Monday, July 31, 2023

"अमित शाह चार दिनों तक मणिपुर में थे, शांति बहाली के लिए हरसंभव कदम उठाया" : अनुराग ठाकुर

केंद्रीय खेल और युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने रविवार को विपक्षी दलों के इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव एलायंस (Indian National Developmental Inclusive Alliance) के प्रतिनिधिमंडल पर कटाक्ष किया और पूछा कि वे मणिपुर मुद्दे पर चर्चा से क्यों भाग रहे हैं. अनुराग ठाकुर ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, "हम पहले दिन से ही मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस मुद्दे पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया है. मेरा सवाल है कि विपक्ष इससे क्यों भाग रहा है. मैं विपक्ष से कहना चाहता हूं कि वे मणिपुर की दो दिवसीय यात्रा के अनुभव को साझा करने और चर्चा में भाग लें.” उल्‍लेखनीय है कि विपक्षी गठबंधन का 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल शनिवार को मणिपुर के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचा था, जहां 3 मई के बाद से जातीय संघर्ष और हिंसा देखी जा रही है. 

इसके साथ ही ठाकुर ने कहा, "कांग्रेस शासन तब विफल साबित हुआ जब मणिपुर में हजारों लोग मारे गए. उस समय न तो इंदिरा जी (पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी) और न ही राजीव जी (पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी) ने कोई बयान दिया. वे (विपक्ष) हमसे बयान कैसे मांग रहे हैं?"

उन्होंने कहा, "केंद्रीय गृह मंत्री चार दिनों तक मणिपुर में थे. हमने मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए हरसंभव कदम उठाया. विपक्ष को सुर्खियों में बने रहने के लिए अराजकता नहीं फैलानी चाहिए. उसे राजनीति करने के बजाय चर्चा में भाग लेना चाहिए." 

मणिपुर हिंसा पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की टिप्पणी पर बोलते हुए ठाकुर ने कहा, "कृपया बंगाल की स्थिति के बारे में भी जागरूक रहें. आपको बंगाल से चुनाव लड़ना है. मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या बंगाल में 'सब ठीक है'. उनके पास बंगाल में महिलाओं की दुर्दशा सुनने का समय नहीं है."

इससे पहले, चौधरी ने रविवार को कहा कि राज्य और केंद्र सरकारों ने मणिपुर में लोगों की दुर्दशा को अनसुना कर दिया है.  

केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने कहा, "संसद चल ​​रही है. विपक्ष से अनुरोध है कि वे संसद में आएं, चर्चा में भाग लें, अपने विचार रखें और सच सुनने का भी साहस रखें."

बता दें कि दोनों सदनों के 21 सदस्यीय विपक्षी प्रतिनिधिमंडल में अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई, के सुरेश और कांग्रेस के फूलो देवी नेताम शामिल थे. साथ ही जदयू के राजीव रंजन ललन सिंह, तृणमूल कांग्रेस से सुष्मिता देव, डीएमके से कनिमोझी, CPI के संतोष कुमार, माकपा से एए रहीम, राजद के मनोज कुमार झा, सपा के जावेद अली खान, झामुमो की महुआ माझी, एनसीपी के पीपी मोहम्मद फैजल, जेडीयू के अनिल प्रसाद हेगड़े, आईयूएमएल के ईटी मोहम्मद बशीर, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन, AAP के सुशील गुप्ता, शिवसेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत, वीसीके के डी रविकुमार, वीसीके के थिरु थोल थिरुमावलवन और RLD के जयंत सिंह भी शामिल थे.  

गौरतलब है कि 20 जुलाई को संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत के बाद से ही विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. से जुड़े सांसद मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विस्तृत चर्चा और बयान की मांग कर रहे हैं. वहीं सरकार का कहना है कि वह इस पर चर्चा कराने को तैयार है. 

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Sunday, July 30, 2023

मणिपुर में जातीय संघर्ष से भारत की छवि खराब हो रही है: अधीर रंजन चौधरी

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को कहा कि मणिपुर में जातीय संघर्ष भारत की छवि को खराब कर रहा है और इसे समाप्त करने के लिए सभी दलों को एक शांतिपूर्ण समाधान खोजने की कोशिश करनी होगी. विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (इंडिया) के 21 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल जमीनी हकीकत का आकलन करने के लिए हिंसा प्रभावित मणिपुर के दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को यहां पहुंचा और पीड़ितों से मुलाकात की. वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विपक्षी गठबंधन के सांसदों के दौरे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे मात्र दिखावा करार दिया. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने आरोप लगाया कि ‘इंडिया' के सदस्यों का दौरा ‘‘मात्र दिखावा'' है. 

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया कि जब पूर्ववर्ती सरकारों के शासन में मणिपुर ‘‘जलता'' था, तब उन लोगों ने संसद में एक भी शब्द नहीं कहा, जो अब पूर्वोत्तर राज्य का दौरा कर रहे हैं. ठाकुर ने कहा, ‘‘जब मणिपुर महीनों बंद रहा करता था, तब उन्होंने एक भी शब्द नहीं कहा.''

अपने दो दिवसीय दौरे के पहले दिन, सांसदों ने इंफाल, बिष्णुपुर जिले के मोइरांग और चुराचांदपुर में कई राहत शिविरों का दौरा किया और जातीय हिंसा के पीड़ितों से मुलाकात की. 

चौधरी ने शनिवार शाम संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री कुछ नहीं कह रहे हैं और देश को गुमराह कर रहे हैं. वे कह रहे हैं कि मणिपुर में सब कुछ ठीक है, लेकिन ऐसा नहीं है. वे हमें संसद में बोलने की अनुमति नहीं दे रहे हैं.''

उन्होंने कहा, ‘‘हम यहां लोगों से मिलने आए हैं, हमने उनसे बात की और खौफनाक कहानियां सुनीं. अब, हम उन घटनाओं को संसद में उठाएंगे.''

इससे पहले, दिन में चौधरी ने कहा, ‘‘जातीय हिंसा ने मणिपुर, पूर्वोत्तर क्षेत्र और पूरे भारत की छवि को नुकसान पहुंचाया है. हमें शांतिपूर्ण समाधान निकालने की कोशिश करनी चाहिए. हम यहां कोई राजनीति करने नहीं आए.''

सांसद दिल्ली से विमान के जरिये मणिपुर पहुंचे. प्रतिनिधिमंडल यहां पहुंचने के बाद चुराचांदपुर में राहत शिविरों में रह रहे कुकी समुदाय के पीड़ितों से मिलने गया, जहां हाल में हिंसा की घटनाएं हुई हैं.

प्रतिनिधिमंडल के दौरे के संबंध में एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा, ‘‘वे सुरक्षा कारणों से इंफाल से हेलीकॉप्टर के जरिए चुराचांदपुर गए. इस समय केवल एक हेलीकॉप्टर उपलब्ध है, इसलिए प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को दो टीम में बांटा गया और हेलीकॉप्टर ने उन्हें पहुंचाने के लिए दो फेरे लगाए.''

एक टीम में लोकसभा में कांग्रेस नेता चौधरी और अन्य शामिल थे. यह टीम चुराचांदपुर कॉलेज के ‘बॉयज हॉस्टल' में स्थापित राहत शिविर का दौरा करने के लिए सबसे पहले चुराचांदपुर के लिए रवाना हुई. 

मणिपुर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एमपीसीसी) के एक सूत्र ने बताया कि एक अन्य टीम में लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई और अन्य शामिल थे. यह टीम चुराचांदपुर में डॉन बॉस्को स्कूल में एक राहत शिविर का दौरा करने गई. 

मणिपुर मामले का राजनीतिकरण करने के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर गोगोई ने कहा, ‘‘हमें प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनकर बहुत खुशी होती, लेकिन वह परिदृश्य में कहीं नजर ही नहीं आ रहे. उन्होंने संसद में मणिपुर को लेकर एक शब्द नहीं कहा.''

उन्होंने कहा, ‘‘राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) इस परिदृश्य से पूरी तरह गायब है, लेकिन ‘इंडिया' मौजूद है. ‘इंडिया' मणिपुर के लोगों के साथ खड़ा है. हम राज्य में शांति लाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे.''

प्रतिनिधिमंडल में शामिल और केरल से कांग्रेस के सांसद के. सुरेश ने केंद्र और मणिपुर सरकार पर स्थिति से ‘‘खराब तरीके से निपटने'' का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा, ‘‘हम यहां जमीनी हालात का आकलन करने और हिंसा पीड़ितों से मिलने आए हैं. दिल्ली लौटने के बाद, हम अपने आकलन के आधार पर विभिन्न मुद्दों को संसद में उठाएंगे और इन मुद्दों पर केंद्र का ध्यान खींचने की कोशिश करेंगे.''

कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि भाजपा ‘‘ध्रुवीकरण कर रही है'' और उसने दो परस्पर विरोधी समुदायों में से ‘‘एक को समर्थन दिया'' है. 

उन्होंने कहा, ‘‘यह राज्य में अपने राजनीतिक भविष्य को सुरक्षित करने के लिए भाजपा द्वारा पैदा की गई समस्या है. भाजपा लोगों को जाति, धर्म और भाषा के आधार पर बांटने की कोशिश कर रही है.''

एमपीसीसी के सूत्र ने बताया कि इंफाल लौटने के बाद, चौधरी के नेतृत्व में टीम ने मेइती समुदाय के पीड़ितों से मिलने के लिए सड़क मार्ग से बिष्णुपुर जिले के मोइरांग कॉलेज में एक राहत शिविर का दौरा किया. 

विपक्षी सांसदों की दूसरी टीम इंफाल पूर्वी जिले के अकंपत में ‘आइडियल गर्ल्स कॉलेज' राहत शिविर गई. 

एमपीसीसी के अधिकारी ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल रविवार सुबह राजभवन में राज्यपाल अनसुइया उइके से मिलेगा और मणिपुर की मौजूदा स्थिति एवं शांति बहाल करने के लिए उठाए जा सकने वाले कदमों पर बात करेगा. 

इस प्रतिनिधिमंडल में चौधरी और गोगोई के अलावा तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सुष्मिता देव, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की महुआ माजी, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की कनिमोई, राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के जयंत चौधरी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मनोज कुमार झा, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन के प्रेमचंद्रन, जनता दल (यूनाइटेड) के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह एवं अनिल प्रसाद हेगड़े, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के संदोश कुमार और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के ए ए रहीम भी शामिल हैं. 

राजद के झा ने कहा, ‘‘इस खूबसूरत राज्य के लोग पिछले तीन महीने से कष्ट झेल रहे हैं. सरकार की ओर से कोई भी पीड़ितों की शिकायतें सुनने नहीं आया.''

झा ने कहा, ‘‘आज हम यहां कुछ कहने नहीं, बल्कि सिर्फ उनकी बात सुनने आए हैं. हम उनका दर्द महसूस करते हैं और इसीलिए हम यहां हैं.''

कनिमोई ने कहा कि ‘इंडिया' के सांसद दोनों समुदायों के लोगों की आवाज सुनेंगे. द्रमुक नेता ने कहा, ‘‘वे संकट में हैं और केंद्र सरकार उनकी समस्या का समाधान करने में विफल रही है.''

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता एवं सांसद अरविंद सावंत ने प्रधानमंत्री पर संसद में मणिपुर मुद्दे पर चुप रहने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि वह (मोदी) संसद में बोलें, लेकिन उन्होंने एक भी शब्द नहीं कहा.''

चार मई को मणिपुर में भीड़ द्वारा निर्वस्त्र करके घुमाई गई दो महिलाओं में से एक की मां ने विपक्षी गठबंधन के सांसदों से उस दिन मारे गये उनके पति और बेटे के शव उन्हें दिखाये जाने में मदद करने का आग्रह किया. 

जब तृणमूल कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव और द्रमुक सांसद कनिमोई ने पीड़ितों में से एक की मां से मुलाकात की, तो उन्होंने उनसे कम से कम उनके बेटे और पति के शव दिखाने में मदद करने का आग्रह किया. 

उन्होंने दोनों नेताओं को यह भी बताया कि स्थिति ऐसी है कि दोनों समुदाय कुकी और मेइती अब एक साथ नहीं रह सकते हैं. 

देव ने कहा, ‘‘उनकी बेटी के साथ बलात्कार किया गया और उनके पति और बेटे को भीड़ ने मणिपुर पुलिस की मौजूदगी में मार डाला, लेकिन आज तक एक भी पुलिस अधिकारी को निलंबित नहीं किया गया है.''

उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें बहुत बड़ा झटका लगा है. वे कह रहे हैं कि 1,000 से अधिक लोगों की भीड़ थी और उन्होंने एक विशेष मांग की है, जिसे मैं राज्यपाल के सामने उठाऊंगी.''

मणिपुर में रहने वाले कुकी समुदाय द्वारा ‘अलग प्रशासन' की मांग के खिलाफ मेइती समुदाय ने शनिवार को ‘विशाल रैली' आयोजित की जिसमें घाटी के पांच जिलों के हजारों लोगों ने हिस्सा लिया. 

रैली में शामिल लोगों ने राज्य की क्षेत्रीय अखंडता को बरकरार रखने की मांग की जो मई महीने के शुरुआत से ही जातीय हिंसा का सामना कर रहा है. 

कोऑर्डिनेटिंग कमेटी ऑन मणिपुर इंटिग्रीटी (सीओसीओएमआई) द्वारा आयोजित रैली की शुरुआत इंफाल पश्चिम जिले के थांगमेबंद से शुरू हुई और पांच किलोमीटर की दूरी तय कर इंफाल पूर्वी जिले के हप्ता कंगजेयबुंग में संपन्न हुई. 

मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा कि वह उस नफरत और अविश्वास को खत्म करने के लिए काम कर रही हैं जिसने मेइती और कुकी समुदायों के बीच संबंधों में तनाव पैदा कर दिया है. 

चुराचांदपुर जिले में एक राहत शिविर का दौरा करने के बाद पत्रकारों से उइके ने कहा कि वह दोनों समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठनों से मिल रही हैं, और राज्य में शांति का माहौल बहाल करने के लिए उनका सहयोग मांग रही हैं. 

उन्होंने कहा, ‘‘मैं यहां दूसरी बार आई हूं, अपने भाई-बहनों का दुख बांटने के लिए. लगभग तीन महीने हो गए हैं ये लोग अपने घरों से दूर हैं. मैं यहां ये देखने आई हूं कि कम से कम इन लोगों को शिविर में किसी परेशानी का सामना न करना पड़े.''

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. 

मणिपुर की आबादी में मेइती समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं. वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे ज्यादातर पर्वतीय जिलों में रहते हैं. 

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केरल में सप्ताह भर के स्वास्थ्य उपचार के बाद राहुल गांधी को अस्पताल से छुट्टी मिली

कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi)  को केरल के प्रसिद्ध कोट्टक्कल आर्य वैद्यशाला (Kottakkal Arya Vaidya Sala) में आयुर्वेदिक कल्याण उपचार पूरा कराने के बाद अस्पताल से छुट्टी मिल गई और वह दिल्ली के लिए रवाना हो गए. राहुल गांधी ने फेसबुक पर एक पोस्ट में लिखा कि अस्पताल में कुछ दिन रहने के बाद वह तरोताजा महसूस कर रहे हैं. उन्होंने इस दौरान देखभाल करने और स्नेह देने के लिए अस्पताल के चिकित्सकों एवं कर्मचारियों का शुक्रिया अदा किया. 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी एक फेसबुक में लिखा, ‘‘ कोट्टक्कल में आर्य वैद्यशाला में मेरा प्रवास एक तरोताजा करने वाला अनुभव रहा है. इस दौरान मेरी देखभाल करने और मुझे स्नेह देने के लिए मैं डॉ. पी .एम. वेरियर और उनकी टीम तथा अस्पताल के अन्य कर्मचारियों को हार्दिक धन्यवाद देता हूं.''

राहुल गांधी ने 25 जुलाई को केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी की याद में कांग्रेस की ओर से मलप्पुरम में आयोजित एक शोक सभा में भाग लिया था. वहीं पिछले बुधवार को कांग्रेस नेता ने आर्य वैद्यशाला परिसर में स्थित श्री विश्वंभरा मंदिर में पूजा-अर्चना भी की थी. 

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‘लव जिहाद’ समाज में तनाव पैदा करता है, इसे रोका जाना चाहिए: हिमंत बिस्‍वा सरमा

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्‍वा सरमा ने शनिवार को कहा कि ‘लव जिहाद' समाज में तनाव पैदा करता है और इसे रोका जाना चाहिए. राज्य के पुलिस अधीक्षकों के दो दिवसीय सम्मेलन के बाद बोंगाईगांव में पत्रकारों से सरमा ने कहा कि वह राज्य में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व चाहते हैं लेकिन 'जिहाद और जबरन धर्म परिवर्तन जैसे मुद्दे तनाव पैदा करते हैं.''

उन्होंने कहा कि 'लव जिहाद' के ज्यादातर मामलों में देखा जाता है कि लड़कियों को जबरन ले जाया जाता है और फिर उनके कुछ वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया जाता है. मुख्‍यमंत्री ने कहा, "हमें यह देखना होगा कि क्या लड़कियों का जबरन धर्मांतरण किया जा रहा है और दबाव में शादी की जा रही है...हमें ऐसी शादियों को जांच के दायरे में लाना होगा.''

सरमा ने कहा, ‘‘एक काजी हिंदू-मुस्लिम विवाह को पंजीकृत नहीं कर सकता. इसी तरह, एक पुजारी भी कानूनी तौर पर ऐसा नहीं कर सकता...अगर अलग-अलग धर्मों के लड़के-लड़कियां शादी करना चाहते हैं तो उन्हें विशेष विवाह अधिनियम के तहत बिना धर्म परिवर्तन किए ऐसा करना चाहिए.''

उन्होंने कहा कि असम के करीमगंज जिले के रास्ते बांग्लादेश से रोहिंग्याओं की घुसपैठ 'खतरनाक' है और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है.

सरमा ने कहा कि बिचौलियों का एक नेटवर्क है जो रोहिंग्याओं को त्रिपुरा में लाते हैं, वहां से असम के करीमगंज, बोंगाईगांव और फिर देश के बाकी हिस्सों में ले जाते हैं. 

उन्होंने कहा, ''असम की पांच पुलिस टीम फिलहाल त्रिपुरा में हैं और बिचौलियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्य सरकार के साथ काम कर रही हैं.''

सरमा ने कहा कि स्थिति चिंताजनक है और बिना वैध कागजात के देश में अवैध रूप से प्रवेश करने वाला कोई भी व्यक्ति देश की सुरक्षा के लिए खतरा है. 

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PM मोदी के नेतृत्व में देश की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में ऊंची छलांग, जिसका स्वप्न कलाम ने देखा था: अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को यहां कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में ऊंची छलांग रहा है जिसका सपना दिवंगत राष्ट्रपति एवं प्रख्यात वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम ने देखा था. शाह ने ‘डॉ एपीजे अब्दुल कलाम, मेरोरीज नेवर डाई' नामक पुस्तक के विमोचन के दौरान यह बात कही और साथ ही उन्होंने भारत की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में अमूल्य योगदान के लिए कलाम की सराहना भी की. गृहमंत्री ने कहा, ‘‘जब एक गरीब व्यक्ति लोकतंत्र के शिखर पर पहुंचता है तो वह लोकतंत्र को गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित कर देता है. डॉ. अब्दुल कलाम और प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यों से यह प्रदर्शित किया है.''

कलाम ने भारत को निर्देशित मिसाइलों के मामले में आत्मनिर्भर बनाया. उन्होंने 1998 में पोखरण में अग्नि और पृथ्वी मिसाइलों का सफल प्रक्षेपण और परमाणु बमों का सफल परीक्षण किया. डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) और इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) को नई दिशा देने के लिए कलाम का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा. 

शाह ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमारे छात्रों, युवाओं और उनके स्टार्टअप के लिए अंतरिक्ष विज्ञान में अवसर खुले हैं. एपीजे अब्दुल कलाम का अंतरिक्ष विज्ञान में उपलब्धियों का सपना प्रधानमंत्री मोदी के नवाचारों और नई पहलों से पूरा होगा. मुझे विश्वास है कि भारत अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में पूरी दुनिया में नेतृत्व करेगा.''

उन्होंने कहा कि दिवंगत राष्ट्रपति के पदचिह्नों पर चलकर प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश ने 55 अंतरिक्ष यान, 50 प्रक्षेपण यान अभियान शुरू किए तथा 11 छात्र उपग्रह प्रक्षेपित किए.

शाह ने रेखांकित किया कि एक ही उड़ान में रिकॉर्ड 104 उपग्रहों (पीएसएलवी-सी37, ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान से) को प्रक्षेपित किया गया और एक उपग्रह के पुनः प्रवेश (पृथ्वी के वायुमंडल में) का प्रयोग भी सफलतापूर्वक पूरा किया गया. 

शाह ने कहा, ‘‘मेरा विश्वास है कि भारत डॉ.कलाम के सपने को पूरा करेगा और भारत निश्चित तौर पर अंतरिक्ष क्षेत्र में नेतृत्व करेगा.''

शाह ने यहां शुक्रवार को एक रैली को भी संबोधित किया और भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष के अन्नामलाई की राज्य भर के लिए पदयात्रा ‘मेरी जमीन, मेरे लोग' को रवाना किया। रामेश्वरम दिवंगत राष्ट्रपति कलाम (1931--2015) का गृह स्थान है.

गृह मंत्री ने कहा कि रॉकेट और अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत के लिए कई उपलब्धियां हासिल करने वाले कलाम ने राष्ट्र के प्रति अपना दृष्टिकोण जनता के समक्ष रखा. उन्होंने कहा ‘इंडिया 2020 विजन फॉर द न्यू मिलेनियम' पुस्तक में कलाम ने भारत के विकास का दृष्टिकोण प्रस्तुत किया.

उन्होंने कलाम की जीवन यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पूर्व राष्ट्रपति ने शुरुआत ‘समाचार पत्र' बेचने से की थी, लेकिन बाद में अपने कार्यों से उन्होंने प्रसिद्धि प्राप्त की और देश में सर्वोच्च पद भी पहुंचे.

कलाम के सिद्धांतों पर चर्चा करते हुए शाह ने कहा कि जब कलाम राष्ट्रपति थे तब एक बार कुछ लोग नौ दिन तक राष्ट्रपति भवन में रुके थे, राष्ट्रपति ने उनके रुकने के खर्च के एवज में सरकार को 9.52 लाख रुपये दिए थे। हालांकि नियम के मुताबिक वे लोग सरकारी अतिथि थे.

कलाम की विनम्रता की प्रशंसा करते हुए शाह ने कहा कि वह एकमात्र राष्ट्रपति थे जो केवल दो सूटकेस के साथ राष्ट्रपति भवन आए और पद छोड़ने के बाद उतने सामान के साथ लौटे. 

‘डॉ एपीजे अब्दुल कलाम, मेरोरीज नेवर डाई' नाम से प्रकाशित किताब में डॉ.कलाम की रामेश्वरम के छोटे से शहर से शीर्ष संवैधानिक पद पर पहुंचने तक की यात्रा का उल्लेख है. इस किताब के मुख्य लेखक डॉ.वाई एस राजन प्रख्यात वैज्ञानिक हैं जिन्होंने पूर्व राष्ट्रपति के साथ काम किया है. इनके अलावा कलाम के भाई मोहम्मद मुथु मीरन मराइकयार की बेटी डॉ.नजमा मरियाकायर सह लेखक हैं. श्रीप्रिया श्रीनिवास ने इस किताब का अंग्रेजी में अनुवाद किया है. 

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"मंदिर में जाकर बस घंटा बजाना हमारा हिन्दुत्व नहीं" : उद्धव ठाकरे का तंज 

महाराष्‍ट्र की सत्ता गंवाने के बाद पूर्व मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे लगातार सार्वजनिक कार्यक्रमों में नजर आ रहे हैं. साथ ही उद्धव ठाकरे महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री एकनाथ शिंदे और बीजेपी पर हमला करने का कोई मौका नहीं गंवा रहे हैं. उद्धव ठाकरे ने शनिवार को ठाणे में हिंदी भाषी कार्यकर्ता सम्‍मेलन को संबोध‍ित किया. ठाकरे ने इस दौरान कहा कि जो एक दूसरे में भेद करे, उसे हिंदुत्‍व नहीं कहते हैं. साथ ही उन्‍होंने बिना लिए महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री एकनाथ शिंदे पर भी निशाना साधा और कहा कि कुछ चाइनीज लोग खुद को शिवसेना से ऊपर समझते हैं. 

उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुझे याद है नगर निगम का चुनाव होने जा रहा था और बालासाहेब सभा कर रहे थे और किसी ने कहा कि यहां नाट्यगृह नहीं है. उन्होंने दे दिया, लेकिन नाटक आजकल कुछ और लोग कर रहे हैं. (एकनाथ शिंदे का नाम लिए बिना उन पर व्यंग्‍य) कुछ चाइनीज लोग जो खुद को शिवसेना से उपर समझते है.

साथ ही उन्‍होंने कहा, "जो लड़ते समय साथ हो, वो सैनिक है. जिस सरकार का जन्म खोखे से हुआ वो हमें क्या न्याय देगी?"

उन्‍होंने कहा कि मैं आपके सामने झुकूंगा, लेकिन तानाशाही बर्दाश्‍त नहीं करूंगा. मंदिर में जाकर बस घंटा बजाना हमारा हिन्दुत्व नहीं है. 

उन्‍होंने कहा कि इनके हिंदुत्व का नकाब हमें हटाना है. मणिपुर जल रहा है, ये  हिंदुत्व है? मैं मुख्यमंत्री था, तब इन लोगों ने हनुमान चालीसा किया. जब सीता हरण हुआ तब रामायण हुआ, द्रौपदी का वस्त्र हरण हुआ इसलिए महाभारत हुआ. दुःख इस बात का है जब वस्त्र हरण हुआ तब धृतराष्ट्र चुपचाप बैठे थे. आज की सरकार क्या धृतराष्ट्र है? मणिपुर में दो महिलाओं के साथ जो हुआ. वीडियो आया तब पता चला कि वहां के मुख्यमंत्री कहते हैं कि ऐसी घटनाएं तो बहुत हुई हैं? शर्म आनी चाहिए.

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मध्‍य प्रदेश चुनाव 2023 : भाजपा ने की चुनाव प्रबंधन सम‍िति की घोषणा, CM शिवराज और सिंधिया सहित 21 को बनाया सदस्‍य

मध्‍य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Election 2023) को अब ज्‍यादा वक्‍त नहीं रह गया है. राज्‍य में इसी साल चुनाव होने हैं, जिसे लेकर भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ रही है. राज्‍य में अपनी सत्ता बचाने के लिए पार्टी लगातार चुनावी तैयारियों में जुटी हुई है. भाजपा ने मध्‍य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रबंधन समिति (Election Management Committee) की घोषणा कर दी है. इस समिति का संयोजक केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को बनाया गया है. वहीं इसके सदस्‍यों में मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित पार्टी के आला नेताओं को शामिल किया गया है. 

मध्‍य प्रदेश चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा ने चुनाव प्रबंधन समिति में प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा, सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रह्लाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, राज्य में मंत्री नरोत्तम मिश्र और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह सहित कई सदस्य बनाए हैं.  

इसके साथ ही समिति में राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को भी सदस्य बनाया गया है. साथ ही इसमें प्रदेश में मंत्रियों भूपेन्द्र सिंह, तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह को भी जगह दी गई है. 

मध्‍य प्रदेश चुनाव से पहले भाजपा ने चुनाव प्रबंधन समिति में राज्य बीजेपी के सभी महत्वपूर्ण नेताओं को जगह दी है. साथ ही अलग अलग क्षेत्रों के नेताओं को भी जगह देकर क्षेत्रीय संतुलन को साधा गया है. 

21 सदस्यीय चुनाव प्रबंधन समिति चुनाव से जुड़े मुद्दों और रणनीति पर गौर करेगी. चुनाव प्रभारी केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव और सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव समेत पांच अन्य नेता भी समिति में आमंत्रित सदस्य के तौर पर शामिल किए गए हैं. 

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Saturday, July 29, 2023

पेरिस के लिए रवाना हुआ एअर इंडिया का विमान दिल्ली वापस लौटा, टायर फटने का संदेह

पेरिस के लिए रवाना हुआ एअर इंडिया का एक विमान शुक्रवार दोपहर कुछ ही देर बाद वापस दिल्ली लौट आया. विमान के रवाना होने के बाद रनवे पर टायर का संदिग्ध मलबा देखे जाने के बाद यह वापस लौटा. विमानन कंपनी ने एक बयान में कहा कि विमान अपराह्न दो बजकर 18 मिनट पर सुरक्षित रूप से दिल्ली हवाई अड्डे पर उतर गया. बयान में कहा गया, “28 जुलाई 2023 को उड़ान संख्या एआई143 के दिल्ली से पेरिस रवाना होने के बाद दिल्ली हवाई यातायात नियंत्रण कक्ष ने चालक दल को बताया कि रनवे पर टायर का संदिग्ध मलबा दिखा है, जिसके कुछ देर बाद विमान लौट आया.”

मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि विमान का टायर शायद फट गया था और विमान में करीब 208 यात्री सवार थे.

विमान कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि दिल्ली हवाईअड्डे से पेरिस के लिए एक अन्य विमान रात करीब आठ बजकर 47 मिनट पर रवाना हुआ.

‘फ्लाइट रडार' ऐप के अनुसार, बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान दिल्ली हवाई अड्डे पर सुरक्षित रूप से उतरने से पहले, दिल्ली से लगभग 100 किलोमीटर दूर हरियाणा में चरखी दादरी के ऊपर लगभग 40 मिनट तक चक्कर लगाता रहा.

कंपनी के अनुसार, विमान की आवश्यक जांच की जा रही है और एआई143 के यात्रियों के लिए वैकल्पिक प्रबंध किए जा रहे हैं.

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दिल्ली अध्यादेश : विपक्ष की मनमोहन सिंह को व्हील चेयर पर, बशिष्ठ नारायण सिंह को एम्बुलेंस से संसद में लाने की तैयारी

विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' (INDIA) के घटक दल अपने सांसदों को व्हिप जारी करने से लेकर अस्वस्थ नेताओं के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था करने तक, हर वो कदम उठा रहे हैं जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि अगले सप्ताह दिल्ली से संबंधित अध्यादेश के स्थान पर संसद में लाए जाने वाले विधेयक पर चर्चा और मतदान के दौरान सत्तापक्ष को कड़ी चुनौती दी जा सके.

कांग्रेस समेत इस गठबंधन के सभी दलों का यह प्रयास है कि इस विधेयक पर चर्चा और मतदान के दौरान सदन में उनके सदस्यों की 100 फ़ीसदी मौजूदगी रहे.

विपक्षी सूत्रों का कहना है कि उच्च सदन में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र (संशोधन) विधेयक, 2023 पर मतदान हो सकता है. संसद में अगले सप्ताह यह विधेयक लाए जाने की संभावना है.

विपक्ष से जुड़े सूत्रों का कहना है कि राज्यसभा में इस विधेयक के पेश किए जाने के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (90) के व्हीलचेयर पर सदन में आने की संभावना है, जबकि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन (79) भी संसद की कार्यवाही में शामिल हो सकते हैं. मनमोहन सिंह और सोरेन लंबे समय से अस्वस्थ हैं.

सूत्रों ने कहा कि जेडीयू के सांसद 75 वर्षीय बशिष्ठ नारायण सिंह के भी एम्बुलेंस में संसद पहुंचने की संभावना है.

उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली में तबादलों और नियुक्तियों संबंधी मामलों में निर्णय की शक्तियां दिल्ली सरकार को प्रदत्त की थीं और शीर्ष अदालत के इसी आदेश को निरस्त कराने के लिए दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण को लेकर केंद्र द्वारा जारी अध्यादेश की जगह लेने के लिए यह विधेयक लाया जा रहा है.

तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और सदन में पार्टी के नेता डेरेक ओब्रायन और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सदन के नेता पीयूष गोयल से बात की और उनसे यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि सरकार यह विधेयक लाने से पहले सदस्यों को पहले से सूचित कर दे.

उनका कहना था कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2019 में विपक्षी दलों को इस पर अपना रुख तैयार करने का समय दिए बिना लाया गया था.

कांग्रेस और जनता दल (यूनाइटेड) ने पहले ही अपने-अपने सदस्यों को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी कर दिया है.

ओब्रायन और कुछ अन्य विपक्षी नेताओं ने पहले ही राज्यसभा के सभापति को पत्र लिखा है कि अध्यादेश एक गंभीर मुद्दा है और उनसे अनुरोध किया है कि वे उन्हें विधेयक के बारे में पहले से बताएं.



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भारत और ब्रिटेन के बीच इसी साल हो सकता है फ्री ट्रेड एग्रीमेंट: टॉप अधिकारी का दावा

भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौता (FTA) को लेकर लंबे समय से बातचीत चलती आ रही है. इस बीच एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि भारत और ब्रिटेन प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत की प्रक्रिया पूरी करने के बेहद करीब हैं. दोनों देश कुछ मुद्दों पर अपने मतभेदों को दूर करने में लगे हुए हैं.

समाचार एजेंसी 'रॉयटर्स' की रिपोर्ट के मुताबिक, शीर्ष अधिकारी ने कहा कि भारत और ब्रिटेन निवेश संधि, बौद्धिक संपदा अधिकारों और उत्पादों के उद्गम स्थान से संबंधित मतभेदों को दूर करने के लिए लगातार कोशिश में लगे हुए हैं. वाहन व शराब के व्यापार से संबंधित मुद्दों पर काफी हद तक सहमति बन चुकी है.

इस साल पूरी हो जाएगी बात
अधिकारी ने भरोसा जताया कि व्यापार समझौते पर वार्ता इस साल पूरी हो जाएगी. उन्होंने कहा, “हम बातचीत की प्रक्रिया को यथासंभव जल्द पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं और इसके बेहद करीब हैं.” दोनों देशों के बीच एफटीए पर 11वें दौर की बातचीत हाल ही में खत्म हुई है. इस बातचीत में शामिल होने के लिए वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल लंदन गए थे.

26 क्षेत्रों से संबंधित पॉइंट पर हो रही चर्चा
दोनों देश इस वार्ता के दौरान 26 क्षेत्रों से संबंधित बिंदुओं पर चर्चा कर रहे हैं, जिनमें से 19 क्षेत्रों पर वार्ता पूरी हो चुकी है. अधिकारी ने कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकार, निवेश संधि और उत्पादों का उद्गम संबंधी नियम जैसे कुछ बिंदुओं पर चर्चा अभी पूरी नहीं हुई है.

पिछले दीवाली से पहले होनी थी डील
पहले यह समझौता पिछले साल दीपावली से पहला पूरा होना का लक्ष्य रखा गया था. हालांकि, ब्रिटेन में राजनीतिक अस्थिरता के कारण यह टल गया था. इसके बाद एक बार फिर से दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते को लेकर बातचीत शुरू हुई और भारत-ब्रिटेन के अधिकारी सभी पहलुओं को हल करने के लिए बातचीत कर रहे हैं.

ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक ने कही यह बात
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के जरिए 26 मुद्दो पर समझौता करने का प्रयास किया जा रहा है, जिसमें से करीब 14 पर दोनों देशों के बीच सहमति बन चुकी है. ब्रिटेन का प्रतिनिधिमंडल भारत के लगातार दौरे करके इस समझौते को पूरा करने की कोशिश कर रहा है. ऐसे में इस बात की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ गई है कि मार्च 2023 तक इस डील को पूरी कर लिया जाएगा. 

इससे पहले G20 समिट में पहली बार पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक (Rishi Sunak) की मुलाकात हुई है. G20 समिट में ऋषि सुनक ने कहा कि उनकी सरकार सभी देशों से मुक्त व्यापार समझौते के लिए किसी तरह की हड़बड़ी नहीं दिखाएंगी और क्वालिटी के साथ ही इस एग्रीमेंट को पूरा करेगी.

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से भारत को क्या होगा फायदा?
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से भारत के एक्सपोर्ट सेक्टर में ग्रोथ दर्ज की जाएगी. इसके साथ ही देश की लेबर इंसेंटिव सेक्टर जैसे प्रोसेस्ड एग्रो, लेदर, टेक्सटाइल और ज्वेलरी प्रोडक्ट्स जैसे सेक्टर में भी ग्रोथ दर्ज की जाएगी. इससे देश में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे 

ध्यान देने वाली बात ये है FTA एक इंटरनेशनल कानून है, जिसके मुताबिक दो या दो से अधिक देश एक दूसरे के बीच व्यापार को बढ़ाने के लिए इंपोर्ट-एक्सपोर्ट की दिक्कतों को दूर करने की कोशिश करते हैं, जिससे दोनों देशों के बीच ज्यादा से ज्यादा व्यापार को बढ़ावा मिल सके. इसके लिए उनके बीच में फ्री ट्रेड एग्रीमेंट साइन होता है.

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Friday, July 28, 2023

काला नमक चावल के विदेशी भी मुरीद, तीन साल में तीन गुना से अधिक बढ़ा निर्यात

काला नमक चावल का क्रेज विदेशों में भी लगातार बढ़ रहा है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा इसे सिद्धार्थनगर का एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) घोषित करने के साथ इसकी खूबियों की जबरदस्त ब्रांडिग के नाते तीन साल में इसके निर्यात में तीन गुने से अधिक की वृद्धि हुई है.

राज्यसभा में 17 दिसंबर 2021 को दिए गए आंकड़ों के अनुसार 2019/2020 में इसका निर्यात 2 फीसद था. अगले साल यह बढ़कर 4 फीसद हो गया. 2021/2022 में यह 7 फीसद रहा. काला नमक धान को केंद्र में रखकर पिछले दो दशक से काम कर रही गोरखपुर की संस्था पीआरडीएफ (पार्टिसिपेटरी रूरल डेवलपमेंट फाउंडेशन) के चेयरमैन डॉ. आरसी चौधरी के अनुसार, पिछले दो वर्षो के दौरान उनकी संस्था ने सिंगापुर को 55 टन और नेपाल को 10 टन काला नमक चावल का निर्यात किया. इन दोनों देशों से अब भी लगातार मांग आ रही है. इसके अलावा कुछ मात्रा में दुबई और जर्मनी को भी इसका निर्यात हुआ है. पीआरडीएफ के अलावा भी कई संस्थाएं काला नमक चावल के निर्यात में लगी हैं.

उल्लेखनीय है कि स्वाद और पोषण से भरपूर काला नमक धान को भगवान बुद्ध का प्रसाद माना जाता है. सिद्धार्थनगर का ओडीओपी होने के साथ इसे जीआई टैग भी हासिल है. इस सबके नाते यह भविष्य में निर्यात के मामले में बासमती को टक्कर दे सकता है.

एक नजर में काला नमक की खूबियां
काला नमक दुनिया का एक मात्र प्राकृतिक चावल है, जिसमें वीटा कैरोटिन के रूप में विटामिन ए उपलब्ध है. अन्य चावलों की तुलना में इसमें प्रोटीन और जिंक की मात्रा अधिक होती है. जिंक दिमाग के लिए और प्रोटीन हर उम्र में शरीर के विकास के लिए जरूरी होता है. इसका ग्लाईसेमिक इंडेक्स कम (49 से 52%) होता है. इस तरह यह मधुमेह के रोगियों के लिए भी बाकी चावलों की अपेक्षा बेहतर है.



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"महिलाओं के खिलाफ अपराध पर जीरो टॉलरेंस", केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर किया हलफनामा

मणिपुर में दो महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न और हिंसा के मामले को लेकर  केंद्र सरकार ने  सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है. केंद्र ने कहा है कि  महिलाओं के खिलाफ अपराध पर जीरो टॉलरेंस की नीति है. महिलाओं के उत्पीड़न के मामलों को सीबीआई को सौंपने की सिफारिश की गई है. मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है बाकी की तलाश जारी है. भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट से मामले के ट्रायल को मणिपुर से बाहर ट्रांसफर करने की गुहार भी लगाई गई है.

"7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है"

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि मामला सामने आने के बाद से वह लगातार घटनाक्रम पर नजर रख रहा है. इस  मामले में पुलिस ने FIR दर्ज कर जांच के दौरान 7 मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पहचाने गए अपराधियों की गिरफ्तारी के  लिए कई स्थानों पर बड़े पैमाने पर ऑपरेशन के लिए कई पुलिस टीमों का गठन किया गया है. एक एडिशनल एसपी रैंक के अधिकारी को मामले की जांच सौंपी गई है.इसके बाद, मणिपुर सरकार ने 26.07.2023 के पत्र के माध्यम से मामले को आगे की जांच के लिए सीबीआई को सौंपने की सिफारिश की है.अब आगे जांच सीबीआई को ट्रांसफर कर दी जाएगी. 

महिलाओं के खिलाफ किसी भी अपराध के प्रति केंद्र सरकार का रुख जीरो टॉलरेंस का है.केंद्र सरकार मौजूदा अपराध जैसे अपराधों को बेहद जघन्य मानती है.इसे न केवल उस गंभीरता के साथ लिया जाना चाहिए बल्कि न्याय होते हुए भी दिखना चाहिए.ताकि महिलाओं के खिलाफ अपराधों के संबंध में पूरे देश में इसका निवारक प्रभाव हो.

केद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने दाखिल किया हलफनामा

केद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने हलफनामा दाखिल कर कहा है कि  उपचारात्मक उपायों के रूप में,  राज्य सरकार ने अपने आदेश दिनांक 18 मई और 5 जुलाई, 2023 के माध्यम से विभिन्न राहत शिविरों में मानसिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप प्रदान करने के लिए जिला मनोवैज्ञानिक सहायता टीमों का गठन किया है. केंद्र सरकार आवश्यकतानुसार अपने चिकित्सा संस्थानों से विशेषज्ञों की सेवाएँ भी उपलब्ध कराएगी.जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से पीड़िता को कानूनी सहायता भी उपलब्ध करायी गयी है.राज्य सरकार ने पीड़ितों के लिए पुनर्वास उपाय तैयार किए हैं, जिसमें एक प्रशिक्षित पेशेवर  परामर्श  करने वाला भी शामिल है.

ऐसे मामलों की रोकथाम और राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने को सुनिश्चित करने के लिए, केंद्र सरकार ने, मौजूदा कंपनियों के अलावा, 3 मई 2023 से सीएपीएफ की अतिरिक्त कंपनियां उपलब्ध कराई है. स्थानीय पुलिस के अलावा सीएपी की 124 अतिरिक्त कंपनियां और सेना/असम राइफल्स की 185 टुकड़ियां वर्तमान में मणिपुर में तैनात हैं.सुरक्षा सलाहकार की अध्यक्षता में सभी सुरक्षा बलों और नागरिक प्रशासन के प्रतिनिधित्व वाली एक एकीकृत कमान स्थापित की गई है

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दरभंगा में धार्मिक झंडा फहराने पर तनाव, 30 जुलाई तक सोशल मीडिया वेबसाइटों पर लगी पाबंदी

बिहार के दरभंगा में एक धार्मिक ध्वज फहराने को लेकर हुई झड़प के बाद उपजे तनाव के बीच जिले में विभिन्न सोशल मीडिया वेबसाइट पर 30 जुलाई तक पाबंदी लगा दी गई है. राज्य सरकार की ओर से गुरुवार को जारी अधिसूचना में यह जानकारी दी गई. इसमें कहा गया है कि कुछ असामाजिक तत्व जनता के बीच ‘अफवाह और असंतोष' फैलाने के लिए आपत्तिजनक सामग्री साझा करने के लिए इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं, ताकि उन्हें शांति को भंग करने के अलावा जीवन और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए उकसाया जा सके.''

बिहार सरकार के गृह विभाग की ओर से जारी एक परिपत्र में कहा गया है, ''विभाग सभी इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (आईएसपी) को निर्देश देता है कि सोशल नेटवर्किंग साइटों या एप्लिकेशन के माध्यम से किसी भी विषय या सचित्र सामग्री से संबंधित किसी भी व्यक्ति या व्यक्तियों के वर्ग को कोई भी संदेश 27 जुलाई को शाम चार बजे से 30 जुलाई को शाम चार बजे तक दरभंगा जिले में नहीं भेजा जाएगा.''

हालांकि, स्थानीय लोगों ने शिकायत की कि जिले में अन्य वेबसाइटें भी काम नहीं कर रही हैं, जिससे इंटरनेट आधारित आवश्यक सेवाएं प्रभावित हो रही हैं.

पुलिस ने कहा कि रविवार को दरभंगा शहर के बाजार समिति चौक के पास झड़प तब हुई जब कुछ लोगों ने दूसरे समुदाय के पूजा स्थल के करीब धार्मिक ध्वज फहराने पर आपत्ति जताई. उन्होंने बताया कि तनाव बढ़ने पर दोनों समुदायों के सदस्य तब तक पथराव करते रहे जब तक पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने स्थिति पर काबू नहीं पा लिया.

बिहार के पुलिस मुख्यालय के अपर महानिदेशक (एडीजी) जेएस गंगवार ने गुरुवार को पटना में संवाददाताओं से कहा, “दरभंगा में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए क्षेत्र में पर्याप्त बल तैनात किया गया है. जिला पुलिस इलाके में निगरानी कर रही है.'

एडीजी ने आगे कहा कि मुहर्रम को देखते हुए पूरे बिहार में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. मुहर्रम के लिए राज्य रिजर्व पुलिस, सशस्त्र पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती सहित विस्तृत सुरक्षा व्यवस्था की गई है. किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए राज्य में बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस (बीएसएपी) की 24 कंपनियां, 4500 होम गार्ड, 7790 प्रशिक्षु कांस्टेबल और अर्धसैनिक बलों की छह कंपनियां तैनात की गई हैं.



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Thursday, July 27, 2023

सुनामी चक्रवात जैसे डरावने तूफान को भी बेअसर कर सकते हैं ये छोटे पौधे, IFS ऑफिसर ने शेयर किया वीडियो

IFS Officer Shares Amazing Video: कहते हैं कि, जब कभी प्रकृति गुस्से में आती है, तो उसका अलग ही रूप देखने को मिलता है. सुनामी,चक्रवात जैसी आपदाएं जब भी कभी आती है, तो भीषण तबाही के साथ-साथ दिल दहला देने वाली कयामत भी लाती हैं, जो गांव से लेकर शहर तक सब कुछ एक झटके में तबाह करने के लिए काफी हैं. इस तबाही में जहां लाखों करोड़ों रुपयों का नुकसान होता है, वहीं कई जिंदगियां मौत की भेंट चढ़ जाती हैं. यही वजह है कि ऐसी तबाही सालों तक लोगों के जहन में डर बनाये रखती है. यूं तो इन तबाही के पीछे कई कारण हो सकते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि इन तबाही को कंट्रोल करने के लिए भी हमारी प्रकृति के पास कई ऐसी चीजें हैं, जिनसे इन आपदाओं को कुछ हद तक रोका या बेअसर किया जा सकता है.

सोशल मीडिया पर भारतीय वन सेवा के अध‍िकारी परवीन कासवान (IFS Parveen Kaswan) ने एक वीडियो शेयर करते हुए समुद्र के अंदर पाए जाने वाले मैंग्रोव वनों की उपयोग‍िता के बारे में बताया है, जो सुनामी और चक्रवात जैसी आपदाओं को बेअसर कर सकती है. वीडियो को शेयर करते हुए उन्होंने कैप्शन में लिखा है, 'मैंग्रोव प्रकृति के अपने आपदा प्रबंधक हैं. यह समझने के लिए केवल 20 सेकेंड का यह वीडियो देखें, जिसमें दिखाया गया है कि कैसे मैंग्रोव हमें सुनामी, चक्रवातों और तूफानों से बचाते हैं. आज मैंग्रोव्सडे है.'

यहां देखें वीडियो

वीडियो में आप देख सकते हैं कि, कैसे उठती पानी की लहरों (सुनामी) को मैंग्रोव वनों ने बेअसर कर दिया. वीडियो में लहरें आगे बढ़ते हुए शांत भी हो जाती है और आगे देखने पर आपको लहरें एक दम शांत नजर आती हैं. वीडियो को देखकर आप इस बात का बाखूबी अंदाजा लगा सकते हैं कि, कैसे मैंग्रोव वनों की मदद से उठती लहरों को शांत किया जा सकता है. बताया जा रहा है कि, यह वीडियो Dutch research institute Deltares ने तैयार किया है, जिसे खूब देखा और पसंद किया जा रहा है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, समुद्री दल में उगने वाली ये मैंग्रोव झाड़ियां कम ऑक्सीजन की स्थिति में भी जीवित रह सकते हैं. यूं तो खारे पानी में दुनिया के ज्‍यादातर पौधे नष्ट हो जाते हैं, लेकिन इन मैंग्रोव वनों की घनी जड़ें मिट्टी को बांधने और बनाने में मदद करती हैं. यही वजह है कि, ये पानी के प्रवाह को धीमा करने में कारगर हैं. 
 

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कॉमनवेल्थ गेम्स मे राजनांदगांव के जगदीश विश्वकर्मा ने जीता पदक, लोगों ने किया भव्य स्वागत

कॉमनवेल्थ गेम्स मे राजनांदगांव शहर के जगदीश विश्वकर्मा ने भारत्तोलन प्रतियोगिता मे भारत का प्रतिनिधितत्व करते हुए कास्य पदक अपने नाम किया है .जगदीश के इस उपलब्धि पर खेल जगत मे खुशी की लहर बनी हुई है. वहीं उनके नगर आगमन पर भव्य स्वागत किया गया. यूपी के ग्रेटर नोएडा में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में राजनांदगांव शहर के जगदीश विश्वकर्मा ने भारोत्तोलन में भारत का प्रतिनिधित्व कर देश के लिए कांस्य पदक जीता है.  

जगदीश विश्वकर्मा के इस उपलब्धि पर खेल जगत मे खुशी की लहर बनी हुई है. उनके नगर आगमन पर उनका फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया गया. इस मौके पर जमकर पटाखें फोडे़ गए और मिठाई बांटी गई . इस अवसर पर शहर मे रैली भी निकाली गई जहां खिलाड़ी झुमते नाचते चल रहे थे.

जगदीश विश्वकर्मा ने 96 किग्रा वर्ग समूह में 149 किलोग्राम स्नैच व 192 किलोग्राम क्लीन जर्क कुल 341 किलोग्राम वजन उठाकर कांस्य पदक अपने नाम किया है. 11 से 16 जुलाई तक यू पी के ग्रेटर  नोयडा  मे चलने वाली इस कामनवेल्थ गेम्स मे विश्व के 20 देश के खिलाडी शामिल हुए थे. छत्तीसगढ भारोत्तोलन संघ  एशोसिएशन के वाईस प्रेसीडेन्ट अजय श्रीवास्तव ने बताया कि जगदीश विश्वकर्मा जय भवानी व्यायाम शाला के वेटलिफ्टिंग खिलाड़ी है. उन्होने 2011 मे साऊथ आफ्रिका मे आयोजित यूथ कॉमनवेल्थ गेम्स मे गोल्ड मेडल जीता था. इस बार उन्होने कॉमनवेल्थ गेम्स के सीनियर वर्ग मे कास्य पदक जीत कर जिले को गौरवान्तित किया है .

अजय श्रीवास्तव वाईस प्रेसीडेन्ट छग भारोतोलन संघ एशोसिएशन ने कहा है कि वेटलिफ्टर जगदीश विश्वकर्मा विश्व चैम्पीयन शीप मे गोल्ड मेडल,जीतने की इच्छा रखते हैं . उन्होने इस प्रतियोगिता मे भी गोल्ड मेडल के लिए स्पर्धा मे संघर्ष किया था लेकिन उन्हे कास्य पदक मे संतोष करना पड़ा है. लेकिन उन्हें सफलता जरूर मिलेगी. जगदीश विश्वकर्मा ने राष्ट्रीय स्कूल भारोत्तोलन स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता था. इसी के आधार पर आर्मी स्पोर्ट्स एकेडमी में  उनका चयन हुआ था. तभी से वह आर्मी के लिए मेडल जीत रहे है. लोगों ने जगदीश की इस उपलब्धि की सराहना की है.

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VIDEO: अंतिम संस्कार के लिए बाढ़ से भी संघर्ष, सीने तक पानी में निकाली बुजुर्ग की अर्थी

बाढ़ से तबाह हुए तेलंगाना के एक गांव में कम से कम 25 लोगों ने यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल दी कि एक 75 वर्षीय व्यक्ति को सम्मानजनक अंतिम विदाई मिले.

एक वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें लोगों का एक समूह शव को उठाए हुए बाढ़ ग्रस्त नहर में तेजी से बहते पानी के बीच से गुजरते हुए श्मशान घाट को जाते हुए दिखाई दे रहा है. कुछ स्थानों पर करीब छाती तक पानी होने के कारण लोग सावधानी से कदम बढ़ाते हुए और एक-दूसरे का हौसला बढ़ाते हुए दिखाई देते हैं. वे सभी लोग तेज धार में बह न जाएं, इसके लिए पूरी एहतियात बरतते हुए दिखाई दे रहे हैं.

यह घटना तेलंगाना के सिद्दीपेट जिले के वेचरानी गांव में हुई. यहां पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण गांव के श्मशान घाट के रास्ते में पानी भर गया है.

गांव में मंगलवार को बसवराज बलैया की मृत्यु हो गई. उनके परिवार के सदस्यों ने प्रारंभिक अनुष्ठान किया और फिर अन्य ग्रामीणों के साथ उनके शव को ले जाने के लिए नहर में उतरे. वीडियो में दिख रहा है कि शवयात्रा में शामिल लोगों का एक समूह सबसे आगे चल रहा है. दूसरा समूह शव के साथ पहले समूह का अनुसरण करते हुए उसके पीछे चल रहा है. इसके बाद तीसरा समूह दूसरे समूह के पीछे चल रहा है. यह समूह एक शोकाकुल महिला को ढाढस बंधाते हुए चल रहा है.

शवयात्रा जब तट के पास पहुंचने को होती है तब इसमें शामिल लोगों की कठिनाई बढ़ जाती है. वीडियो के अंतिम 60 सेकंड में हृदय-विदारक क्षण सामने आते हैं, जब लोग बमुश्किल कुछ फीट की दूरी पर गहरे पानी में डगमगाने लगते हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि श्मशान घाट की ओर जाने वाले रास्ते पर पक्की सड़क बनाने का प्रस्ताव था. वहां नहर का ओवरफ्लो होने से नियमित रूप से पानी भरा रहता है. उन्होंने दावा किया कि निविदाएं जारी कर दी गई हैं और 1.8 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं, लेकिन गांव अभी भी पक्की सड़क का इंतजार कर रहा है.



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बिहार : विद्यालय में विद्यार्थियों के सामने शिक्षक और शिक्षिका के बीच जूतम-पैजार

गोपालगंज का एक विद्यालय लड़ाई का अखाड़ा बन गया. स्कूल में  छात्रों-छात्राओं के सामने एक शिक्षिका और एक शिक्षक के बीच जूतम-पैजार हो गई. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

बिहार के शिक्षा अपर मुख्यसचिव केके पाठक के पदभार संभालते ही उनका शिक्षा मंत्री डॉ चंद्रशेखर से आमना-सामना हुआ तो कई दिनों तक न्यूज सुर्खियों में रही थी. केके पाठक ने शिक्षा के स्तर में सुधार करने के लिए कई आदेश जारी किए. फिर भी कई शिक्षक हैं जो अपना स्तर सुधार नहीं पा रहे हैं. इसका जीता जागता प्रमाण गोपालगंज जिले के विजयीपुर प्रखंड के अहियापुर मध्य विद्यालय में देखने को मिला. चार दिन पहले यह स्कूल लड़ाई का आखड़ा बन गया था. ऐसी स्थिति में शिक्षा के स्तर में सुधार होने की बातें करने वाले शिक्षक कैसे सुधरेंगे?

गत 21 जुलाई को अहियापुर मध्य विद्यालय में स्कूली बच्चे और बच्चियां अपनी पढ़ाई कर रहे थे. इसी बीच एक शिक्षिका रीता बैठा बरामदे में कुर्सी पर बैठी हुई थी. शिक्षक अमरेंद्र तिवारी मोबाइल पर बातचीत करते हुए शिक्षिका के पास पहुंचे. उन दोनों में पढ़ाई को लेकर तू तू - मैं मैं होने लगी. एक अन्य शिक्षक ने अमरेंद्र तिवारी को वहां से हटाया. 

इसके बाद अमरेंद्र तिवारी फिर से शिक्षिका के पास पहुंच गए और मारने की बाते कहने लगे. इस पर शिक्षिका ने अपनी चप्पल उतारी और शिक्षक पर हमला कर दिया. शिक्षक ने भी शिक्षिका को थप्पड़ जड़ दिए. 

यह घटना स्कूल में पढ़ रहे बच्चे-बच्चियों की मौजूदगी में हुई. किसी ने इस घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा कर दिया. यह वीडियो तेजी से वायरल हो गया.  यह वायरल वीडियो 2 मिनट 47 सेकंड का है.

विजयीपुर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ओमप्रकाश यादव ने वायरल वीडियो का संज्ञान लिया और कल विद्यालय में पहुंचे. उन्होंने इस प्रकरण की जांच की. उनका कहना है कि दो शिक्षकों के बीच झगड़े का मामला है. दोनों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. जो दोषी पाया जाएगा उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी.

ओम प्रकाश यादव ने कहा कि, एक शिक्षिका और एक शिक्षक के बीच लड़ाई का मामला एक वायरल वीडियो में सामने आया है. यह मामला विजयीपुर प्रखंड के अहियापुर मध्य विद्यालय का है. इसमें जो भी दोषी करार दिया जाएगा उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.



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Wednesday, July 26, 2023

आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए मिलकर काम कर सकता है ब्रिक्स: डोभाल

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने चीन पर तीखा प्रहार करते हुए मंगलवार को कहा कि ब्रिक्स समूह आतंकवादी और छद्म रूप से उनके लिए काम करने वाले लोगों पर संयुक्त राष्ट्र के तहत प्रतिबंध लगाने पर मिलकर काम कर सकता है. उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया राजनीति तथा दोहरे मानदंडों से मुक्त होनी चाहिए.

डोभाल ने ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में यह टिप्पणियां की, जहां चीन का प्रतिनिधित्व सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य और सीपीसी के विदेश मामलों के आयोग के कार्यालय के निदेशक वांग यी ने किया.

वांग को मंगलवार को फिर से चीन का विदेश मंत्री नियुक्त किया गया है. चीन लश्कर-ए-तैयबा तथा पाकिस्तान के अन्य नागरिकों को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्तावों पर बार-बार रोड़ा अटकाता रहा है.

डोभाल ने कहा कि आतंकवादियों तथा छद्म रूप से उनके लिए काम कर रहे लोगों को संयुक्त राष्ट्र के आंतकवाद रोधी प्रतिबंधों के दायरे में लाना ऐसा क्षेत्र है, जहां ब्रिक्स देश मिलकर काम कर सकते हैं. ब्रिक्स समूह में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका हैं.
 



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पीएम नरेंद्र मोदी के 7 जुलाई 2023 काशी प्रवास पर जिले के प्रख्यात चिकित्सों ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के 7 जुलाई 2023 काशी प्रवास पर बरेका गेस्ट हाउस पहुंचने पर काशी के प्रबुद्धजनों, जिसमें महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की चीफ़ प्रोक्टर के साथ ज़िले के प्रख्यात चिकित्सों ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया. स्वागत करने वाले चिकित्सकों में शामिल डॉ. हर्ष राय ने बताया कि उन्हें “ प्रधानमंत्री  से मिलकर बहुत प्रसन्नता हुई. प्रधानमंत्री के आगमन का तेज़ आज भी उतना ही महसूस होता जितना उस समय था. पीएम नरेंद्र मोदी पर सभी भारतीयों को गर्व है. पीएम से मिलना एक सपना है.

उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  के नेतृत्व में देश तीव्र गति से प्रगति की ओर अग्रसर है. एक सांसद के रूप में उन्होंने उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी वाराणसी का जो कायाकल्प साथ ही साथ धार्मिक धरोहरों को संजोने का काम उनको विकसित करने का कार्य वो अविस्मरणीय है, 

उन्होंने इस बहुमूल्य अवसर प्रदान करने लिए भाजपा, वाराणसी महानगर अध्यक्ष श्री विद्यासागर राय जी एवं महामंत्री, वाराणसी महानगर श्री नवीन कपूर जी, प्रदेश महामंत्री, भजायुमो श्री हर्षवर्धन सिंह जी, पार्टी नेतृत्व को धन्यवाद एवं आभार भाव प्रकट किया।
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को कुल 12,148 करोड़ के 29 परियोजनाओं की सौगात दीं. इसमें 1800 करोड़ के योजनाओं का शिलान्यास और करीब 10,000 करोड़ के योजनाओं का लोकार्पण हुआ. इन योजनाओं में मणिकर्णिका घाट का कायाकल्प, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, तीन रेलवे ओवरब्रिज, बीएचयू में बना 10 मंजिला अंतर्राष्ट्रीय छात्रावास सहित 96 सड़कों की मरम्मत और उनके निर्माण कार्य जनता को समर्पित होगा.



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सरकार को मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा से डर नहीं, जनता का खौफ करे विपक्ष: गृहमंत्री अमित शाह

 केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में पिछले कुछ दिनों से जारी गतिरोध के बीच मंगलवार को विपक्षी दलों का एक बार फिर से आह्वान किया कि वे मणिपुर जैसे संवेदनशील विषय' पर चर्चा करें क्योंकि ‘देश के लोग उन्हें देख रहे हैं और वे जनता का खौफ करें.' शाह ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को पत्र लिखकर यह भी कहा कि वे मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा में ‘अमूल्य सहयोग' दें.

गृह एवं सहकारिता मंत्री ने निचले सदन में बहु राज्य सहकारी समितियां संशोधन विधेयक 2022 पर हुई संक्षिप्त चर्चा का जवाब देते हुए मणिपुर के विषय का उल्लेख किया और बताया कि उन्होंने इस संदर्भ में लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के दोनों नेताओं को पत्र लिखा है. शाह ने यह भी कहा कि सरकार को मणिपुर पर चर्चा से कोई डर नहीं है और उसे कुछ छिपाना भी नहीं है.

उन्होंने विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच कहा, ‘‘मैंने आज दोनों सदन के विपक्ष के नेता को पत्र लिखा है कि कितनी भी लंबी चर्चा के लिए मैं तैयार हूं. सरकार को कोई डर नहीं है, जिसको चर्चा करनी है वो चर्चा करने आए. हमें कुछ छिपाना नहीं है.'' गृह मंत्री ने विपक्षी सदस्यों के लिए कहा, ‘‘जनता आपको देख रही है, चुनाव में जाना है. जनता के खौफ को ध्यान में रखें. आपसे विनती है कि मणिपुर जैसे संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा के लिए सदन में उचित माहौल बनाइए.''

खरगे और चौधरी को लिखे पत्रों में शाह ने कहा कि सरकार मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है और उन्होंने सभी से पार्टी की विचारधारा से ऊपर उठकर सहयोग करने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि सभी दल इस महत्वपूर्ण मुद्दे को हल करने में सहयोग करेंगे.'' मणिपुर के मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को भी लोकसभा में कहा था कि सरकार इस बेहद संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा को तैयार है और विपक्ष से आग्रह है कि वे चर्चा होने दें और सच्चाई सामने आने दें.

कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (इंडिया) के अन्य घटक दल मानसून सत्र के पहले दिन से ही मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संसद में वक्तव्य देने और चर्चा की मांग कर रहे हैं. इस मुद्दे पर हंगामे के कारण संसद के मानसून सत्र के पहले चार दिन दोनों सदनों की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई. मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने का वीडियो गत बुधवार, 19 जुलाई, को सामने आने के बाद राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया. अधिकारियों ने बताया कि यह वीडियो चार मई का है.

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की बहुसंख्यक मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.

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Tuesday, July 25, 2023

औद्योगिक लाइसेंस की वैधता तीन साल से बढ़ाकर 15 साल की गई

सरकार ने सोमवार को कहा कि आईडीआर अधिनियम के तहत जारी किए गए सभी औद्योगिक लाइसेंस तीन साल के बजाय 15 वर्ष के लिए वैध होंगे. उद्योगों को लाइसेंस जारी करने के प्रावधान उद्योग विकास एवं नियमन (आईडीआर) अधिनियम के तहत किए गए हैं.

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने बयान में कहा कि पहले जारी सभी प्रेस नोट को निरस्त करते हुए औद्योगिक लाइसेंस की वैधता को तीन साल से बढ़ाकर 15 साल किया जा रहा है. यह कदम कारोबारी सुगमता बढ़ाने को रक्षा क्षेत्र के लिए जारी लाइसेंस की तर्ज पर उठाया जा रहा है.

विभाग ने औद्योगिक लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को मजबूत बनाते हुए कहा कि संबंधित मंत्रालय निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुरूप तीन साल के लिए लाइसेंस अवधि बढ़ा सकता है. यह प्रावधान तभी लागू होगा जब लाइसेंसधारक ने 15 साल की अवधि में उत्पादन शुरू न किया हो.

डीपीआईआईटी के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, 15 साल की अवधि खत्म होने के पहले ही लाइसेंस की अवधि बढ़ाने के लिए आवेदन संबंधित क्षेत्र के प्रशासनिक मंत्रालय के समक्ष करना होगा.

हालांकि, यह आवेदन करते समय कुछ तय शर्तों का भी पालन करना जरूरी है. इनमें उस भूखंड का स्वामित्व या पट्टा कम-से-कम 30 वर्षों से आवेदक के पास हो, परियोजना का निर्माण कार्य पूरा हो और संयंत्र एवं मशीनें लगाने का काम पूरा हो चुका हो, जैसी शर्तें शामिल हैं.



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स्वीडन की जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को जुर्माने के कुछ घंटों बाद विरोध प्रदर्शन स्थल से हटाया गया

स्वीडन की पुलिस ने सोमवार को जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को एक विरोध प्रदर्शन स्थल से हटा दिया. कुछ घंटे पहले ही एक अदालत ने पिछले महीने एक रैली के दौरान कानून का पालन नहीं करने के लिए उन पर जुर्माना लगाया था. जलवायु परिवर्तन को लेकर लड़ने के लिए आंदोलन का एक प्रमुख चेहरा बनी 20 वर्षीय इस कार्यकर्ता पर यातायात में बाधा डालने और बंदरगाह शहर माल्मो में विरोध प्रदर्शन को छोड़ने से इनकार करने का आरोप लगाया गया था.

एएफपी के एक फोटोग्राफर ने बताया कि अपने खिलाफ लगे आरोप के बारे में पूछे जाने पर थनबर्ग ने अदालत से कहा, "यह सही है कि मैं उस दिन उस स्थान पर थी, और यह भी सही है कि मुझे एक आदेश मिला, जिसे मैंने नहीं सुना, लेकिन मैं अपराध से इनकार करती हूं."

थनबर्ग ने कहा कि उन्होंने 'जलवायु संकट' के कारण उत्पन्न हुई स्थिति को लेकर जो आवश्यकता है, वो कदम उठाया है.

पर्यावरण कार्यकर्ता समूह रिक्लेम द फ़्यूचर द्वारा आयोजित इस रैली में जीवाश्म ईंधन के उपयोग के विरोध में माल्मो बंदरगाह के प्रवेश और निकास द्वार को अवरुद्ध करने का प्रयास किया गया.

मुकदमे के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "मेरे अनुसार हम जलवायु परिवर्तन की आपात स्थिति में हैं और इसके कारण मेरा ये प्रदर्शन करना सही है."

कोर्ट में सुनवाई के बाद, अदालत ने ग्रेटा को दोषी पाया और 1,500 क्रोनर ($144) तथा अपराध के पीड़ितों के लिए स्वीडिश फंड में अतिरिक्त 1,000 क्रोनर का जुर्माना लगाया.

ग्रेटा थनबर्ग को जिस अपराध के लिए दोषी ठहराया गया था, उसमें अधिकतम छह महीने की जेल की सजा हो सकती थी. लेकिन आमतौर पर, इस तरह के आरोपों पर जुर्माना लगाया जाता है.

यह पूछे जाने पर कि क्या जुर्माने लगाए जाने के बाद वह भविष्य में अधिक सावधानी बरतेंगी, थनबर्ग ने कहा कि वे "निश्चित रूप से पीछे नहीं हटने वाले हैं."

उन्होंने कहा, "हम जानते हैं किनियमों से खेलकर दुनिया को नहीं बचा सकते, क्योंकि कानून को बदलने की जरूरत है. यह बेतुका है कि जो लोग विज्ञान के अनुरूप काम कर रहे हैं, जो जीवाश्म ईंधन उद्योग को अवरुद्ध कर रहे हैं, उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है."

जुर्माना लगने के कुछ घंटों बाद ही थनबर्ग विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गईं, जिसके कारण उन पर जुर्माना लगाया गया. माल्मो बंदरगाह की ओर जाने वाली सड़क पर बैठकर उन्होंने यातायात अवरुद्ध कर दिया.

बंदरगाह पर लगभग एक घंटे के बाद, थनबर्ग और पांच अन्य को पुलिस ने जबरन हटा दिया. पुलिस ने एक बयान में कहा, "छह लोगों को घटनास्थल से हटाया गया. पुलिस के आदेशों की अवहेलना के लिए उनके खिलाफ रिपोर्ट की जाएगी, उसी अपराध के लिए थनबर्ग पर अभी जुर्माना लगाया गया था."

15 साल की उम्र में स्टॉकहोम में स्वीडन की संसद के सामने 'जलवायु के लिए हड़ताल' करने के बाद ग्रेटा थनबर्ग को दुनिया में प्रसिद्धि मिली थी.



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संसद के अंदर-बाहर हंगामा, संजय सिंह के लिए पूरी रात तक धरने पर रहेंगे विपक्षी सांसद

  1. मणिपुर मुद्दे पर सदन में विपक्ष के विरोध के दौरान राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने AAP सांसद संजय सिंह को मॉनसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया.
  2. विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (I.N.D.I.A.) के घटक दलों के नेता सोमवार को संसद परिसर में धरने पर बैठ गए. ‘इंडिया' के घटक दलों का कहना है कि उनके नेताओं का यह धरना पूरी रात चलेगा. यह मणिपुर के विषय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग और आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह के निलंबन के खिलाफ किया जा रहा है.
  3. पूरे मॉनसून सत्र के लिए आप सांसद संजय सिंह को राज्यसभा से निलंबित करने के बाद इस मसले पर विपक्षी दलों के सांसद लामबंद हो गए हैं. विपक्षी दलों के के सांसद संजय सिंह को निलंबित करने के खिलाफ राज्यसभा के सभापति से मिलने पहुंचे. 
  4. संजय सिंह को राज्यसभा से निलंबित किए जाने के कुछ घंटे बाद जगदीप धनखड़ ने कहा कि शिष्टाचार और अनुशासन को लागू करने के लिए कभी-कभी कड़े कदम उठाना जरूरी हो जाता है. हमें कभी भी संकोच नहीं करना चाहिए, क्योंकि शिष्टाचार और अनुशासन हमारे विकास, प्रतिष्ठा और समृद्धि से जुड़े हुए हैं.
  5. दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अगर संजय सिंह जनता के हित सच की आवाज उठाते हुए सस्पेंड हुए हैं, तो हमें कोई दुख नहीं है. इस माले में आगे क्या कर्रवाई होगी इस बात को संयज सिंह देखेंगे. आम आदमी पार्टी लीगल विंग के लोग इस मसले को आगे बढ़ाएंगे. 
  6. इस बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा- 'मैं सदन में मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हूं. मुझे नहीं पता कि वो (विपक्ष) यह चर्चा क्यों नहीं होने दे रहे. मेरा आग्रह है कि विपक्ष चर्चा होने दे, ताकि इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर देश के सामने सच्चाई पहुंचे.'
  7. संसद में प्रधानमंत्री मोदी ने सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की. पीएम ऑफिस में हुई मीटिंग में गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल, खेल मंत्री अनुराग ठाकुर बैठक में मौजूद रहे.
  8. विपक्षी दलों के हंगामे और नारेबाजी के बीच सरकार ने लोकसभा में तीन विधेयक - राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक 2023, राष्ट्रीय नर्सिंग और प्रसूतिविद्या आयोग विधेयक 2023 और संविधान (अनुसूचित जातियां) आदेश (संशोधन) विधेयक 2023 पेश कर दिए. साथ ही सरकार ने सदन की सहमति से लोकसभा में डीएनए प्रौद्योगिकी (प्रयोग और लागू होना) विनियमन विधेयक, 2019 को वापस ले लिया है.
  9. सूत्रों के मुताबिक, सरकार संसद में अपने जवाब को केवल मणिपुर तक सीमित रखेगी. विपक्षी राज्यों में हो रही हिंसा का जिक्र नहीं होगा. हालांकि, सरकार को लगता है कि विपक्ष अपनी मांग से पीछे नहीं हटेगा. इसीलिए सरकार अब अपने विधायी कार्य को निपटाने पर ज़ोर देगी. 
  10. मंगलवार को संसद में कार्यवाही की शुरुआत से पहले I.N.D.I.A. गठबंधन से जु़ड़े सांसद मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात करेंगे. इस दौरान विपक्षी नेता अपनी अगली रणनीति पर चर्चा करेंगे. मंगलवार को मल्लिकार्जुन खरगे के चैंबर में होने वाली इस बैठक में AAP सांसद संजय सिंह के निलंबन पर भी चर्चा होनी है. 


 



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अजित पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे और वह इससे अवगत हैं: फडणवीस

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेन्द्र फडणवीस ने कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण के इस दावे को सोमवार को खारिज किया कि अगस्त में एकनाथ शिंदे की जगह अजित पवार को मुख्यमंत्री नियुक्त किया जाएगा. फडणवीस ने कहा कि अजित पवार इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि वह मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे और दो जुलाई से पहले हुई बैठकों के दौरान उन्हें यह बात बता दी गई थी, तब अजित पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) गुट को महाराष्ट्र सरकार में शामिल किया गया था. 

राकांपा के वरिष्ठ और राज्य के उपमुख्यमंत्री पवार को 10 अगस्त के आसपास मुख्यमंत्री नियुक्त किए जाने के चव्हाण के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए फडणवीस ने कहा कि 10 अगस्त तक कैबिनेट का विस्तार किया जा सकता है और इससे ज्यादा कुछ नहीं. 

फडणवीस ने विधान भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, ''महायुति (महागठबंधन) में सबसे बड़ी पार्टी के नेता के तौर पर, मैं आपको आधिकारिक तौर पर बता रहा हूं कि अजित पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे.''

उन्होंने जोर देकर कहा कि एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने रहेंगे और इस बाबत कोई बदलाव नहीं होगा. 

फडणवीस ने यह भी दावा किया कि सत्ता-बंटवारे के फॉर्मूले के बारे में अजित पवार को स्पष्ट तौर पर बता दिया गया था और वह इस पर सहमत हुए थे. 

उन्होंने कहा, ''वह (अजित) न केवल इस पर सहमत हुए बल्कि अपने भाषण में यह भी स्पष्ट कर दिया कि महाराष्ट्र में नेतृत्व बदलने पर कोई चर्चा नहीं हुई है.''

फडणवीस ने चव्हाण पर अफवाहें फैलाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “उन्हें 'महायुति' के बारे में लोगों को भ्रमित करना बंद करना चाहिए. नेता तो भ्रमित नहीं होते लेकिन पार्टी कार्यकर्ता जरूर भ्रमित हो जाते हैं. पृथ्वीराज चव्हाण जैसे लोग अफवाह फैला रहे हैं. 10 अगस्त तक अगर कुछ होने वाला है तो वह होगा राज्य मंत्रिपरिषद का विस्तार. मुख्यमंत्री इस पर फैसला लेंगे.”

अजित पवार और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के आठ विधायक दो जुलाई को शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हो गए थे. 

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Monday, July 24, 2023

Sawan Somwar: तीसरे सावन सोमवार के दिन भोग में चढ़ाएं ये खास चीजें, मान्यतानुसार भोलेनाथ होंगे प्रसन्न

Sawan Somwar 2023: सावन के महीने को बेहद पवित्र माना जाता है. इस माह पूजा-पाठ और व्रत आदि का विशेष महत्व होता है. भक्त सावन में पड़ने वाले सोमवार के दिन विशेषकर व्रत रखते हैं. धार्मिक मान्यतानुसार सावन सोमवार का व्रत रखने पर अच्छे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है, वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है और भोलेनाथ (Lord Shiva) सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं. इस बार सावन का तीसरा सोमवार 24 जुलाई के दिन पड़ रहा है. इस दिन भक्त पूरे श्रद्धाभाव से भोलेनाथ की पूजा संपन्न करते हैं. यहां जानिए भोग (Bhog) में किन पकवानों को और खाने की चीजों को भोलेनाथ के समक्ष अर्पित किया जा सकता है. मान्यतानुसार भोग में इन चीजों को चढ़ाने पर भोलेनाथ प्रसन्न हो सकते हैं. 

सावन सोमवार का भोग | Sawan Somwar Bhog 

माना जाता है कि भगवान शिव को एक लोटा जल चढ़ाना भी पर्याप्त होता है अपितु सावन सोमवार के दिन भक्त और भी चीजें भोलेनाथ को चढ़ाना उचित समझते हैं. इस भोग से महादेव प्रसन्न हो सकते हैं और भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि लाकर उनके कष्टों को दूर करते हैं. 

ऋतुफल  

जो मौसम चल रहा है उसमें मिलने वाले कोई भी 5 फल भगवान शिव को चढ़ाए जा सकते हैं. ऋतुफल को भोलेनाथ को अर्पित करने के साथ ही गरीबों को भी दिया जा सकता है. माना जाता है कि इस भोग से भोलेनाथ का मन प्रसन्न होता है. 

ठंडाई 

शिवरात्रि (Shivratri) के दिन खासतौर से ठंडाई बनाई जाती है और इसे सभी में बांटते हैं. सावन सोमवार के दिन भी ठंडाई को भोग में शामिल किया जा सकता है और प्रसाद स्वरूप इसका वितरण भी हो सकता है. ठंडाई बनाते हुए इसमें दूध और सूखेमेवे में उपयोग होता है और इसे आरोग्य का वरदान दिलाने वाला भोग व प्रसाद माना जाता है. 

खीर 

सावन सोमवार में सफेद भोग का भी विशेष महत्व है. माना जाता है कि सफेद रंग के पकवान महादेव के प्रिय होते हैं. ऐसे में खीर को सावन में पूजा के पश्चात भोग में भोलेनाथ को अर्पित किया जा सकता है. कहते हैं कि खीर (Kheer) को भोग में चढ़ाने पर चंद्र दोष से मुक्ति मिलती है. 

हलवा 

शिव पूजा में सूजी, मेवे और देसी घी से बने हलवे को भोग में चढ़ाया जा सकता है. हलवा भी महादेव का मनपंसदीदा भोग माना जाता है. कहा जाता है कि महादेव को हलवे का भोग लगाने पर घर में खुशहाली आती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

एक बार फिर दुल्हन बनीं आलिया और दूल्हा बने रणवीर सिंह



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17 वर्षीय भारतीय छात्र ने शिक्षा के क्षेत्र में किया Innovation, NDTV को बताया कैसे किया यह?

17 वर्षीय भारतीय छात्र अगस्त्या सिन्हा को अपने शिक्षण कार्यक्रमों के लिए वैश्विक मान्यता मिली है. अगस्त्या ने क्लाउड कैनवस प्लेटफॉर्म (Cloud Canvas platform) लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य छात्रों के विज्ञान सीखने के तरीके को बदलना है. अगस्त्या को प्रतिष्ठित डायनर (Diner) अवार्ड जैसी वैश्विक मान्यता मिली है और उनके काम को शीर्ष 100 वैश्विक शिक्षा नवाचारों (innovations) में शॉर्टलिस्ट किया गया है. उनके प्लेटफ़ॉर्म क्लाउड कैनवास का आज सात देशों में 14,000 से अधिक लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है.

खुद पढ़ने में होती थी दिक्कत
अगस्त्या सिन्हा ने NDTV से इस सफलता पर बात की. अगस्त्या सिन्हा ने कहा कि मैंने इस धरती पर अपने 17 साल के छोटे से अनुभव को पूरी तरह से विज्ञान सीखने के लिए समर्पित कर दिया. यह सब कुछ साल पहले शुरू हुआ, जब मैं खुद वास्तव में अपनी सीखने की चुनौतियों से जूझ रहा था. मैंने अपनी पूरी कोशिश की. मैं किसी भी चीज़ और हर चीज़ में घंटों और घंटों और घंटों का प्रयास करता हूं, लेकिन किसी कारण से मैं सफलता नहीं मिल रही थी और इससे भी अधिक, शिक्षा और सीखना मेरे लिए कोई संतुष्टिदायक अनुभव नहीं था. खास बात यह है कि यह सब मेरे माता-पिता, मेरे स्कूल से मिले अत्यधिक समर्थन के बावजूद था. किसी कारण से, मेरी सीखने की यात्रा में कुछ कमी थी, जिसके कारण मैं पिछड़ गया.

सीखना सबसे जरूरी
अगस्त्या ने कहा कि यही कारण है कि 2.5 या इतने वर्ष पहले, मैंने यह जानने की कोशिश में अपनी यात्रा शुरू की थी कि मैं यथासंभव सबसे कुशल और प्रभावी शिक्षार्थी बनने के लिए क्या कर सकता हूं और इसीलिए मैंने क्लाउड कैनवस नामक एक शिक्षण मंच और लर्न टू लर्न (learn to learn) नामक एक शिक्षण पाठ्यक्रम बनाया ताकि आप यथासंभव सबसे कुशल और प्रभावी शिक्षार्थी बन सकें. यह वास्तव में अन्य पारंपरिक मॉड्यूल से कैसे अलग है के बारे में बताते हुए अगस्त्या सिन्हा ने कहा कि मुझे लगता है कि सबसे जरूरी चीज जो हमें गहराई से समझने से पहले समझनी होगी, वह है वास्तव में सीखना.

कैसे पढ़ें
अगस्त्या ने कहा कि इसलिए इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप क्या करते हैं, चाहे आप गणितज्ञ(mathematician), भौतिक विज्ञानी (physicist), रसायनज्ञ (chemist)या दार्शनिक (philosopher) बनना चाहते हों. जीवन में प्रत्येक प्रयास के केंद्र में सीखने का कार्य है. तो अब जब हम जानते हैं कि सीखना हमारे जीवन के सभी पहलुओं में एक अभिन्न तत्व है, तो कोई भी वास्तव में हमारे पास बैठकर यह नहीं कहता है, अरे, आपको वास्तव में इस तरह सीखना चाहिए? यह पूरी विचार प्रक्रिया है, जो इस पाठ्यक्रम को बनाने की दिशा में चली गई ताकि मैं आपको पढ़ा सकूं और उन सभी संसाधनों को जुटा सकूं, जिनका उपयोग मैंने आपको यह बताने के लिए किया है कि कैसे सबसे कुशल और प्रभावी शिक्षार्थी संभव हो.

क्या बनाया है
अगस्त्या सिन्हा ने अपने पाठ्यक्रमों के बारे में बताते हुए कहा कि मैंने पाया कि अंतरिक्ष पुनरावृत्ति (space repetition), एमईएनए, अनुभूति और गहरी एकाग्रता जैसी छोटी चीजें सीखने की तकनीकों को हमारे पारंपरिक पाठ्यक्रमों में बहुत कम ही लिया गया है. कोई भी वास्तव में इस कुशल शिक्षार्थी होने की प्रक्रिया पर जोर नहीं देता है. सबसे महत्वपूर्ण बात जो मुझे मिली वह यह है कि आप सिद्धांत (theory) और अनुप्रयोग (application) को कैसे जोड़ सकते हैं? क्योंकि एक छात्र के रूप में मेरे व्यक्तिगत अनुभव से, 1 से 12 कक्षा तक के छात्र के रूप में, यदि आप हमें सिद्धांत का एक टुकड़ा सौंपते हैं, तो यह बहुत अच्छा है, लेकिन आप वास्तव में इसे कैसे लागू करते हैं? तो यह मेरे पाठ्यक्रम का मुख्य बिंदु है. मैं आपको एक सिद्धांत प्रस्तुत करता हूं कि एक अवधारणा क्यों काम करती है जो दुनिया भर में सिद्ध है और, अधिक महत्वपूर्ण बात, एक अनुप्रयोग है.

आगे क्या करेंगे
अगस्त्या ने कहा कि मैं बहुत भाग्यशाली रहा हूं कि मुझे एन 50 द्वारा अनगिनत संगठनों ने स्वीकार किया, जो अमेरिका में एक वैश्विक सामूहिक संगठन है. मुझे वैश्विक एडोब शिक्षा शिखर सम्मेलन में बोलने का मौका मिला और मुझे डायन पुरस्कार मिला और 100 नामक फिनिश (Finnish) संगठन द्वारा पाठ में शीर्ष 100 के रूप में चुना गया. इसलिए सबसे महत्वपूर्ण बात जो मुझे मिली वह यह है, हालांकि मेरे मंच पर 14,000 उपयोगकर्ता हैं. मैं वास्तव में भारत के सीखने के तरीके को कैसे बदल सकता हूं? मैं यह कैसे सुनिश्चित कर सकता हूं कि पूरे भारत में प्रत्येक छात्र, चाहे आप उत्तर भारत में हों या दक्षिण भारत में, इन शिक्षण तकनीकों तक पहुंच हो, जिन्हें पारंपरिक रूप से नहीं छुआ जाता है? यही आगे आने वाले सालों में करने की कोशिश है.



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सीमा हैदर की तर्ज पर पाकिस्तान पहुंची भारत की अंजू, पति को फोन कर कहा- 'सहेली' से मिलने आई हूं लाहौर

जिस तरह पाकिस्तान से सीमा हैदर भारत में अपने प्रेमी के पास आ गई और शादी करके रहने लगी उसी तरह राजस्थान के भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाली एक महिला अपने दो बच्चों को छोड़कर लाहौर पहुंच गई. बताया जा रहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक के जरिए पाकिस्तान के एक नसरुल्ला नाम के युवक से उसके दोस्ती हुई और वह अपने दो बच्चों और पति को छोड़कर लाहौर पहुंच गई. 

उसने पति को फोन करके सिर्फ इतना ही बताया गया कि वह लाहौर में है और अपनी सहेली से मिलने आई है, तीन-चार दिन में वह वापस भारत आ जाएगी. लेकिन पाकिस्तान के मीडिया में भारत की इस महिला अंजू पत्नी अरविंद के पाकिस्तान पहुंचने की खबर प्रकाशित होने के बाद भिवाड़ी में भी हड़कंप मच गया कि आखिर दो बच्चों की मां बच्चों और पति को छोड़कर पाकिस्तान किस तरह पहुंच गई.

मिली जानकारी के अनुसार मूलतः उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के खरपुरा गांव के निवासी अरविंद की पत्नी अंजू तीन दिन पहले लाहौर पहुंच गई. आज बच्चों से जब वीडियो कॉल पर बात की कि वह अपनी सहेली से मिलने के लिए लाहौर पहुंची है, तब इसके पति और परिवार को पता चला. 

अंजू का परिवार क्रिश्चियन परिवार है और टपूकड़ा के टेरा ईजीलेस सोसाइटी में रहता है. वैसे तो अरविंद 2005 से भिवाड़ी में जॉब कर रहा है और इसकी शादी वर्ष 2007 में मध्य प्रदेश के गुना जिले की निवासी अंजू से हुई थी. अंजू भी भिवाड़ी के टपूकड़ा में  एक कंपनी में जॉब करती है. 

उसके पति अरविंद ने बताया कि मुझे सिर्फ इतना पता चला है कि वह अपनी सहेली से मिलने के लिए लाहौर गई है. जब उससे पूछा गया कि पाकिस्तान में नसरुल्ला नाम के व्यक्ति से मिलने गई है तो उन्होंने कहा कि मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने इस बात से भी इंकार किया कि वह पबजी खेलती है. अंजू ने पूर्व में ही पासपोर्ट बनवा लिया था. पासपोर्ट उसके पुराने पते से बना हुआ है. उसका परिवार दो साल से इस सोसाइटी में रह रहा है. 

अरविंद को अंजू के लाहौर जाने की कोई भनक नहीं लगी और ना ही इस बात का घर में कोई जिक्र किया गया. उन्होंने बताया कि इससे पहले वह कभी घर से बाहर नहीं गई थी. एक बार फरीदाबाद में अपने रिश्तेदार से मिलने गई थी. लेकिन अब जब सुना है कि वह पाकिस्तान में है तो अब इस संबंध में मैं क्या कह सकता हूं. लेकिन मैं उम्मीद करता हूं कि वह जल्दी आ जाएगी. उसने बताया है कि तीन-चार दिन में भारत आ जाएगी. 

अरविंद की 15 साल की बेटी और 5 साल का बेटा है. बड़ी बात यह है कि अंजू ने पाकिस्तान जाने के लिए एक नया सिम खरीदा था जिसका नंबर भी उसने अपने पति को नहीं दिया. इस सूचना के बाद स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और पूछताछ कर रही है. आखिर उसका वीजा किसने तैयार कराया और वहां सोशल मीडिया के जरिए किससे उसकी दोस्ती हुई. अब इस बात का पता लगाया जा रहा है.



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बिजली गिरने से होने वाले नुकसान से बचाने की तैयारी, योगी सरकार ऊंची इमारतों पर लगाएगी लाइ‍टनिंग अरेस्‍टर्स

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश में लोगों को आसमानी बिजली से होने वाले जनधन के नुकसान से बचाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. योगी सरकार प्रदेश की ऊंची बिल्डिंगों पर लाइटनिंग अरेस्टर्स या लाइटनिंग रॉड लगाने जा रही है. इसके जरिए आसमानी बिजली को आकर्षित कर उसे सीधे जमीन में पहुंचाया जा सकता है. इससे न सिर्फ लोगों की जान बचाई जा सकेगी, बल्कि बिजली गिरने से होने वाले नुकसान को भी रोका जा सकेगा.  

राहत आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने हाल ही में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के समक्ष लाइटनिंग अरेस्टर्स को लेकर एक प्रस्तुतिकरण दिया था, जिसमें उन्‍होंने इसके लाभ बताए. साथ ही बताया कि 2022-23 में उत्तर प्रदेश के 52 जिलों में बिजली गिरने से 301 लोगों की मृत्यु हो गई थी. वहीं 2023-24 में जुलाई तक 36 जिलों में 174 लोगों की जान जा चुकी है. उन्होंने बताया कि पहले सोनभद्र जैसे जिलों में बिजली गिरने से काफी मौतें होती थीं, लेकिन अब गाजीपुर जैसे जिले इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. जिलों से रिपोर्ट मांगी है कि उनके यहां कहां पर यह लाइटनिंग रॉड लगाई जा सकती है. 

जानिए क्‍या है लाइटनिंग अरेस्टर्स या लाइटनिंग रॉड
लाइटनिंग रॉड या लाइटनिंग कंडक्टर धातु की एक छड़ होती है, जिसे एक संरचना पर लगाया जाता है और जिसका उद्देश्य संरचना को बिजली के हमले से बचाना होता है. यदि बिजली किसी संरचना से टकराती है तो यह सीधे रॉड पर हमला करेगी और संरचना से गुजरने के बजाय रॉड उसे एक तार के माध्यम से जमीन के अंदर ले जाएगी. इससे नुकसान से बचा जा सकता है. इसके माध्यम से बिजली को कहीं भी गिरने से रोका जा सकेगा, जिससे बड़ी संख्या में होने वाली जनधन की हानि को बचाया जा सकेगा. 

लाइटनिंग अरेस्टर्स ऐसे करता है काम 
बिजली गिरती है तो यह बड़ा विद्युत चुंबकीय क्षेत्र बनाती है, जो नजदीक से प्रवाहकीय सामग्री जैसे विद्युत तारों और पाइपलाइन में उच्च वोल्टेज को प्रेरित कर सकती है. यह उच्च वोल्टेज संरचना के साथ ही आसपास उपस्थित लोगों को भी नुकसान पहुंचा सकती है. लाइटनिंग अरेस्टर या लाइटनिंग रॉड बिजली के प्रवाह को संरचना से दूर और जमीन में एक कम प्रतिरोध पथ प्रदान करती है. यह बिजली गिरने से होने वाले नुकसान को रोकने में मदद करता है और संरचना के अंदर या आसपास उपस्थित लोगों को बिजली के झटके से बचाने में भी मदद करती है. 

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Sunday, July 23, 2023

सत्येंद्र जैन की रीढ़ की हड्डी का हुआ ऑपरेशन, CM केजरीवाल ने की जल्द स्वस्थ होने की कामना

नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की यहां एक निजी अस्पताल में रीढ़ की हड्डी की सर्जरी हुई और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को उनके शीघ्र स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना की. जैन धन शोधन के एक मामले में अभी अंतरिम जमानत पर हैं.

सूत्रों के मुताबिक, जैन को तीन बड़े अस्पतालों ने रीढ़ की हड्डी की गंभीर सर्जरी की सिफारिश की थी. सूत्र ने बताया कि शुक्रवार शाम को इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में जैन की सर्जरी हुई.

केजरीवाल ने एक ट्वीट में कहा, ''ईश्वर से कामना करता हूं कि सत्येंद्र जैन जल्द स्वस्थ होकर घर लौटें. दिल्ली सरकार में मंत्री रहते हुए उन्होंने लाखों-करोड़ों लोगों की अच्छी सेहत के लिए काम किया था. भगवान का आशीर्वाद एवं उन लाखों-करोड़ों लोगों की दुआएं उनके साथ हैं. वो स्वस्थ होकर फिर से जनता की सेवा में लौटेंगे.'' जैन को उनके चिकित्सीय उपचार के लिए अंतरिम जमानत प्रदान की गई है.

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बाढ़ के खतरे को लेकर दिल्ली सरकार हाई अलर्ट पर: आतिशी

नई दिल्ली: दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने शनिवार को कहा कि हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में दो लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण बाढ़ के खतरे के मद्देनजर दिल्ली सरकार हाई अलर्ट पर है. मंत्री ने एक बयान में कहा, यदि नदी के जलस्तर में 206.7 मीटर तक की वृद्धि होती है तो यमुना खादर (बाढ़ के मैदान) के कुछ हिस्से जलमग्न हो सकते हैं, लेकिन सरकार वहां से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिये तैयार है.

केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के आंकड़ों के अनुसार, यमुनानगर स्थित हथिनीकुंड बैराज में जल प्रवाह की दर सुबह 10 बजे से शाम चार बजे के बीच दो लाख से 2.5 लाख क्यूसेक के बीच रही. आतिशी ने कहा कि बाढ़ के खतरे के मद्देनजर बाढ़ प्रभावित इलाकों में नियमित रूप से 'मुनादी' (घोषणा) की जा रही है. राहत शिविरों का निरीक्षण तथा लोगों के वहां लोगों को ठहराने की तैयारी की गयी है.

उन्होंने कहा कि हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में दो लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण दिल्ली सरकार हाई अलर्ट पर है.

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UPA के शासनकाल के दौरान मणिपुर की हालात को याद करे कांग्रेस: हिमंत बिस्वा सरमा

गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को मणिपुर में 2017 तक के कार्यकाल को लेकर कांग्रेस और यूपीए (UPA) पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के राज्यों में यूपीए के शासनकाल के दौरान मणिपुर देश की नाकाबंदी राजधानी बन गया था  और अब कांग्रेस अचानक मणिपुर में अत्यधिक रुचि दिखा रही है.

असम के CM सरमा ने ट्विटर पर कहा, "कांग्रेस अचानक मणिपुर में अत्यधिक रुचि दिखा रही है. थोड़ा पीछे मुड़कर राज्य में इसी तरह के संकटों पर पीएम मनमोहन सिंह की प्रतिक्रिया को देखना महत्वपूर्ण है. पार्टी का दोहरापन चिंताजनक है."

उन्होंने आगे कहा कि मणिपुर में यूपीए कार्यकाल के दौरान हर साल एक महीने से अधिक समय तक राज्य में नाकेबंदी होती थी. यूपीए के कार्यकाल के दौरान, मणिपुर देश की नाकाबंदी राजधानी बन गया. 2010-2017 के बीच, जब कांग्रेस ने राज्य में शासन किया, हर साल साल में 30 दिन से लेकर 139 दिन तक नाकाबंदी होती थी."

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वर्ष 2011 मणिपुर में सबसे खराब अवरोधों में से एक था, जो 120 दिनों से अधिक समय तक चला और प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी चार महीने से अधिक समय तक इस मुद्दे पर चुप रहे.

उन्होंने कहा, "इनमें से प्रत्येक नाकेबंदी के दौरान पेट्रोल और एलपीजी की कीमतें ₹ 240 और ₹ 1,900 प्रति लीटर तक पहुंच गईं, जो पूरी तरह से मानवीय संकट में तब्दील हो गईं. 2011 मणिपुर में 120 दिनों से अधिक समय तक चलने वाली सबसे खराब नाकाबंदी में से एक थी."

मणिपुर में, बहुसंख्यक समुदाय की भीड़ द्वारा दो महिलाओं को मुक्त करने से पहले नग्न घुमाया गया और उनका यौन उत्पीड़न किया गया. यह घटना कथित तौर पर मणिपुर में जातीय संघर्ष भड़कने के एक दिन बाद 4 मई को हुई थी. मणिपुर में हिंसा अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची में मैतेई समुदाय के लोगों को शामिल करने के प्रस्ताव के विरोध में 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (एटीएसयूएम) की एक रैली के बाद भड़क गई थी.

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हाई-एंड प्रीमियम वॉच स्मगलिंग के मामले में गिरफ्तार व्यक्ति के पास मिलीं 30 करोड़ की घड़ियां

राजस्व खुफिया निदेशालय (Directorate of revenue intelligence) ने महंगी घड़ियों की तस्करी के मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. उसके पास से 30 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की घड़ियां बरामद की गई हैं. डीआरआई की मुंबई जोनल यूनिट को खुफिया जानकारी मिली कि एक व्यक्ति के पास उसके आवासीय परिसर में विदेशी मूल की 30 से अधिक तस्करी वाली हाई-एंड प्रीमियम घड़ियां हैं. पता चला कि वह शख्स विदेश गया है और विदेशी मूल की कुछ और उच्च गुणवत्ता वाली प्रीमियम घड़ियां लेकर भारत लौट रहा है, जिन्हें शुल्क के भुगतान के बिना देश में तस्करी करने का प्रयास किया जाएगा.

खुफिया जानकारी पर कार्रवाई करते हुए उस  शख्स को सिंगापुर से वापस आते समय कोलकाता हवाई अड्डे पर रोका गया और उसके कब्जे से एक बहुत महंगी ग्रेबेल फोर्से ब्रांड की घड़ी बरामद की गई. आरोपी को सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 की धारा 104 के तहत गिरफ्तार किया गया. 

इसके बाद डीआरआई, मुंबई जोनल यूनिट के अधिकारियों द्वारा आरोपी के आवासीय परिसर की तलाशी ली गई.  तलाशी अभियान के दौरान, ग्रेबेल फोर्से, पर्नेल, लुईस विटॉन, एमबी एंड एफ, मैड, रोलेक्स, ऑडेमर्स पिगुएट, रिचर्ड मिल आदि जैसे विभिन्न प्रीमियम ब्रांडों की 34 हाई-एंड घड़ियां बरामद की गईं. इनमें से अधिकांश घड़ियां महंगी और लिमिटेड एडिशन वाली हैं. सभी घड़ियों की कुल कीमत 30 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है.

बैगेज के माध्यम से व्यक्तियों द्वारा घड़ियों के आयात पर बैगेज नियमों के अनुसार 38.5% सीमा शुल्क लगता है, जिसकी उसने चोरी की थी.



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मेरठ के सरधना कोतवाली में शॉर्ट सर्किट से लगी भीषण आग, चार सिपाही झुलसे

मेरठ के सरधना कोतवाली के अपराध निरीक्षण भवन में भीषण आग लग गई. आग लगने से थाने के चार सिपाही झुलस गए.आग लगने की सूचना के बाद दमकल की कई गाड़ियां मौके पर पहुंची हैं. पुलिस के मुताबिक, आग शॉर्ट सर्किट से लगी और उसके बाद आग तेजी से फैली. सरधना कोतवाली में लगी आग को कई किलोमीटर दूर से देखा जा सकता है. थाने से धुएं का गुबार निकलता भी नजर आया.  आग की चपेट में आने से कांस्टेबल केशव अत्री और हेड कांस्टेबल सुमित राजोरा गंभीर रूप से झुलस गए हैं. वहीं आग बुझाने के दौरान थाने के ही मुंशी हेमेंद्र और एक अन्‍य सिपाही भी झुलस गए.

पुलिस के मुताबिक, सबसे पहले स्विच बोर्ड में शॉर्ट सर्किट से आग लगी. बरामदे में मैस है, जहां पर खाना बनाया जा रहा था और वहां पर सिलेंडर थे. उन्‍होंने बताया कि सिलेंडर के पाइप ने आग पकड़ ली. इसके चलते सिलेंडर फट गया और जोरदार धमाका हुआ. देखते ही देखते आग अचानक से पूरे बरामदे और अन्‍य कमरों में फैल गई.

उन्‍होंने बताया कि मालखाने में भी आग लगी है. आग पर काबू पा लिया गया है. आग से कितना नुकसान हुआ है इस बारे में अब पता लगाया जाएगा. 

पुलिस के मुताबिक, गंभीर रूप से झुलसे सिपाहियों को मेरठ भेजा जा रहा है. वहीं अन्‍य सिपाहियों का सराधना में ही इलाज किया जा रहा है. 

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Saturday, July 22, 2023

देश के 22 राज्यों के 235 जिले बाढ़ से प्रभावित, जानें 22-23 जुलाई को कैसा रहेगा मौसम?

देशभर में मॉनसून की भारी बारिश हो रही है. बारिश के बाद देश के 22 राज्यों के 235 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. कम से कम 10 हजार मकान तबाह हो गए हैं. कई हेक्टेयर फसल भी बारिश और बाढ़ में खराब हो चुकी है. समाचार एजेंसी PTI ने इसकी जानकारी दी. इस बीच महाराष्ट्र में भारी बारिश का अलर्ट है. जबकि उत्तराखंड के सात जिलों में अगले दो दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है.

आइए जानते हैं अगले दो दिन यानी 22 और 23 जुलाई को देश के अलग-अलग राज्यों में कैसा रहेगा मौसम:-  

उत्तराखंड के 7 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी
उत्तराखंड में भारी बारिश के बाद लैंडस्लाइड की घटनाएं बढ़ी हैं. आईएमडी ने शनिवार और रविवार को 7 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. दो दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी करके सभी जिलों के आपदा प्रबंधन विभाग और जिला प्रशासन को अलर्ट किया गया है. देहरादून, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, नैनीताल, चंपावत और ऊधमसिंह नगर में भारी बारिश के आसार हैं.

महाराष्ट्र का मौसम
महाराष्ट्र के विदर्भ इलाके में भारी से बहुत भारी बारिश देखने को मिल सकती है. इसी को देखते हुए मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. भारी बारिश के बाद मुंबई समेत कई जिलों के स्कूल बंद कर दिए गए हैं.

रायगढ़ में लैंडस्लाइड से पूरा गांव तबाह
महाराष्ट्र के कई जिलों में कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के बाद हालात खराब हैं. रायगढ़ में लैंडस्लाइड की वजह से पूरा गांव तबाह हो गया. इसमें 16 लोगों की मौत हो गई. रायगढ़ में 6 में से 3 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. इनमें अंबा, सावित्री और पातालगंगा शामिल हैं. कुंडलिका, गढ़ी और उल्हास नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. बाढ़ जैसे हालात के बीच महाराष्ट्र में NDRF की 12 टीमें तैनात की गई हैं.

कैसा रहेगा दिल्ली का मौसम?
देश की राजधानी नई दिल्ली में शनिवार को न्यूनतम तापमान 28 डिग्री और अधिकतम तापमान 39 डिग्री रह सकता है. वहीं, शनिवार को दिल्ली में बादल छाए रहेंगे. मौसम विभाग की मानें तो शनिवार से नई दिल्ली में बारिश की गतिविधियां दर्ज की जा सकती हैं. 

उत्तर प्रदेश के मौसम का हाल
मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शनिवार को न्यूनतम तापमान 29 डिग्री और अधिकतम तापमान 37 डिग्री रह सकता है. वहीं, लखनऊ में आंशिक तौर पर बादल छाए रहेंगे. गाजियाबाद की बात करें तो यहां न्यूनतम तापमान 29 डिग्री और अधिकतम तापमान 37 डिग्री दर्ज किया जा सकता है. वहीं, गाजियाबाद में भी आंशिक तौर पर बादल छाए रहेंगे. आगरा में शुक्रवार से रविवार के बीच बारिश का पूर्वानुमान नहीं है. कानपुर में भी शुक्रवार से रविवार के बीच बारिश की गतिविधियां देखने को नहीं मिलेंगी. 


यूपी के 385 गांवों के 46,830 लोग बाढ़ से प्रभावित 
उत्तर प्रदेश में 13 जिलों - आगरा, अलीगढ, बिजनौर, बदांयू, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, मथुरा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शाहजहांपुर और शामली के 385 गांवों के 46,830 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. पिछले 24 घंटों में किसी भी जिले में 30 मिमी से अधिक बारिश नहीं हुई और प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य जारी है. 

हरियाणा में बाढ़ से 12 जिले प्रभावित
हरियाणा में भी बारिश के बाद बाढ़ का कहर है. बाढ़ से 12 जिले प्रभावित हुए हैं. अब तक 35 लोगों की मौत की खबर है. बारिश और बाढ़ से राज्य सरकार को 500 करोड़ का नुकसान हुआ है. सिरसा जिले में घग्गर नदी का पानी दिल्ली-बठिंडा NH-9 तक पहुंच गया है. इसकी वजह से सिरसा शहर के डूबने का खतरा पैदा हो गया है. हरियाणा के पंचकूला, सिरसा समेत कई जिलों में शनिवार-रविवार को भी बारिश का अनुमान है.

इन राज्यों में भी बारिश के आसार
मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, दक्षिणी गुजरात,  तेलंगाना, दक्षिणी मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में एक या दो स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है. उत्तरी पंजाब, उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, शेष मध्य प्रदेश, राजस्थान के कुछ हिस्सों, सौराष्ट्र और कच्छ, आंतरिक कर्नाटक, केरल, ओडिशा और छत्तीसगढ़ और अंडमान निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश संभव है.

इन राज्यों में होगी हल्की बारिश
आईएमडी के मुताबिक पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, झारखंड, पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय में बिजली चमकने के साथ हल्की बारिश हो सकती है.
 

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सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर लगाई रोक, जानें क्या होगा इसका असर

दुनियाभर के चावल निर्यात का 40% निर्यात करने वाले भारत द्वारा गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को लेकर दुनियाभर के अनाज बाजारों में हलचल शुरू हो गई है. यह फैसला ऐसे वक्त पर लिया गया है, जब पिछले एक साल में चावल की खुदरा कीमत में 11.5% की बढ़ोतरी दर्ज हुई है. पिछले एक महीने में चावल की खुदरा कीमतें 3% तक बढ़ी हैं. सरकार को उम्मीद है कि इस फैसले से कीमतें नियंत्रित करने में मदद मिलेगी. दिल्ली की सबसे बड़ी अनाज मंडी नया बाजार में इस फैसले का असर भी दिखना शुरू हो गया है.     

दिल्ली की सबसे बड़ी अनाज मंडी नया बाजार के चावल व्यापारी मानते हैं कि बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध से भारत के अनाज मंडियों में गैर-बासमती चावल की उपलब्धता धीरे-धीरे बढ़ती जाएगी. इससे आने वाले दिनों में गैर-बासमती चावल की कीमतों में और नरमी आने की उम्मीद है.

नया बाजार में पिछले करीब चार दशक से चावल का कारोबार कर रहे कारोबारी सुखमाल जैन NDTV से कहते हैं, "गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला अच्छा फैसला है, इसका चावल के बाजार पर अच्छा असर पड़ेगा. क्योंकि बड़े चावल एक्सपोर्टरों पर बाजार में अतिरिक्त स्टॉक रिलीज करने का दबाव होगा."

सुखमाल जैन ने NDTV से कहा, "पिछले 24 घंटे में गैर-बासमती चावल की कीमतों पर थोड़ा असर पड़ा है. बासमती चावल की कीमत में एक से 2 रुपये प्रति किलो तक की कमी आयी है". 

नया बाजार के चावल व्यापारियों को उम्मीद है कि खरीफ सीजन के बाद मंडियों में चावल की उपलब्धता में अच्छी बढ़ोतरी होगी. कुछ जगहों पर खरीफ फसलों के खराब होने की भी खबर आई है, लेकिन इस बार चावल की फसल इस बार अच्छी होने की उम्मीद है.

चावल कारोबारी सुरेश शर्मा कहते हैं, "सरकार के फैसले का सबसे ज्यादा फायदा आम लोगों को मिलेगा जिनकी आय कम है और वो सस्ते गैर-बासमती चावल का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं." सुरेश शर्मा ने NDTV से कहा, "गैर-बासमती चावल का ज्यादा उपयोग निम्न आर्थिक वर्ग के लोग करते हैं, क्योंकि यह सस्ता होता है. गैर-बासमती चावल के निर्यात पर रोक से पिछड़े इलाकों और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को आने वाले दिनों में गैर-बासमती चावल सस्ते रेट पर मिल सकेगा".

उधर, रूस द्वारा यूक्रेन के अनाज इंफ्रास्ट्रक्चर पर हवाई हमले और यूक्रेन से गेहूं के एक्सपोर्ट को रोकने के लिए 'ब्लैक सी ग्रेन इनिशिएटिव' से बाहर आने के बाद अंतराष्ट्रीय गेहूं बाजार में उथल-पुथल तेज हो गई है. यूक्रेन दुनिया में सबसे ज्यादा गेहूं एक्सपोर्ट करने वाले देशों में है. ऐसे में वहां से गेहूं की सप्लाई बाधित होने से अंतराष्ट्रीय गेहूं बाजार में गेहूं की कीमतों पिछले तीन दिनों में 4% से 11% तक बढ़ गयी हैं. 

गेहूं व्यापारी मुकेश कुमार ने NDTV से कहा, "पिछले साल इस समय यूक्रेन युद्ध की वजह से गेहूं की कीमतों में काफी ज्यादा बढ़ोतरी हुई थी. उस दौरान गेहूं को लेकर काफी अफवाहें थीं. इस सीजन में अब तक गेहूं की कीमतों में काफी हद तक स्थिरता है. सरकार की पहल अच्छी है कि वह सस्ती रेट ऊपर चना जैसी चीजें मुहैया करा रहे हैं. इससे मार्केट में तेजी पर नियंत्रण आसान होता है".

पिछले कुछ हफ्तों में फूड कॉरपोरेश ऑफ इंडिया ने भी ओपन मार्किट सेल स्कीम OMSS के जरिए गेहूं और चावल की उपलब्धता बाजार में बढ़ाने के लिए अतिरिक्त स्टॉक्स रिलीज किए हैं, जिसकी वजह से कीमतों को नियंत्रित करने में मदद मिली है.

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Friday, July 21, 2023

भोजपुरी कलाकार के साथ गुरुग्राम के होटल में रेप, पुलिस ने दर्ज किया केस

गुरुग्राम: हरियाणा में गुरुग्राम के एक होटल में 24 वर्षीय भोजपुरी कलाकार के साथ उसके ‘इंस्टाग्राम' मित्र ने कथित रूप से बलात्कार किया. पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. पुलिस के अनुसार भोजपुरी कलाकार को साक्षात्कार लेने के बहाने से होटल बुलाया गया था. पुलिस ने बताया कि महिला ने अपनी शिकायत में कहा कि वह एक भोजपुरी कलाकार है और फिलहाल दिल्ली में रहती है.

पुलिस के मुताबिक, पीड़िता के इंस्टाग्राम पर बड़ी संख्या में फॉलोअर हैं जहां वह नियमित रूप से अपने वीडियो पोस्ट करती है. पुलिस के अनुसार, उसने शिकायत में कहा है, “ कुछ दिन पहले मैं इंस्टाग्राम के जरिए महेश पांडे नाम के शख्स के संपर्क में आई, जिसने मुझे भोजपुरी फिल्म जगत में काम की पेशकश की. 29 जून को उसने मुझे साक्षात्कार के बहाने गुरुग्राम के उद्योग विहार इलाके के एक होटल में बुलाया.”

महिला ने आरोप लगाया, “ जब मैं होटल पहुंची तो महेश ने पहले से ही एक कमरा बुक कर रखा था जहां वह मुझे ले गया और कुछ सवाल पूछने के बाद शराब पीने लगा. इसके बाद जब मैं जाने लगी तो उसने मेरे साथ जबरदस्ती की और बलात्कार किया.”

उसने कहा कि आरोपी ने उसे जान से मारने की धमकी दी और बाद में अपने कुछ दोस्तों से उसे फोन करवाया, जिन्होंने उसके निजी वीडियो ऑनलाइन पोस्ट करने की धमकी दी. पुलिस ने बुधवार को भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं में उद्योग विहार थाने में मामला दर्ज कर लिया है. सहायक पुलिस आयुक्त (अपराध) वरुण दहिया ने कहा, ‘‘ हम आरोपों की जांच कर रहे हैं. आरोपी को जल्दी गिरफ्तार कर लिया जाएगा.”

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सात शहरों में कुल कार्यालय पट्टे में बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई का योगदान 59 प्रतिशत: रिपोर्ट

नई दिल्ली: देश के शीर्ष सात प्रमुख शहरों में जून में समाप्त तिमाही में पट्टे पर लिए गये दफ्तर के मामले में देश के तीन प्रमुख दक्षिणी शहर - बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद का योगदान 59 प्रतिशत रहा. रियल एस्टेट सलाहकार वेस्टियन ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी.

वेस्टियन, पट्टे पर ऑफिस, वेस्टियन डेटा

बेंगलुरु स्थित वेस्टियन ने बृहस्पतिवार को अपनी त्रैमासिक कार्यालय बाजार रिपोर्ट ‘द कनेक्ट क्यू-2, 2023 जारी की. इसमें कहा गया है कि इस वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में ली गई कुल 1.39 करोड़ वर्ग फुट में से तीन प्रमुख दक्षिणी शहरों में 82 लाख वर्ग फुट की जगह पट्टे पर ली गई. वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच बड़ी घरेलू कंपनियों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा निर्णय लेने में देरी के कारण सात प्रमुख शहरों में, अप्रैल-जून के दौरान कुल कार्यालय पट्टे छह प्रतिशत घटकर 1.39 करोड़ वर्ग फुट रह गया, जो एक साल पहले की अवधि में 1.48 करोड़ वर्ग फुट था.

हालांकि, पिछली तिमाही की तुलना में मांग 17 प्रतिशत अधिक थी. वेस्टियन के सीईओ श्रीनिवास राव ने कहा कि पिछली तिमाही की तुलना में जून तिमाही के दौरान पट्टे लेने और पूर्ण निर्मित जगह में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा, 'भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती कार्यालय बाजार में भी दिखाई दे रही है. एक तरफ जहां पट्टे में वृद्धि हुई है, वहीं दूसरी तरफ वित्त पोषण चुनौतियों का प्रभाव कम हो रहा है.'

उन्होंने कहा कि अप्रैल-जून 2023 के आंकड़ों के अनुसार, सालाना आधार पर चेन्नई में पट्टा 12 लाख वर्ग फुट से 83 प्रतिशत बढ़कर 22 लाख वर्ग फुट हो गई. बेंगलुरु में पट्टा 42 लाख वर्ग फुट से 12 प्रतिशत घटकर 37 लाख वर्ग फुट रह गई. हैदराबाद में पट्टे की गतिविधि 24 लाख वर्ग फुट से 4 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 23 लाख वर्ग फुट रह गया.

मुंबई में कार्यालय के लिये पट्टा 24 लाख वर्ग फुट से 25 प्रतिशत घटकर 18 लाख वर्ग फुट रह गई. लेकिन पुणे में, मांग 17 लाख वर्ग फुट से 6 प्रतिशत बढ़कर 18 लाख वर्ग फुट हो गई. वेस्टियन डेटा से पता चला है कि दिल्ली-एनसीआर में ऑफिस के पट्टे में नरमी रही और यह 21 लाख वर्ग फीट से 5 प्रतिशत घटकर 20 लाख वर्ग फीट रह गई. कोलकाता में, पट्टे की गतिविधियां 8 लाख वर्ग फुट से 88 प्रतिशत घटकर एक लाख वर्ग फुट रह गईं.

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