पाकिस्तान में इमरान खान को तब राहत मिलती दिखी जब इस्लमाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने शुक्रवार को निचली अदालत के फैसले को दरकिनार करते हुए उसे भ्रष्टाचार के उस मामले की फिर से सुनवाई करने के लिए कहा जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री अपने कार्यकाल के दौरान महंगे सरकारी उपहार बेचकर लाभ कमाने के आरोपी हैं.
आईएचसी के मुख्य न्यायाधीश आमेर फारूक ने अपने फैसले में सत्र अदालत को मामले की नए सिरे से सुनवाई करके मामले की पोषणीयता के मामले में फिर से निर्णय लेने का आदेश दिया. हालांकि, उच्च न्यायालय ने मामले को दूसरे न्यायालय में स्थानांतरित करने की इमरान खान की अर्जी को खारिज कर दिया.
अदालत का यह फैसला पाकिस्तान में आम चुनाव से पहले आया है जिसमें खान को जीत की उम्मीद है. नेशनल असेंबली का कार्यकाल 12 अगस्त को समाप्त होगा, लेकिन उम्मीद है कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार नौ अगस्त को निचले सदन को भंग कर देगी.
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने तोहफों की खरीद-बिक्री के मामले में इमरान खान (70) के खिलाफ सुनवाई जिला अदालत में करने के विरूद्ध पूर्व प्रधानमंत्री द्वारा दायर कई याचिकाओं पर बृहस्पतिवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
अदालत के मुख्य न्यायाधीश आमेर फारूक ने फैसला सुनाते हुए सत्र अदालत को यह भी आदेश दिया कि वह मामले में नये सिरे से सुनवाई करके फिर से तय करे कि मुकदमा सुनवाई योग्य है या नहीं.
इससे पहले, पाकिस्तान उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को भ्रष्टाचार के एक मामले में सुनवाई के खिलाफ दायर इमरान खान की याचिका खारिज कर दी. इसमें पूर्व प्रधानमंत्री पर राज्य भंडार से अपने पास रखे उपहारों का विवरण छिपाने का आरोप है.
इमरान पर 2018 से 2022 के बीच प्रधानमंत्री पद का दुरुपयोग करते हुए विदेश यात्रा के दौरान मिले राजकीय तोहफों को बेचने का आरोप है जिनकी कुल कीमत 6.35 लाख अमेरिकी डॉलर से अधिक है.
शीर्ष अदालत ने बुधवार को इस्लामाबाद सत्र अदालत में चल रहे तोशाखाना मामले की सुनवाई पर रोक लगाने के खान के अनुरोध को खारिज कर दिया था. हालांकि, इसने शुक्रवार तक आगे की कार्यवाही स्थगित करके पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख को राहत भी दी थी ताकि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) द्वारा कोई प्रतिकूल आदेश पारित होने की स्थिति में वह फिर से अदालत का दरवाजा खटखटा सकें.
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश हुमायूं दिलावर तोशाखाना मामले की सुनवाई कर रहे हैं. यह मामला पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) द्वारा दायर एक आपराधिक शिकायत पर आधारित है कि खान ने तोशाखाना से अपने पास रखे उपहारों का विवरण 'जानबूझकर छिपाया' था.
इस्लामाबाद की एक सत्र अदालत ने पिछले महीने फैसला किया था कि खान के खिलाफ पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) का मामला चलाये जाने योग्य है, जिसे आईएचसी में चुनौती दी गई थी. लेकिन इस्लमाबाद उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के उस फैसले को दरकिनार कर दिया जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ तोशखाना भ्रष्टाचार मामले में फौजदारी मुकदमे की पोषणीयता बरकरार रखी गई थी.
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