Thursday, June 1, 2023

दिल्ली में इस साल का मई महीना 36 साल में सबसे ठंडा रहा

दिल्ली में बीते 36 साल में इस बार मई का महीना सबसे ठंडा रहा. आईएमडी ने बुधवार को बताया कि मई में अत्यधिक बारिश के कारण औसत अधिकतम तापमान 36.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि दिल्ली में मई 1987 में औसत अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. उन्होंने कहा, 'इस साल मई में औसत अधिकतम तापमान 36.8 डिग्री सेल्सियस रहा, जो 1987 के बाद से सबसे कम है.'

दिल्ली में मई में सिर्फ नौ दिन अधिकतम तापमान 40 डिग्री से ऊपर दर्ज किया गया और सिर्फ दो दिन शहर के कुछ हिस्सों में लू चली. श्रीवास्तव ने बताया, “ सफदरजंग वेधशाला ने इस साल पूर्व मानसून सीजन में एक भी दिन लू का चलना नहीं दर्ज किया. ऐसा 2014 के बाद पहली बार हुआ है.” सफदरजंग वेधशाला में दर्ज तापमान को शहर का आधिकारिक तापमान माना जाता है. इसके अलावा आईएमडी ने यह भी बताया कि बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में हुई बारिश के बाद इस मानसून पूर्व अवधि में कुल 184.3 मिमी बारिश दर्ज की गई है जो सामान्य वर्षा से 186 प्रतिशत अधिक है.

बारिश की वजह से 2020 को छोड़कर 2016 के बाद शहर में जनवरी से मई की अवधि में वायु गु‍णवत्ता अच्छी दर्ज की गई है. मई में आम तौर पर भीषण गर्मी पड़ती है और औसत अधिकतम तापमान 39.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जाता है. इस बार मई में 111 मिमी बारिश दर्ज की गई है जो 30.7 मिमी के दीर्घकालिक औसत से 262 प्रतिशत अधिक है. आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक, 2008 में 165 मिमी, 2021 में 144.8 मिमी और 2002 में 129.3 मिमी बारिश हुई थी जिसके बाद यह चौथा साल है जब मई में सबसे ज्यादा बारिश हुई है.

मौसम वैज्ञानिकों ने इसका कारण ज्यादा बार आए पश्चिमी विक्षोभ को बताया है. श्रीवास्तव ने कहा, “ आमतौर पर अप्रैल और मई में पांच से छह पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी मैदानी इलाकों में दर्ज किए जाते हैं. इस बार, हमने 10 पश्चिमी विक्षोभ देखे, जिनमें ज्यादातर मजबूत थे.” उन्होंने कहा, “ यह असामान्य है. हालांकि, हम इसे आंकड़ों के अभाव में जलवायु परिवर्तन से नहीं जोड़ सकते.”

बारिश की वजह से वायु गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के अनुसार, दिल्ली में इस साल जनवरी से मई की अवधि में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 213 दर्ज किया गया, जो 2020 को छोड़कर, 2016 के बाद से सबसे कम है. पिछले साल इसी अवधि में एक्यूआई 237, 2021 में 235, 2020 में 181, 2019 में 236, 2018 में 242, 2017 में 251 और 2016 में 283 था.



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