राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को फिर से तेज हवाओं के साथ बारिश होने और आसमान में बादल छाए रहने से मौसम सुहावना हो गया. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र ने कहा है कि चार जून तक राजधानी में 'लू' की स्थिति लौटने की संभावना नहीं है. आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा कि राजधानी में सोमवार दोपहर 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं और कई इलाकों में हल्की बारिश हुई.
मौसम विभाग ने 'येलो' अलर्ट जारी किया है, जिसमें लोगों को यातायात बाधित होने और निचले इलाकों में पानी भरने की चेतावनी दी गई है. आईएमडी मौसम की चेतावनी के लिए चार कलर कोड का उपयोग करता है : हरा (कार्रवाई की जरूरत नहीं), पीला (देखें और अपडेट रहें), नारंगी (तैयार रहें) और लाल (कार्रवाई करें). दिल्ली के प्रमुख मौसम विज्ञान केंद्र सफदरजंग वेधशाला के मुताबिक सोमवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री कम 21.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया. जबकि अधिकतम तापमान के 35 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है.
सामान्य रूप से 39.5 डिग्री सेल्सियस के औसत अधिकतम तापमान के साथ मई का महीना दिल्ली में सबसे गर्म महीना रहता है. लेकिन, इस बार मई में सामान्य से कम तापमान और अत्यधिक बारिश दर्ज की गई है. मौसम विज्ञानियों ने इस घटना के लिए सामान्य से अधिक पश्चिमी विक्षोभ को जिम्मेदार ठहराया - एक ऐसी मौसम प्रणाली जो भूमध्यसागरीय क्षेत्र में उत्पन्न होती है और इस मौसम में उत्तर-पश्चिम भारत में बेमौसम बारिश लाती है.
आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक, सफदरजंग वेधशाला ने मई में अब तक 86.7 मिलीमीटर बारिश दर्ज की है. आम तौर पर पूरे महीने में राष्ट्रीय राजधानी में औसतन 19.7 मिलीमीटर बारिश होती है. दिल्ली में इस महीने की शुरुआत में घने कोहरे का एक असामान्य घटनाक्रम भी देखा गया. चार मई को न्यूनतम तापमान गिरकर 15.8 डिग्री सेल्सियस हो गया था, जो आईएमडी द्वारा 1901 में रिकॉर्ड रखने की शुरुआत करने के बाद से मई के महीने की तीसरी सबसे ठंडी सुबह थी.
शहर में अप्रैल में 20 मिलीमीटर से अधिक बारिश दर्ज की गई, जो 2017 के बाद से इस महीने में सबसे अधिक है. मई में केवल नौ दिनों के लिए दिल्ली में अधिकतम तापमान 40 डिग्री से अधिक दर्ज किया गया. आईएमडी के अनुसार, ताजा पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण सोमवार और मंगलवार को कुछ स्थानों पर तेज हवाएं चलने के साथ ही बारिश होने और ओले गिरने की संभावना है.
अधिकतम तापमान के चार जून तक 40 डिग्री सेल्सियस से कम ही रहने के आसार हैं. इस महीने की शुरुआत में, मौसम कार्यालय ने मई में उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य से कम अधिकतम तापमान और 'लू' की स्थिति वाले कम दिनों की भविष्यवाणी की थी.
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