दिल्ली सरकार के अलग अलग विभाग,कॉरपोरेशन, बोर्ड, सोसायटी आदि में कार्यरत 437 फेलो, एसोसिएट फेलो, एडवाइजर, डिप्टी एडवाइजर, स्पेशलिस्ट,सीनियर रिसर्च ऑफिसर, कंसल्टेंट आदि की सेवाएं खत्म करने के औपचारिक आदेश उपराज्यपाल की ओर से जारी कर दिए गए हैं. दिल्ली सरकार इन पेशेवरों की सेवाएं समाप्त करने के इस आदेश को अदालत में चुनौती देगी.
दिल्ली सरकार के सर्विस विभाग के स्पेशल सेक्रेट्री वाईवीवीजे राजशेखर ने आदेश के संबंध में दिल्ली सरकार के सभी विभागों,कॉरपोरेशन,बोर्ड सोसायटी आदि को निर्देश जारी किए हैं.
आदेश में कहा गया है कि, चूंकि इन 437 लोगों की नियुक्ति के लिए उपराज्यपाल से मंजूरी नहीं ली गई है इसलिए इन लोगों की सेवाएं तत्काल प्रभाव से रोक दी जाएं. वित्त विभाग से कहा गया है कि इन लोगों का वेतन भी रोक दिया जाए.
कहा गया है कि, अगर किसी विभाग को ऐसा लगता है कि वह अपने यहां ऐसे लोगों की नियुक्ति जारी रख सकता है तो वह पूरे जस्टिफिकेशन और दस्तावेज के साथ सर्विस विभाग को भेजे ताकि उपराज्यपाल के पास भेजकर उनकी राय और मंजूरी ली जा सके.
आदेश में कहा गया है कि इन नियुक्तियों में आरक्षण के संवैधानिक प्रावधान का पालन नहीं किया गया इसलिए इस हुक्म की तामील ना होने पर संबंधित विभाग के सचिव पर कार्रवाई की जा सकती है.
इस मामले पर दिल्ली सरकार पहले ही कह चुकी है कि, एलजी का यह आदेश असंवैधानिक है और उनके पास ऐसा कोई आदेश जारी करने का पावर नहीं है. इसको अदालत में चुनौती दी जाएगी. ॉ
दिल्ली सरकार ने कहा है कि,इन नियुक्तियों में प्रक्रिया का पालन किया गया है. जिन पर एलजी असंवैधानिक तरह से कार्रवाई कर रहे हैं वे प्रोफेशनल लोग हैं जो आईआईएम अहमदाबाद, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, जेएनयू, NALSAR, एनआईटी, लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स, कैंब्रिज से पढ़कर आए हैं और अलग-अलग विभागों में शानदार काम कर रहे हैं.
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