प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को कहा कि तमिलनाडु में गिरफ्तार किए गए मंत्री वी सेंथिल बालाजी और उनकी पत्नी के बैंक खातों के विश्लेषण से पता चलता है कि उनमें बड़े पैमाने पर नकदी जमा हुई है. केन्द्रीय एजेंसी ने राज्य के परिवहन विभाग में कथित नौकरी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्डरिंग के मामले में डीएमके नेता बालाजी के खिलाफ कुछ ही दिन पहले आरोपपत्र दाखिल किया है.
ईडी ने एक बयान में कहा कि एजेंसी ने चेन्नई की एक विशेष अदालत में 12 अगस्त को धन शोधन निषेध कानून (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किया और जिसने बुधवार को इस पर संज्ञान लिया.
करीब 3,000 पृष्ठ के आरोपपत्र में एजेंसी ने आरोप लगाया है कि बालाजी (47) ने (पूर्ववर्ती अन्नाद्रमुक सरकार में) तमिलनाडु के परिवहन मंत्री के आधिकारिक पद का अपने भाई आरवी अशोक कुमार और निजी सहायकों बी शन्मुगम और एम कार्तिकेयन के साथ मिलकर दुरुपयोग किया और उनके तथा राज्य परिवहन निगमों (एसटीयू) के तत्कालीन प्रबंध निदेशकों और अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर आपराधिक षड्यंत्र रचा.
एजेंसी ने दावा किया है कि परिवहन निगमों में वाहन चालक, कंडक्टर, कनिष्ठ सहायक, कनिष्ठ अभियंता और सहायक अभियंता के पदों पर नियुक्ति के लिए आरोपी ने अभ्यर्थियों से अवैध तरीके से लाभ प्राप्त किए.
केन्द्रीय एजेंसी ने कहा, ‘‘ईडी की जांच के दौरान बैंक स्टेटमेंट के विश्लेषण से पता चलता है कि आरोपी वी सेंथिल बालाजी और उनकी पत्नी एस मेगला के बैंक खातों में बड़े पैमाने पर नकदी जमा हुई है.'' ईडी ने आरोप लगाया है, ‘‘ईडी ने अपराध से प्राप्त राशि के उपयोग और ‘धन के बदले नौकरी' घोटाला के कामकाज के तरीकों और साठगांठ के संबंध में ठोस साक्ष्य एकत्र किए हैं.''
ईडी ने कहा कि बालाजी से इन ‘‘ठोस साक्ष्यों के आधार पर जिरह की गई और वह उनका खंडन करने में असफल रहे और कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए, इतना ही नहीं उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया.''
चेन्नई के पुझल केन्द्रीय कारागार में बंद बालाजी अब भी मुख्यमंत्री एमके स्टालिन नीत तमिलनाडु सरकार में बिना विभाग के मंत्री बने हुए हैं. ईडी ने धन शोधन के मामले में उन्हें 14 जून को गिरफ्तार किया था.
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