समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बेंगलुरू में विपक्षी दलों की बैठक का जिक्र करते हुए मंगलवार को कहा कि भारतीय इतिहास आज के दिन को देशभक्ति और सकारात्मक राजनीति के 'बेंगलुरु आंदोलन' के दिन के रूप में याद रखेगा. यादव ने 26 विपक्षी दलों की बैठक में भाग लिया। इस बैठक में वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से मुकाबला करने वाले विपक्षी गठबंधन को ‘‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (इंडिया)'' नाम दिया गया।
सपा प्रमुख ने एक ट्वीट करके कहा, ''भारतीय इतिहास आज के दिन को देशभक्ति और सकारात्मक राजनीति के बेंगलुरु आंदोलन के दिन के रूप में याद रखेगा.'' यादव ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में संवाददाताओं से बातचीत का एक वीडियो भी साझा किया. इसमें उन्होंने कहा, 'देश के दो तिहाई लोग भाजपा के खिलाफ हैं और इस बार सभी भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए एकजुट हैं.'
सपा प्रमुख ने ममता बनर्जी और सपा गठबंधन की सहयोगी पार्टी अपना दल (कमेरावादी) की नेता कृष्णा पटेल के साथ अपनी तस्वीर भी साझा की. इस फोटो में वरिष्ठ सपा नेता राम अचल राजभर और लालजी वर्मा भी यादव के साथ खड़े हैं.
बेंगलुरु में आयोजित बैठक में 26 विपक्षी दलों ने जातिवार जनगणना कराने की मांग की और कहा कि वे 'अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत और हिंसा' के साथ-साथ 'महिलाओं, दलितों आदिवासियों और कश्मीरी पंडितों के खिलाफ बढ़ते अपराधों' के खात्मे के लिए एक साथ आए हैं.
सपा जातिवार जनगणना की मांग अक्सर उठाती रही है. पार्टी ने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के लिये जारी अपने घोषणापत्र में सत्ता में आने पर जातिवार जनगणना कराने का वादा किया था.
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