Tuesday, July 18, 2023

2024 की रणनीति पर चर्चा के लिए बेंगलुरु में जुटे विपक्षी दल, महाबैठक से पहले कांग्रेस की 'डिनर डिप्लोमेसी'

अगले लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2024) में भारतीय जनता पार्टी (BJP)के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने और न्यूनतम साझा कार्यक्रम (UPA) तय करने को लेकर सोमवार को विपक्षी दलों की चर्चा बेंगलुरु में सोमवार को शुरू हुई. शहर के एक फाइट स्टार होटल में विपक्षी नेताओं के लिए आयोजित डिनर से पहले यह चर्चा हो रही है. कांग्रेस (Congress) पार्टी के मुताबिक, इसमें 26 दल के नेता शामिल हुए हैं. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बैठक में शामिल हो रहे नेताओं के लिए डिनर रखा है. मंगलवार को विपक्षी नेता आगामी लोकसभा चुनाव के लिये रणनीति पर औपचारिक और विधिवत रूप से चर्चा करेंगे. विपक्षी एकता को मजबूत करने के लिए इस बार 8 नए दलों को भी न्योता भेजा गया है.

कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल (यू) के शीर्ष नेता नीतीश कुमार, द्रमुक नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता व झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, आम आदमी पार्टी के नेता व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और कुछ अन्य नेता इस बैठक में शामिल हैं.

इस बीच, राकांपा के मुख्य प्रवक्ता महेश तपासे ने मुंबई में बताया कि पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार मंगलवार को बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होंगे.

इन बिंदुओं पर होगी चर्चा
रिपोर्ट के मुताबिक, विपक्ष की 18 जुलाई से शुरू हो रही बैठक में 2024 लोकसभा चुनाव के लिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम, राज्यवार गठबंधन, सीट शेयरिंग, एजेंडा के अलावा महागठबंधन के नए नाम पर चर्चा हो सकती है.

कांग्रेस ने रखी ये मांग
रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस ने मांग रखी है कि 2004 लोकसभा चुनाव के बाद जिस तरह यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी बनी थीं, उसी तरह नए महागठबंधन में भी सर्वसम्मति से ऐसी नियुक्ति हो. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस चाहती है कि विपक्षी दलों में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते उसे ही यह पद सौंपा जाए. 23 जून को विपक्ष की पटना में हुई बैठक में कुछ दलों ने नीतीश कुमार को भी संयोजन बनाने की मांग रखी थी. हालांकि, इस पर बात आगे नहीं बढ़ी.

पहली बैठक में शामिल हुए थे 17 विपक्षी दल
विपक्षी एकता की पहली बैठक 23 जून को पटना में हुई थी. ये बैठक बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बुलाई थी. इसमें 17 राजनीतिक दल शामिल हुए थे. पहली बैठक में जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल, आम आदमी पार्टी, द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम, तृणमूल कांग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया मार्क्सिस्ट, सीपीआईएमएल, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), सपा, जेएमएम और एनसीपी शामिल हुए थे. 

इस बार इन नेताओं को मिला न्योता
इस बार विपक्षी कुनबे को और मजबूत करने के लिए मरूमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, कोंगु देसा मक्कल काची, विदुथलाई चिरुथिगल काची, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, केरल कांग्रेस (जोसेफ) और केरल कांग्रेस (मणि) को न्योता भेजा गया है. 

एनडीए ने भी 18 जुलाई को बुलाई बैठक
इधर, बीजेपी ने भी 18 जुलाई को शाम 4 बजे दिल्ली के अशोका होटल में एनडीए की बैठक बुलाई है. पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्‌डा ने कहा कि इस मीटिंग में 38 दल शामिल हो रहे हैं.

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