बंधोपाध्याय,  सौगत राय,  डेरेक ओ' ब्रायन, प्रकाश चिक बराइक, काकोली घोष, शताब्दी राय, साजदा अहमद, प्रतिमा मंडल का नाम शामिल है.

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पूर्व-अग्निवीरों के लिए केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल में होगी एक नई श्रेणी, गृह राज्य मंत्री ने दी जानकारी

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में कहा है कि सरकार ने कुछ प्रावधानों के साथ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और असम राइफल्स (Central Armed Police Forces and Assam Rifles (सीएपीएफ और एआर)) में कांस्टेबल के पद पर भर्ती में पूर्व अग्निवीर की एक नई श्रेणी बनाई है. झारखंड के चतरा संसदीय क्षेत्र से सांसद सुनील कुमार सिंह ने लोकसभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय से सवाल पूछा कि क्या सरकार ने सीएपीएफ में नियुक्ति के लिए पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया है और आरक्षण का प्रतिशत तय है.

इस सवाल के जवाब में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि सरकार ने सीएपीएफ और एआर में कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी)/राइफलमैन के पद पर भर्ती में पूर्व-अग्निवीर की एक नई श्रेणी बनाई है. कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी)/राइफलमैन के पद पर पूर्व अग्निवीर की भर्ती में बनाए गए प्रावधानों में उनके लिए रिक्तियों का 10 प्रतिशत आरक्षण और निर्धारित ऊपरी आयु सीमा में तीन साल की छूट शामिल है. अग्निवीर के पहले बैच के उम्मीदवारों को निर्धारित ऊपरी आयु सीमा से 5 वर्ष की अतिरिक्त छूट दी जाएगी.

नित्यानंद राय ने कहा कि उन्हें शारीरिक दक्षता परीक्षा (पीईटी) से भी छूट दी गई है. नित्यानंद राय ने आगे कहा, "तदनुसार, सीएपीएफ और एआर में कांस्टेबल (जीडी) की भर्ती नियमों में पूर्व अग्निवीरों के लिए उपरोक्त प्रावधानों को शामिल करके आवश्यक संशोधन अधिसूचित किए गए हैं.

उल्लेखनीय है कि केंद्र द्वारा शुरू की गई ‘अग्निपथ' भर्ती योजना के तहत चार साल पूरे होने के बाद 25 प्रतिशत अग्निवीरों को ही बल में रखा जाएगा, जबकि बाकी सेवानिवृत्त हो जाएंगे.

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Tuesday, December 19, 2023

'जो उचित समझो वो करो': चीन के साथ तनाव के दौरान रक्षा मंत्री ने पूर्व सेना प्रमुख से कहा था

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर रेचिन ला पर्वतीय दर्रे में चीनी सेना द्वारा टैंक और सैनिकों को आगे बढ़ाए जाने से उत्पन्न तनावपूर्ण स्थिति के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 31 अगस्त, 2020 की रात फैसला तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे पर छोड़ते हुए कहा था, ‘‘जो उचित समझो वो करो''.

अपने संस्मरण 'फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी' में नरवणे ने सिंह के निर्देश के साथ-साथ संवेदनशील स्थिति पर उस रात रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) के बीच फोन कॉल की झड़ी का भी जिक्र किया है.

नरवणे ने कहा कि सिंह के फोन के बाद उनके दिमाग में सैकड़ों अलग-अलग विचार कौंध गए. उन्होंने लिखा है, ‘‘मैंने आरएम (रक्षा मंत्री) को स्थिति की गंभीरता से अवगत कराया, जिन्होंने कहा कि वह रात लगभग साढ़े दस बजे तक मुझसे संपर्क करेंगे, जो उन्होंने किया.''

पूर्व सेना प्रमुख ने लिखा है, ‘‘उन्होंने (रक्षा मंत्री) कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से बात की है और यह पूरी तरह से एक सैन्य निर्णय है. ‘जो उचित समझो वो करो'.''

नरवणे ने कहा, ‘‘जिम्मेदारी अब पूरी तरह से मुझ पर थी. मैंने एक गहरी सांस ली और कुछ मिनटों के लिए चुपचाप बैठा रहा. दीवार पर लगी घड़ी की ‘टिक-टिक' को छोड़कर सबकुछ शांत था.''

उन्होंने लिखा है, ‘‘एक दीवार पर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का नक्शा था, दूसरी दीवार पर पूर्वी कमान का. वे अचिह्नित नक्शे थे, लेकिन जैसे ही मैंने उन्हें देखा, मैं प्रत्येक यूनिट तथा फॉर्मेशन के स्थान की कल्पना कर सकता था. हम हर तरह से तैयार थे, लेकिन क्या मैं वास्तव में युद्ध शुरू करना चाहता था?''

संस्मरण में, जनरल नरवणे ने उस रात की अपनी विचार प्रक्रिया को रेखांकित किया है.

उन्होंने उस रात के विचारों का उल्लेख करते हुए लिखा है, ‘‘कोविड महामारी के कारण देश बुरी स्थिति में था. अर्थव्यवस्था लड़खड़ा रही थी, वैश्विक आपूर्ति शृंखला टूट गई थी. कार्रवाई के लंबा खिंचने पर क्या हम इन परिस्थितियों में लंबे समय तक उपकरणों आदि की स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित कर पाएंगे?''

नरवणे ने लिखा है, ‘‘वैश्विक क्षेत्र में हमारे समर्थक कौन थे, और चीन तथा पाकिस्तान से क्या खतरा है? मेरे दिमाग में सैकड़ों अलग-अलग विचार कौंध गए.''

उन्होंने कहा, ‘‘यह कोई युद्ध-खेल नहीं था जो आर्मी वॉर कॉलेज में मिट्टी के बने मॉडल से खेला जा रहा हो, बल्कि जीवन और मरण की स्थिति थी.''

नरवणे ने लिखा है, ‘‘कुछ क्षण शांत विचार के बाद, मैंने उत्तरी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी को फोन किया. मैंने उनसे कहा कि पहली गोली हम नहीं चला सकते क्योंकि इससे चीन को स्थिति को भड़काने और हमें हमलावर बताने का बहाना मिल जाएगा.''

उन्होंने लिखा है, ‘‘यहां तक ​​कि मुखपरी (कैलाश रेंज पर) में भी पिछले दिन, पीएलए (चीनी सेना) ने ही पहली गोलीबारी की थी (पीएलए द्वारा केवल दो गोलियां और हमारे द्वारा तीन गोलियां दागी गईं). यह मीडिया की नजरों से बच गया था.''

नरवणे ने कहा कि उन्हें लगा कि सेना को यही रुख बरकरार रखना चाहिए.

उन्होंने लिखा, ‘‘इसके बजाय, मैंने उनसे कहा कि हमारे टैंकों की एक टुकड़ी को दर्रे के आगे के ढलानों पर ले जाएं और उनकी बंदूकें दबा दें ताकि पीएलए हमारी बंदूकों की नली पर नीचे की तरफ नजर रखे.''

नरवणे ने लिखा है, ‘‘यह तुरंत किया गया और पीएलए टैंक, जो तब तक शीर्ष से कुछ सौ मीटर के भीतर पहुंच चुके थे, अपने रास्ते पर ही रुक गए.''

उन्होंने लिखा, ‘‘उनके (चीनी सेना) हल्के टैंक हमारे मध्यम टैंकों का कोई मुकाबला नहीं कर सकते थे. यह झांसा देने का खेल था और पीएलए की नजर पहले नीचे की तरफ हुई.''

नरवणे ने लिखा कि पीएलए ने 29-30 अगस्त की मध्यरात्रि मोल्दो से चुटी चांगला के क्षेत्र में पैंगोंग त्सो के दक्षिण तट की ओर सैनिकों को भेजा.

उनके अनुसार, ‘‘शाम तक, वे कैलाश रेंज के क्षेत्र में कुछ सैनिकों को आगे ले गए.''

पूर्व सेना प्रमुख ने अपने संस्मरण में लिखा है कि 30 तारीख की शाम तक, भारतीय सेना पैंगोंग त्सो के उत्तर और दक्षिण तट के साथ-साथ कैलाश रेंज पर मजबूत स्थिति में थी.

उन्होंने कहा, ‘‘पीएलए की प्रतिक्रिया आने में ज्यादा समय नहीं था. 30 तारीख की शाम को ही, उन्होंने कैलाश रेंज क्षेत्र में कुछ सैनिकों को आगे बढ़ाया. वे हमारे स्थानों से लगभग 500 मीटर पहले रुक गए और खुदाई शुरू कर दी.''

नरवणे ने कहा, ‘‘पीएलए के स्थान कम ऊंचाई पर थे और सीधे हमारी निगरानी में थे, वैसे तो, उनसे हमें कोई खतरा नहीं था, लेकिन अगर वे आकर हमारे इलाकों से आगे निकलने या उन्हें घेरने की कोशिश करते, तो हमें कार्रवाई करनी होती. स्थिति तनावपूर्ण थी और बिलकुल भड़कने के कगार पर थी.''

उनका कहना है कि 31 अगस्त को दिन के उजाले में पीएलए की ओर से काफी हलचल देखी गई, जबकि भारतीय सेना ने अपनी स्थिति मजबूत कर ली थी.

नरवणे के अनुसार, दोपहर के समय, मोल्दो में चीन की तरफ वाले क्षेत्र में पीएलए के बख्तरबंद वाहनों की गतिविधि देखी गई. उन्होंने कहा, ‘‘इसे देखते हुए तारा बेस पर मौजूद हमारे टैंकों को भी रेचिन ला तक जाने का आदेश दिया गया.''

उन्होंने कहा कि कुछ अन्य स्थानों पर भी पीएलए सैनिकों का जमावड़ा देखा गया.

पूर्व सेना प्रमुख ने लिखा है, ‘‘31 अगस्त की रात सवा आठ बजे, जो (जोशी) ने मुझे फोन किया, वह काफी चिंतित थे. उन्होंने बताया कि पैदल सेना के साथ चार टैंक धीरे-धीरे रेचिन ला की ओर बढ़ने लगे हैं.''

नरवणे के अनुसार, ‘‘उन्होंने रोशनी करने वाला गोला दागा, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ. मुझे स्पष्ट आदेश थे कि ‘जब तक कि ऊपर से मंजूरी न मिल जाए', तब तक मैं गोली नहीं चलाऊंगा. इसके बाद अगले आधा घंटे में रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष और मेरे बीच फोन की झड़ी लग गई.''

उन्होंने लिखा है, ‘‘प्रत्येक व्यक्ति से मेरा प्रश्न था, ‘मेरे लिए आदेश क्या हैं?' रात नौ बजकर दस मिनट पर उत्तरी कमान से फिर फोन आया कि टैंक आगे बढ़ रहे हैं और अब चोटी से एक किमी से भी कम दूरी पर हैं.''

नरवणे ने कहा, ‘‘मैंने रात नौ बजकर 25 मिनट पर फिर से रक्षा मंत्री को फोन किया और एक बार फिर स्पष्ट दिशा-निर्देश मांगे. स्थिति तनावपूर्ण थी. टेलीफोन घनघना रहे थे.''

इस बीच, हॉट लाइन संदेशों का आदान-प्रदान हुआ और पीएलए कमांडर मेजर जनरल लियू लिन ने कहा कि दोनों पक्षों को आगे की कोई भी कार्रवाई रोक देनी चाहिए तथा दोनों स्थानीय कमांडरों को अगली सुबह साढ़े नौ बजे दर्रे पर मिलना चाहिए.

नरवणे ने लिखा है कि उन्होंने यह खबर साझा करने के लिए रक्षा मंत्री सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को रात 10 बजे फोन किया.

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अभी फोन रखा ही था कि जो (उत्तरी सैन्य कमांडर जोशी) ने रात 10 बजकर 10 मिनट पर एक बार फिर फोन किया.''

नरवणे के अनुसार, ‘‘उन्होंने (जोशी) कहा कि टैंक फिर से ऊपर की ओर बढ़ने लगे हैं और अब केवल 500 मीटर की दूरी पर हैं.''

उन्होंने कहा, ‘‘जोशी ने सिफारिश की कि पीएलए को रोकने का एकमात्र तरीका अपने मध्यम तोपखाने को मुंह खोलना है, जो कार्रवाई के लिए तैयार हैं और इंतजार कर रहे हैं.''

स्थिति को कैसे संभाला गया, यह बताते हुए नरवणे ने कहा, ‘मेरी स्थिति गंभीर थी...'

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Monday, December 18, 2023

"4 किलोमीटर लंबा नेटवर्क...", इजरायल ने हमास की सबसे बड़ी सुरंग का पता लगाने का किया दावा

इज़रायली सेना ने रविवार को कहा कि उसने गाजा पट्टी में अब तक की सबसे बड़ी सुरंग का पता लगाया है. इसका आकार इतना बड़ा था कि छोटे वाहन सुरंग के भीतर आराम से जा सकते थे. सेना ने एक बयान में कहा कि यह सुरंग चार किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है और इरेज़ सीमा पार कर 400 मीटर (1,300 फीट) भीतर तक है. इज़रायली सेना ने कहा कि इसके निर्माण में लाखों डॉलर खर्च हुए होंगे और इसके निर्माण में कई साल लगे होंगे., इस परियोजना का नेतृत्व हमास प्रमुख याह्या सिनवार के भाई मोहम्मद याह्या ने किया था. जिसके बारे में माना जाता है कि वो 7 अक्टूबर के हमलों का मास्टरमाइंड था.

इस सुरंग में कई तरह की सुविधाएं देखने को मिली है.जल निकासी प्रणाली, बिजली, वेंटिलेशन, सीवेज और एक संचार नेटवर्क के साथ-साथ रेल की भी सुविधा इसमें थी. सुरंग की फर्श  ठोस मिट्टी से बनी हुई है जबकि इसकी दीवारें कंक्रीट से बनी हैं.सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल रिचर्ड हेचट ने कहा, हमास ने इस परियोजना में भारी संसाधन खर्च किए थे और इसका केवल एक उद्देश्य था इज़राइल राज्य और उसके निवासियों पर हमला करना. उन्होंने कहा कि सुरंग जानबूझकर इरेज़ क्रॉसिंग के पास बनाई गई थी. 

गौरतलब है कि हमास ने इजरायल पर 7 अक्टूबर को गाजा पट्टी से कुछ मिनटों में 5000 से ज्यादा रॉकेट दागे थे. हमास ने इजरायल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को 'अल-अक्सा फ्लड' नाम दिया था. इसके जवाब में इजरायल की सेना ने हमास के खिलाफ 'सोर्ड्स ऑफ आयरन' ऑपरेशन शुरू किया था.

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"चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग वो दिन कभी नहीं भूलेंगे...": 2020 गलवान झड़प पर पूर्व सेना प्रमुख

थलसेना के पूर्व प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा है कि चीन छोटे पड़ोसियों को डराने-धमकाने के लिए आक्रामक कूटनीति और उकसावे वाली रणनीति अपनाता रहा है, और यही वजह थी कि 2020 में पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना ने पलटवार करते हुए उसे दिखा दिया कि 'बस! बहुत हो चुका.'

नरवणे ने अपने संस्मरण 'फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी' में गलवान घाटी में हुई घातक झड़पों के बारे में कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग 16 जून को कभी नहीं भूलेंगे, क्योंकि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) को दो दशक से अधिक समय बाद पहली बार 'घातक पटलवार' का सामना करना पड़ा था.

जून 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 सैनिकों के जान गंवाने को याद करते हुए नरवणे ने कहा, ''यह मेरे पूरे करियर के सबसे दुखद दिनों में से एक था.''

नरवणे 31 दिसंबर, 2019 से 30 अप्रैल, 2022 तक सेना प्रमुख रहे. उनके कार्यकाल का अधिकतर समय विवादित सीमा पर चीन से उत्पन्न चुनौतियों और बल की लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाने के लिए दीर्घकालिक सुधार उपाय लागू करने पर केंद्रित रहा.

नरवणे ने संस्मरण में लिखा, '16 जून (चीनी राष्ट्रपति) शी चिनफिंग का जन्मदिन है. यह ऐसा दिन नहीं है जिसे वह जल्द ही भूल जाएंगे. दो दशक में पहली बार, चीन और पीएलए को घातक पलटवार का सामना करना पड़ा था.'

उन्होंने लिखा, "वे आक्रामक कूटनीति और उकसाने वाली रणनीति का हर जगह बेधड़क इस्तेमाल करके नेपाल और भूटान जैसे छोटे पड़ोसियों को डराते रहे हैं. इस घटना के दौरान भारत और भारतीय सेना ने दुनिया को दिखाया कि अब बहुत हो चुका." उन्होंने कहा कि भारत ने पलटवार करके यह दिखाया कि वह पड़ोसी की धौंस का जवाब दे सकता है.

'पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया' द्वारा प्रकाशित संस्मरण 'फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी' अगले महीने बाजार में आएगी.

प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) नियुक्त नहीं किये जाने पर उन्होंने कहा, "कभी-कभी मुझसे पूछा जाता है कि मुझे सीडीएस क्यों नहीं बनाया गया. मेरी प्रतिक्रिया हमेशा यही रही है कि जब मुझे सेना प्रमुख बनाया था, तब भी मैंने सरकार की समझ पर सवाल नहीं उठाया था, तो अब क्यों उठाता?"

संस्मरण के अंतिम अध्याय 'ओल्ड सोल्जर्स नेवर डाई' के अंत में वह कहते हैं, ''इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस पद से सेवानिवृत्त हुए, बल्कि यह मायने रखता है कि आप किस सम्मान के साथ सेवानिवृत्त हुए.''



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Sunday, December 17, 2023

मध्‍य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव का उज्‍जैन में जबरदस्‍त स्‍वागत, लोगों ने बरसाए फूल

मध्‍य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्‍यमंत्री मोहन यादव (Mohan Yadav) का उज्‍जैन में जबरदस्‍त स्‍वागत किया गया. स्‍वागत यात्रा शहर के दशहरा मैदान से शुरू हुई, जिसका जगह-जगह स्‍वागत किया गया और मुख्‍यमंत्री पर जमकर फूल बरसाए गए. इस दौरान रथ पर सवार सीएम मोहन यादव ने उज्‍जैनवासियों का अभिवादन किया. यात्रा के लिए शहर में करीब 300 स्‍वागत मंच बनाए गए थे. लोगों ने स्‍वागत मंचों और घरों की छतों से मुख्‍यमंत्री पर पुष्‍पवर्षा की. यादव ने बुधवार को मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की थी. वह उज्‍जैन दक्षिण से विधायक हैं.

मुख्‍यमंत्री के स्‍वागत के लिए उज्‍जैन में लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा. विभिन्‍न सामाजिक संस्‍थाओं, संगठनों, जनप्रतिनिधियों, आम नागरिकों की ओर से मुख्‍यमंत्री को शहर में जगह-जगह फूल मालाएं पहनाईं गईं. 

रथ पर मुख्‍यमंत्री के साथ सांसद अनिल फिरोजिया, विधाधक अनिल जैन कालूहेड़ा, सतीश मालवीय, आलोट विधायक चिंतामणि मालवीय, महापौर मुकेश टटवाल सहित अन्‍य जनप्रतिनिधि और गणमान्‍य सवार थे. 

मोहन यादव ने बुधवार को ली थी शपथ 

बता दें कि मोहन यादव ने बुधवार को भोपाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा समेत अन्य गणमान्य अतिथियों की मौजूदगी में सीएम पद की शपथ ली थी. मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया था. सीएम मोहन यादव के साथ दो डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला ने भी पद की शपथ ली थी. 

तीसरी बार विधायक बने हैं मोहन यादव 

मोहन यादव पहली बार 2013 में उज्जैन दक्षिण से विधायक चुने गए थे. इसके बाद 2018 और फिर 2023 में भी विधानसभा सीट पर जीत हासिल की. वह शिवराज कैबिनेट में उच्च शिक्षा मंत्री रह चुके हैं. 

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"अपराध गंभीर है...": अदालत ने चलती ट्रेन में 4 लोगों की हत्या करने वाले RPF कांस्टेबल को जमानत नहीं दी

एक अदालत ने इस साल जुलाई में चलती ट्रेन में अपने वरिष्ठ सहयोगी और तीन यात्रियों की गोली मारकर हत्या करने के आरोप में बर्खास्त किये गये रेलवे सुरक्षा बल (आपीएफ) के कांस्टेबल चेतन सिंह चौधरी को शनिवार को जमानत देने से इनकार कर दिया. अदालत ने कहा कि अपराध के समय आरोपी ‘बिल्कुल होशो-हवास में' था. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (ढिंढोसी अदालत) ए जेड खान ने चौधरी की जमानत अर्जी खारिज कर दी और कहा कि अपराध गंभीर है.

अदालत ने कहा कि चौधरी ने केवल अपने वरिष्ठ की, बल्कि एक खास समुदाय के तीन अन्य को खास तौर पर निशाना बनाते हुए उन्हें मार डाला. उसकी जमानत अर्जी खारिज करते हुए खान ने कहा कि आरोपी ने जो शब्द बोले, उनसे स्पष्ट पता चलता है कि ‘‘वह एक खास समुदाय के लोगों की हत्या करने के दौरान बिल्कुल ठीक-ठाक मानसिक स्थिति में था.''

चौधरी फिलहाल महाराष्ट्र के अकोला की जेल में बंद है और उसे सुनवाई के दौरान अदालत में पेश किया गया था.

उसने पिछले महीने अपने वकीलों अमित मिश्रा और पंकज घिल्डियाल के माध्यम से जमानत याचिका दायर की थी. जिसमें उसने कहा था कि उसे लगता है कि ‘‘उसपर भूतप्रेत की साया'' थी, इसलिए वह ऐसी अजीब हरकत कर रहा था.

इस मामले की जांच कर रही राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने यह कहते हुए चौधरी की जमानत अर्जी का विरोध किया कि ऐसा लगता है कि उसके मन में एक खास समुदाय के प्रति ‘गुस्सा एवं द्वेष' है तथा उसने अपने गुनाह को लेकर कोई अफसोस नहीं जताया.

जीआरपी ने यह भी कहा कि यदि उसे जमानत दी जाती है, तो इससे कानून के बारे में नकारात्मक छवि पेश हो सकती है तथा कुछ धार्मिक समूहों में डर और असुरक्षा पैदा हो सकती है.

मृतक असगर शेख की पत्नी उमेशा खातून ने भी चौधरी की जमानत अर्जी का यह कहते हुए विरोध किया कि आरोपी ‘आतंकवादी मानसिकता का व्यक्ति' है तथा वह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है. खातून ने अपने वकीलों करीम पठान और फजलुररहमान शेख के जरिये अदालत में अपनी बातें रखीं.

महाराष्ट्र में पालघर रेलवे स्टेशन के पास 31 जुलाई को जयपुर-मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस में यह घटना घटी थी. चौधरी ने बी 5 कोच में अपने स्वचालित हथियार से गोली चलाकर आरपीएफ के सहायक उपनिरीक्षक टीका राम मीणा तथा एक यात्री की हत्या कर दी थी. उसके बाद उसने पैंट्री कार में एक अन्य यात्री तथा एस 6 डिब्बे में एक और यात्री को मार डाला था.

बाद में यात्रियों ने चेन खींची, तब ट्रेन (मुंबई उपनगरीय रेल नेटवर्क पर) मीरा रोड स्टेशन के समीप रुक गयी। चौधरी ने भागने की कोशिश की थी, लेकिन यात्रियों ने उसे पकड़ लिया था.

अक्टूबर में पुलिस ने चौधरी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था. उसके खिलाफ भादंसं, रेलवे अधिनियम तथा महाराष्ट्र संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.

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Saturday, December 16, 2023

"दोनों देशों के संबंधों को 'गंभीर नुकसान' हो सकता है, अगर...": पन्नू मामले पर भारतीय-अमेरिकी सांसद

भारतीय-अमेरिकी सांसदों ने भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर अमेरिकी-कनाडाई नागरिक खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू (Khalistani terrorist Gurpatwant Singh Pannun) को मारने की कथित साजिश का आरोप लगाए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की है. भारतीय-अमेरिकी सांसदों के अनुसार यदि इस मुद्दे को उचित तरीके से हल नहीं किया गया, तो इससे अमेरिका-भारत साझेदारी को काफी नुकसान हो सकता है, उन्होंने निखिल गुप्ता के अभियोग के बारे में बाइडेन प्रशासन द्वारा एक वर्गीकृत ब्रीफिंग के बाद चेतावनी दी.

आरोपों पर वर्गीकृत ब्रीफिंग में अमेरिकी प्रतिनिधि अमी बेरा, प्रमिला जयपाल, रो खन्ना, राजा कृष्णमूर्ति और श्री थानेदार ने भाग लिया था. उन्होंने एक बयान में कहा "हम मानते हैं कि अमेरिका-भारत साझेदारी ने दोनों लोगों के जीवन पर सार्थक प्रभाव डाला है, लेकिन हमें चिंता है कि यदि अभियोग में उल्लिखित कार्रवाइयों को उचित रूप से संबोधित नहीं किया गया, तो साझेदारी को महत्वपूर्ण नुकसान हो सकता है".

अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों ने कहा कि आरोप बेहद चिंताजनक हैं और उनके मतदाताओं की सुरक्षा उनकी सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकता है.

उन्होंने जांच समिति बनाने के भारत के कदम का स्वागत किया. लेकिन कहा कि अमेरिका को आश्वस्त करना चाहिए कि ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होंगी.

अमेरिका में संघीय अभियोजकों ने गुप्ता पर एक सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया गया है. चेक गणराज्य के अधिकारियों ने अमेरिका और चेक गणराज्य के बीच द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि के तहत गत 30 जून को गुप्ता को गिरफ्तार किया था.

 वहीं भारत के उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता के परिवार के एक सदस्य की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई चार जनवरी के लिए टाल दी. याचिका में कारावास में गंभीर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है, जिसमें गोमांस और सूअर का मांस खाने के लिए मजबूर किया जाना भी शामिल है. इसमें यह भी आरोप लगाया गया है कि उन्हें राजनयिक पहुंच, भारत में अपने परिवार से संपर्क करने का अधिकार और कानूनी मदद लेने की स्वतंत्रता से वंचित कर दिया गया.

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सूरत हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट घोषित करने की योजना को मिली मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को सूरत हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ''यह रणनीतिक कदम अभूतपूर्व आर्थिक क्षमता को उजागर करने के लिए है, जिससे सूरत अंतरराष्ट्रीय विमानन परिदृश्य में एक प्रमुख केंद्र बन जाएगा और क्षेत्र में समृद्धि के एक नए युग को बढ़ावा मिलेगा.''

यह फैसला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने लिया.

बयान में कहा गया कि सूरत हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय दर्जा देने से आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने, विदेशी निवेश आकर्षित करने और राजनयिक संबंधों को मजबूत करने में मदद मिलेगी.

डीजीसीए ने अयोध्या हवाई अड्डे के लिए एयरोड्रम लाइसेंस जारी किया

दूसरी ओर, विमानन नियामक डीजीसीए ने अयोध्या हवाई अड्डे के लिए ‘एयरोड्रम' लाइसेंस जारी किया है. इस हवाई अड्डे को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) लगभग 350 करोड़ रुपये की लागत से विकसित कर रहा है. एएआई के चेयरमैन संजीव कुमार को डीजीसीए (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) के प्रमुख विक्रम देव दत्त ने लाइसेंस दिया.

एएआई ने कहा कि अयोध्या हवाई अड्डे को सभी मौसम की स्थिति के लिए सार्वजनिक उपयोग श्रेणी में एयरोड्रम लाइसेंस दिया गया है.

एएआई ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, ‘‘हवाई अड्डे में एयरोनॉटिकल ग्राउंड लाइट (एजीएल) बुनियादी ढांचे के साथ 2,200 मीटर लंबा रनवे है. यह डीवीओआर और इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) से युक्त है, जो हवाई अड्डे को रात में और कम दृश्यता/आरवीआर 550 मीटर के दौरान उड़ानों को संचालित करने की अनुमति देता है.''

डीवीओआर डॉपलर अत्यधिक उच्च फ्रीक्वेंसी ओमनी रेंज से संबंधित है, जो विमान के नेविगेशन में मदद करता है. आरवीआर रनवे की दृश्यता से संबंधित है.

एएआई ने बयान में कहा, ‘‘बहुप्रतीक्षित अयोध्या हवाई अड्डे में 6,500 वर्गमीटर क्षेत्रफल वाला एक टर्मिनल भवन होगाय यह व्यस्त अवधि के दौरान 600 यात्रियों और सालाना 10 लाख यात्रियों को संभाल सकता है.''

अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का विस्तारित रनवे ए-321/ बी-737 प्रकार के विमानों के संचालन के लिए उपयुक्त है.

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Friday, December 15, 2023

"PM लापता के पर्चे, लखनऊ के जूते..." : संसद में हंगामा करने वाले आरोपियों के बारे में पुलिस ने कोर्ट को बताया

संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने (Parliament Security Breach) के मामले में पुलिस और कमिटी की जांच तेज हो गई है. चारों आरोपियों को कोर्ट ने 7 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया है. वहीं, इस मामले के मास्टरमाइंड ललित झा ने सरेंडर कर दिया है. गुरुवार को पुलिस ने चारों आरोपियों को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया. दिल्ली पुलिस ने 15 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट से 7 दिन की रिमांड मिली. पेशी के दौरान दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि इन आरोपियों के पास से पीएम नरेंद्र मोदी के नाम के पैंपलेट मिले थे. एक पैंपलेट में इन लोगों ने पीएम को लापता बताया था. 

आरोपियों की पेशी के दौरान दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट को बताया कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले दो लोगों के पास पर्चे थे, जो वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देना चाहते थे. इनके पास से लखनऊ के जूते भी मिले हैं. पुलिस ने दावा कि इन्होंने पर्चे में पीएम को लापता बताया था. पुलिस का यह भी दावा है कि आरोपियों ने पीएम की प्रासंगिक जानकारी के लिए स्विस बैंक से कैश प्राइज की पेशकश की थी.

संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में 6 आरोपी सामने आए थे. आरोपी सागर शर्मा और मनोरंजन डी लोकसभा के अंदर गए थे. दोनों ने हंगामा करते हुए कलर स्मोक छोड़ा. इनके पास से पुलिस को बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा के ऑफिस का विजिटर्स पास मिला है. वहीं, संसद के बाहर आरोपी नीलम आजाद और अमोल शिंदे ने प्रदर्शन किया. संसद की सुरक्षा में सेंध की साजिश में दो और लोग शामिल थे. इनमें से एक विक्की शर्मा ने सभी को अपने घर में ठहराया था. उसे पुलिस ने पत्नी समेत हिरासत में ले लिया. हालांकि, पूछताछ के बाद दोनों को गुरुवार देर शाम छोड़ दिया गया. 

मास्टरमाइंड ललित झा का सरेंडर
गुरुवार देर रात इस पूरे मामले के मास्टरमाइंड ललित झा ने कर्तव्य पथ पुलिस थाने जाकर सरेंडर किया. यहां से उसे स्पेशल सेल के हवाले कर दिया गया है. 

विक्की शर्मा के घर पर रुके थे सभी आरोपी
रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी सागर शर्मा, मनोरंजन डी, नीलम आजाद और अमोल शिंदे दिल्ली जाने से पहले गुरुग्राम में विक्की शर्मा के घर सेक्टर 7 की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रुके थे. इनके साथ ललित झा भी था. दिल्ली पुलिस का कहना है कि इन सभी की एक-दूसरे से मुलाकात ऑनलाइन साइट पर हुई थी. सभी ने मिलकर संसद में हंगामे की योजना बनाई.


आरोपियों पर लगाया गया UAPA
पुलिस ने अदालत को यह भी बताया कि आरोपियों के इरादे अब तक स्पष्ट नहीं हैं. वहीं, स्मोक कनिस्तर खोलने वाले चारों आरोपियों ने कथित तौर पर पुलिस को बताया कि वे बेरोजगारी और मणिपुर में जातीय हिंसा जैसे मुद्दों पर संसद और लोगों का ध्यान लाना चाह रहे थे. वो चाहते थे कि संसद में इन मुद्दों पर बहस हो. इस मामले में सभी आरोपी कड़े आतंकवाद विरोधी कानून UAPA और भारतीय दंड संहिता (IPC) की कई धाराओं के तहत मुकदमों का सामना कर रहे हैं.



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बिहार में कहां-कहां इन्वेस्ट करेगा अदाणी ग्रुप? किस जिले में खुलेगी कौन सी इंडस्ट्री?

बिहार में इंडस्ट्रीज को बढ़ावा देने के लिए गौतम अदाणी ग्रुप (Gautam Adani Group) ने बिहार में बड़े निवेश का ऐलान किया है. अदाणी ग्रुप (Adani Group Investment Plan in Bihar) बिहार के अलग-अलग जिलों में 8700 करोड़ का निवेश करेगी. बिहार के नालंदा,गया, नवादा,सासाराम, रोहतास, पूर्णिया, बेगूसराय, दरभंगा, समस्तीपुर, किशनगंज और अररिया जिले में ग्रुप बड़े प्रोजेक्ट पर पैसा लगाएगी. किसी जिले में सीमेंट प्लांट (Adani Cement Plant) लगाई जाएगी. कहीं पावर प्लांट (Adani Power Plant) खोलने का ऐलान होगा. ऐसा माना जा रहा है कि इस भारी-भरकम निवेश से बिहार में करीब 10 हजार लोगों को सीधे रोजगार मिलेगा. 

बिहार की राजधानी पटना में आयोजित दो दिवसीय इन्वेस्टर्स समिट के दूसरे और अंतिम दिन गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 'बिहार बिजनेस कनेक्ट-2023' के 'प्लेनरी सेशन' की शुरुआत की. कार्यक्रम के दौरान अदाणी एंटरप्राइजेज के डायरेक्टर प्रणव अदाणी ने बिहार के लिए निवेश करने का ऐलान किया. आइए जानते हैं अदाणी ग्रुप बिहार में कहां-कहां निवेश करेगा और कहां कौन सा प्लांट खोला जाएगा?

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कहां लगेगा सीमेंट प्लांट?
देश में इस समय सीमेंट बनाने में अदाणी ग्रुप (Adani Group) का राज है. अब अदाणी ग्रुप ने बिहार में सीमेंट के दो प्लांट लगाने का ऐलान किया है. एक प्लांट नवादा जिले के वारसलीगंज में लगाया जाएगा, जबकि दूसरा महावल में लगाया जाएगा. इसके लिए अदाणी ग्रुप वारसलीगंज और महावल में 2500 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. कंपनी का टारगेट सालभर में इन दोनों प्लांट से 10 मिलियन टन सीमेंट प्रोडक्शन करना है. उम्मीद जताई जा रही है कि इस निवेश से सिर्फ 3,000 लोगों को नौकरियां मिल सकती हैं.

बता दें कि अंबुजा सीमेंट (Ambuja Cement) भी अदाणी ग्रुप (Adani Group) की है. ग्रुप ने इसी साल ही अंबुजा सीमेंट को सांघी इंडस्‍ट्री लिमिटेड (Sanghi Industries Ltd) से खरीदा था.

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बिहार में आएगी अदाणी विल्मर
अदाणी ग्रुप अपनी FMCG कंपनी यानी अदाणी विल्मर को भी बिहार लाएगी. शुरुआत में ये कंपनी बिहार में चक्की आटा प्लांट, RFM प्लांट, सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन प्लांट और को-जेन पावर प्लांट लगाएगी. सासाराम और रोहतास में पैडी प्रोसेसिंग प्लांट बनाने के लिए 800 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट किया जाएगा. ये प्लांट 200 लोगों को रोजगार देने का काम करेंगे.

स्मार्ट मीटर मैन्युफैक्चरिंग में भी उतरेगा ग्रुप
स्मार्ट मीटर मैन्युफैक्चरिंग तीसरा एरिया है, जिसमें अदाणी ग्रुप निवेश कर रहा है. अदाणी ग्रुप पांच शहरों, सीवान, सारण, गोपालगंज, वैशाली और समस्तीपुर में बिजली खपत की निगरानी को ऑटोमैटिक करने के लिए 28 लाख से ज्यादा स्मार्ट मीटर लगाएगा. इसके लिए 3100 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. इससे तकरीबन 2,000 लोगों को रोजगार देने में मदद मिलेगी.

Adani Group अगले 10 साल में ग्रीन एनर्जी पर 100 बिलियन डॉलर का करेगा निवेश

सिटी गैस डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क का होगा विस्तार
अदाणी ग्रुप ने नालंदा और गया में 200 करोड़ के निवेश का ऐलान किया है. ग्रुप का कहना है कि गया और नालंदा में अपने मौजूदा सिटी गैस डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क का विस्तार करेगा. साथ नए कॉम्प्रेस्ड बायोगैस प्लांट (CNG) और ईवी चार्जिंग सेंटर भी बनाए जाएंगे. इससे 1500 लोगों को रोजगार मिलेगा.

गोदाम और साइलो में बड़ा निवेश
अदाणी ग्रुप ने इसके साथ ही बिहार में गोदामों और साइलो (अनाज भंडारण करने की एक अत्याधुनिक तकनीक) की क्षमता बढ़ाने के लिए बड़े निवेश की बात कही है. अदाणी ग्रुप का कहना है कि गोदामों की क्षमता लिए 1 लाख वर्ग फुट से बढ़ाकर 65 लाख वर्ग फुट किया जाएगा. इसके लिए 1200 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट किया जाएगा. पटना में दो बड़े गोदाम बनाए जाएंगे. इससे 2000 लोगों को रोजगार मिलेगा.

अदाणी समूह बिहार में करेगा 8700 करोड़ का निवेश : प्रणव अदाणी

एग्री-लॉजिस्टिक्स में 900 करोड़ का निवेश
अदाणी ग्रुप ने इसके अलावा 6 जगहों पूर्णिया, बेगूसराय, दरभंगा, समस्तीपुर, किशनगंज और अररिया में अपनी स्टोरेज क्षमता को 1 लाख 50 हजार मीट्रिक टन से बढ़ाकर 2 लाख 75 हजार मीट्रिक टन करने के लिए एग्री-लॉजिस्टिक्स में 900 करोड़ रुपये का निवेश किया है.
 

अदाणी ग्रुप ने अब तक लगाए 29 मिलियन पेड़, 2030 तक 100 मिलियन का टारगेट



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Thursday, December 14, 2023

संसद की सुरक्षा में सेंध : मैसेजिंग प्लेटफार्म के जरिए छह लोगों ने रची साजिश, गुरुग्राम के फ्लैट में ठहरे थे

संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले छह लोग देश के अलग-अलग शहरों से हैं और इन्होंने मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के जरिए बातचीत कर इस घटना को अंजाम देने की साजिश रची, जिसके लिए ये लोग हरियाणा के गुरुग्राम में एक फ्लैट में एकत्रित हुए थे. इन छह लोगों में से दो - मनोरंजन डी और सागर शर्मा दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए थे और धुएं के केन खोल दिए थे, जिससे सांसदों में दहशत फैल गई थी. वहीं उनके साथियों- नीलम और अमोल शिंदे ने केन से रंगीन धुआं छोड़ा और संसद भवन के बाहर नारेबाजी की.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि ललित और विशाल शर्मा पर उनके सहयोगी होने का संदेह है. विशाल को हरियाणा के गुरुग्राम से हिरासत में लिया गया है जबकि ललित फरार है. ये सभी गुरुग्राम के सेक्टर- 7 में विशाल शर्मा और उसकी पत्नी राखी के किराए के घर पर ठहरे हुए थे.

कर्नाटक के मैसूरु के रहने वाले मनोरंजन डी ने 2016 में बीई (बैचलर इन इंजीनियरिंग) पूरा किया और परिवार के साथ खेतीबाड़ी के काम में जुटा हुआ था. मनोरंजन के परिवार ने कहा कि उसने दिल्ली और बेंगलुरु में कुछ फर्मों में भी काम किया.

मनोरंजन डी के पिता देवराज गौड़ा ने दावा किया कि उनका बेटा ईमानदार और सच्चा है तथा हमेशा समाज के लिए अच्छा करना चाहता है. गौड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर मेरा बेटा अच्छा करता है तो ठीक है लेकिन अगर उसने कुछ गलत किया है तो उसे फांसी दे दो. (अगर उसने गलत किया है) वह मेरा बेटा नहीं है. वह संसद हमारी है. आप जैसे लोगों ने ही इसे बनाया है. इसे बनाने में महात्मा गांधी, नेहरू जैसे नेताओं ने कड़ी मेहनत की थी. जो कोई भी यह (हमला) करता है वह निंदनीय है. हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे.''

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा बेटा एक अच्छा लड़का है. वह ईमानदार और सच्चा है. उसकी एकमात्र इच्छा समाज के लिए अच्छा करना और समाज के लिए बलिदान देना है. वह स्वामी विवेकानंद की किताबें पढ़ता था. मुझे लगता है कि इन किताबों को पढ़ने के बाद उसके मन में ऐसे विचार विकसित हुए.''

गौड़ा ने कहा, ‘‘यह समझना मुश्किल है कि उसके दिमाग में क्या चल रहा था. मेरे बेटे ने 2016 में बीई (बैचलर इन इंजीनियरिंग) पूरा किया और खेती का काम देख रहा था. उसने दिल्ली और बेंगलुरु में कुछ कंपनियों में भी काम किया है.''

लोकसभा में बुधवार को दर्शक दीर्घा से छलांग लगाने वालों में से एक सागर शर्मा लखनऊ का रहने वाला है और उसके परिजनों का कहना है कि वह कुछ दिन पहले 'दिल्ली में विरोध प्रदर्शन' में भाग लेने के लिए घर से निकला था, हालांकि, संसद में हुई घटना में उसकी संलिप्तता के इरादे के बारे में कुछ भी नहीं जानते थे.

राजधानी के मानक नगर थाना क्षेत्र के रामनगर इलाके के रहने वाले सागर की मां रानी शर्मा इस घटना से हैरान नजर आ रही है. रानी ने कहा, ‘‘वह (सागर) दो दिन पहले घर से निकला था. उसने कहा था कि वह कुछ काम के लिए दोस्तों के साथ दिल्ली जा रहा है. मैंने उससे पिछले दिन आखिरी बार फोन पर बात की थी.'

मानक नगर के थानाध्यक्ष शिव मंगल सिंह ने कहा, 'हमने सागर के पिता को उनके बेटे के बारे में पूछने के लिए बुलाया है.' पुलिस के मुताबिक, सागर का परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले का रहने वाला है. पुलिस ने परिजनों के हवाले से बताया कि सागर हाल ही में बेंगलुरु से लखनऊ लौटा था.

सागर की नाबालिग बहन ने कहा, 'मैंने अपने भाई को अपनी मां से यह कहते हुए सुना कि वह एक विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए दिल्ली जा रहा है. मेरा भाई ई-रिक्शा चलाता था. वह पहले बेंगलुरु में काम करता था.'

पुलिस के मुताबिक, सागर शर्मा अपनी बहन और माता-पिता के साथ रामनगर इलाके में किराए के मकान में रहता है और उसके पिता रोशन लाल बढ़ई का काम करते हैं.

पुलिस ने संसद के बाहर प्रदर्शन के दौरान जिन दो लोगों को गिरफ्तार किया है उनकी पहचान हरियाणा के जींद जिले के घासो खुर्द गांव निवासी नीलम (42) और महाराष्ट्र के लातूर इलाके के अमोल शिंदे (25) के रूप में हुई है.

संसद भवन के बाहर 'केन' खोलकर धुआं फैलाने वाले दोनों लोगों ने ‘तानाशाही नहीं चलेगी', ‘भारत माता की जय' और ‘जय भीम, जय भारत' जैसे नारे लगाए.

दिल्ली में हुई घटना के बाद लातूर पुलिस की टीम शिंदे के घर पहुंची. चाकुर के एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि शिंदे अनुसूचित जाति समुदाय से है और स्नातक है. पुलिस के मुताबिक, प्रारंभिक जानकारी के अनुसार शिंदे ने पुलिस और सेना की भर्ती परीक्षाओं की तैयारी के दौरान दिहाड़ी मजदूर के रूप में भी काम किया था. अधिकारी ने कहा कि शिंदे के दो भाई और माता-पिता भी दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करते हैं.

नीलम की मां सरस्वती देवी ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि वह (नीलम) सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारियों के सिलसिले में प्रदेश के हिसार में एक 'पेइंगगेस्ट' के तौर पर रह रही थी. उन्होंने कहा कि वह 25 नवंबर को घर से हिसार के लिए निकली थी और उन्हें उसके दिल्ली जाने और प्रदर्शन में शामिल होने का पता मीडिया में आई खबरों से चला.

नीलम के गांव के कुछ लोगों ने बताया कि वह दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवानों के आंदोलन स्थल पर भी गई थी.

सरस्वती ने कहा, ''मेरी बेटी के साथ आज सुबह बात हुई थी और उसने मुझसे ध्यान से दवा लेने को कहा था. हमें इसकी जानकारी नहीं थी कि वह दिल्ली गई है.'' नीलम की मां ने कहा, '' मुझे नहीं पता कि किस तरह से उसने यह कदम उठाया. हो सकता है कि उसने नौकरी (पाने) के लिए ऐसा किया हो.''

उसके परिजनों का दावा है कि वह परास्नातक, एमफिल और राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) उत्तीर्ण है और सरकारी नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी.

पुलिस सूत्रों ने कहा कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले छह लोगों द्वारा इस घटना को एक सुनियोजित और अच्छी तरह से समन्वित तरीके से अंजाम दिया गया. ये सभी इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक-दूसरे के संपर्क में थे. उन्होंने बताया कि आरोपियों ने कुछ दिन पहले योजना तैयार की और बुधवार को संसद आने से पहले उन्होंने रेकी की.

सूत्र ने कहा, 'संसद में आने से पहले उनमें से पांच लोग गुरुग्राम में विशाल के आवास पर ठहरे थे. योजना के अनुसार, सभी छह संसद के अंदर जाना चाहते थे, लेकिन केवल दो को ही पास मिला.'



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गाजा में युद्ध "अंतरराष्ट्रीय समर्थन के साथ या उसके बिना" भी जारी रहेगा: इजरायल

अपने प्रमुख समर्थक अमेरिका के बढ़ते दबाव के बीच इजरायल ने बुधवार को गाजा युद्ध को "अंतरराष्ट्रीय समर्थन के साथ या उसके बिना" जारी रखने का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया. सात अक्टूबर को फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास द्वारा इज़रायल पर अभूतपूर्व हमलों के जवाब में शुरू किया गया युद्ध अब अपने तीसरे महीने में प्रवेश कर चुका है. इज़रायली अधिकारियों का कहना है कि हमास के हमले मे 1200 लोग मारे गए थे.

गाजा पट्टी पर हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़े के अनुसार हमलों ने गाजा को बर्बाद कर दिया है. हमलों में 18,600 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं. गाजा की सड़कों, स्कूलों और अस्पतालों को "अभूतपूर्व" क्षति हुई है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मंगलवार को युद्धविराम के गैर-बाध्यकारी प्रस्ताव का जोरदार समर्थन किया.

एएफपी के संवाददाताओं ने कहा कि गाजा पर अधिक हवाई हमले हुए और गोलीबारी हुई. खास तौर पर सबसे बड़े शहरी केंद्र गाजा शहर और दक्षिण में खान यूनिस और राफा में हमले किए गए.

तेज ठंड और शरद ऋतु की बारिश ने इस क्षेत्र को और तबाह कर दिया है. लाखों लोग विस्थापित हो गए हैं और कई लोग प्लास्टिक के अस्थायी टेंटों में रह रहे हैं. दो महीने से अधिक की घेराबंदी और युद्ध के कारण भोजन, पीने के पानी, दवाओं और ईंधन की आपूर्ति कम हो रही है.

मध्य गाजा में अल-अक्सा शहीद अस्पताल के मैदान में हजारों लोग डेरा डाले हुए हैं. इन्हीं में शामिल अमीन एडवान ने कहा कि उनका परिवार सो नहीं पा रहा है.उन्होंने एएफपी को बताया, "बारिश का पानी अंदर घुस गया. हम सो नहीं सके. हमने नायलॉन कवर ढूंढने की कोशिश की, लेकिन कोई नहीं मिला, इसलिए हमने बारिश से बचने के लिए पत्थरों और रेत का सहारा लिया."

गाजा के पास सेडरोट और अन्य दक्षिणी इजरायली समुदायों की बसाहट में फिलिस्तीनी आतंकवादियों के रॉकेट दागते रहने से हवाई हमले के सायरन बजते रहे. रॉकेटों में से अधिकांश को हवाई सुरक्षा प्रणाली द्वारा रोक दिया गया.

इजरायल की सेना ने कहा कि गाजा के उत्तर में अशदोद शहर और लखीश क्षेत्र में सायरन बजते रहे. सोशल मीडिया फुटेज में दिखाया गया है कि रोके गए रॉकेट का एक बड़ा टुकड़ा एक सुपरमार्केट से टकराया है.

सेना ने कहा कि गाजा शहर के शेजैया जिले में एक आतंकवादी सेल पर हवाई हमला किया गया, वहां से इजरायल की ओर रॉकेट लॉन्च किया जा रहा था."

हाल के दिनों में भारी शहरी लड़ाई के केंद्र खान यूनिस में सात बच्चों के पिता फ़ैज़ अल-तारामसी की हमले में मौत पर शोक मनाने के लिए एक परिवार इकट्ठा हुआ. उनकी एक बेटी ने रोते हुए और उनकी खून से सनी कमीज पकड़ते हुए कहा, "हम उनके बाद कैसे रहेंगे?"

सात अक्टूबर को हमास के बंदूकधारियों द्वारा इज़रायल पर हमला करने के बाद अब तक का सबसे खूनी गाजा युद्ध छिड़ा. यह देश के 75 साल के इतिहास में सबसे घातक युद्ध है. हमास ने लगभग 240 लोगों को बंधक बना लिया.

हमास को नष्ट करने और बंधकों को घर वापस लाने के लिए दृढ़ संकल्पित इज़रायल ने गाजा पर विनाशकारी हवाई और जमीनी हमले किए. उसका कहना है कि उसने मंगलवार को उत्तरी गाजा में 10 सैनिकों सहित 115 सैनिकों को खो दिया है.



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विष्णुदेव साय ने ली छत्तीसगढ़ CM पद की शपथ, विजय शर्मा, अरुण साव बने डिप्टी CM

विष्‍णुदेव साय (Vishnu Deo Sai) ने रायपुर में आयोजित भव्‍य शपथ ग्रहण समारोह में छत्तीसगढ़ के मुख्‍यमंत्री (Chhattisgarh CM Oath Ceremony) के रूप में शपथ ली. उनके साथ ही भाजपा विधायक अरुण साव (Arun Sao) और विजय शर्मा (Vijay Sharma) ने छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा, उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ, असम के मुख्‍यमंत्री हिमंता बिस्‍वा सरमा, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल सहित कई आला नेता मौजूद रहे. 

राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने साइंस कॉलेज मैदान में एक शपथ ग्रहण समारोह के दौरान साय और दोनों उपमुख्यमंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे.

भाजपा की जातीय समीकरण साधने की कोशिश 

भाजपा ने हाल ही में जीते गए तीन प्रमुख राज्यों मध्‍य प्रदेश, राजस्‍थान और छत्तीसगढ़ में मुख्‍यमंत्री और उपमुख्‍यमंत्रियों के नामों की घोषणा कर दी है. इस दौरान पार्टी ने जातीय समीकरणों को साधने की कोशिश की है. हालांकि तीनों ही राज्‍यों में मुख्‍यमंत्री के नामों ने हर किसी को चौंका दिया है. छत्तीसगढ़ में भाजपा ने एक आदिवासी नेता को मुख्‍यमंत्री बनाया है तो उपमुख्‍यमंत्री के रूप में एक ओबीसी और एक ब्राह्मण नेता को चुना है. 

विष्‍णुदेव साय छत्तीसगढ़ के चौथे मुख्‍यमंत्री 

भाजपा ने रविवार को प्रमुख आदिवासी नेता साय को छत्तीसगढ़ के नये मुख्यमंत्री के रूप में चुना था. साय प्रदेश के चौथे मुख्यमंत्री हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री साय छत्तीसगढ़ में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. उन्होंने राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में सरगुजा संभाग के कुनकुरी विधानसभा सीट से जीत हासिल की. इस क्षेत्र की सभी 14 सीटों पर अब भाजपा का कब्जा है. 

अरुण साव हैं भाजपा के प्रदेशाध्‍यक्ष 

साय के साथ शपथ लेने वाले उपमुख्यमंत्री अरुण साव ओबीसी समुदाय से आते हैं तथा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं. अधिवक्ता से नेता बने साव ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी थानेश्वर साहू को लोरमी सीट से 45,891 वोटों से हराया है. 

हिंदुत्‍व के मुखर समर्थक हैं विजय शर्मा 

अन्य उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा  ब्राह्मण समुदाय से हैं. वह राज्य में भाजपा के महामंत्री हैं. हिंदुत्व के मुखर समर्थक शर्मा ने कवर्धा निर्वाचन क्षेत्र में प्रभावशाली कांग्रेस नेता और निवर्तमान मंत्री मोहम्मद अकबर को 39,592 वोटों से हराया है.

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