लोकसभा में विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बुधवार को भी चर्चा हुई. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस दौरान विपक्ष को जमकर खरीखोटी सुनाई. शाह ने इस दौरान बुंदेलखंड की बुजुर्ग महिला कलावती की कहानी बताकर राहुल गांधी पर परोक्ष हमला बोला. उन्होंने लोकसभा में अपने संबोधन में किसी का नाम लिए बिना कहा, "इस सदन में एक ऐसे नेता हैं, जिसे 13 बार लॉन्च किया गया और हर बार फेल हुए." मोदी सरनेम वाले मानहानि केस में सुप्रीम कोर्ट की ओर से सजा पर रोक लगाए जाने के बाद राहुल गांधी की सांसदी बहाल हुई है. बुधवार को राहुल गांधी लोकसभा पहुंचे. उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव पर भाषण भी दिया.
सदन में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "इस सदन में एक ऐसे नेता हैं, जिन्हें आज तक 13 बार राजनीति में लॉन्च किया गया है. 13 ही बार फेल हुए हैं. उनका एक लॉन्चिंग यहां सदन में हुआ था. एक गरीब मां बुलेंदखंड की थीं. कलावती नाम था. वे उनके घर खाने गए. गरीबी का वर्णन किया. वेदना को यहां बताया. सरकार छह साल चली. वो कलावती का क्या करा? उस कलावती को घर, बिजली, शौचालय, अनाज देने का काम मोदी सरकार ने किया."
कौन हैं कलावती?
बता दें कि 2008 में कलावती बंदुरकर सुर्खियों में आई थीं. राहुल गांधी महाराष्ट्र के यवतमाल के जलका गांव में उनके घर पहुंचे थे. उनके किसान पति ने 2005 में आत्महत्या कर ली थी. साल 2008 में तत्कालीन मनमोहन सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान बोलते हुए राहुल गांधी ने कलावती का जिक्र किया था. आज इसी को लेकर अमित शाह ने राहुल गांधी पर परोक्ष रूप से निशाना साधा.
अमित शाह ने अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के लिए नरेंद्र मोदी सरकार के किए कार्यों का भी जिक्र करते हुए कहा, ‘हमने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग बनाया… बीजेपी ने दो बार.. एक बार दलित और एक बार आदिवासी राष्ट्रपति बनाया.'
मोदी आजादी के बाद से सबसे भरोसेमंद पीएम-शाह
विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की आजादी के बाद से सबसे भरोसेमंद पीएम हैं." कांग्रेस पर हमला बोलते हुए शाह ने कहा, "जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के कार्यकाल में सबसे ज्यादा सांप्रदायिक हिंसा हुई."
'मोदी जी ने आज तीनों को भारत छोड़ने का नारा दिया'
शाह ने कहा, "आज ही के दिन गांधी जी ने नारा दिया था कि अंग्रेजों भारत छोड़ो. साढ़े नौ साल में मोदी जी ने नए प्रकार के राजनीतिक युग की शुरुआत की. तीस साल से राजनीति भ्रष्टाचार, परिवारवाद, तुष्टीकरण के नासूर से ग्रसित रही. मोदी जी ने पॉलिटिक्स ऑफ परफॉर्मेंस को तरजीह दी. मगर फिर भी कहीं दूर तक भ्रष्टाचार भी बैठा है, परिवारवाद दिखाई ही देता है और तुष्टीकरण की राजनीति दिखाई देती है. इसलिए मोदी जी ने आज तीनों को भारत छोड़ने का नारा दिया है."
हमारा वह चरित्र नहीं
अमित शाह ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव संवैधानिक प्रक्रिया है, हमें इसमें कोई आपत्ति नहीं है. इससे राजनीतिक दलों और पार्टियों के चरित्र उजागर होते हैं. मैं तीन प्रस्तावों का जरूर जिक्र करना चाहूंगा. दो प्रस्ताव हम लेकर आए थे, एक एनडीए सरकार के खिलाफ आया. जुलाई 1993 में नरसिंह राव जी की सरकार थी, अविश्वास प्रस्ताव आया. कांग्रेस का मूल सिद्धांत है येन केन प्रकारेण सत्ता में बने रहना. नरसिंह राव जी की सरकार जीत गई, लेकिन बाद में कई लोगों को जेल की सजा हुई, क्योंकि झारखंड मुक्ति मोर्चा को घूस देकर यह जीत हासिल की गई.
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