एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजित पवार ( Ajit Pawar) ने शिंदे सरकार में शामिल होकर महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा भूचाल ला दिया. इसके बाद अब सवाल खड़ा हो गया कि "असली एनसीपी" कौन है? पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने कहा, ''हम एक पार्टी हैं और शरद पवार हमारे नेता हैं." प्रफुल्ल पटेल एनसीपी के उन नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने अजित पवार के साथ मिलकर शरद पवार से बगावत की है. रविवार को महाराष्ट्र राजभवन में अजित पवार ने आठ अन्य एनसीपी विधायकों के साथ मंत्री पद की शपथ ली है. इस दौरान प्रफुल्ल पटेल भी राजभवन में मौजूद थे.
एनडीटीवी से बात करते हुए पटेल ने कहा, "कोई भी ना तो पार्टी से अलग हुआ है, और ना ही किसी ने पार्टी बदली है. कभी-कभी पार्टी के भीतर मतभेद होते हैं और फिर इन्हें सुलझा लिया जाता है. आप कुछ और दिन इंतजार करें और आप देखेंगे कि मेरे कहने का क्या मतलब है." रविवार को शपथ लेने वालों में एनसीपी नेताओं में छगन भुजबल, दिलीप वलसे पाटिल, हसन मुश्रीफ, धनंजय मुंडे, अदिति तटकरे, धर्मराव अत्राम, अनिल पाटिल और संजय बनसोडे शामिल हैं.
शपथ समारोह के बाद, उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने जोर देकर कहा कि उन्हें "पूरी एनसीपी" का समर्थन प्राप्त है, लेकिन इसके तुरंत बाद उनके चाचा शरद पवार ने इसे खारिज कर दिया. जब शरद पवार से पत्रकारों ने पूछा कि अब पार्टी का चेहरा कौन होगा, तो उन्होंने यह जवाब दिया "शरद पवार". प्रफुल्ल पटेल ने यह भी कहा कि यह निर्णय "पार्टी विधायकों और पार्टी के नेताओं के साथ व्यापक परामर्श के बाद" लिया गया है.
इससे पहले शरद पवार ने कहा कि वह "गलत रास्ता" अपनाने के लिए प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे को छोड़कर किसी से भी नाराज नहीं हैं. उन्होंने कहा, "मैं प्रफुल्ल पटेल और तटकरे को छोड़कर किसी से नाराज नहीं हूं. मैंने उन्हें महासचिव नियुक्त किया था, लेकिन उन्होंने पार्टी अध्यक्ष के दिशानिर्देशों दरकिनार कर और गलत रास्ता अपना लिया. उन्हें उस पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है."
उनकी पार्टी इस बात पर जोर दे रही है कि जिन विधायकों के बारे में अजित पवार दावा कर रहे हैं कि वे उनका समर्थन कर रहे हैं, वे वास्तव में अभी भी शरद पवार के साथ हैं. शरद पवार के करीबी सहयोगी माने जाने वाले पटेल को पिछले महीने पार्टी के 24वें स्थापना दिवस पर सुप्रिया सुले के साथ एनसीपी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था. तटकरे को एनसीपी का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया गया था, जिनकी बेटी अदिति ने अजित पवार के साथ मंत्री पद की शपथ ली है. बता दें, चार साल के अंदर यह तीसरी बार है कि अजित पवार तीन मुख्यमंत्रियों-देवेंद्र फड़णवीस, उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के अंडर में डिप्टी सीएम बने हैं.
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